कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की Ph.D उपाधि हेतु ऋषिराज द्वारा लिखे हुए शोधोपाधि ग्रन्थ का खण्डन भाग -१

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  • Опубликовано: 17 дек 2024

Комментарии •

  • @tukaramchinchanikar4280
    @tukaramchinchanikar4280 2 года назад +4

    विदुषा माताजी को दंडवत प्रणाम! ये पाश्चात्योंका षड्यंत्र हैं जिसका खण्डन आवश्यक हैं|

  • @sanskritavumsanskriti
    @sanskritavumsanskriti 2 года назад +20

    माता पुष्पा दीक्षित जी और उनका विद्वन्मण्डल इस कार्य की भर्त्सना और खण्डन करने के लिए पर्याप्त सामर्थ्य रखते हैं ।

    • @sumitadasgupta1084
      @sumitadasgupta1084 Год назад

      यह इन लोगों का विरोध पूरी तरह दुर्भावना प्रसूत है। ऋषि जी ने ऐसा कोई गलत काम नहीं किया है जिसके लिए भर्त्सना की जाए। आने वाली पीढ़ी के लिए उनके काम बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होंगे।
      भारत की उन्नति इसीलिए इतनी मंद गति से हो रही है क्योंकि यहां के विद्वत जन समस्त इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के ऊपर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। अब ऐसा नहीं होगा।
      मेरी प्रार्थना है इस वीडियो को देखने वाले ऋषि जी के उस पेपर को अवश्य ही पढ़ें। तभी समझ में आएगा कि उसमें क्या है। इन लोगों की आधी अधूरी बातों से कुछ समझ में नहीं आएगा।

  • @podurisundaramohanarao7721
    @podurisundaramohanarao7721 2 года назад +1

    एतत्‌‌ शृत्वा धन्योस्मि अहम्।

  • @sudheer88
    @sudheer88 2 года назад +1

    श्री परमात्मने नमः
    श्री ऋषिभ्यो नमः
    श्री गुरुभ्यो नमः
    धन्यवादः

  • @roopakrishna7360
    @roopakrishna7360 2 года назад +13

    माताजी आपने हमारी आंखें खोल दी। Protected us (learners) from being misguided. It is not possible to learn Sanskrit at an advanced level without a Teacher. Guru - Shishya Paddhathi is indispensable. हे माता नमस्तुभ्यं।🙏🙏🙏🙏

  • @satyamsundar5
    @satyamsundar5 2 года назад +4

    माँ ! यह आप नहीं माँ भारती को उद्घोष हैं।
    🕉️🇮🇳🙏🇮🇳🕉️

  • @skumarsharma9124
    @skumarsharma9124 2 года назад

    सर्व प्रथम माताश्री को सादर चरण स्पर्श।
    संस्कृत और अंग्रेज़ी में सबसे बड़ा अंदर यही है कि वेदभाषा संस्कृत पढ़ने वाले लोग माताश्री पुष्पा दीक्षित जी के समान संस्कृत के प्रकांड पंडित बनते हैं और अंग्रेजी में संस्कृत पढ़ने वाले लोग पोपट बनते है।
    नाम ऋषिराज रखने से कोई ऋषि नही बन जाता।
    ऋषि और पंडित ये दोनों उपाधियां है जो केवल और केवल योग्य संस्कृत विद्ववानों को ही मिलती हैं।
    माताश्री का इस पोपट के पाखंड का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए यूं सामने आना बहुत ही प्रेरणादायक है।
    नाज़ होता है कि हमारे देश मे माताश्री जैसे साहसी वैदिक विद्वान अभी भी मौजूद हैं।
    मेरी सभी वैदिक विद्वानों से अपील है कि माताश्री ने पोपट के पाखण्ड को निस्तोनाबूत करने की जो शपथ ली है उसको साकार करें और ऋषि परम्परा को ना सिर्फ जीवंत रखें अपितु ऋषियों के नाम को कलंकित करने की इस विदेशी साजिश का पर्दाफाश करें।

