🌷🌷🌷🌷🌷🌷संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी प्राणी दुखी न हो, हर समस्या का समाधान हो। धरती स्वर्ग समान बन जाए।🌷🌷🌷🌷🌷
🎯संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी की पूजा करें और अपने मूल निवास सतलोक में वापस लौटकर पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर की शरण ग्रहण करें। परमेश्वर कबीर जी की उपासना की चाह रखने वाला व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म, वर्ण, जाति, वर्ग समुदाय का क्यों नहीं हो, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले सकता है।
मानव इतिहास के महानतम समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी ने ही समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों, दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, रिश्वतखोरी, नशा, मांस भक्षण आदि को पूर्ण रूप से समाप्त करने का सफलतम प्रयास किया है।
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं जो शास्त्रों के बताए अनुसार तीन समय की भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को देते हैं जिससे उन्हें सर्व सुख मिलता है तथा उनका मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है।
सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में स्पष्ट किया है कि आन-उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में वर्णित न होने से मनमाना आचरण है! Visit us- Satlok Ashram RUclips Channel
सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
♦️तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
श्री मदभागवत जी में प्रमाण है कि शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण अथार्त् मनमानी पूजा (देवों की, पितरों की, भूतों की पूजा) करके प्राणी पितर व भूत (प्रेत) बने। वे देवलोक में हैं चाहे यमलोक में या प्रेत बने हैं, सर्व कष्टमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 9 का श्लोक 25 भी यही कहता है कि जो पितर पूजा (श्राद्ध आदि) करते हैं, वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते, वे यमलोक में पितरों को प्राप्त होते हैं। -Supreme Saint Rampal Ji Maharaj Visit us- Satlok Ashram RUclips Channel
गीता जी अध्याय 17श्लोक4 यजन्ते सात्त्विका देवन यक्ष-रक्षांशी राजसा। प्रेतन भूत-गणनां: चान्ये यजन्ते तमसा जना:।। सात्विक लोग देवताओं की पूजा करते हैं,राजसी लोग यक्ष राक्षसों को पूजते हैं, और तामसी प्रेत भूत आत्माओं की पूजा करते हैं।
कबीर परमात्मा ही चारों युगों में अलग-अलग नाम से प्रकट होकर सतभक्ति प्रदान करते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी से सतभक्ति ग्रहण करके कबीर परमात्मा की भक्ति करें तभी रक्षा सम्भव है।
🕉️ पूर्ण मोक्ष पूर्ण गुरु से शास्त्रानुकूल भक्ति प्राप्त करके ही संभव है जो कि विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त किसी के पास नहीं है।
🙏🙏🌹 गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
गीता अध्याय 15 श्लोक 17 उत्तम पुरुष: तू अन्य:, परमात्मा इती उदाह्यत, यः लोकत्रयम आविश्य, विभर्ति अव्यय: ईश्वर:। गीता जी में उत्तम पुरुष को क्षर पुरुष व अक्षर पुरुष से अलग बताया गया है। जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सब धारण पोषण करता है वह वास्तव में अविनाशी अर्थात समर्थ प्रभु है। वह पुरुषोत्तम कबीर साहेब हैं।
सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
जीवित बाप के लठ्ठम लठ्ठा, मूवे गंग पहुचैया। जब आवे आसोज का महीना, कौवा बाप बनईयां। जीवित बाप के साथ तो लड़ाई रखते हैं और उनके मरने के उपरांत उनके श्राद्ध निकालते हैं। परमात्मा कहते हैं रे भोली सी दुनिया सतगुरु बिन कैसे सरिया।
श्राद्ध_करना_गलतहै तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
संत रामपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य एक ऐसे स्वच्छ समाज की स्थापना करना है जो चोरी, जारी, ठगी, रिश्वतखोरी, नशे से दूर हो। आज हकीकत में उनके ज्ञान से यह सम्भव हो रहा है।
♦️तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है। सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
🎯संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी प्राणी दुखी न हो, हर समस्या का समाधान हो। धरती स्वर्ग समान बन जाए।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है। सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
जै सतगुरू की संगत करते, सकल कर्म कटि जाईं। अमर पुरि पर आसन होते, जहाँ धूप न छाँइ।। सन्त गरीब दास ने परमेश्वर कबीर जी से प्राप्त सूक्ष्मवेद में आगे कहा है कि यदि सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेते तो सर्व कर्मों के कष्ट कट जाते अर्थात् न प्रेत बनते, न गध
धारणा :- घर पर बैठकर ही भक्ति कर लेंगे, गुरु बनाने की क्या आवश्यकता है? संत रामपाल जी महाराज पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की वाणी से प्रमाणित करते हुए बताते हैं कि गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान। गुरु बिन दोनों निष्फल है, चाहे पूछो वेद पुराण।।
🌷🌷🌷🌷🌷🌷संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी प्राणी दुखी न हो, हर समस्या का समाधान हो। धरती स्वर्ग समान बन जाए।🌷🌷🌷🌷🌷
Kabir Sahib Is Real God 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🎯संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी की पूजा करें और अपने मूल निवास सतलोक में वापस लौटकर पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर की शरण ग्रहण करें। परमेश्वर कबीर जी की उपासना की चाह रखने वाला व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म, वर्ण, जाति, वर्ग समुदाय का क्यों नहीं हो, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले सकता है।
मानव इतिहास के महानतम समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी ने ही समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों, दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, रिश्वतखोरी, नशा, मांस भक्षण आदि को पूर्ण रूप से समाप्त करने का सफलतम प्रयास किया है।
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं जो शास्त्रों के बताए अनुसार तीन समय की भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को देते हैं जिससे उन्हें सर्व सुख मिलता है तथा उनका मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है।
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ऐसा ज्ञान केवल पूर्ण गुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने बताया आंखें खोल दीं 🙏🏻
कबीर गुरु बङे है गोविन्दसे मन मे देख विचार हरी समरे सो वार गुरु सुमरे सो होय पार
कबीर, गुरूसो ज्ञान जो लीजिये, सीस दीजिये दान । बहुतक भोंदू बहिगये, राखि जीव अभिमान।।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी।
सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में स्पष्ट किया है कि आन-उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में वर्णित न होने से मनमाना आचरण है!
