आप अपने पूर्वजों के किए पाप को ढकने की कोशिश कर रहे है,,धर्म संविधान कैसे होगा, धर्म एक धंधा है जिसमे कुछ लोगो को फायदा हो रहा है जो हजारों साल से चलते आ रहा है इतिहास देखलो जब जब इस धर्म से लोग प्रताड़ित हुए है एक अलग धर्म का निर्माण हुआ है(बौद्ध, सिख,जैन,) हमारा धर्म बढ़ने के बजाय घट रहा है ,और दूसरा धर्म बढ़ रहा है,और ,,कभी सुना है की संविधान से प्रताड़ित लोगो ने नया संविधान बनाया है ,,संविधान जाति के हिसाब से सजा नही देती गलती के हिसाब से देती है,और धर्म जाति के हिसाब से प्रताड़ित करती है क्योंकि कुछ लोग सबसे ऊपर बैठे है,,और ओ लोग चाहते है की उनका ही वर्चस्व रहे उनको मतलब नहीं है की धर्म घटे या बढ़े,,
मेरे भाई , गंगा यमुना वेली में आर्कोलॉजिकल सर्वे में में इसके कुछ साक्ष्य मिले but tumko abhi bahut padhai ki jarurt he । Islye me ज्यादा बात nhi करूंगा apse sir ji 🙏🙏
ज्यादा बात करने और ज्यादा पढ़ाई की जरूरत नहीं हमको ,,अभी भी हम देख रहे है ,अभी भी जाति के पूछ कर शहर में रूम किराया दिया जाता है ,अभी ऐसा हाल है तो सैकड़ो साल पहले कैसा रहा होगा ,, सोचके ही हालत खराब हो जाता है, उस समय के लोग जिंदा कैसे रहते होंगे,,यहां तो इतिहास ही बदला जा रहा है साक्ष्य तो बहुत छोटा चीज है,,
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया। ✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला। ✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे। कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है ✍🏻प्राचीन सनातन संस्कृति में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य। यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था। राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे। ✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है ✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं। और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
@@Rahul-ec4xg✍🏻यादवों की बुध्दि 12:00⏰ खुलती ऐसा इस लिए कहा गया क्योंकि:- ✍🏻कंश के आतंक से सभी यदुवंशी डरे हुए थे और यादवों को समझ में नहीं आ रहा था बुध्दि काम नहीं कर रही थी! ✍🏻जब यादव श्रेष्ठ दादा श्रीकृष्ण जी का जन्म रात्रि 12:00 ⏰ हुआ तो सभी यदुवंशी खुश हो गए और सभी यदुवंशी(यादव) बोले मेरे ताराण हार आ गए। और यादवों की बुध्दि काम करने लगीं! इस लिए कहा जाता है यादव(अहीर) की बुध्दि 12:00⏰ खुलती है। 🇮🇳🛕⚔️जय यादव जय माधव⚔️🛕🚩
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है... 👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
Hum achche se jante h guru Ji aapki mentality kyonki aap khud ek savarn ho aur aisa lagbhag har video me aapke dekha ja skta h Aapko jativad ki vayvastha bahut pasand h
Puri duniya me log maa ki pet se janm lete h...India me koyi pair, koyi hand, koyi mukh se janm lete h..Yehi toh brahminwaad ka pakhand h...Duniya me India me keval Agriculture hoti h..aur desh ke log hawa pee ke jivan jite h🙏😆😆😆
ओझा सर बातों को घुमा घुमा कर आप पापो को मत छुपाओ जो गलत था और है उसे गलत बोलना सिखिऐ दुनिया बदल चुकी है लेकिन आप लोग सुधरना नही चाहते हैं मत बचाव कीजिए ऐसी घटिया और ओछी व्यवस्था का आप से ये उम्मीद नही थी
जब धर्म की उत्पति कल्क्चरर से हुई होगी तो फिर हिंदू का कल्चर क्या है ? आखिर वर्ण वेवस्था तो हिंदू में ही है न यहां पर शिक्षा के नाम पर सिर्फ एजेंडा चला रहे हो
क्या पता है वर्ण व्यवस्था एक समूह के लोगों ने किया तुलसीदास ने जब ब्राह्मण और शूद्र के बारे कहा था तब उसका विरोध रविदास अपने दोहे के अनुसार किया था और अभी भी सुधरने का नाम नही ले रहे है
