मिलम हमारे जोहार का सबसे सुंदर, सम्रृद्ध और व्यवस्थित गांव, मामाजी की प्रस्तुति से मिलम की सचमुच की यात्रा कर ली, ऐसा महसूस हुआ, शानदार वृतांत, जानकारियों के भंडार।
@@naveenatolia7113 भाईयो गांव घाटी मैं वापस आना होगा उन्हें जो बहुत दूर जा चुके है.. यहां जीवन है..old ancient ways..the golden way. The Himalayan way.. श्रद्धा और श्रम.. please come back to your home..your village ur vallys.. we are the children of God.. and we are the caretaker of this place..जय महामाटी.. 🙏 From ब्यास घाटी वाले..
सच मे जो बात कहीं है सर ने मेरे दिल ❤ को छू गयी। "मन करता है ये सब छोड़ू ये सब दुनियादारी छोड़ू । यदि भगवान इजाजत दे । तो फिर से वही जीवन जीने के लिए फिर से वही पहुँच जाऊँ वहीं मस्ती का जीवन वहीं प्यार का जीवन। वहीं प्राकर्तिक वातावरण। " जो शायद आधुनिक शहर के लोग कभी नही समझ पाएंगे।.......
पांगती जी की मनोकामना जरूर पूरी हो। मेरी भी कामना है। बहुत महत्वपूर्ण जानकारी पांगती जी ने दिया जो कि ऑथेंटिक है क्योंकि इन पलों को उन्होंने खुद जिया है, खुद महसूस किया है। और बहुत कुछ मैं भी समझने और महसूस कर पा रहा हूं। क्योंकि मैं Gamshali, नीती वैली से हूं। बुरफाल हूं । और 7 पीढ़ी पहले हमारे पूर्वज बुर्फू गांव से आए और gamshali में बस गए । ऐसा माना गया है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार जी 💐🙏
ब्यास घाटी मैं कुछ clans कैलाश मानसरोवर तिब्बत एरिया से सैकड़ों साल बाद रालम पातो, जोहार बसे फिर वहा से ब्यास घाटी आके भी बसे है कुछ तबके.. काफी सदियों मैं हुआ है ये.. गांव यहां पहले से बसे थे.. कुछ ऐसे केस भी ही..
बहुत सुंदर प्रस्तुति। दरअसल प्रायः कालान्तर में पूजा-पाठ व उपनाम आदि से ही लोगो के इतिहास के मूल तथ्य का पता चलता है। वस्त्र खान पान आदि मे तो भोगोलिक परिस्थिति के अनुसार कुछ बदलाव आ ही जाते है। मेने सुना था कि राजस्थान से तलवाडी/थराली मे रावत के तीन भाई बसे थे। उनमे से दो भाई चरवाहों के व्यवसाय में मिलम मलारी तरफ बढे। एक भाई तलवाडी मे ही रहा। करीब 100 वर्ष पहले तक यह परम्परा सुनी थी कि यदि मिलम मलारी का कोई रावत गुजर जाता था तो तलवाडी के रावत लोग भी कुछ दिन टोपी उतार कर शोक मनाते थे। श्री पागती जी का सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार एव धन्यवाद।
shandaar bhaisahib... maan khus ho gyya, pahle maine socha aise hi koi video hogi, lekin jab ye janaam bolna shuru kiye to video rok nahi payya or bahta chale gayya............wah wah
I find as if you are narating the story of Ladakh. Thanks to Utube it suggested your story to me just like that and just the name Milam made me to watch it. You have such a treasure of Photos, my mind and soul thoroughly thoroughly relished them. Pity with us in Ladakh is that we have no one left to tell the story. Yes, it definitely was 1962 that disrupted the whole flow of history and lifestyle in our part of the world changed for ever irreversibly. Thanks a lot you made my day.
सर आपको सुनकर बहुत अच्छा लगा। मेरे पिताजी भी तिब्बती ऊन कात्ते थे। बह बहुत गर्म होता था। आज़ का दुर्भाग्य ये है कि नई पीढ़ी को अपने इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है न ही अपनी मिट्टी से कोई लगाव है। पूरे पहाड़ का यही हाल है। भगवान आपको शतायु दे आप स्वस्थ रहें ।
अतिउत्तम विचार पांगती जी, सेवानिवृत होने के बाद अधिकतर लोग वापस मूल निवास यानि नीती माणा घाटी की ओर भी जा रहे हैं। अच्छी बात है जन्मभूमि को कभी भूलना चाहिए।❤❤
Pangati ji bahut bahut dhanyavad ham bhi Gaila madkot ke hai , par Milam aur jauhar, aur business ke baare me aapake dwara pata chala , bahut khushi huau . Apane elaake ke baare me jankar ❤❤
🙏🙏 आदरणीय पांगती अंकल जी ने मिलम का इतना सुंदर और सजीव चित्रण किया है और वहां के इतिहास से हमें परिचित कराया। यह मेरा सौभाग्य है कि देश की सीमा की रक्षा करते हुए मुझे 2023 में मिलम जैसे नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर स्थान में रहने का मौका मिला। सच में मिलम बहुत ही सुंदर स्थान है और गोरी गंगा नदी का उद्गम स्थान भी है। अब जल्दी ही वहां सड़क मार्ग पूरा होने वाला है। उम्मीद है कि अगली गर्मी के मौसम में वहां के निवासी वाहन द्वारा मिलम पहुंच सकेंगे। आदरणीय पांगती अंकल जी ने इस वीडियो में अपनी भावनाओं का जो रस उड़ेला है वह अद्वितीय है। आपको कोटि कोटि धन्यवाद और नमन है
सर्वप्रथम आपको व व्लोगर थर्डपोललाईव को मेरा खुट्टा बी मिस्सौ,श्री पाॅगती जी ने जो पूराने दिनों को जिस खुबसूरती से प्रस्तुत किया साथ-साथ जो सम्बन्धित विडिओ/फोटो देखने को मिला,कम शब्दो में विस्तृत जानकारी,"मेरा तो मन भर आया" मैंने अपने बुज़ुरगौ से ये बाते सुनी जरूर पर इतनी क्रमबद्ध तरीकें से कभी नही,आपनेआख़री में जो बचपन की खुबसूरत पलों को याद की साथ में उस पल में फिर से लौटने की, "आँखें भर आया" अपने व ग्राम-दरकोट मुनस्यारी के सारे बुजुर्गो को मेरा नमन करते हुए आपको प्रणाम,सलाम व सैल्यूट। आपके दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की मां दुर्गा से कामना करते हैं।
बहुत सुंदर प्रस्तुति आप लोगों को बहुत बहुत बधाई आपके वीडीओ को देख पहाड़ के दिन याद आ गए हमारे दादा जी लोगों का जीवन भी ऐसा ही संघर्षमय रहा होगा जिसकी बदौलत आज हमारा भविष्य अच्छा हुआ । आपकी वीडीओ को शब्दों में तौल पाना मुश्किल है 🙏🙏
मिलम, जोहार घाटी का सबसे समृद्ध गांव, एक बार मौका लगा तो जरूर जाऊंगा । बेहद शानदार जानकारी और सबसे बड़ी बात इंटरव्यू देने वाला दिल से सब कुछ बता रहा था, मानो अभी कल की ही बात हो। उनकी कामना पूरी हो। इसी के साथ जै हिमाल ❤
Im proud of your culture recently I went to mallajohar spent ten days at laspa and witnessed the festival nanda ashtami. I was touchwd by the culture you people have maintained. I have been following the life of shepherds for past 45 yers So I went to see thw startinh point and see the festival of maa. Please keep ir up. Im also a kumauni
G 11:45 eographically Lahoul Spitti, Kinnour and Chamba are more challenging than most of the Utrakhand .But despite the tough terrain people living in these areas never considered to leaving their villages.On contrary you will find numerous such villages in Utrakhand that abandoned and no habitants. 11:45
Very nostalgic. Thanks sir for the first- hand information. You are doing a yeoman's service to the future generation of the frontier community by writing extensively , documenting the socioeconomic life,facets and practices of yore and recording podcasts or vlogs. I am grateful in particular
मेरा मानना है इस जगह पर जो भी लोग बसे वह भोतांतिक क्षेत्र के रहने वाले थे और व्यापार के लिए ही यह जगह बसी होगी कालांतर में व्यापार बदल जाने से यह स्थान भी अस्तित्व हीन हो गया । आज सरकार को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करा कर इस क्षेत्र मे जनजीवन बसाना चाहिए जिससे सुरक्षा को भी दुरूस्त किया जा सकता है
जैसे जैसे आदमी बूढ़ा होता जाता है वो बचपन की ओर लौटने लगता है ❤❤❤❤great sir
मिलम हमारे जोहार का सबसे सुंदर, सम्रृद्ध और व्यवस्थित गांव, मामाजी की प्रस्तुति से मिलम की सचमुच की यात्रा कर ली, ऐसा महसूस हुआ, शानदार वृतांत, जानकारियों के भंडार।
Thanks, please share and subscribe.
