पश्चिम के लोग आज भी भारतिय सभ्यता को खुले मन से स्वीकार कर ते हैं... दुनिया के लिए आज भी हम आशा की किरण है... खाली हमें अपनी ससंकृति को समझा ने कि जरूरत है
स्कूल के शिक्षक की नौकरी करने के साथ ही आपने इतने अच्छे भजन गाने की कला सीखकर देश - विदेश में संत कबीर साहब के भजन गाये ; भाई वाह , श्री प्रहलाद टिपाणया जी ।आपने कमाल कर दिया । बधाई - बधाई - बधाई
म्हारी सदा राम रस बिनी चादर झीनी रंग झीनी अष्ट कमल दल चरखा चले, पांच तत्व. गुण तीनी कर्म की पूनी कान्तं बैठी, कुकरी सूरत महिनी चादर झीनी रंग झीनी , झीनी झीनी झीनी इंगला पिंगला ताना कीन्हों सुखमनिया भर दीनी नौ दस मॉस बितान लागा, ठीक थक कर बीनी चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी या चादर धोबी के दीन्ही, शब्द ताल धर दीनी सूरत शिला पर पकड़ पचाती, इस विध उजली किन्ही चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी या चादर रंगरेज़ के दीन्ही भांत भांत रंग दीन्ही प्रेम पति का रंग चढाया, पिली पीताम्बर कीन्ही चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी या चादर सुर नर मुनि ओढी, ओढ़ के मैली कीन्ही अर्जुन ओढ़ महरम नहीं जाना, मूरख मैली कीन्ही चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी ध्रुव ओढी, प्रहलाद ने ओढी, सुखदेव निर्मल कीन्ही दास कबीर ने जुगत से ओढी, ज्यों की त्यों धर दीन्ही चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
Coz Guru Nanak sahib was the disciples of Sant Kabir sahib ji....n gave naam daan to nanak ji...maharaj....Kabir sahib started the tradition of Sant mad...that is why there is numerous thought were taken in janam saakhin of gurugranth...sahib...Sahib bandgi...ji .
आप सत्संग संस्कृति के प्रणेता हो। आपके जैसी भक्ति और सत्संग वाली कृपा सब भक्तजनों पर बनी रहे। आपके लिए हमारी दिलसे प्रार्थना है की ईश्वर आपकी ये सत्संग वाणी अविरत और अनंत समय तक चलती रहो।
पांच तत्व मिट्टी, जल, वायु, अग्नि व आकाश तीन गुण, रज, तप और सत। इन सब में उत्पन्न होने वाली नाकार्तमिक शक्ति को नियंत्रण करने वाले श्रद्धालु मोक्ष को प्राप्त होते हैं ✍️💞🙏🤲
श्री प्रहलाद टिप्पणिया को सादर नमन l जो संत कबीर दास जी के भजन जो कि जीवन की सत्यता का बोध अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर फैला रहे है अमेरिका औऱ पश्चिम के अन्य देश लंदन कनाडा आदि और हम भारतीय पश्चिम के संगीत पर ठुमक रहे हैं और पश्चिम के लोग भारतीय संगीत औऱ विचारों को अपना रहें हैं जहाँ भोगवादी संस्कृति हैं औऱ साथ में लिंडा harish जैसे लोग स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में संत कबीर दास जी पर रिसर्च कर रहें हैं l
महान संत कबीर, जीवन की सच्चाई है, दुखद पहलू, यह भी है कि भारत की एक जाति को संत कबीर साहेब का नाम, काम, वचन तीनों चीजें नहीं सुहाती....... जबकि यथार्थ जीवन ही कबीर है, .... कबीर साहेब द्वारा रचित बीजक .. सभी धर्म ग्रंथों से बढकर है.धन्य है साहब टीपानीयाजी का, जिन्होंने अच्छे स्वर में भजन को गाया
Aap Jo kah rahe hai wo ek bhram hai.. Kabir saaheb sab jagah gaaye jaate hai, puje jaate hai.. School ki kitabo me Kabir ko padha hai . Aaj kal inke naam par bhi jaativad ka jahar boya jaa raha hai.. Kabir ke updesh ko samman karna chahiye
Kuch bhram nahi hai sahi keh rahe hain vo kabir ko hum logo ne apne hisab se kuch bhi arth nikal liya hai asli arth jaan liya to jaise jeeta hai samaj mushkil ho jayega....sari hawas bhul jayega samaj...ek baat galat boli hai ki kabir sahab ne jo kaha hai vo sabse uper hai aisa nahi hai Upnishads aur buddha aur kabir ye to ek hi hai....@@lovekumarsahu1990
आत्मीयता (aatmiyata) means 'compassion', not 'intimacy'. Hindi for 'intimacy' is अंतरंगता। The poet asks us to colour our souls with the colour of love and compassion towards fellow beings. Many many thanks for your efforts. We really feel blessed. Very philosophical and devine... Helps in Soul-searching
सही कहा। लेकिन जो शब्दों में उलझ गए, अर्जुन भी, तो चादर मैली कीनी. सदा राम रस भीनी- जिसे सब जगह, सब में सदा के लिए-यानी नींद में भी-राम नज़र आएँगे बस उन्होंने चादर ज्यों की त्यों धर दीनी. तो लक्ष्य बताने की कोशिश है, भाव काफ़ी हैं। सुनने वाला पहुँच जाए उस तक जिसकी ओर इशारा है तो गायक का काम पूरा हुआ। नहीं पहुँचा तो चाहे शब्दों में उलझ जाए, तो भी नहीं पहुँचा। राम यहाँ भीतर अनवरत बज रहे ॐ के अंतरनाद या अनहद नाद का ही एक practical form है जिसे रटन में या सुरति में सहयोगी माना है। यहाँ धनुषधारी राम से कोई लेना देना हैं है। खुद प्रयोग करें, राम राम कहने से ॐ की ध्वनि निकलती है। इसे ख़राब कर दिया इसलिए नानक ने नाम कहा। नाम जपो। मेरा ब्लॉग philosia.in कुछ और इस तरह की बातों से प्रेरित है।
