Is Par Priye Madhu Tum Ho Harivansh Rai Bachhan Kumar Vishvas | kumar vishvas poetry

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 10 май 2022
  • Is Paar Priye Harivansh Ray Bachhan Kumar Vishvas | kumar vishvas poetry
    Credit kumar Vishwas ji
    is par priye madhu tum ho lyrics :-
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    यह चाँद उदित होकर नभ में कुछ ताप मिटाता जीवन का,
    लहरालहरा यह शाखा‌एँ कुछ शोक भुला देती मन का,
    कल मुर्झानेवाली कलियाँ हँसकर कहती हैं मगन रहो,
    बुलबुल तरु की फुनगी पर से संदेश सुनाती यौवन का,
    तुम देकर मदिरा के प्याले मेरा मन बहला देती हो,
    उस पार मुझे बहलाने का उपचार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    जग में रस की नदियाँ बहती, रसना दो बूंदें पाती है,
    जीवन की झिलमिलसी झाँकी नयनों के आगे आती है,
    स्वरतालमयी वीणा बजती, मिलती है बस झंकार मुझे,
    मेरे सुमनों की गंध कहीं यह वायु उड़ा ले जाती है!
    ऐसा सुनता, उस पार, प्रिये, ये साधन भी छिन जा‌एँगे,
    तब मानव की चेतनता का आधार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    प्याला है पर पी पा‌एँगे, है ज्ञात नहीं इतना हमको,
    इस पार नियति ने भेजा है, असमर्थबना कितना हमको,
    कहने वाले, पर कहते है, हम कर्मों में स्वाधीन सदा,
    करने वालों की परवशता है ज्ञात किसे, जितनी हमको?
    कह तो सकते हैं, कहकर ही कुछ दिल हलका कर लेते हैं,
    उस पार अभागे मानव का अधिकार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    कुछ भी न किया था जब उसका, उसने पथ में काँटे बोये,
    वे भार दि‌ए धर कंधों पर, जो रोरोकर हमने ढो‌ए,
    महलों के सपनों के भीतर जर्जर खँडहर का सत्य भरा!
    उर में एसी हलचल भर दी, दो रात न हम सुख से सो‌ए!
    अब तो हम अपने जीवन भर उस क्रूरकठिन को कोस चुके,
    उस पार नियति का मानव से व्यवहार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    संसृति के जीवन में, सुभगे! ऐसी भी घड़ियाँ आ‌ऐंगी,
    जब दिनकर की तमहर किरणे तम के अन्दर छिप जा‌एँगी,
    जब निज प्रियतम का शव रजनी तम की चादर से ढक देगी,
    तब रविशशिपोषित यह पृथिवी कितने दिन खैर मना‌एगी!
    जब इस लंबेचौड़े जग का अस्तित्व न रहने पा‌एगा,
    तब तेरा मेरा नन्हासा संसार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    ऐसा चिर पतझड़ आ‌एगा, कोयल न कुहुक फिर पा‌एगी,
    बुलबुल न अंधेरे में गागा जीवन की ज्योति जगा‌एगी,
    अगणित मृदुनव पल्लव के स्वर 'भरभर' न सुने जा‌एँगे,
    अलि‌अवली कलिदल पर गुंजन करने के हेतु न आ‌एगी,
    जब इतनी रसमय ध्वनियों का अवसान, प्रिय हो जा‌एगा,
    तब शुष्क हमारे कंठों का उद्गार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    सुन काल प्रबल का गुरु गर्जन निर्झरिणी भूलेगी नर्तन,
    निर्झर भूलेगा निज 'टलमल', सरिता अपना 'कलकल' गायन,
    वह गायकनायक सिन्धु कहीं, चुप हो छिप जाना चाहेगा!
    मुँह खोल खड़े रह जा‌एँगे गंधर्व, अप्सरा, किन्नरगण!
    संगीत सजीव हु‌आ जिनमें, जब मौन वही हो जा‌एँगे,
    तब, प्राण, तुम्हारी तंत्री का, जड़ तार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    उतरे इन आखों के आगे जो हार चमेली ने पहने,
    वह छीन रहा देखो माली, सुकुमार लता‌ओं के गहने,
    दो दिन में खींची जा‌एगी ऊषा की साड़ी सिन्दूरी
    पट इन्द्रधनुष का सतरंगा पा‌एगा कितने दिन रहने!
    जब मूर्तिमती सत्ता‌ओं की शोभाशुषमा लुट जा‌एगी,
    तब कवि के कल्पित स्वप्नों का श्रृंगार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    दृग देख जहाँ तक पाते हैं, तम का सागर लहराता है,
    फिर भी उस पार खड़ा को‌ई हम सब को खींच बुलाता है!
    मैं आज चला तुम आ‌ओगी, कल, परसों, सब संगीसाथी,
    दुनिया रोतीधोती रहती, जिसको जाना है, जाता है।
    मेरा तो होता मन डगडग मग, तट पर ही के हलकोरों से!
    जब मैं एकाकी पहुँचूँगा, मँझधार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    is par priye madhu hai tum ho kumar vishvas
    is par priye madhu hai tum ho full poem
  • ВидеоклипыВидеоклипы