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सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
♦️तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
Amazing satsang
An eye opener ....
Wonderful satsang
श्री मदभागवत जी में प्रमाण है कि
शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण अथार्त् मनमानी पूजा (देवों की, पितरों की, भूतों की पूजा) करके प्राणी पितर व भूत (प्रेत) बने। वे देवलोक में हैं चाहे यमलोक में या प्रेत बने हैं, सर्व कष्टमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 9 का श्लोक 25 भी यही कहता है कि जो पितर पूजा (श्राद्ध आदि) करते हैं, वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते, वे यमलोक में पितरों को प्राप्त होते हैं।
-Supreme Saint Rampal Ji Maharaj
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Sat shaheb g
true spiritual knowledge 🙏🙏
Kabir is supreme God 🙏🙏🙏
ध्यान धरो अपने सतगुरु का, रखो अटल विश्वास।
मत घबरा मन बावरे, जब सतगुरु हैं तेरे साथ।।
कोटि कोटि दंडवत प्रणाम गुरुजी के चरणों में 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌸🌸🌺🌺🌺
Anmol gyaan...
संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में सच्चे गुरु हैं जो कि सारे ग्रंथ से प्रमाणित सत्संग बताते हैं
✅️
Sacha gyan
गीता जी अध्याय 17श्लोक4
यजन्ते सात्त्विका देवन यक्ष-रक्षांशी राजसा।
प्रेतन भूत-गणनां: चान्ये यजन्ते तमसा जना:।।
सात्विक लोग देवताओं की पूजा करते हैं,राजसी लोग यक्ष राक्षसों को पूजते हैं, और तामसी प्रेत भूत आत्माओं की पूजा करते हैं।
Anmol gyan sant Rampal ji maharaj ka
Sat saheb 🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सत्य वचन
अमर वाणी
कबीर साहेब -
चिड़ी चोंच भर ले गई , नदि ना घटियो नीर।
दान दिये धन ना घटे , कह गए साहेब कबीर।।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की जय 🙏
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो 🙏
🙏🙏 सत साहेब 🙏🙏
Anmol Vachan
सत्य
मात पिता मिल जायेगे , लख चौरासी माहीं ।
सतगुरु सेवा और बंदगी , ये फेर मिलन की नाहीं।।
जबरदस्त सतसंग
Beautiful
कबीर परमात्मा ही चारों युगों में अलग-अलग नाम से प्रकट होकर सतभक्ति प्रदान करते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी से सतभक्ति ग्रहण करके कबीर परमात्मा की भक्ति करें तभी रक्षा सम्भव है।
Right way of worship
🕉️ पूर्ण मोक्ष पूर्ण गुरु से शास्त्रानुकूल भक्ति प्राप्त करके ही संभव है जो कि विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त किसी के पास नहीं है।
अनमोल ज्ञान
🙏🙏🌹 गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
अद्वितीय अध्यात्मिक ज्ञान अवश्य सुनों जगत् गुरु तत्वदर्शी पुर्ण संत रामपाल जी महाराज के मुखकमल से अमृत वचन
गुरु गोविंद 🤍🙏
Sant Rampal Ji Maharaj is a true Guru🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Listen of bhakti Gyan of rampalji maharajji
Sat sahib ji
Sat sahib
सत्य वचन अनमोल ज्ञान हैं
अद्भुत सत्संग है अनोखा ज्ञान है
Great knowledge
Geart knowledge
Supreme god kabir
अनमोल ज्ञान है संत रामपाल जी महाराज का
तत्व ज्ञान
गीता अध्याय 15 श्लोक 17
उत्तम पुरुष: तू अन्य:, परमात्मा इती उदाह्यत, यः लोकत्रयम आविश्य, विभर्ति अव्यय: ईश्वर:।
गीता जी में उत्तम पुरुष को क्षर पुरुष व अक्षर पुरुष से अलग बताया गया है। जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सब धारण पोषण करता है वह वास्तव में अविनाशी अर्थात समर्थ प्रभु है।
वह पुरुषोत्तम कबीर साहेब हैं।
अनमोल वचन परमात्मा के
sant rampal maharaj bhagwan ki jai ho 🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓🍓
सच्चा ज्ञान