जो संगीत अपने देश भारत में ही धीरे धीरे विलिप्ति की बढ़ता हुआ प्रतीत होता है उसी संगीत को ये पाश्चात्य संस्कृति का पालन करने वाले लोग कितनी आत्मीयता के साथ सुन रहे काश अपने संगीत के प्रति ये सजगता अपने लोगो में भी जागे
thanks to modern tech that make Tapniya like artist to convey the true msg of great bhakti poets like Kabir to reach the public in a very soothing n melodious voice . simply superb.
कविरजि सिर्फ एक संत ही नही थे वो पूर्ण परमात्मा थे। जो सबके मालिक एक है बो बही कविर परमात्मा है ओर इस को संत रामपाल जी महाराज ने वेदों ओर गीता जी से यह सिद्ध कर दिया है। अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग सुनो। सत साहिब।
In bhajno se kabir ka sachcha gyan prakash aaj ki yuva pidhi ko mil raha 🙏 men aapke is anmol karya ke liye naman karta hun 🙏 onkar prasad Mehta 248 a sukhliya indore 🙏
From eternal existence we get some years as human, experience it, remind yourself that you are alive. Its incredible to be experiencing this universe for some years .
कबीरा जब हम पैदा हुए,जग हँसे,हम रोये । ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे,जग रोये, चदरिया झीनी रे झीनी राम नाम रस भीनी चदरिया झीनी रे झीनी अष्ट-कमल का चरखा बनाया, पांच तत्व की पूनी । नौ-दस मास बुनन को लागे, मूरख मैली किन्ही, चदरिया झीनी रे झीनी... कबीर का साहित्य भारतीय चिंतन के विभिन्न आयामों का संकलन हैं। संत कबीर महाराज की जय 🙏🙏🙏 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
प्रह्लाद सिंह टिपान्या जी, आपकी वाणी को १२ -१३ वर्ष (वर्ष २०००) की आयु से सुनता आया हु, १७ साल बाद, अब भी आपकी वाणी में वही मिठास और शब्दों में वही ज्ञान की गूँज सुनाई देती है, ईश्वर आपको लम्बी आयु एवं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करे, किसी सज्जन ने "हंस मिले हंस होइ रे" से मिलती जुलती पंक्तियों का उद्धरण टिपान्या जी के किसी भजन में सूना हो तो अवश्य बताये, धन्यवाद
Prahlad Ji ko बहुत-बहुत badhai Holi ke Shubh avsar per aapke is karykram ko dekh raha hun aur Sun Raha Hun bahut Anand ki Anubhuti hoti hai aapane Ram ke Ram ka darshan karaya घट-घट mein baithe Ram ka aapka yah sufiyana Andaaz duniya ke har Kone Kone Tak failega aur yah Jo kabhi lai manushya manushya ki shreni mein pad ko prapt karta hai jab awesomest praniyon ke liye prathna karta hai use Ram se jis Ram ne Ayodhya ke Ram Ko maryada Purushottam ke naam se kul ki maryada ka
Paanch tatva ka putla, maanush dharya naam Ek kala ke bichhudte, bisar gaya sab dhaam Mann Mathura dil Dwarka, kaaya Kashi jaan Yeh das dwaare ka peenjra, ya mein jyot pichhaan Jo tu saacha baaniya, to saachi haat lagaaye Antar jhaadu dei ke, yeh kachra det bahaaye Mhaari sada Raam ras beeni Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Asht kamal dal charkha chaale, paanch tatva, gun teeni Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Karam ki pooni kaantan baithhi, kukri surat maheeni Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Ingla pingla taana keenhon, sukhmaniya bhar deeni Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Nau das maas beetan laaga, thheek thhaak kar beeni Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Ya chaadar dhobi ke deenhi, shabad taal dhar deeni Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Surat shila par pakad pachhaati, is vidh ujli keenhi Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Ya chaadar rangrez ke deenhi, bhaant bhaant rang deenhi Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Prem pati ka rang chadhhaaya, peeli peetaambar keenhi Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Ya chaadar sur nar muni odhhi, odhh ke maili keenhi Odhhi thi kachhu odhh na jaani, daag dageeli keenhi Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Arjun odhh mehram nahin jaana, moorakh maili keenhi Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Dhruv odhhi, Prahlaad ne odhhi, Sukhdev nirmal keenhi Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji Saahab Kabir ne jugat se (yukti se) odhhi, jyon ki tyon dhar deenhi Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
This audience was so lucky to hear this song, this performance of it and in person. I am yet to experience something so beautiful in person (I hope when I do, someone has recorded the performance)
This song has a deep meaning which seems to have been lost on the audience judging by the weird sounds they make at the beginning and end of this video. It makes light of this deep meaning song.