Комментарии • 59

  • @moolchandraagnihotri6989
    @moolchandraagnihotri6989 Год назад +36

    हरिवंश राय बच्चन जी का यह गीत अत्यन्त प्रशंसनीय है ।

  • @sanjeetyadav3921
    @sanjeetyadav3921 8 месяцев назад +47

    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    यह चाँद उदित होकर नभ में कुछ ताप मिटाता जीवन का,
    लहरालहरा यह शाखाएँ कुछ शोक भुला देती मन का,
    कल मुर्झानेवाली कलियाँ हँसकर कहती हैं मगन रहो,
    बुलबुल तरु की फुनगी पर से संदेश सुनाती यौवन का,
    तुम देकर मदिरा के प्याले मेरा मन बहला देती हो,
    उस पार मुझे बहलाने का उपचार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    जग में रस की नदियाँ बहती, रसना दो बूंदें पाती है,
    जीवन की झिलमिलसी झाँकी नयनों के आगे आती है,
    स्वरतालमयी वीणा बजती, मिलती है बस झंकार मुझे,
    मेरे सुमनों की गंध कहीं यह वायु उड़ा ले जाती है!
    ऐसा सुनता, उस पार, प्रिये, ये साधन भी छिन जाएँगे,
    तब मानव की चेतनता का आधार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    प्याला है पर पी पाएँगे, है ज्ञात नहीं इतना हमको,
    इस पार नियति ने भेजा है, असमर्थबना कितना हमको,
    कहने वाले, पर कहते है, हम कर्मों में स्वाधीन सदा,
    करने वालों की परवशता है ज्ञात किसे, जितनी हमको?
    कह तो सकते हैं, कहकर ही कुछ दिल हलका कर लेते हैं,
    उस पार अभागे मानव का अधिकार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    कुछ भी न किया था जब उसका, उसने पथ में काँटे बोये,
    वे भार दिए धर कंधों पर, जो रोरोकर हमने ढोए,
    महलों के सपनों के भीतर जर्जर खँडहर का सत्य भरा!
    उर में एसी हलचल भर दी, दो रात न हम सुख से सोए!
    अब तो हम अपने जीवन भर उस क्रूरकठिन को कोस चुके,
    उस पार नियति का मानव से व्यवहार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    संसृति के जीवन में, सुभगे! ऐसी भी घड़ियाँ आऐंगी,
    जब दिनकर की तमहर किरणे तम के अन्दर छिप जाएँगी,
    जब निज प्रियतम का शव रजनी तम की चादर से ढक देगी,
    तब रविशशिपोषित यह पृथिवी कितने दिन खैर मनाएगी!
    जब इस लंबेचौड़े जग का अस्तित्व न रहने पाएगा,
    तब तेरा मेरा नन्हासा संसार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    ऐसा चिर पतझड़ आएगा, कोयल न कुहुक फिर पाएगी,
    बुलबुल न अंधेरे में गागा जीवन की ज्योति जगाएगी,
    अगणित मृदुनव पल्लव के स्वर 'भरभर' न सुने जाएँगे,
    अलिअवली कलिदल पर गुंजन करने के हेतु न आएगी,
    जब इतनी रसमय ध्वनियों का अवसान, प्रिय हो जाएगा,
    तब शुष्क हमारे कंठों का उद्गार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    सुन काल प्रबल का गुरु गर्जन निर्झरिणी भूलेगी नर्तन,
    निर्झर भूलेगा निज 'टलमल', सरिता अपना 'कलकल' गायन,
    वह गायकनायक सिन्धु कहीं, चुप हो छिप जाना चाहेगा!
    मुँह खोल खड़े रह जाएँगे गंधर्व, अप्सरा, किन्नरगण!
    संगीत सजीव हुआ जिनमें, जब मौन वही हो जाएँगे,
    तब, प्राण, तुम्हारी तंत्री का, जड़ तार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    उतरे इन आखों के आगे जो हार चमेली ने पहने,
    वह छीन रहा देखो माली, सुकुमार लताओं के गहने,
    दो दिन में खींची जाएगी ऊषा की साड़ी सिन्दूरी
    पट इन्द्रधनुष का सतरंगा पाएगा कितने दिन रहने!
    जब मूर्तिमती सत्ताओं की शोभाशुषमा लुट जाएगी,
    तब कवि के कल्पित स्वप्नों का श्रृंगार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
    दृग देख जहाँ तक पाते हैं, तम का सागर लहराता है,
    फिर भी उस पार खड़ा कोई हम सब को खींच बुलाता है!
    मैं आज चला तुम आओगी, कल, परसों, सब संगीसाथी,
    दुनिया रोतीधोती रहती, जिसको जाना है, जाता है।
    मेरा तो होता मन डगडग मग, तट पर ही के हलकोरों से!
    जब मैं एकाकी पहुँचूँगा, मँझधार न जाने क्या होगा!
    इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!

