राजेश जी परमात्मा आध्यात्मिक चेतन ऊर्जा है ब्रह्मांड के या आंतरिक शरीर के बहुत कार कार कृपा से हो रहे हैं इसके विषय में आपके प्रवचन द्वारा अनुभूतिहो रही है अब फेफड़े हृदय अपने आप कर ईश्वरी शख्स से कर रहे हैं आपके वीडियो से बहुत क्लियरहो रहा है धन्यवाद
परमात्मा ही परम चेतना है जो 3 कालों ओर 3 अवस्था में नित्य है परमात्मा से ही मनुष्य ओर सारे जीव ओर जड़ के रूप में अस्तित्व है जैसे दूध में घी पर दूध को मालूम नहीं
जो रूप और आकार है, ये सदा नहीँ रहेगा, अभी है कुछ समय बाद नहीं रहेगा. ये कोई पदार्थ नहीँ है, एक ऊर्जा है. ऊर्जा का कोई रंग रूप और आकार नहीँ होता. जो कुछ नहीँ है, यही सब जगह समाया हुआ, यही निराकार है. जो सदा से है और रहेगा. इसे बनाया और मिटाया नहीँ जा सकता.
सर, अद्वैत वादी निर्गुण परमात्मा मानकर सगुण को नाकारते है, बाद मै खुद के मन को मिटाके, निर्गुण परमात्मा को प्राप्त होकर खुदकी identity मिठाने की चेष्टा करते है ... सोचो लोग परमेश्वर को क्यो नही मानते..उसकी शक्ती परमात्मा को मानते है..शक्तिमान के बगैर शक्ती कैसे स्वतंत्र रहेगी... Please read जन्म कर्म च मे दिव्यं from bhagwat Geeta chapter 4.... Achintya bhed and abhed is need to understand by every one... please think on it... Any way ur style and teaching method is good...
Respected Sir, क्या परमात्मा की प्राप्ति के लिए कुछ पढ़ना ज़रूरी है ? क्या एक साधारण इंसान को परमात्मा दर्शन नहीं दे सकता ? ये भक्ति और प्रेम का मार्ग है. किताबी ज्ञान का नहीं.
बहरा से क्यों नहीं आवाज आती उसमें भी तो आत्मा है क्यों नहीं आती उसमें बताओ तब मनु मरे हुए आदमी में से आवाज आवे मारे हुए आदमी की आंख इधर उधर हो गए उसमें भी तो परमात्मा है
आप कभी कभी कहते है, मैं मन से अलग हो कर वस्तुओं के मूल स्वरूप को देखता हूँ। ये बात बिलकुल गलत है, मन से अलग हो कर, आप कुछ भी नहीं कर शकते हो । प्रभु ने हम सबको ऐसे दायरें में जकड़ कर रख्खे है, की जाग्रॢत मन के सिवाय कुछ नहीं कर शकते। परमात्मा जो है वह मन और वाणी (बोलना) दोनों से पर है, कोई भी हो, परमात्मा का शब्दों मे बताया नहीं जा शकता, उसकी स्थिति ज एसी है जिस का जिक्र करना अश्कय है। माफ़ कर ना मेरी हिन्दी भाषा बराबर नहीं है।
Sar Ji Bhagwan to hai aap hi video kyon banate hain agar aap video nahin banate to ham sunte hi nahin aur aapka naam kyon Dala ismein Jara soch kar socho Bhagwan to sab jagah hai per Jo ham aur aap hai na vah sab galat hai galat bhi kya hai aap apna Dharm chhod Diya Maine Mera Dharm chhod Diya aur Dharm kya hai Insan ka hai aur tumne kya banaa Diya tumne galti ek Insan karta hai aur Puri jaati Dharm ko Bura kar dete Ho abhi galat nahin karta hai usne bhi to Bhagwan nahin karaya hai jab Bhagwan ko manta hai to Bhagwan nahin karaya vah thodi Kara to fir aap kaun si baat Ko pakdenge Jay Jaat Jay Jawan Jay Kisan
सत्य वचन
Yes right. Meditation should happen it shouldn't be forcefull. It's acceptance, awareness.
Thanks for explaining it n making it more easy to practice.
Thank you ji
Om Namah Shivay Jai Shree Radhe Krishna Radhe Radhe 🙏👋🌹💯🩸♥️🙏
राजेश जी परमात्मा आध्यात्मिक चेतन ऊर्जा है ब्रह्मांड के या आंतरिक शरीर के बहुत कार कार कृपा से हो रहे हैं इसके विषय में आपके प्रवचन द्वारा अनुभूतिहो रही है अब फेफड़े हृदय अपने आप कर ईश्वरी शख्स से कर रहे हैं आपके वीडियो से बहुत क्लियरहो रहा है धन्यवाद
Thank you ji
Ha sir parmatma kianubhuti aai,sabhi shakti ke rup me parmatma hai , Thank you 🙏❤️
Very good sir aap ne bilkul sahi kaha hai God bless you. God is one and God is every where.
Pranaam Sir
1300 subscribe के लिए धन्यवाद ll 🙏♥️
सही जा रहे हो यही है सबकुछ ❤️
यत्र सर्व: यत : सर्वं : य :सर्व: सर्वं संश्रय:। नमः तस्मै नमः तस्मै विष्णवे परमात्मने।। धन्यवाद
सादर प्रणाम जी
Bahut achha laga. namasteji.
नमस्ते जी और दिल से thank you
NAMAN GURUDEV🙏🙏🙏🙏🙏
दिल से thank you जी
परमात्मा ही परम चेतना है जो 3 कालों ओर 3 अवस्था में नित्य है परमात्मा से ही मनुष्य ओर सारे जीव ओर जड़ के रूप में अस्तित्व है जैसे दूध में घी पर दूध को मालूम नहीं
Thank you so much for the video please jaldi jaldi banaye🙏
दिल से thank you जी
jo aap kah rhe haimai sehmat hai
नमस्कार मित्र आपका आभार
दिल से thank you जी
जो रूप और आकार है, ये सदा नहीँ रहेगा, अभी है कुछ समय बाद नहीं रहेगा. ये कोई पदार्थ नहीँ है, एक ऊर्जा है. ऊर्जा का कोई रंग रूप और आकार नहीँ होता. जो कुछ नहीँ है, यही सब जगह समाया हुआ, यही निराकार है. जो सदा से है और रहेगा. इसे बनाया और मिटाया नहीँ जा सकता.
Parmatma ke darshan Maine kiye Hain aap ek Mahina sant Rampal Ji ke satsang sunkar dekhiae 🙏🏻
आसमान पर है खुदा और जमीन पर हम।
आजकल वह इस तरफ
देखता है कम।
❤❤
सर, अद्वैत वादी निर्गुण परमात्मा मानकर सगुण को नाकारते है, बाद मै खुद के मन को मिटाके, निर्गुण परमात्मा को प्राप्त होकर खुदकी identity मिठाने की चेष्टा करते है ... सोचो लोग परमेश्वर को क्यो नही मानते..उसकी शक्ती परमात्मा को मानते है..शक्तिमान के बगैर शक्ती कैसे स्वतंत्र रहेगी...
Please read जन्म कर्म च मे दिव्यं from bhagwat Geeta chapter 4.... Achintya bhed and abhed is need to understand by every one... please think on it...
Any way ur style and teaching method is good...
Respected Sir, क्या परमात्मा की प्राप्ति के लिए कुछ पढ़ना ज़रूरी है ? क्या एक साधारण इंसान को परमात्मा दर्शन नहीं दे सकता ? ये भक्ति और प्रेम का मार्ग है. किताबी ज्ञान का नहीं.
बहरा से क्यों नहीं आवाज आती उसमें भी तो आत्मा है क्यों नहीं आती उसमें बताओ तब मनु मरे हुए आदमी में से आवाज आवे मारे हुए आदमी की आंख इधर उधर हो गए उसमें भी तो परमात्मा है
सादर प्रणाम जी. परमात्मा स्थिर और गतिमान दोनों ही है.
आप कभी कभी कहते है, मैं मन से अलग हो कर वस्तुओं के मूल स्वरूप को देखता हूँ। ये बात बिलकुल गलत है, मन से अलग हो कर, आप कुछ भी नहीं कर शकते हो । प्रभु ने हम सबको ऐसे दायरें में जकड़ कर रख्खे है, की जाग्रॢत मन के सिवाय कुछ नहीं कर शकते। परमात्मा जो है वह मन और वाणी (बोलना) दोनों से पर है, कोई भी हो, परमात्मा का शब्दों मे बताया नहीं जा शकता, उसकी स्थिति ज एसी है जिस का जिक्र करना अश्कय है। माफ़ कर ना मेरी हिन्दी भाषा बराबर नहीं है।
बकवास कर रहा है खाली और कुछ भी नहीं कर रहाहै
Aap ko pasand nahi to na dekhein... kisi k uper frustration na nikalo bai
Sar Ji Bhagwan to hai aap hi video kyon banate hain agar aap video nahin banate to ham sunte hi nahin aur aapka naam kyon Dala ismein Jara soch kar socho Bhagwan to sab jagah hai per Jo ham aur aap hai na vah sab galat hai galat bhi kya hai aap apna Dharm chhod Diya Maine Mera Dharm chhod Diya aur Dharm kya hai Insan ka hai aur tumne kya banaa Diya tumne galti ek Insan karta hai aur Puri jaati Dharm ko Bura kar dete Ho abhi galat nahin karta hai usne bhi to Bhagwan nahin karaya hai jab Bhagwan ko manta hai to Bhagwan nahin karaya vah thodi Kara to fir aap kaun si baat Ko pakdenge Jay Jaat Jay Jawan Jay Kisan