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If anyone interested more in subtle body or astral body a must read "the astral body and other phenomena" by Powell...very interesting and more in depth regarding astral world
जीव जन्म से लेकर मृत्यु तक भ्रम में ही जीता है। उसे अपने होने का एहसास कभी नहीं हो पाता । जब होने लगता है , तो वो उस भ्रम को भी तोड़ देता है,और खुद की पहचान करने लगता है ।पहचान होने के बाद वो संसारिक भ्रम में नहीं उलझता ।
होने का ahsas नहीं होता कुछ भी... Main hu kya hu kon hu.. Ye सवाल रेहता है tabhi ना ahsas hota hsi... Main to hu.. Par kya hu kon hu mera end kya है q hsi
जी जैसा कि मैंने कमेंट में फिर मिलेंगे कहा था तिवारी जी के अनुभव एवं उदाहरण सुने में कह सकता हूं कि आपकी पटकथा पहले से बिलकुल भी तैयार नहीं थी बहुत ही साधारण सी घटनाएं हैं जो हमको हर रोज देखने को मिलती हैं अच्छा होता थोड़ा आध्यात्मिक एवं सांसारिक पहलुओं को शामिल कर लेते फिर भी सामान्य तौर पर ठीक हैं 🙏 धन्यवाद
वकील साहब, आपने अध्यात्म में बहुत प्रगति की है परन्तु अभी बहुत बाकी है। कृपया भारत के कुछ मुख्य पुनर्जन्म के cases का अध्यन कीजिए स्वयं जा कर (अगर हो सके तो), आप बिल्कुल नए आयाम में पहुंच जायेंगे। प्रणाम।।
मौत के बाद वैसा ही अनुभव होता है जैसा सोने के बाद होता है स्वप्न में इंसान के पास बुद्धि, चेतना, वासना ,सब कुछ होता है बस नही होता है तो शरीर क्योंकि वो पड़ा हुआ है आप जब जागते है तो आप को हर तरह का दर्द होता है किंतु गहरी नींद के बाद सब खत्म मौत कब आती है इसको ऐसे मानो जैसे हम कब नींद में चले जाते है हमको पता नही चलता है एक गहरी नींद वाला इंसान मृतक की तरह ही होता है। सुक्ष्म शरीर भी स्थूल शरीर की तरह आकार में होता है बस नही होता है तो ये शरीर।
गीता में कहा है जो व्यक्ति इस संसार में आया है उसकी मृत्यु निश्चित है । और ये भी निश्चित है कि उसका जन्म द्वारा होगा , लेकिन दूसरा जन्म किस योनि में होगा ये उसके कर्मों के ऊपर डिपेंड करता है । आत्मा के बारे में तो भगवान् श्रीकृष्ण ये कहते हैं कि जिस प्रकार व्यक्ति को पुराने कपड़े बदलने की जरुरत होती है उसी प्रकार आत्मा भी पुराना शरीर छोड़कर नये शरीर में प्रवेस करती है । जहां तक मृत्यु से डरने की बात है मृत्यू का तो व्यक्ति को पता ही नहीं चलता किस रूप में आयेगी कहां आयेगी । आपको बहुत-बहुत बधाई शुभकामना
Guru ji aapke batane ka tarika itna shandar tha ki mai bilkul kho gaya tha... Or behen aapko bhi bohot bohot badhayi aapke 3.5 Lkh subscriber hone k liye ...❤
Maine mere papa ki soul ko dekha tha unke guzarne k ek mahine baad khuli aankhon se ek shadow jaisa same shawl jo wo thand me odhte the it was a terrific experience ab bohut log bolenge ki bramh h but aisa nei h meri life un dino bohut busy thi I used to work for 10 hours aur mujhe papa k baare me sochne ka v time nei mil raha tha.
बहुत बहुत सही बात बताई मृत्यु के समय इंसान बेहोश हो जाता है बाकी बाते लोजिकली भी सही है वकील सर मुझे ये जानना है ज़ब जीव की गति नहीं होती वो पृथ्वी पर रह जाता है तो अपने लोगो के बारे मे वो सोचता है...??? उसे हम जिन्दा आदमी कैसे खुश रखे..? क्या क्या करे जिससे वो खुश रहे..?
