छठी इंद्री कैसे जागृत करे ।इंटयूशन कैसे बढ़ाए। Sixth sense। Intuition meditation। छठी इंद्री लक्षण।

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  • Опубликовано: 19 дек 2024

Комментарии • 103

  • @Dark_Files1
    @Dark_Files1 10 месяцев назад +1

    Wow❤ Bro Sab Kuchh Sahi Hai

  • @pvs2989
    @pvs2989 Год назад +2

    Namskar ji Bahut acchi video
    ....

  • @MahaChandiDarbar
    @MahaChandiDarbar 2 года назад +6

    आप को सत सत नमन करते हैं आप बहुत बढ़िया ढंग से समझाते हैं और फिर उसका अनुसरण भी करते हैं बहुत बहुत सादुबाद

    • @dhillonpawandeep3759
      @dhillonpawandeep3759 Год назад +2

      Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev

    • @ShyamGadri-ql1fv
      @ShyamGadri-ql1fv 10 месяцев назад +1

      नाम=शयाम लाल
      गाँव=करनीपुरा
      जिला=भिलवाडा
      राज्य=राजस्थान
      1.इस आदमी की छठी इंद्री जाग्रत हो चुकी है।
      2.इस आदमी को अनेक घटनाओं का पुर्वानुमान हुआ जो बाद में घटित हो चुकी है।
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  • @narpatsinghrawat7303
    @narpatsinghrawat7303 Год назад +1

    Jai mata di 🙏♥️

  • @SuhasiniShinde-pf6wg
    @SuhasiniShinde-pf6wg Год назад +1

    आभार 🙏🙏🧘‍♂️🧘‍♂️

  • @sjvaghela1962
    @sjvaghela1962 2 года назад +2

    Thanks.. Good information 👌👌👌.. 👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻.. 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

  • @prabhaverma5673
    @prabhaverma5673 2 года назад +7

    Pranam guruj thank you for guidance intuition badhan ke liye right guidance 🙏 😊

  • @fitart.dr.7497
    @fitart.dr.7497 2 года назад +6

    बहुत ही सहज सरल शब्दों मे आपने सब बता दिया, आपको बहुत बहुत धन्यावाद सर 🙏🙏🙏

    • @ShyamGadri-ql1fv
      @ShyamGadri-ql1fv 10 месяцев назад

      नाम=शयाम लाल
      गाँव=करनीपुरा
      जिला=भिलवाडा
      राज्य=राजस्थान
      1.इस आदमी की छठी इंद्री जाग्रत हो चुकी है।
      2.इस आदमी को अनेक घटनाओं का पुर्वानुमान हुआ जो बाद में घटित हो चुकी है।
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  • @jyotisaini123
    @jyotisaini123 Год назад +1

    Beautiful thanks 🙏

  • @monurock7890
    @monurock7890 2 года назад +2

    Gurudev ji pranam mujhe adhtyam me bhut man lgta h jaise kahi dur chale jaye sunsan jagah or ishwar ko pane ke liye leen ho jaye tantra Mantra Sadhana kru magr safal nhi ho pa raha hu kyonki bin guru gyan kahan se pau dijo daan hari gun gaun

  • @pintukanjilal2868
    @pintukanjilal2868 Год назад +1

    Thank You Guruji 🙏🙏🙏💐💐💐

  • @pinkipanwar7284
    @pinkipanwar7284 10 месяцев назад

    Good ज्ञान ❤❤

  • @pravingade1581
    @pravingade1581 2 года назад +2

    गुरुजी प्रणाम
    बहुत बहुत धन्यवाद !

  • @kirtivaghashiya8924
    @kirtivaghashiya8924 2 года назад +1

    Thank you dhanayvad 🙏🏼🙏🏼🙏🏼

  • @prabirmridha3024
    @prabirmridha3024 2 года назад +1

    आपका बात बोहूत अच्छा लगा।

  • @heenapanchmatia8361
    @heenapanchmatia8361 2 года назад +2

    Aaj hi ye socha or is per aapka video aa gaya thank u sirji 🙏🙏thank u univese 🙏🙏

  • @tushar11444
    @tushar11444 2 года назад +2

    Thank you sir

  • @rachitaghosh2671
    @rachitaghosh2671 2 года назад +2

    Thank you 🙏 Gurujii

  • @manishagabhane5487
    @manishagabhane5487 2 года назад +3

    Thank u so much guruji .

  • @shalinigoyal2152
    @shalinigoyal2152 2 года назад +4

    Guruji Aapke sabhi videos bahut sahi jankari ke sath aate hain aur hamesha kuchh naya insight Milte hai. Dhanyavaad 🙏
    Ho sake to apni hi ego ko kaise dekhein aur samjhein aur us se kaise paar payein kripya is par ek video banayein to bahut meharbani hogi 🙏

  • @AkshatShahVlogs
    @AkshatShahVlogs 2 года назад +1

    sir ji. mujhe Sixth sense jagrut honi ke sari lakshan jo aapne batye, Vo sab mahsus hoti hai... exactly i feel same what you explain.

  • @PawanSharma-xf8rl
    @PawanSharma-xf8rl Год назад +1

    महाराज जी को प्रणाम, आपका ज्ञान बड़ा सटीक लगा। कृपया आज्ञा चक्र आदि पर और भी वीडियो बनाएं

    • @ShyamGadri-ql1fv
      @ShyamGadri-ql1fv 10 месяцев назад

      नाम=शयाम लाल
      गाँव=करनीपुरा
      जिला=भिलवाडा
      राज्य=राजस्थान
      1.इस आदमी की छठी इंद्री जाग्रत हो चुकी है।
      2.इस आदमी को अनेक घटनाओं का पुर्वानुमान हुआ जो बाद में घटित हो चुकी है।
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  • @deventikare2872
    @deventikare2872 Год назад +1

    Aapaka bahut bahut dhanyavad. Gurujee muje rat me nind bahut kam aati hai. Muje aadhyatama ka bahut lagav hai

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  Год назад

      अच्छी व गहरी नींद लेने के लिये कुछ आधारभूत बातो का होना जरुरी है जैसे की :-
      मेलाटोनिन :- यह हमारे मस्तिष्क मे स्थित पिनियल ग्रंथि जोकि हमारे आज्ञा चक्र से भी सयुक्त है उसके द्वारा निर्मित किया जाने वाला एक हार्मोन है । इसी हार्मोन के घटने या बढ़ने से हमारी नींद की क़्वलिटी घटती या बढ़ती है । अगर आप नींद की कमी से परेशान है तो इसका अर्थ है की आपका आज्ञा चक्र सही तरीके से मेलाटोनिन का निर्माण नही कर पा रहा है अतः आपको विभिन योग की क्रियाओ द्वारा इस हार्मोन का उत्पादन बढ़ाना होगा ।
      मेलाटोनिन के उचित निर्माण के लिये आप हर रोज अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करे, इस प्राणायाम को नेचरल ट्रंकलीज़र यानि नींद लाने की प्राकृतिक दवा भी बोला जाता है । अतः हर सुबह या रात को सोने से पहले 15 मिनट के लिये इसका अभ्यास करे ।
      नासग्र दृष्टि जिसमे की हम अपनी दोनो आँख की पुतलियों को अपनी नाक की नोक पर बिना पलकों को झपकाये एकटक देखते है या बिंदु त्राटक जिसमे हम एक काले बिंदु पर अपलक देखते है या दीपक त्राटक जिसमे दीपक की लौ पर नजरों को टिकाया जाता है, इनमे से किसी भी एक त्राटक का रात को सोने से पुर्व 15 मिनट के लिये अभ्यास करे ।
      औम का उचारण : रात्रि सोने से पुर्व उच्च स्वर मे 15 मिनट के लिये महामंत्र औम का उचारण करे या भंवरे का गुन्जन करे । इससे आपके मस्तिष्क के तंतु शान्त हो जायेगे और गहन नींद आयेगी ।
      शवासन : शवासन के अभ्यास से हमारे शरीर व मन से जुडी हर क्रिया शान्त हो जाती है अतः सोने से पुर्व शवासन मे विश्राम करे ।
      ध्यान : ध्यान के अभ्यास से हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम का परा अनुकम्पी तंत्र सक्रिय होता है जो नींद लाने मे सहायक है । अतः ध्यान का अभ्यास करे ।
      इसके इलावा तनाव व बैचनी से बचे, हमेशा खुश व सकरात्मक रहे, दिनभर मे खुब शारिरिक मेहनत करे, व्यायाम व योग करे, रात्रि को भरपेट भोजन ना करे, फल सलाद हरी सब्जियां दूध दही आदि का सेवन करे तथा ताम्सिक आहार मांस मदिरा चाय काफी मसालेदार पदार्थो का त्याग करे । हर रोज नियत समय पर सोने के लिये जाये और नियत समय पर उठ जाये, दिन मे ना सोये, नींद लाने के लिये जबर्दस्ती प्रयास ना करे, नींद ना आने पर थोडा
      टहल ले कोई पुस्तक आदि पढ़ ले, संगीत आदि सुन ले और फिर सोने का प्रयास करे ।
      मेरा पूर्ण विश्वास है की यदि आप उपरोक्त क्रियाओं का नित्य प्रति अभ्यास करेगे तो तीन दिन के भीतर भीतर से ही आपको नींद आनी शुरु हो जायेगी ।

    • @ShyamGadri-ql1fv
      @ShyamGadri-ql1fv 10 месяцев назад

      नाम=शयाम लाल
      गाँव=करनीपुरा
      जिला=भिलवाडा
      राज्य=राजस्थान
      1.इस आदमी की छठी इंद्री जाग्रत हो चुकी है।
      2.इस आदमी को अनेक घटनाओं का पुर्वानुमान हुआ जो बाद में घटित हो चुकी है।
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  • @promodsharma151
    @promodsharma151 2 года назад +2

    Good explanation about intuition sir thanks a lot

    • @prahaladdasneema5072
      @prahaladdasneema5072 2 года назад +1

      बहुत ही सुन्दर ढंग से सरल शब्दों में बहुत ही अच्छी तरह से सही जानकारी दी है।
      आपको को और आपके ज्ञान को कोटि कोटि प्रणाम।👋

  • @ashimkumarsingh2043
    @ashimkumarsingh2043 2 года назад +1

    Jankari dene ke liye bahut dhanyawad ❤️❤️🙏🙏🙏

  • @rekhagoyal19
    @rekhagoyal19 2 года назад +2

    Har Har Mahadev 🙏🙏🙏🙏❤❤

  • @meenakumari6945
    @meenakumari6945 2 года назад +1

    Shat shat naman hai aapko sir 🙏🙏🙏🌹🙏

  • @Firefoxgamer740
    @Firefoxgamer740 2 года назад +3

    Sar aapki awaaz bacchu Jaisi kyon hai badi pyari hai

  • @kanchanvaidya5232
    @kanchanvaidya5232 2 года назад +2

    Pranam guru ji..bahut gyanverdhak video..dhanyavad🙏🙏🙏🙏😊😊

  • @mayakanwar8551
    @mayakanwar8551 2 года назад +2

    गुरु जी गुरु जी आपके चरणों में प्रणाम करते हैं थैंक्स गुरु जी धन्यवाद सर धन्यवाद जी

    • @ShyamGadri-ql1fv
      @ShyamGadri-ql1fv 10 месяцев назад

      नाम=शयाम लाल
      गाँव=करनीपुरा
      जिला=भिलवाडा
      राज्य=राजस्थान
      1.इस आदमी की छठी इंद्री जाग्रत हो चुकी है।
      2.इस आदमी को अनेक घटनाओं का पुर्वानुमान हुआ जो बाद में घटित हो चुकी है।
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  • @manjurawat3784
    @manjurawat3784 2 года назад +1

