आश्चर्य. अद्भुत. अद्वितीय. असामान्य. पूजनीय विनायक दामोदर सावरकर. त्रिवार अभिवादन. कीती आमचे दुर्भाग्य? एवढ्या मोठ्या क्रांतिकारी महापुरुषाला आम्ही समजून घेतलं नाही. आता तरी पाठ्यक्रम बदलायलाच हवा. खूप ऊशिर झाला. आम्ही फक्त सावरकरजींना समजून घेतलं तरी देश सामर्थ्यवान बनायला वेलच लागणार नाही. कीती दिवस ह्या महापुरुषांना आम्ही काल्यापाण्याची शिक्षा देणार ?
मुळ भारतीय संस्कृती सभ्याता परंपरा व हिंदु धर्म चे ज्ञान शाळा विद्यापीठ तुन शिकवली पाहिजे शिक्षण पद्धती बदलली पाहिजे राजे महाराजे यांचा खरा ईतिहास शाळेत यायला पाहिजे
#हर_दिन_पावन "28 मई/जन्म-दिवस" *क्रान्तिकारियों के सिरमौर वीर सावरकर* विनायक दामोदर सावरकर का जन्म ग्राम भगूर (जिला नासिक, महाराष्ट्र) में 28 मई, 1883 को हुआ था। छात्र जीवन में इन पर लोकमान्य तिलक के समाचार पत्र ‘केसरी’ का बहुत प्रभाव पड़ा। इन्होंने भी अपने जीवन का लक्ष्य देश की स्वतन्त्रता को बना लिया। 1905 में उन्होंने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आन्दोलन चलाया। जब तीनों चाफेकर बन्धुओं को फाँसी हुई, तो इन्होंने एक मार्मिक कविता लिखी। फिर रात में उसे पढ़कर ये स्वयं ही हिचकियाँ लेकर रोने लगे। इस पर इनके पिताजी ने उठकर इन्हें चुप कराया। सावरकर जी सशस्त्र क्रान्ति के पक्षधर थे। उनकी इच्छा विदेश जाकर वहाँ से शस्त्र भारत भेजने की थी। अतः वे श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति लेकर ब्रिटेन चले गये। लन्दन का ‘इंडिया हाउस’ उनकी गतिविधियों का केन्द्र था। वहाँ रहने वाले अनेक छात्रों को उन्होंने क्रान्ति के लिए प्रेरित किया। कर्जन वायली को मारने वाले मदनलाल धींगरा उनमें से एक थे। उनकी गतिविधियाँ देखकर ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें 13 मार्च, 1910 को पकड़ लिया। उन पर भारत में भी अनेक मुकदमे चल रहे थे, अतः उन्हें मोरिया नामक जलयान से भारत लाया जाने लगा। 10 जुलाई, 1910 को जब वह फ्रान्स के मोर्सेल्स बन्दरगाह पर खड़ा था, तो वे शौच के बहाने शौचालय में गये और वहां से समुद्र में कूदकर तैरते हुए तट पर पहुँच गये। तट पर उन्होंने स्वयं को फ्रान्सीसी पुलिसकर्मी के हवाले कर दिया। उनका पीछा कर रहे अंग्रेज सैनिकों ने उन्हें फ्रान्सीसी पुलिस से ले लिया। यह अन्तरराष्ट्रीय विधि के विपरीत था। इसलिए यह मुकदमा हेग के अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय तक पहुँचा; जहाँ उन्हें अंग्रेज शासन के विरुद्ध षड्यन्त्र रचने तथा शस्त्र भारत भेजने के अपराध में आजन्म कारावास की सजा सुनाई गयी। उनकी सारी सम्पत्ति भी जब्त कर ली गयी। सावरकर जी ने ब्रिटिश अभिलेखागारों का गहन अध्ययन कर ‘1857 का स्वाधीनता संग्राम’ नामक महत्वपूर्ण ग्रन्थ लिखा। फिर इसे गुप्त रूप से छपने के लिए भारत भेजा गया। ब्रिटिश शासन इस ग्रन्थ के लेखन एवं प्रकाशन की सूचना से ही थर्रा गया। विश्व इतिहास में यह एकमात्र ग्रन्थ था, जिसे प्रकाशन से पहले ही प्रतिबन्धित कर दिया गया। प्रकाशक ने इसे गुप्त रूप से पेरिस भेजा। वहाँ भी ब्रिटिश गुप्तचर विभाग ने इसे छपने नहीं दिया। अन्ततः 1909 में हालैण्ड से यह प्रकाशित हुआ। यह आज भी 1857 के स्वाधीनता समर का सर्वाधिक विश्वसनीय ग्रन्थ है। 