पूरे वक्तव्य को सुनकर लगता है S. Tarlochan Singh जैसे लोगों ने देश में समस्याओं का लालन पालन किया है Sir Ashwani upadhaye, sir Satya prakash ji सच्चाई के साथ रहने और विषम परिस्थितियों में समस्याओं से लड़ने के लिए Salute 👏👏👍👍
संविधान के अनुच्छेद 29 -30 के अधिकार एवं संरक्षण, धार्मिक एवं भाषाई, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक रूप से कमजोर को अल्पसंख्यक समुदायो की जरूरत है। राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यको को राज्य स्तर पर लाने की आवश्यकता है। जिससे नागरिक अधिकारों का उल्लंघन ना हो, केन्द्र सरकार के असीमित शक्ति को कम करने की ज़रूरत है। राज्यसभा टीवी का धन्यवाद!
Satya Prakash is one of the most most sound guests on this show. Very understanding and apt in his role as a guest on a TV show. Satya Prakash and J Sai Deepak are an asset to the debates on RSTV. 😉👍😁
Ek taraf to sardar hi kah rahe hai ki minority ko kya milta hai na ke barabar,dusri taraf ro bhi rahe hai ki khatam kardo sikho ko.aur sanctity bhi bata rahe hai matlab kanoon se nahi darr se chalega desh wo bhi minority ke,kamal hai
आरएसटीवी पर पहली बार किसी वक्ता को तर्कों के बजाय संवेदनाओं को वरीयता देते देखा है ।(त्रिलोचन जी) अश्विनि जी ने बहुत ही तर्कपूर्ण ढंग से अपनी बात को रखा है । हृदय से आभार 🙏🙏🙏
सबसे पहले राज्य सभा टी वी को मै धन्यवाद देता हूँ कि आपने यह debate करवाया और SC Advocate Mr.Ashvini Upadhyay Ji को धन्यवाद देता हूँ जो यह मुद्दा SC मे उठाया है ,अगर हमारे देश में जब सब कुछ सविधान के तहत होता है तो फिर यह अल्पसंख्यक मुद्दा जिस तरह Constitution मे लिखा है वैसे ही लागू करने की जरुरत है |
अलपसंख्यक विषय पर बहुत ही शानदार चर्चा ,साथ ही इसमे शामिल अतिथियों का दूरदर्शी होने के साथ- साथ सवयं भी अलपसंख्यक वर्ग से संबंधित होना इसे और जीवंत बनाता है।तरलोचन सिंह जी द्वारा कही गई बात जहां यह बताती है कि इससे तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न होगी एक हद तक ठीक है लेकिन वही दूसरी ओर उपाध्याय जी द्वारा कही गई बात भी तर्कसंगत है।अब बात क्योंकि देश के भविष्य की है इसलिए जरूरत है कोई ऐसा मध्यममार्ग निकालने की जिससे तीव्र प्रतिक्रिया से बचा जा सके साथ ही सही तरीक़े से अल्पसंख्यक को परिभाषित करने की जिससे हमारे देश के किसी वर्ग के साथ अन्याय न हो।
भारत विश्व की दूसरी सबसे विशाल आवादी वाला देश है जो विभिन्न धर्म जाति और सम्प्रदायों मे बटा हुआ है ऐसे मे देश मे धर्म और जनसंख्या के अधार पर राज्य स्तर पर उनको अल्पसंख्यक का दर्जा देना एक चुनौती भरा काम है।लेकिन अल्पसंख्यको के हितो की रक्षा करना अल्पसंख्यक आयोग और सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। धन्यवाद राज्य सभा टीवी
ये बहुत ही निराशा की बात है कि देश के संविधान में अल्पसंख्यक को परिभाषित नहीं किया गया है इसलिए अब समय रहते इस मुद्दे पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है ताकि राज्यस्तर जो वास्तव में अल्पसंख्यक हैं उनकी पहचान हो सके और वह किसी भी तरह के लाभ से वंचित न रह जाएं..।। धन्यवाद राज्यसभा टीवी🙏
Are Rizvi sahabh aise toh ek SC St dusre state mein SC St nhi rehta .. lekin tab BHI hota hai na Bilkul state level pr Hona chaiye 97% Muslims lakshwadep ke minority Hai 3% Hindus majority Hai Yeh khud ba khud constitutional article 14 Ka violation
सिखों की देश मे बहुत ही ज्यादा इज्जत की जाती है और सम्मान मिलता है, आपकी बात से में बिल्कुल भी सहमत नहीं हूँ तरलोचन सिंह जी,फिर भी आपकी बात का सम्मान करता हूँ।
Ashwini ji well done, thank you for opening our eyes and taking care of people who are suffering because of this unequal treatment faced by them. At one point we say that our country is federal and on other point we say that minority will be defined on the basis of the country. This is not fair and just. Minority are living in a state, state is a unit of administration, their lives and their potential is within the state, hence minority status must be given on state basis not national basis. National is a consciousness, but state is the place of action of the people.
