*ਵਾਹਿਗੁਰੂਜੀਕਾਖਾਲਸਾ॥ ਵਾਹਿਗੁਰੂਜੀਕੀਫਤਿਹ॥* *ਹੋਲੀਕੀਨੀਸੰਤਸੇਵ॥* I celebrate the festival of Holi by serving the Saints. *ਰੰਗੁਲਾਗਾਅਤਿਲਾਲਦੇਵ॥੨॥* I am imbued with the deep crimson color of the Lord's Divine Love. ||2||
आजकल सिख कौम के लोग इस नारे को बहुत जोर शोर से बोल रहे हैं। वे सोचते हैं कि जिसके सिर पर केश और जो जन्म से सिख परिवार में पैदा हो गया, गुरुद्वारे जाता है वह केवल खालसा है। मगर इसके लिए हमे खुद गुरु गोबिंद सिंह जी की वाणी से समझना होगा कि खालसा कौन है। खालसा का मोटा मोटा अर्थ सब जानते हैं जो शुद्ध और पवित्र है। मगर गुरु साहिब कहते हैं पूरन जोत जगे घट में तब खालस ताहि न खालस जाने पूर्ण जोत कौन सी? वही, जिसे कबीर साहिब कहते हैं दिवा जले अगम का बिन बाती बिन तेल ।। वेबजह मांस खाने वाले, शराबी, नशेड़ी, गाली गलौच देने वाले, घमंडी, औरतो व माया में लिप्त सरदार अगर पगड़ी पहनने व मत्था टेकने से अपने को खालसा समझ रहे हैं तो वो उनकी बहुत बड़ी भूल है। अगर गुरु साहिब ने कहा है कि खालसा धरती पर राज करेगा तब वो पूर्ण सच है। मगर पहले यह तो पता लगा लो कि सच्चा खालसा कौन है? केवल शुद्ध, पवित्र आत्माये ही धरती पर एक दिन राज करेंगी। आज कितने सिख सुमिरन करते हैं, अनहद शब्द सुनते हैं, कितने शराब व वेश्यागमन से दूर रहते हैं? कितने माया से दूर रहते हैं? क्योंकि गुरु ग्रंथ साहिब में लिखा है कि माया नागिन जगत रही लिपटाय इसकी सेवा जो करे तिस ही को फिर खाई। ग्रन्थ साहिब में इसे माया सर्पनी, नागिन आदि कहा है। मगर अफ़सोस कि आज सिख कौम सबसे ज्यादा इसी सर्पनी के डंक से ग्रसित है। चमक दमक, वैभव, माया का जीवन देश विदेश में सिख खूब जी रहे हैं, जिसके कारण वे गुरु ग्रन्थ साहिब की आध्यात्मिक शिक्षाओं को जानते तक नही ।। गुरुद्वारे में मत्था टेक कर और केवल वे शब्द सुनकर आ जाते हैं, जो उन्हें पता ही नही ये क्या कह रहे हैं। सेवा व लंगर खिलाना बहुत पूण्य का काम है, मगर बिना सुमिरन जप व अ बानी सुने कोई खालसा नही बन सकता। जिसके अंदर भी वह जोत प्रगट होगी वही खालसा है और वो किसी भी पंथ व धर्म का हो, वही खालसा राज करेगा
*ਵਾਹਿਗੁਰੂਜੀਕਾਖਾਲਸਾ॥ ਵਾਹਿਗੁਰੂਜੀਕੀਫਤਿਹ॥*
*ਹੋਲੀਕੀਨੀਸੰਤਸੇਵ॥*
I celebrate the festival of Holi by serving the Saints.
*ਰੰਗੁਲਾਗਾਅਤਿਲਾਲਦੇਵ॥੨॥*
I am imbued with the deep crimson color of the Lord's Divine Love. ||2||
आजकल सिख कौम के लोग इस नारे को बहुत जोर शोर से बोल रहे हैं। वे सोचते हैं कि जिसके सिर पर केश और जो जन्म से सिख परिवार में पैदा हो गया, गुरुद्वारे जाता है वह केवल खालसा है। मगर इसके लिए हमे खुद गुरु गोबिंद सिंह जी की वाणी से समझना होगा कि खालसा कौन है। खालसा का मोटा मोटा अर्थ सब जानते हैं जो शुद्ध और पवित्र है। मगर गुरु साहिब कहते हैं
पूरन जोत जगे घट में तब खालस ताहि न खालस जाने
पूर्ण जोत कौन सी? वही, जिसे कबीर साहिब कहते हैं दिवा जले अगम का बिन बाती बिन तेल ।।
वेबजह मांस खाने वाले, शराबी, नशेड़ी, गाली गलौच देने वाले, घमंडी, औरतो व माया में लिप्त सरदार अगर पगड़ी पहनने व मत्था टेकने से अपने को खालसा समझ रहे हैं तो वो उनकी बहुत बड़ी भूल है। अगर गुरु साहिब ने कहा है कि खालसा धरती पर राज करेगा तब वो पूर्ण सच है। मगर पहले यह तो पता लगा लो कि सच्चा खालसा कौन है? केवल शुद्ध, पवित्र आत्माये ही धरती पर एक दिन राज करेंगी। आज कितने सिख सुमिरन करते हैं, अनहद शब्द सुनते हैं, कितने शराब व वेश्यागमन से दूर रहते हैं? कितने माया से दूर रहते हैं? क्योंकि गुरु ग्रंथ साहिब में लिखा है कि
माया नागिन जगत रही लिपटाय इसकी सेवा जो करे तिस ही को फिर खाई।
ग्रन्थ साहिब में इसे माया सर्पनी, नागिन आदि कहा है। मगर अफ़सोस कि आज सिख कौम सबसे ज्यादा इसी सर्पनी के डंक से ग्रसित है। चमक दमक, वैभव, माया का जीवन देश विदेश में सिख खूब जी रहे हैं, जिसके कारण वे गुरु ग्रन्थ साहिब की आध्यात्मिक शिक्षाओं को जानते तक नही ।। गुरुद्वारे में मत्था टेक कर और केवल वे शब्द सुनकर आ जाते हैं, जो उन्हें पता ही नही ये क्या कह रहे हैं। सेवा व लंगर खिलाना बहुत पूण्य का काम है, मगर बिना सुमिरन जप व अ बानी सुने कोई खालसा नही बन सकता। जिसके अंदर भी वह जोत प्रगट होगी वही खालसा है और वो किसी भी पंथ व धर्म का हो, वही खालसा राज करेगा
Itna ashaaaa.dharam hai......log badnaam karne pe tuke hai...jo bole so nihaaaalaa... Satsriyaal kaaaaaaal.......jai hind jai bharat...
Please send this nihungs to India china border let's rejuvenate our battle strength.
@Amandeep Singh absolutely right bro but they fight for their country and religion only