@@naveenatolia7113 भाईयो गांव घाटी मैं वापस आना होगा उन्हें जो बहुत दूर जा चुके है..
यहां जीवन है..old ancient ways..the golden way.
The Himalayan way..
श्रद्धा और श्रम.. please come back to your home..your village ur vallys.. we are the children of God.. and we are the caretaker of this place..जय महामाटी.. 🙏
From ब्यास घाटी वाले..
सच मे जो बात कहीं है सर ने मेरे दिल ❤ को छू गयी।
"मन करता है ये सब छोड़ू ये सब दुनियादारी छोड़ू ।
यदि भगवान इजाजत दे । तो फिर से वही जीवन जीने के लिए फिर से वही पहुँच जाऊँ
वहीं मस्ती का जीवन वहीं प्यार का जीवन। वहीं प्राकर्तिक वातावरण। "
जो शायद आधुनिक शहर के लोग कभी नही समझ पाएंगे।.......
@@mayanksah699सिर्फ एक कदम दूर हो.. लोग सतयुग और कलयुग इसी धरती मैं जी रहे है..त्रेता, द्वापर युग सभी..
पांगती जी की मनोकामना जरूर पूरी हो। मेरी भी कामना है। बहुत महत्वपूर्ण जानकारी पांगती जी ने दिया जो कि ऑथेंटिक है क्योंकि इन पलों को उन्होंने खुद जिया है, खुद महसूस किया है। और बहुत कुछ मैं भी समझने और महसूस कर पा रहा हूं। क्योंकि मैं Gamshali, नीती वैली से हूं। बुरफाल हूं । और 7 पीढ़ी पहले हमारे पूर्वज बुर्फू गांव से आए और gamshali में बस गए । ऐसा माना गया है।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार जी 💐🙏
ब्यास घाटी मैं कुछ clans कैलाश मानसरोवर तिब्बत एरिया से सैकड़ों साल बाद रालम पातो, जोहार बसे फिर वहा से ब्यास घाटी आके भी बसे है कुछ तबके.. काफी सदियों मैं हुआ है ये..
गांव यहां पहले से बसे थे..
कुछ ऐसे केस भी ही..
बहुत सुंदर प्रस्तुति। दरअसल प्रायः कालान्तर में पूजा-पाठ व उपनाम आदि से ही लोगो के इतिहास के मूल तथ्य का पता चलता है। वस्त्र खान पान आदि मे तो भोगोलिक परिस्थिति के अनुसार कुछ बदलाव आ ही जाते है। मेने सुना था कि राजस्थान से तलवाडी/थराली मे रावत के तीन भाई बसे थे। उनमे से दो भाई चरवाहों के व्यवसाय में मिलम मलारी तरफ बढे। एक भाई तलवाडी मे ही रहा। करीब 100 वर्ष पहले तक यह परम्परा सुनी थी कि यदि मिलम मलारी का कोई रावत गुजर जाता था तो तलवाडी के रावत लोग भी कुछ दिन टोपी उतार कर शोक मनाते थे। श्री पागती जी का सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार एव धन्यवाद।
बहुत ही रोचक जानकारी पांगती जी द्वारा धन्यवाद मनमीत भाई ❤🙏
आदरणीय पांगती जी ने जिस तरह से अपने गाँव मिलम में बिताये अपने जीवन के पालो का वर्णन किया, भावुक कर दिया ,अपने पहाड़ की याद आने लगी |
सच में, बेहद सुंदर वर्णन हैं पहाड़ के उस जनजीवन का। अति सुंदर। कृपया इसी तरह से हमें पहाड़ी जीवन के बारे मे बताते रहें। धन्यवाद।।
shandaar bhaisahib... maan khus ho gyya, pahle maine socha aise hi koi video hogi, lekin jab ye janaam bolna shuru kiye to video rok nahi payya or bahta chale gayya............wah wah
आपको सुनते जाऊं यही मन कर रहा है इसलिए बार बार इस वीडियो को देखता हूँ । आपकी आवाज़ से मैं अपने आप को गुज़रे वक़्त से कनेक्ट कर पा रहा हूं ।
Channel wale bhai saab DIL KO CHU LIYA yr.........rula diya yr.😢😢😢.......God bless you!.
