सबसे पैलि त आपकु धन्यवाद, जु ईं खबर तैं हम तक पहूंचाणा छन्। हम तैं डाक्टर नीलिमा जी से सीख लींण चैंद, जु PHD कना बाद प्रोफेसर जन पद पर छन् अर सबसे बड़ी बात याच कि ऊंकि उम्र बि बहुत छुटि च, बिल्कुल आज की जनरेशन की हैं लेकिन अपनी मातृभाषा से उनका लगाव उनका समर्पण उनकी बातों से और उनके संस्कार से छलकता है। वहीं एक छोटी सी बेटी आरुषि सुंदर गढ़वाली बोलती है लेकिन उसकी माता श्री को बोलने में शर्म आ रही है। हमें अगर अपनी संस्कृति और भाषा बचानी है तो पलायन पर विचार करना होगा बच्चों को अच्छी परवरिश के साथ अच्छे संस्कार भी देने होंगे और अपनी देवभूमि उत्तराखंड के लिए भी बच्चों को जागरुक करना होगा। जैसा बेटी नीलिमा ने कहा। जय हिन्द। जय देव भूमि उत्तराखंड।।
Mai bhee Chandigarh mae rehta hoon aur meri bachpan ki language Punjabi hai par maine 28 saal ki umar k baad Garhwali bhasha sikhi hai, aur itni zabardast sikhi ki meri patni jo ki Pauri Bazaar k nazdeek ki hai, woh kehti hai ki mae Gaoun (village) mae peda huee hoon par tumhari bahut tuff Garhwali hai ! Jo sikhne ka raaj jaanna chahte hai woh mujhey reply karein
अपणी बोली भाषा कु अस्तित्व बचौण अब हम औण वाला पीड़ी का हत्यूँमच , जितना सुन्दर अपणी देवभूमि च उतना हि मिठी बोली ओर भाषा हमरी गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी च जो भाग्य से ही मिल्द ❤
बहुत सुंदर समाचार,,, एक चीज प्रशासन को समझनी चाहिए कि सुदूरवर्ती इलाकों मे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पर्यटन, परिवहन और प्रसारण आदि मे जो भी सरकारी नियुक्ती हो व्यक्ति विशेष खास मूल का हो, नही तो उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों के migrated लोग जो उत्तराखंड सरकारी नौकरी मे हैं, जब ऐसी जगह जाते हैं तो जनता के लिए कुछ भी नही सुधार हो पाता, बल्कि और भी बिगड़ जाता है, इसलिए इन विभागों मे चयनित प्रक्रिया मे मूल रूप से संस्कृति, भाषा से जुड़ा हुआ एक शिक्षित व्यक्ति ही चयनित किया जाय,, जैसा कि केरल या अन्य राज्य करते हैं। जय बद्रिविशाल्, जय उत्तराखण्ड 🙏🙏🙏🍁
बहुत बढ़िया संदेश छ आपकी वीडियो माँ भेजी जब आजका माँ बाप गढ़वाली बोला तभी बच्चा लोगा सिखला तो यो आजका माँ बापा को फ़र्ज़ छ तभी बचली हमारी भाषा गढ़वाली जय हिन्द जय उत्तराखण्ड❤
भैजी झूठी छ्वीं छन। जबरदस्ती गढ़वलि ब्वन मा अर अपणीं तरफ से दिल से गढ़वलि ब्वन मा भौत फर्क च भैजी। आज यि बच्चा य लोग आपक कैमरा समणीं जबरदस्ती गढ़वलि बोल भि देला लेकिन कैमरा बंद होते हि कैन भि नि ब्वलण।
गडवाली भाषा को बोलने में लोग अपने आप को आनपढ समझते हैं। इसलिए अपनी बोली भाषा को जरूर बोलना चाहिए ओर सब पहाड़ी लोगो को बोलना चाहिए। ओर अपनी बोली को बढ़ावा देना चाहिए। खास कर युवा लोग को इस पर विचार करना चाहिए। ओर गडवाली भाषा का संरक्षण होना चाहिए।
बस नाम मात्र की पहाड़ी राजधानी रह गई है। आज का पहाड़ी बस रील्स बनाने के लिए ही पहाड़ी बनता है। आशा है कि एक दिन यह दिखावा करने की आवश्यकता न पड़े। गिरदा की बात याद औंड़ू चा, जैंता एक दिन त आलो ऊ दिन यू दुनी में। जय हिन्द! जय उत्तराखण्ड!
गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी भाषा का प्रचार मां आप लोग जो प्रचार करना छन आप बहुत ही सराहनीय कदम छः आपकी दीर्घायु की खातिर मैं परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना कर दवू जय देव भूमि उत्तराखंड इंस्पेक्टर सेवानिवृत्त कुंवर सिंह रावत देवभूमि उत्तराखंड घनसाली
,जब तक हम उत्तराखंड के स्कूलो मे कुमाऊँनी- और गढ़वाली भाषा को हम उत्तराखंड के स्कूलो पढ़ाई जानी चाहिए उत्तराखंड के बुद्धिजीवी को आगे आकर उत्तराखंड के स्कूलो मे पढाई जाये उत्तराखंड सरकार को भी सभी स्कूलो आदेश पारित करना चाहिए एक से छठी तक के बच्चो को उत्तराखंड मे कुमाऊनी और गढ़वाली भाषा पढाई जाए। जय देवभूमि जय उत्तराखंड उज्जवल उत्तराखंड ......
I lived in Chandigarh since childhood...but I love & proud to talk in my mother toung Garhwali❤❤❤ we always talk in Garhwali at our home ..Jai Uttarakhand 🙏🙏
सबसे पहले आपको सप्रेम नमन, बहुत अच्छा बिषय चुना है आप क माध्यम से ,बहुत लखु क बिचार सुणि बहुत अच्छा बिचार डा. रावत मैडम जी नि रखी, संदेश भी बहुत अच्छु लग, अपण उत्तराखंड म विकास क बारम भी वोकि भौत अच्छी सोच च,सबसे पैलि हम सबथैं अपण परिवार म अपणिं बोली म बात करण प्वाणली,
Just like there is film industry for tamil and Telugu languages there should be a film industry for Hindi language also there is even a film industry that makes urdu movies called bollywood .
इस संबंध में मैं यह कहना चाहता हूं कि गढ़वाल क्षेत्र में तो स्थिति कुछ हद तक अच्छी है, लेकिन कुमाऊंनी क्षेत्र में सबसे खराब है। कुमाऊंनी क्षेत्र में तो स्थानीय दुकानदार, ड्राइवर, कंडक्टर तक कुमाऊंनी नहीं बोलते हैं।
Just like there is film industry for tamil and Telugu languages there should be a film industry for Hindi language also there is even a film industry that makes urdu movies called bollywood .
बचपन से ही संकीर्ण मानसिकता के मां बाप जो अपने को पढ़ा लिखा समझते हैं, अपने बच्चों से पहाड़ी में बात नहीं करते, उन्हें हिंदी में बोलना सिखाते हैं, मेरा उनसे कहना है कि हिंदी बोलना तो वो स्कूल में सीख ही लेगा, घर में उसे पहाड़ी सिखाओ। हिंदी के साथ साथ पहाड़ी भी बोलना सीख लेगा तो अच्छा नहीं है क्या?
सभी उतराखणङ का भाई बंधो तैं नमसकार ा आज देहरादून उतराखणङ की राजधानी च पर देहरादून मा जादा सी जादा लोग अपणी मातर भाषा बोलणक तैं हिचकांदन ा जु बङी सरम की बात च ा जबतक मां बाप अपणी भाषा नी बोलला तबतक बचा कनकै बोलला ा
🙏Bilkul sahi baat hai. Bhai ji Garhwali, Kumauni Jaunsari logon ko apani bhasha bolne me sharmana nahi chahiye ye .Me samajhta hu par bol nahi pata Thada thoda aata hai mujhe ❤
i am from srinagar garhwal and this is very true if you don’t know your garhwali or pretend to don’t know ….its not the fault of yours but its your misfortune coz without the root you can’t recognise yourself
Uttarakhand ki demography change karne kibkoshish ki ja rhi h dehradun haridwar rishikesh ko delhi Haryana bihar walon ka hub banane ki sazish bjp dwara ki ja rhi h 🙏
Bhai Dehradun Rishikesh Maa jawan ta chota budya bhi garhwali ni bola tum samni bati garhwali dusru Mankhi hindi ma hi jawab delu... and the fascinating part was the most Educated person in the video was most enthusiastic about our mother tongue, we need more empowered pahadi girls like dr neelima rawat.
Just like there is film industry for tamil and Telugu languages there should be a film industry for Hindi language also there is even a film industry that makes urdu movies called bollywood .
सबसे पैलि त आपकु धन्यवाद, जु ईं खबर तैं हम तक पहूंचाणा छन्। हम तैं डाक्टर नीलिमा जी से सीख लींण चैंद, जु PHD कना बाद प्रोफेसर जन पद पर छन् अर सबसे बड़ी बात याच कि ऊंकि उम्र बि बहुत छुटि च, बिल्कुल आज की जनरेशन की हैं लेकिन अपनी मातृभाषा से उनका लगाव उनका समर्पण उनकी बातों से और उनके संस्कार से छलकता है। वहीं एक छोटी सी बेटी आरुषि सुंदर गढ़वाली बोलती है लेकिन उसकी माता श्री को बोलने में शर्म आ रही है। हमें अगर अपनी संस्कृति और भाषा बचानी है तो पलायन पर विचार करना होगा बच्चों को अच्छी परवरिश के साथ अच्छे संस्कार भी देने होंगे और अपनी देवभूमि उत्तराखंड के लिए भी बच्चों को जागरुक करना होगा। जैसा बेटी नीलिमा ने कहा। जय हिन्द।
जय देव भूमि उत्तराखंड।।
पहचान केवल भू कानून से नहीं बचेगी, पहचान बचाने के लिए संस्कृति और भाषा सर्वोपरि है। सब्यूं थै या बात स्वचण चैणी।
I am 28 years old lives in chandigarh, pichle ek saal se i have stated talking in gadhwali with every person i meet. Jay uttarakhand❤
और यहां अंग्रेजी झाड रहा है।
🤣🤣 sahi kha bhai @@lovenaturevlogs
फिर यख क़िले अंग्रेज झाड़न लगयूं
Mai bhee Chandigarh mae rehta hoon aur meri bachpan ki language Punjabi hai par maine 28 saal ki umar k baad Garhwali bhasha sikhi hai, aur itni zabardast sikhi ki meri patni jo ki Pauri Bazaar k nazdeek ki hai, woh kehti hai ki mae Gaoun (village) mae peda huee hoon par tumhari bahut tuff Garhwali hai ! Jo sikhne ka raaj jaanna chahte hai woh mujhey reply karein
bhai the lagnu wu angrezu ka dagad baat karna chi😂😂😂😂😂
नीलीमा रावत जी की ही बोली अच्छी लगी जिन्होने अपने पद का जरा सा भी अभिमान न करते हुए बहुत अच्छी गढवाली बोली मे अच्छा संदेश दिया
Dhanyawad ji
@@neelimarawat4891 इतनी अच्छी गढ़वाली भाषा मे बात करके आपने बहुत अच्छा संदेश दिया की कैसे बाहर रहकर भी अपनी जड़ों से जुड़ा रहा जा सकता है !!
दिल्ली , पंजाब मे गढ़वाली खूब फल फूल रही है।
Pahadi ko awi samjh rahe ho ek ek govt post me army me ham pahadi hai
अपणी बोली भाषा कु अस्तित्व बचौण अब हम औण वाला पीड़ी का हत्यूँमच , जितना सुन्दर अपणी देवभूमि च उतना हि मिठी बोली ओर भाषा हमरी गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी च जो भाग्य से ही मिल्द ❤
बहुत सुंदर समाचार,,, एक चीज प्रशासन को समझनी चाहिए कि सुदूरवर्ती इलाकों मे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पर्यटन, परिवहन और प्रसारण आदि मे जो भी सरकारी नियुक्ती हो व्यक्ति विशेष खास मूल का हो, नही तो उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों के migrated लोग जो उत्तराखंड सरकारी नौकरी मे हैं, जब ऐसी जगह जाते हैं तो जनता के लिए कुछ भी नही सुधार हो पाता, बल्कि और भी बिगड़ जाता है, इसलिए इन विभागों मे चयनित प्रक्रिया मे मूल रूप से संस्कृति, भाषा से जुड़ा हुआ एक शिक्षित व्यक्ति ही चयनित किया जाय,, जैसा कि केरल या अन्य राज्य करते हैं।
जय बद्रिविशाल्, जय उत्तराखण्ड 🙏🙏🙏🍁
शब्द हरचि जाला त
भाषा हरचि जाली
हमरि पछ्याण बचणै की
आशा हरचि जाली
गौं बिटीकि चलि गैनी
बोळदारा,सुणदारा
गौं बचावा निथर गडवळि
भाषा हरचि जाली।
।। जसवन्त सिंह बिष्ट ।।
वाह! बहुत सही बात।
अरे भाई भले ही कि भी जावा पर भाषा संस्कृति तैं भी साथ लीं तैं जावा।
गढ़वाली ही क्या कुमाऊनी बोली (भाषा) भी विलुप्ति की ओर है 😢 इनका संरक्षण बहुत जरूरी है ❤जब भाषा बचेगी❤ तभी संस्कृति रहेगी❤
बहुत बढ़िया संदेश छ आपकी वीडियो माँ भेजी जब आजका माँ बाप गढ़वाली बोला तभी बच्चा लोगा सिखला तो यो आजका माँ बापा को फ़र्ज़ छ तभी बचली हमारी भाषा गढ़वाली जय हिन्द जय उत्तराखण्ड❤
😊😊😊😊😊
भैजी झूठी छ्वीं छन। जबरदस्ती गढ़वलि ब्वन मा अर अपणीं तरफ से दिल से गढ़वलि ब्वन मा भौत फर्क च भैजी। आज यि बच्चा य लोग आपक कैमरा समणीं जबरदस्ती गढ़वलि बोल भि देला लेकिन कैमरा बंद होते हि कैन भि नि ब्वलण।
गडवाली भाषा को बोलने में लोग अपने आप को आनपढ समझते हैं। इसलिए अपनी बोली भाषा को जरूर बोलना चाहिए ओर सब पहाड़ी लोगो को बोलना चाहिए। ओर अपनी बोली को बढ़ावा देना चाहिए। खास कर युवा लोग को इस पर विचार करना चाहिए। ओर गडवाली भाषा का संरक्षण होना चाहिए।
exactly
pahadi pahadi mat bolo ji dehradun wala hu😂😂😂😂
Log apne bachchon se bachpan se hi Hindi mein bolte hain jis wajah se unhe pahadi bolna nhi aata baad mein.
सही बात बोली आपने 🍁
बस नाम मात्र की पहाड़ी राजधानी रह गई है। आज का पहाड़ी बस रील्स बनाने के लिए ही पहाड़ी बनता है। आशा है कि एक दिन यह दिखावा करने की आवश्यकता न पड़े। गिरदा की बात याद औंड़ू चा, जैंता एक दिन त आलो ऊ दिन यू दुनी में। जय हिन्द! जय उत्तराखण्ड!
गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी भाषा का प्रचार मां आप लोग जो प्रचार करना छन आप बहुत ही सराहनीय कदम छः आपकी दीर्घायु की खातिर मैं परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना कर दवू जय देव भूमि उत्तराखंड इंस्पेक्टर सेवानिवृत्त कुंवर सिंह रावत देवभूमि उत्तराखंड घनसाली
धन्यवाद सर 🙏 आपकु आशीष सदानी बण्यु रौ।
,जब तक हम उत्तराखंड के स्कूलो मे कुमाऊँनी- और गढ़वाली भाषा को हम उत्तराखंड के स्कूलो पढ़ाई जानी चाहिए उत्तराखंड के बुद्धिजीवी को आगे आकर उत्तराखंड के स्कूलो मे पढाई जाये उत्तराखंड सरकार को भी सभी स्कूलो आदेश पारित करना चाहिए
एक से छठी तक के बच्चो को उत्तराखंड मे कुमाऊनी और गढ़वाली भाषा पढाई जाए।
जय देवभूमि जय उत्तराखंड उज्जवल उत्तराखंड ......
भौत बढिया सर्वेक्षण कार आपन ।
❤❤❤❤❤❤
बहुत बढ़िया सुरवात करी भेजी आपन बहुत सुंदर 🎉🎉🎉
Bhut khub bheji 😊
धन्यवाद आपकू भी 🙏
Neelima bhuli aapke bichar sunke bhut hi badiya laga bhut sunder please mujhe aapki id chey bhuli 🙏
रिपोर्टर तो खुद शुक्रिया बोल के उर्दू बोल रहा
Good to see Dr. Neeleema Rawat speaking fluent Garhwali ❤❤
Thnku
डाॅ नीलिमा रावत साहिबा 🎉🎉
बोली भाषा को संवर्धन बहुत जरूरी छू, लेकिन मुख्य विडम्बना यो छू कि जब हमरी युवा पीढ़ी कुंनी पहाड़ी थोड़ी समझ तो आ जाती है परंतु बोल नहीं पाती 🏹🤔
I lived in Chandigarh since childhood...but I love & proud to talk in my mother toung Garhwali❤❤❤ we always talk in Garhwali at our home ..Jai Uttarakhand 🙏🙏
जय कुमाऊं, जय उत्तराखंड, जय हिंदुस्तान ❤
बढ़िया संदेश देना छै भैजी सबु तै 👍🙏
Bhaiji. अब की बार b jp नमस्ते ❤❤
Bahut sundar 🙏👍
बहुत सुंदर बेजी यानि पचार कारा 🎉
Well done Rakesh bhai
Keep it up
धन्यवाद भैजी ❤
Bahut badhiya batt
बेटी ने गढ़वाली बोली और उसकी मम्मी bol rhe हमे nhi aate,,,or ज्ञान पेल,,
चाहे गा गा के बोले पर हम गढ़वाली न बोलेंगे 😊
👌👌👌👌👌👌👌 बहुत सुंदर भैजी 🙏
अत्ति सुंदर शुरुआत
Bahut badhiya bhai ji
सबसे पहले आपको सप्रेम नमन, बहुत अच्छा बिषय चुना है आप क माध्यम से ,बहुत लखु क बिचार सुणि बहुत अच्छा बिचार डा. रावत मैडम जी नि रखी, संदेश भी बहुत अच्छु लग, अपण उत्तराखंड म विकास क बारम भी वोकि भौत अच्छी सोच च,सबसे पैलि हम सबथैं अपण परिवार म अपणिं बोली म बात करण प्वाणली,
धन्यवाद 🙏
Dhanyawad ji
sahi kaha aapne
Just like there is film industry for tamil and Telugu languages there should be a film industry for Hindi language also there is even a film industry that makes urdu movies called bollywood .
बहुत सुन्दर प्रयास ❤
बहुत सुंदर जी
Wow kdgu भली laagdu हमरी गढ़वाली ❤❤❤❤
दीदी बहुत बड़िया लग तुमरि बात 👍
सही बात ha bhai ji ❤❤
डॉक्टर दीदी की बात सुनिक मन ताई आराम मिलिगी 🎉🎉🎉
इस संबंध में मैं यह कहना चाहता हूं कि गढ़वाल क्षेत्र में तो स्थिति कुछ हद तक अच्छी है, लेकिन कुमाऊंनी क्षेत्र में सबसे खराब है। कुमाऊंनी क्षेत्र में तो स्थानीय दुकानदार, ड्राइवर, कंडक्टर तक कुमाऊंनी नहीं बोलते हैं।
Great Job Rakesh. 😊😊😊👍👍👍
Thank you bhai ❤
@rakeshdhirwanvideos Anytime mere bhai...
🙏🙏👌👌सुंदर भेजी 🙏🙏🙏❤️
धन्यवाद भाई ❤
Bahut hi badhiya.....👌👌👌👍
JAI UTTARAKHAND
SUPERB
Just like there is film industry for tamil and Telugu languages there should be a film industry for Hindi language also there is even a film industry that makes urdu movies called bollywood .
@MARTIN_SCORSESE_REAL_ID exactly
Neeli you rock everywhere 💕💕
Thanku ma'am ❤
Bahut sunder
Bahut acha
nice video
बचपन से ही संकीर्ण मानसिकता के मां बाप जो अपने को पढ़ा लिखा समझते हैं, अपने बच्चों से पहाड़ी में बात नहीं करते, उन्हें हिंदी में बोलना सिखाते हैं, मेरा उनसे कहना है कि हिंदी बोलना तो वो स्कूल में सीख ही लेगा, घर में उसे पहाड़ी सिखाओ। हिंदी के साथ साथ पहाड़ी भी बोलना सीख लेगा तो अच्छा नहीं है क्या?
