निःशब्द हूँ... कितनी सरलता से आपने हमें अपने विशुद्ध स्वरुप के दर्शन करा दिए, कितनी आसानी से आपने शरीर को मिट्टी सिद्ध कर हमारी आँखें खोल दीं.... मैं कौन हुँ?? जैसे जटिल प्रश्न को कितनी आसानी से समझा दिया.... आपकी वाणी से ज्ञान की गंगा सीधे उदगम से बहती है... आज अध्यात्म को कितना भारी भरकम और बोझिल बनाकर परोसा जा रहा है..जगह जगह अद्यात्म की दुकाने खुल गयी हैं... ऐसे में आपकी सरल सहज ज्ञान की बातें सामान्य जनो को ज्ञान की ज्योति से प्रकाशित कर अंधकार से प्रकाश की ओर ले जा रहें हैं.... आप अद्भुत हैं अदुतीय हैं.... शत शत नमन प्रभु चरणों में स्थान दीजिये 🙏🏻🙏🏻
बहुत सुन्दर ❤ प्रणाम इतना सहज इतना सरलता से हमे होश में ला दिया बोलती बंद हो गई तो शरीर को भूख लगे या प्यास लगे तो माना करना भी कहां होगा खाना या नहीं खाना क्युकी सिर्फ देखने वाला ही बचा इंद्रियां अपने स्वभाव अनुसार बरत रही है जबरदस्ती उपवास करके करने वाला कौन फिर तो अहम बचा रह गया दृष्टा सिर्फ देख रहा है जिसकी जैसी कंडीशनिग हुई है बचपन से
Ram Ram guru ji Hmari life bekar ja rahi ha I will try to be regular . . Chintan kerne ki bjaye me chinta krti hoo ki aaj nam jaap choot gya Is me meri hi kmi ha Apko sunker mn ko peace of mind mila Koti naman 🙏
जहाँ शरीर रहता है वहाँ मन भी रहता है ऐसा कोई जरूरी नहीं है। अभी हम (शरीर) रेलवे स्टेशन पर है और मन सोच रहा है अंतरीक्ष के बारे में तो मन अंतरीक्ष में है ना कि स्टेशन पर। शरीर भले ही स्टेशन पर है।
Mai nam ki koi cheej nahi hai, guru jee agar koi bachcha jinda paida hota hai, to man lekar hi paida hota hai, man baher se nahi milta hai, guru jee sader naman,
दो शब्द हैं क्रिया और कर्म। क्रिया अर्थात जो कुछ भी हो रहा है। क्रिया के पीछे कोई केंद्रीय कर्ता नहीं है इसलिए वहां कोई कर्मफल अथवा भोक्ता भी नहीं है। किंतु हमारे भीतर का छद्म मैं जब स्वयं को कर्ता मान बैठता है तब वह क्रिया को ही कर्म कहने लगता है। जैसे हवा में उड़ते पत्ते को भ्रम हो जाए कि मेरे धकेलने से हवा चल रही है। चूकि वह अपने को कर्ता मान रहा है अतः जब वह नीचे गिरेगा तब नीचे गिरने को अपने कर्मफल के रूप में देखेगा। और इस फल को भोगते हुए सुख अथवा दुःख की अनुभूति करेगा। अतः कर्ता, कर्मफल और भोक्ता तीनों ही एक बुनियादी भ्रम की उपज हैं जिसे मैं(अहंकार) कहा जाता है। अन्यथा इस सृष्टि में कर्ता, कर्मफल अथवा भोक्ता जैसा कुछ भी नहीं है। सिर्फ ब्रह्म(सत) है जो अपने होने(चित) में आनंदित(आनंद में) है।
निःशब्द हूँ... कितनी सरलता से आपने हमें अपने विशुद्ध स्वरुप के दर्शन करा दिए, कितनी आसानी से आपने शरीर को मिट्टी सिद्ध कर हमारी आँखें खोल दीं.... मैं कौन हुँ?? जैसे जटिल प्रश्न को कितनी आसानी से समझा दिया.... आपकी वाणी से ज्ञान की गंगा सीधे उदगम से बहती है...
