वर्तमान समय में दैनिक शाखा के प्रति अधिक ध्यान देने की तथा माननीय दत्तोपंत जी के बौद्धिक के श्रवण कर उन पर गहराई से चिंतन एवं मनन करने की आवश्यकता है आज के विषम परिस्थितियों में उनके निर्देशों की अनुपालन अति आवश्यक प्रतीत हो रही है
मैं 1982 में भिवानी में प्रथम वर्ष संघ शिक्षण का शिक्षार्थी था । उस वर्ग में श्री दत्तोपंत ठेंगडी के बौद्धिक के कुछ अंश मुझे अभी भी स्मरण हैं । वे महान विचारक, चिंतक और बौद्धिक हस्ती थे ।
सर, लेकिन वह इन प्रश्नों से बचते रहे । १. अगर संघ एक राष्ट्र भक्त संगठन है तो उसने राजनीतिक द्वेषवश अंग्रेजो का साथ क्यों दिया ? । २. डॉ हेडगेवार और गोलवलकर ने ब्रिटिश सरकार के इशारे पर राष्ट्र हित के साथ समझौता क्यों किया ? । ३, और संघ ने ब्रिटिश शासन काल में १९२५ से १९४७ गो हत्या के विरोध क्यों नही किया ? ।
@@sureshshinde2013 आप डाक्टर केशव हेडगेवार जी की जीवनी पढ़िए । उन्होंने संघ निर्माण के बाद भी आजादी के आन्दोलन में भागीदारी की और वे जेल भी गए । संघ को समझना है तो संघ में सक्रिय रूप से शामिल होना होगा ।
@@sureshshinde2013 प्रिय श्री सुरेश जी नमस्कार श्री विजय जी ने यथा समय आप को उचित राह बताई कुछ मुझे भी कहना है,,,,1925मैं संघ 7लोगो के साथ प्रारम्भ हुआ थाऔर 1947मैंभी इतने लोग नही थे जो कोइ उनके आजादी के आंदोलन में योगदान पर ध्यान देता हम सभी के पूर्वजो ने उस समय के प्रत्येक नागरिको ने मन, वचन ,कर्म से योगदान किया ही था उनमें संघ के लोग भी थे लेकिन किसी ने ध्यान नही दिया ,क्योंकि संघ इतना महत्व पूर्ण नहीं था और आज सभी नये लोग जो संघ को जानना चाहते हैं यही सवाल करते हैं,,, आप का बहुत आभार
VIJAY SEHGAL, मैं हलवासिया विद्या विहार के इस शिक्षा वर्ग में शिक्षक था । उन दिनों पद विन्यास और योगचाप स्वतंत्र विषय थे । मैं पद विन्यास पढ़ाता था । मैंने 1978 में तृतीय वर्ष का शिक्षण प्राप्त किया था । प्रथम वर्ष 1973 में अबोहर (पंजाब) तथा 1974 में द्वितीय वर्ष (शायद कुरुक्षेत्र में) का शिक्षण प्राप्त किया था । तब शिक्षा वर्ग 30 दिनों में पूरे होते थे । 1975 की 26 जून 12:00AM को देश में आपातकाल लागू कर दिया गया । तब मैंने सत्याग्रह किया और ज़िला कारागार (अब केंद्रीय कारागार) हिसार में क़ैद कर दिया गया । इसके बाद पहला तृतीय वर्ष 1978 में संपन्न हुआ और तृतीय वर्ष किया । क्योंकि तृतीय वर्ष 15 दिन पहले आरंभ होता है इसलिये कुरुक्षेत्र में गण शिक्षक हो गया । यूँ गण शिक्षक दिल्ली से थे । लेकिन विषयों पर मेरी निपुणता के कारण गण शिक्षक बना दिया । अगले वर्ष अर्थात् 1979 में एन सी जिंदल पब्लिक स्कूल पंजाबी बाग़ में शिक्षक के नाते गया । तब माननीय प्रेम चंद जी गोयल ने कहा कि जिस विषय को मैं कहूँ वह पढ़ाओ । मुझे योगचाप दे दिया ।
@@sureshshinde2013उदाहरणार्थ अगर एक नवजात बच्चे को किसी बलवान से युद्ध करने के लिए कहा जाए तो परिणाम आपको पता है क्या होगा.. ऐसे ही सघं का निर्माण एक नवजात बच्चे कि तरह था अग्रेंजो से लडने के लिए परिपक्व नही था
