वेद के आधार पर जानिए- मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार एक हैं या अलग-अलग। सत्यार्थ प्रकाश। आचार्य प्रभाकर
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- Опубликовано: 24 фев 2023
- यत्प्रज्ञानमुत चेतो धृतिश्च यज्ज्योतिरन्तरमृतम्प्रजासु। यस्मान्नऽऋते किञ्चन कर्म क्रियते तन्मे मनः शिवसङ्कल्पमस्तु॥ यजुर्वेद 34/3
पदार्थः - (यत्) (प्रज्ञानम्) प्रजानाति येन तद्बुद्घिस्वरूपम् (उत) अपि (चेतः) चेतति स्मरित येन तत् (धृतिः) धैर्यरूपम् (च) चकारल्लज्जादीन्यपि कर्माणि येन क्रियन्ते (यत्) (ज्योतिः) द्योतमानम् (अन्तः) अभ्यन्तरे (अमृतम्) नाशरहितम् (प्रजासु) जनेषु (यस्मात्) मनसः (नः) (ऋते) विना (किम्, चन) किञ्चिदपि (कर्म) (क्रियते) (तत्) (मे) जीवात्मनो मम (मनः) सर्वकर्मसाधनम् (शिवसङ्कल्पम्) शिवे कल्याणकरे परमात्मनि कल्प इच्छाऽस्य तत् (अस्तु) भवतु॥३॥
भावार्थः - हे मनुष्याः! यदन्तःकरणबुद्धिचित्तमनोऽहङ्कारवृत्तित्वाच्चतुर्विधमन्तःप्रकाशं प्रजानां सर्वकर्मसाधकं नाशरहितं मनोऽस्ति, तन्न्याये सत्याचरणे च प्रवर्त्य पक्षपाताऽन्यायाऽधर्माचरणाद् यूयं निवर्त्तयत॥३॥
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बहुत सुंदर आचार्य प्रभाकर जी ❤❤❤❤❤
आचार्य जी!आपके ज्ञान,सरलता और स्पष्टता ने मुझे प्रभावित किया है।आप जैसे अध्येताओं के होने से आशा बंधती है कि वेदों का सत्य जीवित रहेगा वरना तो अद्वैतवादियों के अनुसार तो वह जगत ही मिथ्या या माया कह दिया गया है, जो त्रैत वाद का अविनाशी तत्व प्रकृति है।
Thanks for your post for disclosing the truth about secret science.
आचार्य जी चैनल का नाम प्रहरी बहुत महत्वपूर्ण वा प्रभावशाली सिद्ध स्वरूप जाना जाता हैं
हार्दिक आभार वा धन्यवाद जी
Dhanyabaad Sir 👌👌👌
Om
Thank you Acharya ji . I salute you for your intellect. Today, I could understand ahankaar what it is. Generally, we confuse it with ego as we consider it rather an evil expression of superiority complex differentiating me from others thus dividing instead of unifying. The sacred mantra has named it " antah jyoti "- wonderful.
I admire you for dealing on a very complicated topic with such simplicity and lucidity limiting yourself within the field of the ved mantra. Best wishes
आचार्य जी आपने मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार को प्रमाणित ढ़ंग से समझाया। गहरी समझ हेतु आपको बहुत बहुत धन्यवाद एवं सुभ कामनाएं।
सचमुच हृदय की अनन्त गहराइयों से आपको नमस्कार करतीं हूं कि आपने पूरे जीवन का सत्य व वृतांत इतना सरल भाषा में व्यक्त कर दिया....!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Your explanation is crystal clear. Grateful to you.
अति सुन्दर व्याख्या । ओ३म
आचार्य जी सादर नमस्ते
सही है. मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, पांच ज्ञानेन्द्रियों व पांच कर्मेन्द्रियो सहित (सभी सूक्ष्म स्वरूप) जीव- आत्मा कहलाता है. ये दिखते नहीं. सीमित शक्ति शाली. परमात्मा विस्तृत, अनंत, असीम स्वरूप. वह भी दिखता नहीं. ऐसा मेरा ज्ञान.
मन बुद्धि चित्त मिलके संस्कार बनते है.