आज अध्यात्म को कितना भारी भरकम और बोझिल बनाकर परोसा जा रहा है..जगह जगह अद्यात्म की दुकाने खुल गयी हैं... ऐसे में आपकी सरल सहज ज्ञान की बातें सामान्य जनो को ज्ञान की ज्योति से प्रकाशित कर अंधकार से प्रकाश की ओर ले जा रहें हैं.... आप अद्भुत हैं अदुतीय हैं....
शत शत नमन प्रभु
चरणों में स्थान दीजिये 🙏🏻🙏🏻
Sadaguruve nama❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏बहुत अच्छा कहाँ अाजसे मेरा गरु है नमन करता हु
Vah vah kya gyan hai Dhanya Ho Prabhu aap
आप अध्यात्म जगत का चमकता हुआ सितारा है.....🌹 मुझे आपके चरणों से प्रीत है 🌹
Aaj mai aapke maa ko haath joodkar naman karate hon🙏.All my questions answered in this video.Thanks Guru g.God bless you.Vijay Bhav always.
JAY GURU MAHARAJ
🙏🙏🙏Maira Namaskar Savikar kare Guru g.Very beautiful and useful knowledge. God bless you. ❤❤❤
सतगुरु देव भगवान की जय इससे ज्यादा मेरा कुछ कहने की क्षमता नहीं है जय गुरुदेव जी की
Sundar gyaan
Main aap ki wisdom ko naman karti hu
Wonderful knowledge 🙏❤️
Waah guru ji
Amazing
App ka bhuat bhuat upkar hai hum par mera Naman hai apke es updesh ke leyie apko.
Hari Om guruji
बहुत सुन्दर ❤ प्रणाम इतना सहज इतना सरलता से हमे होश में ला दिया बोलती बंद हो गई तो शरीर को भूख लगे या प्यास लगे तो माना करना भी कहां होगा खाना या नहीं खाना क्युकी सिर्फ देखने वाला ही बचा इंद्रियां अपने स्वभाव अनुसार बरत रही है जबरदस्ती उपवास करके करने वाला कौन फिर तो अहम बचा रह गया दृष्टा सिर्फ देख रहा है जिसकी जैसी कंडीशनिग हुई है बचपन से
Koti koti naman Guruji
🙏🌹🙏🌹🙏
Jai ho
Super
🙏🙏🙏
Amazing👍
High lebal knowledge in the woled
🎉gurunaman ji
Namaskaar
Good and clear explanation
जय जय गुरुदेव
Excellent point.... Namaste
Pure Aatamgyan🙏🙏
Dhanya hiaap
Guruji ke Charno Me Koti-Koti Pranam 🙏🙏🙏🌹🌹🌹
में उर्जा हे!
VA va Guru ji😊
जटिल विषय बहुत सरल तरीके से समझाया आपने बहुत बहुत धन्यवाद
Guru ji
आपके बहुत से वीडियो सुना तब जाके ये अंदर से आया तो लिख दिया धन्यवाद आपका आपके भीतर बैठे परमात्मा को प्रणाम❤❤
❤ namo guru ji
ATI Sundar pravachan.yah manushya ka Mul Mantra Hona chahie.❤❤
Apako mera koti koti naman
Ram Ram guru ji
Hmari life bekar ja rahi ha
I will try to be regular .
. Chintan kerne ki bjaye me chinta krti hoo ki aaj nam jaap choot gya
Is me meri hi kmi ha
Apko sunker mn ko peace of mind mila
Koti naman 🙏
Good ggggggg
Naman guru ji
Aapne Pa liya Jo pana tha!!
Very clear explanation
🙏🙏🙏🙏
You talk about sound of silence
Swayam Ko pahchanne ka achcha tarika
Vahhhh kon sa shabd du he paramatma....aapako..koti vandan...