प्राण निकलने के बाद जीवात्मा अपने ही शरीर को अपने से अलग देखती है और उस समय वह स्वयं को अत्यंत हल्का, स्वतंत्र व आनंदित अनुभव करती है। जीवात्मा को यह ज्ञान भी होता जाता है कि उसके संदर्भ में कौन क्या सोच रहा है, कौन क्या कह रहा है? उसे अपने सूक्ष्म शरीर का पूरा-पूरा आभास होता है। मृत्यु के तत्काल बाद जीवात्मा प्रेत-योनि में रहती है और दाह-संस्कार, क्रिया, कर्म-कांड, तेरहवीं, शोडषी-सपिंडी आदि कर्म-कांड के पश्चात् प्रेत-योनि से मुक्त होकर परलोक गमन करती है। मनुष्य जीवन में व्यक्ति यदि सदाचारी, सद्गुणी रहेगा तो मृत्यु के पश्चात् उसे स्वर्ग में जाना होगा और यदि वह पापकर्मी व दुष्ट रहा है तो मृत्यु के पश्चात् भी उसे दंड भोगना पड़ेगा। हिंदुओं में मृत व्यक्ति के स्वजन अंत्येष्टि संस्कार करते हुए प्रार्थना करते हैं कि उसकी सद्गति हो। ऐसी धारणा व विश्वास है कि मृतक के नाम से जो कुछ भी प्रार्थना व कर्म-कांड किए जाएँगे, वे परलोक में उस जीवात्मा की सहायता करेंगे। हिंदू स्वर्ग-सत्ता में विश्वास करते हैं।
@@rajendratiwari2481 मेरे पति की अभी चार महीने पहले डेथ हुई और हमें चार लोगो से जानने को मिला वो नहीं गये आपके घर मे है और उनको आपकी चिंता है क्योंकि मेरे बच्चे नहीं है इसीलिये हम दोनों ही एकदूसरे का सहारा है अब मुझे इनको मुक्ति दिलवानी है मैं दान पुण्य तो करते ही है पर दान पुण्य भी किस तरह का होना चाहिये और ये सब उनको फायदा करवायेगा..???
Very interesting conversation feeling shouldn't stop it ..sir your voice and the way of speaking is magnetic...waiting eagerly for next part......thanks sir Kajalji and pmc hindi ❤
जिस तरह अपने वस्त्र फट जाने के कारण हम नवीन वस्त्रों को पहन लेते हैं और अपने आपको ताजगी से भरे ‘अपटूडेट’ समझ लेते हैं, ठीक उसी तरह मृत्यु के पश्चात् नई देह का धारण करना भी वस्त्रों के परिवर्तन के समान है। जिस तरह नवीन वस्त्र पहनने के कारण से हम पुराने एवं फटे वस्त्रों की ओर न तो अपना मन ले जाते हैं और न ही पुराने वस्त्रों का स्मरण करना पसंद करते हैं, न ही अपने आपको किसी दूसरे के समक्ष पुराने वस्त्रों को हाथों में टाँगकर परिचय कराते हैं। ठीक उसी तरह मृत्यु के पश्चात् नया शरीर धारण करने पर हमें पूर्व जन्म की छोड़ी हुई देह का ध्यान नहीं रहता।
Hello sir...just seen podcast...I've no words to Express my gratitude to you. Your way of expressing things influenced me lot. It is valuable to hear you.
@@dinkarbawa4587 I am a writer, my two books have published from Prabhat Prakashan New Delhi. The first book in 2018, was originally published in Hindi language, titled "Mrityu kaise hoti hai ? Phir kya hota hai ?” (मृत्यु कैसे होती है ? फिर क्या होता है ?) Its preface was presented by the Chief Justice of the Supreme Court of India Shri Justice R.C. Lahoti. The purpose of writing this book is also to know what should we do so that death is a pleasant experience and after death our spirit gets happiness and pleasure. I have quoted the principle of Karmayoga as mentioned in 'Shrimad Bhagwat Geeta'.
I feel Death must be a wonderful experience. Most people are always worried about Death. No one wants to Die. Most of us are scared to death. Honest and lucky persons only think about Death.
The birthday is celebrated because he/she has got one more year completed by the grace of the Universe. So, birthday is much more necessary to be celebrated.
Tum bina mare ,marane ke bad kya hota he bata rahe..he😮 Very good it's only fantasy just I am not able to understand without eating laddu how I can say ladoo is sweet 😂😂😂
Aap jis vishay per charcha kar rahe he voh nishchit hi shodh kakaran ho sakta he.LEKIN APKI SHURUAT ASHUDH HE.YADI AAP UTSUK HE TOH ME HINT DE DU.APKO APNI YATRA JANAM LETE SAMAY KAISA MAHSUS HOTA HE SEKARNI CHAHIYE.MAINE MRATIU KE PAHLE AUR BAD KE ANUBHAVO KO JIYA HE.
isiliye me kabhi apna janamdin nahi banata, office wale banate hai aur ghar me wife par me ye sochta hun ke mere janam se mujhe kya fayda, kya mene achieve kya. kya bahut majedar jivan raha yaa mene koi bada kaam kiya jispe mujhe Garv ho apne hona ka
सब कुछ सच भि नहि होगा । सब कुछ झुठ भि नहि होगा । पर जैसा जीवन वैसा मृत्यूके बारेमे कोइ छोटा बच्चा या भला आदमीका दुखद मृत्यू क्यूँ पुछे तो बोलोगे पिछले जनमका भि फल होता है ।
People unnecessarily eulogise death. In fact death is the most ugliest thing in life. Time will come when man can overcome death as the latest trend of research indicates.
