Sir ji आपके कहने से याद आया, चूहे के लिए ये गीत कहना हैं क्या ये नैन एक अन्जान से जो मिले चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले अरमां नये ऐसे दिल में खिले जीन को कभी मैं ना जानूं
मुझे इतने बेवकूफ लगते नहीं हैं जितना हम उन्हें मान लेते हैं। आज भी मुझे लगता है की अर्णव उनके जैसा interview साहेब का ले लें तो performance में बहुत फर्क नहीं होगा।
मुझे लगता है कि जो मीडिया वाले "परिस्थिति इतनी कठिन है और राहुल गांधी मजे कर रहे हैं" जैसी बात कर रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि अगर किसी के घर में कोई मृत्यु भी हो जाती है, तो भी कुछ कुछ सामान्य चीज़ें की जाती हैं, उसमे ऐसा नहीं कहा जाता कि "बताओ इनके यहां कोई खतम हुआ है और ये पूड़ी सब्जी खा रहे हैं।" लोगों को समझना चाहिए की राहुल गांधी की राजनीति के अलावा भी life है । और साहेब भी १६ घंटे राजनीति कर के कौन महंगाई कम करवा पा रहे हैं| कोरोना के वक्त जब शाह जी पूरे तंत्र पर नियंत्रण होने के बावजूद बोल रहे थे कि "विपक्ष क्या कर रहा था" तब ये वरिष्ठ पत्रकार क्या बोल रहे थे?
4:43 मई की बारिश का जबरदस्त बिंब चित्रण foodie बाबा ब्रो के द्वारा
बहुत जोरदार भईया, यू लगता है चोपाल पर बैठे है,नदी किनारे, दांत में तिनका दबाए,पीपल के पेड़ के नीचे ..
Sir ji
आपके कहने से याद आया, चूहे के लिए ये गीत
कहना हैं क्या
ये नैन एक अन्जान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नये ऐसे दिल में खिले जीन को कभी मैं ना जानूं
36:06 बाबा का गूढ़ ज्ञान 🙏👏👏👏
मैं इसी के लिए ही तीनताल सुन रहा हूं रात के 3 बजे ❤️
3:01 ताऊ का चरित्र चित्रण
2:45 बनारस का वो reference जिसे बाबा 82 एपिसोडों में 8200 बार बोल चुके हैं 😛
2:37 वाला अबे यार !!! ❤️😂
3:34 मई का अति दार्शनिक वर्णन
23:03 अज़ीज़ मियाँ की entry
39:05 बिज़ार ख़बर
23:12 असली बात क्या है
50:38 हाथी और चूहा
54:15 न्योता वाले श्रोता
5:05 मई की बारिश पर एक और रूपक _ सरदार के द्वारा
24:03 भारत के नेता और पश्चिम
15:00 बात भारत के पसंदीदा punching bag और हाल ही में खोजे गए उत्सव पशु(party animal) की
मुझे इतने बेवकूफ लगते नहीं हैं जितना हम उन्हें मान लेते हैं। आज भी मुझे लगता है की अर्णव उनके जैसा interview साहेब का ले लें तो performance में बहुत फर्क नहीं होगा।
47:58 बिज़ार कहानी _ सरदार
11:37 क्या आपको भी पता है कि सबसे ज्यादा चिट्ठियां किस महीने में लिखी गईं हैं?
32:46 योगी vs RaGa
9:52 हाय वाम 😭
7:28 may day की लबल्लबर और मई दिवस की ठसक
15:27 उत्तर भारत की चीनी पहचान क्षमता/ भाजपा की ऐतिहासिक समझ
वैसे पहचानने की क्षमता साहेब की भी जबरदस्त है । भाषणों में खासा बखान भी मिल जाता है।
6:09 PJ by Baba bro
12:00 चलो अब एजेंडा !
5:21 बाबा ने मई को may काहे नहीं बोला
20:08 मद्यपान 🍻और ग्रामीण मनोविज्ञान 🤔
29:11 तर्कविहीन hypocrisy
जिसे मैं भाजपा जन्य सामाजिक विक्षिप्तीकरण कहता हूं
25:54 राहुल गांधी क्या nero हैं
मुझे लगता है कि जो मीडिया वाले "परिस्थिति इतनी कठिन है और राहुल गांधी मजे कर रहे हैं" जैसी बात कर रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि अगर किसी के घर में कोई मृत्यु भी हो जाती है, तो भी कुछ कुछ सामान्य चीज़ें की जाती हैं, उसमे ऐसा नहीं कहा जाता कि "बताओ इनके यहां कोई खतम हुआ है और ये पूड़ी सब्जी खा रहे हैं।" लोगों को समझना चाहिए की राहुल गांधी की राजनीति के अलावा भी life है ।
और साहेब भी १६ घंटे राजनीति कर के कौन महंगाई कम करवा पा रहे हैं|
कोरोना के वक्त जब शाह जी पूरे तंत्र पर नियंत्रण होने के बावजूद बोल रहे थे कि "विपक्ष क्या कर रहा था" तब ये वरिष्ठ पत्रकार क्या बोल रहे थे?
17:14 भाजपा के नेता बेताब, फ्री में देते शराब 🍺