    Thank you sir🙏🕉

  • @varshagadhave1382
    @varshagadhave1382 2 года назад +3

    Thank you🙏

  • @Suresh-tr1wl
    @Suresh-tr1wl 7 месяцев назад

    Bilkul sab sehi hai

  • @amitavabiswas4945
    @amitavabiswas4945 2 года назад +3

    Intuition is a super power

  • @supriyanmkupadhyay4259
    @supriyanmkupadhyay4259 2 года назад +1

    Guruji mere sath ye sab kuchh hota hai, Kabhi kabhi bohot bhay bhi lagta hai, Kai baar hota hai ki meri kahi baatein sach hoti hain. Abhi 10 din pehle main so kar uthi thi, To mujhe aisa laga jaise aaj kisi aise ki Mrityu honewali hai, jise main janti hu, aur shaam ko hi mujhe ek khabar mili ki mere kisi jannewale ki Mrityu ho gai. Jo koi lakshan aapne batayein hai vo sab main mujhme hain. Haan mujhe humesha aisa lagta hai ki koi daiviy shakti mujhe protect kar rahi hai, bhot badi badi musibaton se mujhe usi shakti ne bachaya hai. Kai baar lagta hai ki main so rahi hu aur koi apne hath fer kar mujhe aashirvad de raha hai, Kai baar apne purvajon ko dekh chuki hu swapn me, jinse mere ghar me koi aur unki mrityu ke baad nahi mila. Main kai baar swapn me apne purvajon se baat kar chuki hu. Mujhe Ek sahayata kijiye, Mujhe ye bataiye ki jab bhay lagta hai to kaise khud ko uss samay bachaun, kaise uss dar ko bhagaun?

    • @nc01sadh
      @nc01sadh 2 года назад

      @ Supriya .. isko kehete hai maan chanchal ta. Ye thik Karne ke liye aapko meditation karne ki jaarurat hai. Please don't get too serious, I am just kidding. Lekin meditation karne se aapko phaidahi phaida hogaa, ye to aapko jarur maluum hoga! If you are quiet often, I think your intuitive power is great but a restless mind is a chaotic mind, there is less intuition. It's my personal opinion.

  • @bhuvaneshwarir1040
    @bhuvaneshwarir1040 2 года назад +2

    Thank you🙏🙏🙏 very much Sir

  • @triptasharmabk
    @triptasharmabk 2 года назад +2

    Sir sare lakshan Hain.

  • @pinkutripathi1276
    @pinkutripathi1276 2 года назад +1

    Esa lgta hai sir faat jayega sir but me ise khona bhi nhi chahta bht maja aata h. Jai shree RaM 🐏

  • @pinkutripathi1276
    @pinkutripathi1276 2 года назад +2

    Thanks

  • @Swastin1
    @Swastin1 4 месяца назад

    🙏
    Clairaudience abilities ko activate kaise kare?
    Please reply...

  • @PrabhatKumar-is9ez
    @PrabhatKumar-is9ez 2 года назад +2

    Hm aagaya chakra par dhaya lagate hai to backbone ke last me hm ko tik -tik hota hai kay kere ?

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад

      ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि आज्ञा चक्र का सीधा संबंध मूलाधार चक्र से है, ये दोनों चक्र आपस मे जुड़े हैं और एक ही चीज के दो पहलू हैं इसलिए जब भी आज्ञा चक्र सक्रियता मे आता है तो उसका असर आपको अपनी बैकबोन यानि मूलाधार के पास भी महसूस होता है, य़ह शुभ लक्षण है, आप इसको होने दे और अपना ध्यान जारी रखे।

  • @pinkutripathi1276
    @pinkutripathi1276 2 года назад +2

    25 ✔ 👍 👌

  • @Benjamin_Netanyahuu
    @Benjamin_Netanyahuu 2 года назад +5

    #sir, khud k sath hua meditation ki experience ,ghar pe kisike sath share krne k baad , jab dhyan me fir beit ta hu tab esa q lagta h ki us cheez ki power kam ho gy🙏🏼

