What is you feelings regarding India Muslims who are every day facing BJP gov. Atrocities and terrorism against them does these poems is also encouraged for them too?
@@syedshamimalam3988 जब सरकारे आँख बंद कर लेती है न तब कश्मीर जैसा होता है। कश्मीर के हिन्दू मार दिए गए भगा दिए गए। वैसा कही हिंदुस्तान में हो रहा है किसी भी राज्य में मुसलमान के साथ? तो ये 2 रुपये की नौटंकी बन्द करो। दाऊद/मुख्तार अंसारी/अतीक अहमद ये गुंडे है इनको पीटने का मतलब अगर आपकी किताब में गुनाह है तो हम है गुनहगार।
हम देखेगें ......फैज साहब की स्मृतियों को शत शत नमन पाकिस्तानी लेखको और शायरो ने फौजी हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए लोकतंत्र की अस्मिताओं को गहराई से रेखांकित करते हुए देश से बाहर भी किए गए भारत के लेखको मे ये जज्बात नहीं है
बोहोत बोहोत शुक्रिया। आप ने बोहोत हो बेहतरीन तरीके से फ़ैज़ साहब की नज़्म को समझाया। आप की आवाज़ तो काबिले तारीफ है, आपसे दरखास्त है आप इस नज़्म को गाइए और एक अलग से वीडियो बनाइएगा ज़रूर।
हम देख़ेंगे लाज़िम है कि हम भी देख़ेंगे वो दिन के जिस का वादा है जो लोह-ए-अज़ल में लिखा है जब ज़ुल्म-ओ-सितम के कोह-ए-गरां रूई की तरह उङ जायेंगे हम महकूमों के पाऒं तले ये धरती धङ-धङ धङकेगी और अह्ल-ए-हकम के सर ऊपर जब बिजली कङ-कङ कङकेगी जब अर्ज़-ए-ख़ुदा के काबे से सब बुत उळवाये जायेंगे हम अह्ले-ए-सफा मर्दूद-ए-हरम मसनद पे बिळाये जायेंगे सब ताज उछाले जायेंगे सब तख़्त गिराये जायेंगे बस नाम रहेगा अल्ला: का जो गायब भी है हाज़िर भी जो मंज़र भी है नाज़िर भी उळ्ळेगा अन-अल-हक का नारा जो मै भी हूँ और तुम भी हो और राज करेगी ख़ल्क-ए-ख़ुदा जो मै भी हूँ और तुम भी हो
जनाब फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहब ने यह नज़्म, अपने समय में, पाकिस्तान में हो रहे फ़ौजी शासन द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ लिखा था जिसके कारण उन्हें भी जेल में डाल दिया गया था, भारतवर्ष में इसका कोई Relevance नहीं है, हां कुछ कुंठित नेताओं ने जरूर इसका प्रयोग करके बरगलाने की कोशिश की थी पर टांय-टांय फिस्स हुआ ।
💐 उर्दू और हिंदी में लिखी गई फैज साहब की यह कालजयी कविता सदियों तक मुल्क की अवाम को प्रेरित करते रहेगी💐 🎂 इसके हिंदी अनुवाद के लिए आपको दिल से धन्यवाद और बधाइयाँ।
I used to think that i can read, write and speak URDU very well. How wrong i was. She is absolutely stunning. May ISWAR grant you all the success in your life. I am speechless ma’am 🙏🙏
Such a beautiful nazm with meaning of great depth...Also kudos to the anchor for explaining in a simple yet effective language..must say she has a beautiful voice. This nazm is still relevant and will never fade away...HUM DEKHENGE.
जब बिजली कड़-कड़ कड़केगी जब अर्ज़-ए-ख़ुदा के काबे से सब बुत उठवाए जाएँगे अबे सुटिये ये हिन्दू वीरोधि नहीं है तो और क्या है? ये छामिया भी ऊपर लिखि पंक्तियों छोड़कर समझा रहीं हैं।😀😃😄
Excellent presentation, the way the meaning and perspective of the Nazm is narrated it is just wonderful. The oppressed class must have realised the correlation of the Nazm and the pitiful condition, they are passing through. Wonderful!