  • @avalokiteshwara
    @avalokiteshwara 2 года назад +3

    अन्धपरम्पराप्राप्तविवरविगलिताक्रोशरससंलिप्ताः तथाकथितविद्वांसः अकर्मण्याभिमानदम्भसमन्विताः मात्सर्यभावेनाच्छादिताः सदा नवीनविचारस्य मर्दनं कुर्वन्ति। भारते परम्पराप्राप्ताः परम्पराभक्षकाः मे मन्ये।

  • @mishraravi8487
    @mishraravi8487 2 года назад +4

    माता जी को सादर प्रणाम करता हूं।

  • @philosophicalthought5687
    @philosophicalthought5687 Год назад

    आपने सही कहा है माते !!👌👌🙏🙏

  • @mishraanup128
    @mishraanup128 Год назад

    नमो नमः माता जी🙏🙏🙏।।

  • @dr.h.poornimamohan1439
    @dr.h.poornimamohan1439 2 года назад +13

    नमो नमः 🙏
    भारत की वरिष्ठ व्याकरणशेमुषी आदरणीय पुष्पा दीक्षितजी का इस विषय में प्रतिकरण प्रतीक्षित एवं आश्वासप्रद है... !
    शोधकर्त्ता के वाद का निराकरण करने केलिए केवल एक बात की ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहूँगी | शोधार्थी ने 'विप्रतिषेधे परं कार्यम्' सूत्र की जो व्याख्या प्रस्तुत की है, वह मूलतः वाक्यविन्यास की दृष्टि से त्रुटिपूर्ण तथा पाणिनिविरुद्ध है। यदि पाणिनि ने सूत्र का अर्थ ऐसे चाहा होता जैसे कि ऋषि राजपोपट साबित करना चाहते हैं, तो वे "विप्रतिषेधे परस्य" सूत्र बनाते न कि "विप्रतिषेधे परं कार्यम्"!

  • @Psritalx
    @Psritalx 2 года назад +9

    नमोनमः। बुहुबहुधन्यवादाः पूज्यश्रीमहोदये। जयतु सनातनधर्मो जयतु संस्कृतं संस्कृतं जयतु संस्कृतभारतम्॥

  • @Harsh-ih8nq
    @Harsh-ih8nq 2 года назад +1

    खंडनम् अति आवश्यक। 🙏🏼

  • @ManishKumar-tp1oe
    @ManishKumar-tp1oe 2 года назад +3

    सत्यकथयती भगवती।

  • @sandhyaranishukla4785
    @sandhyaranishukla4785 Год назад

    प्रणाम आचार्या जी ऋषिराज के शोधप्रबंध का खंडन करना आवश्यक था। इस कार्य में आपके महनीय सहयोग को बारम्बार प्रणाम।संस्कृतज्ञ व संस्कृत अनुरागियों को आपके द्वारा किए गए सार्थक खंडन की प्रतिक्षा थी।

  • @bjchauhanchauhan6417
    @bjchauhanchauhan6417 Год назад

    PUSHHPAJEE , DRISHHTATAA KARNE WALON KEE AISE HEE MOTEE CHAMDEE UDHANEE ANIVAARYA HAI ! TAAKEE BHARATIYA ASMITA KEE AVHELNA AUR APAMAAN KARNE WALON KEE KHAIR NA RAHE !
    DHANYAWAAD !

  • @vikasj5249
    @vikasj5249 2 года назад +4

    नमन माता जी। धन्यवाद कि आपने टिप्पणी की। मेरा भी यही अभिप्राय है/था जब मैंने राजपोपट का समाचार और विडीओ देखा।

  • @Sunnu-c9x
    @Sunnu-c9x 2 года назад +3

    नमोनमः दीदी हम सब आप से शतप्रतिशत सहमत है।🙏🙏🙏

  • @yogita0369
    @yogita0369 2 года назад +10

    इसकी हृदय से प्रतीक्षा थी😊🙏🏻

  • @sanjayshinde1787
    @sanjayshinde1787 2 года назад +5

    Great courage to bring truth forward...