Bahut achhe visya par charcha huyi aise hi gyaan barsate rho
आचार्य जी आपने बहुत ही अच्छे ढंग से हमको समझाया है उसके लिए बहुत-बहुत हार्दिक आभार परमात्मा आपकी बुद्धि को प्रखर करें और आयु को लंबी करे जिससे आप लोक कल्याण का कार्य करते रहे
मै मुन्ना पंडित gzb से आप को सादर नमस्कार करता हू
Tum to gzb ke pandit ho Bhai.
Ved ke anusar man, Buddhi aur Chitra, Ahankar ka bahut Achcha vishleshan prastut Kiya aapane. बहुत-बहुत dhanyvad!
वाह वाह वाह वाह वाह आचार्य जी बहुत ही सरलता से समझाया है बहुत बहुत बहुत धन्यवाद जी
आपका सदा विस्तार होता रहें.... धन्यवाद जी
Om namah shivay me dhanyo hu jo apka yeh gyan hum sabhi ko mila,, koti koti pronam
आचार्य जी नमस्ते व बहुत-बहुत धन्यवाद
खूप सुंदर . छान समजावून देत आहात आचार्य. गहन विषय इतक्या सरल भाषेत समजावले आहे . फारच श्रवणीय आहे हे सारे धन्यवाद.
बहुत सुन्दर तरीका है आप का समझाने का
ओम् नमस्ते जी धन्यवाद
आचार्य जी नमस्ते
महत्वपूर्ण व्याख्या के लिए हार्दिक आभार वा धन्यवाद
सुरेश कुमार गर्ग गाजियाबाद यूपी
Aaacharyaji aap nishchint rahe achha samjha rahe hain.
Ishwar se prarthna hai ki aap shighra swastha Hove.
Aur bhi video uploaded kijiye,, yeh gyan sab baikti ko milna chahiye,, humari sanskriti dubare humei bapas mile hum apni piri ko yeh gyan mile
आचार्य जी को सत सत नमन ,बहुत सुन्दर ब्याख्या हुई है ।अन्तह में चतं
अन्तह।में चेतन आत्मा या चेतन तत्व का कया स्वरुप होता है। वह क्या करता है।
अच्छा पृयास है सराहनीय प्रयास है आपका धन्यवाद
आचार्य जी नमस्ते मन बुद्धि चित्त और अहंकार के विषय में इतनी अच्छी व्याख्या पहली बार सुनी बहुत अच्छा लगा आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी
very nice. Jay shree swaminarayan
nice explanation.
।।ओ३म्।।
Thanks sir👌👌👌👌💪💪💪👍👍👍
Good morning 🙏 sir,,
अति उत्तम प्रयास, आपका धन्यवाद, नमस्ते जी
गुरूजीको कोटी प्रणाम !
बहुत सुंदर व्याख्या ज्ञानवर्धक रोचक
अति उत्तम प्रखर बुद्धिमान भाव
धन्यवाद आचार्य जी नमस्ते शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩
I like your speech & monish dev speech (divya srijan spiritual)
Acharyaji Sadar Pranam. Aap ki prastuti aur Shiksha se Hum Labhanvit hue. Danavadaha.
Bahut achchha se apne sanjaya. Om Acharya ji Namaste.
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आचार्य जी अपने आप को प्रणाम मन बुद्धि अहंकार और चित के बारे में बताया आपने हमें बहुत अच्छा लगा और हम आपसे आत्मा के बारे में भी जानना चाहते हैं
जय श्री सीताराम 🙏🙏
श्री आचार्य जी👏👏
बहुत ही सुन्दर विवेचन 👌👌
Jai Ho Bala Ji ki Jai
Aacharya ji aap ka vedio dekha bahut Accha laga visay vastu kaafi rochak hai namaste
Om Acharya ji.
🙏🙏🙏🙏👍👍👍
Thanks for explaining
Radhe radhe 🙏🙏🙏🙏
नमस्ते
Aap ko koti koti naman
आचार्य जी बहुत अच्छा
बहुत ही सुंदर
आचार्य जी को नमन ।
सादर प्रणाम आचार्य जी
Hare Krishna 🙏🙏
Very useful and everyone should learn from this.
