मेरी आंखों की पुतली में ||लहर: जयशंकर प्रसाद||

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  • Опубликовано: 10 фев 2025
  • इस वीडियो में हम छायावाद के प्रसिद्ध कवि जयशंकर प्रसाद की एक कविता पर चर्चा करेंगे।
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Комментарии • 5

  • @sahityatantra.
    @sahityatantra. 2 года назад +1

    बेहद सुंदर

  • @DKMKartha108
    @DKMKartha108 6 месяцев назад +1

    मेरी आँखों की पुतली में / जयशंकर प्रसाद
    मेरी आँखों की पुतली में
    तू बन कर प्राण समां जा रे !
    जिससे कण कण में स्पंदन हों,
    मन में मलायानिल चंदन हों,
    करुणा का नव अभिनन्दन हों-
    वह जीवन गीत सुना जा रे !
    खिंच जाय अधर पर वह रेखा-
    जिसमें अंकित हों मधु लेखा,
    जिसको यह विश्व करे देखा,
    वह स्मिति का चित्र बना जा रे!

  • @Mahadev_ki_deewani97
    @Mahadev_ki_deewani97 9 месяцев назад

    Bhut pyari avaj🥰