वाह क्या आवाज है आपकी है। सुबहनल्लाह।आपकी आवाज बहुत बेहतरीन है। प्रोनोसेसशन बहुत ही सही है। क्या तारीफ करू अल्फ़ाज़ नही हैं। quint India से रिक्वेस्ट है आपका नाम ज़रूर डिस्क्रिप्शन दें। शुक्रिया
बहुत सुन्दर गाती है आप बहुत खूब वो एक ईश्वर जो सबका एक ही है जिसने हम सबको एक सा बनाया जिसे हम अलग अलग नाम से पुकारते वो आपकों आपकी गहरी सुकून देने वाली आवाज के साथ सुकून में रखें ❤
मेरा महान देश भारत में फिर से जनता की सिर पर ताज हाेगी फिर से जनता की राज होगी। सबकी एक मज़हब होगी- *भारतीय* _हम देखेंगे.... लाज़िम है हम देखेंगे।_ जय जनता, जय हिन्द।
Bahot khoob, desh ko sophisticated aur equal hona chahiye. Ye nahi ki ek leader aakay aadhe nagriko ko ek minute me tuchch bata deve. Chai bechne wala, Gobar khane wala leader apni gobar buddhi se gobar bhakt hi paida kr sakta hai. Desh ko 70 saal peechay kar diya.
हमारे देश में भी 'चली है रस्म कि कोई न सिर उठा के चले', लेकिन सच ये भी है कि कोई जुल्म-ज्यादती, कोई झूठ सच्चे इंसानों को जितनी बेरहमी से दबाना चाहता है, जन-गण-मन उतनी ही बेरहमी से ऐसे तानाशाहों को एक झटके में खारिज कर देता है....सुबह जरूर होती है, रोजाना
Tum Pakistan jao vahan badi Shanti hai koi tanashahi nahin hai koi Dharm ka bhedbhav nahin aur international survey mein wahan ke log bade Khush hai Jab Hindustan mein mugalon ka Raj wapas a jaega tab a Jana
@@chefnikhatskitchenlucknow4872 ha bilkul... Ye ek tamacha ek alarm bell hai un leaders pe jo apne aapko khuda maang gaye... My is Nazm ko ek Revolution maanta ho... Jo apne aap me ek aisi quwwat deti hai ki sari dunya se ladjao..
Present protests has realised the power of poetry........When time comes it is such poets and their poetry takes the charge and drive the world. Truly importance of.poems is being realised now.
Bahut khub Fabiha sayyed ji jitna pyara apka naam hai utni hi pyari apki awaz hai...mai tahe dil se apse guzarish karta hun ek baar puri nazm ek sath suna den...nachiz intezar karega shukriya
Ham dekhenge lazim hai ki ham bhi dekhenge, suna to bahut pahle tha BBC ke programme par or lagatar sunta rha hoon thanks to bbc for that, and today thanks to the Quint for explaining meaning of each word of it again thank you The Quint for real and authentic news. Insa Allah ham Phir dekhenge,, ham dekhenge lazim hai ki ham dekhenge
Baatil Se Dabne Waale Aay Aasman Nahi Hum... Sau Baar Kar Chuka Hai Tu imtehaan Hamaara... Muslim Hain Hum Watan Hai Saara Jahan Hamara... Saare Jahan se Achha Hindustan Hamara...🇮🇳
Faiz the revolutionary poet....... The symbole of Resistance. ....... One of the favourite poet ...... I recite two revolutionary poems including this one in school ....... This poem of faiz is good not best........ You should also pormote other revolutionary poems of faiz
What a nice interpretation in an effective and deep voice with beautiful pronunciations of Hindi, Urdu and English. Poetry, music and wind are beyond boundaries, Those are confined by confined brains.
जागा मजूरा दुनिया का जागा मजूरा दुनिया का दुनिया का मजूरा जागा है वसुधा के कण-कण कण में इंक्लावी हुंकार लिए ज़ुल्म को जलाने के लिए जागा मजूरा दुनिया का । स्वाभिमान मान अधिकार लिए,आदमीयता की पुकार लिए अभिलाषा अभिमान लिए,अनुराग राग उल्लास लिए नव-विहान-क्रांति गीत लिए, जागा मजूरा दुनिया का । भूख का दर्शन रौशन करना है,इतिहास नया लिखा देना है सृष्टि का भूगोल बदलकर,साहित्य नवल गढ़ देना है प्राचीर पर लाल झंडा फहराने,जागा मजूरा दुनिया का । प्रजातंत्र का अधम माफिया,सत्ता पर बैठा कब्ज़ाकर तानाशाही का ताज तोड़ दो,फासीवादी का चकनाचूर कर आवारा-राजनीति ध्वस्त करने,जागा मजूरा दुनिया का । आवाम की दौलत लुटनेवाला,अर्थ-लुटेरा दवंग क्रूर है शोषण दमन ज़ुल्म ज्यादती से,मानव में क्रंदन कोलाहल है अधिकार के लिए शस्त्र उठाने, जागा मजूरा दुनिया का । न्याय चंद टुकड़ो पर बिकता, न्यायालय में बाज़ार खुला है मानवता से लथपथ प्राण को, निरंकुशता ने हर स्वर कुचला है न्यायालय में कोहराम मचाने,जागा मजूरा दुनिया का ।
بہت بہت مبارک سر جی ایسے ہی کبھی کبھی کچھ نظموں اور غزلوں کے تشریح دیتے رہیں یہ سراہنے ہے۔ Bohot Bohot Mubarak Sir Jee Aese Hee Kabhi Kabhi Kuch Nazmon Or Gahazlon Ka Vistaarit Anuwaad Dete Rahiye Yeh Saraahniye He
the poem in itself is beautiful with an awe-inspiring message, especially to the pakistani army brass which took over the nation on several occasions, however selective verses of this poem were used by jamat i islami in pakistan against non muslims in that country n thats exactly how these verses were weaponised in india the other day. the context in which these verses were used was disgusting n not the poem or faiz, who penned it, unaware that it will be used by radicals one day, kind of people he fought against his entire life.