अतिसुंदर व्याख्या, साधुवाद❤
नमस्ते आचार्य जी
Aap.ka.jo.sujav.sharthak.hai.man.ko.chetna.milti.hai
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय आर्य जय आर्यावर्त
🙏🏻🙏🏻🌹param Shanti 🌺
🙏🙏🙏
om namaste ji
सही बात है बाबा अभ इसका आप ही कुछ करे
Acharya nameste
Ati sundar
मैं आपकी बातों से काफ़ी प्रभावित हूँ। अब मेरा सवाल है की आत्मा मुक्ति के बाद कहाँ जाती है?
💐💐💐
Man,budhi,chit ahnkar charo ek hi hai to atma bhi yehi charo hai
Hey Shariir men sthit, Shariir ko sthirta denewaale panch bhoot,
Aap sookshm hai.
Antariiksh men aap vishaal hai.
Us vishaal too men aapko Paanch Devta maante haim.
Aapko ya, aap men se ek ko SHAKTI denewale Mantron ko, DEVTAOM ko
Shakti denewale mantr Maana jaatta hai.
Us Devtaom ko shakti denewale Mantr hai voh "VED".
QUDRAT ko raksha sant mahaatmaom ka shaant mann se karem.
Jahaam Ved mantr sada ek shaant lahar kii tarah bahte rahta hai vahaam ka maam DHARTI aur Antariiksh shaant ho, shaant ho.Shaant ho
🙏🙏
🙏 Guruji 🙏 namasthe 🙏pranam guruji namasthe 🙏
०p०
आचार्य जी जो दिखता है वहीं बिकता वर्तमान में वेदों से क्या मिला जिससे संसार का भला हो जैसे विज्ञान अन्य लोगों ने दिया
मान्यवर राज्य आश्रय नही मिला स्वतन्त्रता के बाद देश उनके हाथ मे था जो हिन्दुत्व बिरोधी थे वेद आदि का विज्ञान विकसित कहा से होता अब वेदो मे आस्थावान लोग सत्ता मे है अनुकूल समय है परमात्मा हम सबको सद बुद्धी दे
Yog pranaym aurvad ese vad nadeyaha mykhud koronama aurvadsahe thek ua hu ar saget bhe vadsa he ha ar vegyanbhe bas hmna uska upyog nhe keya
Parnam sar
Bar bar ohi chiz ko doharana atisayokti he.
बहुत कुछ सीखने की कोशिश कर रहे हैं ।
आपका हम शुकरीया करते है
Dadabhagwan
❤
वेद मे जीव माया ईश्वर की पिरोगरामिग है इसे पढ़कर समझ लेना संभव नहीं है
Aatma aur jeev ke bare mein ved kya kahta hai kripyia parkash dalo
Good
Aachary ji namaskar kripya akagrata kya hai bataye
क्या मन जो की जड़ वस्तु है, वो आत्मा के साथ ही रहता है और मृत्यु के बाद भी आत्मा के साथ ही जाता है?
Kitna time pass karta hai
Aacharya ji Pranam Sab Kuchh Parmatma hai kaise samjhe
Hii ❤❤
आचार्य जी क्या प्रत्येक जन्म के कर्म जुड़ते जाते है अर्थात संग्रहित होते जाते है
सुरेश कुमार गर्ग गाजियाबाद यूपी
जिन कर्मों के फल मिल जाते हैं, वे समाप्त हो जाते हैं।जो शेष रह जाते हैं, वे जुड़ते जाते हैं।
आचार्य जी प्रणाम, आप बहुत सुंदर समझते हैं।
आप बहुत सुंदर बताते हैं।
Very nice speach.
nashvar sharir chhodne ke baad mukti kaise milegi aur milegi to kaise pata chalega ki mukti mil gayi
Moksha ke bare me bataye
Aacharya ji namaste man Hamara Jad hai ya Chetan
Please give address satharath prakash books thanks you sir.
आचार्य जी नमस्कार मान हमें मान हमें कई बार गलत काम के लिए उकसा ता है मगर मगर बुद्धि रूकती है फिर बुद्धि और मानेक कैसे हुए
Karma ki prarak kon he.