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +6

      अक्सर जब हम ध्यान साधना आरंभ करते है तो हमें अपने भीतर विभिन्न प्रकार के रहस्यात्मक अनुभव होने लगते है, तो क्या ऐसे मे
      हमे अपने अनुभव दूसरों को बताने चाहिए या नही । इस विषय पर कई बाते है जो हमे इस प्रकार समझनी चाहिए :-
      संत कबीर का एक वचन है : हीरा पायो गांठ गठियायो,
      बार बार बाको क्यों खोले ! अथार्त यदि आपको कोई अध्यात्मिक अनुभूति होती है तो उसको भीतर सहेज कर छिपा कर रखना चाहिए और हर किसी को बताना नही चाहिए ।
      ना बताने के कुछ कारण है :-
      पहला कारण की आप यदि अपनी किसी भी अध्यात्मिक अनुभूति को बहुत ज्यादा महत्व देगे या उसका मोह करेगे तो आपको पुनः वैसी अनुभूति फिर नही होगी क्युकी अब आप जब भी ध्यान मे बैठेगे तो आपके अंदर उस अनुभव को फ़िर से देखने की इच्छा मन मे बैठ जायेगी, लेकिन आप ये भूल जायेगे की पहले पहल जब अनुभव हुआ था वो बिना आपकी आकांक्षा के परमात्मा के आशीर्वाद से हुआ था, लेकिन अब आपका मन आकांक्षा से भर गया की फिर से वह अनुभव होना चाहिए, लेकिन अब नही होगा क्युकि ध्यान का मतलब है की जहा मन ना रहे लेकिन अब ये अनुभूति की आकाँक्षा लिये बार बार मन बीच मे आता रहेगा और आपको वास्तविक ध्यान के घटित होने मे और अनुभुति के प्रकट होने मे रूकावट पैदा करता रहेगा ।
      दूसरा कारण की जब साधक अपनी अनुभूतियों का वर्णन दूसरों के आगे करता है तो इससे उसका अहंकार विकसित हो सकता है की देखो मेरे को दिव्य अनुभव हो रहे है ।
      तीसरा कारण की ध्यान साधना के दौरान अधिकतर ऐसे अनुभव भी होते है जो मन के द्वारा ही साधक को माया जाल मे भटकाने के लिये पैदा किये जाते है ताकि साधक इन प्रकाश की रंगो की उतेजनाओ की दुनिया मे खोया रहे और अपने मूल लक्ष्य को भूल जाये । स्मरण रखे सभी आरंभिक अनुभव मन के ही होते है और हमे इनसे भी आगे जाना होता है ।
      लेकिन ऐसा भी नही है की आप अपने अनुभव किसी को भी ना बताये, जब हम बाल मन से नए नए साधना मे उतरते है तो उस समय जो हमे विभिन्न प्रकार के अनुभव होते है उससे हम आनंदित, आश्चर्यचकित, भौंचक व भयभीत भी हो जाते है तो ऐसे मे हम चाहते है की कोई हमे आश्वस्त करे की क्या हम सही जा रहे है या नही । तो ऐसे मे सर्वप्रथम आपको अपने गुरु के सम्मुख अपनी बात करनी चाहिए यदि गुरु उपलब्ध ना हो तो किसी अनुभवी या ज्ञानी से अथवा अपने समकक्ष के साधक या साधको के समूह से आप अपने अध्यात्मिक अनुभवों की बात कर सकते है ताकि आपसी मंत्रणा करके अपने अनुभव को समझ के आप फिर से अपनी साधना मे आगे बढ़ सके और फिर जब धीरे-धीरे आपकी साधना प्रगाढ़ हो जाये, जब आपको अपने प्रश्नों के उतर मिल जाये और आप को ज्ञान हो जाये तब आप निश्चिंत होकर हर जरुरतमंद को अपना अनुभव या अपनी ज्ञान की बात दूसरो को बता सकते है ताकी आपके साथ साथ दूसरो का भी कल्याण हो जाये ।

    • @pinkutripathi1276
      @pinkutripathi1276 2 года назад

      Jab dhyan krte waqt anubhav btane se .kuch nhi

    • @Benjamin_Netanyahuu
      @Benjamin_Netanyahuu 2 года назад

      @@Dhyankagyan777 🙏🏼

  • @binaydas8731
    @binaydas8731 2 года назад +1

    Agar Aisa Ho Saktahe to Yes Or No Likh ke Answer Dijiye Sir

  • @nikhleshdesoria4236
    @nikhleshdesoria4236 2 года назад +1

    Jaisiyaram Guruji 14 lakshan hai dhyan kerta hoon third eye per margdershan kijiye

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад

      आप आज्ञा चक्र पर ध्यान करते हैं इसीलिये आपको अधिकतर लक्षण आ रहे हैं, आप इसी प्रकार अपना ध्यान जारी रखे आपको और लाभ होगा।

  • @rajedhiman4362
    @rajedhiman4362 2 года назад +1

    Namaskar Guru Ji Charan Sparsh main aapse yah Kahana chahta hun yah chijen to kudarti Taur per Mere Sath chal rahi hai ismein meri pasand Aur napasand Ka to Koi Sawal hi Nahin uthata Chahe vah Kitni bhi shikayten kar lun lekin jo hoga sirf Ishwar ki marji se hi hoga lekin Aisa kab tak chalta rahega Kab Mujhe Manjil milegi Mujhe bataiye

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад

      Aap is baat ki chinta bhi ki kab hoga, parmatma par hi chodh de

  • @sudeepbhanwala5360
    @sudeepbhanwala5360 2 года назад +1

    lekin guruji maine toh suna hai ki sushmna jab chale toh sare kaam bigar jate hain us smay sirf bhagwaan ka hi naam lena chaiye

  • @nehajain516
    @nehajain516 2 года назад +2

    Do you organize online meditation for every day?

  • @ramanmanchanda6245
    @ramanmanchanda6245 2 года назад +1

    गुरुजी प्रणाम 🙏
    कृपया बताएँ कि ध्यान में तन्द्रा क्या है और यदि वह अवस्था आये तो क्या ध्यान सही दिशा में जा रहा है आपकी अति कृपा होगी 🙏

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +1

      ध्यान साधना के दौरान, हमे अक्सर ध्यान मे बैठे बैठे कई बार नींद आने लग जाती है, ऐसा इसलिये होता है की थोडा सा ध्यान लगते ही हमारा मन शांत होने लगता है, श्वास व हृदय गति मंद पडने लगती है, और जब यह लक्षण शरीर मे होने लगते है तो मस्तिष्क को सन्देश जाने लगता है की अब व्यक्ति को सुला दो, क्युकी मस्तिष्क को लगता है की आप सोना चाहते है, क्युकी यही सारे लक्षण तब भी होते है जब हम रात को सोने लगते है तब भी यही शांत शरीर की स्थिति बनती है जो ध्यान के दौरान बनती है । इसलिये पारस्परिक साहचर्य नियम के अंतर्गत मस्तिष्क हमे सुलाने की कोशिश करने लगता है ।
      ध्यान के दौरान नींद मे चले जाना कोई बुरी अवस्था नही है किन्तु यह कोई उच्च अवस्था भी नही है । यहा तक की शुरुवाती कदम मे नींद मे चले जाना लाभ भी करता है क्युकी जो नींद हमे ध्यान के दौरान लगती है वह कोई साधरण नींद नही होती, यह नींद हमारे गहरे विश्राम से निकल कर आती है, योग मे इस नींद को "तांदरी" या तन्द्रा भी बोला जाता है, इस नींद की महता साधरण नींद से बहुत अधिक होती है, इस नींद की दस मिनट की झपकी घंटो की साधरण नींद के बराबर होती है । इसलिये जहा तक साधरण स्वास्थ की बात है तो यह समोहित अवस्था की अर्ध चेतन निद्रा जिसमे आप आधे जागे होते है और आधे सोये होते है, बहुत अच्छी है, यह हमारे शरीर को गहरा विश्राम देकर तनाव को दूर करती है, लेकिन अगर हम अपना अध्यात्मिक विकास करना चाहते है तो फिर यह नींद एक बडी बाधा ओर रुकावट है ।
      तब हमे अपनी कुछ आदतों मे सुधार करके इस नींद से बचना चाहिये, जैसे अपने शरीर मे एकत्रित हुए विषाक्त पदार्थो को शरीर से बाहर निकालकर शरीर शुद्ध करे, ध्यान के समय खाली पेट बैठे,
      अपनी अति विश्राम प्रियता को थोडा संयमित करे, आदि ।