@@vinitdesai8549 बहुत-बहुत धन्यवाद । दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के मराठी बौद्धिक वर्ग के लिए मराठी भाषी मित्रों का सहयोग अपेक्षित है, कृपया आगे बढ़कर इस महान वैचारिक यज्ञ में अपनी भूमिका स्वीकार करें।
नमस्ते सर्वोत्तम टापेस्ट अवेयरनेस थ्रोट फॉर ऑल वर्ल्ड पीपल स्पेशली फॉर आरएसएस ऑल मेंबर्स प्रत्येक वस्तु व्यक्ति संस्था नीति नियम के अंतःकरण में छुपी होती है मूल शक्ति लीडर के ऑब्जरवेशन और दृष्टिकोण अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं वस्तुत इच्छा शक्ति संकल्प शक्ति परिश्रम शक्ति नैतिक शक्ति संघर्ष शक्ति बलिदान शक्ति में निहित होती है नो डाउट थैंक्स फॉर अच्छा गाइडेंस वंदे मातरम जय हिंद जय भारत आरएसएस जिंदाबाद
जो हुआ वैसा ही चलता रहेगा, हिंदू राष्ट्र अखंड बहता रहेगा, ऐसा ही होता रहेगा ऐसा पुनः पुनः हो मानना सही नही है। फैसला तो ताकत के आधार पर ही होगा, सनद रहे संख्या का वेग प्रजातंत्र मे बहुत प्रबल होता।
दत्तोपंत जी कहते थे की कई बार, बात या विषय समझ में नहीं आये, तो कोई समस्या की बात नही है, लेकिन अगर गलत समझ में आगया तो बहुत चिंता की बात हो जाती है। दत्तोपंत जी भाग्यवादी नही थे, लेकिन दृष्टा होने के कारण बहुत आगे तक देख सकते थे। जैसा स्वामी विवेकानंद जी ने कन्याकुमारी पर ध्यान के बाद विख्यात उद्घोष किया था, उसी प्रकार ईश्वर की योजना के साथ एकात्म होकर पुरुषार्थ के लिये प्रवृत होना, महान पराक्रम सम्पादित करना, अहर्निश सृजनरत रहना, युद्धरत रहना वह भी बिना ज्वर के। ( विगत ज्वर:)
जिन महानुभावों को दत्तोपंत जी के उद्बोधन उर्जा वान लगते है उन्हें यह संकल्प करना चाहिए कि प्रयास पूर्वक सभी दायीत्ववान स्वंयसेवकों को इनका श्रवण करवाना चाहिये तथा श्रवण उपरान्त इस पर चर्चा भी करना चाहिए जिससे यह गा्र्हय हो सके
बहुत-बहुत धन्यवाद ।दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के मराठी बौद्धिक वर्ग के लिए मराठी भाषी मित्रों का सहयोग अपेक्षित है, कृपया आगे बढ़कर इस महान वैचारिक यज्ञ में अपनी भूमिका स्वीकार करें।
@@hinduwayजी नमस्कार भाई साहब, मैं -सुभाष मल्होत्रा , शाखा- गटनायक से लेकर तहसील कार्यवाह का दायित्व , मैंने निर्वहन किया है। जून 1975 की OTC का मैं शिक्षार्थी था।और आंदोलन करके जेल जाने का ,मुझे अवसर भी मिला है । मैंने भाजपा ज़िलाध्यक्ष का दायित्व निभाया है ।9416994800 मैं आपसे फोन पर बातचीत के लिए इंतज़ार करुँ गा।धन्यवाद ।
नमस्कार सुरेश जी श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के साथ आप के संबंध रहे इसलिए आपसे एक निवेदन है कि अपने संस्मरण लिख कर अवश्य भेजें ताकि हम लोग उनकी वेबसाइट पर संस्मरण ओं को अपलोड कर सकें वेबसाइट का लिंक आप देख सकते हैं www.dbthengadi.in .
Thengade ji was a great thinker and orator. He had deeply thought over the Indian problems and their solutions. He was very optimistic. May God bless him with eternal peace!