Mere papa bhi food pipe cancer Gujar gye hai.. papa ka waight 33 kg ho gya tha doctor ne bola 3 kg weight bada ke leke aao redison therapy hogi.. papa bolne lage mein redison therapy nahi karvauga phir humne haridwar se ayurvedic treatment chalu karvadia aur kuch din baad unke death ho gai mujhe lagta hai kas papa ko samjha ke hospital le jata unki redison therapy karva deta to woh bach jaate mein khud ko jeemedaar manta hu unki maut ka... Kya karu mein papi hu mere papa bohot bhole sedhe insan the.. Sab log mujhe boltlte hai tune galti ki hai tujhe ayurvedic nahi deni the hospital leke jana chahiye tha redison therapy dilwani the woh aaj thk hote..
Bhai aap har jagah yahi comment kar rahe ho. Sabse pehle - ॐ शान्ति ❤ जो आत्मा आपके पिताजी की देह में थी, ईश्वर उन्हें उन्नत लोकों में स्थान दे ❤ आपके फादर साहब ने बोला कि उन्हें Radiation Therapy नहीं करवानी, ये उनकी choice थी। उनकी choice का सम्मान करना आपका कर्तव्य था (एक बेटे के रूप में भी, एक मनुष्य के रूप में भी)। "सब लोग मुझे बोलते है... ब्ला ब्ला ब्ला" भाई, वो तुम्हारे पापा थे। ‘लोगों’ के नहीं। बकने दो लोगों को जो बकना है। अच्छी संगति करो। मान लो, कि आप अपने पापा को Hospital ले जाते और उनकी Radiation Therapy भी कराते। पर अगर तब भी उनकी आयु इतनी ही होनी थी तो? तब भी अगर वो चले जाते तो? अगर अभी यूं बोलोगे कि "तब स्वीकार्यता होती, acceptance होता कि कोशिश तो की", तो भाई मेरे, वो तो अभी भी की ही ना! आपने कहा कि "khud ko zimmedar mante ho unki maut ka" क्या आपने जो किया वो ये चाहकर किया था कि उनकी मृत्यु हो जाए? जो आपके बस में था, आपने वो किया। कराने को radiation therapy करा सकते थे, लेकिन उसका success rate कोई बहुत अच्छा नहीं है। तब भी अगर आपके पिताजी का देहांत हो जाता तब आप क्या कहते? कि आयुर्वेदिक विकल्प लेना चाहिए था? ग्लानि और पीड़ा के भाव से बाहर निकलकर, कृतज्ञता और स्वीकार भाव में आएंगे तो दिवंगत आत्मा अपनी आगे की यात्रा में प्रगति कर पाएगी। वरना उसे भी पीड़ा होगी, और आप भी अगले जन्मों तक ग्लानि के भाव लेकर जाएंगे। मृत्यु ही वो अंतिम सत्य है जिसकी बात हर ध्यानी, ज्ञानी, गुरु ने की और जो हर शास्त्र में वर्णित है। आप भी मरेंगे और मैं भी। जानबूझकर किसी को पीड़ा नहीं देनी चाहिए, वो आपने दी नहीं है। मैं ये भी समझ रहा हूं कि कहना सरल होता है। जिस पर बीतती है वही समझता है। इस दुःख से निकलने के लिए रोज़ ध्यान करें, भजन संध्या में बैठें, सेवा में अपनी ऊर्जा लगाएं, और दैनिक रूप से थोड़ा-बहुत व्यायाम करें। एक बार पुनः - जो आत्मा आपके पिताजी की देह में थी, ईश्वर उन्हें उन्नत लोकों में स्थान दे ❤ ॐ शान्ति !
@@raman6087 bhaiya mera demak esliye kharb hai unko ayurvedic dawai se ulatiya lagne lagi the to mein ulti ki dawai le Aya medical se itna nahi socha demak se ki yeh cancer jaisi bhayankar bimari tu dobara unko AIIMS hospital rishikesh leke chal... Aur woh hi ulti unki mirtyu ka karan bani mera demak yu hi pareshan rehta hai ki mein aisi bewakufi kaise kar sakta hu. Esliye unki maut ka jeemedaar khud ko manta hu bhai aisa hua aap batao.