  • @subhadravishnunamboothiri6807
    @subhadravishnunamboothiri6807 2 года назад

    ❤❤🥰🙏🏻

  • @rubyvarma6716
    @rubyvarma6716 2 года назад +1

    Guru g, abhi jo ho rha hai mere sath vo kuch is trah hai ki, me logo ka pehchan jati hu ki vo sahi hai ya galat Or me is chiz ko sahan nh kar pati.... To me unhe batati hu ki yr esi thi yr esi honi chaiye... Or kai bar isi was mere sath bahas b ho jati hai..... Me nh samjh pa rhi q k galat ya kisi k bure irade mujhe irritate karte h me ashant ho jati hu.... Pls guide

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +3

      मैं आपकी समस्या समझ सकता हूँ, ऐसा अक्सर होता है क्योंकि दूसरे समझ नहीं पाते की आप उन्हें पहचान पा रहीं हैं, लेकिन ऐसी स्थिति मे बेहतर यही रहता है की जितना हो सके आप अपने आप को रिजर्व रखे और अनावश्यक रूप से दूसरों के साथ उलझ कर विवाद उत्पन्न ना करे, और जहा उलझना अवश्यक हो वहाँ भी कम से कम समस्या पैदा करके स्थिति से निकलने की कोशिश करे, अन्यथा इस समाज मे सब प्रकार के लोग है और आप हर किसी से उलझ कर उनको ठीक नहीं कर सकते।

    • @rubyvarma6716
      @rubyvarma6716 2 года назад +2

      @@Dhyankagyan777 Shukriya, me ap ki baat se sahmat hu

  • @vijaykeshri8515
    @vijaykeshri8515 2 года назад

    Sir 100% intution devlope karne ke liye kya karna hoga???

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад

      आप विडियो को ध्यान से सुनें, मैंने इस बारे मे पूरी जानकारी दी है।

  • @triptasharma2255
    @triptasharma2255 2 года назад +2

    Bhut sare video dekhe b sune b..lekin aap sb se alag hain..

  • @vijaykeshri8515
    @vijaykeshri8515 2 года назад

    Sir kya yoga nindra se intuition power develop Hoti hai???

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +2

      योग निद्रा मे हमारा भौतिक शरीर तो अक्रिय हो जाता है किंतु सूक्ष्म शरीर सक्रीय हो जाता है जिससे हमारे सूक्ष्म शरीर का मुख्य केंद्र बिंदु आज्ञा चक्र बलवान होने लगता है और आज्ञा चक्र ही हमारी छठी इंद्री का स्थान है जिससे की छठी इंद्री योग निद्रा के अभ्यास से जागने लगती है।

  • @drawing7939
    @drawing7939 Год назад

    Mera to sabhi sir

  • @binaydas8731
    @binaydas8731 2 года назад +1

    Please Sir Reply me

  • @triptasharma2255
    @triptasharma2255 2 года назад

    Sir ,2 mahine hue mere bhai death ho gai...jo b hua achanak se ho geya..main bhut koshish krti hun khud ko samjane ki lekin fir b usi dukh mein gir jati hun...us k besahara parivar ko dekh kr bhut dukh hota hai..us k parivar k aage khane ki b samasya hai..yh soch mujhe bhut preshan krti hai...mera marg darshan kre .

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +2

      आप की स्थिति और आपके दुःख को मैं समझ सकता हूँ, किंतु मैं भी आपको वही राय देने को मजबूर हू जो आपको हर किसी ने दी होगी की मृत्यु परम सत्य है और हर किसी को यहा से जाना है, कोई पहले जाएगा और कोई बाद मे, कोई देर से जाएगा और कोई जल्दी, अतः परमात्मा के इस नियम को कोई बदल नहीं सकता। इसे हमें स्वीकार करना ही होगा।
      मृत्यु के अलावा जो जीवन के दुःख और संघर्ष है उसमे व्यक्ती एक लिमिट तक तो उसमे सुधार करने की कोशिश कर सकता है और करना भी चाहिए, कई बार हम खुद तो दुखी नहीं होते लेकिन दूसरों के दुःख से दुखी हो जाते हैं। ऐसा होना भी इंसानियत का तकाज़ा है। लेकिन बहुत सी ऐसी परिस्थितियां जीवन मे कई बार आ जाती है जिसमें इंसान चाह के भी कुछ नहीं कर सकता। ऐसी स्थिति मे विद्वान लोग कहते है की कर्मों के बंधन के कारण और प्रारब्ध के कारण इंसान को कुछ दुःख झेलने के लिए मजबूर होना ही पड़ता है। ऐसी स्थिति मे दुःख को कम करने के लिए जितना हो सके इंसान को पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए और परमात्मा से उसके दुःख के निवारण के लिए प्रार्थना करनी चाहिए, अगर आप गहरे भावो के साथ उनके दुखों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं तो परमात्मा कुछ ना कुछ सबब उनकी सहायता के लिए जरूर बनाता है।
      इसके इलावा बेहतर तो यही है की खुद को सम्हाले, प्रौढता से काम ले, भावनाओं मे बहने की बजाय जितना आप कर सकते है उतना करे और बाकी परमात्मा की मर्जी मानते हुए स्थिति को स्वीकार करने की हिम्मत करे और आगे बढ़े।

