@@nitesh703 jahan phle jungle thay wahan bas constructions hi ho rha h Kal ko kya khayenge aane Wali peedi ki koi soch hi nhi rha , bas abhi sab kha Lena chahte h 😡💔 khet Khali Haan jungle sab Sarkar khud khati ja rhi h 😥 apne sahuliyat k hisaab se kanoon m badlav kr De rhe h kyun...??? Rule regulation toh jese sab Sapna se ho gye h 😢 yahan toh bandr baant chal rhi h 👊👎💔
सबसे पहले आप दोनो को इस अति महत्वपूर्ण विषय पर बेहतरीन चर्चा के लिए कोटि नमन और धन्यवाद। इस पॉडकास्ट से बहुत सी बातें पता चलती है, जैसे 1.राजनेतिक तंत्र के लोगो का उत्तराखंड के जल जंगल जमीन जनमानस के हित से ज्यादा स्वयं के हित ऊपर है, और ऐसा है तो राजनीति छोड़ कर अपने परिवार को देखे उत्तराखंड को नहीं।जनता को भी नेता सोच समज परख के चुनना चाहिए 2. सरकरी तंत्र सजग सतर्क होने के बजाय स्वयं स्वार्थ सिद्धि में लगा है, आज अपनी जमीन के लिए आम आदमी रास्ता नहीं खोज पाता और सरकारी तंत्र किसी को फायदा पहुंचाने के लिए वहा हाईवे तक बना देता है। 3.Divide and Rule आज भी चल रहा है,बस समझने की जरूरत है, पार्टी, छेत्र,जात,धर्म,लिंग के आधार पर लड़ाते चलो।इसे समझना होगा और इससे बचना होगा। 4.अब जमीन,जंगल के साथ साथ जल पर भी अतिक्रमण हो रहा है। रिसपाना बिंदाल और अन्य नदियों पे बनने वाली एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट इसका उदाहरण हैं।सब डेवलपमेंट के नाम पे।पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने का बजट नहीं, पर जहा से ज्यादा कमीशन बने उन प्रोजेक्ट्स पे जोर है। 5.सरकार और तंत्र अतिक्रमण इसलिए नही हटा पाते क्योंकि स्वयं अतिक्रमण करके बैठे हुए है।रिवर साइड रिजॉर्ट से ले के नेशनल पार्क area तक,नदी घाटी से लेकर बुग्याल क्षेत्र तक बिक रहा है,अतिक्रमण हो रहा है।जवाबदेही किसी की नही समाधान : 1.जनआंदोलन भू कानून,मूलनिवास, पर्यावरण संरक्षण,भूमि चकबंदी और स्थाई राजधानी के सफल होने तक। 2.हिमालय जन संघ सम्पूर्ण हिमालय के संरक्षण के लिए।हिमालय है तो नदिया है, नदिया है तो जीवन है, तभी ये देश समृद्ध खुशहाल सुरक्षित हो पाएगा। जय भारत जय उत्तराखंड
मुझे आज भी याद है जब प्रदेश के जंगलो में आग लगी थी और वन मंत्री ऑनलाइन या न्यूज़ पे इंटरव्यू देकर आग का समाधान निकल रहे थे । और हमारे क्यूट कम चुनाव प्रचार जैसे जरुरी विकाश कार्यो में व्यस्त थे . Sad! पुरे राज्य की मवासी घाम लगा दी है
सरकारी भ्रष्टाचार चरम पर है न तो नहर में पानी आ रहा है और न सरकारी जल निगम के नलों में।। ऐसे में मुफ्तखोर शासक वर्ग के प्रतिनिधि ये कहना शुरू कर दिए हैं कि कृषि का उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति में बड़ा योगदान है 😅😅😅😅😅😅और १४३ बन्द कर दिया जाये। 😅😅😅 ताकि होटल वाले पूंजी पतियों को घोर प्रतिद्वंद्विता से घाटा न हो जाए 😅😅😅😅😅
सख्त कानून, भू कानून, मूल निवास, जमीनों की धड़ल्ले से खरीद-फरोख्त, निक्कमी सरकार के बेईमानों की पोल खोलता हुआ पॉडकास्ट, एवम पहाड के पहाड़ियों के मर्म, पीड़ा,दर्द, को बयान करता हुआ आपकें इस खास पेशकश के लिए आप दोनों माननीय को हृदय की गहराई से धन्यवाद एवम आभार 🫡🫡🫡🫡🙏🙏🙏
धन्यवाद भट्ट जी आपका व श्री शर्मा जी का उत्तराखंड में भू कानून व इससे संबंधित जमीन की खरीद फरोख्त के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए। आपका कार्यक्रम देख कर लगा कि आज तक सरकार पर बैठे बैठे लोगों ने उत्तराखंड के मूल निवासी व व उनकी जमीन के साथ कैसे कैसे बंदर बांट की है । धिक्कार है ऐस ऐसे प्रतिनिधियों व को जो उत्तराखंड की अस्मिता की रक्षा करने में भी असफल रहे।
एडवोकेट शर्मा जी ने जिस सरलता के साथ भू कानून एवं मूल निवास के बारे में समझाया है उसके लिए बहुत बहुत साधुवाद। सशक्त भू कानून एवं मूलनिवास कानून का शीघ्र लाया जाना और उसका अक्षरसह लागू होना ही उत्तराखंड और उसके मूल निवासियों के हित में है। हिमाचल प्रदेश की तरह इससे ही उत्तराखंड और समस्त उत्तराखण्ड के मूल निवासियों का भला हो सकता है।
मूल निवास कानून से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को बदलने की आवश्यकता है,जिसमे उन्होंने सभी भाई बहनों का जमीनी हक बताया है,सारी बहनों ने अपनी जमीनें बेच कर पूरे रिश्तो का सर्वनाश कर डाला है। और भू माफिया इसी का फायदा उठा कर लोगो को आपस में लड़वाने का गांवो में काम कर रहे है।
वकील साहब ने बिल्कुल ठीक कहा कि हिमाचल प्रदेश के ना केवल लोग ईमानदार है यद्यपि यहा के राजनेता भी प्रदेश के हितो के प्रति ईमानदार है। बोजेपी के समय मे बहुत कोशिश की गई भू कानून खत्म करने की लेकिन सरकार के अंदर से ही भारी विरोध हुआ और सरकार को चुपचाप वापस लेना पड़ा और स्पष्ट कहना पड़ा कि हिमाचल प्रदेश के हितो से कोई खिलवाड नही होने दिया जाएगा ।
देवभूमि उत्तराखंड में भू-कानून मूल निवास को तुरंत लागू करें और उत्तराखंड की भौगोलिक, संस्कृति, सभ्यता, भाषा, खान-पान एवं पहनावे को खत्म होने से बचाएं,जय हो देवभूमि उत्तराखंड की 🚩🔱🙏
भट्ट जी बहुत सुंदर चर्चा। आपसे पहली बार में बुराड़ी कौतिक में मिला था। आपका उत्तराखंड के मुद्दों को बड़े लेवल पर उठाना बहुत ही सराहनीय है। कृपया करके 5th अनुसूची वाला जो मुद्दा है आपने बड़ा संक्षिप्त में पूछा है। इस पर कृपया करके विस्तृत चर्चा करवाइए। क्योंकि इनके द्वारा ये फैलाया जा रहा है कि 1950 का प्रेसिडेंशियल नोटिस केवल ST और SC के लिए ही है इसके अलावा जनरल को मूल निवास मिल ही नहीं सकता। बड़ा कन्फ्यूजन है।
जी, आप शर्मा जी से Presidential Order 1950 की Copy मांगे l और शर्मा जी से कहें पूरे देश में 140 करोड़ लोगों में से एक भी सामान्य श्रेणी का व्यक्ति दिखा दें जिनके पास मूल निवास 1950 हो l
Bohot hi badiya podcast.sir i am from manali Himachal Pradesh..bade dukh se bolna pad rha sir ..yaha himachal me bhi Lowe's to bane ..lekin koe fayda nahi ..,yahi pe manali me almost saari lands outsiders ko sale ho chuki hai.. maximum hotals outsiders k hai ..or hum log lands k malik ho kar bhi aaj yaha outsiders ke hotals ,shops me noakr bane pade hai.. political bohot khrab ho chuka hai himachal .malik nokar bna pda hai. jab aaj se 20 years back dekhte hai to .sach me rona aata hai..
आपके वार्ता से लोगों को काफी जानकारी मिली है। इसी तरह मूल निवास, भू कानून व भूमि बंदोबस्त के बारे में समय-समय पर लोगों को जानकारी देते रहें। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद के क़ानून व संशोधन जो उत्तराखंडी के हित में नहीं हैं खत्म कर नये कानून व कानूनों में संशोधन करना जरूरी हो गया है। जिन लोगों व सरकारी कर्मचारीयों/ अधिकारियों ने कानूनों का उलंघन किया उन पर सख्त कार्रवाई भी होना चाहिए। धन्यवाद।
मुख्यमंत्री क्या जांच करवाएंगे सर, इनकी संपत्ति की खुद जांच होनी चाहिए. आज स्थिति ये है कि राजनीतिक लोग के मिलिभगत के उत्तराखंड की भूमि बिकती जा रही है। आज ये सब प्रॉपर्टी डीलर बने हुए हैं और क्योंकि ये लोग सरकार चला रहे हैं ये अपने और अपने लोगो के हित के हिसाब से विधान सभा में कानून पास करवाते हैं. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जो लोग भी विधायक/मंत्री/दरजाधारी/अधिकारी रहे हैं उनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए कि केवल उत्तराखंड बनने के बाद/नेता बनने के बाद ही इनकी संपत्ति में इतनी बढ़ोतरी क्यों हुई है?
जब तक उत्तराखंड में कोई मूल पहाड़ी नेता जो पहाड़ का दर्द समझता हो ,और राज्य की स्थिति समझ पाए, 😢 तभी इस राज्य का कुछ उद्धार हो पाएगा😢, वरना यह सभी नेता अपने खाना पूर्ति करते हैं, राज्य का डाटा देखा जाए ,तो पता नहीं कितनी भूमि इन नेताओं ने अपने पास रखी है 😢😢
Advocate sir Bilkul sahi bol rahe hai... Pahadon mein har jagah yahi chal raha hai Hamare shahar Ram Nagar se tamam Pahado ki Taraf ko Jameeno ka yahi haal chal raha hai.. Esme Bhoo Mafiayao. RajaswaVibhag Or Sarkar ka Poora Haat hota hai..espar poori tarah se Rok lagani chahiye..
@@vijayrana5595 sahi baat h aur jo bahar uttrakhand k rhte h wo uttrakhand ki naukri k liye apply nhi kr skte q ki 2013 m moolniwas htwa diya bahuguna ne
Bilkul sahi kaha wakil sahab ne, te satya hai bhatt ji politician, bureaucrats and land mafia kabhi bhi uttarakhand main ek achcha bhul kannu nahi aane dega. Upar se nichche tak poori sarkar administration poori tarah gal chuke hai.
उत्तराखंड का दुर्भाग्य, ना यहां अच्छी सरकार मिली ना अच्छा विपक्ष दोनों ने मिल कर राज्य लूटा, और परिणम की आज संघर्ष समिति से लेकर महिला मंगल दल तक को सड़क पर आकर इनका विरोध करना पड़ रहा है पहाड़ी को लूटा जा रहा है, जाग पहाड़ी जाग, मूल निवास 1950, भू कानून माँग
@@jagdishsinghnegi60 lol apne muddo k pichlaggu bno na ki neta k godiyal g ki party ne moolniwas htwaya tha 2013 m aur bhu kanoon rally k samarthan k baad apni galti bhi mani thi
@@jagdishsinghnegi60 local party chhye uk me koi v desi party moolnivas ni layegi inke voters plains me bhoty hn bengali punjabi or desi up ke or mulle banye
जो बात मानेगा उत्तराखंड वासियों की सरकार उसकी आयेगी हमे बदलाव की जरूरत है । दुखद बात तो ये है की हमारी राज्य की क्षेत्रीय पार्टी यूकेडी आज गायब है। क्योंकि हम लोग इन पार्टियों को सपोर्ट करे है।
हिमाचल प्रदेश मे कृषि भूमि मे हाथ तक नही लगा सकते । TMC सांसद ने किसी और के नाम से 150 बीघा कृषि भूमि खरीदी थी । लेकिन जैसे ही यह पता लगा तो हिमाचल सरकार ने तुरन्त जांच के आदेश दिए और दोषियो पर भारी जुर्माना लगाकर भूमि हिमाचल प्रदेश सरकार के नाम हो गई।
क्योंकि उत्तराखंड देवभूमि होने के साथ एक बहुत छोटा सा राज्य है। सीमावर्ती राज्य भी है। इस कारण सरकार को यहां पर कानून बनाते समय बहुत ध्यान रखना होगा। आम जनता के बीच में भी इस पर चर्चा होनी चाहिए।
हमें तो ऐसा लगता है कि राज्य बनने के बाद से आज तक जितनी भी भूमि का क्रय विक्रय हुए हैं प्रत्येक जिले के DM. के level पर सभी समाचार पत्रों और social media में वर्षवार सूचना रजिस्ट्रार आफिस से सूचना सार्वजनिक सूचना प्रकाशित किया जाय ।
सैलरी मिल ही रही है रिश्वत भी मिलनी चाहिए किसान को भी मुफ्त जमीन rajao ने दी थी १९४७ मे ही जमीन सरकारी हो जानी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस ने ध्यान नहीं दिया आज तीन करोड़ रुपए बीघा जमीन हनी पर सरकार को पता चला की देश का माल बेचकर लोग अय्यासी कर रहे है सरकार को turan जमीन का राष्ट्रीयकरण कर देना चाहिए
बहुत अच्छा पॉडकास्ट भट्ट जी,
ज़मीनो के मामले मैं तो उत्तराखंड के बहुत बुरे हाल चल रहे है, सारा सिस्टम सड़ चुका हैं, देहरादून मैं तो बुरे हाल है
@@nitesh703 jahan phle jungle thay wahan bas constructions hi ho rha h Kal ko kya khayenge aane Wali peedi ki koi soch hi nhi rha , bas abhi sab kha Lena chahte h 😡💔 khet Khali Haan jungle sab Sarkar khud khati ja rhi h 😥 apne sahuliyat k hisaab se kanoon m badlav kr De rhe h kyun...??? Rule regulation toh jese sab Sapna se ho gye h 😢 yahan toh bandr baant chal rhi h 👊👎💔
Uttarakhand purane u p, bihar banne ki rah par,, up bihar sudhar gaye,, par uttarakhand bhagwan bharose,,
सबसे पहले आप दोनो को इस अति महत्वपूर्ण विषय पर बेहतरीन चर्चा के लिए कोटि नमन और धन्यवाद।
इस पॉडकास्ट से बहुत सी बातें पता चलती है, जैसे
1.राजनेतिक तंत्र के लोगो का उत्तराखंड के जल जंगल जमीन जनमानस के हित से ज्यादा स्वयं के हित ऊपर है, और ऐसा है तो राजनीति छोड़ कर अपने परिवार को देखे उत्तराखंड को नहीं।जनता को भी नेता सोच समज परख के चुनना चाहिए
2. सरकरी तंत्र सजग सतर्क होने के बजाय स्वयं स्वार्थ सिद्धि में लगा है, आज अपनी जमीन के लिए आम आदमी रास्ता नहीं खोज पाता और सरकारी तंत्र किसी को फायदा पहुंचाने के लिए वहा हाईवे तक बना देता है।
3.Divide and Rule आज भी चल रहा है,बस समझने की जरूरत है, पार्टी, छेत्र,जात,धर्म,लिंग के आधार पर लड़ाते चलो।इसे समझना होगा और इससे बचना होगा।
4.अब जमीन,जंगल के साथ साथ जल पर भी अतिक्रमण हो रहा है। रिसपाना बिंदाल और अन्य नदियों पे बनने वाली एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट इसका उदाहरण हैं।सब डेवलपमेंट के नाम पे।पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने का बजट नहीं, पर जहा से ज्यादा कमीशन बने उन प्रोजेक्ट्स पे जोर है।
5.सरकार और तंत्र अतिक्रमण इसलिए नही हटा पाते क्योंकि स्वयं अतिक्रमण करके बैठे हुए है।रिवर साइड रिजॉर्ट से ले के नेशनल पार्क area तक,नदी घाटी से लेकर बुग्याल क्षेत्र तक बिक रहा है,अतिक्रमण हो रहा है।जवाबदेही किसी की नही
समाधान :
1.जनआंदोलन भू कानून,मूलनिवास, पर्यावरण संरक्षण,भूमि चकबंदी और स्थाई राजधानी के सफल होने तक।
2.हिमालय जन संघ सम्पूर्ण हिमालय के संरक्षण के लिए।हिमालय है तो नदिया है, नदिया है तो जीवन है, तभी ये देश समृद्ध खुशहाल सुरक्षित हो पाएगा।
जय भारत जय उत्तराखंड
मुझे आज भी याद है जब प्रदेश के जंगलो में आग लगी थी और वन मंत्री ऑनलाइन या न्यूज़ पे इंटरव्यू देकर आग का समाधान निकल रहे थे । और हमारे क्यूट कम चुनाव प्रचार जैसे जरुरी विकाश कार्यो में व्यस्त थे . Sad! पुरे राज्य की मवासी घाम लगा दी है
सरकारी भ्रष्टाचार चरम पर है न तो नहर में पानी आ रहा है और न सरकारी जल निगम के नलों में।। ऐसे में मुफ्तखोर शासक वर्ग के प्रतिनिधि ये कहना शुरू कर दिए हैं कि कृषि का उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति में बड़ा योगदान है 😅😅😅😅😅😅और १४३ बन्द कर दिया जाये। 😅😅😅 ताकि होटल वाले पूंजी पतियों को घोर प्रतिद्वंद्विता से घाटा न हो जाए 😅😅😅😅😅
सख्त कानून, भू कानून, मूल निवास, जमीनों की धड़ल्ले से खरीद-फरोख्त, निक्कमी सरकार के बेईमानों की पोल खोलता हुआ पॉडकास्ट, एवम पहाड के पहाड़ियों के मर्म, पीड़ा,दर्द, को बयान करता हुआ आपकें इस खास पेशकश के लिए आप दोनों माननीय को हृदय की गहराई से धन्यवाद एवम आभार 🫡🫡🫡🫡🙏🙏🙏
धन्यवाद भट्ट जी आपका व श्री शर्मा जी का उत्तराखंड में भू कानून व इससे संबंधित जमीन की खरीद फरोख्त के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए। आपका कार्यक्रम देख कर लगा कि आज तक सरकार पर बैठे बैठे लोगों ने उत्तराखंड के मूल निवासी व व उनकी जमीन के साथ कैसे कैसे बंदर बांट की है । धिक्कार है ऐस ऐसे प्रतिनिधियों व को जो उत्तराखंड की अस्मिता की रक्षा करने में भी असफल रहे।
एडवोकेट शर्मा जी ने जिस सरलता के साथ भू कानून एवं मूल निवास के बारे में समझाया है उसके लिए बहुत बहुत साधुवाद। सशक्त भू कानून एवं मूलनिवास कानून का शीघ्र लाया जाना और उसका अक्षरसह लागू होना ही उत्तराखंड और उसके मूल निवासियों के हित में है। हिमाचल प्रदेश की तरह इससे ही उत्तराखंड और समस्त उत्तराखण्ड के मूल निवासियों का भला हो सकता है।
मैं प्रेम चन्द शर्मा जी का आभारी हूं जिन्होंने भू कानून के बारे में जानकारी दी
PC शर्मा जी बहुत ही परिपक्व एडवोकेट है 36 साल से अधिक समय से जनता हू जो कह रहे हैं सत्य है अपनी बात कहने के लिए salute
एक अच्छा पत्रकार एक अच्छा वकील और एक अच्छा पुलिस वाला ही इस उत्तराखंड को सही राह दिखा सकता है
बहुत उपयोगी चर्चा। मूल निवास और हिमाचल की तरह यहां भी सख्त भू कानून लागू होना चाहिए। इसके बिना उत्तराखंड राज्य को अवैध लोगों से बचाया नहीं जा सकता है।
उत्तराखंड के पहाड़ियों को मूलनिवास 1950 तभी मिलेगा जब हमें Schedule Tribe का दर्जा मिलेगा।
#5thScheduleTribeforUttarakhand
ST population 60% hona anivarya hai uske liye
Uttarakhand me woh nahi hai
10% bhi nahi hai
भू कानून मूल निवास 1950 लागू होना चाहिए l
जय देवभूमि उत्तराखंड ❤
हमें और आप जैसे निर्भीक निष्पक्ष पत्रकारिता की जरूरत है उत्तराखंड को
एडवोकेट शर्मा जी ने कृषि भूमि की महत्ता का जो बखान किया है आम जनमानस की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं l
जय हिंद
माननीय श्री प्रेम शर्मा जी को में जानता हूँ इनसे अनुभवी और प्रेणादायक अधिवक्ता उत्तराखंड में शायद ही कोई होगा 🙏🙏
हमें इनसे मिलना है आप मेरी मदद कर सकते हैं क्या ?
मूल निवास कानून से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को बदलने की आवश्यकता है,जिसमे उन्होंने सभी भाई बहनों का जमीनी हक बताया है,सारी बहनों ने अपनी जमीनें बेच कर पूरे रिश्तो का सर्वनाश कर डाला है।
और भू माफिया इसी का फायदा उठा कर लोगो को आपस में लड़वाने का गांवो में काम कर रहे है।
भू कानून और मूल निवास 1950 बहुत बहुत जरूरी है उत्तराखंड के लिये
बहुत बहुत धन्यवाद आपके चैनल का
वकील साहब ने बिल्कुल ठीक कहा कि हिमाचल प्रदेश के ना केवल लोग ईमानदार है यद्यपि यहा के राजनेता भी प्रदेश के हितो के प्रति ईमानदार है। बोजेपी के समय मे बहुत कोशिश की गई भू कानून खत्म करने की लेकिन सरकार के अंदर से ही भारी विरोध हुआ और सरकार को चुपचाप वापस लेना पड़ा और स्पष्ट कहना पड़ा कि हिमाचल प्रदेश के हितो से कोई खिलवाड नही होने दिया जाएगा ।
बहुत अछा लगा इंटरव्यू देख जब इतने नॉलेज वल विद्वान हमारे उत्तराखण्ड में है
ईमानदार लोगो कि फ़ोज कम है बेईमानो कि जाधा हो गई है
चर्चा होनी चाहिए भूमि सुधार कानून की विधेयक बनने से पहले
बहुत अच्छी चर्चा
बहुत सुंदर लाजबाव सराहनीय कदम दिल से आभार 💐🌹🙏🌹
देवभूमि उत्तराखंड में भू-कानून मूल निवास को तुरंत लागू करें और उत्तराखंड की भौगोलिक, संस्कृति, सभ्यता, भाषा, खान-पान एवं पहनावे को खत्म होने से बचाएं,जय हो देवभूमि उत्तराखंड की 🚩🔱🙏
शर्मा जी ने अपने महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
भट्ट जी बहुत सुंदर चर्चा। आपसे पहली बार में बुराड़ी कौतिक में मिला था। आपका उत्तराखंड के मुद्दों को बड़े लेवल पर उठाना बहुत ही सराहनीय है।
कृपया करके 5th अनुसूची वाला जो मुद्दा है आपने बड़ा संक्षिप्त में पूछा है। इस पर कृपया करके विस्तृत चर्चा करवाइए। क्योंकि इनके द्वारा ये फैलाया जा रहा है कि 1950 का प्रेसिडेंशियल नोटिस केवल ST और SC के लिए ही है इसके अलावा जनरल को मूल निवास मिल ही नहीं सकता। बड़ा कन्फ्यूजन है।
जी, आप शर्मा जी से Presidential Order 1950 की Copy मांगे l और शर्मा जी से कहें पूरे देश में 140 करोड़ लोगों में से एक भी सामान्य श्रेणी का व्यक्ति दिखा दें जिनके पास मूल निवास 1950 हो l
बहुत अच्छी चर्चा 🙏🏻 शर्मा जी
Bohot hi badiya podcast.sir i am from manali Himachal Pradesh..bade dukh se bolna pad rha sir ..yaha himachal me bhi Lowe's to bane ..lekin koe fayda nahi ..,yahi pe manali me almost saari lands outsiders ko sale ho chuki hai.. maximum hotals outsiders k hai ..or hum log lands k malik ho kar bhi aaj yaha outsiders ke hotals ,shops me noakr bane pade hai.. political bohot khrab ho chuka hai himachal .malik nokar bna pda hai. jab aaj se 20 years back dekhte hai to .sach me rona aata hai..
बहुत सही विश्लेषण के लिए धन्यवाद साधुवाद है आप दोनों महानुभावों को।
आपके वार्ता से लोगों को काफी जानकारी मिली है। इसी तरह मूल निवास, भू कानून व भूमि बंदोबस्त के बारे में समय-समय पर लोगों को जानकारी देते रहें। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद के क़ानून व संशोधन जो उत्तराखंडी के हित में नहीं हैं खत्म कर नये कानून व कानूनों में संशोधन करना जरूरी हो गया है। जिन लोगों व सरकारी कर्मचारीयों/ अधिकारियों ने कानूनों का उलंघन किया उन पर सख्त कार्रवाई भी होना चाहिए। धन्यवाद।
बिल्कुल सही बात कही आपने सर हल्द्वानी में भी यही हो रहा है सर
Bahut sundar vishleshan aur important information ke liye Sharma sahab ka dhanywad
मैं शर्मा जी का समर्थन करता हूं ।
Very informative podcast, bring more
Very interesting discussion about bhu kanoon & mool niwas
मुख्यमंत्री क्या जांच करवाएंगे सर, इनकी संपत्ति की खुद जांच होनी चाहिए. आज स्थिति ये है कि राजनीतिक लोग के मिलिभगत के उत्तराखंड की भूमि बिकती जा रही है। आज ये सब प्रॉपर्टी डीलर बने हुए हैं और क्योंकि ये लोग सरकार चला रहे हैं ये अपने और अपने लोगो के हित के हिसाब से विधान सभा में कानून पास करवाते हैं. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से जो लोग भी विधायक/मंत्री/दरजाधारी/अधिकारी रहे हैं उनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए कि केवल उत्तराखंड बनने के बाद/नेता बनने के बाद ही इनकी संपत्ति में इतनी बढ़ोतरी क्यों हुई है?
Uk kee आवाज key leeya shukroya 🙏🙏❤️
शानदार कवरेज भू कानून पर
Great discussion bhatt sir
Prem Chand sharma ji is a great lawyer,I am very proud of him
Very senior advocate hai sharma ji
रमेश जी आपएकमहत्वर्पूण मुद्दे पर कार्य कर रहे हैं धन्यवाद
जब तक उत्तराखंड में कोई मूल पहाड़ी नेता जो पहाड़ का दर्द समझता हो ,और राज्य की स्थिति समझ पाए, 😢 तभी इस राज्य का कुछ उद्धार हो पाएगा😢, वरना यह सभी नेता अपने खाना पूर्ति करते हैं, राज्य का डाटा देखा जाए ,तो पता नहीं कितनी भूमि इन नेताओं ने अपने पास रखी है 😢😢
Uttrakhand ko local party chyye ye mafia ki sarkar poora uk bech dya
Mool निवास पर कानून बनाने की सबसे ज्यादा जरूरी है आज के समय में
Advocate shri arun saxena ji sir guruji ko bhi bulaya jaye interview m
Premchand sharma ji
And arun sir are both backbone of revenue in uttrakhand
Advocate sir Bilkul sahi bol rahe hai... Pahadon mein har jagah yahi chal raha hai Hamare shahar Ram Nagar se tamam Pahado ki Taraf ko Jameeno ka yahi haal chal raha hai.. Esme Bhoo Mafiayao. RajaswaVibhag Or Sarkar ka Poora Haat hota hai..espar poori tarah se Rok lagani chahiye..
कृषि भूमि को बचाए रखना बहुत जरूरी है तथा पर्यावरण को संरक्षण भी होना चाहिए, तभी हमारी नदियां save रहेंगी और जल जीवन होगा
Bilkul shi baat
Good analysis. We are with you. ❤❤
Agreed vakeel saab...
सरकार की आंख खोलने के लिए बहुत धन्यवाद एडवोकेट सर। धन्यवाद भट्ट जी🎉🎉
Great exposed
बाहरी लोग दो -दो लाभ ले रहे है, यहां स्थायी निवासी और अपने राज्य मे मूल निवासी, मति मर गयी है यहां के नेताओं की, फिर वी वोट मिल रहा है?
@@vijayrana5595 sahi baat h aur jo bahar uttrakhand k rhte h wo uttrakhand ki naukri k liye apply nhi kr skte q ki 2013 m moolniwas htwa diya bahuguna ne
पुरे देश me दोहरी नागरिकता पर प्रतिबंध हो चाहे उत्तराखंड हो या उत्तर प्रदेश
One of the best podcasts by you. Extracting one who has worked at ground level so long.
Uttarakhand residents with you sir
Sharma ji ne sare Uttarakhandiyon ki aankhen khol di
❤❤❤ atisundar and an important podcast,
Bahut achcha podcast👏👏👏👏
यूकेडी का साथ हमको देना चाहिए
Very informative podcast also special drive should be taken for locals people
Great
Please keet it up
मूल निवास ओर भू कानून जरूरी है, लेकिन अब सारा खेल सरकार कि नियत पर है
Bilkul sahi kaha wakil sahab ne, te satya hai bhatt ji politician, bureaucrats and land mafia kabhi bhi uttarakhand main ek achcha bhul kannu nahi aane dega. Upar se nichche tak poori sarkar administration poori tarah gal chuke hai.
Wonderful interview
जय हो जय हिंद
कुछ नहीं होगा जी
ये सल्तनत शहनशाहो की है
यदि पूरा बेच कर ही रहेंगे
जन्त 5 किलो
ओर ,,,, में
Wakil sahab bilkul sahi kah rahe hai. Netao ki or officers ki mili bhagat hai.
बिलकुल सही बात है ये,
जो भू कानून जॉन सार बावर में लागू है,वही कानून पूरे प्रदेश में क्यूं नही लागू किया।
Great sharma ji
Bahut nuksaan ho chuka hai dhanyvad netao ka aur unki uttarkahandi soch aur samajik soch ka...
पत्रकार महोदय जी आप की अदालत न्यूज चैनल बनाए और मंत्रीगण से जनता से जुडे सवाल पूछे ❤ उत्तराखंड माँगे भू कानून मूल निवास 1950 जय श्रीराम 🙏
ये भी "गोदी पत्रकार" है,सरकार की चापलूसी से रोजी चलती है इसकी, इसके बस की बात नहीं है।😂😂
अभी भी समय है, सही कहा सर जी ने,
Sahi baat hai
Very good 👍
Very nice sir 👌
वकील साहब को दिल से प्रणाम करतीहू
Very good
उत्तराखंड का दुर्भाग्य, ना यहां अच्छी सरकार मिली ना अच्छा विपक्ष दोनों ने मिल कर राज्य लूटा, और परिणम की आज संघर्ष समिति से लेकर महिला मंगल दल तक को सड़क पर आकर इनका विरोध करना पड़ रहा है पहाड़ी को लूटा जा रहा है, जाग पहाड़ी जाग, मूल निवास 1950, भू कानून माँग
Nice interview and so much informative
True
बहुत जरूरी है भू कानून
Har har Mahadev ❤❤❤❤❤❤
भट्ट जी आप से बार बार मैने प्रार्थना की की एक इंटरव्यू हम सबके प्रिय गणेश गोदियाल जी का इंटरव्यू करा दीजिए
बहुत अच्छे नेता है गणेश गोदियाल जी परंतु उनकी हार उत्तराखंड की जनता की हार है
@@jagdishsinghnegi60 lol apne muddo k pichlaggu bno na ki neta k godiyal g ki party ne moolniwas htwaya tha 2013 m aur bhu kanoon rally k samarthan k baad apni galti bhi mani thi
@@jagdishsinghnegi60 local party chhye uk me koi v desi party moolnivas ni layegi inke voters plains me bhoty hn bengali punjabi or desi up ke or mulle banye
भू कानून required
शर्मा जी आप से निवेदन है आप इस मामले को पी एलआई के जरिए कोर्ट में ले जाएं
जो बात मानेगा उत्तराखंड वासियों की सरकार उसकी आयेगी हमे बदलाव की जरूरत है ।
दुखद बात तो ये है की हमारी राज्य की क्षेत्रीय पार्टी यूकेडी आज गायब है। क्योंकि हम लोग इन पार्टियों को सपोर्ट करे है।
हिमाचल प्रदेश मे कृषि भूमि मे हाथ तक नही लगा सकते । TMC सांसद ने किसी और के नाम से 150 बीघा कृषि भूमि खरीदी थी । लेकिन जैसे ही यह पता लगा तो हिमाचल सरकार ने तुरन्त जांच के आदेश दिए और दोषियो पर भारी जुर्माना लगाकर भूमि हिमाचल प्रदेश सरकार के नाम हो गई।
Very nice Premchand Sharma ji but some broker are against your advice today need land low in uttarakhand
Save Uttarakhand save our culture pls raise your hand to save our existence
❤
Aankhen khol di aapne puri , pichali sarkaron ki napak harkatein,
Dai Lage raho uk ko aage leke ja ne me ham aapke sath hai
सरकार का फेलियर हैं जी सरकार कि मिलीभगतू हैं
🙏🙏👍🏻
क्योंकि उत्तराखंड देवभूमि होने के साथ एक बहुत छोटा सा राज्य है। सीमावर्ती राज्य भी है। इस कारण सरकार को यहां पर कानून बनाते समय बहुत ध्यान रखना होगा। आम जनता के बीच में भी इस पर चर्चा होनी चाहिए।
हमें तो ऐसा लगता है कि राज्य बनने के बाद से आज तक जितनी भी भूमि का क्रय विक्रय हुए हैं प्रत्येक जिले के DM. के level पर सभी समाचार पत्रों और social media में वर्षवार सूचना रजिस्ट्रार आफिस से सूचना सार्वजनिक सूचना प्रकाशित किया जाय ।
इन सरकारों ने अपने निजी हित के लिए उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया है
Aap ko Uttrakhand ka CM hona chahiye
सैलरी मिल ही रही है रिश्वत भी मिलनी चाहिए किसान को भी मुफ्त जमीन rajao ने दी थी १९४७ मे ही जमीन सरकारी हो जानी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस ने ध्यान नहीं दिया आज तीन करोड़ रुपए बीघा जमीन हनी पर सरकार को पता चला की देश का माल बेचकर लोग अय्यासी कर रहे है सरकार को turan जमीन का राष्ट्रीयकरण कर देना चाहिए
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