आत्मा किस रथ पर बैठता है, उसका सारथी कौन है ? सत्यार्थ प्रकाश। आचार्य अंकित प्रभाकर
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- Опубликовано: 2 окт 2024
- सुषारथिरश्वानिव यन्मनुष्यान्नेनीयतेऽभीशुभिर्वाजिनऽइव। हृत्प्रतिष्ठँयदजिरञ्जविष्ठन्तन्मे मनः शिवसङ्कल्पमस्तु ॥ यजुर्वेद 34/6
पदार्थ - (यत्) जो मन (सुषारथिः) जैसे सुन्दर चतुर सारथि गाड़ीवान् (अश्वानिव) लगाम से घोड़ों को सब ओर से चलाता है, वैसे (मनुष्यान्) मनुष्यादि प्राणियों को (नेनीयते) शीघ्र-शीघ्र इधर-उधर घुमाता है और (अभीशुभिः) जैसे रस्सियों से (वाजिन इव) वेग वाले घोड़ों को सारथि वश में करता, वैसे नियम में रखता (यत्) जो (हृत्प्रतिष्ठम्) हृदय में स्थित (अजिरम्) विषयादि में प्रेरक वा वृद्धादि अवस्थारहित और (जविष्ठम्) अत्यन्त वेगवान् है, (तत्) वह (मे) मेरा (मनः) मन (शिवसङ्कल्पम्) मङ्गलमय नियम में इष्ट (अस्तु) होवे॥६॥
भावार्थ - इस मन्त्र में दो उपमालङ्कार हैं। जो मनुष्य जिस पदार्थ में आसक्त है, वहीं बल से सारथि घोड़ों को जैसे वैसे प्राणियों को ले जाता और लगाम से सारथि घोड़ों को जैसे वैसे वश में रखता, सब मूर्खजन जिसके अनुकूल वर्त्तते और विद्वान् अपने वश में करते हैं, जो शुद्ध हुआ सुखकारी और अशुद्ध हुआ दुःखदायी, जो जीता हुआ सिद्धि को और न जीता हुआ असिद्धि को देता है, वह मन मनुष्यों को अपने वश में रखना चाहिये॥६॥
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आचार्य अंकित प्रभाकर जी नमस्ते🙏🙏🙏
बहुत-बहुत सुन्दर तार्किक वैज्ञानिक विश्लेषण.....🙏🙏🙏🌹🌻🌹
आचार्य जी प्रणाम! बहुत सुंदर सटीक 🌹🙏
आचार्य जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद है 🙏
बहुत ही स्पष्ट, apekshit,sargrbhit व्याख्याता आचार्य जी को नमस्ते जी
Bahut hi achha achary ji
बहुत बढ़िया, ज्ञान वर्धक , परंतु एक विनम्र निवेदन है कि विषय को आगे बढ़ाते रहिए अर्थात कोई बिंदु बार बार repeat न हो तो विषय में दिलचस्पी बनी रहेगी और video भी crisp और कुछ छोटा हो जाएगा, सुझाव के लिए छमा प्रार्थना
आचार्य जी नमस्ते
आचार्य जी सादर नमस्ते 🚩🔱🌞🔱🚩🙏🙏🎤👌👌👍❤️👍
ज्ञानवर्धक व्याख्या करने के लिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद।
सटीक उल्लेख दंडवत प्रणाम❤❤❤❤
Bahut accha Sir apka kam anmol hai. 🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿
बहुत बहुत सुंदर 🤗🤗🤗🙏
वेद मंत्र रात्रि में सोने के समान प्रार्थना मंत्र 🤗🙏
कृपया समय पढ़े
@@vedkumari9332 वेद मंत्र रात्रि में सोने से पहले ही शुरू कार ले और अच्छी नींद आती है 🙏
@@vedkumari9332 ppppp
Okay
बहुत ही सुंदर अमृत विचार आपके आचार्य जी को दंडवत प्रणाम आपके अमृत विचार पहली बार सुना बहुत अच्छा लगा सुनकर के हृदय को छू गया मैं मैं सदगुरु कबीर साहेब जी के विचारों से जुड़ा हूं साहिब जी
Bahut Sunder Aur Gyan Verdhak Pravachan Acharya Ji
