Low Level Language क्या है | मतलब | प्रकार | उदाहरण | फायदे | नुकसान | |What is Low Level Language

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  • Опубликовано: 11 сен 2024
  • लो लेवल (Low Level Language) लैंग्वेज दो प्रकार का होता है
    एक होता है|
    मशीन लैंग्वेज (Machine Language) और दूसरा असेंबली लैंग्वेज (Assembly Language), मशीनी लैंग्वेज बायनरी कोड (Binary Code) होता है और कम्प्यूटर सिर्फ इसी भाषा को समझता है। इसमें कंप्यूटर ओर प्रोसेसर के द्वारा सीधा आदेश को साझा किया जाता है। इसमें 0 और 1‌नम्बर के बिटकोड का उपयोग किया जाता है जो 8 कि संख्या में होती है। मशीन भाषा को बिना किसी अनुवादक के सीधे कंप्यूटर को प्रस्तुत किया जा सकता है लेकिन इसे समझने और लिखने के लिए मानव को बहुत कठिनाई होती है क्योंकि हर एक शब्द के लिए हर एक अक्षर के लिए अलग-अलग 8 अंकों को बिटकोड होता है।
    असेंबली भाषा भी लो लेवल भाषा होती है लेकिन इसमें बायनरी कोड की जगह नंबर और सिंबल्स का उपयोग किया जाता है इसे मशीनी भाषा में थोड़ा अधिक समझने में मदद मिलती है और प्रोग्राम को थोड़ा सा आसान बनाती है असेंबली भाषा का एक मुख्य उद्देश हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच संवाद को संभव बनाना है इन भाषाओं का उपयोग लो लेवल प्रोग्रामिंग में अधिक होता जैसे कि हार्डवेयर कंट्रोल ड्राइवर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और विशेष उपकरणों के साथ कम्युनिकेशन बनाना यह प्रोग्रामिंग भाषाएं हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तुलना में अधिक समय लेती है और कंप्यूटर की स्क्रिप्ट को समझने में मदद करती है|
    बाइनरी लैंग्वेज (Binary Language) बाइनरी भाषा में केवल दो संख्याओं, यानी 0 और 1, का उपयोग किया जाता है।
    कंप्यूटर के सारे डेटा और इंस्ट्रक्शन्स (आदेश) को बाइनरी नंबर सिस्टम में प्रस्तुत किया जाता है। जिसको हम मशीन लैंग्वेज भी कहते है|
    यहां, 0 और 1 प्रकार की संख्याएं को बिट कहा जाता है। इन बिट के संयोजन (Collection) से विभिन्न प्रकार के डेटा, जैसे कि नंबर, अक्षर, तसवीर, ऑडियो, वीडियो, आदि को कंप्यूटर में संग्रहीत किया जाता है और उन्हें प्रोसेस किया जाता है।
    हर एक बाइनरी कोड बाइनरी अंकों का एक पैटर्न होता है, जिसे बिट्स भी कहा जाता है| उदाहरण के लिए, आठ बिट्स की एक बाइनरी स्ट्रिंग जिसे बाइट भी कहा जाता है|
    एसेम्बली भाषा (Assembly Language) एक low-level प्रोग्रामिंग भाषा है, जो कंप्यूटर की हार्डवेयर के स्तर पर संचालित होती है। यह एक symbolic representation होती है, जिसमें कंप्यूटर के Base Instructions को सिम्बल्स द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। जिससे प्रोग्रामिंग में समझने में आसानी होती है।
    एसेम्बली भाषा के फ़ॉरमैट में, प्रत्येक इंस्ट्रक्शन को एक मनचित्र (mnemonic) नाम दिया जाता है जो इंस्ट्रक्शन की प्रकृति को दर्शाता है, और उसके बाद उसके आधारभूत मशीन भाषा बाइनरी कोड का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक या अधिक पैरामीटर (ऑपरेंड) आता है।
    मशीनी भाषा का उदाहरण (Example of Machine Language)
    मशीन भाषा को बाइनरी भाषा के रूप में प्रकट किया जाता है जिसमें केवल दो संख्याएं, यानी 0 और 1, होती हैं।
    मशीन भाषा का लेखन और समझना मानवों के लिए कठिन होता है क्योंकि इसमें केवल बाइनरी नंबर होते हैं। लोगों को इसे सीधे समझने में दिक्कत होती है|
    मशीन भाषा पोर्टेबिलिटी का समर्थन नहीं करती है क्योंकि यह निर्दिष्ट हार्डवेयर और प्रोसेसर पर निर्भर करती है। एक विशिष्ट प्लेटफ़ॉर्म के लिए लिखे गए मशीन भाषा कोड को दूसरे प्लेटफ़ॉर्म पर चलाने के लिए पुनः लिखना पड़ता है।
    असेंबली भाषा का उदाहरण (Example of Assembly Language)
    एसेम्बली भाषा में इंस्ट्रक्शन्स को सिंपल वर्णनात्मक प्रतीकों, जिन्हें मनचित्र (mnemonics) कहा जाता है|
    एसेम्बली भाषा को समझने और लिखने में मशीन भाषा की तुलना में आसानी होती है। इसमें मनचित्र नामों का उपयोग होता है जो प्रोग्रामिंग को समझने में मदद करता है और उसे लिखने के लिए कम समय लगता है।
    एसेम्बली भाषा में लिखे गए प्रोग्राम्स को एक प्लेटफ़ॉर्म से दूसरे प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रांसलेट करने में आसानी होती है। यह पोर्टेबिलिटी का समर्थन करती है|
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