प्रश्न और उत्तर || दत्तोपंत ठेंगड़ी || DATTOPANT THENGADI
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- Опубликовано: 27 ноя 2024
- प० पू० डॉक्टर जी की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर हरियाणा कृषि विशवविद्यालय हिसार में दिनांक 27-03-1989 को श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी का प० पू० डॉक्टर जी के विचारो की प्रासंगिकता के विषय पर कालजयी उद्बोधन प्राप्त हुआ।
इस ऐतिहासिक भाषण के पश्चात अत्यंत ही महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर सत्र सम्पन हुआ।
वह प्रश्नोत्तर सत्र यहां समग्र अप के दिया जा रहा है।
जिन मित्रों ने वह ऐतिहासिक बौद्धिक वर्ग नहीं सुना है उनके लिए उसका लिंक यहां दिया जा रहा है
• डाॅक्टरजी का जीवन संदे...
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मतदाता और स्वयंसेवक में अंतर क्या ही सुंदर ढंग से बताया है श्रद्धेय ठेंगड़ी जी ने। 👌🙏🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद
बहुत-बहुत धन्यवाद
राम राम
जी भाई साहब राम राम
🙏🙏👌🙏
कैसे हैं बापू
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जो कार्य पद्धति है जिसका केंद्र बिंदु है प्रतिदिन सबलोग एक स्थान पर आये, कुछ समय एक-दूसरे के सहवास में बिताएं। कुछ सामूहिक कार्यक्रम करें। सामूहिक कार्यक्रमों से सामूहिक मन का निर्माण होता है, समष्टिगत कार्यक्रमों से समष्टिगत मन का निर्माण होता है, इस मनोविज्ञान के आधार पर वह सामूहिक कार्यक्रम करें। और यह समष्टि का संस्कार प्रतिदिन मन पर अंकित होता जाए यह विशेष बात है।
बहुत-बहुत धन्यवाद
सारगर्भित 👌👌👌👌
नमस्कार
बहुत सुंदर🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद