वैज्ञानिक दृष्टीकोन से आपने समजाया मुझे समझ में आया. हमारे पास तेल निकालने वाला कोलू और मशीन हैं जिस दिन हम तेल निकालते है तब उसी तेल का दिया जलाते. हमारी दादी कहती थी यह भगवान के पास जाता हैं. स्वामी जी आपने वैज्ञानिक तरीकेसे समजाया यह मुझे बहुत अच्छा समज में आया.
सन्यासी ही सबका गुरु है सन्यासी ही विश्व गुरु है सही मायने में संसार के सभी लोगों का एकमात्र गुरु सन्यासी है जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
सबसे बड़ा धर्म वहीं जों बिना वज़ह से किसी को नुक्सान नहीं पहुंचाए मानव मानव में भेदभाव नहीं करे किसी प्राणी कि हत्या नहीं करें जों पापी है उसको विरोध करें
मान्यवर,, हमारे तो भोग लगाने का तरीका कुछ ऐसा है,,,।३३,,कोटि हो या ३३, प्रकार के,,,। सम्पूर्ण देवि -देवता,,को, एक थाली मे परोसकर कोई विशिष्ट स्थान पर रख देते हैं,,। और सम्पूर्ण देवि,, देवता आकर अपने -अपने भाग ग्रहण करके आशीर्वाद देकर चले जाते है,,।एक और तरीका भी है,,,। हमारे घर में जब भोजन पकते हैं,,तो सबसे पहले अग्निदेव को परोसते हैं,,।और अग्निदेव ही सम्पूर्ण देवि,, देवताओं को,, बांट देते है,,।,,,,,,महात्मन,, यदि मुझसे भूल हुई है तो,, अन्तर्मन से क्षमा चाहता हूं,,,जै श्री राम,,,,,।
🔥 स्वामी 👋जी...सादर 🙏चरणस्पर्श! समय चक्र व अज्ञानता के कारण ,हम अपनी ग्रहस्थ जीवन में "श्रम,गौ पालन" के चलते, बाहर नहीं जा सकते? अपितु अपने तरंगमय (वैदिक प्रचार) सुनने समझने से 🌄जीवन में ❤🙏⭐👋💪 प्रकाश किरणों का आगमन ⭐⭐⭐⭐ होने लगा है! स ❤️ स्नेह, स 🙏 सम्मान धन्यवाद दीवाना अंचल ❤🙏⭐💪 दीवान
यज्ञ = य+ज्+य होता है | इसका उच्चारण जो स्वामीजी कर रहे हैं वह व्याकरण की दृष्टि से वह सर्वथा उचित है और सटीक है शुद्ध है | यग्य कौई शब्द होता ही नहीं यग्य अशुद्ध उच्चारण है।
Jo log kahate Hain ki Bhagwan ka bhog lagane ke liye Agni mein dalne se jal jata hai vah log murkh hote hain jaise ki man Lo Agni mein dalne se bhog jal jata hai Lekin uski sugandhi to har manushya ke mukh mein jaati hai aur devtaon ke mukhya aur Kan naak se jaati hai jaise ki man Lo aap havan mein 1 kilo mircha dal do to aadami Ko Na chahte hue bhi har kisi ke Kan naak aur aankh mein mirchi ki durgandhi jayegi ISI prakar Bhagwan agnipath ka hai
सबसे बड़ा अग्नि तो इंसान के शरीर के अंदर है काम क्रोध लोभ मोह यह सब चीज अग्नि से भी ज्यादा जलने वाला चीज है जो दिखता नहीं है इस अग्नि को कैसे शांत किया जाए इस अग्नि पर क्या चढ़ायाजाए यह समझाइए आप
33 कोटि मतलब तैतीस प्रकार के होते हैं महाराज जी। 33 करोड़ नहीं हैं अज्ञान हैं, भोग का मतलब भाव होता है खाते नहीं हैं महाराज जी, आप तो टीका तक नहीं लगाते है आप का उद्देश्य क्या है कन्फ्यूज हैं।😅😅
स्वामीजी! सत्याथॆ प्रकाश में महर्षि दयानंद के अनुसार- मनुष्य सृष्टि तिब्बत में हुई, आर्य तिब्बत से भारत में आए, भारत में उससे पहले कोई नहीं बसता था वेद रचना सृष्टि के साथ हुई प्रश्न- उत्तर चाहता हूं क्या हमारा डीएनए तिब्बतियो से मिलता है? हमारी शक्ल सूरत तिब्बतियो जैसी क्यों नहीं है? वेद संस्कृत में क्यों हैं? तिब्बती भाषा में क्यों नहीं?
तो पंडितजी आप कह रहें हैं कि देवता 33 करोड हैं। तब तो आप दयानंद सरस्वती के द्रोही हैं, क्योंकि दयानंद वेदों को मानते हैं और ऋग्वेद 10.52.6 कहता है कि देवता 3339 हैं। "त्रीणि शता त्री सहस्राण्यग्निं त्रिंशच्च देवा नव चासपर्यन् । औक्षन्घृतैरस्तृणन्बर्हिरस्मा आदिद्धोतारं न्यसादयन्त ॥" “Three thousand three hundred and thirty-and-nine deities worshipped Agni, they sprinkled (me) with butter, they strewed the sacred grass, and then made the invoker of the gods sit down.”
Group plant ko kitne patte hote Hain sabhi patte mein Pani dene ki jarurat nahin hai jad mein de do isliye aapko jis per jis per sada hai vah Ishwar ko de do to sabhi Ko mil jaega usmein 33 karod ko dene ki jarurat nahin hai
Jis prakar aap 33 karod Devi devtaon ko ek Vishesh sthan per rakhkar bhog lagate Hain usi prakar Apne man baap yane sabhi sambandhiyon Ko bhi ek Vishesh sthan per bhog Laga kar rakh de vah bhog se khana ko prapt kar lenge
Hindu samaj walo ko France aur Britain ka haal dekh kar bi samaj nahi aata.2014 mey Modi ji ko kis liye vote kia aur bo kar kya rahe hai aysy hi hamare sanatani bi sab Devta ka saath leke rahe gy, Dharm jae baad mey.
Tum Ghar ke mandir me diya jalao wo bhi yagna hai. Bhojan se pehle Pashu ko khana do, fir bhagvan ko yad kar ke khao wo bhi ek Yagna hai esa Bhagvat puran or Geeta me likha hai
आपकी बात में भी अंधविश्वास है, कबीर पंथ में,एक पारख सिद्धान्त की परम्परा है, कबीर खुद पारख सिद्धान्त के शिरोमणि संत हैं,आप स्वामी जी,पारख सिद्धान्त के संतों से मिले, उनकी पुस्तकें पढ़ें, वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखा जाता है, वहां अंधविश्वास, पाखंड, रूढ़िवादी,पौगापथी बिल्कुल नहीं चलता।
ईसाई भी अपना प्रचार कर रहा है मुसलमान की अपना प्रचार कर रहा है फिर अपने सबसे पीछे रह रहे हो आप भी तो हर गांव में जा सकते हो ग्रुप बना सकते हो गांव में बहुत सारे बड़े बुढे खाली बैठे हैं सारा दिन ताश खेलते रहते हैं उन्हीं को अपने साथ लो और प्रचार करो वीडियो हर कोई नहीं देखता
स्वामी जी आपको तो हमसे ज्यादा ज्ञान है फिर भी आपकी वीडियो का टाइटल 33 करोड़ है जबकि हमारे सनातन धर्म में बताया गया है कि हमारे भगवान 33 कोटि हैं न कि 33 करोड़। अगर आपकी वीडियो द्वारा ही गलत ज्ञान दिया जाएगा तो आम जनता को सही ज्ञान कैसे मिलेगा।
Aissa hai aonai arya sidhant sabhii pai matt thoppo ok 🤔not inly agnii bhaww hai sabsai upper ok ajj mujhai lagtaa hai Arya samaj too khudd reform kii jarrurat hai sarrai arya samajii ghamandi and akk barr banyye rules like mandir nahii jayengai 😢bhagti andolan sai durrrahoo aissai dramey hai.Arrai iss liyai aploggo sai jyadaa ISCON Succesfull hoo rahaa hai and achaa hai koi too Hindu vanaa rahaa hai loggo koo kyukii wo according to time apnai app koo badal ti gai and hamara Arya samaj parivartan nahii karr rahaa hai and as per Bhagwan Whri Krishna ji Parivartan shrishti kaa niyam hai nahii too app khatam hoo jaoo gai 🤔
33 koti devata ka Matlab 33 Vidha (type) ka devata hota hai. Sanskrit me Koti ka matlab karod (crore) nahi hai. Basic Sanskrit padlijie, Samajlijie. Baad me sanatan ka aadyatm pravachan karnese such bol paoge.
33 करोड़ देवी देवताओं को मनाना कोई जरूरी नहीं है जिस देवता को मानना है वह अपने हृदय में होना चाहिए आप भी महाराज कुछ शब्द गलत बोल रहे हैं बेटू की बातें कर रहे हैंया बैठकर बढ़िया हसनपुर बैठने से बड़ी बातें बोलने से नहीं होता कुछ लोग आपके सामने बोलना नहीं चाहते भगवान भगवान कोला का मान सम्मानकरते हैं एक देवता को पड़े चाहे वह अपने पिता कोई पड़े चाहे अपने ईश्वर को पड़े वहीं हाजिरहोता है और उनका खाना खिलाना तो वह तो मन से खिलाना पड़ता है वह भोजन करते थोड़ी है तो सबको मालूम है आस्था बड़ी चीज होती है अब जाने आगे आ जाने हमें किसी का विरोध नहीं करना जय भारत जय हिंद
आप बोल रहे हो की कान में नही डलेगा भोग, मुंह में ही डालना होता है, अग्नि में डालने से भी खाना कोई नही खा पाता खाना वहा पे भी जल जाता है,, आप कहते हो आडंबर और पाखंड नही करते हम,, ये आडम्बर नही है तो क्या है की किसी का नाम लेकर अग्नि में आहुति ये भी तो आडंबर ही है,, आप कहते हैं की वैज्ञानिक बात करते हैं हम,, मुझे सिद्ध कर के दिखाओ,, आप को देवता समझ कर अपने घर पर आप के नाम की आहुति देता हु, आप खाना मत खाना बिना मुख के, में आप को अग्नि द्वारा खिला दूंगा क्या खा लेंगे आप नही तो फिर ये अंधविश्वास पाखंड आडंबर नही है तो क्या है आदरणीय भ्राता श्री
आप अपनी मूर्खता का ही परिचय दे रहे है एक मिर्च एक आदमी को भी काम है अग्नि को समर्पित करने पर एक मिर्च पूरे पांडाल में उपस्थित हर मनुष्य को प्रभावित करती है। पीपल देवता, बड़ देवता 33 कोटि देवता का अर्थ नही पता
Maharaj ji aap Devta ko le ke keuin pareshan ho? Sanatani ko analysis karne ke liye aapka akkel chahiye. Aapka lecture se proof hota hai you are innocent about 33 koti(prakaar) Devi Devta. Dayanand ji jo gyan diya aap Uska andhar hi lecture dijiye. Don't criticize others.
स्वामी जी सादर प्रणाम। कृपया सोचकर समझकर बोलें तैंतीस कोटि का अर्थ तैंतीस प्रकार है न कि तैंतीस करोड़। अतः आप से अनुरोध है कि अपना अज्ञान लोगों कोन पढ़ाऐ । धन्यवाद।
दूसरों को मनाने के लिए क्यों प्रेरित कर रहे हो, आप खुद राम और कृष्ण की बात नहीं मानते, केवल एक व्यक्ति दयानंद सरस्वती की बात को सर्वोपरि मानते हो, राम जी ने तुलसीकृत रामचरितमानस में क्या-क्या कहा है क्या आप उसे मानते हो, भगवान कृष्ण ने श्रीमद् भागवत में विष्णु पुराण में पद्म पुराण में बड़ा पुराण में मार्कंडेय पुराणमें नारद पुराण में गुरु पुराण में ब्रह्मा एवं अन्य सभी पुराणों में क्या कहा है क्या आप उसे मानते हैं, आप तो पुराणों को ही,सत्यनहीं मानते, आपके दिमाग में च** दयानंद सरस्वती ने अच्छा बुरा कचरा भरा है, उसे ही पत्थर की लीख मानते हो, आप ने जो यज्ञ बताए हैं, उसे 100 गुनायज्ञ पुराणों में वर्णित है क्या आप उन्हें मानतेहैं उनका का उपदेश कभी कर सकते हैं, एक पागल आदमी के लिए बार बार रिसी रिसी, चिल्लातेरहते है, हर हर महादेव,
Qki yeh koti sabd ka prayog v Arya samaj ne sashtranusar hi kaha... Nhi hindu swayam confusion me tha... Karod devi devta... Wastaw me yeh sab nirjiv jad hei ... Ek iswar hi Chetan hei ,jisko shastro me om omkar naam se jana jata hei Jo sarvatra hei .. nirlipt aur nirakar hei... Wohi shuv hei wohi vishnu v ar bramha v...uske gunvachi naam...
वैज्ञानिक दृष्टीकोन से आपने समजाया मुझे समझ में आया.
हमारे पास तेल निकालने वाला कोलू और मशीन हैं जिस दिन हम तेल निकालते है तब उसी तेल का दिया जलाते.
हमारी दादी कहती थी यह भगवान के पास जाता हैं.
स्वामी जी आपने वैज्ञानिक तरीकेसे समजाया यह मुझे बहुत अच्छा समज में आया.
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त❤❤
सन्यासी ही सबका गुरु है सन्यासी ही विश्व गुरु है सही मायने में संसार के सभी लोगों का एकमात्र गुरु सन्यासी है जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
Jagnya bhagban ki jai
सबसे बड़ा धर्म वहीं जों बिना वज़ह से किसी को नुक्सान नहीं पहुंचाए मानव मानव में भेदभाव नहीं करे किसी प्राणी कि हत्या नहीं करें जों पापी है उसको विरोध करें
🕉परम पूजनी वेद माता गायत्री युवा वाहिनीसंथापक अरविंद सिंह🙏आर्यसमाजजिन्दाबादसनातनजिन्दाबाद
Om Swami ji
ओ३म् स्वामीजी सादर नमस्ते
मान्यवर,, हमारे तो भोग लगाने का तरीका कुछ ऐसा है,,,।३३,,कोटि हो या ३३, प्रकार के,,,। सम्पूर्ण देवि -देवता,,को, एक थाली मे परोसकर कोई विशिष्ट स्थान पर रख देते हैं,,। और सम्पूर्ण देवि,, देवता आकर अपने -अपने भाग ग्रहण करके आशीर्वाद देकर चले जाते है,,।एक और तरीका भी है,,,। हमारे घर में जब भोजन पकते हैं,,तो सबसे पहले अग्निदेव को परोसते हैं,,।और अग्निदेव ही सम्पूर्ण देवि,, देवताओं को,, बांट देते है,,।,,,,,,महात्मन,, यदि मुझसे भूल हुई है तो,, अन्तर्मन से क्षमा चाहता हूं,,,जै श्री राम,,,,,।
Achh khha
जय आदि आचार्याय नमः।
Kisi bhi dharm ka scientist sanyasi hota hai aur teacher purohit hai. Isliye scientists ke raste per chalo tabhi sache isawar ko paoge❤❤❤❤❤❤
33 कोटि का अर्थ 33 प्रकार हैं
शाष्टांग प्रणाम वेदाचार्य 🙏🙏
Om
🔥 स्वामी 👋जी...सादर 🙏चरणस्पर्श! समय चक्र व अज्ञानता के कारण ,हम अपनी ग्रहस्थ जीवन में "श्रम,गौ पालन" के चलते, बाहर नहीं जा सकते? अपितु अपने तरंगमय (वैदिक प्रचार) सुनने समझने से 🌄जीवन में ❤🙏⭐👋💪 प्रकाश किरणों का आगमन ⭐⭐⭐⭐ होने लगा है!
स ❤️ स्नेह, स 🙏 सम्मान धन्यवाद
दीवाना अंचल ❤🙏⭐💪 दीवान
सत्य काआगमन 5 नवंबर 1995 को हो चुका है प्रथम गुरु के प्रथमशिष्य महेंद्र मंडल जी छत की प्राप्ति करके सबको प्राप्त कर देते हैं
🕉 Jay Shri Ram 🔱 🕉 Ram Ram ji 🙏
❤जय भम 💐🙏
સાદર નમસ્તેજી સ્વામીજી
जय श्री राम ❤❤
हम यज्य नहीं यग्य-यज्ञ करते हैं
सूर्य को जल देने मात्र से सभी देवताओं की आराधना हो जाती है
अग्नि में दी हुई आहूति सूर्य को प्राप्त होती है
यज्ञ = य+ज्+य होता है | इसका उच्चारण जो स्वामीजी कर रहे हैं वह व्याकरण की दृष्टि से वह सर्वथा उचित है और सटीक है शुद्ध है | यग्य कौई शब्द होता ही नहीं यग्य अशुद्ध उच्चारण है।
स्वामी जी अग्नी वय् मुखम् देवांना ये मंत्र किस ग्रंथ मे है वेदो मे है या और कोई ग्रंथ मे है बतानेकी कृपा करे 🙏🚩
Guruji Apko Hamra Kotti Kotti Vandan🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌻🌹🚩🚩🚩🚩🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Mae satyarth prakas ko mannae wali hu.
Ye hi sach hai Guru ji
Dharti mata ki puja karne se sabhi devta khush ho jayega. Jai dharti mata🙏
Swami ji namaste
स्वामी जी देश को बचा लो आने वाला 20 साल में निश्चितरूप से मुस्लिम देश होने जा रहाहै हिंदू मानव को जागनापड़ेगा।
याद रखो देश में मुस्लिम को मजबूत करने का श्रेय हिन्दू धर्म के पाखण्ड जातिवाद और ऊंच नीच की घिनौनी सोच को जाता है
Guru Brahma Guru Vishnu Guru devo maheshwara Guru sakshat sahayata samay Shri guruve namah
Om namestagi 🙏
Om namste guru ji
Swami ji aap mahan h
Shri Radhe Radhe Shri Ram Jay Ram Jay Jay Ram Shri Ram Jay Ram Jay Jay Ram Jay bhole Baba
अब सही है
स्वामी जी कोई गुरुकुल बताइये जो फ्री हो मेरे बालक को प्रबेश कराना है
❤❤🎉🎉 guru ji ko koti koti pranam
हम हवन करें घर में तो हम घर वाले कैसे करें क्या मंत्र बोलकर करें जो सब देवताओं का एक ही मंत्र हो स्वामी जी बताने 🙏🏻🙏🏻
नमस्ते जी 🙏 कैथल हरियाणा
स्वामी जी अग्नी वय् मुखम् देवांना ये मंत्र किस ग्रंथ मे है वेदो मे है या और कोई ग्रंथ मे बतानेकी कृपा करे 🙏🚩
Namaste sawani ji
समुद्र पर पुल बनाने की जरूरत क्यौ पड़ी जब सभी पर विमान था ।
स्वामी जी वो परमात्मा हमें कैसे मिलेगा क्या आपको मिल चुका है
Arya samaj amar rhe
कबीर साहेब ने कभी भगवान विरोध नही किया पाखंड का विरोध किया
Jo log kahate Hain ki Bhagwan ka bhog lagane ke liye Agni mein dalne se jal jata hai vah log murkh hote hain jaise ki man Lo Agni mein dalne se bhog jal jata hai Lekin uski sugandhi to har manushya ke mukh mein jaati hai aur devtaon ke mukhya aur Kan naak se jaati hai jaise ki man Lo aap havan mein 1 kilo mircha dal do to aadami Ko Na chahte hue bhi har kisi ke Kan naak aur aankh mein mirchi ki durgandhi jayegi ISI prakar Bhagwan agnipath ka hai
🕉️🙏🏻
स्वामी जी कोई गुरुकुल बताइये जो फ्री हो मेरे बालक को प्रबेश कराना है बालक 8 वर्ष का है
Haryana jind vpo kalva gagoli rod par gurukul h
स्वामी जी
नमन करता हूं, सत्य वचन
Main Sanatan Dharm mein judna chahta hun
How to perform Yaj daily?Time?Pandit or no Pandit......
किसी जरूरत मंद इंसान को खिलाना ही सही हे
सबसे बड़ा अग्नि तो इंसान के शरीर के अंदर है काम क्रोध लोभ मोह यह सब चीज अग्नि से भी ज्यादा जलने वाला चीज है जो दिखता नहीं है इस अग्नि को कैसे शांत किया जाए इस अग्नि पर क्या चढ़ायाजाए यह समझाइए आप
33 krod nhi ,33 koti, devta hai,33 koti ka matla smgho, Swami ji,
यज्ञ करे कैसे?
33 कोटि मतलब तैतीस प्रकार के होते हैं महाराज जी। 33 करोड़ नहीं हैं अज्ञान हैं, भोग का मतलब भाव होता है खाते नहीं हैं महाराज जी, आप तो टीका तक नहीं लगाते है आप का उद्देश्य क्या है कन्फ्यूज हैं।😅😅
Swami sachidanand ji maharaj 33crore nahi kewaĺ 33 prakar ke hi devata hain. Agar sanatani log is galati ko dudhar de to koi anguli nahi uthaega.