Agar aap radiotherapy karva lete toh Bhi Aapke papa ne jana hi tha. Humney radiotherapy karvai thi papa ki Woh Nahi Rahey .Mai yeh soachti rehti hu k Ayurvedic medicine le letey. Sach toh yeh hai k jiski jitni likhi hai osne utna hi jeena hai. Janam k sath hi mritiu ki date likh Di jati hai. So plz don't blame urself. Mritiyu sach hai oska din hum change Nahi Kar saktey. Papa 9th may KO Chaley Gaye. I was not with my papa m in pain now.Dil Nahi lag Raha papa k bina.m feeling void. Aap apney papa k liye pray kiziey like me. Hare Krishna 🙏🙏🙏🙏
@@KK-kz4dy aisa hai kya magar doctor ki call aai the ki aap rediation date par aajao. Magar papa bole abi kuch din ayurvedic hi kha leta hu baad mein karva lege. Phir bich mein papa ko vomiting star ho gai unka waight 30 kg se bhi niche aagya phir hum ayurvedic hi khelate rahe. Aur mere papa kamjori mein chale gye bus woh thoda lequid hi pee pate the. Bus yeh paap ho mujhe jub unko vomiting lagi the to vomiting ki dawai na deta hospital le jata to sayad woh bach jaate meine ghar par hi dawai deta raha .. paap to kia hi hai meine maut ka jeemedaar to hu hi mein
Bhai bohat Acha Kiya Nahi karvai Nahi toh Aapke papa ney on the spot hi khatam ho Jana tha. Radiotherapy bohat dangerous hai. Mere papa healthy Bhi they tab Bhi Woh therepy Nahi seh PAYE. Yeh therepy cancer cells k sath healthy cells KO Bhi khatam Kar deti hai. Merey papa KO side effect hua is therepy sey. It's not good in old age . Mere papa Bhi devta insaan they .ik bacchay ki Tarah innocent they.m crying papa k liye . M missing. Mere toh jindgi hi papa they .dunia da sab toh pyara rishta mere papa. plz pray for Ur papa. Hum sab ney mar Kar Bhi Wohi Jana hai jahan hamarey pyare hai. hum Kuch Nahi Kar saktey Bhai. So don't blame urself. Hare Krishna 🙏
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Jeevatam Jagat ke niyam book mai bhi yahi h jo automatic writing se likhi gayi h khurshid bhavnagri ji ki book h
😊
किताब कहा मिलेगी..??
If anyone interested more in subtle body or astral body a must read "the astral body and other phenomena" by Powell...very interesting and more in depth regarding astral world
Ollo 19:40 19:40 😅ol oo poo 19:42 o 19:42 9l 19:42 lol😅 illl o l😅😅ĺ
जीव जन्म से लेकर मृत्यु तक भ्रम में ही जीता है। उसे अपने होने का एहसास कभी नहीं हो पाता । जब होने लगता है , तो वो उस भ्रम को भी तोड़ देता है,और खुद की पहचान करने लगता है ।पहचान होने के बाद वो संसारिक भ्रम में नहीं उलझता ।
होने का ahsas नहीं होता कुछ भी... Main hu kya hu kon hu.. Ye सवाल रेहता है tabhi ना ahsas hota hsi... Main to hu.. Par kya hu kon hu mera end kya है q hsi
I have dreams and many times I feel I am flying or I feel I have the power to fly. I believe this is the suksham body who experienced this.
जी जैसा कि मैंने कमेंट में फिर मिलेंगे कहा था तिवारी जी के अनुभव एवं उदाहरण सुने में कह सकता हूं कि आपकी पटकथा पहले से बिलकुल भी तैयार नहीं थी बहुत ही साधारण सी घटनाएं हैं जो हमको हर रोज देखने को मिलती हैं अच्छा होता थोड़ा आध्यात्मिक एवं सांसारिक पहलुओं को शामिल कर लेते फिर भी सामान्य तौर पर ठीक हैं 🙏 धन्यवाद
अप्रतिम ज्ञान ,धन्यवाद
आप के इन्फॉर्मशन से मृत्यू का डर kam हुआ. थँक्स
वकील साहब, आपने अध्यात्म में बहुत प्रगति की है परन्तु अभी बहुत बाकी है। कृपया भारत के कुछ मुख्य पुनर्जन्म के cases का अध्यन कीजिए स्वयं जा कर (अगर हो सके तो), आप बिल्कुल नए आयाम में पहुंच जायेंगे। प्रणाम।।
मौत के बाद वैसा ही अनुभव होता है जैसा सोने के बाद होता है
स्वप्न में इंसान के पास बुद्धि, चेतना, वासना ,सब कुछ होता है बस नही होता है तो शरीर क्योंकि वो पड़ा हुआ है
आप जब जागते है तो आप को हर तरह का दर्द होता है किंतु गहरी नींद के बाद सब खत्म
मौत कब आती है इसको ऐसे मानो जैसे हम कब नींद में चले जाते है हमको पता नही चलता है
एक गहरी नींद वाला इंसान मृतक की तरह ही होता है।
सुक्ष्म शरीर भी स्थूल शरीर की तरह आकार में होता है बस नही होता है तो ये शरीर।
बहुत बहुत धन्यवाद pmc 🙏🙏🧘♂️🧘♂️
गीता में कहा है जो व्यक्ति इस संसार में आया है उसकी मृत्यु निश्चित है । और ये भी निश्चित है कि उसका जन्म द्वारा होगा , लेकिन दूसरा जन्म किस योनि में होगा ये उसके कर्मों के ऊपर डिपेंड करता है ।
आत्मा के बारे में तो भगवान् श्रीकृष्ण ये कहते हैं कि जिस प्रकार व्यक्ति को पुराने कपड़े बदलने की जरुरत होती है उसी प्रकार आत्मा भी पुराना शरीर छोड़कर नये शरीर में प्रवेस करती है ।
जहां तक मृत्यु से डरने की बात है मृत्यू का तो व्यक्ति को पता ही नहीं चलता किस रूप में आयेगी कहां आयेगी । आपको बहुत-बहुत बधाई शुभकामना
Nice presentation 🌷
Atmavandan master dhanywad 🙏
धन्यवाद🙏🙏
Bahut bahut bahut bahut achha laga ❤❤❤
Thank you so much sir and mam 🙏🙏🙏🙏🙏
29:45
सर्वप्रथम काजल तेहरी जी आपको नमस्कार आप बहुत ही संवेदनशील विषय को लायीं हैं ❤ आगे फिर मिलेंगे
Dr Labsang Tampa informed the world about the silver cord for the first time.
🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏❤🙏
Hmm. Kbhi sapne bilkul sach jese hote hai ki jaangey k baad bi yahi lagta h sach
Charan Sparsh, Gurudev. Thank you so much for this amazing video.
Sanatan dharm is number 1 hum ne world koo har wo chize batayi jisme vishwa aaj bhi vishwas nhi kerta jai hind
मौत के बारे में सोने से जीवन का आनंद कम हो जाता है, जो जीवन है उसे खुलकर जिओ
Ye aapka galat phaini hai. Death ke bare me samaj se spiritual pe chal ne me prerepit kartehai
Aap mano. Aap ek jahaj me ho wo thodi der me dubega mano wo Titanic hi hai. Aap kya karo ge waha enjoy karoge?
@@Nayak9129-s6g यह तो सामान्य जीवन की बात है और खतरों के समय तो इंसान को अपना दिमाग लगाना ही पड़ता है
@@Nayak9129-s6g और यिस भसिको यह भि सम्झाओ कि जब टाइटानिक आधा से ज्यादा डुब्रहा था तब भि कोइ थे जो डुब्ते डुब्ते भि नाच रहे थे, गा रहे थे ❤
@@youthwaveकैन वाला दिमाग?
One of the finest podcast
देखिए मृत्यु सत्य है तो सत्य सामने आने से कभी नहीं डरना होगा।
Gahri bat batai , thanku.
Praying. Very very nice video, very true
Great words Sir.
Nice conversation.
Thank you❤
Ye
Thank you Sir for such a deep information, aabhaar sir 🙏🙏🙏
Very interesting and very clear understanding
Very good information
Bahut hi Sunder zaankari mili
Guru ji aapke batane ka tarika itna shandar tha ki mai bilkul kho gaya tha... Or behen aapko bhi bohot bohot badhayi aapke 3.5 Lkh subscriber hone k liye ...❤
Maine mere papa ki soul ko dekha tha unke guzarne k ek mahine baad khuli aankhon se ek shadow jaisa same shawl jo wo thand me odhte the it was a terrific experience ab bohut log bolenge ki bramh h but aisa nei h meri life un dino bohut busy thi I used to work for 10 hours aur mujhe papa k baare me sochne ka v time nei mil raha tha.
वक़ील साहब 🙏🏻🇮🇳🚩पुण्य आत्मा हैं 👉🏻 गलती से वकालत के ब्यवसाय में हैं 🙏🏻
Bahut hi sundar information hai,me prassan huva,
All knowledge are very nice
Very valuable video ❤❤ great 👍 👌 👏 😀
Superb podcast
madam ji aapki voice bahut sweet hai.
Very fine and interesting topics
बहुत जानकारी परक आध्यात्मिक लेख
Luckiest people in the world are those who love nature and remember the death always.
VERY INFORMATIVE TOPIC, WHICH GENERALLY MAJORITY OF US NEVER TRY TO UNDERSTAND /KNOW... ACKNOWLEDGE THIS BEST REALITY OF THIS WONDERFUL
L I F E...!
Nice podcast.ek baar maine bhi kuch minute ke liye apni soul se apni physical body ko dekha tha.
I feel expansion of universe and age of living beings are some way or other way are related to each other. ❤.
खूप छान 😊
Koti koti naman sir
जबलपुर से राम राम तिवारी जी🎉🙏💐
बहुत बहुत सही बात बताई मृत्यु के समय इंसान बेहोश हो जाता है बाकी बाते लोजिकली भी सही है वकील सर मुझे ये जानना है ज़ब जीव की गति नहीं होती वो पृथ्वी पर रह जाता है तो अपने लोगो के बारे मे वो सोचता है...??? उसे हम जिन्दा आदमी कैसे खुश रखे..? क्या क्या करे जिससे वो खुश रहे..?