thnak u.. please share
बेहतरीन वर्णन पहाड़ के उस पौराणिक जनजीवन का❤️
I find as if you are narating the story of Ladakh. Thanks to Utube it suggested your story to me just like that and just the name Milam made me to watch it. You have such a treasure of Photos, my mind and soul thoroughly thoroughly relished them. Pity with us in Ladakh is that we have no one left to tell the story. Yes, it definitely was 1962 that disrupted the whole flow of history and lifestyle in our part of the world changed for ever irreversibly. Thanks a lot you made my day.
Thanks, please share and subscribe.
बहुत बढ़िया हमें हमारी संस्कृति को जानने का मौका मिला पंगती लोग मेरे मामा लोग है और निखुर्पा मायका मुझे गर्व है अपनी संस्कृति पर 🙏👏👍
छिला छिल जमान कांबी कां पूजी ग्ये ,कस बगत छी कस बगत ऐ ग्ये । धन्य हो ऊ जामाना लोगन् 🙏🙏🙏 अद्भुत और दुर्लभ ❤❤ जय जोहार जय मुनस्यार ।
सर आपको सुनकर बहुत अच्छा लगा। मेरे पिताजी भी तिब्बती ऊन कात्ते थे। बह बहुत गर्म होता था। आज़ का दुर्भाग्य ये है कि नई पीढ़ी को अपने इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है न ही अपनी मिट्टी से कोई लगाव है। पूरे पहाड़ का यही हाल है। भगवान आपको शतायु दे आप स्वस्थ रहें ।
अतिउत्तम विचार पांगती जी, सेवानिवृत होने के बाद अधिकतर लोग वापस मूल निवास यानि नीती माणा घाटी की ओर भी जा रहे हैं। अच्छी बात है जन्मभूमि को कभी भूलना चाहिए।❤❤
आदरणीय पांक्ती जी,
प्रणाम।
आपकी यह प्रस्तुति बहुत ही सुंदर, ऐतिहासिक जानकारीयुक्त तथा भावनात्मक है। और भी जानकारीयुक्त लेख की प्रतीक्षा।है।
कुछ भी शब्द नहीं है कहने के लिए धन्य है आप धन्य है आपका समाज. वाह nice.
शिक्षा एक येसा साधन है जो आपके जीवन मे उजाला लाता है
सर आपकी बात सुन कर आनंद आ गया और आपकी हमारी कहानी भी आपकी कहानी की तरह है
बहुत अच्छी बात बोले हैं.... बचपन की बात बहुत याद आती है....अपने गाँव की
बहुत ही अद्भभूत, अविश्वसनीय एवम मार्मिक चित्रण जिस प्रकार से आपने किया है, उससे मैं भावुक हो गया,😢🙏
धीरज आर्य, गैरसैंण, चमोली, उत्तराखंड!!
Bhut sundar tarike se bataya apne
सर भगवान आपको लम्बी उम्र दे,आप तो भारत तिब्बत का जीता-जागता इतिहास है
I love old traditions and peoples
Thanks for this wonderful interview. What a living history. Needs to be preseved and documented.
पहाड़ नाम की किताब को पड़ने में जैसा मजा आता है वैसा ही इन वीडियो डॉक्यूमेंट्री को देखने में भी आता है🎉
सही में। वही रोमांच। जैसे हिमालय को पढ़ रहे हैं।
An exceptionally emotional video ! I thank the commentator additionally as his commentary reached my heart . I feel like talking to the gentleman.
Pangati ji bahut bahut dhanyavad ham bhi Gaila madkot ke hai , par Milam aur jauhar, aur business ke baare me aapake dwara pata chala , bahut khushi huau . Apane elaake ke baare me jankar ❤❤
Dil, khus, hua, ji, aapki, batte, sunkar,, bhut, hi, accha, lgga,, kyoki, me, bhi, haryana, ke, ek, village, se, hu, 🙏🌹🙏
Heart touching documentary ❤
डाक्टर शेर सिंह पांगती जी की याद ताजा हो गयी।
अति रोचक, भावपूर्ण और जानकारियों से भरपूर वीडियो❤
बहुत सुंदर जानकारी मेरे पिता जी भी तिब्बत व्यापार करते थे हम कहते थे पिताजी हुंदेश गए है व्योपार के लिए धन्यवाद पांगती जी❤❤
बहुत ही अचछी व महत्वपूर्ण जानकारी। जय हो👍👍🙏🙏
Very nice Jai uttrakhand
I am getting goosebumps knowing about your history. Even though I don't belong to that areas ❤ and respect from odisha.