अश्विनी जी बहुत बड़ीया काम कर रहे है।उन्होंने माइनॉरिटी के अतिरिक्त two child policy ke liye याचिका दायर की है इसके लिए उन्हें धन्याद। because overpopulation is the biggest problem of india.
अल्पसंख्यकों की पहचान राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा दी जाने वाली परिभाषा के अनुसार रजिस्तरीय की जानी चाहिए ताकि असल मायने में जो अल्पसंख्यक समुदाय हे उन्हें लाभ मिल पाए।
भारतीय संविधान को 68 वर्ष हो चुके है, वस्तुतः 1950 का भारत, 2019 के भारत से पूर्णतः अलग है ऐसे में समय आ गया है कि भारत के संविधान में ऐसे प्रावधान हो जो वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक हो। इसलिए अल्पसंख्यक समुदाय की परिभाषा एवं उनके नए प्रतिमान गढ़ने की आवश्कता है। धन्यवाद
Minority ko paribhashit krne k lye hme sabhi aspects ko consider krna chye na ki sirf religion or population k adhar or unke empowerment pr vishes dhyan dene ki jarurat h jisse vo bhi desh k vikash me apna jyada se jyada yogdaan de ske, dhanywad rstv!
Tilochan Singh is talking like an uneducated person, no facts only political thought , may be he is from Congress party , please don't call this type of people
Your statement is correct bro on Tilochan Singh .their behavior like an uneducated person which have no original facts to define who is real minority in country,they are always tocking like a politician in whole debate.thanku
संघीय ढांचे को और मजबूत करते हुए "अल्पसंख्यक" मुद्दे की संरचना को राज्य स्तर पर ले जाने की जरूरत है क्योंकि मौजूदा प्रावधान दिवास्वप्न दिखाने से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
Upadhyay ji tusi to hit ho Ravindra schanji, aapse meri anurodh hai aap ek reservation ki healdy discussion krvayiye or usme upadhyay ji ko jaroor bulvayiye Plz rstv plz
Ashwini jii bilkul sahi keh rahe hai,ab yeh state level pe hone chaiye Kyoki jab UP ka OBC Haryana mai ja kar General mai aa jata hai,toh minority status ke sath aisa kyo nahi
आज जरूरी है कि अल्पसंख्यक लोगो को क्षेत्र के आधार पर आरक्षण दिया जाए ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके इसे राज्य अपने स्तर पर लागू करे जहा जो अल्प संख्या में है उन्हें वहां इसका लाभ मिले
today's debate on minority definition criteria is very useful and knowledgeable. this issue demands more hour but i have to say the criteria of this should be stable.
well said especially mr Rizvi when he said how it will be implementd on state wise to which Ashwini sir replied the way reservation is being implemented
Trilochan singh doesn't have point to prove n become emotional as he are also demanding minority reservation according to him reservation can't be a sensitive issue & definition of minority is a sensitive issue.
