भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या || भजन || श्री अमरचन्द सोनी
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- Опубликовано: 27 дек 2024
- भजन- भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या ||
हाँ बिचारी हैं क्या, भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या
बिचारी हैं क्या......बिचारी हैं क्या-2
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या-2
करके पत्थर की ऋषिनारी आये मेरे पास मुरारी-2
नोका बनी काठ की म्हारी इसके बारी हैं क्या,
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या-2
मेने सुना हैं आपके-2 तो चरणों मे जाने बात क्या
छुवत सिला नारी भई तो काठ की औकात क्या।
मेरा यही रुजगार हैं तो रुजगार बिन प्रभु जात क्या
करिए कृपा करुणानिधे मुझ दीन के संग घात क्या।
मेरी बनी काठ की तरणी परसत चरण बने मुनि ग्रहणी-2
फिर क्या इससे खोटी तरणी नाथ धारी हैं क्या
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या
हां बिचारी हैं क्या, बिचारी हैं क्या
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या
चरनारबिंदो की शपथ-2 अब ही मंगाई ही हैं नई,
दो-चार दिन ही हैं चलाई, मानिये मेरी कहि।
झूटी नही यह सत्य हैं कि बन में सिला नारी भई,
पाहन कठिन है काठ से कैसे भरोसा हा दई।
मेरी जाव नाव उड़ाई रोव बच्चे और लुगाई-2
मेरे पास न कोडी पाई नाथ धारी हैं क्या
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या-2
की स्वीकार विनती हु अगर-2 तो स्वीकृति प्रभु दीजिए,
पहले चरण धुलवाईये, इतना अनुग्रह कीजिए।
जब तक ना पद पंकज पखारु तो नाथ ना मन लीजिये,
लाऊ नही नैया मदइया आप कितना ही खिजिये।
ऐसा समय फेर नही आनी सारी बात करु मनमानी,-2
ये मत कहना सारंग बानी ये अनारी हैं क्या,
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या-2
केवट के सुनकर बचन राजिवनयन मुस्का गये,
केवट-प्रभु की बात सुनकर सिय लखन सकुचा गये
केवट कुटुंभी ले कुटम्ब ओर गंग तट पर आ गये,
ये दृश्य देखन देवता ले विमान नभ पर छा गये।
ये पद ब्रह्मादिक नही जो हैं वे पद केवट मल मल धोये-2
सारे पाप जनम के धोये इसमें ख्वारी हैं क्या
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या-2
चरणकमल रज धोय केवट नाव लायो घाट हैं,
प्रभु को बिठा बल्ली लगाकर करता चला जयकार हैं।
बोले गगन से देवता तू धन्य माँझीगर हैं,
ओर प्रभु से पहले हो गया तू भवसागर के पार हैं।
उतरे सुरसरितट हरि जाई मन मे सकुचे श्री रघुराई,
इसको क्या देवे उतराई हाथ खाली हैं क्या,
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या-2
जान पिय की बात हिय की तो मूंदड़ी सिय ने दयी,
देने लगे केवट को प्रभु कहकर अनुच्छित ना लयी।
गंगा का मांझी सिर्फ में भवसिंधु के मांझी दयी,
करना मुझे भवपार प्रभु जी यही हैं मेरी उतराई।
करके प्रभु पद कमल प्रणाम केवट हर्ष चलत निजधाम,
जपता पथिक सिंधु जननाम सुधि बिसारि हैं क्या,
भगवन साँची कहो ना बिचारी हैं क्या-2
गायक-श्री अमरचन्द सोनी
किशनपुरा
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सोनी जी आपकी पुरानी गायिकी . सुनकर आत्मा आनन्दित हो गई आप की गायिकी को नमन जय श्रीसीतारामजी
जय श्री सीताराम जी🙏
बहुत सुन्दर भजन को सुन्दर ढंग से गाया है श्रीमान सोनी जी आपने इसको सुनकर मेरे स्वर्गीय पिताजी की यादें ताजा कर दी आपने वो गाया करते थे इस भजन को जय हो 🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद🙏
Jai Ho bauji
आपको बहुत-बहुत साधुवाद आपने बहुत ही सरल तरीके से गाकर हमको समझाया है आप को मेरा नमन
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
आप हमेशा खुश रहे।
मेरी तो सू प्रभात हो गई, इस भजन को सुनकर, श्री अमर चन्द सोनी जी को इस भजन गायकी पर हमारा बहुत बहुत धन्यावाद, प्रणाम, जय सियाराम प्रभुजी।
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
Shree अमरचंद सोनी जी को शत शत बार प्रणाम बहुत ही अच्छा भजन गाया h आपने यह भजन मेरे पूज्य dadasasur श्री शिंभू सिंह राघव द्वारा रचित h मैने कभी उनको नहीं सुना ऑर जिनको भी ये भजन गाते सुना वो इसकी अंतिम पंक्ति नहीं गाते जिसमे दादोसा की छाप h पर आपने इसे पूरा गाया h उनकी छाप को नहीं छुपाया ये वास्तव में लिखने वाले का दिल से सम्मान होता h ऑर मा सरस्वती का भी अपने जो सम्मान रखा उनका उसके लिए आपका कोटि कोटि बार आभार मा सरस्वती की कृपा आपके सम्पूर्ण परिवार पर हमेशा बनी रहे ऐसी मेरी शुभकामनाएं है
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।🙏
मातारानी आप पर भी सदैव कृपा बनाएं रखे।
आपने ये जानकारी दी हमे बहुत अच्छा लगा।
बहुत खूब रचना 🙏 जय श्री राम
जय श्री राम🙏
जय श्री राम 🙏
बहुत अच्छा
Jai Ho
Me ap ke charan vandan. Karts hu. ka khoobsurat. Gaya ha. shri Ram. Ka asirvad banarehe ap per
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
Ati sunder
बहुत अच्छासर
आपके रिकॉर्डिंग की विशेषता ये है ऑडियो बिल्कुल स्पष्ट है, और प्रस्तुति शानदार है इस भजन को इस प्रकार की प्रस्तुति में ही सुनने की मेरी पिछले 4 वर्षों से तमन्ना थी किंतु आज जाकर ये अभीष्ट पूर्ण हुआ, श्रीमान अमरचन्द जी सोनी साहब का बहुत बहुत आभार, प्रणाम🙏🙏🙏
Superb voice
Thank you🙏
Good 🙏🙏
Wah ji amrchand ji aapka gaw konsa h ji m bp soni jeelo(siker raj)se hu bjn ache h ji aapke purane bjn h or bejna ji purane bjn vaise m bhi gata hu ji
Contact 9166111811
Bahut bahut dhanyawad 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
Aapke Bhav kafi acche hain... bhav ki hi to baat hai par isme chhap aadarniya shri Shimbhu Singh Ji Raghav babo sa ki hai or aap chahe to ye bhajan wali pustak 9829022528 receive kar sakte hain
Jay shree krishna
Jai shree krishna🙏