1911 में उन्हें एक और आजन्म कारावास की सजा सुनाकर कालेपानी भेज दिया गया। इस प्रकार उन्हें दो जन्मों का कारावास मिला। वहाँ इनके बड़े भाई गणेश सावरकर भी बन्द थे। जेल में इन पर घोर अत्याचार किये गये। कोल्हू में जुतकर तेल निकालना, नारियल कूटना, कोड़ों की मार, भूखे-प्यासे रखना, कई दिन तक लगातार खड़े रखना, हथकड़ी और बेड़ी में जकड़ना जैसी यातनाएँ इन्हें हर दिन ही झेलनी पड़ती थीं। 1921 में उन्हें अन्दमान से रत्नागिरी भेजा गया। 1937 में वे वहाँ से भी मुक्त कर दिये गये; पर सुभाषचन्द्र बोस के साथ मिलकर वे क्रान्ति की योजना में लगे रहे। 1947 में स्वतन्त्रता के बाद उन्हें गांधी हत्या के झूठे मुकदमे में फँसाया गया; पर वे निर्दोष सिद्ध हुए। वे राजनीति के हिन्दूकरण तथा हिन्दुओं के सैनिकीकरण के प्रबल पक्षधर थे। स्वास्थ्य बहुत बिगड़ जाने पर वीर सावरकर ने प्रायोपवेशन द्वारा 26 फरवरी, 1966 को देह त्याग दी। ....................................
सर्व हिंदू बांधवांना एक कळकळीची विनंती, जातपात सोडून कृपया एकत्र यावे. यातच भारताचे हित आहे. शिवरायांनी तुमचे भविष्य जाणले, निदान तुम्ही त्यांचा इतिहास तरी विसरु नका.🙏
वाईट तर ह्या गोष्टीच वाटतं की ज्यांनी नेहमी जातीनष्ट करण्याचा प्रयत्न केला त्यांना नेहमी त्याच जातीच्या व्यक्तींकडून पूजिले जाते. उदाहरण द्यायचे झाले तर सावरकर आणि आंबेडकर ज्यांचा जयजयकार करणारे लोक त्यांच्या त्यांच्या जातीपुरते मर्यादित राहिले.
@@samarthmangalwedhekar576 आपल्या जातीचीच पूजली जातात कारण आपण जाती बाहेरील महात्म्यांचा ईतिहास वाचतच नाही. विशेषतः ब्राह्मणांना थोर मानायलाच तयार नसतो. (ता.क.- मी ब्राह्मण नाहीय. )
Sir ur effortsare commanding.pleaee keep it up n create a huge team of similar orators whowill go around the world n paint the true face of VEER SAVARKAJI
गर्व से कहो हम हिंदू है ! हे हिंदीत आहे मराठीत नाही ..त्यामुळे गर्व शब्द येतो.यात अहंकार नाही तर अभिमान आहे .अभिमान हा हिंदीत शब्द नाही .मराठीतला गर्व आणि हिंदीतल्या गर्वाचा अर्थ यात अंतर आहे .
As you told good people who works without any self benefit had very short life & bad people has more life. I had experience & analyse from surrounding incidents but I could not able to get answer from any all spiritual books for why God do like this always ?
आदरणीय देशभकत वीर सावरकरजी यांना विनम्र अभिवादन व कोटि कोटि प्रणाम
आपण सर्वांनी हिंदू म्हणून एकत्र येणं गरजेचे आहे
अप्रतिम चरित्र वर्णन..
महान क्रांतीकारक स्वा. सावरकर यांचे..
आश्चर्य.