Original bhajan by Kabeer and its translation -- चदरिया झीनी रे झीनी, रे राम नाम रस भीनी body is like finely woven cloth and is permeated by the raam naam (ra+ma rechek purak (breath)) अष्ट कमल का चरखा बनाया, पांच तत्त्व की पूनी Eight-petaled lotus was used as a spinning wheel, and the 5 elements as yarn नौ दस मॉस बुनन को लागे, मूरख मैली कीनी took 9-10 months to knit it, Oh fool you soiled it! जब मोरी चादर बन घर आई, रंग रेज को दिनी When I got my sheet, I gave it to person who dyes sheet(guru). ऐसा रंग रंगा रंगरे ने, लालो लाल कर दिनी It was dyed such, totally red in color ध्रुव प्रह्लाद सुदामा ने ओढी, शुकदेव ने निर्मल किन्ही Dhruv prahlad and sudama wore it, Shukdev made it pure. दास कबीर ने ऐसी ओढी, ज्यों की त्यों धर दिनी dar kabeer wore it such, he left it as it is(as he got it)
[7/12, 17:16] Shalekh Gram Soni: ।।मुक्तक छंद कविता।।लहरतारा तालाब मे प्रातः खिले कमल फूल पर विराजित बाल कबीर सुजान दैदिप्यमान का आगमन। राम नाम अखण्ड की अमर कहानी पूछे रामानंद गुरु गुण निधान।।01।।तब इस बालक संत कबीर ने अपने औपचारिक गुरु देव को अखण्ड राम नाम का बोध कराया था। गुरु गुड और शक्कर चेला की दंत कहावत सच करके दिखलाया था।।02।।सबमे रमता राम नाम अखण्ड को अपने चित्त मे जानने से नर जीवो का होता कल्याण। अखण्ड सारशबदी राम का नाम ही सृष्टी मे सार, जो सगुण निर्गुण के भी उस पार।।03।।कोटि नाम संसार मे जिनसे परममुक्ती नही होय। परमात्माराम जो गुप्त सुमरे, तो जनम मरण नही होय।।04।।सारशबदी अखण्ड राम नाम को जो जन अपने चित्त मे लख पाता है। सत साहेब कबीर सुजान के इस राम नाम अखण्ड को जान कर, भवसागर तर जाता है।।05।।संत कबीर जी ने इस राम नाम को सारशबद अखण्ड कह कर समझाया है। अब साँई अरुण जी महाराज ने भी अपने सतसंग मे इसी पर वचन उचारा है।।06।।समझेगा कोई संत सुजान,जिनको परमात्माराम अति प्यारा है। और जिसने सतगुरु सत कबीर सुजान का सारशबद अखण्ड को अपने चित्त मे उतारा है।।07।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-।।🙏🏻🌹 [7/12, 17:31] Shalekh Gram Soni: ।।कबीर बीजक पुराना।।अथ सडसठवी रमैनी।।:-चौपाई-:देह हलाये भक्ति ना होई, स्वांग धरे बहुतै नर जोई। धिगा धिगी भलो ना माना, जो काहू मोहि हृदय ना जाना।।01।।मुख कछु और हृदय कछु आना,सपनेहुं कबहूं मोहि ना जाना। ते दुख पावै यहि संसारा, जोचेतौ तौ होहुं निहाला।।02।।जो नर गुरु की निदा करही, सूकर स्वांन जनम सो धरही।।03।।:-साखी-:लखचौरासी योनि जीव यह, भटकि भटकि दुख पावे। कह कबीर जो राम नाम अखण्ड ही जाने, सो मोहि नीके भावै।।00।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-।।🙏🏻🌹
मेरे विचार से प्रहलाद सिंह टीपानिया जी से शुरिली आवाज वाला निर्गुण भक्तिधारा कबीर जी के भजन गायक विश्व भर में अन्य कोई भी नहीं
पश्चिम के लोग आज भी भारतिय सभ्यता को खुले मन से स्वीकार कर ते हैं... दुनिया के लिए आज भी हम आशा की किरण है... खाली हमें अपनी ससंकृति को समझा ने कि जरूरत है
dur ke ..dool hai .. ..bharat ke log .isai ho .rahe hai ..unhe ..parbhu ka .matab . .isu lagate hai ..