प्राण निकलने के बाद जीवात्मा अपने ही शरीर को अपने से अलग देखती है और उस समय वह स्वयं को अत्यंत हल्का, स्वतंत्र व आनंदित अनुभव करती है। जीवात्मा को यह ज्ञान भी होता जाता है कि उसके संदर्भ में कौन क्या सोच रहा है, कौन क्या कह रहा है? उसे अपने सूक्ष्म शरीर का पूरा-पूरा आभास होता है। मृत्यु के तत्काल बाद जीवात्मा प्रेत-योनि में रहती है और दाह-संस्कार, क्रिया, कर्म-कांड, तेरहवीं, शोडषी-सपिंडी आदि कर्म-कांड के पश्चात् प्रेत-योनि से मुक्त होकर परलोक गमन करती है। मनुष्य जीवन में व्यक्ति यदि सदाचारी, सद्गुणी रहेगा तो मृत्यु के पश्चात् उसे स्वर्ग में जाना होगा और यदि वह पापकर्मी व दुष्ट रहा है तो मृत्यु के पश्चात् भी उसे दंड भोगना पड़ेगा। हिंदुओं में मृत व्यक्ति के स्वजन अंत्येष्टि संस्कार करते हुए प्रार्थना करते हैं कि उसकी सद्गति हो। ऐसी धारणा व विश्वास है कि मृतक के नाम से जो कुछ भी प्रार्थना व कर्म-कांड किए जाएँगे, वे परलोक में उस जीवात्मा की सहायता करेंगे। हिंदू स्वर्ग-सत्ता में विश्वास करते हैं।
मेरे हिसाब से उनके नाम से दान कीजिए
@@rajendratiwari2481 मेरे पति की अभी चार महीने पहले डेथ हुई और हमें चार लोगो से जानने को मिला वो नहीं गये आपके घर मे है और उनको आपकी चिंता है क्योंकि मेरे बच्चे नहीं है इसीलिये हम दोनों ही एकदूसरे का सहारा है अब मुझे इनको मुक्ति दिलवानी है मैं दान पुण्य तो करते ही है पर दान पुण्य भी किस तरह का होना चाहिये और ये सब उनको फायदा करवायेगा..???
@@rajendratiwari2481mere father ki death ho gayi 3 weeks pehle sab kriya to kar li lekin aur kya karu jinse unhe moksh mile?
Namaste, Kindly WhatsApp Message PMC Hindi on +91 7042831591🙏
Very interesting conversation feeling shouldn't stop it ..sir your voice and the way of speaking is magnetic...waiting eagerly for next part......thanks sir Kajalji and pmc hindi ❤
Fantastic ❤ talk
Very nice podcast without background music
Didi ur voice is very pleasant
Yes , one of the femus books written by Swami Abheda nanda ji is" Moroner Pare " in bengali. I have read the book.
जिस तरह अपने वस्त्र फट जाने के कारण हम नवीन वस्त्रों को पहन लेते हैं और अपने आपको ताजगी से भरे ‘अपटूडेट’ समझ लेते हैं, ठीक उसी तरह मृत्यु के पश्चात् नई देह का धारण करना भी वस्त्रों के परिवर्तन के समान है। जिस तरह नवीन वस्त्र पहनने के कारण से हम पुराने एवं फटे वस्त्रों की ओर न तो अपना मन ले जाते हैं और न ही पुराने वस्त्रों का स्मरण करना पसंद करते हैं, न ही अपने आपको किसी दूसरे के समक्ष पुराने वस्त्रों को हाथों में टाँगकर परिचय कराते हैं। ठीक उसी तरह मृत्यु के पश्चात् नया शरीर धारण करने पर हमें पूर्व जन्म की छोड़ी हुई देह का ध्यान नहीं रहता।
Hello sir...just seen podcast...I've no words to Express my gratitude to you. Your way of expressing things influenced me lot. It is valuable to hear you.
@@dinkarbawa4587 I am a writer, my two books have published from Prabhat Prakashan New Delhi. The first book in 2018, was originally published in Hindi language, titled "Mrityu kaise hoti hai ? Phir kya hota hai ?” (मृत्यु कैसे होती है ? फिर क्या होता है ?) Its preface was presented by the Chief Justice of the Supreme Court of India Shri Justice R.C. Lahoti. The purpose of writing this book is also to know what should we do so that death is a pleasant experience and after death our spirit gets happiness and pleasure. I have quoted the principle of Karmayoga as mentioned in 'Shrimad Bhagwat Geeta'.
You r wrong bro
Bahut hi khoob surat podcast hai aur mam apki voice ki tarif karni hogi
Gratitude master ❤
Well Qualified person say something Listen ever one as he up sitting on Chair telling about death and when come
Very nice.. 💯
It's true 😢😢😢😢😢😢😢
I feel Death must be a wonderful experience. Most people are always worried about Death. No one wants to Die. Most of us are scared to death. Honest and lucky persons only think about Death.
Great
ध्यान में सिर्फ आप खुद से ही बात कर रहे थे...ये सिर्फ कोरी कल्पनाएं है....
Fear of God and death both are brother and Sister. Its a first step towards purity.
हर हर महादेव नमः शिवाय
Guruji jyada hi padh liya in sabke baare osho ji bta chuke
Lobsang Rampa , a tibetian Buddhist mystic lama 1st mentioned about the silver chord & even Aakashic records in his books.
The birthday is celebrated because he/she has got one more year completed by the grace of the Universe. So, birthday is much more necessary to be celebrated.
Thank you sir well explained gratitude🌹🙏🌹
Sir suside wali spirit ko mox kaise dilaa
har har mahadeb
यदि सपने में ही हम सुख,दुख भोग लेते हो तो रियल लाइफ में सुख दुख हो ही न.रियल लाइफ में ही हम सुख दुख भोगते है.
