प्रेम मे जब कर्मो का लेखा जोखा बाकी वहाँ रिश्ते बनते हैं जैसे पति पत्नी, भाई बहन, पिता माता पुत्र आदि जैसे रुकमणि कृष्ण लेकिन जहाँ प्रेम मे कोई कर्म बंधन नहीं होता, वह दिव्य प्रेम होता है जैसे राधा कृष्ण का
विनाश दिव्यकीर्ति आप वृंदावन के भांडीर वन में जाईए ,, जहां भगवान श्री कृष्णा और राधा जी का विवाह हुआ है कृपया दर्शन कीजिए और दूसरी बार दोनों एक ही तत्व है उनको अलग बोलने की कोशिश भी मत करना। जिस तथ्य को आप जानते ना हो उसके बारे में बोलना नहीं चाहिए।। और गोपी एक भाव का नाम है ना कि किसी स्त्री का नाम।।
प्रेम मे जब कर्मो का लेखा जोखा बाकी वहाँ रिश्ते बनते हैं जैसे पति पत्नी, भाई बहन, पिता माता पुत्र आदि जैसे रुकमणि कृष्ण
लेकिन जहाँ प्रेम मे कोई कर्म बंधन नहीं होता, वह दिव्य प्रेम होता है जैसे राधा कृष्ण का
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विनाश दिव्यकीर्ति आप वृंदावन के भांडीर वन में जाईए ,, जहां भगवान श्री कृष्णा और राधा जी का विवाह हुआ है कृपया दर्शन कीजिए और दूसरी बार दोनों एक ही तत्व है उनको अलग बोलने की कोशिश भी मत करना। जिस तथ्य को आप जानते ना हो उसके बारे में बोलना नहीं चाहिए।। और गोपी एक भाव का नाम है ना कि किसी स्त्री का नाम।।
Yaduvanshiyo se darte ho kya Sita ki sachhai bata di thi Radha ka charitra pramad Patra kyo de rahe ho wo usse bhi bekar thi
bekar to tu है,,जरूर तेरा बाप अब्दुल रहा होगा।