बाबा साहेब अंबेडकर और हिन्दू धर्म || आचार्य प्रशांत (2024)
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- Опубликовано: 12 сен 2024
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वीडियो जानकारी: 23.05.24, वेदान्त संहिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
बाबा साहब ने हिन्दू धर्म क्यों छोड़ा?
अंबेडकर ने कौन सा धर्म अपनाया है?
क्या अंबेडकर दलित थे?
क्या अंबेडकर ब्राह्मण होते हैं?
अंबेडकर कौनसी जाति के थे?
अंबेडकर कौन बिरादरी के थे?
का जाति:।
जाति रीति च।
न चर्मणो न रक्तस्य न मांसस्य न चास्थिन:।
न् जातिरात्मनो जातिर्व्यवहारपरकल्पिता।।२०।।
शरीर (त्वचा, रक्त, हड्डी आदि) की कोई जाति नहीं होती।
आत्मा की भी कोई जाति नहीं होती।
जाति तो व्यवहार में प्रयुक्त कल्पना मात्र है।
~ निरालंब उपनिषद् (श्लोक १०)
तर्हि को वा ब्राह्मणो नाम।
ब्राह्मण किसे माना जाए?
जो आत्मा के द्वैत भाव से युक्त न हो;
जाति, गुण और क्रिया से भी युक्त न हो;
काम-रागद्वेष आदि दोषों से रहित,
आशा, मोह आदि भावों से रहित;
दंभ, अहंकार आदि दोषों से मुक्त;
वही ब्राह्मण है।
ऐसा श्रुति, स्मृति-पुराण
और इतिहास का अभिप्राय है।
यही उपनिषद् का मत है।
~ श्लोक 9, वज्रसूचिका उपनिषद् (सार)
न त्वं विप्रादिको वर्णो नाश्रमी नाक्षगोचरः।
असङ्गोऽसि निराकारो विश्वसाक्षी सुखी भव।।
न तुम ब्राह्मण इत्यादि किसी वर्ग के हो, न वर्ण व्यवस्था से तुम्हारा सम्बन्ध है। जो कुछ भी आँख द्वारा देखा जा रहा है वो तुम नहीं हो। तुम तो असंग हो, निराकार हो और समस्त दृश्यमान जगत के साक्षी हो।
AG 1.5
1. जाति न पूछो साधू की, पूछ लीजिये ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ी रहन दो म्यान ।।
~ संत कबीर
2. कबीरा कुआँ एक है, पानी भरै अनेक ।
बर्तन में ही भेद है, पानी सबमें एक ॥
~ संत कबीर
3. एक बूँद एकै मल-मूत्र, एक चाम एक गुद ।
एक ज्योति से सब उत्पना, कौन बामन कौन शूद ॥
~ संत कबीर
4. जाति हमारी आत्मा, प्राण हमारा नाम।
अलख हमारा इष्ट है, गगन हमारा ग्राम।।
~ संत कबीर
5. ऊँचै कुल में जनमिया, जे करणी ऊँच न होई।
सोवन कलस सुरै भरया, साधु निंदया सोइ।।
~ संत कबीर
संगीत: मिलिंद दाते
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जैसे शोषण करने वाला सबका शोषण करता है,उसी प्रकार बचाने वाला सबको बचाता है,यह कहना गलत होगा कि बाबा साहेब ने सिर्फ दलितों को बचाया, उन्होंने पुरे हिन्दुस्तान को बचाया है,
🌟👏
Right.