1982 में हलवासिया विद्या विहार भिवानी में संघ शिक्षा वर्ग का आयोजन किया गया था । उस विद्यालय के भवन के दाईं ओर का प्रांगण बड़े खेल मैदान के लिये संरक्षित था । उसी मैदान को संघ स्थान बनाया गया । मैं वहाँ शिक्षक की भूमिका में उपस्थित था । यह बौद्धिक सुना । ‘आनंद वन भुवन की स्थापना हुई है’ पंक्ति भी मुझे स्मरण है । दोपहर के समय जब शिक्षार्थियों के लिये विश्रांति का समय था उस समय शिक्षकों की बैठक दत्तोपंत जी ठेंगड़ी ने ली थी । दत्तोपंत जी ने हलके और शांत मन से बैठक ली । शिक्षकों पर कोई दबाव नहीं था । उस समय मैं गण शिक्षक था । उन वर्षों में पद-विन्यास का शिक्षण स्वतंत्र रूप में पढ़ाया जाता । मेरे ज़िम्मे यही विषय सिखाना था ।
Shraddhey Dattopant Ji was most studious pracharak. In this speech he quoted WW 2’s Place of Dunkirk where friends nations won the war. Even Royal Indian Army’s more than 3 thousand persons of Sikh regiment participated and fought. Once I met Thengadi Ji during rest hours in Sang Siksha Varg in Kurukshetra. I was there as a Shikshak. I wanted to introduce a shiksharthi who was doing PhD in Haryana Agriculture University, Hisar. Immediately Shraddhey Dattopant Ji quoted William Wordsworth poem Yaro Unvisited. And said that I am as ordinary as a place near which a couple was resident and went to honeymoon at some other place in Europe. I bow myself.
वीडियो के विषय: संयम, मन जिसका विचलित न हो, सिद्धांत की शक्ति, अहंकार त्याग कर साथ आना संगठन, संगठन की शक्ति, व्यक्ति अलग अलग समय अलग शक्ति के स्तर पर रहता है ।
वर्तमान समय में दैनिक शाखा के प्रति अधिक ध्यान देने की तथा माननीय दत्तोपंत जी के बौद्धिक के श्रवण कर उन पर गहराई से चिंतन एवं मनन करने की आवश्यकता है आज के विषम परिस्थितियों में उनके निर्देशों की अनुपालन अति आवश्यक प्रतीत हो रही है
Sahi
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Rss is nation building organization, to increase students participations university, boards should give 5% additional marks
राष्ट्रऋषि श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को शत शत नमन
स्वागत है प्रथमेश
विषभार सहस्त्रेण गर्वं नायाती वासुकी वृश्चिको बिंदुमात्रेण क्रोधो वहति कण्टकम्।
बहुत सुंदर 🙏🙏🙏🙏🙏
मैं 1982 में भिवानी में प्रथम वर्ष संघ शिक्षण का शिक्षार्थी था । उस वर्ग में श्री दत्तोपंत ठेंगडी के बौद्धिक के कुछ अंश मुझे अभी भी स्मरण हैं । वे महान विचारक, चिंतक और बौद्धिक हस्ती थे ।
सर, लेकिन वह इन प्रश्नों से बचते रहे । १. अगर संघ एक राष्ट्र भक्त संगठन है तो उसने राजनीतिक द्वेषवश अंग्रेजो का साथ क्यों दिया ? । २. डॉ हेडगेवार और गोलवलकर ने ब्रिटिश सरकार के इशारे पर राष्ट्र हित के साथ समझौता क्यों किया ? । ३, और संघ ने ब्रिटिश शासन काल में १९२५ से १९४७ गो हत्या के विरोध क्यों नही किया ? ।
@@sureshshinde2013 आप डाक्टर केशव हेडगेवार जी की जीवनी पढ़िए । उन्होंने संघ निर्माण के बाद भी आजादी के आन्दोलन में भागीदारी की और वे जेल भी गए । संघ को समझना है तो संघ में सक्रिय रूप से शामिल होना होगा ।
@@sureshshinde2013 प्रिय श्री सुरेश जी नमस्कार श्री विजय जी ने यथा समय आप को उचित राह बताई कुछ मुझे भी कहना है,,,,1925मैं संघ 7लोगो के साथ प्रारम्भ हुआ थाऔर 1947मैंभी इतने लोग नही थे जो कोइ उनके आजादी के आंदोलन में योगदान पर ध्यान देता हम सभी के पूर्वजो ने उस समय के प्रत्येक नागरिको ने मन, वचन ,कर्म से योगदान किया ही था उनमें संघ के लोग भी थे लेकिन किसी ने ध्यान नही दिया ,क्योंकि संघ इतना महत्व पूर्ण नहीं था और आज सभी नये लोग जो संघ को जानना चाहते हैं यही सवाल करते हैं,,, आप का बहुत आभार