अद्भुत.
अद्वितीय.
असामान्य.
पूजनीय विनायक दामोदर सावरकर.
त्रिवार अभिवादन.
कीती आमचे दुर्भाग्य?
एवढ्या मोठ्या क्रांतिकारी महापुरुषाला आम्ही समजून घेतलं नाही. आता तरी पाठ्यक्रम बदलायलाच हवा.
खूप ऊशिर झाला.
आम्ही फक्त सावरकरजींना समजून घेतलं तरी देश सामर्थ्यवान बनायला वेलच लागणार नाही.
कीती दिवस ह्या महापुरुषांना आम्ही काल्यापाण्याची शिक्षा देणार ?
क्रांती सूर्य ☀️ महात्मा ज्योतीबा फुले ज्ञान ज्योती सावित्रीबाई फुले डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की जय हो
निरंजन टाकले सहीत खूप विचारवंतांनी पूरावे दिले आहेत.
मुळ भारतीय संस्कृती सभ्याता परंपरा व हिंदु धर्म चे ज्ञान शाळा विद्यापीठ तुन शिकवली पाहिजे शिक्षण पद्धती बदलली पाहिजे राजे महाराजे यांचा खरा ईतिहास शाळेत यायला पाहिजे
बरोबर
गर्व से कहो हम हिंदू है!
Unparrlal. Speach. I. have. ever. heard.
कट्टर हिंदुत्ववादी नेते स्वातंत्र्यवीर सावरकरांस कोटी कोटी नमन 🙏🚩
अखंड भारत अमर रहे
गर्वसे कहो 🚩 हम हिंदु है 🚩 जय भारत 🚩
बल सागर भारत होवो, विश्वात शोभून राहो.
खूप छान मार्गदर्शन केले आहे सर.
तुमच्या मार्गदर्शनाची समाजाला गरज आहे.
खुप छान सावरकर प्रत्येकाच्या मनात पोहचवन्याच उत्तम कार्य
खुप सुंदर वर्णन केले सर ।।
खूप छान साहेब सावरकर चे विचार
स्वातंत्र्यवीर सावरकरांना कोटी कोटी प्रणाम 🙏💐
नमस्कार स्वातंत्र्यवीर सावरकरांना
शरद पोंक्षे साहेब तुमच्याभाषणामुले खरचं झोप उडाली माझी.
खूपच छान आणि स्फुर्तीदायक आहे
खूपच सुंदर, ऐकतच रहावे वाटत.
आताच्या पिढीचे डोळे उघडण्याचे उत्तम पर्यंत. 🙏 🙏 सर्वानी एकदा तरी सावरकर यांचे साहित्य वाचावे.
ruclips.net/video/nI2lXHrOyBA/видео.html
ruclips.net/video/nI2lXHrOyBA/видео.html
@@Vichardhara303 3333
Je savarkar vishayi negative आहेत् त्यांना फक्त 14 दिवस quarantine ठेवा मग यातना काय ते साल्या a समाजातील
Respect to Ponshe sir,very good orator and true nationalist.
खूप छान माहिती दिलीत त्याबद्दल आभार
अतिशय अप्रतिम अक्षरशः वीर सावरकर मय जीवनात उत्तरावल्यासारखं वाटलं !!
Atisunder vishleshan.
Thank you Sharad ji.
अखंड हिंदुस्थानची -
सुरुवात - २०२४ ला
इंडिया नाही, भारत नाही तर हिंदुस्थान होणार.
ruclips.net/video/nI2lXHrOyBA/видео.html
Jay Shri Ram..jay hindu Rastra..Veer Savarkar ji ki jay ho
तुम्ही खूप चांगले काम करत आहेत ।।सॅम तुमच्या कार्याला
वीर सावरकर यांना मानाचा मुजरा 🌹🙏
अद्वितीय!👍👌
शतश:नमन
अप्रतिम .......
