Sangat Ep.60 | Ibbar Rabbi on Poetry, Delhi, Aligarh, NBT, Exams, Gogol & Cancer | Anjum Sharma
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- Опубликовано: 16 сен 2024
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 60वें एपिसोड में मिलिए समादृत कवि इब्बार रब्बी से। सातवें दशक के कवि-पत्रकार इब्बार रब्बी का जन्म 2 मार्च 1941 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ। हिंदी में एम.ए. और पत्रकारिता में डिप्लोमा के साथ वह अध्यापक और पत्रकार के रूप में सक्रिय रहे। उन्होंने आदिवासियों और दलितों के बीच कार्य किया है।
‘खाँसती हुई नदी’, ‘घोषणा पत्र’, ‘लोगबाग’ और ‘वर्षा में भीगकर’ उनके चार काव्य-संग्रह हैं। उनकी चुनी हुई कविताएँ ‘कवि ने कहा’ सीरिज़ में प्रकाशित हैं। उन्हें ‘ओरिजेनिलिटी’ का कवि कहा गया है जो शिल्प के प्रोसेस में नहीं फँसते, तीक्ष्ण दृष्टि और संवेदना से कविता बरतते हैं। उन्होंने अलग ढंग की कुछ कहानियाँ भी लिखी हैं जिसने ध्यान आकर्षित किया। सरिता मासिक, नवभारत टाइम्स, आउटलुक आदि पत्र-पत्रिकाओं से उनकी संबद्धता रही। उन्होंने इतावली, रूसी आदि भाषाओं में कविताओं के अनुवाद किए हैं। कोशकारिता में भी उनका योगदान रहा है।
वह हिंदी अकादेमी दिल्ली के साहित्यकार सम्मान, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के विजयदेवनारायण साही पुरस्कार, शमशेर सम्मान, कविता समय सम्मान आदि से सराहे गए हैं। इब्बार रब्बी के निजी जीवन से लेकर उनके रचना-संसार और उनके संघर्ष को जानने-समझने के लिए देखिए अंजुम शर्मा के साथ संगत का यह एपिसोड।
इब्बार रब्बी की कविताएँ : www.hindwi.org...
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पालगोमरा का स्कूटर कई बार पढ़ी। आज उसके "मुख्य पात्र" के दर्शन हो गए। आनंद !
पता था कि इस लंबी कहानी का कथानक रब्बी जी के चरित्र के आसपास ही लिखा गया है। यह बात मुझे खुद उदय प्रकाश जी ने बताई थी, जब वह रोहिणी में रहते थे।
शानदार व्यक्तित्व हैं इब्बार साहब।
इब्बार साहब, निवेदन करना चाहूंगा कि मुझे भी दिल्ली से बहुत प्यार है। मैं पुरानी दिल्ली का वाशिंदा हूं और मेरे पूर्वज गालिब-मीर से पहले के हैं।
मज़ा आ रहा है अंजुम भाई। बोलने वाले के आगे सुनने के सिवा कोई और चारा नहीं बचता।
राजा अवस्थी, कटनी (मध्यप्रदेश)
इन्हें पढ़ा खूब है पर सुना और देखा पहली बार। सच पूछो तो बहुत गंभीरता से नहीं लिया इन के लेखन को। अभी प्रण किया है कि इन की कविता पुस्तकें खरीद कर विधिवत पढ़ूँगा। इन के कहने का अंदाज़ बड़ा प्यारा है। और सचमुच बेहद क्यूट व्यक्ति ❤
इब्बार रब्बी जी आप उन सभी विषयों को जल्द लिखेंगें जिनको आप लिखना चाह रहे है। अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ हिन्दवी का धन्यवाद इस ईमानदार संवाद का।😊😊
कल- कल बहते झरने से चंचल , धवल , पवित्र❤ आप कितने प्यारे हैं !
विश्वनाथ त्रिपाठी जी की संगत के बाद सबसे ज्यादा तृप्त करने वाली संगत लगी हमें..
अंजुम जी का नियंत्रण थोड़ा तो चिकोटी काटता ही है ख़ैर.. उनकी अपनी प्रतिबद्धताएं होंगी लेकिन .. रब्बी जी को सुनना ज़िया साहब को सुनने जैसा लगा..रस आ गया ।
पूरी टीम को साधुवाद।
वाह! नायाब बातचीत। रब्बी जी सवालों की नकेल से बार बार बाहर चले गए, लेकिन बहुत प्यारे लगे। गजब की जीवंतता। दोनों को हार्दिक बधाई। 🎉
अद्भुत, आनंददायक बातचीत। सलाम रब्बी जी।
आप खूब खूब लिखें और स्वस्थ रहें सर🙏
ग़ज़ब ज़िंदादिल आदमी हैं आप तो रब्बी जी।कैंसर का पता चलने के बाद लोग खाना-पीना तक छोड़ देते हैं और आप !
अद्भुत हैं आप!❤
शानदार,बड़े लेखक हैं|
रोकना का तरीका थोड़ा चुभा,कृपया लेखक को बहने दें ,बाद में एडिटिंग के दौरान काट पीट करे।
❤अंजुम जी❤Great job
खूब मजेदार बातचीत। रब्बी जी को जिस रूप में जानता रहा हूं उनकी शख्सियत और ज्यादा पुख्ता हुई। मुझे लगता है कि उन जैसा अनौपचारिक और बेवाक मेहमान संगत में कोई और नहीं रहा ❤❤
इब्बार रब्बी को पहली बार सुना ! बहुत रोचक और एकदम animated !