    • @user-tx9xy3ys4e
      @user-tx9xy3ys4e 2 месяца назад +1

      Kya bat hai 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏

    • @vivekamritpaliwal7895
      @vivekamritpaliwal7895 2 месяца назад

      Tnxs bhai

    • @PradeepSharma-gv2xz
      @PradeepSharma-gv2xz Месяц назад

      Dil Chhu Lene wali Kavita❤

    • @rishipatel9603
      @rishipatel9603 Месяц назад

      ❤❤

    • @user-qu3lw1df8c
      @user-qu3lw1df8c Месяц назад

      ❤❤❤❤❤

  • @ajaytiwari6201
    @ajaytiwari6201 Месяц назад +8

    दिल को भिभोर कर देने वाली कविता है जीतनी बार सुनो हर बार कुछ नया लहता है 💝💝💝💝💝

  • @gamingpower1947
    @gamingpower1947 Месяц назад +4

    रोम रोम आनंद से झंकृत हो उठा!

  • @shubhamagrihelpsahayal8218
    @shubhamagrihelpsahayal8218 2 месяца назад +9

    हरिवंश राय बच्चन जी की कलम की जादू का एक छोटा सी कविता ❣️🥰✨🙏

  • @ananyashukla540
    @ananyashukla540 Год назад +22

    466 bar mai is kavita ko sun chuki hu , ar na jane kitna sunugi, it's peaceful.

  • @SunilSir-dw3hb
    @SunilSir-dw3hb Месяц назад +3

    Apke mukh se sunne ka anand hi kuchh aur hai

  • @yashvardhansingh448
    @yashvardhansingh448 Месяц назад +3

    Mahan. Kavi. Kavita. Ki. Sundar. Prastuti.

  • @shine_67
    @shine_67 Месяц назад +3

    Bahut pyaraa🙏🙏🙏

  • @RaushanKumar-th5hn
    @RaushanKumar-th5hn 6 дней назад

    जीवन उत्सव का सौंदर्य संघर्ष है

  • @SantunaYadav
    @SantunaYadav 27 дней назад

    Wow this is beautiful 😍
    Ajkal ke saath song to kuch bhi nhi

  • @KBCBlog1685
    @KBCBlog1685 2 месяца назад +3

    इस कविता के पृष्ठ में आपने बहुत छोटा प्रतीक चुन लिया।
    यह कविता जीवन-मृत्यु की शाश्वत चिंतना शक्ति आप्लावित है।

  • @CHAUHAN4758
    @CHAUHAN4758 8 месяцев назад +3

    बहुत ही सुंदर कविता है।

  • @alkakapoor2496
    @alkakapoor2496 Месяц назад +3

    बहुत सुन्दर👍

  • @AkhileshSingh-uu9zs
    @AkhileshSingh-uu9zs Месяц назад +2

    बहुत ही सुन्दर

  • @nawalsharma5549
    @nawalsharma5549 4 месяца назад +4

    Jivan ka sar samjh aata h is kavita

  • @babitatiwari8336
    @babitatiwari8336 Месяц назад +1

    Yah.bhai.ji.jai.hind.ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🪔👏👌👌👌👌👌👌👌🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️