  • @sudanshrestha3524
    @sudanshrestha3524 2 года назад +1

    सादर प्रणाम 🚩🚩🚩🇳🇵🇳🇵🇳🇵

  • @urmisharma4871
    @urmisharma4871 Год назад

    माता जी को प्रणाम

  • @balvyasanandji9620
    @balvyasanandji9620 2 года назад +4

    Mata ji Pranam

  • @mjcreationworld2970
    @mjcreationworld2970 2 года назад +2

    Media kis baat ki waah wahi kar ra h...... Smjh nhi aa ra mata ji aap is vishaya ko lekar samne aayi hn iske liye aapka kotish dhanyawaad 🙏🙏🙏🙏

  • @chetantripathi1959
    @chetantripathi1959 2 года назад +1

    माताजी आपको कोटिशः प्रणाम !
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

    • @gaurav8267
      @gaurav8267 Год назад

      ये आरंभ जो गीत आता है वो कहाँ मिलेगा ?

  • @abhijeetpandey0171
    @abhijeetpandey0171 2 года назад +5

    माता जी, कुछ लोग इस काम के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं जो कि बहुत खेदनीय है।

  • @manjulatasharma2233
    @manjulatasharma2233 2 года назад +4

    दीदी सादर प्रणाम
    आपकी ओजस्वी वाणी को नमन । प्रतीक्षा है उस खण्डन मण्डन की ।

  • @NareshSingh-iu2fo
    @NareshSingh-iu2fo 2 года назад +5

    प्रणाम माताजी, आपके उत्तर की प्रतीक्षा थी, पाणिनीय शब्दविज्ञान पर प्रश्न खडा करना धृष्टता ही है, जो भगवान् पाणिनि ने सिद्ध किया उसे असिद्ध बताना शास्त्रविरुद्ध ही है, खण्डन आवश्यक है

  • @swetasingh2373
    @swetasingh2373 2 года назад

    Mam bilkul shi

  • @chandapal5263
    @chandapal5263 2 года назад +1

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💪💪💪👍👍👍👍👍

  • @VikramVidyarthi330
    @VikramVidyarthi330 2 года назад +1

    धन्यवाद दादी जी🙏

  • @shabda-sudha-pravaahini-2024
    @shabda-sudha-pravaahini-2024 2 года назад +2

    *शास्त्ररणचण्ड्यै नमो मात्रे* 🙏🙏

  • @brpragyanchaitanya9442
    @brpragyanchaitanya9442 2 года назад +3

    खंडन वाले पूरे वीडियो की प्रतीक्षा है।

  • @Anmolupadhyay1sv3qy8u
    @Anmolupadhyay1sv3qy8u 2 года назад +2

    धन्यवाद माता जी 💯💯🙇‍♂️🙇‍♂️😎

  • @sanskritaswadhyay0330
    @sanskritaswadhyay0330 2 года назад +6

    माता जी प्रणाम🙏

  • @shirishatre4769
    @shirishatre4769 2 года назад +1

    माताजी, आपके ये वीडियो से मन प्रसन्न हो गया

  • @PAWANJA-lv3ib
    @PAWANJA-lv3ib 2 года назад +1

    आप बिल्कुल सही कह रही हैं दादी मां

  • @amolkadam1215
    @amolkadam1215 2 года назад +2

    प्रणाम माताजी |

  • @satyanarayantiwariji6194
    @satyanarayantiwariji6194 2 года назад +2

    Hamare Desh mein Mata ji aapka bada yogdan hai aapke charanon mein कोटि-कोटि pranam

  • @DrAkJhaSanskrit
    @DrAkJhaSanskrit 2 года назад +2

    Pranmaah matri shakti charneshu. Shobhna ukti. 👏👏🙏

  • @Rajivarya403
    @Rajivarya403 2 года назад +1

    प्रणाम माता जी 🙏🙏🙏🙏

  • @freesanskriteducation3622
    @freesanskriteducation3622 Год назад

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ds3578
    @ds3578 2 года назад