अल्प संख्यक समुदायों के लिए संविधान के अनुच्छेद 29,अनुच्छेद 30 में प्रावधान किये जाने के साथ साथ समय समय पर सरकारों के द्वारा भी इनके संरक्षण के लिए प्रयास किये गए जैसे अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना करना,जैन समुदाय को 2014 में अल्प संख्यक का दर्जा प्रदान करना इत्यादि किंतु आज यह विडम्बना ही है कि इन्हें न तो संविधान में परिभाषित किया गया है और न ही इसके लिए प्रयास किये गये अतः इन समुदायों को परिभाषित करने के साथ-साथ बहुसंख्यक समुदाय की तरह ही अधिकार प्रदान करने चाहिए। राज्य सभा टीवी का धन्यवाद।
एक लोकतांत्रिक, बहुलवादी राजनीति में अल्पसंख्यक अधिकार आवश्यक हैं। फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने कहा है कि "कोई भी लोकतंत्र लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता है जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों की मान्यता को अपने अस्तित्व के लिये मौलिक नहीं मानता है"। संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को परिभाषित न करने का कारण उस समय की परिस्थितियाँ थीं लेकिन आज की परिस्थिति के अनुसार, इसमें बदलाव आवश्यक है। भारत लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और लोक कल्याणकारी राज्य है। अतः सभी वर्गों के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। संविधान सभा ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए संविधान में भाषायी और धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों को संरक्षित करने की बात की लेकिन अल्पसंख्यक को परिभाषित करने से परहेज़ किया। बदलते परिदृश्य में अब समय आ गया है क़ि राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि प्रादेशिक स्तर पर अल्पसंख्यकों को परिभाषित किया जाए, जिन राज्यों में जिस समुदाय के लोग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से तथा जनसंख्या के आधार पर अल्पसंख्यक हैं, उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए।
Hahaha....mza agya debate me....tarlochan ji kaafi senior hain wo emotional ho hi jayenge....ashawni ji sabd bohot saare satya ko prakat krne k liye..aapko tarlochan ji ko dhayaan me rkhkr bolna tha....waise ashwani ji type ppl much needed in debates.
Minority scale measure in state level not a country level... This is the true at right time to change it immediately because create indifference between majority and minorities...
here, the debate is only about religious minorities ..... whats' about linguistic minorities, whats' about cultural minorities, whats' about distinct scripts???? very sensitive issues, donot make it political...
As u said same line as said by trilochan singh then why government made Hindu Code bill at that time that can also a sensitive issue and politics is every where without politics u cant run a State. By thinking this as u r trying to say we have not to solve the issue of j&k 370 & 35-A & other all old as triple talaq & uniform civil code n more matter which are sensitive.
But ye chuppi kb tk .. ..sch kb tk khamosi jhelegi ... Waise bat political hai hi nhi adhikar ki bat h or adhikar ke liye lrna ydi aapke liye political hai to ye aapki problem h
कविंद्र जी आपको इस कार्यक्रम का वक्त एक घंटे का कर देना चाहिए और अश्विन जी जैसे लोगों को अधिक समय मिलना चाहिए ताकि उनकी जानकारियों से लाभान्वित हुआ जा सके..
पूरे वक्तव्य को सुनकर लगता है S. Tarlochan Singh जैसे लोगों ने देश में समस्याओं का लालन पालन किया है
Sir Ashwani upadhaye, sir Satya prakash ji सच्चाई के साथ रहने और विषम परिस्थितियों में समस्याओं से लड़ने के लिए Salute 👏👏👍👍
Ashwini ji to pura prepared hokr aaye hain...😄👍
संविधान के अनुच्छेद 29 -30 के अधिकार एवं संरक्षण, धार्मिक एवं भाषाई, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक रूप से कमजोर को अल्पसंख्यक समुदायो की जरूरत है।
राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यको को राज्य स्तर पर लाने की आवश्यकता है।
जिससे नागरिक अधिकारों का उल्लंघन ना हो,
केन्द्र सरकार के असीमित शक्ति को कम करने की ज़रूरत है।
राज्यसभा टीवी का धन्यवाद!
Hahah sahi kha bhai
*ASHWANI HIT THE NAIL ON THE HEAD!!! LOVED IT!!!*
True.....
अश्विनी सर आते रहे तो upsc वालों की polity की answer writing सुधर जाये। । well don👍👍
Right Mere Bhai.
👌
Yes
Please RSTV aapka time increase Kar do 45-50 minutes...ye half rehta hai Maja nahi aata...