VIJAY SEHGAL, मैं हलवासिया विद्या विहार के इस शिक्षा वर्ग में शिक्षक था । उन दिनों पद विन्यास और योगचाप स्वतंत्र विषय थे । मैं पद विन्यास पढ़ाता था । मैंने 1978 में तृतीय वर्ष का शिक्षण प्राप्त किया था । प्रथम वर्ष 1973 में अबोहर (पंजाब) तथा 1974 में द्वितीय वर्ष (शायद कुरुक्षेत्र में) का शिक्षण प्राप्त किया था । तब शिक्षा वर्ग 30 दिनों में पूरे होते थे । 1975 की 26 जून 12:00AM को देश में आपातकाल लागू कर दिया गया । तब मैंने सत्याग्रह किया और ज़िला कारागार (अब केंद्रीय कारागार) हिसार में क़ैद कर दिया गया । इसके बाद पहला तृतीय वर्ष 1978 में संपन्न हुआ और तृतीय वर्ष किया । क्योंकि तृतीय वर्ष 15 दिन पहले आरंभ होता है इसलिये कुरुक्षेत्र में गण शिक्षक हो गया । यूँ गण शिक्षक दिल्ली से थे । लेकिन विषयों पर मेरी निपुणता के कारण गण शिक्षक बना दिया । अगले वर्ष अर्थात् 1979 में एन सी जिंदल पब्लिक स्कूल पंजाबी बाग़ में शिक्षक के नाते गया । तब माननीय प्रेम चंद जी गोयल ने कहा कि जिस विषय को मैं कहूँ वह पढ़ाओ । मुझे योगचाप दे दिया ।
@@sureshshinde2013उदाहरणार्थ अगर एक नवजात बच्चे को किसी बलवान से युद्ध करने के लिए कहा जाए तो परिणाम आपको पता है क्या होगा.. ऐसे ही सघं का निर्माण एक नवजात बच्चे कि तरह था अग्रेंजो से लडने के लिए परिपक्व नही था
सभीके लिऐ प्रेरणादायी है ।
माँ भारती के लाल को शत-शत नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित ।भारत माता की जय ।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
अद्भुत ओजवर्धक बौद्धिक❤
आपका हृदय से आभार hinduway
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
Mahan vicharak Dattopant ji shat shat Naman 🙏🏻 Indore la amchy ghari nehami yeche
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार। 🎉🎉
आपके पास कोई उनके संस्मरण हो तो अवश्य लिखें
बहुत ही बढ़िया बौद्धिक सुनने को मिला इस बौद्धिक से बहुत से विषय स्मरण हुआ
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
परम श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को सादर नमन
आपका एक एक शब्द स्वयंसेवक को ताकत देता था देता है और देता रहेगा
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Aj hamara hosala badhgaya ajase sagka mai sadrasa bangaya
आपका बहुत-बहुत स्वागत है
त्वदीयाय कार्याय बद्धा कटीयम्॥
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
एक एक शब्द मानो अपार प्रेरणा स्त्रोत स्वरूप है , मुख्यतः युवाओं के लिए .
जय माँ भारती
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Great 👍
Thengadi ji passed away in 2004. Great soul !
बहुत-बहुत धन्यवाद।
फारच चैतन्यमय बौद्धिक आहे
बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏
एक एक शब्द थेट हृदयात जातोय 😌🚩🙏🏼
@@vinitdesai8549 बहुत-बहुत धन्यवाद । दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के मराठी बौद्धिक वर्ग के लिए मराठी भाषी मित्रों का सहयोग अपेक्षित है, कृपया आगे बढ़कर इस महान वैचारिक यज्ञ में अपनी भूमिका स्वीकार करें।
विलक्षण व्यक्तिव श्री दत्तोपंत जी का यह प्रबोधन मन मंदिर को उर्जित कर नव संचार करने वाला है।
शुभमस्तु
Bahut achchha hai.
