नब्बे फीसदी जज एस सी,एस टी, ओबीसी से हो। पांच करोड़ केश पेन्डिंग है, परन्तु हाई कोर्ट पटना बिहार आरक्षण कानून को तुरंत खत्म कर दिया। इस पर जांच हो,उस जज को बर्खास्त किया जाए।
इंडिया में चपरासी बनने के लिए एंट्रेंस देना होता है और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के किए बस बाप की रिश्तेदारी और पैरवी काफी है जल्द से जल्द कॉलेजियम सिस्टम को हटा के ऑल इंडिया जज की एंट्रेंस होनी चाहिए 😡😡😡😡😡😡😡
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
@@rajeshkumarprajapati9948 भाई अगर सगे सम्बन्धियों में क्षमता है, तो क्यों न पदोन्नत हों वो!! केवल इसीलिए कि सगे-सम्बन्धी हैं वो बैन तो नहीं हो जाएंगे न उस पेशे में!
जिस देश में चपरासी के लिए परीक्षा, और interview देना पड़ता है लेकिन जज बनने के लिए बस एक जज या वकील के परिवार से होना ही काफी हैं, उस देश की रक्षा भगवान ही करेंगे 🙏🏻😡
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
@@indiathatis2987 भाई लेकिन ED, CBI, Army chief की नियुक्ति सरकार करते हैं ना की Ex-ED, CBI. श्याद आप समझ गए होंगे जजों की नियुक्ति खुद जज कर के देते हैं इसलिए सिर्फ 15 परिवार का उस पद पर सब से ज्यादा दबदबा हैं 🙏🏻
@@The-vb2oj जिस प्रकार सरकारी नॉकरी कर बेतन पाने वाले जज, सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम सिस्टम द्वारा खुद से 5 बड़े बड़े जज मील कर देश भर के केवल अपने ही 85 परिवारो के परिवार के सगे सम्बन्धी लोगो को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति कर लेते है , जिसमे सरकार का कोई रोल नही रहता है , और न्यायलय सरकार के दबाब में नही आती है , और न्याय करने में न्यायाधीश स्वतन्त्र रहते है , ठीक इसी प्रकार सेना में सरकारी नॉकरी करने वाले और सरकारी वेतन पाने वाले सभी सरकारी संस्थाए अपनी नियुक्ती खुद करे , अरे सेना ही क्यों इस प्रकार पुलिस , बैंक कर्मचारी, सांसद, राज्य सभा मेम्बर, स्टेट के MLA , डाक्टर, सभी IAS आफीसर, DM, देश के सभी सरकारी नॉकरी का फैसला और उसमें होने वाली छुट्टी का फैसला सब उस डिपार्टमेंट के बड़े बड़े 5 अफसर खुद से करे । इस प्रकार सरकार का कही कोई दखल नही रह पाएगा । सरकार का इस प्रकार पक्ष पात वाला एक गंदा नियुक्ती वाल रबईया सब जगह खत्म हो जाएगा । और पूरा देश खुश हो जाएगा । इस प्रकार सभी डिपार्टमेंट में सब अपने अपने परिवार के लोगो की बहाली कर सकेंगे । सुप्रीम कोर्ट के परिवार की भांति देश के अलग अलग सरकारी संस्थाओ में काम करने वाले लोगो के परिवार भी बहुत खुश हो जाएंगे ।
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
लेकिन अगर upsc की तरह कोई judicriary की तरह कोई संस्था बनती है तो वो तो goverment of India के अंदर आयेगा।। बाद में हो सकता है goverment of India अपनी कोई पॉलिटीशियन पार्टी को जिसपे मुकदमा चल रहा हो।। जो जज उस केस को देख रहे हो उसपे दबाव बना के कुछ भी करा सकती है जैसे कोई भी पॉलिटिशन IAS or IPS पे बनाते है इसपे आपकी क्या राय है
@@amanvlogs505 यूपीएससी जैसे एक स्वतंत्र संवैधानिक आयोग होने चाहिए जिसमे अध्यक्ष सहित 9 सदस्य होने चाहिए। 3 सदस्य कार्यपालिका,3 विधायिका,3 न्यायपालिका चुने ताकि ट्रांसपेरेंसी और स्वतंत्रता हो सामंतवादी या भाई भतीजावाद जैसे चीजे न हो। और तीनो बॉडी में टकराव हो तब यही 9 जज बहुमत से फैसला ले उस विषय पर। जजों की नियुक्ति के लिए पहले ऑल इंडिया स्तर पर परीक्षा हो और फिर कुछ समय तक वो कोर्ट में प्रैक्टिस करे फिर एक निश्चित समय के पश्चात उनको हाईकोर्ट में जज अपॉइंट करे जो आयोग करे और प्रमोशन या ट्रांसफर भी आयोग ही करे।
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
First of all ...IAS IPS ki tarah IJS ..ì.e.indian judiciary service honi chahiye or collegium system transparent honi chahiye jisme judge k alawa dusre member bhi honi chahiye
@@lastunseen ...jab tak ham sabka every field me presentation nhi hoga...tb tk transparency ka abhav hoga or yadi waha representation b nhi h to Hmko itna educate hona pdega ki desh me jo bhi galat ho rha h uski aawaj utha sake or apne adhikaro ke prati sajag ho sake
Judges 21-22 sal ke ni hote, kafi aged hote h, anubhav hota h, Exam krana koi shi advice ni h quki SC tk ja ra h beshaq bo phle hi kafi exam de Chuka h Already state wise judges k exam hote h, CJI k liye exam ni ho skta Na hi collegium system shi h na hi exam krana
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
To get rid of lobbying in appointment of the Judges of High Courts and the Apex Court, Indian Judicial Service (IJS) for judicial services should be introduced. The rank and role of an IJS officer in judicial service should be equivalent to that of an Indian Administrative Service (IAS) officer in civil services. Their services, transfer, posting, promotion, etc should be regulated by the State in consultation with the High Court. Their promotion to High Court, services, transfer, posting, etc and promotion to the Apex Court should be regulated by the President in consultation with respective High Court, respective State, and the Apex Court. The services of the Judges of the Apex Court should be regulated by the President.