आर्य भारत मे आऐ उससे पहेले द्रविड प्रकृति पुजा करते थे जेसे
अग्नि
जल
वायु
सुर्य
जमीन मे पढता था स्कुल बुक मे आता था आर्य ओर द्रविड युध्द हुआ था?
स्वामीजी! सत्याथॆ प्रकाश में महर्षि दयानंद के अनुसार-
मनुष्य सृष्टि तिब्बत में हुई, आर्य तिब्बत से भारत में आए, भारत में उससे पहले कोई नहीं बसता था
वेद रचना सृष्टि के साथ हुई
प्रश्न- उत्तर चाहता हूं
क्या हमारा डीएनए तिब्बतियो से मिलता है? हमारी शक्ल सूरत तिब्बतियो जैसी क्यों नहीं है?
वेद संस्कृत में क्यों हैं? तिब्बती भाषा में क्यों नहीं?
Pahle ye log apna kal aur pal sabit kar ke bataye
🧘
We expect discussion with
Kattar Sanatan Premi
Sachin Patil ❤ RUclipsr
on
Satyartha Prakash
💥
Siddhantic , Sadhanatmak , Phalatmak
Spiritual Science and Philosophy
of
Sanatan Vedic Hindu Dharma
&
Bhagvad Geeta
🚩
🔔🏹🤚🌝
तो पंडितजी आप कह रहें हैं कि देवता 33 करोड हैं। तब तो आप दयानंद सरस्वती के द्रोही हैं, क्योंकि दयानंद वेदों को मानते हैं और ऋग्वेद 10.52.6 कहता है कि देवता 3339 हैं। "त्रीणि शता त्री सहस्राण्यग्निं त्रिंशच्च देवा नव चासपर्यन् । औक्षन्घृतैरस्तृणन्बर्हिरस्मा आदिद्धोतारं न्यसादयन्त ॥" “Three thousand three hundred and thirty-and-nine deities worshipped Agni, they sprinkled (me) with butter, they strewed the sacred grass, and then made the invoker of the gods sit down.”
Group plant ko kitne patte hote Hain sabhi patte mein Pani dene ki jarurat nahin hai jad mein de do isliye aapko jis per jis per sada hai vah Ishwar ko de do to sabhi Ko mil jaega usmein 33 karod ko dene ki jarurat nahin hai
Jis prakar aap 33 karod Devi devtaon ko ek Vishesh sthan per rakhkar bhog lagate Hain usi prakar Apne man baap yane sabhi sambandhiyon Ko bhi ek Vishesh sthan per bhog Laga kar rakh de vah bhog se khana ko prapt kar lenge
Hindu samaj walo ko France aur Britain ka haal dekh kar bi samaj nahi aata.2014 mey Modi ji ko kis liye vote kia aur bo kar kya rahe hai aysy hi hamare sanatani bi sab Devta ka saath leke rahe gy, Dharm jae baad mey.
Guru ji kya yaj garib log kar sakte hain or aaj samigri kitani sud aa rahi hai kon bata sakta h
Tum Ghar ke mandir me diya jalao wo bhi yagna hai. Bhojan se pehle Pashu ko khana do, fir bhagvan ko yad kar ke khao wo bhi ek Yagna hai esa Bhagvat puran or Geeta me likha hai
Guru Ji sadar pranam
Guru Ji yae samay hindu pooja padhti ki burai karnae ka nahi hai,kathin samay hae sabko jodkar chalnae ki baatae batao please
साल में ३६० दिन होते हैं हिंदी महीने के अनुसार
Christian pr boliye parbaam
Gau mata ko khilake bhi apne bhagwan ko khush kar skte ht
अगर तुम अपने बाप की जगह किसी और के बाप को खिलाए गा तो क्या तेरे बाप का पेट भर जाए गा
Baba je pahale to aap.baba log janta ke dimag se ye bat nikalo 33 koti hi ya karod nahe to koi faida nahe babao ka
आपकी बात में भी अंधविश्वास है, कबीर पंथ में,एक पारख सिद्धान्त की परम्परा है, कबीर खुद पारख सिद्धान्त के शिरोमणि संत हैं,आप स्वामी जी,पारख सिद्धान्त के संतों से मिले, उनकी पुस्तकें पढ़ें, वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखा जाता है, वहां अंधविश्वास, पाखंड, रूढ़िवादी,पौगापथी बिल्कुल नहीं चलता।