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है... 👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
Ye ved upnishad ye sb brahmno ne hi likha h kisi Bhagwan ne nhi kyuki Bhagwan kabhi kisi ko uncha nicha nhi krta ye sb brahmno ne hi kiya h or khud ko sbse upr bataya h
अपना देखो तुम, हमसब अपना जानते है, यदुवंशी, यादव, अहीर, अहिरवाल,ग्वाला, गवली घोष, रॉय, राव साहब, ये सब सर नाम अलग - अलग राज्य मे अलग अलग जगह मे सर नाम लगते है मगर सब यादव है, सब हमारे भारत मे अलग राज्य मे अलग सर नाम से बुलाये जाते कृष्ण का वंशज सब अहीर समाज का सर नाम है, गिर्वर् के प्रभु नागर लागे आखिर जाती अहीर रे " भगवान के समय मे मीरा अपनी मधुर स्वर मे ये भजन प्रस्तुत की थी, और सबको बताई थी की कृष्ण का जाती अहीर है, भगवान के समय मे ही बताया गया है जय श्री कृष्ण 🙏🙏
Oh..bhai ab or kaise khatam kare...marde sabko ....khatam ho toh gayi...agar koi kar rha hai toh uska complain karo...jail jayega ..lekin agar itna sahas nhai kar sakte toh kya hi bole fhir
@@amardeepsingh4513 shadi caste dekh k krte ho , vote caste dekh k krte ho, .....kha khatam hui tumhare sapno mai....fayda mil rha hoga tumhe jativad ka tbhi ye haseen baate krni aati h tum logo ko.....roj sekado case aate hai caste attrocities k ....koi saath khane pe maar rha hai , koi ghodi ni chadne de rha hai , koi love marriage krli to maar deta hai .....jativad khatam hoga jb jativadi logo ka safaya strt hoga
@@amardeepsingh4513 कहां खत्म हुआ जातिवाद और बढ़ रही है .. आज एससी एसटी एक्ट को कमजोर कर दिया गया आरक्षण खत्म करने की योजना बन रही है कई हजार सालो तक दलितों का शोषण हुआ वह कोई नहीं देख रहा और कुछ दिन आरक्षण चल रहा वह इनलोगो को हजम नही हो रहा so हिसाब तो करना होगा ना...
@@amardeepsingh4513 बंधु इन्हें मतलब नहीं इससे, इन्हें तो सिर्फ गाली देना आता है पढ़ना तो है नहीं ना संविधान ना अंबेडकर को सनातन के ग्रंथों से तो कोई मतलब ही नहीं है इन्हें। गाली देना सीखा है गाली देते जीवन बिता देंगे
@@amardeepsingh4513 "LALA" yaani kaRyastha yaani Lodh yaani Khatri yaani Tyagi yaani MoneyAll ( Mohey - All ) yaani Anival yaani Sanketik( symbolic only not real) yaani Kulheen Jaatchor Lalaon ke hotey hue aisa kaisey ho jaayega
आखिर ब्राह्मण ब्राह्मण ही होता है इसीलिए लोग सही कहते है की हिंदू कोई धर्म nhi हैं बल्कि ये ब्राह्मण धर्म है, धन्यवाद सर ब्रह्मणीय व्यवस्था को नई रूप से व्याख्या करने k लिए
Agar kisi Ko Dharm Janna hai to Bhagwan Budh ka panchshil aur ashtangik Marg ka anusaran Karen. 🎉 Brahmano ki gapod Gatha mein kuchh nahin Rakha Namo buddhay ji 🎉❤🎉
Lund hai khastriya mtlb thakur kha likha hai thakur ak upadhi hai jo bahut se jati lagati hai tum apni gyan apne pass rakh ok hamlog tumlogo ko nhi mante hai thakur
#कर्मों_रक्षति_रक्षितः *कर्म ही धर्म और अधर्म की पहचान है* *अपने परिवार समाज राष्ट्र के प्रति समर्पित होना धर्म है* *जिस प्रकार समुद्र में लूटने वालों को समुद्री लूटेरे बोलते हैं* *उसी प्रकार धरती पर लूटने वालों को धर्म लूटेरे बोला जाना चाहिए*
आपकी छवि हमारी नजर मे अच्छी है सर. लेकिन कभी-2 ऐसा लगता है किसी विषेश वर्ग समुदाय की प्राचीन समय मे की गयी गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिस करते रहते है ।
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है... 👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है... 👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
ओझा सर जी आपको ऐसा क्यों लगता है कि अब भी आपलोग कुछ भी कह दे और यह लोग ब्रह्मा के आदेश के जैसे मान ले मतलब कुछ भी😟😟 सर समय बदल गया है पढ़ लिख लिया है अब शूद्र भी बदलिए अपनी मानसिकता और सही बात बताइए कि छुआछूत कहां से आए किस की साजिश थी यह
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है... 👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
Sir please aap vikas divyakriti ka videos dekha kariye. Kyuki aap ke aap ka koi proof nhi hota sirf dialoguebaji hoti aur vikas sir ke baato me dam aur logic hota hai
नहीं कोउ अस जन्मा जग माही। प्रभुता पायी जाहि मद नाही।। थोड़ी सी प्रसिद्धि मिल जाने पर जितना वैचारिक भ्रस्टाचार ओझा सर कर रहे हैं उसकी कोई सीमा नही है। वामपंथी विचारधारा ज्यादा दिन नही चलेगी सर्। धूर्तता की भी सीमा होती है अवध ओझा। बहुत जानकर इतिहासकार हैं आप सर लेकिन धूर्त हैं आप। नीच इतिहासकार।
Pahli bat sir mai aapki bahut respect karta hu. Lekin aap bar bar dharm ko samvidhan se kyu compression kar rahe hai in dono me bahut bada antar hai aap bat ko tod marodkar kyu pesh kar rahe hai jabki aapko sab pata hai. Dharm ki wajah se aaj bhi matka se pani pine ki saja maut hoti hai aur samvidhan ki wajah se wahi pair se pada hua insan aaj Pm,cm president doctor, advocate etc sab ban pa raha hai aap side mat lijiye. Aap dono ko same nhi Kah sakte. Yahi dharm mahilao ko aajadi nhi deta tha padhne ka adhikar, bal viwah jai kupratha joro par thi aur aaj isi samvidhan ki wajah se aap nateeja dekh rahe hai mahilao ki position kaha hai. Kuchh to aap galat bol rahe hai.
Brahman jo bhi kahe yakeen naa karo. Mauka prasti ne varan yaa jaati vyawastha ko janam diya. Jo log paise wale ho gaye unhoko apne nalayak bacchon ki chinta satane lagi, ki unke baad nalayak bacchon ka kya hoga bas isi jarrorat ne jati vyawastha banai. Brahaman baniya chatriye bhukha mar jayega agar shudra log karigari aur mahanat naa karen. Mahanat karne mai kissan, lakadhara, charwaha, machali pakadana, nai jaisi cheejen aati hain, aur karigari mai lohar, kumhar, julaha, chamar jaise karigar aate hain. Pandit kya karta hai murti ke samne baith jata hai deepak jala ke abb lao chadhawa, baniya kissano, karigaron se saate mai lekar mahnga bech deta hai jo pahle haat mai adla badli ho jaate thay asani se., Chatriye kissano aur karigaro ke saar par talwar rakh ke loot paat karte thay. Toh asli neech toh sawaran hue naa.
आप अपने पूर्वजों के किए पाप को ढकने की कोशिश कर रहे है,,धर्म संविधान कैसे होगा, धर्म एक धंधा है जिसमे कुछ लोगो को फायदा हो रहा है जो हजारों साल से चलते आ रहा है इतिहास देखलो जब जब इस धर्म से लोग प्रताड़ित हुए है एक अलग धर्म का निर्माण हुआ है(बौद्ध, सिख,जैन,) हमारा धर्म बढ़ने के बजाय घट रहा है ,और दूसरा धर्म बढ़ रहा है,और ,,कभी सुना है की संविधान से प्रताड़ित लोगो ने नया संविधान बनाया है ,,संविधान जाति के हिसाब से सजा नही देती गलती के हिसाब से देती है,और धर्म जाति के हिसाब से प्रताड़ित करती है क्योंकि कुछ लोग सबसे ऊपर बैठे है,,और ओ लोग चाहते है की उनका ही वर्चस्व रहे उनको मतलब नहीं है की धर्म घटे या बढ़े,,
Right brother.