सर आपने बहुत ही संक्षिप्त में उस समय का बहुत ही सुंदर चित्रण किया जिसे Thirdpolelive ने बखूबी प्रस्तुत किया।❤🙏
🙏🙏 आदरणीय पांगती अंकल जी ने मिलम का इतना सुंदर और सजीव चित्रण किया है और वहां के इतिहास से हमें परिचित कराया।
यह मेरा सौभाग्य है कि देश की सीमा की रक्षा करते हुए मुझे 2023 में मिलम जैसे नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर स्थान में रहने का मौका मिला। सच में मिलम बहुत ही सुंदर स्थान है और गोरी गंगा नदी का उद्गम स्थान भी है।
अब जल्दी ही वहां सड़क मार्ग पूरा होने वाला है। उम्मीद है कि अगली गर्मी के मौसम में वहां के निवासी वाहन द्वारा मिलम पहुंच सकेंगे।
आदरणीय पांगती अंकल जी ने इस वीडियो में अपनी भावनाओं का जो रस उड़ेला है वह अद्वितीय है।
आपको कोटि कोटि धन्यवाद और नमन है
🙏🙏🌄 बहुत अच्छी जानकारी sir आपकी milam gaon Jane ki मनोकामना पूरी हो 🙏👍
Great and authentic information .
He is a very good story teller
He should do more episodes
सर्वप्रथम आपको व व्लोगर थर्डपोललाईव को मेरा खुट्टा बी मिस्सौ,श्री पाॅगती जी ने जो पूराने दिनों को जिस खुबसूरती से प्रस्तुत किया साथ-साथ जो सम्बन्धित विडिओ/फोटो देखने को मिला,कम शब्दो में विस्तृत जानकारी,"मेरा तो मन भर आया" मैंने अपने बुज़ुरगौ से ये बाते सुनी जरूर पर इतनी क्रमबद्ध तरीकें से कभी नही,आपनेआख़री में जो बचपन की खुबसूरत पलों को याद की साथ में उस पल में फिर से लौटने की, "आँखें भर आया" अपने व ग्राम-दरकोट मुनस्यारी के सारे बुजुर्गो को मेरा नमन करते हुए आपको प्रणाम,सलाम व सैल्यूट। आपके दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की मां दुर्गा से कामना करते हैं।
Bahut sundar prastuti purani yaadein, jeewant prastuti
Bilkul sahi kaha sir aapne purane gaanv ko ghar ko nhi bhoolna chahiye
बहुत सुंदर प्रस्तुति आप लोगों को बहुत बहुत बधाई आपके वीडीओ को देख पहाड़ के दिन याद आ गए हमारे दादा जी लोगों का जीवन भी ऐसा ही संघर्षमय रहा होगा जिसकी बदौलत आज हमारा भविष्य अच्छा हुआ । आपकी वीडीओ को शब्दों में तौल पाना मुश्किल है 🙏🙏
manmeet ji aapka bahut bahut dhanyawad
आपने पुरानी यादें और संघर्ष को ताजा कर दिया जैसे कल की ही बात हो धन्यवाद जी
Shandaar prastuti man mantramugdh ho gaya.
Pangti जी आपने नई पीडी की आँख खोल दी हैं. बहुत अच्छी प्रस्तुति. Thanks
अति रोचक महत्वपूर्ण जानकारी ❤❤
आपका तेहि दिल से मै चरण स्पर्श करता हु आपने जो हमारे व्यापारी संबंधी कार्य हमें बताया है ❤️🙏
वाह 👌 बहुत सुंदर यादें. लग नहीं रहा कि आप ८३ वर्ष के हो. आप दीर्घायू हों ऐसी कामना है
बहुत बढ़िया जानकारी सर, आप ने सच में तिब्बत भारत यात्रा करवा दी
बहुत ही सुंदर वर्णन धन्यवाद आपका
Dil ko chune wala aihsaas ❤😢
thanks, plz Subscribe and share
बहुत सुन्दर कहानी का वर्णन किया आपने 🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤
God bless u sir🎉
मिलम, जोहार घाटी का सबसे समृद्ध गांव, एक बार मौका लगा तो जरूर जाऊंगा ।
बेहद शानदार जानकारी और सबसे बड़ी बात इंटरव्यू देने वाला दिल से सब कुछ बता रहा था, मानो अभी कल की ही बात हो।
उनकी कामना पूरी हो। इसी के साथ जै हिमाल ❤
Gives me goosebumps bhai. Behad sundar.
भोते भल लागि, भलूके तिमील बताया। तिमि थै बिढप्प बधाई व धन्यवाद
सुंदर एतिहासिक वृत्तांत.
Aapki story sun k mn kr rha hai ki wo Jeevan hum bhi jee pate
अति महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बहुत धन्यवाद, बधाई.
Namaskar sir aapne jis tarah se itihaas ko doharaaya sachmuch mein bahut hi behtareen tha or bahut hi dardvidarak satya bhi. Thank you so much.
बहुत ही मनमोहक कहानी
Bahut Sundar jankari huyi, dhanyawad sir ji 🙏🏾🙏🏾🎉
BAHUT ACHCHI JANKARI.
प्रणाम पांगती जी। बहुत अच्छा लगा आपका यह प्रयास।❤
Im proud of your culture recently I went to mallajohar spent ten days at laspa and witnessed the festival nanda ashtami. I was touchwd by the culture you people have maintained. I have been following the life of shepherds for past 45 yers So I went to see thw startinh point and see the festival of maa. Please keep ir up. Im also a kumauni
Thank you so much 🙂
Bhai Ji duniya gol hai ye ek chkr hai ❤❤
Bahut achha laga, God bless you 🎉
Bahut sundar sir.Please continue to share your experiences to us.🎉🎉
बहुत खूब
G 11:45 eographically Lahoul Spitti, Kinnour and Chamba are more challenging than most of the Utrakhand
.But despite the tough terrain people living in these areas never considered to leaving their villages.On contrary you will find numerous such villages in Utrakhand that abandoned and no habitants. 11:45
Nice one combination between milam ,johar ghati and Tibbat
Welcome to Maa Nanda Dhaam ❤❤❤
Bahut sundar, great
Tibets loss of independence brought so much suffering to everyone in Himalayan belt and Tibet itself. Sad to see deserted houses.
Excellent information.
❤ one of the best interview ❤🙏🏻
बेहद ख़ास जानकारी हमारे नाना जी भी अपने समय में व्यापारी थे बचपन में हमने भी यह सुना है । बहुत ख़ुशी हुई आपको सुन कर । म्यर स्यौ 🙏
बहुत ही शानदार जानकारी सर 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Very nostalgic. Thanks sir for the first- hand information. You are doing a yeoman's service to the future generation of the frontier community by writing extensively , documenting the socioeconomic life,facets and practices of yore and recording podcasts or vlogs. I am grateful in particular
बहुत बढ़िया
Wonderful video and beautiful story and information of past🙏🙏
बहुत सुंदर मजा आया
रोचक ,ज्ञानवर्धक जानकारी
thanks, plz Subscribe and share
बहुत बेहतरीन ❤
बेहतरीन काम। शुभकामनाएं।🌻
शानदार ❤️❤️🙏
Nice presentation....thanks for video
Antim ke 8-10 minute ki baaton ne chuliya ❤
Thanku sir
For information
Mai v Yhi johar Munsyari ka hu ❤❤❤❤❤❤
उत्तराखंड का इतिहास बहुत मूल्यवान है
मेरा मानना है इस जगह पर जो भी लोग बसे वह भोतांतिक क्षेत्र के रहने वाले थे और व्यापार के लिए ही यह जगह बसी होगी कालांतर में व्यापार बदल जाने से यह स्थान भी अस्तित्व हीन हो गया ।
आज सरकार को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करा कर इस क्षेत्र मे जनजीवन बसाना चाहिए जिससे सुरक्षा को भी दुरूस्त किया जा सकता है
Wonderful ! Valuable information. Compliments to the makers of this video, especially the narrator.
thanks, plz Subscribe and share
Welcome to Maa Nanda Dhaam ❤❤❤❤❤❤❤
भोते भल जानकारी दिया तिमिल प्रमाण काक जी
बहुत ही सुन्दर