  • @UHSMAKAIPURKATIHAR
    @UHSMAKAIPURKATIHAR 22 часа назад

    ❤🤗

  • @Sanju-raj-pandey
    @Sanju-raj-pandey 16 дней назад

    Mujhe apki every poem bahut pasand h❤❤

  • @shivleshkumar961
    @shivleshkumar961 8 дней назад

    Ati sundar

  • @chanderprakash9259
    @chanderprakash9259 Месяц назад +1

    बहुत सुन्दर

  • @BauajiKiDuniya
    @BauajiKiDuniya 2 месяца назад +2

    Ati sundar.. .Man aanandit ho utha

  • @yatendrakumar7044
    @yatendrakumar7044 23 дня назад

    बहुत ही अद्भुत

  • @pritichaudhary3427
    @pritichaudhary3427 Месяц назад +1

    मनमोहक गीत👌👌👌👌👌👌

  • @v.k1003
    @v.k1003 Год назад +4

    I Am Very Like This Poyet

  • @poonamchandan8052
    @poonamchandan8052 12 дней назад

    Still d best ❤

  • @SujitKumar-qi8cl
    @SujitKumar-qi8cl Месяц назад +1

    👍

  • @shailendramishra702
    @shailendramishra702 6 месяцев назад +2

    Very nice ❤

  • @PriyanshiDwivediPriyanshi
    @PriyanshiDwivediPriyanshi 28 дней назад

    🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️👌👌👌

  • @alokpriyadarshi8263
    @alokpriyadarshi8263 Месяц назад +1

    🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🙏🙏🙏👍

  • @sultansingh2757
    @sultansingh2757 Год назад +3

    Very good

  • @meenakarki3830
    @meenakarki3830 4 месяца назад +1

    Nice poem

  • @yashkhokhar9377
    @yashkhokhar9377 8 месяцев назад +1

    Very nice

  • @Hariom-jb7qb
    @Hariom-jb7qb 3 месяца назад

  • @sharmiladwivedi764
    @sharmiladwivedi764 Год назад +3

    Super 👍👍👍❤❤🙏🙏🙏

  • @SunilKumar-um6qz
    @SunilKumar-um6qz 7 месяцев назад +1

    Nice

  • @laxmisrivastava5228
    @laxmisrivastava5228 2 месяца назад +1

    🌹🌹🙏🌹🌹❤

  • @telar410
    @telar410 3 месяца назад

    Amitabh ne kitne liye wishwas Ji ? Thanks for apload this beautiful kavita

  • @user-fm5dg9ju9h
    @user-fm5dg9ju9h 3 месяца назад +22

    आज मैं इस कविता को केजरीवाल जी जेल में हैं उनको उस पर देख के सुन रही हूँ ! सोच के देखो आप भी ••••

    • @user-bv4nt7xn1g
      @user-bv4nt7xn1g 2 месяца назад

      Deviji chori karega toh jail me hi jayega naa
      Do school banwa ke usme beech me ek sharaab ki dukaan kholkr Paisa banaye jisse ki goa aur Punjab gujrat me chunav ladne chala tha ED ne daboch liye waise bhi vipaksh me tha jisse rulling government bhi kuch nhi kahti ED ko😂😂😂
      Choro ke liye sympathy mat dikhao 😂😂😂
      Dukh kahe kaa dukh sheesh Mahal me rahne sukh nhi hua tha kyaa
      Nhi toh uski aukaad ki wo sheeshmahal me rahle 😂😂😂😂
      Sarkaari naukar tha 😂😂😂

    • @ramkarannishadbhatia2246
      @ramkarannishadbhatia2246 Месяц назад +3

      😂😂😂😂😅

    • @user-nk7ev7iw6v
      @user-nk7ev7iw6v Месяц назад +3

      😅

    • @sachintyagi4690
      @sachintyagi4690 Месяц назад +1

      Chor hai vo

    • @user-fm5dg9ju9h
      @user-fm5dg9ju9h Месяц назад +1

      🙏🏼

  • @gulabchandryadav5399
    @gulabchandryadav5399 9 месяцев назад

    Lajvab bemishal

  • @GurujiClasses-wc9eq
    @GurujiClasses-wc9eq 9 месяцев назад

    Excellent sir ji, apna Kavita sonao.

  • @d_solo_traveller8299
    @d_solo_traveller8299 8 месяцев назад

    😅o