आए दिन competitive exams में even provincial services में भी भ्रष्टाचार की खबरें आती रहती हैं but वहीं judiciary के exams में न के बराबर ऐसा कुछ होता है, बड़ी बात यह है कि judiciary के exams संबंधित state public service commission ही करवाता है। इसका मूल कारण है कि यह exam संबंधित state के HC के super vision में होता है।
District level के जजों की नियुक्ति All India Judicial Services Exam के माध्यम से होनी चाहिए और फिर उनमें से ही प्रमोशन के माध्यम से "एक न्यायिक नियुक्ति आयोग की Recommendation के आधार पर " Supreme Court and High Courts में Judges की Appointments हो ... संभवतः ये एक बेहतरीन तरीका होगा, जजों की नियुक्ति का.... जिसमें योग्यता और अनुभव दोनों का समावेश होगा
Mera question hain aapse : collegium system is who have to power to Appoint judge and promotion ok sir . NJAC ACT was introduced. but the question is Who appointed judge we have 2 option govt and collegium system. What are you mean govt are appointed judge with transparency?? Sir
@@Flsvoice यूपीएससी जैसे एक स्वतंत्र संवैधानिक आयोग होने चाहिए जिसमे अध्यक्ष सहित 9 सदस्य होने चाहिए। 3 सदस्य कार्यपालिका,3 विधायिका,3 न्यायपालिका चुने ताकि ट्रांसपेरेंसी और स्वतंत्रता हो सामंतवादी या भाई भतीजावाद जैसे चीजे न हो। और तीनो बॉडी में टकराव हो तब यही 9 जज बहुमत से फैसला ले उस विषय पर। जजों की नियुक्ति के लिए पहले ऑल इंडिया स्तर पर परीक्षा हो और फिर कुछ समय तक वो कोर्ट में प्रैक्टिस करे फिर एक निश्चित समय के पश्चात उनको हाईकोर्ट में जज अपॉइंट करे जो आयोग करे और प्रमोशन या ट्रांसफर भी आयोग ही करे।
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
गठन होना ही चाहिए,SC क्यों HC के फैसले को बदल देता है इसका मतलब जजों की सोच और निर्णय में अंतर क्यों है, कौन गलत SC या HC, कौन तय करेगा, जनता, पहली बार HC के जजों को किसने बनाया सरकार ने ही, तब आज objection क्यों।
Nyay me deri vyakti ke mul aadhikaro ka hanan or uske jeevan se khilvad h... Isliye kisi v desh ki nyay vyabastha pardarshi, bahneey, sulabh or tvarit nyay dene bali honi chahiye....👍🌹🙏🏻🌹thank you so much sansad TV
मेरे हिसाब से 05 मेंबर हो, 1- CJI 2- SC के वरिष्ठ जज 2- सरकार के प्रतिनिधि (जिसमे 01 कानून मंत्री और 01 महान्यायवादी) हो। जिससे ज्यूडिशियरी और सरकार दोनो के प्रतिनिधि हो जायेगा, और पक्षपात भी नही होगा। और अंतिम में महामहिम राष्ट्रपति के अनुमोदन से नियुक्ति हो।🙏🙏 (सिविल कोर्ट के लिए स्टेट PCSJ ही ठीक है)
विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका लोकतंत्र के तीन संवैधानिक स्तम्भ हैं, कार्यपालिका के नियुक्ति और कार्य प्रणाली में पारदर्शिता है परन्तु अपर न्यायपालिका में कॉलेजियम प्रणाली से जजों की नियुक्ति प्रक्रिया से भाई भतीजावाद अर्थात परिवारवाद बढ़ता जा रहा है NJAC को भी अपेक्स कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किया जा चुका है संसद को अखिल भारतीय न्यायिक सेवा जैसे संस्था का गठन कर जजों की नियुक्ति करना चाहिए जिससे लाखों युवा वकीलों को भी समान अवसर मिल सके
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Govt should make a law and judges should not be addressed as milord or mylord. This thing is giving them a false impression that they are above all worldly things and considering themselves above law. The cji's direction not to have supreme court leave bench during holidays is a perfect example. The name of the Supreme court also should be changed.
The independence of judiciary must be prevailed from legislative and executive whether it is related to the appointment of judges or delivering judgement..
130 करोड मे कितने लोग कानून जा न ते हें कितने पढे लेखे हें अगर पढे लिखे हो तो कानून बारे मे कितना जानकारी हें और अनपढ हें उनको तो लेना नही है और ये लोग जनता की प्रतिनिधित्व करते हें और कानून पारित करते हें और जो कानून ग ल त होता समाज का लोगोका हक्क का हानन होताहै तो सर्वोच्च न्याय पालिका हटi देता इसलिये सर्वोच्च कोर्ट मे हस्तक्षेप नहीं हो ना चाहिये हो संविधान की रक्षक हें और संविधान लोगोके लिये है इसलिये संविधान सर्वोच हें
No where a system like collegium exists.. It is against democracy. In a democracy, will of people is supreme. Will of people lies in political leader, hence collegium must be abolished. There should be a ALL INDIA JUDICIAL SERVICE like IAS IPS. AIJS will ensure transparency , efficiency, and efficacy , etc.... We r with Modi Govt. Go ahead Modi ji...