    Dhanayavad

  • @भवशङ्करदेशिकमेशरणम्

    🙏🌷🌺 "सादर चरणस्पर्श माँ" 🌺🌷🙏

  • @mohansonawane6339
    @mohansonawane6339 2 года назад +1

    🙏🙏🙏

  • @dr.narayansamai1514
    @dr.narayansamai1514 2 года назад +2

    Pranam matashree🙏🙏🙏

  • @ManishKumar-tp1oe
    @ManishKumar-tp1oe 2 года назад +2

    ❤️❤️❤️

  • @pankajpandit9731
    @pankajpandit9731 2 года назад +1

    अति उत्तम मां जी ❤️❤️🙏🙏

  • @NeelimaRanjeet
    @NeelimaRanjeet 2 года назад +12

    प्रणाम माताजी।जैसा कि अद्वैत जी ने कहा कि सब टाइटल्स भी लिख सकते हैं ताकि अधिक से अधिक लोग(भारत के बाहर भी) इसे सुन व समझ सकें। कोटिश: प्रणाम।

    • @dr.surekhadas2004
      @dr.surekhadas2004 2 года назад +1

      Pranam Mataji 🙏🙏Dr Surekha DAS

    • @dr.surekhadas2004
      @dr.surekhadas2004 2 года назад +1

      Hame Hame Dwand me Rakhata hei Hamara Grammar ko Apayash Karata hei

  • @saradhagopalan7217
    @saradhagopalan7217 2 года назад +2

    प्रणाम माताजी। 🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️

  • @Ground-ed
    @Ground-ed 2 года назад +9

    Subtitles add कीजिये please. तब भारत के बाहर के लोग भी समझ पायेंगे ।

  • @PAWANJA-lv3ib
    @PAWANJA-lv3ib 2 года назад +1

    प्रणाम दादी🙏

  • @tarunasgaur9360
    @tarunasgaur9360 2 года назад +2

    प्रणाम माता जी
    मैं भी आपसे मिलना चाहती हूँ इस विषय को समझने के लिए , ये वाकई हैरान करने वाला स्टेटमेंट है कि 25 सौ साल से भारत में जो लिखा पढ़ा गया वो गलत आधार पर था.....ऋषि ने ये भी नहीं बताया कि उनकी कैम्ब्रिज में शिक्षा के लिए खर्च उठाने वाले कौन हैं?

  • @umangtomar9776
    @umangtomar9776 2 года назад +5

    अगला भाग देखने की उत्सुकता हो रही है कब तक आयेगा

  • @siddarthmahajan8857
    @siddarthmahajan8857 2 года назад

    अतिउत्तम

  • @neelamrazdanwali7058
    @neelamrazdanwali7058 2 года назад

    bahu dhanayavadah

  • @pushpaavenuu
    @pushpaavenuu 2 года назад

    Jo bhee ye video dekh rahe hain please like this video so that we can prove that we are one

  • @vimalasrecipes2740
    @vimalasrecipes2740 2 года назад +1

    प्रणाम माताजी

  • @Fantastics_Beats
    @Fantastics_Beats Год назад

    🔥🔥🔥🤔
    पोपट जी ने पोपट बना दिया।
    सत्य क्या है? में अभी भी कन्फ्यूज हु। कोन सत्य बोल रहा है।
    🤣🤣

  • @manojkumartanwar6132
    @manojkumartanwar6132 2 года назад +1

    माता जी का कथन इस बात की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त ही कि राजपोपट का शोध केवल मूर्खता ही नहीं इस राष्ट्र की महान् आचार्य परम्परा को नीचा दिखाने की धृष्टता है। ऐसे में इस कार्य की घोर भर्तस्ना करनी चाहिए। और प्रबल विरोध दर्ज करना चाहिए।

  • @radheKrishna4245
    @radheKrishna4245 2 года назад +1

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @Rushikeshraghab
    @Rushikeshraghab 2 года назад

    Too interesting
    Sampurna video send kijiye plz

  • @jyotsana6234
    @jyotsana6234 2 года назад +1

    🙏

  • @rajuswami991
    @rajuswami991 2 года назад

    पाणिनि ने शब्द ब्रह्म का साक्षात्कार तात्कालिक अँचल की प्रकृति में विचरण करते हुये प्राप्त किया था। जबतक अक्षर ब्रह्म का ज्ञान ना हो, कोई अष्टाध्यायी जैसे ग्रंथ रच नहीं सकता। फिर भी पोपट जी ने जो पक्ष रखा है उसकी आलोचना होनी चाहिये। आखिर उन्होंने क्या शोध प्रपत्र रखा।