@@akhilanand-mc2kh थोड़ा पढ़ाई करो
अदभर गगरी झलकत जाए 😁😁😁😁😁😁
@@akhilanand-mc2kh वो तो बखूबी दिख रहा है सर जी😁🙏
मेरे भाई , गंगा यमुना वेली में आर्कोलॉजिकल सर्वे में में इसके कुछ साक्ष्य मिले but tumko abhi bahut padhai ki jarurt he ।
Islye me ज्यादा बात nhi करूंगा apse sir ji 🙏🙏
ज्यादा बात करने और ज्यादा पढ़ाई की जरूरत नहीं हमको ,,अभी भी हम देख रहे है ,अभी भी जाति के पूछ कर शहर में रूम किराया दिया जाता है ,अभी ऐसा हाल है तो सैकड़ो साल पहले कैसा रहा होगा ,, सोचके ही हालत खराब हो जाता है, उस समय के लोग जिंदा कैसे रहते होंगे,,यहां तो इतिहास ही बदला जा रहा है साक्ष्य तो बहुत छोटा चीज है,,
ऋग्वेद के दशम मंडल के 90 वे श्लोक के पुरुष सूक्त में वर्णब्यवस्था का जिक्र है जो कर्म पर आधारित है
Wo karm pe adharit or chl birth pe rhi hai.....to kudde mai fenko aise system ko
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
Jala dena chahiye ase phrushukt ko sari samsya ki jad yhi h-
Bhasa vigayan ke hisab se baad mevjodi gyi bhasa hai
यह पंडित है पंडितों का गुण गाएगा जिंदगी भर
Ahiro ki buddhi 12 baje ke baad khulti hai Akhilesh aur bhabhi ke bare me batao
@@akhilanand-mc2kh बाभनों के बुद्धि की गांnd मार के रख दी है अहीरों ने! 😅
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है
इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं
राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया।
✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला।
✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे।
कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है
✍🏻प्राचीन सनातन संस्कृति में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य।
यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था।
राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे।
✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है
✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
@@Rahul-ec4xg✍🏻यादवों की बुध्दि 12:00⏰ खुलती ऐसा इस लिए कहा गया क्योंकि:-
✍🏻कंश के आतंक से सभी यदुवंशी डरे हुए थे और यादवों को समझ में नहीं आ रहा था बुध्दि काम नहीं कर रही थी!
✍🏻जब यादव श्रेष्ठ दादा श्रीकृष्ण जी का जन्म रात्रि 12:00 ⏰ हुआ तो सभी यदुवंशी खुश हो गए और सभी यदुवंशी(यादव) बोले मेरे ताराण हार आ गए। और यादवों की बुध्दि काम करने लगीं!
इस लिए कहा जाता है यादव(अहीर) की बुध्दि 12:00⏰ खुलती है।
🇮🇳🛕⚔️जय यादव जय माधव⚔️🛕🚩
तोड़ मरोड़ के अपनी बात सिद्ध करने का कोई फायदा नही है ओझा सर।।सबको सब पता हो चुका है क्या झूठ था और क्या सच है।।
Bane researcher aur etihaaskar lag rahe ho 😆
@@Rahul-ec4xg tum bhi bn jao
Bde researcher aur historian 😀😀
@@durgeshchandra4009 ha ha ha
@@durgeshchandra4009 ham to ban gaye hai beta
@@Rahul-ec4xg ha beta ..sabdo me bne hoge 😀😀
शिक्षा के नाम पर एजेंडा चलाया जा रहा है
कैसा एजेंडा भाई नही समझा जरा बताना
ओझा सर धुल झोंकने मे माहिर खिलाड़ी है
जाति तो वो चीज है की जो जाति ही नहीं सिर
और हां oijha sir के बच्चों के नाम भी ओझा सर नेम से ही होगा
Toh tmhre jaat bhi tmhre बच्चो की होगी । कोई जनरल है या ओबीसी या sc st सब एक है हिंदू , मानना है तो अच्छी बात है वर्ना लड़ते रहो एक दूसरे से । धन्यवाद
@@ibrawtrd3495 भाई साहब इसी हिंदू धर्म के कारण तो वर्ण व्यवस्था है तो आप किसलिए एक होने की बात कर रहे हैं।
Kitana galat samarthan kar rahe ho
ये एजेंडा चलाना जानता है बड़े अच्छे से
😅😅😅😅
😃
Jarurat kya thi vo isne bta di pr ye ni btaya aryan race k logo ne native logo ko gulam bna k shudra category bnai jo aaj ka sc st obc samaj hai
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है...
👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
Hum achche se jante h guru Ji aapki mentality kyonki aap khud ek savarn ho aur aisa lagbhag har video me aapke dekha ja skta h
Aapko jativad ki vayvastha bahut pasand h
Bharat sanchar ki tarf se is pahal ke liye , Puri team ko dhanyawad 🙏🙏🙏
Ha but aadmi galat chun liya bharat sanchar ne...
मैंने आपसे बहुत कुछ सीखा है और सिख ही रहा हूं।
धन्यवाद सर
Puri duniya me log maa ki pet se janm lete h...India me koyi pair, koyi hand, koyi mukh se janm lete h..Yehi toh brahminwaad ka pakhand h...Duniya me India me keval Agriculture hoti h..aur desh ke log hawa pee ke jivan jite h🙏😆😆😆
Achha ,budh kaise paida hua tha jara batana 😂 , suna ek hathi ne aakar paida kar diya tha 🤣
@@rohit70 कहा लिखा बताओ
@@narendrasalvi2149 Santan samiksha ka channel dekho , iska proof abhilekh se , budh ke mul granth aur stone se diya hai
@@rohit70 ha ha ha kuchh bhi ha ha ha kuchhh bhi
@@rohit70 sanatani pakhand channel mat dekho nahi toh tum kuchh din me bewkoof ho jayoge..
Sudra ekta jindabad
Khatam ho jawoge beta tum jakd
सारी जाती और वर्ण विदेशी ब्राह्मणों ने बनाया है
Bhosri ke baraham hindu hai aur Indian hai aur tu Pakistani tu khud ish Desh ka nahi hai
ओझा सर बातों को घुमा घुमा कर आप पापो को मत छुपाओ जो गलत था और है उसे गलत बोलना सिखिऐ दुनिया बदल चुकी है लेकिन आप लोग सुधरना नही चाहते हैं मत बचाव कीजिए ऐसी घटिया और ओछी व्यवस्था का आप से ये उम्मीद नही थी
ये आदमी पहले गाली देता है और फिर कहता है तुम अच्छा हो काल्पनिक बातों का इतिहास से क्या लेना देना है
इनके कहने का मतलब है जाती बनी है वो सही है ।ऐसे टीचर शिक्षा के नाम पर सिर्फ एजेंडा चलाते है।
Chutiya constitution me phir kyu jati dala hai general obc sc st laude kabhi Gita padha hai
जब धर्म की उत्पति कल्क्चरर से हुई होगी तो फिर हिंदू का कल्चर क्या है ? आखिर वर्ण वेवस्था तो हिंदू में ही है न
यहां पर शिक्षा के नाम पर सिर्फ एजेंडा चला रहे हो
क्या पता है वर्ण व्यवस्था एक समूह के लोगों ने किया तुलसीदास ने जब ब्राह्मण और शूद्र के बारे कहा था तब उसका विरोध रविदास अपने दोहे के अनुसार किया था और अभी भी सुधरने का नाम नही ले रहे है
कितनी रचना पढ़े हो तुलसी दास की एक भी नहीं akak दोहा पड़ लिया है बस भोक रहे हो
@@vickypandey2083 उसकी रचना पड़नी भी नही है जो पाखंडवाद को बड़ावा देता है।
@@gurukul907 तब उसे कुछ बोलने का हक भी नहीं है क्योंकि बीना किसी के बारे मे कुछ जाने उसी गलत नहीं बोला जाता
पंडित अपने आपको भगवान समझता है पंडित बहिष्कार 🏇🏻🚩
शूद्र एकता जिंदाबाद ब्राह्मण भगाओ |
हम जानते थे आप जातिवादी मानसिकता के पोषक हो ,और साबित ही कर दिया आपने ।
Kaise , bhai jo ved mae likha hai wahi bta rahe hai
👍👍👍👍👍
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है...
👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
बिल्कुल सही पकड़े
अवध ओझा कट्टर जातिवादी है
इसकी बहुत ही गंदी मानसिकता है।
ऐसे शिक्षक ही देश में जातिवाद के प्रमुख कारण हैं।
Ye ved upnishad ye sb brahmno ne hi likha h kisi Bhagwan ne nhi kyuki Bhagwan kabhi kisi ko uncha nicha nhi krta ye sb brahmno ne hi kiya h or khud ko sbse upr bataya h
Jay Yadav,, Jay Madhav,, Jay Shri Krishna,,,
Jay chhatriy yaduvanshi samaj ke logo ki,,,,
तुम अहीर हो भाई.
यदुवंशी नाम चुरा लेने से तुम यदुवंशी नहीं हो जाओगे.
@@vitocorleone07 yaduvanshi mein Kitna jaati Hai tumko kuchh pata bhi hai ,,,
Sabhi cast mein bahut sari jatiyan hoti hain,,,
Rajput mein Kitna jatiyan Hai tumko pata hai,,,
अपना देखो तुम, हमसब अपना जानते है, यदुवंशी, यादव, अहीर, अहिरवाल,ग्वाला, गवली घोष, रॉय, राव साहब, ये सब सर नाम अलग - अलग राज्य मे अलग अलग जगह मे सर नाम लगते है मगर सब यादव है, सब हमारे भारत मे अलग राज्य मे अलग सर नाम से बुलाये जाते कृष्ण का वंशज सब अहीर समाज का सर नाम है, गिर्वर् के प्रभु नागर लागे आखिर जाती अहीर रे " भगवान के समय मे मीरा अपनी मधुर स्वर मे ये भजन प्रस्तुत की थी, और सबको बताई थी की कृष्ण का जाती अहीर है, भगवान के समय मे ही बताया गया है जय श्री कृष्ण 🙏🙏
@@Mohit-ds3nw ,,
सही बोले,,,
जय श्री कृष्णा
Ye teacher nhii h ye teacher ke roop me aarya h jo videshi h
सर अमेरिका में क्यो नहीं पैदा हुआ वर्ण व्यवस्था और देशों में क्या नहीं हुआ
Absolutely right bhai
Baare murkho jai dekho kala gora kabse chal rha kitne log ki mobliching huyi hai
Bharat samachar ka koti koti dhanyawad🙏🙏❤️❤️❤️❤️
Aaj नई नई वर्णव्यवस्था k मतलब निकाले जा रहे है, लेकिन इसे खत्म करने की बात करे तो मुंह लर लखारने लग जाते है,
Oh..bhai ab or kaise khatam kare...marde sabko ....khatam ho toh gayi...agar koi kar rha hai toh uska complain karo...jail jayega ..lekin agar itna sahas nhai kar sakte toh kya hi bole fhir
@@amardeepsingh4513 shadi caste dekh k krte ho , vote caste dekh k krte ho, .....kha khatam hui tumhare sapno mai....fayda mil rha hoga tumhe jativad ka tbhi ye haseen baate krni aati h tum logo ko.....roj sekado case aate hai caste attrocities k ....koi saath khane pe maar rha hai , koi ghodi ni chadne de rha hai , koi love marriage krli to maar deta hai .....jativad khatam hoga jb jativadi logo ka safaya strt hoga
@@amardeepsingh4513 कहां खत्म हुआ जातिवाद और बढ़ रही है .. आज एससी एसटी एक्ट को कमजोर कर दिया गया आरक्षण खत्म करने की योजना बन रही है
कई हजार सालो तक दलितों का शोषण हुआ वह कोई नहीं देख रहा और कुछ दिन आरक्षण चल रहा वह इनलोगो को हजम नही हो रहा so हिसाब तो करना होगा ना...
@@amardeepsingh4513 बंधु इन्हें मतलब नहीं इससे, इन्हें तो सिर्फ गाली देना आता है पढ़ना तो है नहीं ना संविधान ना अंबेडकर को सनातन के ग्रंथों से तो कोई मतलब ही नहीं है इन्हें। गाली देना सीखा है गाली देते जीवन बिता देंगे
@@amardeepsingh4513 "LALA" yaani kaRyastha yaani Lodh yaani Khatri yaani Tyagi yaani MoneyAll ( Mohey - All ) yaani Anival yaani Sanketik( symbolic only not real) yaani Kulheen Jaatchor Lalaon ke hotey hue aisa kaisey ho jaayega
जब आप चरवाहे का काम किया है तो चरवाहा क्यों नहीं बनें , ब्रह्मण ही क्यों बनें?