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Adhikariyo ko bhi freedom milna chahiye jis traha judge ko milta hai.. Ye sarkar k under mei kaam krtey hai jisey chahta hai wisey nachata hai govt.... Collegium system hi best h
Beta 200 family judiciary chalati hai apne logo ko select karta hai, Har jagah Modi ka virodh karke mulla thought spread mat kar, itna problem hai Modi se to pakistan aur Bangladesh nikal le
अगर ऐसा हुआ तो गॉवरेनमेंट जो चाहेगी वो करवाएगी जजों से. PM मोदी जी का पूरा इंटरफेरेंस रहेगा और आम नागरिक और पूरा देश ऐसे ही पछताएगा जैसे अब BJP की सरकार दुबारा बनाने पे पछता रहे हैं। अब जो चल रहा है वो ही सही है। शायद संसद TV wale bhi kosis kr rahe h ki un logo ko डिबेट मे लाओ जो सरकार की tarfdari krte ho
Most complicated topic, anything done from government side is always seen as interference in the independent judiciary, and collegium has it's problem of transparency and accountability.
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
नियुक्ति तो सरकार के हाथ में ना ही हो। लेकिन कॉलेजियम में पारदर्शिता होनी चाहिए। नियुक्ति का अलग बोर्ड बना लो, जिसमे 3 न्यायाधीश, 1 कानून मंत्री,1 प्रधान मंत्री/उसके द्वारा नियुक्त मंत्री और इस पर मुहर के लिए राष्ट्रपति हो।
महोदय सत्य तो यह है कि नेता लोग यह चाहते हैं जो सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के न्यायाधीश हो वह नेताओ के कोई खास हो और जो पॉलिटीशियन के इसारे पार काम करे। हमको यह बताओ किरण रिजुजी SC के न्यायाधीश से ज्यादा कानून जानते है।
Collegium system of appointment of judges -- YE sirf aur sirf desh ke 100 family ka pariwarwad hai. Judgement mei jattiwad ki sambhavna bahut jyada. Indian judicial service suru ho jisme sabko mauka.
First time Modi government try to inference in judiciary in 2014 itself through passing 99th constitutional Amendment act by enacting the NJAC Law but Supreme Court declared it Unconstitutional.. Once again the independence of judiciary in khatra.
Who declared njac unconditional?? The judges itself right ??? They are just like the tyrant autocrate of communist country who can do any anything they want but nobody can question them in the name of contempt of court. They never talk about the corruption in judiciary. So its necessary for accountability
Use Artificial Intelligence here also, define various factors and weightage and a democratic election by law field executives including all judges of SC, HC, DJ, Megistrate and lawyer of SC and HC.
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Pls.. Don't invite any judge as a .guest neither from sc nor hc.....bcz he will never favour...any changes in collegium nor will provide a recc in njac...
Bharat sarkar KO cji k liy upsc ki hi trh exam hona chahiy Exam sirph vhi student bhag le Jo LLB se post graduate ho Is trh shbhi state k mukha nyayadhish bnay jay( Cji+chief justice of state) Yhi rule state leave PR bhi ho na chahiy(distinct k liy)
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Collegium issue like power verses sc v/s parliament so I believe on collegium not NJAC(99th caa) I don't believe on any time present rulling party (bjp,congress,etc) because all political party will missuse this process of appointment of judges
माननीय मंत्री जी यहां तो लोग sc/st act से भी खुश नही है जिस तरह से इसका दुरप्रयोग किया जा रहा है ।।।तो क्या आप उसमें भी सुधार करवाएंगे या बस हवा हवाई की बात है
I agree ki sab office me groupism/politics hota h but Kuch bhi ho collegium system ke andar hi badlaw hona chiye, political party/govt ka interfere nhi hona chiye nhi to bad se battar ho jayega hamara judiciary. 🙏🙏🙏
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Judiciary appointment me Govt ka interfere hone pr constitution ka 3 part nhi bass 2 part rahjayega legislature and executive. Internal jitna bhi politics ho judiciary ke bich govt ka puppet toh nhi hoga.
The CLAT exam for LLM is a very reputed exam. It is conducted all over the country and there are very few complaints against it. All candidates appearing in CLAT exam for LLM study a common syllabus, irrespective of which Law College they will join later on. The syllabus is common for all law universities in the country irrespective of state and language. Besides, the law syllabus is decided by the Bar Council of India for all Law Colleges. The score of CLAT exam for LLM also is used for appointment of Lawyers by various PSUs. 1. Why then do all states need to conduct separate examinations to recruit Civil Judges? Why can't CLAT exam for LLM be the one and only exam to recruit Civil Judges all over India? 2. This will save a lot of time and money and effort of the Honourable High Courts of the country as also of the poor candidates. 3.Inspite of earlier Supreme Court judgements that interview should not be done since bias is likely to be there, the Chhatisgarh Public Service Commission has advertised posts for Civil Judges and getting qualifying marks in the interview is mandatory. Besides, the written Mains exam shall have subjective questions. My words may be noted , outstanding candidates will be failed in the Interview and given much lower marks in the subjective questions compared to the ' connected ' candidates '.