TODAY'S DISCUSSION- HIT HIT HIT
SPECIALLY-ASHWANI UPADHYAY
Then it was gonna lead the Fight .. Mr. Singh vs. Mr. Upadhyay 😂
Sahi kaha ...
Satya Prakash is one of the most most sound guests on this show. Very understanding and apt in his role as a guest on a TV show. Satya Prakash and J Sai Deepak are an asset to the debates on RSTV. 😉👍😁
There should be an Advocate in every debate like- J SAI DEEPAK & ASHWANI UPADHYAY
just amazing 😀
सत्य प्रकाश जी बडे सहज व्यक्तित्व के धनी है।
उपाध्याय जी बहुत सही विंदु बिल्कुल सही तरीके से उठाया है।
Sardar ji bade emotional ho gye 😀😀😀😀
Manmohan copy h🤷🏻♂️
Ek taraf to sardar hi kah rahe hai ki minority ko kya milta hai na ke barabar,dusri taraf ro bhi rahe hai ki khatam kardo sikho ko.aur sanctity bhi bata rahe hai matlab kanoon se nahi darr se chalega desh wo bhi minority ke,kamal hai
Ashwini ji..very well said....I totally agree with ur point.✌️✌️
Bhut hi Sahi mudda uthaya hai upadhyay ji ne ..bakai me aaj waqt bhut badal chuka hai ..alpsakhyank ki definition honi hi chahiy India me ..
आरएसटीवी पर पहली बार किसी वक्ता को तर्कों के बजाय संवेदनाओं को वरीयता देते देखा है ।(त्रिलोचन जी)
अश्विनि जी ने बहुत ही तर्कपूर्ण ढंग से अपनी बात को रखा है ।
हृदय से आभार 🙏🙏🙏
सबसे पहले राज्य सभा टी वी को मै धन्यवाद देता हूँ कि आपने यह debate करवाया और SC Advocate Mr.Ashvini Upadhyay Ji को धन्यवाद देता हूँ जो यह मुद्दा SC मे उठाया है ,अगर हमारे देश में जब सब कुछ सविधान के तहत होता है तो फिर यह अल्पसंख्यक मुद्दा जिस तरह Constitution मे लिखा है वैसे ही लागू करने की जरुरत है |
I agree with Advocate Ashwani ji
Supreme Court should start the hiring on this issue.
अलपसंख्यक विषय पर बहुत ही शानदार चर्चा ,साथ ही इसमे शामिल अतिथियों का दूरदर्शी होने के साथ- साथ सवयं भी अलपसंख्यक वर्ग से संबंधित होना इसे और जीवंत बनाता है।तरलोचन सिंह जी द्वारा कही गई बात जहां यह बताती है कि इससे तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न होगी एक हद तक ठीक है लेकिन वही दूसरी ओर उपाध्याय जी द्वारा कही गई बात भी तर्कसंगत है।अब बात क्योंकि देश के भविष्य की है इसलिए जरूरत है कोई ऐसा मध्यममार्ग निकालने की जिससे तीव्र प्रतिक्रिया से बचा जा सके साथ ही सही तरीक़े से अल्पसंख्यक को परिभाषित करने की जिससे हमारे देश के किसी वर्ग के साथ अन्याय न हो।
भारत विश्व की दूसरी सबसे विशाल आवादी वाला देश है जो विभिन्न धर्म जाति और सम्प्रदायों मे बटा हुआ है ऐसे मे देश मे धर्म और जनसंख्या के अधार पर राज्य स्तर पर उनको अल्पसंख्यक का दर्जा देना एक चुनौती भरा काम है।लेकिन अल्पसंख्यको के हितो की रक्षा करना अल्पसंख्यक आयोग और सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
धन्यवाद राज्य सभा टीवी
Bilkul Sahi bhai
ये बहुत ही निराशा की बात है कि देश के संविधान में अल्पसंख्यक को परिभाषित नहीं किया गया है इसलिए अब समय रहते इस मुद्दे पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है ताकि राज्यस्तर जो वास्तव में अल्पसंख्यक हैं उनकी पहचान हो सके और वह किसी भी तरह के लाभ से वंचित न रह जाएं..।।
धन्यवाद राज्यसभा टीवी🙏
Ashwini Upadhyay Ji kafi study krke aye h
Are Rizvi sahabh aise toh ek SC St dusre state mein SC St nhi rehta .. lekin tab BHI hota hai na
Bilkul state level pr Hona chaiye
97% Muslims lakshwadep ke minority Hai 3% Hindus majority Hai
Yeh khud ba khud constitutional article 14 Ka violation
सिखों की देश मे बहुत ही ज्यादा इज्जत की जाती है और सम्मान मिलता है, आपकी बात से में बिल्कुल भी सहमत नहीं हूँ तरलोचन सिंह जी,फिर भी आपकी बात का सम्मान करता हूँ।
Ashwini ji well done, thank you for opening our eyes and taking care of people who are suffering because of this unequal treatment faced by them. At one point we say that our country is federal and on other point we say that minority will be defined on the basis of the country. This is not fair and just. Minority are living in a state, state is a unit of administration, their lives and their potential is within the state, hence minority status must be given on state basis not national basis. National is a consciousness, but state is the place of action of the people.