Koti,ka,matlave,sirf,karode,hi,nhi,hota,koti,ka,matlave,oupadhi,bhi,hota,hai,teen,lock,taiteesh,devta,kisne,yehawa,chalai,ki,taiteesh,karode,devta,hai
33 कोटि के देवी देवता होते है न कि 33 करोड़
ईसाई भी अपना प्रचार कर रहा है मुसलमान की अपना प्रचार कर रहा है फिर अपने सबसे पीछे रह रहे हो आप भी तो हर गांव में जा सकते हो ग्रुप बना सकते हो गांव में बहुत सारे बड़े बुढे खाली बैठे हैं सारा दिन ताश खेलते रहते हैं उन्हीं को अपने साथ लो और प्रचार करो वीडियो हर कोई नहीं देखता
स्वामी जी आपको तो हमसे ज्यादा ज्ञान है फिर भी आपकी वीडियो का टाइटल 33 करोड़ है जबकि हमारे सनातन धर्म में बताया गया है कि हमारे भगवान 33 कोटि हैं न कि 33 करोड़। अगर आपकी वीडियो द्वारा ही गलत ज्ञान दिया जाएगा तो आम जनता को सही ज्ञान कैसे मिलेगा।
Koti means kinds and crore. It has 2 meanings.
There are 33 devta.
Ish par Arya samaj pehle hi shastronusar keh chuka hei .. aur yeh sab jad va nirjiv devta hei...
33 करोड़ भगवान नहीं 33 करोड़ देवी देवता होते हैं
अग्नि मे सब भस्म हो जाएगा अग्नि अच्छा है किसी जीव को खिला दो
to no the real biography of 33 crores deities go to brahmakumaris
तुम लोगों ने बकवास करने का ठेका ले रखा है
Bhagava vastra pahan ke inko jankari nahin hai 33 karod hai ya 33 koti hai aise agnani agar desh ko pravachan denge to Desh ka kya hoga
Murkha hai ye log
Ese gyan nh kahte agni bhagwan ka mukh hai narayan ka baki devi devta sabko apne kam pr lagaya gya hai unhe devi devta kahte hai
Aissa hai aonai arya sidhant sabhii pai matt thoppo ok 🤔not inly agnii bhaww hai sabsai upper ok ajj mujhai lagtaa hai Arya samaj too khudd reform kii jarrurat hai sarrai arya samajii ghamandi and akk barr banyye rules like mandir nahii jayengai 😢bhagti andolan sai durrrahoo aissai dramey hai.Arrai iss liyai aploggo sai jyadaa ISCON Succesfull hoo rahaa hai and achaa hai koi too Hindu vanaa rahaa hai loggo koo kyukii wo according to time apnai app koo badal ti gai and hamara Arya samaj parivartan nahii karr rahaa hai and as per Bhagwan Whri Krishna ji Parivartan shrishti kaa niyam hai nahii too app khatam hoo jaoo gai 🤔
You are right
33 koti devata ka Matlab 33 Vidha (type) ka devata hota hai. Sanskrit me Koti ka matlab karod (crore) nahi hai. Basic Sanskrit padlijie, Samajlijie. Baad me sanatan ka aadyatm pravachan karnese such bol paoge.
Pakhand m ghus gya h desh
33 करोड़ देवी देवताओं को मनाना कोई जरूरी नहीं है जिस देवता को मानना है वह अपने हृदय में होना चाहिए आप भी महाराज कुछ शब्द गलत बोल रहे हैं बेटू की बातें कर रहे हैंया बैठकर बढ़िया हसनपुर बैठने से बड़ी बातें बोलने से नहीं होता कुछ लोग आपके सामने बोलना नहीं चाहते भगवान भगवान कोला का मान सम्मानकरते हैं एक देवता को पड़े चाहे वह अपने पिता कोई पड़े चाहे अपने ईश्वर को पड़े वहीं हाजिरहोता है और उनका खाना खिलाना तो वह तो मन से खिलाना पड़ता है वह भोजन करते थोड़ी है तो सबको मालूम है आस्था बड़ी चीज होती है अब जाने आगे आ जाने हमें किसी का विरोध नहीं करना जय भारत जय हिंद
When he is abusing others, People must leave his lectures.