Collegial system sahi system hai jo keh independent system hai jo keh politics ke under nahi hona chahieselection politics corrupt system hai jo keh judiciary ko independ function nahi karne dega
A constitutional organization like upsc should conduct judiciary exam all over the India. So that competent will get selected and while appointment of a hc or SC judge it's consultation need to be obtained.
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए? इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले! परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है। इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
@@soumensarkar8585 Yes and you elect a very high quality government with very important issues like caste and religion and let's not forget freebies including bottles of alcohol.
Yeh kamjori b sarkar ki hai jab apke pass power thi appointment ki tab apne judge ki seniority ko he khatm kar diye aur ab. App samjne chle Phele congress Aur ab bjp Apne laye tha 99 the amendment sab khatm kiya supreme court
Cji ki niyukti k liye collegium sahi hai lekin isme ik sarkar ka vyakti aur ik vipakash ke neta aur 3 supreme court ke justice ko shamil kr kamiyo ko sudhara ja skta h Collegium ko strong kiya ja skta h
जैसे आई ए एस, आईं पी एस की नियुक्ति होती है उस तरह जजों की नियुक्ति का भी आयोग होना चाहिए।
नब्बे फीसदी जज एस सी,एस टी, ओबीसी से हो। पांच करोड़ केश पेन्डिंग है, परन्तु हाई कोर्ट पटना बिहार आरक्षण कानून को तुरंत खत्म कर दिया। इस पर जांच हो,उस जज को बर्खास्त किया जाए।
इंडिया में चपरासी बनने के लिए एंट्रेंस देना होता है
और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का
जज बनने के किए
बस बाप की रिश्तेदारी
और पैरवी काफी है
जल्द से जल्द कॉलेजियम सिस्टम को हटा के
ऑल इंडिया जज की एंट्रेंस होनी चाहिए
😡😡😡😡😡😡😡
जजों की नियुक्ति ऐसे होती है है एक अमीर व्यक्ति प्रसाद बांटता है। अर्थात अपनों को ही देता है। धन्य है भारत की न्याय व्यवस्था।
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
कितना पारदर्शी है ये हम सभी जानते हैं। पहले आप पता करो कितने सेक्रेटरी के सगे संबंधी सेक्रेटरी बने है।
@@rajeshkumarprajapati9948 भाई अगर सगे सम्बन्धियों में क्षमता है, तो क्यों न पदोन्नत हों वो!! केवल इसीलिए कि सगे-सम्बन्धी हैं वो बैन तो नहीं हो जाएंगे न उस पेशे में!
इसीलिए ये ऐसे निर्णय देते हैं उसके बाद पुनर्विचार याचिका में उसे संशोधित करते हैं ।
@@rajeshkumarprajapati9948 तो क्या जिद पर अड़े रहें कि सकारात्मक और आवश्यक बदलाव भी नहीं होगा
जिस देश में चपरासी के लिए परीक्षा, और interview देना पड़ता है लेकिन जज बनने के लिए बस एक जज या वकील के परिवार से होना ही काफी हैं, उस देश की रक्षा भगवान ही करेंगे 🙏🏻😡
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
@@indiathatis2987 भाई लेकिन ED, CBI, Army chief की नियुक्ति सरकार करते हैं ना की Ex-ED, CBI.
श्याद आप समझ गए होंगे
जजों की नियुक्ति खुद जज कर के देते हैं इसलिए सिर्फ 15 परिवार का उस पद पर सब से ज्यादा दबदबा हैं 🙏🏻
@@The-vb2oj इसका मतलब आप चाहते हो कि जजों की नियुक्ति भी सरकार करे!! यही तो नीयत है सरकार की, जो जनसामान्य को समझनी चाहिए
@@The-vb2oj जिस प्रकार सरकारी नॉकरी कर बेतन पाने वाले जज, सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम सिस्टम द्वारा खुद से 5 बड़े बड़े जज मील कर देश भर के केवल अपने ही 85 परिवारो के परिवार के सगे सम्बन्धी लोगो को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति कर लेते है , जिसमे सरकार का कोई रोल नही रहता है , और न्यायलय सरकार के दबाब में नही आती है , और न्याय करने में न्यायाधीश स्वतन्त्र रहते है , ठीक इसी प्रकार सेना में सरकारी नॉकरी करने वाले और सरकारी वेतन पाने वाले सभी सरकारी संस्थाए अपनी नियुक्ती खुद करे , अरे सेना ही क्यों इस प्रकार पुलिस , बैंक कर्मचारी, सांसद, राज्य सभा मेम्बर, स्टेट के MLA , डाक्टर, सभी IAS आफीसर, DM, देश के सभी सरकारी नॉकरी का फैसला और उसमें होने वाली छुट्टी का फैसला सब उस डिपार्टमेंट के बड़े बड़े 5 अफसर खुद से करे । इस प्रकार सरकार का कही कोई दखल नही रह पाएगा । सरकार का इस प्रकार पक्ष पात वाला एक गंदा नियुक्ती वाल रबईया सब जगह खत्म हो जाएगा । और पूरा देश खुश हो जाएगा । इस प्रकार सभी डिपार्टमेंट में सब अपने अपने परिवार के लोगो की बहाली कर सकेंगे । सुप्रीम कोर्ट के परिवार की भांति देश के अलग अलग सरकारी संस्थाओ में काम करने वाले लोगो के परिवार भी बहुत खुश हो जाएंगे ।
Collegium system को बन्द किया जाए ओर समंविधान का article 312 के अनुसार ऑल इंडिया जुडिशियल सेवा का गठन किया जाए.