Bharat Mata ki jay
विष्णु जी आपका बहुत बहुत आभार
अद्भुत 🙏
सुभमस्तु
सत सत नमन 🌹🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
વેરી ગુડ.. જય હો..!!
नमस्ते सर्वोत्तम टापेस्ट अवेयरनेस थ्रोट फॉर ऑल वर्ल्ड पीपल स्पेशली फॉर आरएसएस ऑल मेंबर्स प्रत्येक वस्तु व्यक्ति संस्था नीति नियम के अंतःकरण में छुपी होती है मूल शक्ति लीडर के ऑब्जरवेशन और दृष्टिकोण अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं वस्तुत इच्छा शक्ति संकल्प शक्ति परिश्रम शक्ति नैतिक शक्ति संघर्ष शक्ति बलिदान शक्ति में निहित होती है नो डाउट थैंक्स फॉर अच्छा गाइडेंस वंदे मातरम जय हिंद जय भारत आरएसएस जिंदाबाद
@@anirudhprasad6890 बहुत बहुत धन्यवाद।
अद्भुत संगठनकर्ता माननीय ठेंगड़ी जी का उद्बोधन सामान्य युवा के मन में नई ऊर्जा भरने में सक्षम है।
Sexy
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
आज के समय जब देश कोरोनावायरस से लड़ रहा ऐसे में बहुत प्ररेणदायक है।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
जो हुआ वैसा ही चलता रहेगा, हिंदू राष्ट्र अखंड बहता रहेगा, ऐसा ही होता रहेगा ऐसा पुनः पुनः हो मानना सही नही है। फैसला तो ताकत के आधार पर ही होगा, सनद रहे संख्या का वेग प्रजातंत्र मे बहुत प्रबल होता।
दत्तोपंत जी कहते थे की कई बार, बात या विषय समझ में नहीं आये, तो कोई समस्या की बात नही है, लेकिन अगर गलत समझ में आगया तो बहुत चिंता की बात हो जाती है।
दत्तोपंत जी भाग्यवादी नही थे, लेकिन दृष्टा होने के कारण बहुत आगे तक देख सकते थे। जैसा स्वामी विवेकानंद जी ने कन्याकुमारी पर ध्यान के बाद विख्यात उद्घोष किया था, उसी प्रकार ईश्वर की योजना के साथ एकात्म होकर पुरुषार्थ के लिये प्रवृत होना, महान पराक्रम सम्पादित करना, अहर्निश सृजनरत रहना, युद्धरत रहना वह भी बिना ज्वर के। ( विगत ज्वर:)
बहुत सुंदर सर् ।नमन
बहुत बहुत धन्यवाद
साधु साधु
@@RameshPilot-kf5dx बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
THENGADI jee makes my lock down days into a learning time.. Bharat Mata ki Joy...
Dattopant samgra also available on web portal- dbthengadi.in
धन्य हैं भारत भूमि
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार। 🎉🎉
इस आवाज की जो ऊर्जा है अदभुत
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
जिन महानुभावों को दत्तोपंत जी के उद्बोधन उर्जा वान लगते है उन्हें यह संकल्प करना चाहिए कि प्रयास पूर्वक सभी दायीत्ववान स्वंयसेवकों को इनका श्रवण करवाना चाहिये तथा श्रवण उपरान्त इस पर चर्चा भी करना चाहिए जिससे यह गा्र्हय हो सके
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
जय श्रीराम
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Great thinkar maha manav datopantji
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
ऑब्जरवेशन आफ्टर करेक्ट कमेंट एडवाइस वंदे मातरम जय हिंद
@@anirudhprasad6890 बहुत-बहुत धन्यवाद।
गजब की आवाज, अद्भुत विषय व व्याख्या ... वन्दनीय 💐💐💐
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
dhany hai ye channel jisne aise mahaanubhavun ka audio ya vedio zinda rakha hai
शुभमस्तु।
Eye opener speech... Blessed to hear it
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
परम पूज्य गुरुजी का मार्ग दर्शन भारत के उज्जवल भविष्य के इतिहास ऊंचाईयों के साथ अग्रसर होता रहेगा
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Genius Thinker. A real Visionary and a long range thinker
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
मजदूर क्षेत्र में मजदूरों को एक दिशा और दशा देने वाले राष्ट्र ऋषि आदरणीय श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को शत शत नमन
Qqq
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
भारत माता की जय
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
मार्गदर्शना करीता अत्योत्तम बौद्धिक.