Bcoz truth is bitter,n no body likes it..
😂😂😂😂😂😂😂😂😂
आप बोल रहे हो की कान में नही डलेगा भोग, मुंह में ही डालना होता है, अग्नि में डालने से भी खाना कोई नही खा पाता खाना वहा पे भी जल जाता है,, आप कहते हो आडंबर और पाखंड नही करते हम,, ये आडम्बर नही है तो क्या है की किसी का नाम लेकर अग्नि में आहुति ये भी तो आडंबर ही है,, आप कहते हैं की वैज्ञानिक बात करते हैं हम,, मुझे सिद्ध कर के दिखाओ,, आप को देवता समझ कर अपने घर पर आप के नाम की आहुति देता हु, आप खाना मत खाना बिना मुख के, में आप को अग्नि द्वारा खिला दूंगा क्या खा लेंगे आप नही तो फिर ये अंधविश्वास पाखंड आडंबर नही है तो क्या है आदरणीय भ्राता श्री
आप अपनी मूर्खता का ही परिचय दे रहे है
एक मिर्च एक आदमी को भी काम है
अग्नि को समर्पित करने पर एक मिर्च पूरे
पांडाल में उपस्थित हर मनुष्य को प्रभावित करती है।
पीपल देवता, बड़ देवता
33 कोटि देवता का अर्थ नही पता
Maharaj ji aap Devta ko le ke keuin pareshan ho? Sanatani ko analysis karne ke liye aapka akkel chahiye. Aapka lecture se proof hota hai you are innocent about 33 koti(prakaar) Devi Devta. Dayanand ji jo gyan diya aap Uska andhar hi lecture dijiye. Don't criticize others.
स्वामी जी सादर प्रणाम। कृपया सोचकर समझकर बोलें तैंतीस कोटि का अर्थ तैंतीस प्रकार है न कि तैंतीस करोड़। अतः आप से अनुरोध है कि अपना अज्ञान लोगों कोन पढ़ाऐ । धन्यवाद।
In baba ji ko khud hi nahi pta, ye to aur andhvishwas badha rahe hai, logo ko jagruk kya krenge
उन्होंने भी तैंतीस ही बोला ध्यान से सुनो
Koti koti naman ka matlab karoron naman hai naki tarah tarah ka naman .koti ka meaning karor hi hota ha .baten na banawen.
दूसरों को मनाने के लिए क्यों प्रेरित कर रहे हो, आप खुद राम और कृष्ण की बात नहीं मानते, केवल एक व्यक्ति दयानंद सरस्वती की बात को सर्वोपरि मानते हो, राम जी ने तुलसीकृत रामचरितमानस में क्या-क्या कहा है क्या आप उसे मानते हो, भगवान कृष्ण ने श्रीमद् भागवत में विष्णु पुराण में पद्म पुराण में बड़ा पुराण में मार्कंडेय पुराणमें नारद पुराण में गुरु पुराण में ब्रह्मा एवं अन्य सभी पुराणों में क्या कहा है क्या आप उसे मानते हैं, आप तो पुराणों को ही,सत्यनहीं मानते, आपके दिमाग में च** दयानंद सरस्वती ने अच्छा बुरा कचरा भरा है, उसे ही पत्थर की लीख मानते हो, आप ने जो यज्ञ बताए हैं, उसे 100 गुनायज्ञ पुराणों में वर्णित है क्या आप उन्हें मानतेहैं उनका का उपदेश कभी कर सकते हैं, एक पागल आदमी के लिए बार बार रिसी रिसी, चिल्लातेरहते है, हर हर महादेव,
Is aadmi ko Dayanand Saraswati ke siwa duniya me kuch dikhai hi nahi deta.
तेंतीस कडोर नहीं तेंतीस कोटि कहो भाई
Qki yeh koti sabd ka prayog v Arya samaj ne sashtranusar hi kaha... Nhi hindu swayam confusion me tha... Karod devi devta...
Wastaw me yeh sab nirjiv jad hei ... Ek iswar hi Chetan hei ,jisko shastro me om omkar naam se jana jata hei Jo sarvatra hei .. nirlipt aur nirakar hei... Wohi shuv hei wohi vishnu v ar bramha v...uske gunvachi naam...
आप उनको हर विडियो देखो समझ में आयेगा
Mat laga bhog tumse mag rahe hai kiya dewata..