Have you previous experience
Tum bina mare ,marane ke bad kya hota he bata rahe..he😮
Very good it's only fantasy just I am not able to understand without eating laddu how I can say ladoo is sweet 😂😂😂
Where I can buy book
Very very
👏👏
Can we all do Hipnosis , to know this birth and last and future birth , it can
Aap jis vishay per charcha kar rahe he voh nishchit hi shodh kakaran ho sakta he.LEKIN APKI SHURUAT ASHUDH HE.YADI AAP UTSUK HE TOH ME HINT DE DU.APKO APNI YATRA JANAM LETE SAMAY KAISA MAHSUS HOTA HE SEKARNI CHAHIYE.MAINE MRATIU KE PAHLE AUR BAD KE ANUBHAVO KO JIYA HE.
Abhi tak mrutyu ek rahasya hai
Bahut lectures suna hai. Ab tak me santusth nahi hua.
🙏🙏🧘♂️🧘♂️
इसी तरह के लोग इस देश में बाबा पैदा करते हैं
😂
tum dono bhraman ho hi nahi sakte ya to jyada padh likh gaye
Meditation, se bhagwaan se vartalaap, kya ye sach hai.
This is true ki pregnancy may abortion ho jaye toh wo jeev atma kisi na kisi roop may ati h apki life may... I have personally experienced this.
Sir meditation me hum hamare mrut parijan k liye prarthana kare to o us tk pahuchati h kya? Sir punrjan kaise yaad aata h
Yes, your thoughts reach there.
Namaste, Kindly WhatsApp Message PMC Hindi on +91 7042831591🙏
isiliye me kabhi apna janamdin nahi banata, office wale banate hai aur ghar me wife par me ye sochta hun ke mere janam se mujhe kya fayda, kya mene achieve kya. kya bahut majedar jivan raha yaa mene koi bada kaam kiya jispe mujhe Garv ho apne hona ka
सब कुछ सच भि नहि होगा । सब कुछ झुठ भि नहि होगा । पर जैसा जीवन वैसा मृत्यूके बारेमे कोइ छोटा बच्चा या भला आदमीका दुखद मृत्यू क्यूँ पुछे तो बोलोगे पिछले जनमका भि फल होता है ।
Lekin sir hum aapne aap ko dekh rhae hote hae pher who kon hae Jo dekh rha hae wo hum hae ya wo jis ko hum dekh rhae hae
मैंने तीन बार अधूरा और एक बार मौत का पूरा अनुभव किया है ✍️
Kese? Or bataen
Dukhad kyo hoti h
People unnecessarily eulogise death. In fact death is the most ugliest thing in life. Time will come when man can overcome death as the latest trend of research indicates.
Kindly use simple words i am from Pakistan we can't understand hindi language please translate in english as well 🎉 thanks
Agar koi gambhir bimari se marr raha he to kya wo paapi he .??
Very well scripted, how can people lie about their families online. 😡😡😡
Mere papa bhi food pipe cancer Gujar gye hai.. papa ka waight 33 kg ho gya tha doctor ne bola 3 kg weight bada ke leke aao redison therapy hogi.. papa bolne lage mein redison therapy nahi karvauga phir humne haridwar se ayurvedic treatment chalu karvadia aur kuch din baad unke death ho gai mujhe lagta hai kas papa ko samjha ke hospital le jata unki redison therapy karva deta to woh bach jaate mein khud ko jeemedaar manta hu unki maut ka... Kya karu mein papi hu mere papa bohot bhole sedhe insan the..
Sab log mujhe boltlte hai tune galti ki hai tujhe ayurvedic nahi deni the hospital leke jana chahiye tha redison therapy dilwani the woh aaj thk hote..
Bhai aap har jagah yahi comment kar rahe ho.
Sabse pehle - ॐ शान्ति ❤ जो आत्मा आपके पिताजी की देह में थी, ईश्वर उन्हें उन्नत लोकों में स्थान दे ❤
आपके फादर साहब ने बोला कि उन्हें Radiation Therapy नहीं करवानी, ये उनकी choice थी। उनकी choice का सम्मान करना आपका कर्तव्य था (एक बेटे के रूप में भी, एक मनुष्य के रूप में भी)।
"सब लोग मुझे बोलते है... ब्ला ब्ला ब्ला"
भाई, वो तुम्हारे पापा थे। ‘लोगों’ के नहीं।
बकने दो लोगों को जो बकना है। अच्छी संगति करो।
मान लो, कि आप अपने पापा को Hospital ले जाते और उनकी Radiation Therapy भी कराते। पर अगर तब भी उनकी आयु इतनी ही होनी थी तो?
तब भी अगर वो चले जाते तो?
अगर अभी यूं बोलोगे कि "तब स्वीकार्यता होती, acceptance होता कि कोशिश तो की",
तो भाई मेरे, वो तो अभी भी की ही ना!