Half an hour is not enough for this debate...!
बिल्कुल स्टेट लेवल पर अल्पसंख्यक को डिवाइड करना चाहिए आर्थिक राजनीतिक पिछड़ेपन को देखते हुए डिसीजन लेना चाहिए कि अल्पसंख्यक कौन है
Jbrdsttttt debate hai ye
@Ashvini sir to well prepared hain✌️✌️✌️
Thanks@kavindra Sachan sir
अश्विनी जी बहुत बड़ीया काम कर रहे है।उन्होंने माइनॉरिटी के अतिरिक्त two child policy ke liye याचिका दायर की है इसके लिए उन्हें धन्याद। because overpopulation is the biggest problem of india.
Jawab of tilochan Singh's question - in Indian Constitution language is also is the basis of minority
This is called educated person...well Aswin upadhya sir
best debate ever, Ashwini Upadhyay sir ,you rocked
Tarlochan Singh ji Aapke Jaise se chalenge tab toh ho chuka
Ashwini ji absolutly right minority status should be according to how that community is dominating the politicaly and educationaly in state.
बहुत खूब अश्विजी जी की हर बात लॉजिकल थी। पूर्व अध्यक्ष की बातों में बुढ़ापे का असर दिखा।
Ashwani upadhayay nailed it.
upadhyay ji ne 100% sahi mudda uthaya hai charcha ka vishay hai
अल्पसंख्यकों की पहचान राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा दी जाने वाली परिभाषा के अनुसार रजिस्तरीय की जानी चाहिए ताकि असल मायने में जो अल्पसंख्यक समुदाय हे उन्हें लाभ मिल पाए।
.....♨️Thanks Satya Sir♨️.....
.....🌋Jay Maharashtra🌋.....
Satya sir you are awesome........🌋
My favourite show..sir satya prakash is my all tym favourite .anchor is amazing..ashwini sir full form mai aae hai
Debate Should be 40 to 45 Minutes please RSTV Team
It Will be very Helpful to US
Upadhyay Ji ... jai ho ...
Very good ... you are right...
भारतीय संविधान को 68 वर्ष हो चुके है, वस्तुतः 1950 का भारत, 2019 के भारत से पूर्णतः अलग है ऐसे में समय आ गया है कि भारत के संविधान में ऐसे प्रावधान हो जो वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक हो। इसलिए अल्पसंख्यक समुदाय की परिभाषा एवं उनके नए प्रतिमान गढ़ने की आवश्कता है।
धन्यवाद
Minority ko paribhashit krne k lye hme sabhi aspects ko consider krna chye na ki sirf religion or population k adhar or unke empowerment pr vishes dhyan dene ki jarurat h jisse vo bhi desh k vikash me apna jyada se jyada yogdaan de ske, dhanywad rstv!
Kavin Sir
Iss topics par agar aagay discussion ho toh Ashwini ji ko jaroor bulaana
Gajab ka debate diye ...
Ashwini Upadhyay ji
Lovely debate...