अप्रतिम 👌👌🙏🙏
शरद पोंक्षे सर एक no बोललात,, शाळेपासून सावरकर बिंबवणे गरजेचे आहे ,तरच आपला देश टिकेल,
ruclips.net/video/nI2lXHrOyBA/видео.html
आज खऱ्या अर्थाने सावरकर समजले इतकं पुस्तक वाचून देखील सावरकर कोणाला मला कळणार नाही इतकं शरद पोक्षे नी सावरकर घडवला
ruclips.net/video/nI2lXHrOyBA/видео.html
अप्रतिम प्रत्येक दुसऱ्या मिनिटाला अंगावर शहारे आलेत.
Jai Maa Bharati 🙏🙏🙏
#हर_दिन_पावन
"28 मई/जन्म-दिवस"
*क्रान्तिकारियों के सिरमौर वीर सावरकर*
विनायक दामोदर सावरकर का जन्म ग्राम भगूर (जिला नासिक, महाराष्ट्र) में 28 मई, 1883 को हुआ था। छात्र जीवन में इन पर लोकमान्य तिलक के समाचार पत्र ‘केसरी’ का बहुत प्रभाव पड़ा। इन्होंने भी अपने जीवन का लक्ष्य देश की स्वतन्त्रता को बना लिया। 1905 में उन्होंने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आन्दोलन चलाया। जब तीनों चाफेकर बन्धुओं को फाँसी हुई, तो इन्होंने एक मार्मिक कविता लिखी। फिर रात में उसे पढ़कर ये स्वयं ही हिचकियाँ लेकर रोने लगे। इस पर इनके पिताजी ने उठकर इन्हें चुप कराया।
सावरकर जी सशस्त्र क्रान्ति के पक्षधर थे। उनकी इच्छा विदेश जाकर वहाँ से शस्त्र भारत भेजने की थी। अतः वे श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति लेकर ब्रिटेन चले गये। लन्दन का ‘इंडिया हाउस’ उनकी गतिविधियों का केन्द्र था। वहाँ रहने वाले अनेक छात्रों को उन्होंने क्रान्ति के लिए प्रेरित किया। कर्जन वायली को मारने वाले मदनलाल धींगरा उनमें से एक थे।
उनकी गतिविधियाँ देखकर ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें 13 मार्च, 1910 को पकड़ लिया। उन पर भारत में भी अनेक मुकदमे चल रहे थे, अतः उन्हें मोरिया नामक जलयान से भारत लाया जाने लगा। 10 जुलाई, 1910 को जब वह फ्रान्स के मोर्सेल्स बन्दरगाह पर खड़ा था, तो वे शौच के बहाने शौचालय में गये और वहां से समुद्र में कूदकर तैरते हुए तट पर पहुँच गये।
तट पर उन्होंने स्वयं को फ्रान्सीसी पुलिसकर्मी के हवाले कर दिया। उनका पीछा कर रहे अंग्रेज सैनिकों ने उन्हें फ्रान्सीसी पुलिस से ले लिया। यह अन्तरराष्ट्रीय विधि के विपरीत था। इसलिए यह मुकदमा हेग के अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय तक पहुँचा; जहाँ उन्हें अंग्रेज शासन के विरुद्ध षड्यन्त्र रचने तथा शस्त्र भारत भेजने के अपराध में आजन्म कारावास की सजा सुनाई गयी। उनकी सारी सम्पत्ति भी जब्त कर ली गयी।
सावरकर जी ने ब्रिटिश अभिलेखागारों का गहन अध्ययन कर ‘1857 का स्वाधीनता संग्राम’ नामक महत्वपूर्ण ग्रन्थ लिखा। फिर इसे गुप्त रूप से छपने के लिए भारत भेजा गया। ब्रिटिश शासन इस ग्रन्थ के लेखन एवं प्रकाशन की सूचना से ही थर्रा गया। विश्व इतिहास में यह एकमात्र ग्रन्थ था, जिसे प्रकाशन से पहले ही प्रतिबन्धित कर दिया गया।
प्रकाशक ने इसे गुप्त रूप से पेरिस भेजा। वहाँ भी ब्रिटिश गुप्तचर विभाग ने इसे छपने नहीं दिया। अन्ततः 1909 में हालैण्ड से यह प्रकाशित हुआ। यह आज भी 1857 के स्वाधीनता समर का सर्वाधिक विश्वसनीय ग्रन्थ है।
1911 में उन्हें एक और आजन्म कारावास की सजा सुनाकर कालेपानी भेज दिया गया। इस प्रकार उन्हें दो जन्मों का कारावास मिला। वहाँ इनके बड़े भाई गणेश सावरकर भी बन्द थे। जेल में इन पर घोर अत्याचार किये गये। कोल्हू में जुतकर तेल निकालना, नारियल कूटना, कोड़ों की मार, भूखे-प्यासे रखना, कई दिन तक लगातार खड़े रखना, हथकड़ी और बेड़ी में जकड़ना जैसी यातनाएँ इन्हें हर दिन ही झेलनी पड़ती थीं।
1921 में उन्हें अन्दमान से रत्नागिरी भेजा गया। 1937 में वे वहाँ से भी मुक्त कर दिये गये; पर सुभाषचन्द्र बोस के साथ मिलकर वे क्रान्ति की योजना में लगे रहे। 1947 में स्वतन्त्रता के बाद उन्हें गांधी हत्या के झूठे मुकदमे में फँसाया गया; पर वे निर्दोष सिद्ध हुए। वे राजनीति के हिन्दूकरण तथा हिन्दुओं के सैनिकीकरण के प्रबल पक्षधर थे। स्वास्थ्य बहुत बिगड़ जाने पर वीर सावरकर ने प्रायोपवेशन द्वारा 26 फरवरी, 1966 को देह त्याग दी।
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Nyce
गर्व से कहो हम हिंदू है.
आदणीय मोरे जी सविनय कया मै आपकी उम्र और शिक्षा के बारे में जान सकता हूँ..
सर्व हिंदू बांधवांना एक कळकळीची विनंती, जातपात सोडून कृपया एकत्र यावे. यातच भारताचे हित आहे. शिवरायांनी तुमचे भविष्य जाणले, निदान तुम्ही त्यांचा इतिहास तरी विसरु नका.🙏
Jay tu jay hindu rastram
वाईट तर ह्या गोष्टीच वाटतं की ज्यांनी नेहमी जातीनष्ट करण्याचा प्रयत्न केला त्यांना नेहमी त्याच जातीच्या व्यक्तींकडून पूजिले जाते. उदाहरण द्यायचे झाले तर सावरकर आणि आंबेडकर ज्यांचा जयजयकार करणारे लोक त्यांच्या त्यांच्या जातीपुरते मर्यादित राहिले.
@@samarthmangalwedhekar576
आपल्या जातीचीच पूजली जातात कारण आपण जाती बाहेरील महात्म्यांचा ईतिहास वाचतच नाही. विशेषतः ब्राह्मणांना थोर मानायलाच तयार नसतो.
(ता.क.- मी ब्राह्मण नाहीय. )
Such a wonderful speech and it is an eye opener for me thanks for the speech sir
6u66
मराठी ही सर्वश्रेष्ठ भाषा आहे ❤️🕉️🙏
फार सुंदर सर ।।।।।।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर.. नमन 🚩🚩🚩🚩🚩
गांधी ची प्रतिमा हि मोठी केली गेली आहे. नोटेवर त्यांचेच चित्र, मग स्वातंत्र्य मिळाल्या नंतर सर्व पिढ्यांन्या सावरकर, आगरकर, धिंग्रा, फडके कसे कळणार
खरी गोष्ट आहे!
केवळ अप्रतिम.
Reallyyou aresaying true inhistory. There should be achapter of the greatVeersavarkar jai maharashtra
jay Maharashtra
१४ मे २०१४ रोजी पासून हिंदवी स्वराज्याची,
भगव्याची मशाल पेटली - आता संपूर्ण हिंदुस्थानात मशाली पेटल्या पाहिजेत.
Nakkich
Sarvani manavar ghyya
Thank you ponkshe sir V . Da Savarkar ajun jasta samaj le.
Itke diwas jhale aani aaj mala tumchya video che suggestions ale. Khup chan Ani thalak bolta tumhi. I hope purn Bharat bhar hi vichar dharna pasrawi.