स्कूल के शिक्षक की नौकरी करने के साथ ही आपने इतने अच्छे भजन गाने की कला सीखकर देश - विदेश में संत कबीर साहब के भजन गाये ; भाई वाह , श्री प्रहलाद टिपाणया जी ।आपने कमाल कर दिया । बधाई - बधाई - बधाई
vvvvvvvvvvvvvvvvvvvcvccccvcvvvccccccvccccccvccccccccccccvcccvvcccvvvvccccvcvvvvccccvcvvvcvvvvvcvvvvvvvvvvvcvcvccccvvvccvcvccvvcvcvccvvcvvvccvc
In
हरि ॐ प्रभु जी
म्हारी सदा राम रस बिनी
चादर झीनी रंग झीनी
अष्ट कमल दल चरखा चले, पांच तत्व. गुण तीनी
कर्म की पूनी कान्तं बैठी, कुकरी सूरत महिनी
चादर झीनी रंग झीनी , झीनी झीनी झीनी
इंगला पिंगला ताना कीन्हों सुखमनिया भर दीनी
नौ दस मॉस बितान लागा, ठीक थक कर बीनी
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
या चादर धोबी के दीन्ही, शब्द ताल धर दीनी
सूरत शिला पर पकड़ पचाती, इस विध उजली किन्ही
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
या चादर रंगरेज़ के दीन्ही भांत भांत रंग दीन्ही
प्रेम पति का रंग चढाया, पिली पीताम्बर कीन्ही
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
या चादर सुर नर मुनि ओढी, ओढ़ के मैली कीन्ही
अर्जुन ओढ़ महरम नहीं जाना, मूरख मैली कीन्ही
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
ध्रुव ओढी, प्रहलाद ने ओढी, सुखदेव निर्मल कीन्ही
दास कबीर ने जुगत से ओढी, ज्यों की त्यों धर दीन्ही
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
Kabir is the unifying concept of human perfection. Thats the reason Kabir Sloks(Hymns) are included in Sikhs’ GuruGranth Sahib. God Bless!!!
Kabir is true God, according to Vedas.
Coz Guru Nanak sahib was the disciples of Sant Kabir sahib ji....n gave naam daan to nanak ji...maharaj....Kabir sahib started the tradition of Sant mad...that is why there is numerous thought were taken in janam saakhin of gurugranth...sahib...Sahib bandgi...ji .
@@Bikasd67 hahahaha....
Jio.... jio..... galtfehmi main
@@jaimalrathore6912 Referance ???
@@manngurry543 kisi ko galat femi kehne se pehle ....vichar or facts pata kar lo...Ok den tum btao kya he sach lets rectify...
आप सत्संग संस्कृति के प्रणेता हो। आपके जैसी भक्ति और सत्संग वाली कृपा सब भक्तजनों पर बनी रहे। आपके लिए हमारी दिलसे प्रार्थना है की ईश्वर आपकी ये सत्संग वाणी अविरत और अनंत समय तक चलती रहो।
प्रल्हाद टिपानीयाँ को त्रयबार साहेब बंदगी विदेश मे; जाकर सद्गुरू कबीर साहेब के ज्ञान का प्रचार किया !
आप महान है,त्रयबार साहेब बंदगी 🙏🌷🌷
सब ही तो लघुता भली, लघुता ते सब होय।
ज्यों द्वितीय के चन्द्रमा, नवावै सब कोय।।
- संत कबीर साहेब जी 🔥 🙏
संत कबीर ये अनमोल भजन है जीसको समज आया ओ आज के युग मे बहुत भाग्यशाली होगा
पांच तत्व
मिट्टी, जल, वायु, अग्नि व आकाश
तीन गुण, रज, तप और सत। इन सब में उत्पन्न होने वाली नाकार्तमिक शक्ति को नियंत्रण करने वाले श्रद्धालु मोक्ष को प्राप्त होते हैं ✍️💞🙏🤲
Bahut acha ji❤
Dhan kabir 🤗 aaj kbir jyanti h
Am proud to be a kabir bhagat😇
Only after following saint kabeer and other complete saints the world wide peace can achieved and not by any other ways .fantastic performance.🙏
Geret you
श्री प्रहलाद टिप्पणिया को सादर नमन l जो संत कबीर दास जी के भजन जो कि जीवन की सत्यता का बोध अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर फैला रहे है अमेरिका औऱ पश्चिम के अन्य देश लंदन कनाडा आदि और हम भारतीय पश्चिम के संगीत पर ठुमक रहे हैं और पश्चिम के लोग भारतीय संगीत औऱ विचारों को अपना रहें हैं जहाँ भोगवादी संस्कृति हैं औऱ साथ में लिंडा harish जैसे लोग स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में संत कबीर दास जी पर रिसर्च कर रहें हैं l
मालव माटी के सपूत का कबीर को पूरे विश्व मे मान सम्मान दिलाने व जीवन की वास्तविकता को दर्शाना मन व आत्मा को छू गया।
बुद्ध के बाद कर्म का सिद्धान्त केवल संत कबीर के अलावा कोई नहीं समझा सका । सत् सत् नमन ...