  • @rameshdravid4443
    @rameshdravid4443 Год назад

    *"निरस्त पादप क्षेत्रे एरण्डोऽपि द्रुमायते "* जिस देश मे न संस्कृत हो, न हि संस्कृति हो उनसे हम क्या प्रतीक्षा कर सकते हैं ? * *अष्टाध्यायी जगन्माता, अमरकोषो जगत्पिता* इन दोनों के बिना सभी शास्त्र अधूरा है। आ गये बड़े विद्वान पोपट लाल!! क्या सही क्या ग़लत समझाने..... अभी भी भारत विद्वानों से रिक्त नहीं है ! सावधान!!!!!

  • @maheshpatel_2310
    @maheshpatel_2310 2 года назад

    यथार्थ

  • @Harshit_joshi861
    @Harshit_joshi861 2 года назад

    माता जी को धन्यवाद। मैने भी गुरु परंपरा द्वारा ही पाणिनी व्याकरण का अध्ययन किया है मध्यसिद्धांत द्वारा । इन्होंने जो व्याख्या की है वह मुझे भी समझ नही आई

  • @SKY-ct7px
    @SKY-ct7px 2 года назад +1

    यही कारण है कि भारत में कोई नई खोज हो नही पाता क्योंकि यहां के प्रोफेसर के अहंकार के सामने सब नतमस्तक हो जाते है...न इन्होंने उनकी थीसिस पढ़ी,पढ़ने से पहले ही इतना जहर उगल रही है....कैसी शिक्षिका है ये। शर्मनाक।🙏🏼🙏🏼🙏🏼

    • @dr.abhijitdixit9188
      @dr.abhijitdixit9188 2 года назад

      आप शायद माता जी के व्यक्तित्व, उनके अध्ययन, उनके द्वारा संचालित गुरुकुल परम्परा इन सभी से परिचित नहीं हैं। कृपया विस्तृत अध्ययन करें 🙏

    • @HinduPhoenix
      @HinduPhoenix 2 года назад

      तुमको कैसे पता की नहीं पढ़ी?
      उनके घर में रहते हो या कोई दिव्य दृष्टि है हो तो हमें भी बताइए।

    • @HinduPhoenix
      @HinduPhoenix 2 года назад

      जब विषय का ज्ञान न हो तो चुप रहा करो। कूकुर जैसे भौंको मत

    • @गीतमाला-ठ7छ
      @गीतमाला-ठ7छ 2 года назад

      आप विदुषी हो ..इसमें संदेह नही। पर आप की वाणी खण्डन मण्डन की उदात्त परम्परा को नही निभाती । इतना क्रोध किस पर...अगर आप सही है .तो इतनी बोखलाहट क्यों..परिमार्जन ही संस्कृत की शुद्धि का सार है। ओर यह सतत चलना चाहिए। इस तरह का व्यवहार तो टीका टिप्पणीकारो को हतोत्साहित कर देगा। वाद प्रतिवाद , खण्डन मन्डन , इस भाषा की जिजीविषा को प्रकट करते है इन्हें चलने दे। और रही तथ्य विमुख विचारो के खण्डन की बात ...तो आप जैसे विद्वतजन है तो सही ..फिर इतनी चिंता इतना गुस्सा किस बात का।

  • @sukhdevbhatt3785
    @sukhdevbhatt3785 2 года назад

    🙏🙏

  • @anonymous74961
    @anonymous74961 2 года назад +3

    Dear All, Please send this video in all your WhatsApp groups and other social media platforms.

    • @classicuppi
      @classicuppi 2 года назад

      I would like to know the gist of what Pushpaji is saying.

    • @gaurav8267
      @gaurav8267 Год назад

      @@classicuppi she is saying that rushiraj popat has misinterpreted panini's grammar. His research is baseless and wrong. Maharishi panini grammar book ashtadhyayi is based on algorithmic sutras.