आपने कहा कि "khud ko zimmedar mante ho unki maut ka"
क्या आपने जो किया वो ये चाहकर किया था कि उनकी मृत्यु हो जाए?
जो आपके बस में था, आपने वो किया।
कराने को radiation therapy करा सकते थे, लेकिन उसका success rate कोई बहुत अच्छा नहीं है। तब भी अगर आपके पिताजी का देहांत हो जाता तब आप क्या कहते? कि आयुर्वेदिक विकल्प लेना चाहिए था?
ग्लानि और पीड़ा के भाव से बाहर निकलकर, कृतज्ञता और स्वीकार भाव में आएंगे तो दिवंगत आत्मा अपनी आगे की यात्रा में प्रगति कर पाएगी। वरना उसे भी पीड़ा होगी, और आप भी अगले जन्मों तक ग्लानि के भाव लेकर जाएंगे।
मृत्यु ही वो अंतिम सत्य है जिसकी बात हर ध्यानी, ज्ञानी, गुरु ने की और जो हर शास्त्र में वर्णित है। आप भी मरेंगे और मैं भी।
जानबूझकर किसी को पीड़ा नहीं देनी चाहिए, वो आपने दी नहीं है।
मैं ये भी समझ रहा हूं कि कहना सरल होता है। जिस पर बीतती है वही समझता है।
इस दुःख से निकलने के लिए रोज़ ध्यान करें, भजन संध्या में बैठें, सेवा में अपनी ऊर्जा लगाएं, और दैनिक रूप से थोड़ा-बहुत व्यायाम करें।
एक बार पुनः - जो आत्मा आपके पिताजी की देह में थी, ईश्वर उन्हें उन्नत लोकों में स्थान दे ❤
ॐ शान्ति !
@@raman6087 bhaiya mera demak esliye kharb hai unko ayurvedic dawai se ulatiya lagne lagi the to mein ulti ki dawai le Aya medical se itna nahi socha demak se ki yeh cancer jaisi bhayankar bimari tu dobara unko AIIMS hospital rishikesh leke chal... Aur woh hi ulti unki mirtyu ka karan bani mera demak yu hi pareshan rehta hai ki mein aisi bewakufi kaise kar sakta hu. Esliye unki maut ka jeemedaar khud ko manta hu bhai aisa hua aap batao.
Agar aap radiotherapy karva lete toh Bhi Aapke papa ne jana hi tha. Humney radiotherapy karvai thi papa ki Woh Nahi Rahey .Mai yeh soachti rehti hu k Ayurvedic medicine le letey. Sach toh yeh hai k jiski jitni likhi hai osne utna hi jeena hai. Janam k sath hi mritiu ki date likh Di jati hai. So plz don't blame urself. Mritiyu sach hai oska din hum change Nahi Kar saktey. Papa 9th may KO Chaley Gaye. I was not with my papa m in pain now.Dil Nahi lag Raha papa k bina.m feeling void. Aap apney papa k liye pray kiziey like me. Hare Krishna 🙏🙏🙏🙏
@@KK-kz4dy aisa hai kya magar doctor ki call aai the ki aap rediation date par aajao. Magar papa bole abi kuch din ayurvedic hi kha leta hu baad mein karva lege. Phir bich mein papa ko vomiting star ho gai unka waight 30 kg se bhi niche aagya phir hum ayurvedic hi khelate rahe. Aur mere papa kamjori mein chale gye bus woh thoda lequid hi pee pate the. Bus yeh paap ho mujhe jub unko vomiting lagi the to vomiting ki dawai na deta hospital le jata to sayad woh bach jaate meine ghar par hi dawai deta raha .. paap to kia hi hai meine maut ka jeemedaar to hu hi mein
Bhai bohat Acha Kiya Nahi karvai Nahi toh Aapke papa ney on the spot hi khatam ho Jana tha. Radiotherapy bohat dangerous hai. Mere papa healthy Bhi they tab Bhi Woh therepy Nahi seh PAYE. Yeh therepy cancer cells k sath healthy cells KO Bhi khatam Kar deti hai. Merey papa KO side effect hua is therepy sey. It's not good in old age . Mere papa Bhi devta insaan they .ik bacchay ki Tarah innocent they.m crying papa k liye . M missing. Mere toh jindgi hi papa they .dunia da sab toh pyara rishta mere papa. plz pray for Ur papa. Hum sab ney mar Kar Bhi Wohi Jana hai jahan hamarey pyare hai. hum Kuch Nahi Kar saktey Bhai. So don't blame urself. Hare Krishna 🙏
Silver chord kaheta hai madam
Mai mrityu chahta 😘
मतलब सनातन ही सत्य है चाहे तुम क्रिसियन हो या मुस्लिम मृत्यु का सत्य यही है
Sanatan Dharm is universal truth.
Sir; kuch nhi h.. bs ek bucket bher kr laaye thay jo khali kr rahe h; aur ek dusri bucket bher rahe hain..
Maut ko roka ja sakta hai kya
🫀🫁🫀🫁🫀🫁🫀🫁🫀🫁