आज के दौर में नज़रों, शायरी की ज़रूरत नही है क्योंकि ज़ुल्म की इंतिहा हो चुकी है! वक्त ज़ुल्म के ख़िलाफ़ इक जुट होकर उसी ज़ुबान में जवाब देने की ज़रूरत है
A poem is interpreted in various ways, it depends upon the critic. Faiz Ahmed was a revolutionary poet, during the tenure of Gen. Ziaul Hoque, this revolutionary poem was written. We can say that Faiz showed all oppression and coercion that Ziaul Hoque did upon the people of Pakistan.... Here, the poet trying to say that all oppression and coercion has an ending and this ending is the day of final judgement where every dictator and self proclaimed God will be questioned and the justice would be prevailed. In the end of the poem he said that in the day of final judgement everything will be destroyed, only the almighty Allah will be there. Poet has tried to make us recall the day of final judgement.
Ana = میں .... मैं , me , l ( in Arabic language ) . Al = ( " the " in Arabic . e.g. 'al-kabeer' means 'the big' , al-bait means the house , al-salaam ( pronounced as as-salaam ) means the-salaam . "Haq " is arabic word for right or reality , also one of the name of God in Arabic / Quran . " Ana al-Haq / An'al Haq " (in Arabic languages ) = l am right / reality / on right path which is eternal truth of God ( in English language ) = Ahm Brahma asmi ( in Sanskrit ) मैं ब्रह्मा हूँ ( हिंदी मै ) = मै खुदा की सच्चाई की राह / ईश्वरीय सत्य के मार्ग पर हूँ ( اردو , Urdu भाषा मे ) . Dr. U.A. NRI doctor from Saudi Arabia / Maulana Azad Medical College , Bahadur Shah Zafar Marg , Khooni Darwaza , New Delhi - 2 . / Anjuman Tarraqi Urdu-e-Hind , Ali Manzil , Kucha Pandit , Lal Kuan , Delhi -6 ( President : Janab Maheshwar Dayal Sahab ; General Secretary : Hameeda Begum ( eldest sister of Ex- President of lndia Janab Fakharuddin Ali Ahmed sahab ).
खुद को खुदा माननेवाले समझ लें कि जुल्म और अन्याय ज्यादा दिन नहीं चलते । आपकी व्याख्या अति सुंदर,बधाई ।
खुद को खुदा का पैगम्बर कहने वाले कब तक चलते रहेंगे?
ryt
What is you feelings regarding India Muslims who are every day facing BJP gov. Atrocities and terrorism against them does these poems is also encouraged for them too?
@@syedshamimalam3988 जब सरकारे आँख बंद कर लेती है न तब कश्मीर जैसा होता है। कश्मीर के हिन्दू मार दिए गए भगा दिए गए।
वैसा कही हिंदुस्तान में हो रहा है किसी भी राज्य में मुसलमान के साथ?
तो ये 2 रुपये की नौटंकी बन्द करो।
दाऊद/मुख्तार अंसारी/अतीक अहमद ये गुंडे है इनको पीटने का मतलब अगर आपकी किताब में गुनाह है तो हम है गुनहगार।
@@elsalvadorthesaviour5021
Qayamat tak, aur tere jaise gadhe jaisi awaz me royege us din
हम देखेगें ......फैज साहब की स्मृतियों को शत शत नमन पाकिस्तानी लेखको और शायरो ने फौजी हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए लोकतंत्र की अस्मिताओं को गहराई से रेखांकित करते हुए देश से बाहर भी किए गए भारत के लेखको मे ये जज्बात नहीं है
आपकी कविता की परख देख कर बड़ा अच्छा लगा ऐसे श्रोता हमें भी मिल जाए तो कितनी अच्छी बात हो ... आइए जुड़िए..