Today Minorities are more influential and powerful... By money, see Jain's ,Muslim's and Sikh influential and powerful...
asvini ji ne polity k answer likne bahut sare point de diye.thanks.
Tilochan Singh is talking like an uneducated person, no facts only political thought , may be he is from Congress party , please don't call this type of people
Your statement is correct bro on Tilochan Singh .their behavior like an uneducated person which have no original facts to define who is real minority in country,they are always tocking like a politician in whole debate.thanku
संघीय ढांचे को और मजबूत करते हुए "अल्पसंख्यक" मुद्दे की संरचना को राज्य स्तर पर ले जाने की जरूरत है क्योंकि मौजूदा प्रावधान दिवास्वप्न दिखाने से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
Shandar behas... paaji gussa hogaye
People who are office bearers are talking emotionally not logically.
There must be definition for MINORITY and population must be one of its criteria.
Upadhyay ji tusi to hit ho
Ravindra schanji, aapse meri anurodh hai aap ek reservation ki healdy discussion krvayiye or usme upadhyay ji ko jaroor bulvayiye
Plz rstv plz
satya sir ne kaafi elaborate krke samjhaya
Ashwini jii bilkul sahi keh rahe hai,ab yeh state level pe hone chaiye
Kyoki jab UP ka OBC Haryana mai ja kar General mai aa jata hai,toh minority status ke sath aisa kyo nahi
Ashwini upadhyay ji bahut shaandaar
Dhanyawad team rstv nd kavindra sir
बिल्कुल सही ashivani सर
aswini sir u r great great great aapke charno me mera pranam hai sir kya jawab diye hai shandar jabarjast jindabad
Sir aapko sunke bhut accha lagta hai..bhut acche se fact ke saath samajhaya aapne bhut bhut dhanyawaad Ashwini sir🙏🚩
Satya prakash sir is right
अल्पसंख्यकों की पहचान करने के लिए एक तार्किक समाधान होना चाहिए ताकि उन्हें जरूरतमंद क्षेत्र में लाभ मिल सके
What types of dangers the minorities face in this country ?
Well done Ashwini sir. Every word of yours was just facts
Asvani ji ko special thanks🙏
आज जरूरी है कि अल्पसंख्यक लोगो को क्षेत्र के आधार पर आरक्षण दिया जाए ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके इसे राज्य अपने स्तर पर लागू करे जहा जो अल्प संख्या में है उन्हें वहां इसका लाभ मिले
Firstly Thnx rstv and kavindra sachan sir. I agree with Upadhyay sir and pls continue to this debate
Upadhyay ji ki yachika majbut h aur mza aa gya discussion ce
Thanks rstv
today's debate on minority definition criteria is very useful and knowledgeable.
this issue demands more hour but i have to say the criteria of this should be stable.
अश्विनी जी ..बहुत बढ़िया.
Ashwani jee u stole the show...hats off...other panelists went searching for water...
well said
especially mr Rizvi when he said how it will be implementd on state wise to which Ashwini sir replied the way reservation is being implemented
Koi minorities nai h ,,sab equal h ..trilochan sala pagal h
Kahte hai sulagte huye shole ko ignore Na kare nahi tao Lapte jab uthegi tao bach pana mushkil hai , Ashwinei , aur satya sir ki baate tarkik thi
आजादी के समय मे मुस्लिम भाइयों की आबादी कम थी इसलिए उस समय अल्पसंख्यक कहा गया था मगर आज वो स्थिति नही है ।
Wondering full Aswini sir....salut your knowledge. ....
Ashivani sir absolute right
Ashwini ji sir you are great !!!
Trilochan singh doesn't have point to prove n become emotional as he are also demanding minority reservation according to him reservation can't be a sensitive issue & definition of minority is a sensitive issue.
End minority, end reservation, only one religion: Humanity.