बाबा साहेब को सिर्फ किसी एक वर्ग से जोड़ के नही देखना चाहिए, शोषक सबका शोषण करना चाहेगा
और रक्षक सबकी रक्षा करना चाहेगा।
बाबा साहब के स्त्री सशक्तिकरण में भी खास भूमिका है।
कबीर कुआं एक है,पानी भरे अनके,
बर्तन में ही भेद है,पानी सब में एक ।
हिन्दू समाज का बेड़ा गर्क यानी भैठा बैठाने में वैसे तो बहुत से कारण और विचार विचारणीय हैं पर चार कारणो के में नाम गिनाए देता हूं
1. पहला जाति पांती 2. दूसरा उससे ऊपजा ऊंच नीच 3. तीसरा धार्मिक अंधविश्वास और 4. चौथा धर्म के नाम से उपजा पाखंड
जहां पांच मिनिट किसी के साथ बैठ जाओ तुरंत कास्ट पूछी जाती है, टीचर्स बहुत casteist होते हैं, बॉस casteist होते हैं, मकान मालिक casteist होते हैं, बस जहां स्वार्थ होता है वहां चुपचाप रहते हैं, चाहे वो हॉस्पिटल हो चाहे रेस्तोरां चाहे बस या फ्लाइट
आदरणीय प्रशांत भाई.नमो बुधाय.आप साहबजी बहुत सटिक समजाया. आदरणीय साहबजी गांधी तिलकऔर बाबा साहबजीके विचारधाराओं प्रकाश डालीये.दिपक सुबोध.अहमदाबाद.
अध्यात्म ,राजनीति, विज्ञान, दर्शन, मनोविज्ञान , current affair, इतिहास, फिल्मे , प्रचलित मान्यताएं, निजी समस्याएं, और न जाने ऐसे कितने ही क्षेत्र है जिन से लोगों द्वारा आचार्य जी से प्रश्न किए जाते हैं क्या ऐसा कोई और है जिनसे इतने प्रकार के प्रश्नों को पूछा जाता हो
प्रत्येक विषय पर उनके वीडियो उपलब्ध है और उन्हें जो सुनेगा उनका लाभ अवश्य होगा
आचार्य जी कहते हैं कि आप अपनी तकलीफ खुद ही दूर कर सकते हैं आपको किसी और की जरूरत नहीं है
Dr ambedkar ji ko like karne vale ❤❤ karo
सबसे बड़ी बिमारी गरीबी और उस से भी बड़ी बिमारी जातिवाद
❤❤❤🙏🏼प्रणाम आचार्य जी🙏🏼🎉🎉🎉
बहुत शानदार व्याख्यान रहा आचार्य जी का आचार्य जी जिस तरह से मेहनत कर रहे हैं उसमें एक दिन जब सफलता मिलेगी और समानता भी आएगी और देश में तरक्की करेगा
जाति न पूछो साधु की,पूछ लिजिए ज्ञान,
मोल करो तलवार की,पड़ी रहने दो म्यान ।
धन्यवाद आचार्य जी
Mash Allah ❤ Acharay jee . Zinda baad .from pakistan
आचार्य जी प्रणाम।
हम कभी भी हमारा दर्शन नही पढ़ना चाहते। खुद का दर्शन स्थापित करते रहते है सब चीजों में।
🌟
मेरा आचरण मेरे बोध से आयेगा, समाज के कानूनों, रस्मों रिवाजों से नहीं आयेगा, कृष्ण,वेदांत,गीता ,सत्य, से आयेगा मेरा आचरण, समाज से नहीं आयेगा
👏🌟🌟🌟
गंदगी छोड़नी होती है, सच्चाई थोड़ी ही छोड़नी होती है, और गंदगी जरुर छोड़ो, लेकिन भूसे के ढेर में हीरा मत छोड़ो
❤ ਬਹੁਤ, ਵਧੀਆ। ਤੁਸੀਂ, ਜਾਤ ਪਾਤ ਦੇ ਕੁਫ਼ਰ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਬਣਾਇਆ ਏ। ❤
भूसा छोड़ो हीरा नही , वेदान्तिक दर्शन नही छोड़ना हैं परंपरा छोड़नी होती है।
धन्यवाद गुरु जी 🙏❤
गीता रूपी रस वास्तव में बड़ा मीठा है
मुझे बहोत आनन्द मिलता है जब मैं ये समझता हूं कि मुझे मानव जीवन मिला ही है गीता रुपी रस का पान करने के लिए
मैं धन्य हो गया इस मानव रुपी शरीर को पा कर जिस शरीर के द्वारा मैं गीता को पड़ कर मैं महसूस कर पा रहा हूं की जैसे (गीता रूपी पानी में मैं मछली बन कर डूब रहा हूं और आनंदित होकर तैर रहा हूं) मैं धन्य हो रहा हूं (हे ! प्रभु आपकी लीला आप ही जानें)
Achary prashantji bahut acchha samazaya hai ki Dr Ambedkar kyony hinduism ko tyaga.akhari samay tak unhone hidu dharmko sudharne ka prayatna/kosis kee .he bitterly criticised koo ritiya of hinduism means he is the real hero of uplift ment of hinduism
It is a very interesting talk , I listen from a social point of view , it applies to all . In our childhood we use to have moral science class in school it was not connected to any religion but on the philosophy of being a human being and one' s role in society . Your lecture reminds me of that . Very refreshing !
Right sir Jai bhim Jai sbidhn
Jahar ko jahar hi Marta h lagatar sunte jawo acharya Ji ko apka jahar bhi nikal jayega
Sach bat karte hai aap
Duniya ko aap jesey logo ki jarurat hai
आचार्य जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम्!
❤ बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
भ्रम में पड़ गया सुनकर। आचार्य प्रशांत गोल गोल घुमा रह है।
Jay ho ParamPujya Sadguru Aachrya Parshant Ji Maharaaj ki🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Just beautiful!❤🙏🙏🙏
જય ભીમ જય ભારત જય સંવિધાન સત્ય મેવ જયતે ☸️🖋️🤝❤️👍
🙏🏻🙏🏻👍👍
Nice video
जाति हमारी आत्मा,गोत्र हमारा ब्रह्म,
सत्य हमारा बाप है, मुक्ति हमारा धर्म।
Bhut jahar hai inme obc sc st ke prati
💯
સત્ય મેવ જયતે નમો નમઃ બુદ્ધાય
Namskar
धर्म का एक मात्र उद्देश्य है मुक्ति का,किसकी मुक्ति अंहकार की
सिर्फ वही किताब शास्त्र कहलाने योग्य है, जो अहम् की मुक्ति की बात करती हो,
Bohat achay samajay. .pranam
आचार्य जी कोटि कोटि नमन 🙏🏼
❤
🙏❤
प्रणाम आचार्य जी
🙏
AP❤🙏
Sir ये बारहमान धर्म है जो की इसमें टोटल स्वार्थ है ,इसलिए हमें उस धर्म को त्याग देना चाहिए
❤❤❤❤❤
Good morning
🙏🙏🙏🙏🙏
19:00 In ancient times, personal occupation was chosen according to Guna (ability, eligibility) and Karma, but today that Varna system has been made birth based by the cunning Pandits, religious leaders and people in power, and many people have been forcibly kept away from education by saying that they do not have the right to study scriptures.
प्राचीनकाल मे गुण (योग्यता, पात्रता) और कर्म के अनुसार व्यक्तिगत व्यवसाय का चयन होता था ,किंतु परंतु आज उस
वर्ण व्यवस्था को धूर्त पंडित, धर्मगुरुओ, सत्ता के लोगों ने जन्मआधारित बना दिया, और बहुत से लोगों को बलात् शिक्षा से दूर कर दिया कि इन्हे शास्त्र-अध्ययन का अधिकार नही है।
Often listening to your lectures and finding appropriate directions for a smooth life. 🙏
This video should be watched by all the leftist people..
धर्म हम जीना सिखात है भिन्नता नही💯💯💯💯
Jati ko khatam kro na
ईस समयतो दलीत ही जाती वाद बढारहे है सायद आरक्षण केलीये भी हो सकता है ज़माना स्वार्थ का। हय
😂😂
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