मैने इतनी खूबसूरत आवाज़ नहीं सुनी।
इससे पहले फेज साहब को बहुत कम लोग जानते थे भारत में अच्छा हुआ आज भारत का हर आदमी पेज साहब को जाने लगा है
Purani Delhi ke paas " Faiz Road " hai . Ab unki nazam ( kavita , poem ) ke karan bahut ziyada log unko jan-ne lge hain .
@@dr.u.a.bharati5696 THANKS FOR KNOWLEDGE
Kuch hi log nhi jaante the
@@dr.u.a.bharati5696 bhai
Vo faiz road mughal
Badshahon k time se
Hai ye wala nahi .
Hahahahahaha 🤣😅
Donney
Who's the anchor? Wow, she's got such a delicate and tender voice
Chandan Thakur ji es kaa naam fabigaa sayyed hai
@@rakshak2066 Fabeha Sayed
Im so proud..she was my class mate..fabeha sayyed
She's also a great singer!
@@princessinaaya wow
बोहोत बोहोत शुक्रिया।
आप ने बोहोत हो बेहतरीन तरीके से फ़ैज़
साहब की नज़्म को समझाया।
आप की आवाज़ तो काबिले तारीफ है, आपसे दरखास्त है आप इस नज़्म को गाइए और एक अलग से वीडियो बनाइएगा ज़रूर।
आप मुझे एक बहुत अच्छे श्रोता और पाठक लगे इसलिए आप को आमंत्रित करता हूं कि हमारे मंच पर आकर एक बार जरूर बताएं कि कैसा लगा
माशाअल़लाह,फबेहा सैयद अललाह, आपकी हिफाज़त करे। आपने हकीकत को बहुत अच्छी तरह से समझाया। ये नजम सिर्फ जुलम के खिलाफ हैं। हुकूमत के खिलाफ नहीं है।
Shandar..kya baat hai..bahut khubsurat....anndbhakt knha samjhege...sochne samjhne ki soach khatam..kab tak ae anndh bhakt rahte .hum BHI dekhege
Apka observation is meticulous
हम देख़ेंगे
लाज़िम है कि हम भी देख़ेंगे
वो दिन के जिस का वादा है
जो लोह-ए-अज़ल में लिखा है
जब ज़ुल्म-ओ-सितम के कोह-ए-गरां
रूई की तरह उङ जायेंगे
हम महकूमों के पाऒं तले
ये धरती धङ-धङ धङकेगी
और अह्ल-ए-हकम के सर ऊपर
जब बिजली कङ-कङ कङकेगी
जब अर्ज़-ए-ख़ुदा के काबे से
सब बुत उळवाये जायेंगे
हम अह्ले-ए-सफा मर्दूद-ए-हरम
मसनद पे बिळाये जायेंगे
सब ताज उछाले जायेंगे
सब तख़्त गिराये जायेंगे
बस नाम रहेगा अल्ला: का
जो गायब भी है हाज़िर भी
जो मंज़र भी है नाज़िर भी
उळ्ळेगा अन-अल-हक का नारा
जो मै भी हूँ और तुम भी हो
और राज करेगी ख़ल्क-ए-ख़ुदा
जो मै भी हूँ और तुम भी हो
Very.goof
जनाब फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहब ने यह नज़्म, अपने समय में, पाकिस्तान में हो रहे फ़ौजी शासन द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ लिखा था जिसके कारण उन्हें भी जेल में डाल दिया गया था, भारतवर्ष में इसका कोई Relevance नहीं है, हां कुछ कुंठित नेताओं ने जरूर इसका प्रयोग करके बरगलाने की कोशिश की थी पर टांय-टांय फिस्स हुआ ।
aapko dhanyabad byakta karta hun.