    • @classicuppi
      @classicuppi Год назад

      @@gaurav8267 Thank you.

  • @LokeshSharmaa
    @LokeshSharmaa 2 года назад +1

    नमोनमः
    यावत् अहम् पठितवान् ऋषिराजस्य उक्तिः सम्यक् भाति माम्।
    किन्तु यद्यपि तस्य पक्षः दूषितः स्यात् तथापि भवत्याः प्रतिक्रिया सम्यक् न भाति अस्मिन् विषये।
    यदि सः असमीचानम् वदति तर्हि निश्चयेन तस्य भर्त्सना करणीया किन्तु पूर्वे निश्चयं कृत्वा यत् ऋषिराजः तु असमीचीनम् एव वदति इति तदनन्तरं तस्य खण्डनम् इति तु शत्रुतायाः प्रतिपादनं भाति न तु संवादः। केवलं विजयार्थम् एषः जल्पः भविष्यति।

  • @vivekpadhiyar4295
    @vivekpadhiyar4295 2 года назад +1

    १) ऋषिनामा जनोयं भाषते यत् इयं समस्या पूर्वतनैः न ज्ञाता। अतः इदं स्पष्टं यत् इयं समस्या नासीत्। अनेन स्वयं काचित् समस्या उद्भाविता समाहिता च। अधुना रवं करोति यत् २५०० वर्षपूर्वं या समस्या आसीत् सा तेन समाहिता।
    २) स वदति तस्य काचित् आचार्या द्वादशकक्षाध्ययनकाले आसीत्। तामयं पृष्टवान् कञ्चित् प्रश्नम्। सा उत्तरं दातुम् अक्षमा। तदा अनेन निर्णीतं यदियं समस्या मया समाधेया। परन्तु तस्याः तद्विषये अज्ञानमस्ति चेत् इदं वक्तुं न शक्यते यत् इयं समस्या पाणिनीयव्याकरणजगति प्रारम्भतः आसीदिति। कस्याश्चिद् अज्ञानं संस्कृतजगतः अज्ञानमिति वक्तुं न शक्यते।
    ३) किमियं समस्या पतञ्जलिना कैयटेन नागेशेन वा न ज्ञाता। किम् काशिकाकारेण न्यासकारेण पदमञ्जरीकारेण वा न ज्ञाता। संस्कृतव्याकरणस्य यावन्तो विद्वांसः अभूवन् तेषु कोपि समस्यामपि न जानाति इति वक्तुं शक्यते वा।
    ४) किमयं जनः संस्कृतस्य ग्रन्थेषु क्वापि इयं समस्या उल्लिखिता समाहिता वा नास्ति इति वक्तुं शक्नोति। किं तेन सर्वे ग्रन्था अधीता यावता। काचित् समस्या अस्ति चेत् तस्याः समाधानं पूर्वं क्वापि नास्ति इति प्रतिपादनोत्तरं खलु केनापि वक्तव्यम् यत् समाधानं नास्ति इति। यदि अनेन ताः सर्वाः टीकाः नाधीताः तर्हि कथमयं ब्रूते यदियं समस्या तेन समाहिता इति।

    • @saurabhmishra1106
      @saurabhmishra1106 2 года назад

      सत्यमुक्तं भवता , अनेन स्वयमेव समस्योत्पादनमुपकृत्य स्वयमेव समस्या समाधीयते 🤣

  • @durgadattc
    @durgadattc 2 года назад +2

    कृपया ये स्पष्ट कीजिए कि आप महर्षि कात्यायन की आलोचना से नाराज हैं या पोपट के अनुसंधान गलत होने से नाराज हैं? अगर पोपट का संस्कृत संबंधित अनुसंधान त्रुटिपूर्ण या पूरा ही गलत है और आपके पास कोई और अनुसंधान है तो बताइए।

  • @mayankvswild5517
    @mayankvswild5517 Год назад

    Kaha gaye lalantop Wale

  • @sumitadasgupta1084
    @sumitadasgupta1084 Год назад

    ऋषि जी ने पाणिनी को गलत नहीं कहा है बल्कि पाणिनी के नियम को सहीं बताने के लिए ही आगे के विद्वानों को गलत बताना पड़ा है। रही बात कात्यायन और पतंजलि को भ्रांत बताने की, तो इससे पहले खुद कात्यायन और पतंजलि ने भी पाणिनी को भ्रांत बताकर उनके नियम के ऊपर अपने नियम थोपे हैं। उसका क्या कहेंगे?