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
बिल्कुल भाई... Taki me RJS ke jagah sidha DJ bnu District judge 👨⚖️
भारत में एक भारतीय मुख्य भर्ती न्यायिक आयोग होना चाहिए जो यूपीएससी की तरह संस्था होनी चाहिए जिस में प्रति वर्ष परीक्षा आयोजित कराई जानी चाहिए
लेकिन अगर upsc की तरह कोई judicriary की तरह कोई संस्था बनती है तो वो तो goverment of India के अंदर आयेगा।। बाद में हो सकता है goverment of India अपनी कोई पॉलिटीशियन पार्टी को जिसपे मुकदमा चल रहा हो।। जो जज उस केस को देख रहे हो उसपे दबाव बना के कुछ भी करा सकती है
जैसे कोई भी पॉलिटिशन IAS or IPS पे बनाते है
इसपे आपकी क्या राय है
Collegium appoints higher Judiciary not subordinate judiciary.
@@amanvlogs505 यूपीएससी जैसे एक स्वतंत्र संवैधानिक आयोग होने चाहिए जिसमे अध्यक्ष सहित 9 सदस्य होने चाहिए। 3 सदस्य कार्यपालिका,3 विधायिका,3 न्यायपालिका चुने ताकि ट्रांसपेरेंसी और स्वतंत्रता हो सामंतवादी या भाई भतीजावाद जैसे चीजे न हो। और तीनो बॉडी में टकराव हो तब यही 9 जज बहुमत से फैसला ले उस विषय पर।
जजों की नियुक्ति के लिए पहले ऑल इंडिया स्तर पर परीक्षा हो और फिर कुछ समय तक वो कोर्ट में प्रैक्टिस करे फिर एक निश्चित समय के पश्चात उनको हाईकोर्ट में जज अपॉइंट करे जो आयोग करे और प्रमोशन या ट्रांसफर भी आयोग ही करे।
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
संसद टीवी पर विशेष कार्यक्रम पुनः प्रसारित किया जाए
जजों की नियुक्ति के लिए आयोग बनना चाहिए।
NJAC was proposed once
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
भारतीय न्यायिक सेवा आयोग के प्रतिस्पर्धा प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चयन होना चाहिए
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति संसद टीवी
दीपावली की हार्दिक बधाई
जय भारत जय संविधान
First of all ...IAS IPS ki tarah IJS ..ì.e.indian judiciary service honi chahiye or collegium system transparent honi chahiye jisme judge k alawa dusre member bhi honi chahiye
bahoot achha tab to bahoot acche se nyay mil jayegaaa sab ko.
Yeah right 👍
Brahman waad h collegium system m
@@lastunseen ...jab tak ham sabka every field me presentation nhi hoga...tb tk transparency ka abhav hoga or yadi waha representation b nhi h to Hmko itna educate hona pdega ki desh me jo bhi galat ho rha h uski aawaj utha sake or apne adhikaro ke prati sajag ho sake
National judicial appointment council layi thi sarkar sc ne invalid krdia
कॉलेजियम सिस्टम से बंद होना चाहिए जजों की नियुक्ति परीक्षा के आधार पर होनी चाहिए नियुक्ति
Judges 21-22 sal ke ni hote, kafi aged hote h, anubhav hota h,
Exam krana koi shi advice ni h quki SC tk ja ra h beshaq bo phle hi kafi exam de Chuka h
Already state wise judges k exam hote h, CJI k liye exam ni ho skta
Na hi collegium system shi h na hi exam krana
सही bat
Sabse acchi tarah apni baton ko Sandeep mahapatra ji ne rakha 🙏🙏thanx a lot sir
Sandeep mahapatra g k jabab se bahut santust hua....great sir g
कोलेजियम खत्म कर के एग्जाम व इंटरव्यू के तहत होना ,जससे न्याय पारदर्शी हो सके।
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व रहे
न्यायपालिका में न्यायिक आयोग गठित करके उसके बाद आयोग द्वारा न्यायपालिका में जज साहब की नियुक्ति करनी चाहिए
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
To get rid of lobbying in appointment of the Judges of High Courts and the Apex Court, Indian Judicial Service (IJS) for judicial services should be introduced.
The rank and role of an IJS officer in judicial service should be equivalent to that of an Indian Administrative Service (IAS) officer in civil services.
Their services, transfer, posting, promotion, etc should be regulated by the State in consultation with the High Court.
Their promotion to High Court, services, transfer, posting, etc and promotion to the Apex Court should be regulated by the President in consultation with respective High Court, respective State, and the Apex Court.
The services of the Judges of the Apex Court should be regulated by the President.
आए दिन competitive exams में even provincial services में भी भ्रष्टाचार की खबरें आती रहती हैं but वहीं judiciary के exams में न के बराबर ऐसा कुछ होता है, बड़ी बात यह है कि judiciary के exams संबंधित state public service commission ही करवाता है। इसका मूल कारण है कि यह exam संबंधित state के HC के super vision में होता है।
Vakeel saheb ne sahi baat kahi h
District level के जजों की नियुक्ति All India Judicial Services Exam के माध्यम से होनी चाहिए और फिर उनमें से ही प्रमोशन के माध्यम से "एक न्यायिक नियुक्ति आयोग की Recommendation के आधार पर " Supreme Court and High Courts में Judges की Appointments हो ...