मन मोह लीया मैरा
Osho Rajneesh ne karm ke sidhdhant ke bare me bola hai
Correct 💯
Kabir budh se bhi gehra hai.. ..
@@prakashsuthar876😊00l00000p000l
प्रणाम टिपानिया जी!
आप का यह भजन श्रेष्ठ गायकी की मिसाल है।
अद्भुत!
महान संत कबीर, जीवन की सच्चाई है, दुखद पहलू, यह भी है कि भारत की एक जाति को संत कबीर साहेब का नाम, काम, वचन तीनों चीजें नहीं सुहाती....... जबकि यथार्थ जीवन ही कबीर है, .... कबीर साहेब द्वारा रचित बीजक .. सभी धर्म ग्रंथों से बढकर है.धन्य है साहब टीपानीयाजी का, जिन्होंने अच्छे स्वर में भजन को गाया
Aap Jo kah rahe hai wo ek bhram hai.. Kabir saaheb sab jagah gaaye jaate hai, puje jaate hai.. School ki kitabo me Kabir ko padha hai .
Aaj kal inke naam par bhi jaativad ka jahar boya jaa raha hai.. Kabir ke updesh ko samman karna chahiye
कोनसी जाति?
Kuch bhram nahi hai sahi keh rahe hain vo kabir ko hum logo ne apne hisab se kuch bhi arth nikal liya hai asli arth jaan liya to jaise jeeta hai samaj mushkil ho jayega....sari hawas bhul jayega samaj...ek baat galat boli hai ki kabir sahab ne jo kaha hai vo sabse uper hai aisa nahi hai Upnishads aur buddha aur kabir ye to ek hi hai....@@lovekumarsahu1990
⁰0⁰
कितनी महान संस्कृति है हमारी,विविधता से भरी हुई, आप किसी भी प्रकार से खुश रहना चाहते हो रहो.
कमाल ! एक तो कबीर और उसपर उन्हें यूँ गाते ओस्ताद !
Shayak Alok Q.
newkabir bhajan
Solanki Boy
+Gokul Solanki
Mast
कर्णप्रिय प्रस्तुति!
मन मोह लिया ।
आत्मीयता (aatmiyata) means 'compassion', not 'intimacy'. Hindi for 'intimacy' is अंतरंगता।
The poet asks us to colour our souls with the colour of love and compassion towards fellow beings.
Many many thanks for your efforts. We really feel blessed. Very philosophical and devine... Helps in Soul-searching
Truelu said
Yes anvil able song s
सही कहा। लेकिन जो शब्दों में उलझ गए, अर्जुन भी, तो चादर मैली कीनी. सदा राम रस भीनी- जिसे सब जगह, सब में सदा के लिए-यानी नींद में भी-राम नज़र आएँगे बस उन्होंने चादर ज्यों की त्यों धर दीनी.
तो लक्ष्य बताने की कोशिश है, भाव काफ़ी हैं। सुनने वाला पहुँच जाए उस तक जिसकी ओर इशारा है तो गायक का काम पूरा हुआ। नहीं पहुँचा तो चाहे शब्दों में उलझ जाए, तो भी नहीं पहुँचा।
राम यहाँ भीतर अनवरत बज रहे ॐ के अंतरनाद या अनहद नाद का ही एक practical form है जिसे रटन में या सुरति में सहयोगी माना है। यहाँ धनुषधारी राम से कोई लेना देना हैं है। खुद प्रयोग करें, राम राम कहने से ॐ की ध्वनि निकलती है। इसे ख़राब कर दिया इसलिए नानक ने नाम कहा। नाम जपो।
मेरा ब्लॉग philosia.in कुछ और इस तरह की बातों से प्रेरित है।
Very true
Thank for correcting it
me bhi vahi soch rha tha ki sadbhav ka english intimacy nahi hota he
Anyways
Truth - સત્ય
Love - પ્રેમ
Compression - કરુણા
अमेरिकी सभ्यताको भी सलामकरनेको दिल करता है।संगीत को सुनना उनके लिए बहुत मुश्किल है
immortal words of Kabir sung by Tipaniya ji...what more can one ask for. thanks for sharing.
Such a unique audience !!! I can't stop marveling them ...
जब मैं आपका भजन "बिना भेद बाहर मत भटके" होम थियेटर पर सुनता हू तो एक अलग ही धुन में खो जाता हूं
"Sant Kabirji was beyond all caste & creed.His love for all humanity played through his bhajans and Doha's".
मैंने तो पहली बार इन भजनो को मोबाईल में देखा और सुना, अंदर से ह्रदय से स्पंदन होने लगा 👏👏
जो संगीत अपने देश भारत में ही धीरे धीरे विलिप्ति की बढ़ता हुआ प्रतीत होता है उसी संगीत को ये पाश्चात्य संस्कृति का पालन करने वाले लोग कितनी आत्मीयता के साथ सुन रहे काश अपने संगीत के प्रति ये सजगता अपने लोगो में भी जागे
मेरा भारत महान है इस देश में संतों की अमृतवर्षा होती है
और धनभागी है जो इसका पान करते है ....