Nice
Amazing knowledge
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जात जुलाहा भेद न पाया काशी माहे कबीर हुआ
Great giyan
🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹💯💯💯💯💯❤️❤️❤️ satguru rampal ji maharaj ki jai ho satguru daya kare
कबीर, नाम रटत कूष्टी भला, चू चू पड़े जो चाम।
कंचन देह किस काम का, जा मुख नाही नाम।।
प्रमाणित
अबी सही समय है आपने मानव जीवन का उद्धार कराए संत रामपाल जी महाराज जी के चरण में जा के
धन जननी,धन भूमि ,धन धन नगरी,धन देश ।
धन करनी,धन कुल, जहां सच्चा संत प्रवेश।।
Incredible spiritual knowledge
कबीर, हरि के रूठतां, गुरु की शरण में जाय।कबीर गुरु जै रूठजां, हरि नहीं होत सहाय।।
अद्वितीय आध्यात्मिक सत्संग
Great precious evergreen blockbuster magnificent original spritual satsang dandwat pernam ho aapke charno me malik sat Sahib ji 🌷🌷🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Real god of kabir
सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
Very nice satsang
जीवित बाप के लठ्ठम लठ्ठा, मूवे गंग पहुचैया।
जब आवे आसोज का महीना, कौवा बाप बनईयां।
जीवित बाप के साथ तो लड़ाई रखते हैं और उनके मरने के उपरांत उनके श्राद्ध निकालते हैं।
परमात्मा कहते हैं रे भोली सी दुनिया सतगुरु बिन कैसे सरिया।
श्राद्ध_करना_गलतहै
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
Sant Ramlalji Maharaj giving spritual knowledge according to pavitra Geeta Ved purana etc
कोटी कोटी प्रणाम परमात्मा को
🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य एक ऐसे स्वच्छ समाज की स्थापना करना है जो चोरी, जारी, ठगी, रिश्वतखोरी, नशे से दूर हो।
आज हकीकत में उनके ज्ञान से यह सम्भव हो रहा है।
Geart god 🙏 of kabir
It is real knowledge by spiritual Guru sant Rampal Ji Maharaj
"Nau Mann Sut Uljhiya Rishi Rahe Jhak Maar Satguru Aisa Suljha Diya Uljhe Na Duji Baar"- Saint Rampal Ji Maharaj
♦️तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।
सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
Very nice satsnag
🎯संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी प्राणी दुखी न हो, हर समस्या का समाधान हो। धरती स्वर्ग समान बन जाए।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।
सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
गुरु बङे गोविंद से मन में देख विचार
हरि सुमरे सो वार है गुरु सुमरे होये पार 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼😭😭😭
Nice knowledge 🙏
कबीर, जिव्हा तो वोहे भली, जो रटै हरिनाम।
ना तो काट के फैंक दियो, मुख में भलो ना चाम।
कबीर, यह तन जावेगा, सके तो ठाहर लाए।
एक सेवा कर सतगुरु की, और गोविंद के गुण गा
जब तक अभिमान है प्राणिभर नहीं सकता यानी मुक्त नहीं हो सकता
जै सतगुरू की संगत करते, सकल कर्म कटि जाईं।
अमर पुरि पर आसन होते, जहाँ धूप न छाँइ।।
सन्त गरीब दास ने परमेश्वर कबीर जी से प्राप्त सूक्ष्मवेद में आगे कहा है कि यदि सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेते तो सर्व कर्मों के कष्ट कट जाते अर्थात् न प्रेत बनते, न गध
संत रामपाल जी महाराज नाम दीक्षा लेकर सभी कष्टों का निवारण किया जा सकता है.
भूत पूजने वाले भूत बनते हैं, पितर पूजने वाले पितर बनते हैं
नमन करूँ गुरु देव को दिन में सौ सौ बार ।
काग पलट हंसा किया करत न लागि वार ।।🙏🙏
धारणा :- घर पर बैठकर ही भक्ति कर लेंगे, गुरु बनाने की क्या आवश्यकता है?
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की वाणी से प्रमाणित करते हुए बताते हैं कि
गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।
गुरु बिन दोनों निष्फल है, चाहे पूछो वेद पुराण।।