संभवतः ये एक बेहतरीन तरीका होगा, जजों की नियुक्ति का.... जिसमें योग्यता और अनुभव दोनों का समावेश होगा
Mera question hain aapse : collegium system is who have to power to Appoint judge and promotion ok sir . NJAC ACT was introduced. but the question is Who appointed judge we have 2 option govt and collegium system. What are you mean govt are appointed judge with transparency?? Sir
@@Flsvoice यूपीएससी जैसे एक स्वतंत्र संवैधानिक आयोग होने चाहिए जिसमे अध्यक्ष सहित 9 सदस्य होने चाहिए। 3 सदस्य कार्यपालिका,3 विधायिका,3 न्यायपालिका चुने ताकि ट्रांसपेरेंसी और स्वतंत्रता हो सामंतवादी या भाई भतीजावाद जैसे चीजे न हो। और तीनो बॉडी में टकराव हो तब यही 9 जज बहुमत से फैसला ले उस विषय पर।
जजों की नियुक्ति के लिए पहले ऑल इंडिया स्तर पर परीक्षा हो और फिर कुछ समय तक वो कोर्ट में प्रैक्टिस करे फिर एक निश्चित समय के पश्चात उनको हाईकोर्ट में जज अपॉइंट करे जो आयोग करे और प्रमोशन या ट्रांसफर भी आयोग ही करे।
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
@@indiathatis2987 tum jahil ho 😂😂
गठन होना ही चाहिए,SC क्यों HC के फैसले को बदल देता है इसका मतलब जजों की सोच और निर्णय में अंतर क्यों है, कौन गलत SC या HC, कौन तय करेगा, जनता, पहली बार HC के जजों को किसने बनाया सरकार ने ही, तब आज objection क्यों।
Nyay me deri vyakti ke mul aadhikaro ka hanan or uske jeevan se khilvad h... Isliye kisi v desh ki nyay vyabastha pardarshi, bahneey, sulabh or tvarit nyay dene bali honi chahiye....👍🌹🙏🏻🌹thank you so much sansad TV
संदीप महापात्रा जी सबसे स्पष्ट तरीके से अपनी बात को रख रहे थे...ऐसे डिबेट में पीके मल्होत्रा सिर,सत्य प्रकाश सर,देश रतन निगम सर् को जरूर बुलाएं
मेरे हिसाब से 05 मेंबर हो,
1- CJI
2- SC के वरिष्ठ जज
2- सरकार के प्रतिनिधि (जिसमे 01 कानून मंत्री और 01 महान्यायवादी) हो।
जिससे ज्यूडिशियरी और सरकार दोनो के प्रतिनिधि हो जायेगा, और पक्षपात भी नही होगा। और अंतिम में महामहिम राष्ट्रपति के अनुमोदन से नियुक्ति हो।🙏🙏
(सिविल कोर्ट के लिए स्टेट PCSJ ही ठीक है)
विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका लोकतंत्र के तीन संवैधानिक स्तम्भ हैं, कार्यपालिका के नियुक्ति और कार्य प्रणाली में पारदर्शिता है परन्तु अपर न्यायपालिका में कॉलेजियम प्रणाली से जजों की नियुक्ति प्रक्रिया से भाई भतीजावाद अर्थात परिवारवाद बढ़ता जा रहा है NJAC को भी अपेक्स कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किया जा चुका है संसद को अखिल भारतीय न्यायिक सेवा जैसे संस्था का गठन कर जजों की नियुक्ति करना चाहिए जिससे लाखों युवा वकीलों को भी समान अवसर मिल सके
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Judge ke liye exam hona chahiye aur upsc jaise ek autonomous institute hona chahiye aur collegium system na hokar NPC ke jaise kuch hona chahiye
God bless u & Thank u Ma'am🙏
इंडियन ज्यूडिशियल सर्विसेज एग्जाम्स लाओ।।
Govt should make a law and judges should not be addressed as milord or mylord. This thing is giving them a false impression that they are above all worldly things and considering themselves above law. The cji's direction not to have supreme court leave bench during holidays is a perfect example. The name of the Supreme court also should be changed.
माननीय न्यायाधीश आलोचना से तभी ऊपर होगा जब वो दूसरे न्यायाधीश के चयन में-किरण रीजूजी
असांरी जी जज है बोलने में फर्राटेदार होना चाहिए
The independence of judiciary must be prevailed from legislative and executive whether it is related to the appointment of judges or delivering judgement..
बहुत ही अच्छा विमर्श
1993 तक कानून मंत्रालय करता था तभीवतो इंदिरा गांधी ने तीसरे वरिष्ठ जज को मुख्य न्यायाधीश बना दिया था
Bilkul ... Aayog banane ka samay ab aa chuka hai
Bilkul sahi kaha aapne authority kisi k pass na hokar aayog k pass ho
जज की नियुक्ति कोलेजियम पड़ती गुड हैं
पारदर्शी लोकतंत्र में राजा का पुत्र या समीप का कोई व्यक्ति राजा बने ये प्रथा कभी की समाप्त हो गई
130 करोङ जनताका प्रतिनिधित्व होना चाहिए
130 करोड मे कितने लोग कानून जा न ते हें कितने पढे लेखे हें अगर पढे लिखे हो तो कानून बारे मे कितना जानकारी हें और अनपढ हें उनको तो लेना नही है और ये लोग जनता की प्रतिनिधित्व करते हें और कानून पारित करते हें और जो कानून ग ल त होता समाज का लोगोका हक्क का हानन होताहै तो सर्वोच्च न्याय पालिका हटi देता इसलिये सर्वोच्च कोर्ट मे हस्तक्षेप नहीं हो ना चाहिये हो संविधान की रक्षक हें और संविधान लोगोके लिये है इसलिये संविधान सर्वोच हें
No where a system like collegium exists.. It is against democracy. In a democracy, will of people is supreme. Will of people lies in political leader, hence collegium must be abolished. There should be a ALL INDIA JUDICIAL SERVICE like IAS IPS. AIJS will ensure transparency , efficiency, and efficacy , etc.... We r with Modi Govt. Go ahead Modi ji...