ई
Jis tarah kabir ki vani adbhut hai usi tarah Prahalad sinhh tipaniya ji ki aawaz adbhut hai... aatma tak jati hai..
No comparison of the folk music of subcontinent..best ..sung by tipniya ji
Trteßuetutgz
आपकी आवाज बहोत ही मीठी मीसरी हे ।रुह को छु लेती हे ।बार बार सुनता हु मन नही भरता ।धन्यवाद जी ।
vVVGVVम
Ha bhaiya
जय जय जय साहब शब्द ही नही है
बिल्कुल सही कहा आपने जी ❤️🙏🙏👍
@@crazyvlogs1069 .
आप जब गाते हैं तो मन को शांति मिलती है , एक गजब का सुकून मिलता है ,आप को धन्यवाद।
thanks to modern tech that make Tapniya like artist to convey the true msg of great bhakti poets like Kabir to reach the public in a very soothing n melodious voice . simply superb.
llllllllllllllllllllllllllllllll
महान है भारत के संत कबीर जी महाराज जिनके भजनों को विदेशी भी शांत मन से सुन रहे हैं और आनंद ले रहे हैं
☑️
कविरजि सिर्फ एक संत ही नही थे वो पूर्ण परमात्मा थे। जो सबके मालिक एक है बो बही कविर परमात्मा है ओर इस को संत रामपाल जी महाराज ने वेदों ओर गीता जी से यह सिद्ध कर दिया है। अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग सुनो। सत साहिब।
@@ASH309-v9s, 😋😋 g
@@dineshdasashware3813 yeh toh hisar jail hai na murder k gunah mai news main aaya abhi abhi. Headline
Ha bhai
What a soothing and peaceful song🤩.
गोरो को भी नाचने को मजबुर कर दिया ,सर।जय हिन्द
In bhajno se kabir ka sachcha gyan prakash aaj ki yuva pidhi ko mil raha 🙏 men aapke is anmol karya ke liye naman karta hun 🙏 onkar prasad Mehta 248 a sukhliya indore 🙏
From Brisbane: I like his Kabir bhajans.
टिपानिया जी का कोई जवाब नहीं अति सुंदर
सी. आर .रविदास कबीर पंथी
From eternal existence we get some years as human, experience it, remind yourself that you are alive. Its incredible to be experiencing this universe for some years .
Yep, lucky to be born as a human and having the ability to realise our true nature!
What a Kabir song ? More richness was created by the singer, instruments and the translator 🌹🌹🌹🌹😎😎❤❤👏👏👏👏😊🙌🙌
कबीरा जब हम पैदा हुए,जग हँसे,हम रोये ।
ऐसी करनी कर चलो,
हम हँसे,जग रोये,
चदरिया झीनी रे झीनी
राम नाम रस भीनी
चदरिया झीनी रे झीनी
अष्ट-कमल का चरखा बनाया,
पांच तत्व की पूनी ।
नौ-दस मास बुनन को लागे,
मूरख मैली किन्ही,
चदरिया झीनी रे झीनी...
कबीर का साहित्य भारतीय चिंतन के विभिन्न आयामों का संकलन हैं।
संत कबीर महाराज की जय 🙏🙏🙏
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ਕਮਾਲ ਬਾਪੂ ਜੀ ਚਾਦਰ ਭਜਣ ਸਭ ਦੇ ਰੰਗ ਪੱਕੇ ਸੱਚੇ ਸੁੱਚੇ ਹੋਣ 🙏🙏
Is bedhang duniya mi itni khubsurat Kabir vaani ur uske chahne ur gane Wale.🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐
best Bajan of kabir, millions thanks to prahalad Singh tipania
Amazing..... Itani activity se to Kuch ke log vi sunte honge yar.... Brilliant
प्रह्लाद सिंह टिपान्या जी, आपकी वाणी को १२ -१३ वर्ष (वर्ष २०००) की आयु से सुनता आया हु, १७ साल बाद, अब भी आपकी वाणी में वही मिठास और शब्दों में वही ज्ञान की गूँज सुनाई देती है, ईश्वर आपको लम्बी आयु एवं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करे, किसी सज्जन ने "हंस मिले हंस होइ रे" से मिलती जुलती पंक्तियों का उद्धरण टिपान्या जी के किसी भजन में सूना हो तो अवश्य बताये, धन्यवाद
Dilkhush
Vikas Patidar
Aman,Makwana
@@premjibhaimakwana6074
Efsr
Gfiof
इंगला पिंगला ताना बाना सुखमन भरनी.
❤️
शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता ,आपके भजनों के सार को , धन्यवाद् ।
एक तो कबीर और ऊपर से सादा संगीत ....भाई सतयुग के दर्शन हो जाते हैं आपके गायन मे.
Prahlad Ji ko बहुत-बहुत badhai Holi ke Shubh avsar per aapke is karykram ko dekh raha hun aur Sun Raha Hun bahut Anand ki Anubhuti hoti hai aapane Ram ke Ram ka darshan karaya घट-घट mein baithe Ram ka aapka yah sufiyana Andaaz duniya ke har Kone Kone Tak failega aur yah Jo kabhi lai manushya manushya ki shreni mein pad ko prapt karta hai jab awesomest praniyon ke liye prathna karta hai use Ram se jis Ram ne Ayodhya ke Ram Ko maryada Purushottam ke naam se kul ki maryada ka
वाह सा वाह!!! दिल को छू गया उस्ताद
परमात्मा कविरजि का जितना भी गुड़ गओ कम है बहुत सुन्दर भजन ।सत साहिब।
आपकी मधुर संगीत में महान संत कबीर साहेब को सुनना मेरे जीवन को सकूं सरल बनाता है।
Classis Poetry covered with sweet sound of singer and heart touching music
Kabir Vani teaches us the whole philosophy of life.
Paanch tatva ka putla, maanush dharya naam
Ek kala ke bichhudte, bisar gaya sab dhaam
Mann Mathura dil Dwarka, kaaya Kashi jaan
Yeh das dwaare ka peenjra, ya mein jyot pichhaan
Jo tu saacha baaniya, to saachi haat lagaaye
Antar jhaadu dei ke, yeh kachra det bahaaye
Mhaari sada Raam ras beeni
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Asht kamal dal charkha chaale, paanch tatva, gun teeni
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Karam ki pooni kaantan baithhi, kukri surat maheeni
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Ingla pingla taana keenhon, sukhmaniya bhar deeni
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Nau das maas beetan laaga, thheek thhaak kar beeni
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Ya chaadar dhobi ke deenhi, shabad taal dhar deeni
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Surat shila par pakad pachhaati, is vidh ujli keenhi
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Ya chaadar rangrez ke deenhi, bhaant bhaant rang deenhi
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Prem pati ka rang chadhhaaya, peeli peetaambar keenhi
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Ya chaadar sur nar muni odhhi, odhh ke maili keenhi
Odhhi thi kachhu odhh na jaani, daag dageeli keenhi
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Arjun odhh mehram nahin jaana, moorakh maili keenhi
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Dhruv odhhi, Prahlaad ne odhhi, Sukhdev nirmal keenhi
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Saahab Kabir ne jugat se (yukti se) odhhi, jyon ki tyon dhar deenhi
Vo chaadar jheeni rang jheeni, ho ji
Rangila Rajasthan
This audience was so lucky to hear this song, this performance of it and in person. I am yet to experience something so beautiful in person (I hope when I do, someone has recorded the performance)
शब्दों से परे स्वगीर्य सगींत
Jai ho
Beautiful 😊👏👏 I can listen to this a 100 times.
फिर भी मन नहीं भरा। बेहद सुंदर
कह नानक पार भऐ जो परभ के गाए गीत । जगत में झूठी देखी प्रीत।।
Divya vaani...divya shabd...divya sangat.....divya antargyan...dhanya Kabir saheb aur dhanya Tipaniya Saheb...
atma ko trpt karata huaa
All singers and musician are really enjoying while singing. It seems that they are getting divine experiences. Wonderful
शब्द रुपी दाता ,पुर्ण गुरु राधास्वामीजी ,
relaxing......Traditional..... smooth...... thoughtful..... a lot to learn from these songs.....
@prahlad tipaniya . saheb ko bandagi saheb 💐💐🌹🌹
Pralhad sing ji namaste 🙏
Aapke bhajan sun kar mantrmugdha ho jata hu …
मेरे भारत का स्पिरिचुअल ज्ञान अमर रहे। ऋषियों की भूमि अमर रहे।
Great work of subtitles 👍
हिंदुस्तान के हर राज्य में अलग भाषा अलग संस्कृति अलग वेश भूषा उसके बावजूद दिल है हिंदुस्तानी l
Naman kabeer Das ji ko ...aur aap ko bhi.man ko Shanti milti he.
सतगुरू सत्य कबीरदास साहेब बंदीछोड मालक जी की कृपा सदा सदा राहो साहेब बंदगी सतनाम मालिक की जय जय कार हो
I’m hooked already. Such lovely it is to listen to Kabir🌼
परम् पिता परमेश्वर कबीर साहेब की वाणी लाजवाब है ।
Raam Raam
❤TIPANIA SHAHEB. aur sathi. Jay ho❤❤❤❤❤
Sabke andar sahib ka jalwa nazar aa raha hai,chahe vo desi ho ya videshi.Sahib bandgi🙏🙏
I wish these foreigners understand what he is saying and will love kabir
कबीर क्रांति वचन
तीपनिया जी की आवाज़ में बहुत सुन्दर🙏
Aatma ko bhojan mil gaya sangeet se 🙏👌
I can hear this all day .. brilliant !!
Shipra Srivastava lovly
Shipra Srivastava Totally Agree. Voice from heart.
if only we could hear it all day!
yes i can also😍❤
No language barrier, its about that kinda vibe ❤
company of devotees is best company, my soul longs for such company
♡
Very proud to have you in our indian culture... people like you all keep our culture alive....you all are pride of our country 🎉🙏keep going
साहेब बंदगी साहेब!
This song has a deep meaning which seems to have been lost on the audience judging by the weird sounds they make at the beginning and end of this video. It makes light of this deep meaning song.
बहुत ही सुंदर सुरीली आवाज ज्ञान और भक्ति तत्व के भजानो के सम्राट है आप प्रह्लाद सिंह जी टिपणिया को बहुत धन्यवाद
Very meaningful, sweet bhajan!!😊👍
Gjb प्रहलाद भगत
Shree Prahlad Singhji Tipaniya is the great singer of our traditional malvi songs.
संगीत और सुर लाजवाब है जी
really heart touching bhajan , this introduce us culture of Rajasthan and maravadi community
Mali Bharat ss
bairagi bhajan
बहुत खूब। उम्दा संगीत
Kabir is beyond bond. Legendary singers made him to enter in our hearts with their soulful voices. Thank you Ajab Shahar.
Very sweet
जबरदस्त ,कर्णप्रिय
मन मस्त हुआ इतनी बड़ी बात और इतनी मीठी वाणी में
Pranam !
So beautiful lyrics and matching performance ❤
Original bhajan by Kabeer and its translation --
चदरिया झीनी रे झीनी, रे राम नाम रस भीनी
body is like finely woven cloth and is permeated by the raam naam (ra+ma rechek purak (breath))
अष्ट कमल का चरखा बनाया, पांच तत्त्व की पूनी
Eight-petaled lotus was used as a spinning wheel, and the 5 elements as yarn
नौ दस मॉस बुनन को लागे, मूरख मैली कीनी
took 9-10 months to knit it, Oh fool you soiled it!
जब मोरी चादर बन घर आई, रंग रेज को दिनी
When I got my sheet, I gave it to person who dyes sheet(guru).
ऐसा रंग रंगा रंगरे ने, लालो लाल कर दिनी
It was dyed such, totally red in color
ध्रुव प्रह्लाद सुदामा ने ओढी, शुकदेव ने निर्मल किन्ही
Dhruv prahlad and sudama wore it, Shukdev made it pure.
दास कबीर ने ऐसी ओढी, ज्यों की त्यों धर दिनी
dar kabeer wore it such, he left it as it is(as he got it)
Nice singers team, great culture of India... Jay hind, bharatmata ki Jay 🇮🇳
कबीर जी आज भी 12 देशों मे जिवीत हैं.24 कैरेट सोना हैं।
[7/12, 17:16] Shalekh Gram Soni: ।।मुक्तक छंद कविता।।लहरतारा तालाब मे प्रातः खिले कमल फूल पर विराजित बाल कबीर सुजान दैदिप्यमान का आगमन। राम नाम अखण्ड की अमर कहानी पूछे रामानंद गुरु गुण निधान।।01।।तब इस बालक संत कबीर ने अपने औपचारिक गुरु देव को अखण्ड राम नाम का बोध कराया था। गुरु गुड और शक्कर चेला की दंत कहावत सच करके दिखलाया था।।02।।सबमे रमता राम नाम अखण्ड को अपने चित्त मे जानने से नर जीवो का होता कल्याण। अखण्ड सारशबदी राम का नाम ही सृष्टी मे सार, जो सगुण निर्गुण के भी उस पार।।03।।कोटि नाम संसार मे जिनसे परममुक्ती नही होय। परमात्माराम जो गुप्त सुमरे, तो जनम मरण नही होय।।04।।सारशबदी अखण्ड राम नाम को जो जन अपने चित्त मे लख पाता है। सत साहेब कबीर सुजान के इस राम नाम अखण्ड को जान कर, भवसागर तर जाता है।।05।।संत कबीर जी ने इस राम नाम को सारशबद अखण्ड कह कर समझाया है। अब साँई अरुण जी महाराज ने भी अपने सतसंग मे इसी पर वचन उचारा है।।06।।समझेगा कोई संत सुजान,जिनको परमात्माराम अति प्यारा है। और जिसने सतगुरु सत कबीर सुजान का सारशबद अखण्ड को अपने चित्त मे उतारा है।।07।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-।।🙏🏻🌹
[7/12, 17:31] Shalekh Gram Soni: ।।कबीर बीजक पुराना।।अथ सडसठवी रमैनी।।:-चौपाई-:देह हलाये भक्ति ना होई, स्वांग धरे बहुतै नर जोई। धिगा धिगी भलो ना माना, जो काहू मोहि हृदय ना जाना।।01।।मुख कछु और हृदय कछु आना,सपनेहुं कबहूं मोहि ना जाना। ते दुख पावै यहि संसारा, जोचेतौ तौ होहुं निहाला।।02।।जो नर गुरु की निदा करही, सूकर स्वांन जनम सो धरही।।03।।:-साखी-:लखचौरासी योनि जीव यह, भटकि भटकि दुख पावे। कह कबीर जो राम नाम अखण्ड ही जाने, सो मोहि नीके भावै।।00।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-।।🙏🏻🌹