  • @bindiyamaru6092
    @bindiyamaru6092 2 года назад +1

    If you need my help, please feel free to reach out.

    • @classicuppi
      @classicuppi 2 года назад

      I would like to know what she says. I do not understand Haindi well.

    • @bindiyamaru6092
      @bindiyamaru6092 2 года назад

      @@classicuppi she's saying that the recent news on BBC about Mr Popat from Cambridge is an insult to all scholars of India. She's right. The boy hasn't said anything or found anything new.

    • @sreeshbhat5693
      @sreeshbhat5693 2 года назад +1

      @@classicuppi due to some technical error subtitles couldn't be loaded...so it will be made available soon..!

    • @classicuppi
      @classicuppi 2 года назад

      @@bindiyamaru6092 thank you. I

    • @classicuppi
      @classicuppi 2 года назад

      @@sreeshbhat5693 thank you

  • @kaushalbx
    @kaushalbx 2 года назад +1

    Aapne sabkuch bola magar us research k bare me kuch nhi bola. Aap agar se siddh kr sakti ki kaise wo galat hai uski discovery kaise aapko ya bahut sare sanskrit vidwano ko pahale se pata thi.
    Aapne bas upar upar ki personal chijo ko bola aap us research k upar kuch nhi boli.

  • @pankajnerurkar8869
    @pankajnerurkar8869 2 года назад +1

    माताजी, आपके विलाप का कारण ज्ञात नही हो पा रहा है । तथ्यों पर वाद अपेक्षित है । आपका द्वेष तथा क्रोध स्वागतार्ह नही है । हिंदी में कहीं सारे उर्दू शब्दों का प्रयोग करना भी शोभनीय नही है । क्षमस्व । छोटा मूंह बडी बात ।

  • @melio_das4543
    @melio_das4543 2 года назад

    Dadi ji phale indo aryan migration theory ko linguistics se counter kro 😂 woh aapke shastr sammat parampara wale acharayo ki bass ki nhi hain

    • @gaurav8267
      @gaurav8267 2 года назад

      Dadi ji ki jalan saaf dikh rhi hai us young ladke se . Inko to khush hona chahiye tha .

    • @dr.abhijitdixit9188
      @dr.abhijitdixit9188 2 года назад +1

      आप शायद माता जी के व्यक्तित्व, उनके अध्ययन, उनके द्वारा संचालित गुरुकुल परम्परा इन सभी से परिचित नहीं हैं। कृपया विस्तृत अध्ययन करें 🙏

    • @HinduPhoenix
      @HinduPhoenix 2 года назад

      @@dr.abhijitdixit9188 अरे ऐसे लोग जो म्लेच्छ भाषा का गुणगान करते ना थकते हों उनको समझना व्यर्थ है।
      यदि कोई व्यक्ति किसी का खंडन करे तो ये पहले आ जायेंगे जलन का प्रमाणपत्र पकड़ाने।
      ऐसे सुअर जैसों के मुंह लगना व्यर्थ है।

  • @rsbharvi7228
    @rsbharvi7228 2 года назад +1

    चरण स्पर्श

  • @krishnakantmishra7232
    @krishnakantmishra7232 2 года назад +5

    माता जी प्रणाम 🙏🙏🙏

  • @priyachariar4508
    @priyachariar4508 2 года назад

    🙏

  • @Fantastics_Beats
    @Fantastics_Beats Год назад

    🔥🔥🔥🤔
    पोपट जी ने पोपट बना दिया।
    सत्य क्या है? में अभी भी कन्फ्यूज हु। कोन सत्य बोल रहा है।
    🤣🤣

  • @AjaySharma-fi6bw
    @AjaySharma-fi6bw 2 года назад

    माता जी प्रणाम🙏