असे वाटतेय मलाच दिशा दाखवीत आहेत.
कृपया मराठी भाषणों को भी सुने
बहुत-बहुत धन्यवाद ।दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के मराठी बौद्धिक वर्ग के लिए मराठी भाषी मित्रों का सहयोग अपेक्षित है, कृपया आगे बढ़कर इस महान वैचारिक यज्ञ में अपनी भूमिका स्वीकार करें।
Most inspirational & Motivational approach.
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
विद्यार्थी परिषद जिंदाबाद।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
संगठन -स्वभाव की, गणित के फार्मूले से तुलना-(a+b)2=a2+b2+2ab यह श्रद्धेय ठेंगड़ी जी की ,विषय से एकात्म होने की वृत्ति का लाजवाब उदाहरण है।
अब तो अपना परिचय दे दीजिए फोन नंबर के साथ में।
@@hinduwayजी नमस्कार भाई साहब, मैं -सुभाष मल्होत्रा , शाखा- गटनायक से लेकर तहसील कार्यवाह का दायित्व , मैंने निर्वहन किया है। जून 1975 की OTC का मैं शिक्षार्थी था।और आंदोलन करके जेल जाने का ,मुझे अवसर भी मिला है । मैंने भाजपा ज़िलाध्यक्ष का दायित्व निभाया है ।9416994800 मैं आपसे फोन पर बातचीत के लिए इंतज़ार करुँ गा।धन्यवाद ।
Great Video. Great collection of the Greatest Thinker whom I saw Served & obeyed.
Asimdas ji नमस्कार कृपया अपना परिचय देने का कृपा करें
@@hinduway सुभाष मल्होत्रा हिसार ।9416994800
अत्यंत प्रेरणादायी👍💐
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
I am lucky person I had so many opportunities to talk to him personally and spent time with him
नमस्कार सुरेश जी श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के साथ आप के संबंध रहे इसलिए आपसे एक निवेदन है कि अपने संस्मरण लिख कर अवश्य भेजें ताकि हम लोग उनकी वेबसाइट पर संस्मरण ओं को अपलोड कर सकें वेबसाइट का लिंक आप देख सकते हैं
www.dbthengadi.in
.
देव पुरूष को नमन💐💐💐💐
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Bahut Sunder video Banaya aur dattopant ji ka bhashan atyant prernadayak hey
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Ozzpurn Vani, atyuttam udahran atulniye boudhk shaili. Thanks for sharing.
भाई साहब प्रणाम
Great words of wisdom by Shri Thengadi ji.🙏🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Bharat mata ki jay
जय श्री राम🙏
ठेंगरी जी का नाम सुना था अपने अधिकारी लोगो से, हिन्दुवै चैनल के कारण बौद्धिक सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। धन्यवाद।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
वर्तमान परिस्थितीमे उत्तम मार्गदर्शन
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Thengade ji was a great thinker and orator. He had deeply thought over the Indian problems and their solutions. He was very optimistic.
May God bless him with eternal peace!
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
अत्यन्त ज्ञानवर्धक जी
1982 में हलवासिया विद्या विहार भिवानी में संघ शिक्षा वर्ग का आयोजन किया गया था । उस विद्यालय के भवन के दाईं ओर का प्रांगण बड़े खेल मैदान के लिये संरक्षित था । उसी मैदान को संघ स्थान बनाया गया । मैं वहाँ शिक्षक की भूमिका में उपस्थित था ।
यह बौद्धिक सुना । ‘आनंद वन भुवन की स्थापना हुई है’ पंक्ति भी मुझे स्मरण है । दोपहर के समय जब शिक्षार्थियों के लिये विश्रांति का समय था उस समय शिक्षकों की बैठक दत्तोपंत जी ठेंगड़ी ने ली थी । दत्तोपंत जी ने हलके और शांत मन से बैठक ली । शिक्षकों पर कोई दबाव नहीं था । उस समय मैं गण शिक्षक था । उन वर्षों में पद-विन्यास का शिक्षण स्वतंत्र रूप में पढ़ाया जाता । मेरे ज़िम्मे यही विषय सिखाना था ।
श्रद्धेय दत्तोपंत जी के साथ में आपको कार्य करने का अवसर मिला आप अत्यंत सौभाग्यशाली है हम सभी का प्रणाम स्वीकार करें
Shraddhey Dattopant Ji was most studious pracharak. In this speech he quoted WW 2’s Place of Dunkirk where friends nations won the war. Even Royal Indian Army’s more than 3 thousand persons of Sikh regiment participated and fought. Once I met Thengadi Ji during rest hours in Sang Siksha Varg in Kurukshetra. I was there as a Shikshak. I wanted to introduce a shiksharthi who was doing PhD in Haryana Agriculture University, Hisar. Immediately Shraddhey Dattopant Ji quoted William Wordsworth poem Yaro Unvisited. And said that I am as ordinary as a place near which a couple was resident and went to honeymoon at some other place in Europe. I bow myself.