Nice
❤ मै आपका आभार प्रकट करता हूं।🎉
Hum Dekhenge ,Inshaallah, 👍👍👍
Hm bhi dekhenge 😎
@@bikram3620 क्या देखिएगा? यह देखेंगे जैसे कश्मीर से हिंदुओं को निकाला गया वैसे पूरे भारतसे हम को भगा दिया जायेगा।
💐 उर्दू और हिंदी में लिखी गई फैज साहब की यह कालजयी कविता सदियों तक मुल्क की अवाम को प्रेरित करते रहेगी💐
🎂 इसके हिंदी अनुवाद के लिए आपको दिल से धन्यवाद और बधाइयाँ।
Urdu hi asli Hindi Hain
1:18
To all muslim in india: hum bhi dekhege kon nikalta h aapko
Shukriya mere Bhai
Sukriya bhai
A Big Salute Hi Mere Bhai
Your India , My India , Our India
Shukria Bhai, Jeet jayenge hum tum agar sang ho.
"PM Modi jhoot nahi bolte، Bas inhone aaj tak sach nahi bola hai"😉😉😉....
बहुत सुन्दर अनुवाद यानि तर्जुमा किया है,
फ़ैज अहमद फ़ैज़ की अध्यात्मिक नज़्म को बिरला ही कोई समझेगा ।
धन्यवाद्,
लीजिए आप जैसे अच्छे श्रोता और पाठक लोगों के लिए एक मंच लेकर आया हूं एक बार हमारे यहां आकर भी बताइए कि कैसा लगा
आवज की तारीफ जितना कि जाए कम है, काश एक साथ पूरा गाया होता
raja kashyap
Aap sunye iqbal bano ko utub par ek sath
Your right
I used to think that i can read, write and speak URDU very well. How wrong i was. She is absolutely stunning. May ISWAR grant you all the success in your life. I am speechless ma’am 🙏🙏
Excellent explanation.I stand by Faiz,great Faiz and his philosophy
The best way to express the poetry of Faiz (nazam)
P
Angreji keyboard
Faiz was a revolutionary shayar of our subcontinent. We should have proud of his shayari.
मुझे पुरी नज़्म एक साथ सुननी है।
आपने काम बहुत अच्छा किया है।
बस, अखिरमे पूरी नज़्म शुरू से अंत तक सुआई जाती तो अच्छा होता। 🙏
Poojan sahil... Search this an Indian sung this nazam very well.
इकबाल बानो द्वारा गाई गई इस नज़्म की एक रिकॉर्डिंग यूट्यूब पर है, बहुत सुंदर है, ज़रूर सुनिए।
Cok studio
Such a beautiful nazm with meaning of great depth...Also kudos to the anchor for explaining in a simple yet effective language..must say she has a beautiful voice.
This nazm is still relevant and will never fade away...HUM DEKHENGE.
VALLIKA BHAIRIok
जब बिजली कड़-कड़ कड़केगी
जब अर्ज़-ए-ख़ुदा के काबे से
सब बुत उठवाए जाएँगे
अबे सुटिये ये हिन्दू वीरोधि नहीं है तो और क्या है?
ये छामिया भी ऊपर लिखि पंक्तियों छोड़कर समझा रहीं हैं।😀😃😄
Bas naam rhega Allah ka kya mtlb
Kuch bi..
@@ayushthakur7857 sab ek hai.
Khuda Bhagwan Christ sab ek hai Ishwar ek hai.
Excellent presentation, the way the meaning and perspective of the Nazm is narrated it is just wonderful. The oppressed class must have realised the correlation of the Nazm and the pitiful condition, they are passing through. Wonderful!
जैसे पश्चिम बंगाल, काश्मीर और केरला के सनातनी हिन्दू भाई।
Ì8jìiijìiiiiiì
jaise qatl of democracy
यह नज़्म सम्पूर्ण अदवैत भावना पर बनी है, भरी है, थोड़ा दिमाग पर ज़ोर डालो तो सही !!! Namshkar !!
बहुत अच्छा कहा है आपने.. मैं भी आपको अपने कविता के मंच पर आमंत्रित कर रहा हूँ .. जरूर जुड़े
वाह क्या आवाज है आपकी है। सुबहनल्लाह।आपकी आवाज बहुत बेहतरीन है। प्रोनोसेसशन बहुत ही सही है। क्या तारीफ करू अल्फ़ाज़ नही हैं। quint India से रिक्वेस्ट है आपका नाम ज़रूर डिस्क्रिप्शन दें। शुक्रिया
बहुत सुन्दर गाती है आप बहुत खूब वो एक ईश्वर जो सबका एक ही है जिसने हम सबको एक सा बनाया जिसे हम अलग अलग नाम से पुकारते वो आपकों आपकी गहरी सुकून देने वाली आवाज के साथ सुकून में रखें ❤
मेरा महान देश भारत में
फिर से जनता की सिर पर ताज हाेगी
फिर से जनता की राज होगी।
सबकी एक मज़हब होगी- *भारतीय*
_हम देखेंगे.... लाज़िम है हम देखेंगे।_
जय जनता, जय हिन्द।
esa sambhav hi nahi hai
Bahot khoob, desh ko sophisticated aur equal hona chahiye. Ye nahi ki ek leader aakay aadhe nagriko ko ek minute me tuchch bata deve. Chai bechne wala, Gobar khane wala leader apni gobar buddhi se gobar bhakt hi paida kr sakta hai.
Desh ko 70 saal peechay kar diya.
बेहद सुरीली आवाज । हिंदुस्तान के मौजूदा दौर में सबसे नायाब female voice 👍👍💐💐💐
Knowledge k alawe urdu aur English zubaan par aap ki pakad qaabil e taareef hai. Aur tlaffuz? Mind blowing.
Fab fabulous...so overwhelmed after listening to ur voice after such a long time...love you
हमारे देश में भी 'चली है रस्म कि कोई न सिर उठा के चले', लेकिन सच ये भी है कि कोई जुल्म-ज्यादती, कोई झूठ सच्चे इंसानों को जितनी बेरहमी से दबाना चाहता है, जन-गण-मन उतनी ही बेरहमी से ऐसे तानाशाहों को एक झटके में खारिज कर देता है....सुबह जरूर होती है, रोजाना
बेशक
Lo ni hu😅
Tum Pakistan jao vahan badi Shanti hai koi tanashahi nahin hai koi Dharm ka bhedbhav nahin aur international survey mein wahan ke log bade Khush hai
Jab Hindustan mein mugalon ka Raj wapas a jaega tab a Jana
इस फासीवादी सोच को छोड़ो हिटलर भी इसी सोच के साथ आगे बढ़ा था मगर देश का नुक़सान करके आत्म हत्या की थी।
एक बुद्धिजीवी की बात दूसरा बुद्धिजीवी ही समझ सकता है
कविता में शायरी में आपका काफी रुझान है और मैं जो प्रयास कर रहा हूं वह आपको जरूर पसंद आएगा आप एक बार आकर जरूर पधारें और आनंद ले !
Kitni sweet voice hoti h yar inki.
Love your voice.
Haan yaar lata se bhi achchi?
Mere qayal se Faiz Ahmed Faiz sir ne ye saara nazm Qayamat ke din ka Manzar saamne rakke ye Nazm likhi... Kya nazm hai wah..
@@chefnikhatskitchenlucknow4872 ha bilkul... Ye ek tamacha ek alarm bell hai un leaders pe jo apne aapko khuda maang gaye...
My is Nazm ko ek Revolution maanta ho... Jo apne aap me ek aisi quwwat deti hai ki sari dunya se ladjao..
Beutiful voice with excellent translation. I required for, thanx
Each and every line very well explained.Faiz is an immortal poet.Salute to the greatest shyar 🙏🙏
Brain dead woman.
बहुत उमदा
Lovely voice, beautiful way of explaination
The best presentation of Faiz's poetic vision and the legend.
Present protests has realised the power of poetry........When time comes it is such poets and their poetry takes the charge and drive the world. Truly importance of.poems is being realised now.
Bahut khub Fabiha sayyed ji jitna pyara apka naam hai utni hi pyari apki awaz hai...mai tahe dil se apse guzarish karta hun ek baar puri nazm ek sath suna den...nachiz intezar karega shukriya
Ham dekhenge lazim hai ki ham bhi dekhenge, suna to bahut pahle tha BBC ke programme par or lagatar sunta rha hoon thanks to bbc for that, and today thanks to the Quint for explaining meaning of each word of it again thank you The Quint for real and authentic news.
Insa Allah ham Phir dekhenge,,
ham dekhenge lazim hai ki ham dekhenge
Aapki voice bahut pyari h 👌👌👌👌👌👌 ham dekhenge........
Jai shri ram
Baatil Se Dabne Waale Aay Aasman Nahi Hum...
Sau Baar Kar Chuka Hai Tu imtehaan Hamaara...
Muslim Hain Hum Watan Hai Saara Jahan Hamara...
Saare Jahan se Achha Hindustan Hamara...🇮🇳
Great attempt to interpret great poetry, tribute to Faiz
Faiz the revolutionary poet....... The symbole of Resistance. ....... One of the favourite poet ...... I recite two revolutionary poems including this one in school .......
This poem of faiz is good not best........ You should also pormote other revolutionary poems of faiz
बहुत-बहुत शुक्रिया आपकी इस कार्रवाई की वजह से हम इस को ठीक से समझ सके अन्यथा हम बिल्कुल भी नहीं समझ पा रहे थे
bahut hi Acchi bilkul sach ya Allah Apne momin bandoin ki hifazat farmaye Summa Ameem Asslamu Alaikum warehmattullhi wabarakatuhu
Fabiha tumhari awaaz gungunane aur batane ka andaz bahut piyara h
So beautiful thanks....
बहुत अछा समझाया जी आपने
What a nice interpretation in an effective and deep voice with beautiful pronunciations of Hindi, Urdu and English.
Poetry, music and wind are beyond boundaries, Those are confined by confined brains.
@NM Apne gyaan ka mulyankan kar lo bhai.
Vigya lagte ho.
Isase pahle ki Hindu Muslman bano
Zaroori hai jaanvar se Insaan bano.
@@prempathakaddaUrdu hi asli Hindi Zuban hain😂
Hum dekhenge inshaallah
Bahut khoob. Thank you for your lovely interpretation.
जागा मजूरा दुनिया का
जागा मजूरा दुनिया का दुनिया का मजूरा जागा है
वसुधा के कण-कण कण में इंक्लावी हुंकार लिए
ज़ुल्म को जलाने के लिए जागा मजूरा दुनिया का ।
स्वाभिमान मान अधिकार लिए,आदमीयता की पुकार लिए
अभिलाषा अभिमान लिए,अनुराग राग उल्लास लिए
नव-विहान-क्रांति गीत लिए, जागा मजूरा दुनिया का ।
भूख का दर्शन रौशन करना है,इतिहास नया लिखा देना है
सृष्टि का भूगोल बदलकर,साहित्य नवल गढ़ देना है
प्राचीर पर लाल झंडा फहराने,जागा मजूरा दुनिया का ।
प्रजातंत्र का अधम माफिया,सत्ता पर बैठा कब्ज़ाकर
तानाशाही का ताज तोड़ दो,फासीवादी का चकनाचूर कर
आवारा-राजनीति ध्वस्त करने,जागा मजूरा दुनिया का ।
आवाम की दौलत लुटनेवाला,अर्थ-लुटेरा दवंग क्रूर है
शोषण दमन ज़ुल्म ज्यादती से,मानव में क्रंदन कोलाहल है
अधिकार के लिए शस्त्र उठाने, जागा मजूरा दुनिया का ।
न्याय चंद टुकड़ो पर बिकता, न्यायालय में बाज़ार खुला है
मानवता से लथपथ प्राण को, निरंकुशता ने हर स्वर कुचला है
न्यायालय में कोहराम मचाने,जागा मजूरा दुनिया का ।
ક્યા ખૂબ લીખા હે.
આપ જેસે દેશભક્ત દીલવાલો કો દીલ સે સલામ🌹🌹🌹
Nice... Ham dekhenge
बहुत ख़ूब
Very nice explanation, presentation with perfection in a very good literary style. Thanks to فبھا سید 🌷
Nice massage with nazam of faiz sahab
Yes hum bhi dekhenge inshallah
بہت بہت مبارک سر جی ایسے ہی کبھی کبھی کچھ نظموں اور غزلوں کے تشریح دیتے رہیں یہ سراہنے ہے۔
Bohot Bohot Mubarak Sir Jee Aese Hee Kabhi Kabhi Kuch Nazmon Or Gahazlon Ka Vistaarit Anuwaad Dete Rahiye Yeh Saraahniye He
Very well explained, very well narrated,
very nicely sang, l appreciate her voice with meaning. Well Done 👍.
Very true..Appreciate
Thanks for clip and Bahot hi pyara voice h mam Apka
Very helpful to understand the "beautiful & meaningful Nazm"- "Hum Dekhenge" of the great poet Faiz Ahmed Faiz . Thanks🌹🙏
bs naam rhega allah ka sb but yani murti utare jayenge is great line??
Great explaination, I am a fan of Faiz Sahib, but never understood this ghazal. Thank you mam for excellent explanation.
So many thanks for explain in a good way as it's want. 🌹 I,m glad to hear it. Many many happy returns to you for taking this kind of step.
Brief but concise without any distortion. Good explanation.
What an interpretation!
Love you from my soul!
God bless
Bhut hi Shukriya, Apka.
Apne Jo explanation diya Hai kmsekm usse galat Vaham to dur hoga..
और राज करेगी ख़ल्क़ ए ख़ुदा जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
Very nice thankyou..
Wonderfull explanation. Great. Hope the prayer of Faiz gets acceptance all over the world in our life time.
लाजवाब
Thank you for the upload.
Beautifully narrated and lucidly explained.
WOW! I hope anyone explains our National Song(Vande Mataram) also
👏🏼👏🏼👏🏼. Really if it wasn't come into the controversy I couldn't know such high literature .Full poem in ur voice plz🙏🙏.
Well explained.... thank you Sabiah Syed!
बहुत खूबसूरत व्याख्या। बहुत सुंदर नज़्म। धन्यवाद ❤❤
फैज साहब के बाद और भी बहुत से शायरों ने आजादी और वतन के लिए लिखा होगा ब्लॉग पर देखिएगा धन्यवाद
Masha Alaah bht khubsurat awaz h aapki mam, or bht hi khub trauma Kiya h aapne.
In these days person like you who understand and explain the truth is needed.. true value of knowledge trust truth and justice must be appreciated ❤
the poem in itself is beautiful with an awe-inspiring message, especially to the pakistani army brass which took over the nation on several occasions, however selective verses of this poem were used by jamat i islami in pakistan against non muslims in that country n thats exactly how these verses were weaponised in india the other day.
the context in which these verses were used was disgusting n not the poem or faiz, who penned it, unaware that it will be used by radicals one day, kind of people he fought against his entire life.
Rightly said.
Bahoot pyari awaz me padha apne or samjhaya 💐❤️❤️
Voice of her😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍✌✌✌✌✌
Great tarjuma, beta aapne dil khush kar diya. Aaj ke reference me hindustan ke AHL e khudaon ko ye batane ki bahut zaroorat hai.
आज के दौर में नज़रों, शायरी की ज़रूरत नही है क्योंकि ज़ुल्म की इंतिहा हो चुकी है! वक्त ज़ुल्म के ख़िलाफ़ इक जुट होकर उसी ज़ुबान में जवाब देने की ज़रूरत है
A poem is interpreted in various ways, it depends upon the critic. Faiz Ahmed was a revolutionary poet, during the tenure of Gen. Ziaul Hoque, this revolutionary poem was written. We can say that Faiz showed all oppression and coercion that Ziaul Hoque did upon the people of Pakistan.... Here, the poet trying to say that all oppression and coercion has an ending and this ending is the day of final judgement where every dictator and self proclaimed God will be questioned and the justice would be prevailed. In the end of the poem he said that in the day of final judgement everything will be destroyed, only the almighty Allah will be there. Poet has tried to make us recall the day of final judgement.
Insha allah ham dekhenge 👍👍👍👍👍👍👍
Bahut khoob
Ana = میں .... मैं , me , l ( in Arabic language ) . Al = ( " the " in Arabic . e.g. 'al-kabeer' means 'the big' , al-bait means the house , al-salaam ( pronounced as as-salaam ) means the-salaam . "Haq " is arabic word for right or reality , also one of the name of God in Arabic / Quran . " Ana al-Haq / An'al Haq " (in Arabic languages ) = l am right / reality / on right path which is eternal truth of God ( in English language ) = Ahm Brahma asmi ( in Sanskrit ) मैं ब्रह्मा हूँ ( हिंदी मै ) = मै खुदा की सच्चाई की राह / ईश्वरीय सत्य के मार्ग पर हूँ ( اردو , Urdu भाषा मे ) . Dr. U.A. NRI doctor from Saudi Arabia / Maulana Azad Medical College , Bahadur Shah Zafar Marg , Khooni Darwaza , New Delhi - 2 . / Anjuman Tarraqi Urdu-e-Hind , Ali Manzil , Kucha Pandit , Lal Kuan , Delhi -6 ( President : Janab Maheshwar Dayal Sahab ; General Secretary : Hameeda Begum ( eldest sister of Ex- President of lndia Janab Fakharuddin Ali Ahmed sahab ).
Wow excellent work
HUM BHI DEKHENGE INSHAALLAH ❤️
Bahot umdah! ❤❤
Bahut hi best awaj mam Jay bhim
Simply excellent, truly suit to current situation of India....
सब बुराई सिर्फ भारत में ही दिखता है?
@@prasantasen8660 ki😅
Ji😊 by hu
Kk ee ft gt fr fr r lo
Kk oo😊
Wow your voice is so beautiful 😍😍 i wanna hear the whole nazm together in your Voice
Bohut khoobsoorat aawaaz hai apki or accent to zabardast hai
Bahutkhubmasaalah
Excellent way of expla 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Such a sweet voice...👌
Bahut sundar
Bahut hi achchhe se samjhaya....Dhanyavaad.