  • @manojbishnoi4693
    @manojbishnoi4693 2 года назад +1

    Guruji
    इक बात की लोग दारू क्यों पीते है ??
    जब लोगों को पता है इसका dusprinam पूरे घर को भोगना पड़ता है

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +1

      किसी भी प्रकार का व्यसन जैसे शराब का सेवन या अन्य मादक पदार्थों का सेवन यदि व्यक्ती आवश्यकता से अधिक करने लग जाये तो इसके कुछ मौलिक कारण होते हैं जिनमें सब से प्रमुख हैं दुःख से पलायन की वृत्ति अर्थार्त व्यक्ति अपनी समस्याओं से, दुःख से, तनाव से, चिंता से मन हटाने की कोशिश मे नशे का सहारा लेने लगता है, नशे मे आकर जब मन घड़ी दो घड़ी के लिए तनाव से दूर होता है तो व्यक्ती को अच्छा लगता है और व्यक्ति फिर बारंबार उसको दोहराने लगता है।
      दूसरी बात, हमारे अवचेतन मे हमेशा एक इच्छा रहती हैं की हमे आनंद मिले, हम निरन्तर आनन्द की तलाश मे रहते हैं और जब हमे अपने समान्य जीवन मे यदि आनंद का कोई कारण नजर ना आए तो हम नशे के माध्यम से उस आनन्द को पाने की कोशिश करने लग जाते हैं।
      तीसरी बात है खाली पन का होना, अगर व्यक्ती के जीवन मे सब भरा पूरा हो तो उसे किसी बाहरी नशे की जरुरत नहीं होती, लेकिन जीवन मे अर्थ हीनता होने की स्थिति मे, भीतर खाली यानी असंतुष्टि की स्थिति मे और फिर उस खाली पन को भरने की भावना के कारण व्यक्ती मदिरा पान करने लगता है।
      इसके अलावा व्यक्ती के व्यसनी होने के और भी बहुत से छोटे बड़े सामान्य कारण होते हैं लेकिन मुख्य बात य़ह है की यदि व्यक्ति को नशे से मुक्त होना है तो उसे अपने जीवन मे एक और ऐसा बड़ा नशा पैदा करना होगा जिसके आगे शराब का नशा छोटा पड़ जाये।

    • @manojbishnoi4693
      @manojbishnoi4693 2 года назад

      @@Dhyankagyan777
      धन्यवाद गुरुजी
      परंतु
      मेरे एक रिश्तेदार है जो पुलिस की नौकरी करते है और वह दारू पीते है साथ ही नौकरी पर कभी कभी जाते है
      और
      उनको दारू छुड़वाने के लिए नशा मुक्ति शिवर मे डाला था एक महीने के लिए
      अब उन्हें नशा मुक्ति शिवर से बाहर निकाल दिया
      परंतु वह अब भी दारू पी रहे है
      नशा छोड़ा ही नही उन्होंने
      अब में क्या करू की वह इंसान सुधार जाए????

    • @manojbishnoi4693
      @manojbishnoi4693 2 года назад

      Raply plz

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +1

      @@manojbishnoi4693 जब तक व्यक्ती खुद नशे से बाहर ना आना चाहें तब तक किसी दूसरे को उससे नशा छुटवाना कठिन होता है।
      अगर व्यक्ती पक्का इरादा कर ले की उसको नशा छोड़ना है तो उसको सबसे पहले अपने शरीर से उन जहरीले पदार्थों को यानि toxins को बाहर निकालना चाहिए जिनकी वजह से शरीर शराब की तलब करने लगता है। इसके लिए आर्युवेद की कुछ क्रियाएं जैसे पंच कर्मा करवाना चाहिए फिर शरीर शुद्धि के बाद नियमित रूप से योग व प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास करना चाहिए और हर रोज अपने आहार मे अश्वगंध चूर्ण, तुलसी पता, ब्रह्म बूटी, का सेवन करना चाहिए, और कभी यदि शराब की तलब लगे तो उस समय किशमिश, खजूर, अंगूर, अनन्नास, सेब, गाजर आदि लेकर स्थिति को सम्हालना चाहिए। अगर लत ज्यादा बुरी तरह से लगी हो तो डाक्टर की सलाह के साथ एल्को बेन दवा का उपयोग कर सकते हैं।
      इसके इलावा पीड़ित व्यक्ति को परिवार से प्रेमपूर्वक हर प्रकार का सहयोग देना चाहिए, उनको अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और उन कारणों को दूर करना चाहिए जिनकी वजह से उन्होंने शराब पीना शुरू किया था।
      अगर व्यक्ति खुद योग्य हो तो वह स्वयं भी आत्म सम्मोहन अथवा affirmations के द्वारा इस स्थिति से बाहर आ सकता है।

    • @manojbishnoi4693
      @manojbishnoi4693 2 года назад

      @@Dhyankagyan777 धन्यवाद गुरुजी❤️❤️❤️❤️❤️

  • @poojabhanushali8676
    @poojabhanushali8676 Год назад +1

    25 k 25 lakshan h

  • @ShyamGadri-ql1fv
    @ShyamGadri-ql1fv 10 месяцев назад

    नाम=शयाम लाल
    गाँव=करनीपुरा
    जिला=भिलवाडा
    राज्य=राजस्थान
    1.इस आदमी की छठी इंद्री जाग्रत हो चुकी है।
    2.इस आदमी को अनेक घटनाओं का पुर्वानुमान हुआ जो बाद में घटित हो चुकी है।
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  • @rajeshsuthar6719
    @rajeshsuthar6719 2 года назад +1

    Sir aap ne bataya ki koei Shaya ya eaisa kuch hamare aas pass anubhav hota he to kya vo sach me koei hota hey ya hamara bhram hota he
    Agar eaisa he to koei aacha ya bura saya hamare aaspas he eaisa matlab huva

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +3

      इस जगत मे हम इंसान अकेले नहीं है बल्कि हमारे चारों और अदृश्य रूप मे बहुत सी आत्मायें जिन्हें हम सूक्ष्म शरीर, साया या इनर्जी आदि नामों से बुलाते हैं, वे हर समय हर स्थान पर होती ही है, कुछ इनर्जी जो पॉजिटिव होती है उनको हम शुभ आत्मायें कहते हैं और कुछ इनर्जी जो निगेटिव होती है उनको हम दुष्ट आत्मायें कहते हैं। क्यूंकि इन आत्माओं का हमारी तरह शरीर नहीं होता इसलिए ये तरंगों या हवा की तरह होती हैं। अधिकतर हमें इन आत्माओं का एहसास नहीं होता क्युकि हम स्थूल शरीर मे है और वो सूक्ष्म शरीर मे, तो दोनो शरीरों की फ्रिक्वेंसी अलग अलग होने के कारण हमे इन रूहो का अनुभव नही होता लेकिन यदि हम भी ध्यान द्वारा या आउट ऑफ़ बॉडी एक्सपिरियंस द्वारा या कई बार नींद मे डरावने सपने के दौरान भी जब हमारा सूक्ष्म शरीर सक्रिय हो जाता है तो उस दौरान सेम फ्रिक्वेंसी मे आने के कारण हमारा संपर्क इन रूहो से हो सकता है या उनसे संपर्क का हम आयोजन कर सकते है अथवा यदि हमारी छठी इंद्री जागृत हो तो भी हमें इन आत्माओं की झलक कभी कभार मिल जाती है।

    • @rajeshsuthar6719
      @rajeshsuthar6719 2 года назад

      @@Dhyankagyan777 sir aap ne bataya k unke sampark ka aayojan hum kar shakte hai to vo kaise kar shakte he

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +3

      दूसरी आत्माओं से संपर्क तभी आयोजन कर के किया जा सकता है जब पहले हम खुद अपनी आत्मा से पहले संपर्क कर ले।
      ध्यान के माध्यम से हम अपनी आत्मा और अपने सूक्ष्म शरीर से हमारा साक्षात्कार होता है और एक बार जब हमे अपने सूक्ष्म शरीर की अनुभूति हो जाये तो दूसरी आत्माओं से भी हम संपर्क कर सकते हैं।
      इसके लिये पहली बात यह है की यह अधिकतर अपने आप होता है, करने से नही होता । लेकिन हा, हम इसके घटित होने मे कुछ सहायक क्रियाएँ कर सकते है ।
      जैसे सब से पहले तो आपको अपने शरीर मे विभिन्न ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ के द्वारा ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाना चाहिए । क्युकी जितनी ज्यादा शरीर मे प्राण की अधिकता होगी उतनी जायदा संभावना होगी इस अनुभव के होने की ।
      दुसरा कोई भी ध्यान की विधि जिसमे आप अपने मन को एकाग्र करने का अभ्यास करते है उसको रोज अभ्यास करे ।
      इसके इलावा कुछ और कारणों से भी सूक्ष्म शरीर की अनुभूति हो सकती है, पहला जब योग प्राणायाम जाप आदि क्रियाओं द्वारा सूक्ष्म शरीर बिल्कुल शुध्द हो जाये तो, दूसरा जब आपका स्थूल शरीर सम्पूर्ण रूप से शिथिल व शांत हो जाये तो, तीसरा जब ध्यान के अभ्यास के प्रभाव से स्थूल शरीर का भान खत्म हो जाये तो, चौथा जब आपका चेतन मन तो सो जाये लेकिन अवचेतन मन जागरुक बना रहे तो, पाँचवा आपको अकस्मात कोई भावनात्मक उद्वेग हृदय मे उठ जाये तो, छठा जब गहरे ध्यान के दौरान आपकी निर्विचार की अथवा समाधि की स्थिति घटित हो जाये तो आपको अन्य आत्माओं से संपर्क हो सकता है।
      पहली दफ़ा जब आपको यह होगा, उस समय आपका चेतन मन अर्ध क्रियाशील अवस्था मे होता है तो बाद मे ऐसा लग सकता है की आप स्वप्न देख रहे थे किंतु यह स्वप्न नही अपितु यथार्थ अनुभव होता है ।

    • @rajeshsuthar6719
      @rajeshsuthar6719 2 года назад

      @@Dhyankagyan777 ok sir aap ke bataye huve raste par hi chal raha hu
      Dhanyavad 🙏🙏

    • @ShyamGadri-ql1fv
      @ShyamGadri-ql1fv 10 месяцев назад

      नाम=शयाम लाल
      गाँव=करनीपुरा
      जिला=भिलवाडा
      राज्य=राजस्थान
      1.इस आदमी की छठी इंद्री जाग्रत हो चुकी है।
      2.इस आदमी को अनेक घटनाओं का पुर्वानुमान हुआ जो बाद में घटित हो चुकी है।
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  • @binaydas8731
    @binaydas8731 2 года назад

    Matlab ye Sab Kam Ko Me Bastav me Nahi Karke Sab Sahi Aur Galat Cheese ke Bareme Porticular Sahi Andaza Lagapaunga

  • @madhuchaudhary423
    @madhuchaudhary423 2 года назад +1

    Pls mujhe ek satguru ki avashyakta ho rahi hai main Dhyan Karti hun ab mujhe dar lagne Laga hai kahin mere sath kuchh galat Na Ho kyunki ab main jab bhi Dhyan Karti Hun to bhav ke bich pressure kafi padhne lagta hai aur ab Mera Sher bhi continue Dard ho raha hai to kripya mujhe aise satguru ka number mil jaaye taki main satisfice Ho sakun ki main Dhyan continue karun ya nahin please help me