Mjaa egii loo😂
Bahut badhiya bhaji 👌👍🙏
❤️ from Pauri Garhwal ❤❤
हम तें अपरी भाषा पर गर्व होईयुं चेंदु ।
सभी उतराखणङ का भाई बंधो तैं नमसकार ा आज देहरादून उतराखणङ की राजधानी च पर देहरादून मा जादा सी जादा लोग अपणी मातर भाषा बोलणक तैं हिचकांदन ा जु बङी सरम की बात च ा जबतक मां बाप अपणी भाषा नी बोलला तबतक बचा कनकै बोलला ा
Good job Rakesh ji.
Thank you so much mam 🙏
जय बद्री विशाल जय उत्तराखंड
JAI DEVBHUMI
Great bhi carry on bhi
Jai uttarakhand
Only 5 shedule in uttrakhand Hill Area
वहा क्या बात की baji मजा ए घी
Bhai Dehradun to door ki baat h srinagar wale bhi khud ko angrez samjhte hein😷
ठीक बोली भैजी तुमुन
Dr sab bahut badhiya
Dhanyawad ji
😊
कदगा ही गढ़वली छीन जो ईशा मसीह क प्रचार कना छीन।
देहरादून उक ट्रेनिंग सेंटर च
Garhwali logo gun ka licence k liye bhi Apply kro Dusman ghr py Aa gyaa h
Bhot badiya video
🙏Bilkul sahi baat hai. Bhai ji Garhwali, Kumauni Jaunsari logon ko apani bhasha bolne me sharmana nahi chahiye ye .Me samajhta hu par bol nahi pata Thada thoda aata hai mujhe ❤
Didi ji ki baat di chhui gye❤🙏 30:05
Dhanyawad ji
गढ़वालियों ने अपना घर गांव छोड़कर दे टिहरी, पौड़ी, चमोली छोड़कर सब देहरादून में रह रहे है ।
जय गढ देश ❤❤❤❤
Very good brother
Bahut bahut badiya bhaiji
Bhaut badiya bheji❤
अपनी बोली पर हमें गर्व होना चाहिए, जो गढ़वाली बोलने में शर्म करते हैं ,वो लोग अधजल गगरी छलकत जाए हैं। 😏
Rakesh bhai👌👌👍
Thanks Bhai ❤
Good Man
Eye opener video for every uttarakhandi
सही बात भेजी
Negi ji baat me damm to h...❤
❤
garhwali/kumaoni/jeonsari are dialects and schedule 8 consist of language
❤❤❤
i am from srinagar garhwal and this is very true if you don’t know your garhwali or pretend to don’t know ….its not the fault of yours but its your misfortune coz without the root you can’t recognise yourself
Uttarakhand ki demography change karne kibkoshish ki ja rhi h dehradun haridwar rishikesh ko delhi Haryana bihar walon ka hub banane ki sazish bjp dwara ki ja rhi h 🙏
और यही बाहर के लोग करने लग जाएँ सोचने लगें खाना भी नहीं खा पाओगे 80% बाहर पड़े हो अपनी संस्कृति पर गर्व करो अच्छी बात है मगर दूसरों से नफरत नहीं
@janmejaysingh6106 koi dikkat nhi karle ham to uttrakhand ko kashmir nhi banne denge marte dam tak ladenge
Good bhula
लोग आपस जब गड़वाली मिल्दा तब बु हिंदी मां बात करदा, बहुत ही गलत बात छ ।।
कुछ अलग होयू चेदू एक दम गढ़वाली ❤
Good chacha ji me vikash
Thank you ❤
Bhai badiya yaar ❤
bahut dukhad 💔💔
Impressive coverage brother explore more about our uk family ❤
मेरे को पहाड़ी मत बोलो, मैं,देहरादून वाला हूँ।
राईवाला छै के,डोईवाला छै के,हर्रावाला,नत्थूवाला छै,
Bhai Dehradun Rishikesh Maa jawan ta chota budya bhi garhwali ni bola tum samni bati garhwali dusru Mankhi hindi ma hi jawab delu... and the fascinating part was the most Educated person in the video was most enthusiastic about our mother tongue, we need more empowered pahadi girls like dr neelima rawat.
Dhanyawad ji
इन फूलों से अच्च्ये ओ कांटे है जो दमन को थम लेते है
Beji but but badiya aajtuman kamal kar di bhai
Just like there is film industry for tamil and Telugu languages there should be a film industry for Hindi language also there is even a film industry that makes urdu movies called bollywood .