Indian judiciary ♥️🏆
Judges should be appointed based on competitive examinations alike to the pattern of IAS and IPS recruitment.
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Judicial commission लागू हो , भाई भतीजावाद बंद हो। और exam या भर्ती प्रक्रिया द्वारा नियुक्ति होना चाहिए।
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Very erudite discussion thanks thanks
Nowadays the judiciary act against indian interest.
इस प्रक्रिया से पिछड़े वर्ग( sc st obc female ews)को न्यायालय में प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर, न्यायालय कुछ वर्ग तक समित है
Adhikariyo ko bhi freedom milna chahiye jis traha judge ko milta hai..
Ye sarkar k under mei kaam krtey hai jisey chahta hai wisey nachata hai govt....
Collegium system hi best h
Beta 200 family judiciary chalati hai apne logo ko select karta hai, Har jagah Modi ka virodh karke mulla thought spread mat kar, itna problem hai Modi se to pakistan aur Bangladesh nikal le
Now days SC looks incompetent in his original job but more keen in activist jurisdiction
अगर ऐसा हुआ तो गॉवरेनमेंट जो चाहेगी वो करवाएगी जजों से. PM मोदी जी का पूरा इंटरफेरेंस रहेगा और आम नागरिक और पूरा देश ऐसे ही पछताएगा जैसे अब BJP की सरकार दुबारा बनाने पे पछता रहे हैं। अब जो चल रहा है वो ही सही है। शायद संसद TV wale bhi kosis kr rahe h ki un logo ko डिबेट मे लाओ जो सरकार की tarfdari krte ho
Sahi bol rahe hai aap
Most complicated topic, anything done from government side is always seen as interference in the independent judiciary, and collegium has it's problem of transparency and accountability.
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
नियुक्ति तो सरकार के हाथ में ना ही हो।
लेकिन कॉलेजियम में पारदर्शिता होनी चाहिए।
नियुक्ति का अलग बोर्ड बना लो, जिसमे 3 न्यायाधीश, 1 कानून मंत्री,1 प्रधान मंत्री/उसके द्वारा नियुक्त मंत्री और इस पर मुहर के लिए राष्ट्रपति हो।
NJAC ko phir se sansad me laya jay
U U Lalit ka karykal 2 saal ke liye badhaya jay. Or aage ke chandrachur ki niyukti radd kiya jay.
महोदय सत्य तो यह है कि नेता लोग यह चाहते हैं जो सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के न्यायाधीश हो वह नेताओ के कोई खास हो और जो पॉलिटीशियन के इसारे पार काम करे।
हमको यह बताओ किरण रिजुजी SC के न्यायाधीश से ज्यादा कानून जानते है।
Collegium system of appointment of judges -- YE sirf aur sirf desh ke 100 family ka pariwarwad hai. Judgement mei jattiwad ki sambhavna bahut jyada. Indian judicial service suru ho jisme sabko mauka.
RESPECTED SIR/MADAM , JUDICIAL SYSTEM TRANCEPARET HO, RESPONSIBLE HO, ACCOUNTABLE HO, LAW KAI AGAINST JUDGEMENT DENE WALE JUDGES PER ACTION HO,
First time Modi government try to inference in judiciary in 2014 itself through passing 99th constitutional Amendment act by enacting the NJAC Law but Supreme Court declared it Unconstitutional..
Once again the independence of judiciary in khatra.
bhai konsa nasha karte ho.
@@bharatiya-akp sahi bol rha wo.. tu nasha karta h
@@bharatiya-akp bhai tum kun sa nasa karte ho modi bhakt ho kuy ?
@@bharatiya-akp padhayi Kara Karo beta ... newspaper padha karo ....ye news channel Mt dekha karo 😂😂😂
Who declared njac unconditional?? The judges itself right ??? They are just like the tyrant autocrate of communist country who can do any anything they want but nobody can question them in the name of contempt of court. They never talk about the corruption in judiciary. So its necessary for accountability
Collegium system is best
Use Artificial Intelligence here also, define various factors and weightage and a democratic election by law field executives including all judges of SC, HC, DJ, Megistrate and lawyer of SC and HC.
sansad tv par visesh prasaran puna shru kiya jai please
I agree with you
Why not UPSC Conduct a judicial entrance Procedures to qualify the judges
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Pls..
Don't invite any judge as a .guest neither from sc nor hc.....bcz he will never favour...any changes in collegium nor will provide a recc in njac...
We want to employees by all India judge exam
Thanks Sansad TV 🙏
Thankyou aal team
Collegium is instrument to control power by backdoor without peoples mandate
2014 me न्याय धिसो के लिए बनायी गयी प्रणाली पर सुप्रीम कोर्ट ने बैन कर दिया।।और कोलिजिएम सिस्टम को बहाल कर दिया।।
Bharat sarkar KO cji k liy upsc ki hi trh exam hona chahiy
Exam sirph vhi student bhag le Jo LLB se post graduate ho
Is trh shbhi state k mukha nyayadhish bnay jay( Cji+chief justice of state)
Yhi rule state leave PR bhi ho na chahiy(distinct k liy)
Ambadkar basically cut and paste indian constitution from Britain and USA. Very complicated and confusing
Collegium system hi rahna chahiye sarkar collegium system ko hatakar judiciary ko apne control me Lena chahti hai
UPSC IJS ( Indian Judicial Service ) conduct karna chahiye, IAS,IPS.... ki tarah.