Most motivated speech
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Video are very use in hindu samaj
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
प्रेरक विचार
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
भारत माता की जय हो।
शुभमस्तु
जबरदस्त
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
शत् शत् नमन
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Naman 🙏🏻
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Visionary .....wah ji wah
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
संघ शिक्षा वर्ग में शिक्षक जाता रहा । तब यह बौद्धिक सुना था ।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Big personality, when I was small. I met him, taken his autograph as well. He just taken me in his lap.
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
संत समर्थ गुरु रामदास जी के ग्रन्थ दास बोध पढना चाहिए सभी युवाओं को भी इन संत का चरित्र पढना चाहिए
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
नमस्ते जी जय श्री राम जी 🚩🙏🏻
नमस्ते
नमन
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
शत शत नमन
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
भारत माता की जय संघ सक्ति कलयुगे
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
अद्भुत
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
बहुत ही बढ़िया
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
🚩🚩
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
महान बौद्धिक
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
बहुत सुंदर
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Jai hind jai bhart
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Jai Bharat
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
🙏🙏🙏🙏🙏no words only silence
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Bharat Mata ki Jai
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Bharat Mata Ki Jai 🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
वीडियो के विषय:
संयम, मन जिसका विचलित न हो, सिद्धांत की शक्ति, अहंकार त्याग कर साथ आना संगठन, संगठन की शक्ति, व्यक्ति अलग अलग समय अलग शक्ति के स्तर पर रहता है ।
आपकी टिप्पणी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपका स्वागत हैं।
@@hinduway मै ऐसे ही महान ऋषियों की जीवनी को देख रहा हूं, नेतृत्व की कई विद्याएं समेटे हुए है ऐसे महापुरुष :)
प्रणाम, 🙏😊
रवि सिंह चौधरी
श्रद्धेय दत्तोपंत जी ग्रीष्म ऋतु में अपने कुर्ते की बाज़ुओं को कोहनियों के ऊपर तक मोड़ते थे । यहाँ किसी दृश्य में वैसी बाज़ुओं को दिखाया गया है ।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Jai Shree ram
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
There needs an action dal of volunteers to support victims brain and hands are necessary
@@ChemistryWala-mv9lv बहुत-बहुत धन्यवाद।
🙏🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
मै तो माता के गर्भ.से ही यशस्वी हूँ। मै आद्य हूँ। ।
🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
माननीय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी महान नायक थे,
यदि हम उनकी दी गई शिक्षा पर हम चलते रहे तो अवश्य सासन प्रसासन को हमारी बात माननी पड़ेगी।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
ॐ
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
मै तो अपनी माता के गर्भ सै ही यशस्वी हूँ।
कुछ विस्तार से बताएं
यशस्वी नेतृत्व की आप क्या परिभाषा या व्याख्यान करेगे।
विस्तार से लिख कर बता नहु सकता संक्षेप मे आप दुविधा मे रहेगे ।
Jai jai shri ram
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
।।खल इदम ब्रह्म।।
सर्वं खल्विदं ब्रह्म तज्जलानिति शान्त उपासीत। अथ खलु क्रतुमयः पुरुषो यथाक्रतुरस्मिल्लोके पुरुषो भवति तथेतः प्रेत्य भवति स क्रतुं कुर्वीत॥
AJ SE SANG KYA HAI MUJE SAMJ AYI
आपका बहुत-बहुत आभार
नमस्कार
शुभमस्तु
Twadeeyaakaarya Baddha Kateeym.
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
आज शक्ति की भाषा कौम में बची ही नहीं। ऐसा क्यों हुआ।
প্রেরণা দায়ক বিচার প্রনাম 🙏🙏🚩🚩
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !