🙏🙏🙏🙏🙏 जी मेरा नाम दिनेश त्रिपाठी मैं उत्तराखंड से.... अपने पिता के एकदशा मैं जब सम्पिंडन होता है तो अपने से उपर तीन व्यक्ति यानी पितृ, प्रमातामह, बृद्ध प्रमातामह तक हम तर्पण करेंगे यानी बृद्ध प्रमातामह के पिताजी को अब हम नहीं देंगे.. उनको जब पिता जीवित थे वे देते होंगे पिता के देहांत के बाद हम अपने से उपर तीन लोगों का तर्पण करेंगे यहाँ तक ठीक है... लेकिन अभी हमारी माताजी हैं तो मैं दो लोगों को ही तर्पण दूँगा प्रमातामह और बृद्ध प्रमातामाह तक.. लेकिन शास्त्रीय विधान तो अपने से उपर तीन लोगों को देने का है.... यदि मैं बृद्ध प्रमातामह की सास को तर्पण दूँ तो सम्पिंडी मैं वो अब अलग हो गये हैं... और वो चौथी पीढ़ी लग जाती है जबकि शास्त्रीय विधान 3 पीढ़ी तर्पण तक है.....इसे आप सुलझाने का कष्ट करें गुरुदेव 🙏🙏
1. पितृ पक्ष क्या है 04:36 2. पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए 11:10 3. गया श्राद्ध का विधान पितृ पक्ष में है क्या 13:49 4. पार्वण श्राद्ध में भी तिथि का क्या विधान है 15:47 5. तर्पण क्या है एवम इसमें क्या क्या किया जाता है 16:51 6. क्या दिवंगत गुरु का तर्पण भी शिष्य को करना चाइए 20:47 7. सव्य अपसव्य क्या है 22:38 8. क्या श्वसुर का पार्वण श्राद्ध भी जमाता कर सकता है 23:59 9. माता के श्राद्ध की नवमी तिथि निश्चित 25:03 10. तर्पण क्यों आवश्यक है 25:53
सभी आचार्यों को प्रणाम मान्यवर जी पूर्णिमा तिथि का कोई जिक्र नहीं किये हैं। तथा जो नित्य प्रति दिन तर्पण साधारण रूप से कैसे कम से कम समय व सामग्री के साथ कैसे करें,इसे बताया जाय। धन्यवाद।
🚩आदरणीय आचार्य गणों को शतशत नमन्....🙏🙏🙏🙏 अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर आपने वीडियो तैयार किया इसलिये आप बधाई के पात्र हैं। आधुनिकता की होड़ मे आज हिन्दू धर्म में ह्रास हो रही देव पितृ तर्पण की पद्धति को आपने पूरी सरल विधि से शास्त्रोक्त प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत किया है। त्रिकुश , मोटक , पावित्री बनाने की विधि अच्छी है। बहुत सारी जिज्ञासाओं का समाधान भी आपने किया। उत्तम आचार्य गणों के आभाव से समाज में तर्पण पद्धतियो से लोग विमुख हो रहे हैं। अलग अलग आचार्य गणों के मत भी अलग अलग है। हमनें आप द्वारा प्रस्तुत की गई संगोष्ठी का विधिवत अवलोकन किया । कई नई बातें समझने में आईं जिनसे अवगत नहीं थे। हलांकि कई तर्पण संबंधित पुस्तकों का अध्ययन भी किया है। फिर भी समाधान नहीं हो पाया। 🚩भीष्म पितामह को जल देते समय.... क्या स्थिति रहेगी? 1-दिशा क्या होगी? 2-यज्ञोपवीत की स्थिति क्या होगी? 3-किस तीर्थ से जल देंगे? 4-जल के साथ और क्या होगा? 5- मोटक की स्थिति क्या होगी? 🚩 आचार्य गणों से पूंछ कर बन्धुवर प्रश्न का समाधान करने की कृपा करें।। ,🚩हिन्दू धर्म की जय हो 🚩 सादर नमस्कार...🙏🙏🙏 सादर
नमस्कार!धन्यवाद आदरणीय महोदय तर्पण-पार्वण वृहद् स्पष्टीकरण हेतु । विद्वद्गोष्ठी स निवेदन जे कृपया ई जानकारी देव जाए जे---मृत्योपरान्त कतेक वर्ष धरि तर्पण-पार्वण वगैरह कर्मकांड धर्म शास्त्रानुसार करबाक चाही कियैक त पुनर्जन्मक मान्यता सेहो अछि । ----देवभूषण मिश्र कानपुर
पूर्व में छात्रों को पूर्ण ज्ञान ना देने का प्रायश्चित है। मैथिल क्षेत्र में संस्कृत शिक्षा को गुप्त रखने वाले आज प्रायश्चित कर रहे हैं डर है इनको इनका श्राद्धकर्म अशुद्ध ना हो
विद्वत गुरुजनो को सादर परणाम् ।अच्छी विवेचन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ।
❤❤❤❤
whether Pitru tarpan is allowed on Ekadashi tithi ? क्या एकादशी तिथि पर पितृ तर्पण की अनुमति है ?
of course it is, after all it is a nitty-karma
🙏🙏🙏🙏🙏 जी मेरा नाम दिनेश त्रिपाठी मैं उत्तराखंड से....
अपने पिता के एकदशा मैं जब सम्पिंडन होता है तो अपने से उपर तीन व्यक्ति यानी पितृ, प्रमातामह, बृद्ध प्रमातामह तक हम तर्पण करेंगे यानी बृद्ध प्रमातामह के पिताजी को अब हम नहीं देंगे.. उनको जब पिता जीवित थे वे देते होंगे पिता के देहांत के बाद हम अपने से उपर तीन लोगों का तर्पण करेंगे यहाँ तक ठीक है... लेकिन अभी हमारी माताजी हैं तो मैं दो लोगों को ही तर्पण दूँगा प्रमातामह और बृद्ध प्रमातामाह तक.. लेकिन शास्त्रीय विधान तो अपने से उपर तीन लोगों को देने का है.... यदि मैं बृद्ध प्रमातामह की सास को तर्पण दूँ तो सम्पिंडी मैं वो अब अलग हो गये हैं... और वो चौथी पीढ़ी लग जाती है जबकि शास्त्रीय विधान 3 पीढ़ी तर्पण तक है.....इसे आप सुलझाने का कष्ट करें गुरुदेव 🙏🙏
हरेक पूजा संस्कार का निरुपन हमेशा किया जाए। और किसी भी पर्व से पहले यथा स्थिति भी जारी किया जाए। सादर प्रणाम।
Atyant Atyant Sadhuvaaad
पूर्णिमा से अमाब्याय
16 दिन तक ?
1. पितृ पक्ष क्या है 04:36
2. पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए 11:10
3. गया श्राद्ध का विधान पितृ पक्ष में है क्या 13:49
4. पार्वण श्राद्ध में भी तिथि का क्या विधान है 15:47
5. तर्पण क्या है एवम इसमें क्या क्या किया जाता है 16:51
6. क्या दिवंगत गुरु का तर्पण भी शिष्य को करना चाइए 20:47
7. सव्य अपसव्य क्या है 22:38
8. क्या श्वसुर का पार्वण श्राद्ध भी जमाता कर सकता है 23:59
9. माता के श्राद्ध की नवमी तिथि निश्चित 25:03
10. तर्पण क्यों आवश्यक है 25:53
अद्भुत संस्कार सभी विद्युत जनों को सादर प्रणाम
उत्तम विवेचन किया है। संस्कृति संवर्धन में अवश्य उपक्रम। शत् शत् नमन सभी ब्राह्मण गणों को।
सम्मानित गुरुवर्ग!
विनम्र निवेदन है कि क्या मत्स्यभोजन कर्मठ ब्राह्मण और कदाचित मैथिल ब्राह्मण के लिए शास्त्रसम्मत है?
Guru ji ekodisth sradh kese kare
सभी आचार्यों को प्रणाम
मान्यवर जी पूर्णिमा तिथि का कोई जिक्र नहीं किये हैं। तथा जो नित्य प्रति दिन तर्पण साधारण रूप से कैसे कम से कम समय व सामग्री के साथ कैसे करें,इसे बताया जाय। धन्यवाद।
🚩आदरणीय आचार्य गणों को शतशत नमन्....🙏🙏🙏🙏
अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर आपने
वीडियो तैयार किया इसलिये आप
बधाई के पात्र हैं।
आधुनिकता की होड़ मे आज
हिन्दू धर्म में ह्रास हो रही देव पितृ तर्पण की पद्धति को आपने पूरी सरल विधि से शास्त्रोक्त प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत किया है। त्रिकुश , मोटक , पावित्री बनाने की विधि अच्छी है।
बहुत सारी जिज्ञासाओं का समाधान भी आपने किया। उत्तम आचार्य गणों के आभाव से समाज में तर्पण पद्धतियो से लोग विमुख हो रहे हैं। अलग अलग आचार्य गणों के मत भी अलग अलग है।
हमनें आप द्वारा प्रस्तुत की गई संगोष्ठी का विधिवत अवलोकन किया । कई नई बातें समझने में आईं जिनसे अवगत नहीं थे।
हलांकि कई तर्पण संबंधित पुस्तकों का अध्ययन भी किया है।
फिर भी समाधान नहीं हो पाया।
🚩भीष्म पितामह को जल देते समय.... क्या स्थिति रहेगी?
1-दिशा क्या होगी?
2-यज्ञोपवीत की स्थिति क्या होगी?
3-किस तीर्थ से जल देंगे?
4-जल के साथ और क्या होगा?
5- मोटक की स्थिति क्या होगी?
🚩 आचार्य गणों से पूंछ कर बन्धुवर प्रश्न का समाधान करने की कृपा करें।।
,🚩हिन्दू धर्म की जय हो 🚩
सादर नमस्कार...🙏🙏🙏
सादर
नमस्कार!धन्यवाद आदरणीय महोदय तर्पण-पार्वण वृहद् स्पष्टीकरण हेतु ।
विद्वद्गोष्ठी स निवेदन जे कृपया ई जानकारी देव जाए जे---मृत्योपरान्त कतेक वर्ष धरि तर्पण-पार्वण वगैरह कर्मकांड धर्म शास्त्रानुसार करबाक चाही कियैक त पुनर्जन्मक मान्यता सेहो अछि ।
----देवभूषण मिश्र कानपुर
इहो ज्ञान देबाक कृपा कैल जाए जे गया श्राद्धकर्म मृतात्मा हेतु मृत्योपरांत कतेक वर्षान्तर्गत भ जेबाक चाही।
शास्त्रिय विधान बताओल जाए
।
Bahut shreshtha prayas. Hardik dhanyavad
"29:42" कृपया यह मंत्र स्पष्ट बतलाने का कष्ट करें 🙏🏻
ॐ पितृभ्य: स्वधा
@@rajgaurav6369 बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
समाज हित में सराहनीय कदम विश्वविद्यालय के द्वारा
संस्कृत के संरक्षण संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार में एक कदम आगे
महोदय!पैता निर्माण विधि कृपया दिखाते।
अत्युत्तम । अपने लोकनि स विनम्र आग्रह जे कृपया संध्यावंदन आदि सामान्य सदाचार विधि क सेहो वीडियो सेहो उपलब्ध कराबी। 🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर विवेचना
महालय कै पहले क्षौर कराना चाहिए या बाद में
आप गुरू जनों को सादर प्रणाम ,कृपया पिन्डदान पर भी परिचर्चा का आयोजन कीजिये गा
र
घर में तिल से तर्पण किया जा सकता है ??
एकोद्दिष्ट श्राद्ध विधि बता दीजिये कब करना चाहिए?
Mirtu ke 11 den hoti h
Tripindi shradh ke bare me jankari dijiye manyavar
निक पहल छैन्ह।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति , श्री मान तेकुशा मोरा पवित्री ,आदि सर्वसाधारण के लेल से हो बहुत सहायक रहल । हमहूं अहि माध्यम से सिखलौंह । बहुत बहुत सभ के नमन
Malmas me kisi ki mritu ho jae to uska akodrist shradh kab kare
इस वीडियो में कुश निर्माण विधि 46 मिनट के बाद है।
सुन्दरम
Jay bholay nath
उत्तम तम जानकारी नित सराहनीय
अगस्त्य तर्पण मात्र मिथिला परम्परा में है, इसका कारण बताने की कृपा करें। यह भाद्र पूर्णिमा के अतिरिक्त शेष पितृपक्ष के दिनों में भी करना चाहिए?
प्रनाम मान्यवर,
जीवित पितृक को सन्ध्या वन्दन के बाद देव ऋषि तर्पण करना चाहिये या नही ।कृपया मार्गदर्शन करे
पूर्व में छात्रों को पूर्ण ज्ञान ना देने का प्रायश्चित है।
मैथिल क्षेत्र में संस्कृत शिक्षा को गुप्त रखने वाले आज
प्रायश्चित कर रहे हैं डर है इनको इनका श्राद्धकर्म अशुद्ध ना हो
ati.uttam.Sabon.ke.liye
हमरो सिखा देब
Samaj ke liye Kalyankari prayas