❤🙏🙇♀️🌹
हरी ॐ तत सत जहा शरीर वहा मन होता है ऐ गलत है
👍
Aapki ki avaj me dam hai acharya ji
गुरु जी, आप कहां रहते हैं,
मेरे विचार आपके विचारो से काफी, पूरी तरह मिलते हैं,
मुझे आपसे दीक्षा संस्कार चाहिए,
🙏🙏
जहाँ शरीर रहता है वहाँ मन भी रहता है ऐसा कोई जरूरी नहीं है। अभी हम (शरीर) रेलवे स्टेशन पर है और मन सोच रहा है अंतरीक्ष के बारे में तो मन अंतरीक्ष में है ना कि स्टेशन पर। शरीर भले ही स्टेशन पर है।
मैं शरीर नहीं हूं लेकिन मैं कैसा हूं कहां हूं कितना हूं कुछ पता नहीं ।
Budhi aur bibek me kya antar hai batane ka kast kare aap ki bahut kirpa hoggi
Guru ji Mera man me ak prasna aiya hai Thora kripa kar ke bataenge .
Chetna , atma ka different kea hai..🙏🙏🙏🙏
Mai nam ki koi cheej nahi hai, guru jee agar koi bachcha jinda paida hota hai, to man lekar hi paida hota hai, man baher se nahi milta hai, guru jee sader naman,
यदि बच्चे को सुनसान जगह में बिना बोले लालन-पालन किया जाए तो बड़ा होकर वह कौन सी बोली या भाषा बोलने लगेगा ?
खाना खाने से खून की उत्पत्ति होती है हार्ड में जाता है सप्लाई होता है बताइए आत्मा कहां है दिमाग कैसे काम करता है हमारे को बताइए ?
ये सब कौन देख रहा है किसको पता चला की खाना खाया, खून बना, हार्ट मे गया...... अब ये मत बोलना की मेरेको पता चला 😂😂😂जिसको पता चला वही आत्मा हो आप
Guruji!🙏🏼Aap ke dhyan satsang , me kaise aur kaha aaya Jaya.?
कृपया वीडियो में दिए गए मोबाईल नंबर पर आप हमसे संपर्क करें🙏
कर्मों का कर्ता और कर्मफल का भोग्ता कौन है? बताने की कृपा करें।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
दो शब्द हैं क्रिया और कर्म। क्रिया अर्थात जो कुछ भी हो रहा है। क्रिया के पीछे कोई केंद्रीय कर्ता नहीं है इसलिए वहां कोई कर्मफल अथवा भोक्ता भी नहीं है। किंतु हमारे भीतर का छद्म मैं जब स्वयं को कर्ता मान बैठता है तब वह क्रिया को ही कर्म कहने लगता है। जैसे हवा में उड़ते पत्ते को भ्रम हो जाए कि मेरे धकेलने से हवा चल रही है। चूकि वह अपने को कर्ता मान रहा है अतः जब वह नीचे गिरेगा तब नीचे गिरने को अपने कर्मफल के रूप में देखेगा। और इस फल को भोगते हुए सुख अथवा दुःख की अनुभूति करेगा। अतः कर्ता, कर्मफल और भोक्ता तीनों ही एक बुनियादी भ्रम की उपज हैं जिसे मैं(अहंकार) कहा जाता है। अन्यथा इस सृष्टि में कर्ता, कर्मफल अथवा भोक्ता जैसा कुछ भी नहीं है। सिर्फ ब्रह्म(सत) है जो अपने होने(चित) में आनंदित(आनंद में) है।
@@LifeIsNowHere123 मतलब सबकुछ कार्य कारण के सिद्धांत से हो रहा है कोई कर्ता नहीं है?
महाराज जी आप कह रहे है की थोड़ी देर के लिए आत्मा मान लेते है तो क्या आप पूर्ण रूप से मैं को आत्मा नही मानते
Mei.shareer nahi ..mei.mann bhi nahi ...matlab mei kuch bhi nahi ... mei naam.ka.koi cheez hi nahi ??
Garuji pranam...
Me ishwar from rajasthan
Me aap se janna chata ki ky manav body me deviy aatma aa sakti ky
🙏🌻🌹🌷🌺💐🪔👏
issi main ko Geta/Bibal (Main aur maira permashwar)kee charcha kee hai lakin pandito etc. ney nakli Ram aur nakli main(ego) kee charcha kee hai
😂
Itna gahraa saral sprichacl ghan
ruclips.net/user/shorts0W7NqVZ5b6E?si=96KJrtd8WSoG0ZvW
🙏🙏🙏🙏🙏