।।छंद रचना।।आत्मा परमात्मा संग रहनी हमारी, कहे कबीर करो सोच विचारी। साँई अरुण जी से करो विचार, सारशबद सृष्टी का सार-जिसको जानलो सकल संसार।।00।।जनम जनम के पुण्य पुंज से मानव जीवन मिलता है। सतकर्मो के फलस्वरूप ही, आत्मा परमात्मा संगत होता है-ऐसा ही कोई विरला नर प्राणी यह अमृत रस पीता है।।01।।सृष्टी के अनमोल पदारथ परमपिता ही बनाता है। वही कुशल कारीगर है जो, नर को नरोत्तम बनाता है-जिसको उसका सारशबद अखण्ड धुन चित्त मे रमता है।।02।।उसकी इच्छा के बिना इस जग मे, पत्ता तक नही हिलता है। बगिया के हर फूल की कली को, परमेश्वर ही खिलाता है-वही तो है जो इन फूलो मे सुगन्ध भर पाता है।।03।।अजर अमर अविनाशी हमारे अंदर जीवात्मा है, जो परमपिता का अंश कहलाता है। नर तन मे जीवात्मा का ही तो खेला है, वर्ना नर तन माटी का ढेला है-नर माया मोह काल जाल मे फंसकर, परमपिता को भूला है।।04।।साल बीसम बीसा से सारशबद अखण्ड का भेद तो, अब सत साहेब कबीर सुजान जी ने खोला है। ना इस दुनिया मे तुझको मोल कभी ना मिलेगा, यह परमपिता जी के शुभाशीष का मेला है-इसमे सतगुरु विदेही बेहदी शबद गुरु कबीर सुजान अकेला है।।05।।सदा जबानी नही रहेगी, तुम सारशबद अखण्ड धुन चित्त मे पहचानो जी। तन के पुर्जे ढीले होगे, समय ना व्यर्थ गंवाओ जी-सारशबद अखण्ड विहंगम चाल ही तुझको, अंत समय सीधा सतधाम लेकर जायेगी।।06।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी,,7898158018-🙏🏻🌹
बहुत सुंदर बड़ी बात तो ये कि आपकी ज्यादतर वीडियो मैं सत्यार्थ प्रकाश का नाम जुड़ा होता है 🙏🙏🙏
बहुत ही सुन्दर धन्यवाद आपका
*🙏🕉️🙏 सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय🙏🕉️🙏💯%✅ तथ्यात्मक सत्य🙏 🚩जय माँ भारती 🚩👌👌👌*
🙏 जयतु आर्यावर्तम् 🚩 जयतु संस्कृतम् 🕉️ जयतु वेदम्📚 जयतु गुरुकुलम्📖🙏
"वेदों एवं ऋषि संहिताओ की ओर लौटो" 🙏
🇮🇳भारत🚩 माता की जय🙏
🙏आदरणीय आचार्य जी आपके दूरदर्शिता विलक्षण दृष्टिकोण उत्कृष्ठ विचार साहसी व्यक्तित्व को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🕉️🙏
Khup chaan mahiti
Gurudev prnam
Satya sanatan dharam ki jai
इतनी गहराई से समझा ना सबकी बस की बात नहीं है बहुत
Har har nahadev
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी,सुंदर व्याख्या।
Om Namste aachara g om Namste g Jai bhagwan arya
🙏🙏
बहुत अच्छा , लोगों को धर्म रूपी सच्चा ज्ञान देना जरूरी है! जबतक शब्दों का अर्थ नहीं समझगे तबतक अर्थों का अनर्थ हो जाता है. अभी भी लोग अर्थ को नहीं समझे जिसके कारण धार्मिक लड़ाई हो रहे हैं और एक दूसरे के विरोधी बन कर धार्मिक लड़ाई लड़ रहे हैं!
रामरामराम रामरामराम रामराम राम रामरामराम
Namasteji.... very beautiful message
भाई तुम पांडित्य की बातें करते हो हमें तो भक्ति चाहिए केवल
भक्ति क्या बिना जानकारी के करोगे मित्र?
Bhai bhakti ka matlab to Bhagwan se pream hota Hain Jo shikhaya nahi ja sakta.
Aapko bahut bahut dhanyvad Aacharya ji
आर्य जी नमस्ते वैदिक धर्म की जय
Very nice explanation thanx
Acharya ji aapko Pranam aapke ratri shayan ke chate mantra ki viakhia suni bahut hi achache se Sam zhaya
सादर नमस्ते आचार्य जी
बहुत सुंदर प्रस्तुति। नमस्ते भाईजी।
I want to join in this class . May I join ?
Acharya ji namaste.
Bahut acha vyakhyan Aacharya ji
धन्यवाद 🌹🙏
केवल बक बक बक
Nice. Thinkig
Dhanyavadah Acharya ji
Good
Good
🙏
नमस्ते आचार्य जी बहुत अच्छा बख्या किया आपने 🙏🙏🙏
बडी ही स्पष्ट व्याख्या की है शास्त्री जी बहुत बहुत धन्यावाद
बहुत सजगता से आप समझा रहे है आप व वंदनीय है नममीय है
Sadhu sadhu
ओ ३ म् ।।
गुरू ही उस व्यवस्था को दुरुस्त कर हमे घोड़ों को नियंत्रित करने का ज्ञान और योग्यता प्रदान करते हैं।