ईश्वर को कैसे प्राप्त करे BY Acharya Yogesh Bhardwaj Ji || How To Attain God || Vaidik Prachar
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- Опубликовано: 5 июл 2024
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#Vaidikprachar #Aryasamaj #Swamidayanand
mai jab bhi acharya shri yogesh arya jee ko sunta hu to mujhe hamesha rajive dixit jee ka yaad aati hai... ishwar hamesha kripa banaye rakhe, swasth yavam dirghayu ki kamna krta hu, om 🙏🙏🙏 pranam apko
श्रद्धेयमहोदय नमस्ते
ओ३म् नमस्ते जी आचार्य जी , जवान नहीं सामर्थ्यवान बने रहने की इच्छा है व्यायाम करके और वह भी बुढ़ापा तक क्योंकि ऐसा कहते हैं कि जरा ही सबसे बड़ी व्याधि है और इसलिए भी कि हम लोग किसी पर आश्रित ना रहे 🙏
योगेश जी महाराज को कोटी कोटी प्रणाम जय हिंद जय भारत
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
धन्यवाद 🙏
सादर प्रणाम आर्य भाई बहनों
धन्यवाद आचार्य जी
Jai shree ram ji 🙏 aapko dhanyawad ji 🙏
आप जैसे व्यक्तियों से सनातन बचा है, जानकारी प्राप्त होती है
आचार्य जी सादर नमस्कार, आप की बात का बहुत प्रभाव पड़ता है
राम कृष्ण भगवान है
Yogesh sir ji ko kotti kotti naman
Om Acharya ji. Awesome.
Jai shree ram
🙏🙏🙏🙏
Om namaskar ji
Jai Sri ram Jai Shri Krishna 🙏
नमस्ते जी🙏 कैथल हरियाणा
Vartmaan samay ke dayanand namaste acharya ji
ॐ सादर नमस्ते आचार्य जी।
Namoste...guru ji.
Namaste Acharya ji
आचार्य जी नमस्ते जी
Thanks!
Namaskar.....
👌👌😊😊💐💐
Mere hisab se isawar , tri dev! Jo hame gyan deta hain.. zindagi jine ka.. woh agar prapt kar le toh ishwar prapt ho jata hain
कैमीकल कभी शरीर पर ना करें, नुकसान होगा, आर्थिक, शारीरिक
Jay ho shreeman jee
🚩🙏
❤❤
❤❤❤
❤❤❤❤❤
प्रकृति परिवर्तन शील है पर नश्वर नहीं शाश्वत है।
यहां प्रकृति का मतलब क्या है?
महान विद्वान आचार्य योगेश जी को कोटि-कोटि नमन!!!
कृपया इसके आगे के प्रवचन की कड़ी का लिंक comment के नीचे लिख भेजें।
श्रद्धा , वीर्य , स्मृति , समाधि , प्रज्ञा पूर्वकम् इतरेसाम् ।। जो जन्म से योगी नहीं हैं अर्थात् जिसने पूर्व जन्म में योगी की संज्ञा प्राप्त नहीं कर पाया है। उक्त क्रम से हि योगी वन पाएग। श्रद्धा=स्वाध्यायात् इष्ट देवता सम्प्रयोग ।। अर्थात् जिस कार्य के करने से इष्ट के (देवता=प्राप्ति कराने वाले कार्य पर ) सम्प्रयोग=कर्तव्य करना ।। अर्थात् अपने हर क्षण और हर जीवन में कोई भी क्लेश=सुख और दुःख उपस्थित होने पर इनके प्रभाव से कदाचित और किंचित को अकर्तव्य ना करना अर्थात् सदा कर्तव्य हि करते रहना अर्थात् सदा (श्रेय मार्ग को प्रशस्त करने वाले कर्मों= अशुक्लाकृष्णा कर्मों को हि करते रहना हि श्रद्धा है। ऐसा करें बगैर कोई मानव वीर्य वान नहीं हो सकता अर्थात् ब्रह्मचारी नहीं हो सकता और ब्रह्मचारी या वीर्य वान या वलवान हुए वगैर ईश्वर की प्राप्ति असम्भव है क्योंकि वेदों के माध्यम से ईश्वर स्वयं यह घोषणा करता है कि---ना अयमात्मा वलहीन लभ्यते।। अर्थात् कोई वलहीन मुझे( ईश्वर को ) प्राप्त नहीं कर सकता है। इसलिए वीर्यवान वनने हेतु श्रद्धा को गले लगाना होगा। वीर्यवान होने के बाद हि स्मृति की प्राप्ति होती है और स्मृति वान वनने के वाद हि समाधि लगती है और समाधि की प्राप्ति के बाद हि ऋतम्भरा प्रज्ञा की प्राप्ति होती है जो सारे क्लेश को भस्म कर दुःखों से मुक्ति दिलाती है। श्रद्धा को बुद्धि में इस प्रकार बिठा सकते हैं कि जब यह बोध हो जाए कि कोई भी कार्य जो मैं या हम किसी भी कारण से करने को आतुर हैं वह कार्य हर तरह से कर्तव्य हो तब उसे कार्य को कर लेना स्वाध्याय और उस कार्य को करने से चूक जाना अनध्याय कहलाता है। इस प्रकार जब से जीवन में कोई भी अनध्याय नहीं होता है तो इसी को श्रद्धा कहते हैं।श्रद्धा को गले लगाए विना कोई योगी नहीं वन सकता है और योगी वने वगैर मुक्ति संभव नहीं है। श्रद्धा हि वह प्रथम सीढ़ी है जो मुक्ति के योग्य बनाती है।
आचार्य जी 18 अचुनि सेना कितनी होती है
नमस्ते आचार्य जी,थोड़ा एक संसाय का समाधान करें।परशुराम जी द्वापर और त्रेता दोनो युग में अलग अलग थे या एक ही थें ।
Abhi😅tak😅latake😅huye😅ho😅pakda😅nahi
उपासना विडियो
भैया जी पहले रोटी की जुगाड में लगा हूं, अपनी और अपने परिवार की । घर में उच्च शिक्षित जवान बेटा बेरोजगार बैठा है , इस चक्कर में रिश्ता भी नहीं हुआ है । तुम्हारे पेट तो हलुआ पूड़ी से फुल हैं, सो ईश्वर प्राप्ति की सलाह दे रहे हो । पहले अपनी उस व्यवस्था को तो सुधार लो , जिसने जातिगत और धर्मांध की अफीम पिलाकर अधिकांश लोगों को निष्क्रिय कर दिया है । खुद अमीर बने हो , सबको दरिद्र बना रहे हो । मानव तो बन कर दिखाओ , फिर परमात्मा की बात करना । मानवता को क्यों लजा रहे हैं ।
there is god. all these r bokobas to earn money
🧘
We expect discussion/interview with
Sri M ( Mumtaz Ali )
Towards the Truth .
🪔
ईश्वर तो पहले से ही प्राप्त हे किसे प्राप्त करना चाहते हो जिसे तुम ढूंढ रहे हो वह तुम खुद ही निकलोगे😂
आप ही को निकालेगा लग रहा है।😂
Om namste ji acharya ji
Hum bhi Upasna karna chahte hai
🙏🙏🙏🙏