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Checks and balance. .🤟🤟
किरण रिजीजू जी राजनितिक व्यक्ति है। न्याय को अपने हिसाब से चलाने के लिए ऐसे बयान दे रहे है।
There should be independent body for judiciary appointment as Upsc
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Why government wants to interfere in the judiciary?
Collegium system is not working properly. So should be transparensy.
But political involvence is also not better .🥰
Judiary me SC obc ki bhagidari bhi honi Chahiye
Good madam
Collegium issue like power verses sc v/s parliament so I believe on collegium not NJAC(99th caa) I don't believe on any time present rulling party (bjp,congress,etc) because all political party will missuse this process of appointment of judges
माननीय मंत्री जी यहां तो लोग sc/st act से भी खुश नही है जिस तरह से इसका दुरप्रयोग किया जा रहा है ।।।तो क्या आप उसमें भी सुधार करवाएंगे या बस हवा हवाई की बात है
I agree ki sab office me groupism/politics hota h but Kuch bhi ho collegium system ke andar hi badlaw hona chiye, political party/govt ka interfere nhi hona chiye nhi to bad se battar ho jayega hamara judiciary. 🙏🙏🙏
Bilkul sahi baat independent judiciary nhi reh jayega tab
Stop collegium system. ..it's illegal
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Judiciary should be independent from legislature and executive. This government is trying to interfere in each and every domain.
Don't spread Mulla Giri thought.
@@ALOKKUMAR-ls1mi isme mulla giri kya hai ..tanashahi ko promote nhi kro tum ..saari power agar sarkar ko de di to netao per nakel kon kasega ...
Judiciary appointment me Govt ka interfere hone pr constitution ka 3 part nhi bass 2 part rahjayega legislature and executive. Internal jitna bhi politics ho judiciary ke bich govt ka puppet toh nhi hoga.
Njac act padhiye pura
The CLAT exam for LLM is a very reputed exam.
It is conducted all over the country and there are very few complaints against it.
All candidates appearing in CLAT exam for LLM study a common syllabus, irrespective of which Law College they will join later on.
The syllabus is common for all law universities in the country irrespective of state and language. Besides, the law syllabus is decided by the Bar Council of India for all Law Colleges.
The score of CLAT exam for LLM also is used for appointment of Lawyers by various PSUs.
1. Why then do all states need to conduct separate examinations to recruit Civil Judges? Why can't CLAT exam for LLM be the one and only exam to recruit Civil Judges all over India?
2. This will save a lot of time and money and effort of the Honourable High Courts of the country as also of the poor candidates.
3.Inspite of earlier Supreme Court judgements that interview should not be done since bias is likely to be there, the Chhatisgarh Public Service Commission has advertised posts for Civil Judges and getting qualifying marks in the interview is mandatory.
Besides, the written Mains exam shall have subjective questions. My words may be noted , outstanding candidates will be failed in the Interview and given much lower marks in the subjective questions compared to the ' connected ' candidates '.
Presently there is no transparency , we want to know why ?? Only 87 family members are keeping hostag to entire nation . This must change.
Collegial system sahi system hai jo keh independent system hai jo keh politics ke under nahi hona chahieselection politics corrupt system hai jo keh judiciary ko independ function nahi karne dega
भारत में कुछ रूल अजीब हैं ही इसलिए कभी आगे नहीं बढ़ पा रहा है
NJAC के 6 में 2 सदस्यों के वीटो पवार से 4 सदस्यों के फैसलों को रिजेक्ट कर देने का अधिकार था ।
There should be entrance exam
Supreme court's limit to be restructured
A constitutional organization like upsc should conduct judiciary exam all over the India. So that competent will get selected and while appointment of a hc or SC judge it's consultation need to be obtained.
क्या कैबिनेट सेक्रेटरी के लिये भी कोई परीक्षा होती है? या ईडी, सीबीआई आदि संस्थाओं का चीफ़ बनने के लिए?
इनकी केवल भर्ती के लिए परीक्षा होती है, वो जजों की भर्ती के लिए भी होती है.. पता करो पहले!
परन्तु हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से जजों की पदोन्नति होती है।
इन कार्यपालिका के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रोसेस तो सब आपको पता ही होगा...हैं न!! बड़ा पारदर्शी जो है🤣
Sansad tv me ads jada nahi ata, yea bahut accha
Looks like government is trying to gain more control 😂
Absolutely right sir
💯
collegium system must be transparent with more inclusion
Control honi chahiye kiuki janta sarkar chunta he judges nehi
@@soumensarkar8585 Yes and you elect a very high quality government with very important issues like caste and religion and let's not forget freebies including bottles of alcohol.
"hai aur rahega" Sari gadbad yahi h😌
No other country in the world where judges select judges except india.
Yeh kamjori b sarkar ki hai jab apke pass power thi appointment ki tab apne judge ki seniority ko he khatm kar diye aur ab. App samjne chle
Phele congress
Aur ab bjp
Apne laye tha 99 the amendment sab khatm kiya supreme court
Cji ki niyukti k liye collegium sahi hai lekin isme ik sarkar ka vyakti aur ik vipakash ke neta aur 3 supreme court ke justice ko shamil kr kamiyo ko sudhara ja skta h
Collegium ko strong kiya ja skta h
Jo keh judiciary ko function nahi karne degasahi sahi