अद्भुत साक्षात्कार
कुल मिलाकर "रब्बियों" को देखना सुनना रोमांचक होता है .
इब्बार रब्बी जी को सादर प्रणाम।❤
क्या बतकही हुई !! शानदार व्यक्तित्व !शानदार अभिव्यक्ति!
अंजुम जी आपको भी बहुत बधाई।
यूनिवर्सल पावर का असर है आप के साथ 😊
बहुत आनंददायी है,अंजुम जी सुनिए तो सही लेनिन की कहानी ।टमाटर की त्रासदी अदभुद 👏👏👏
रब्बी जी को सुनके बहुत अच्छा लगा।
शुक्रिया!
गज़ब बहुत बधाई अंजुम जी
इ्ब्बार रब्बी साहब स्वत:स्फूर्त है , अनोखे रचनाकार हैं ।👏🙏
सुनने में जो रस आ रहा है, आहा! अवर्णनीय ❤
बहुत प्यारा सहज,सच्चा साक्षात्कार।
इब्बार रब्बी जी जल्द स्वस्थ हो यही कामना करते हैं।
भटकाव का बहुत दिलचस्प साक्षात्कार!👏
मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता 😊
कितने प्यारे और विलक्षण इंसान हैं ये
वह! अद्भुत
बड़े मस्तमौला! किसी के बस में न आने वाले!😊
अंजुम के लिए इस चंबल के नद को बाँधने का प्रयास बड़ा कठिन रहा!
अंजुम जी, कभी-कभी ट्विटर पर भी घूम आया करो😊
मैने भी बचपन में राधेश्याम रामायण खूब पढ़ी है। फिर रामचरितमानस, सिंहासन बत्तीसी और कल्याण का बाल अंक बार-बार पढ़ा। कविता के संस्कार शायद यहीं से पड़े।
Vah ji vah Sharma ji vrabbiji
Mental breakdown of real experience, great🎉🎉
बहुत अच्छा!
बहुत सहज मनुष्य है। बहुत से लेखको की तरह भंगिमा नही बनाता।
कितनी बार देख लूँ!
इब्बार् जी अनहद और आनंद में फ़र्क़ होता है.
बढ़िया।
Nice and honest 😮
फिर देखा आज। फिर देखेंगे।
मजेदार साक्षात्कार।
बतरस का ऐसा आनंद कम मिलता है।
बलराज साहनी के बाद रब्बी जी दूसरे ऐसे आदमी मुझे मिले जिन्होंने स्कूटर के लिए ड्राइवर रखा हुआ था.
KL Saigal Saab ke paas bhi motorcycle ka driver tha
पहले भी कई इंटरव्यूज में कई लोगों ने कहा है ,उदय प्रकाश जी वाले इंटरव्यू में भी एक कमेंट था कि अंजुम जी आप बीच बीच जब टोकते हैं तो वह चुभने वाला होता है। रब्बी जी के साथ इस इंटरव्यू में मैन भी यह महसूस किया ,प्लीज बीच में टाइम की दुहाई न दें। अगर आपको कुछ अंश काम करना है तो लेखक की सहमति के साथ एडिट करते समय काट सकते हैं।परंतु यह जो टोकना है...
इसका कारण यह है कि उनके पास कविता और कवि के समझ को बढ़ाने वाले प्रश्नों की सूची है। अगर कवि किस्सों में खो जाता है तो यह सभी के लिए मजेदार हो सकता है, लेकिन उनके मूल्यांकन के दृष्टिकोण से, वह कार्यक्रम के उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पाएगा।
@@rahulasthana4607 अच्छी बात कही सर आपने। मैं तो किस्सों के चक्कर में ही इंटरव्यूज सुनता हूँ,कुछ ऐसा भी जो शायद समझा न पाऊँ कि क्यों सुनता हूँ। शायद यह मेरी कमी है बाकी मूल्यांकन के लिए पढ़कर समझने से अच्छा विकल्प दूसरा नहीं लगता मुझे । बाकी आपकी बात से सहमत हूँ
विश्वनाथ त्रिपाठी जी की संगत के बाद सबसे ज्यादा तृप्त करने वाली संगत लगी हमें..
अंजुम जी का नियंत्रण थोड़ा तो चिकोटी काटता ही है ख़ैर.. उनकी अपनी प्रतिबद्धताएं होंगी लेकिन .. रब्बी जी को सुनना ज़िया साहब को सुनने जैसा लगा..रस आ गया ।
पूरी टीम को साधुवाद।
Mai bhi yahi mahsoos karta hoon. Bahut baar anjum ji ka andaz bhi bura lagta hai. Thoda agressive lagte hain
@@ashutoshmishra5374भाई जिया साब किस episode m h
यह सबसे खराब और सबसे अच्छा इंटरव्यू लगा।
बिलकुल जिंदादिली आदमी है इब्बार रवि साहेब
रब्बी जी अंजुम भाई को बुद्धिजीवी दिखने का मौक़ा ही नहीं दे रहे हैं😁😁
जिंदादिल इब्बार रब्बी
😀😀😀
इतने कम views 🥲🥲🥲
अंजुम शर्मा को जितना असहाय आज देखा, उतना पहले कभी नहीं देखा..... रब्बी साहब जैसे 2-4 मेहमान और बुला लिए तो अंजुम इंटरव्यू लेना भूल जायेंगे और एक अच्छा श्रोता बनकर उभरेंगे 😂😂😂