जय महाराषट् पोषे साहेब पूठे चला आमी तूमचा सोबत आहे
👍👍👌
अतिशय परखड विचार !
Very inspiring sir
होय हे हिंदू राष्ट्रच आहे
🙏🙏
अप्रतिम!!!!!!
Tō nîçè
Shat Shat naman Savarkarji.......
हिंदूंना नि:शस्त्र करण्यासाठीच आपल्याला वृंदावन मधला मुरलीधर कृष्ण शिकवला जातो महाभारतातला चक्रधर कृष्ण नाही
Damn.
सावरकरांचे विज्ञाननिष्ठ निबंधपण जरुर वाचा, नेटवर पण उपलब्ध आहेत. धर्माची नशा खाडकन् उतरेल...
छान
जय श्रीराम.
Good. Dhanyvad.
खूपच छान👌👌
Nice
Jay shree Ram, jay hindutva.
१५ अगाॅस्ट १९४७ ला भारत स्वतत्र झालं आहे आणि २७ में २०१४ ला हिंदू राष्ट्र स्वतत्र झालं आहे
ruclips.net/video/nI2lXHrOyBA/видео.html
यापूढे INDIA परत स्वतंत्र होणार.
चोर लूटारु देशद्रोही संघोट्यांपासून.
तेव्हा घरी जावा पाकिस्तानात.
Sir ur effortsare commanding.pleaee keep it up n create a huge team of similar orators whowill go around the world n paint the true face of VEER SAVARKAJI
"अखंड हिंदुस्थान"
Great words...
Nice speech
हिंदूविश्वरत्न
🙏🚩🚩
छान 👍👍
एकाला महात्मा ठरवण्याच्या हेतूने इतर सर्व जे खरे महात्मा होते त्यांचा इतिहास खोटा किंवा हेतुपुरस्सर झाकून ठेवण्यात आला.
Thanks
Ek number
HinduRashtra🚩🚩🚩
शरद पोंक्षे यांचं हे राम नथुराम नाटक अपलोड करा ना
हो ❤ अणि परत येकदा बसवा खूप इच्छा आहे बघायची
Apratim.
Rhokthok vichar.
Sawarkar vichar ani aachar hindustanla pragat banwel
Yes sir all facts
Great
33333333333333333333333
oooloooooooooloooooooolooooolooolLooooolOoooollOolooooooooLoooooooooooooooooLooooooooooooLooolooooooololLoooooooOooooLoooooooooooOOooooooooooooooooooooooooooooooooOoOooooooooooooooooooooooooooooooooOooooooOooooooooooooooooooooooOooooOoooooooooooOooooOoOooLllllpppppplpppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppppplllll ,死
3
Channel चे खूप खूप धन्यवाद ! खूप चांगले काम करत आहात !!!
ruclips.net/video/6MhFuX_-17o/видео.html
👎👎👎👎👎👎👎
Naman Savarkarji
माफीविरा पेक्षा शरद पोंक्षे याला भारतरत्न द्या
Vinayak Damodar Savarkar hai Khare deshbhakt Hote Jay Hind Jay Bharat
Great speech sir
Very nice
अतिशय सुंदर व्याख्यान
Swatantravir savarkarana shat shat naman
32:12 SHARAD PAWAR
संपूर्ण video upload केल्याबद्दल धन्यवाद....... 🙏🙏🙏
छान आवडले.
.......थन्यवाद
आज खरा सावरकर समजला.
thank for this video .
गर्व से कहो हम हिंदू है ! हे हिंदीत आहे मराठीत नाही ..त्यामुळे गर्व शब्द येतो.यात अहंकार नाही तर अभिमान आहे .अभिमान हा हिंदीत शब्द नाही .मराठीतला गर्व आणि हिंदीतल्या गर्वाचा अर्थ यात अंतर आहे .
Khup Chan Sir. Garv aahe hindu aahe.
Gr8 sir
अद्वितीय!
अगर न होता सिवा सुन्नत होती सबकी
As you told good people who works without any self benefit had very short life & bad people has more life.
I had experience & analyse from surrounding incidents but I could not able to get answer from any all spiritual books for why God do like this always ?