Ashwani is boss he explained his theory with evidence,he expressed better than other members ,just he want
Trilochan ji jaise log es ayog ka bhag rhe h kuchh kran eska bhi h jo apne farz es ayog n nhi nibha pay 👍🏼
Thanks rajsabha TV show
अल्प संख्यक समुदायों के लिए संविधान के अनुच्छेद 29,अनुच्छेद 30 में प्रावधान किये जाने के साथ साथ समय समय पर सरकारों के द्वारा भी इनके संरक्षण के लिए प्रयास किये गए जैसे अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना करना,जैन समुदाय को 2014 में अल्प संख्यक का दर्जा प्रदान करना इत्यादि किंतु आज यह विडम्बना ही है कि इन्हें न तो संविधान में परिभाषित किया गया है और न ही इसके लिए प्रयास किये गये अतः इन समुदायों को परिभाषित करने के साथ-साथ बहुसंख्यक समुदाय की तरह ही अधिकार प्रदान करने चाहिए। राज्य सभा टीवी का धन्यवाद।
Art29 aur 30 me h 14 me nahi
Ha dokha SA likha gya
Aswini ji apne achhi jaankari di thanks
महोदय, अफगानिस्तान - तालिबान व अमेरिका की अफगानिस्तान में शान्ति स्थापना में भूमिका सहित वर्तमान मुद्दे को लेकर कार्यक्रम बनाये !!!
I totally agree with Ashwini ji...
ashwini sir and satya prakash sir very nice explain and nice prepare
Very nice Upadhyay sir... You
Ashwini Sir his Right
एक लोकतांत्रिक, बहुलवादी राजनीति में अल्पसंख्यक अधिकार आवश्यक हैं। फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने कहा है कि "कोई भी लोकतंत्र लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता है जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों की मान्यता को अपने अस्तित्व के लिये मौलिक नहीं मानता है"।
संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को परिभाषित न करने का कारण उस समय की परिस्थितियाँ थीं लेकिन आज की परिस्थिति के अनुसार, इसमें बदलाव आवश्यक है। भारत लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और लोक कल्याणकारी राज्य है। अतः सभी वर्गों के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। संविधान सभा ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए संविधान में भाषायी और धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों को संरक्षित करने की बात की लेकिन अल्पसंख्यक को परिभाषित करने से परहेज़ किया। बदलते परिदृश्य में अब समय आ गया है क़ि राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि प्रादेशिक स्तर पर अल्पसंख्यकों को परिभाषित किया जाए, जिन राज्यों में जिस समुदाय के लोग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से तथा जनसंख्या के आधार पर अल्पसंख्यक हैं, उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए।
Good Ashwini ji
Hahaha....mza agya debate me....tarlochan ji kaafi senior hain wo emotional ho hi jayenge....ashawni ji sabd bohot saare satya ko prakat krne k liye..aapko tarlochan ji ko dhayaan me rkhkr bolna tha....waise ashwani ji type ppl much needed in debates.
Minority scale measure in state level not a country level...
This is the true at right time to change it immediately because create indifference between majority and minorities...
Well said mr Ashvini sir
here, the debate is only about religious minorities .....
whats' about linguistic minorities, whats' about cultural minorities, whats' about distinct scripts???? very sensitive issues, donot make it political...
As u said same line as said by trilochan singh then why government made Hindu Code bill at that time that can also a sensitive issue and politics is every where without politics u cant run a State. By thinking this as u r trying to say we have not to solve the issue of j&k 370 & 35-A & other all old as triple talaq & uniform civil code n more matter which are sensitive.
But ye chuppi kb tk ..
..sch kb tk khamosi jhelegi ...
Waise bat political hai hi nhi adhikar ki bat h or adhikar ke liye lrna ydi aapke liye political hai to ye aapki problem h
Trilochan jee, you have niether sense of debate or discussion nor logic of your statement.
Aaj Ka debate to .....bapre....khatarnak
Ashwini ji....to the point...simply trampled...
Ashwini g nailed it , benefits should be given on state basis
Sir please extend time limit atleast upto an hour
Ashwini ji nailed it
Ashwani ji superrrr
कविंद्र जी आपको इस कार्यक्रम का वक्त एक घंटे का कर देना चाहिए और अश्विन जी जैसे लोगों को अधिक समय मिलना चाहिए ताकि उनकी जानकारियों से लाभान्वित हुआ जा सके..
Advocate sahab good presentation