Dol Jhulat Hai Gridharan Jhulavat Bala | Dol Ke Pad | Pushtiras

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  • Опубликовано: 5 сен 2024
  • डोल झुलत हे गिरिधरन झुलावत बाला ।
    निरख निरख फूलत ललितादिक श्रीराधावर नंदलाला ॥१॥
    चोवा चंदन छिरकत भामिनि उडत अबीर गुलाला ॥
    कमल नयन को पान खवावत पहरावत उरमाला ॥२॥
    वाजत ताल मृदंग अधोटी कूजत वेणु रसाला ।।
    नंददास युवती मिल गावत रिझवत श्रीगोपाला ॥३॥

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