    • @ShyamGadri-ql1fv
      @ShyamGadri-ql1fv 10 месяцев назад

      नाम=शयाम लाल
      गाँव=करनीपुरा
      जिला=भिलवाडा
      राज्य=राजस्थान
      1.इस आदमी की छठी इंद्री जाग्रत हो चुकी है।
      2.इस आदमी को अनेक घटनाओं का पुर्वानुमान हुआ जो बाद में घटित हो चुकी है।
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  • @rajedhiman4362
    @rajedhiman4362 2 года назад +2

    Namaskar Guru ji Charan Sparsh main grast prani aur Samajik bhi lekin main koi bhi kam karta hun dil se Dil Se Karta Hoon Aur Main Kisi bhi kam Mein involve ho jata hun to mujhe Samay ka bhi aabhas nahin Hota per Na Koi thakan hoti aur Fir Bhi Main fresh rahata hun lekin Iske viprit yah Samaj Mujhe Pagal ki Drishti se dekhta hai Kyunki Main Badle Mein Kisi Bhi chij ki ichcha nahin karta main dimag se nahin Sochta main yah Nahin Sochta ki yah Mujhe kam karna chahie ya nahin karna chahie Agar Mujhe kisi ko support deni hai To Main Usko dunga lekin Iske viprit Mujhe result negative hi Milte Hain Logon ki taraf se Maine yah Dekha Hai Ki Logon ke andar bahut jyada swarth hai aur Aisa Hi nirasha ka Samna mujhe apne ghar mein bhi karna padta hai Baki ke prani Ghar Ke Andar Apna Dimag ka use karte hain lekin jab mere andar awareness Aati Hai Jab Baat Had Se Jyada badh Jaati Hai To fir mere pass ek hi action Hota Hai Ki Main Itna niraash ho jata hun ki bus ki main use Bande se ab main Apna connection Kat dunga FIR mere man mein Ya Mere Dil Mein Uske Prati na to Koi Prem hoga Na Koi Dene Ki ya Lene Ki Bhavna Hogi vah mere liye ek Ajnabi Sa Ban jaega Mujhe FIR is baat ka bhi Khyal Nahin Hoga Ki Samaj Mujhe Kya kahega aur FIR Jo chij Mere Andar Se kahegi To Main Usi ke sath Khada hun Jay Bhale hi pura Samaj Mere khilaf khada ho jaaye Fir Na Tu Mujhe Anjam ki Parvah Hogi aur Na Mujhe Kisi Baat Ka Dar hoga Guruji yah sab kya hai Duniya to Adaan pradan se Chalti Hai Na To fir Meri Life Mein Aisa Kyon please bataiye dhanyvad Guru Ji

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад +2

      आपने बहुत ही प्रामाणिक, सच्ची और अनुभव की बात बताई है, बिल्कुल ऐसा ही है। और जो सोच आपने अपने अंदर बनाई है ऐसा ही सोचना चाहिए क्यूंकि यही सत्य है।
      लेकिन अब इतना सब स्पष्ट हो जाने के बाद फिर आपने अंत मे जो शिकायत की है वो नहीं होनी चाहिये थी, इसका अर्थ है की अभी आपको और गहरे जाने की जरूरत है और वो गहराई आएगी जीवन मे शिकायत छोडकर स्वीकार भाव लाने से।

  • @rajedhiman4362
    @rajedhiman4362 2 года назад +1

    Namaskar Guruji Charan Sparsh main aapse yah Kahana chahta hun Maine Apni Jindagi Mein Jo Bhi kam Kiya Hai vah Dil Se Kiya Hai Aur sacchai Se Kiya Hai yah Bhi Nahin Socha Ki Badle Mein Mujhe isase Kya milega Mujhe Kudrat ki taraf se shaktiyan aur siddhiyan bhi Mili maine uska prayog bhi niswarth Seva karke hi kiya Badle Mein Uske Badle Mein usse Kuchh Nahin Manga lekin Main Ek grahast prani bhi hun aur Samajik bhi Seva Ka Ulta effect Mere Mere gharwalon ke behaviour per Pada Jo Mere Prati tha Unka response Mere Prati negative Raha Kahane ka matlab hai ki jo Seva Mein Logon ki karti thi uska opposite Mujhe response na Milana Apne Parivar ke Prati tha logon ka to Bhala ho jata tha lekin ulta Mera Bura hota tha Main is chij se bahar bhi nahin nikal Pa rahi thi Kyunki yah sab Mere Hath Mein Nahin Hai Na To Main Dhyan hi hun na main Yogi hun na main tapasvi hun yah sab Mere Sath kudarti Taur per chal raha hai aap to Yogi Hain Dhyan hi hai aur Guru bhi hain aap hi bataiye ine chijon ka balance kaise hoga Kyunki Mere andar dimag To Kam Karta Nahin Hai sirf Dil Hi Dil chalta hai kaise mind body aur SOL ka balance hoga dhanyvad Guru Ji

    • @Dhyankagyan777
      @Dhyankagyan777  2 года назад

      इस चीज को बैलेंस करने के लिए आपको चाहिए की आप हर कार्य को अकर्ता भाव से करे यानि हर कार्य और परिणाम को ईश्वर की इच्छा मान कर स्वीकार कर ले और कोई शिकायत ना करे। अगर आप अपेक्षा छोडकर कर्म करेगे और अपनी पसंद नापसन्द भी बीच से हटा लेंगे तो तब पहली तो बात आपको कुछ गलत नहीं मसहूस होगा क्योंकि तब आप सब मे परमात्मा की मर्जी देखेंगे लेकिन यदि कुछ गलत हुआ भी तो भी आप उसको स्वीकार कर लेगे