Aaj k wkt me vard vyawastha ki jrurat hai kya
गीता में लिखा है , चातुर्वर्ण्य मया सृष्टम गुण कर्म विभागशः
farzi hai geeta
Ojha sir is Great personality🙏🇮🇳🇮🇳🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Ojha sir great personality🙏
आखिर ब्राह्मण ब्राह्मण ही होता है इसीलिए लोग सही कहते है की हिंदू कोई धर्म nhi हैं बल्कि ये ब्राह्मण धर्म है, धन्यवाद सर ब्रह्मणीय व्यवस्था को नई रूप से व्याख्या करने k लिए
Agar kisi Ko Dharm Janna hai to Bhagwan Budh ka panchshil aur ashtangik Marg ka anusaran Karen. 🎉 Brahmano ki gapod Gatha mein kuchh nahin Rakha Namo buddhay ji 🎉❤🎉
Agriculture se brahmin se kya Lena Dena hai?
जय भीम द्रोणाचार्य
Good
🤣🤣🤣🤣🤣🤣👍👍
गजब का विद्वान 😮😮😮😮😮😮
Sir आप को ज्ञान देते हो वो पुरानी धार्मिक किताबें से आज से उसका कोई मतलब नही है ।
Tum jaise murkho ko koe samjha bhi nahi payega
Brahman hai,, kuch vi bakega...
Brahma bunaya tha 😛😛😛😛😛😛
जाहिर सी बात है ,,ब्राम्हण मतलब ब्राम्हण,,क्षत्रिय मतलब ठाकुर ,वैश्य मतलब बनिया,और शुद्र मतलब बाक़ी बची जातियां,,
Yrr sb power game hai guru sb panditon ki den hain😁😁
ये पोंगा -पंथी कुछ बढे-लिखे उस समय के पुरोहितों एवं ब्राह्मणों (आर्यों) मनगढ़ंत बातें,उस समय के पुस्तकों में जान बुझ कर लिखा गया।🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Lund hai khastriya mtlb thakur kha likha hai thakur ak upadhi hai jo bahut se jati lagati hai tum apni gyan apne pass rakh ok hamlog tumlogo ko nhi mante hai thakur
Achha yadav kaha hai
Yadav sbse uper
Dr Ratan Lal 🇮🇳
#कर्मों_रक्षति_रक्षितः
*कर्म ही धर्म और अधर्म की पहचान है*
*अपने परिवार समाज राष्ट्र के प्रति समर्पित होना धर्म है*
*जिस प्रकार समुद्र में लूटने वालों को समुद्री लूटेरे बोलते हैं*
*उसी प्रकार धरती पर लूटने वालों को धर्म लूटेरे बोला जाना चाहिए*
जय भीम
Pandit hai khud ko to bachayega hi😂😂😂
वैदिक काल को कितना प्राउड से बताया है ,
Jai Dada parshuram 🙏🏻🙏🏻
देख रहे हो ना विनोद कैसे जातिवादी लोग यहां ओझा सर को भला बुरा कह रहे है क्योंकि जातिवादी लोग कितने नफरती है 😂😂🇮🇳🇮🇳
Jai yaduwanshi jai Shri krishna jai murlidhar Radhe Radhe
आपकी छवि हमारी नजर मे अच्छी है सर.
लेकिन कभी-2 ऐसा लगता है किसी विषेश वर्ग समुदाय की प्राचीन समय मे की गयी गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिस करते रहते है ।
छुठ पढा रहे हो सर...इन लोगो शुद्रो को पढने के लिये मना कीया...
सुप्रभात सर जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🙏🙏
Bharat samachar ko dil se salute
अब हमें इनके बहकावे में नही आना है
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है...
👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है...
👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
कैसे मास्टर है आप ।।। कुछ नही पता है आपको
ओझा सर जी आपको ऐसा क्यों लगता है कि अब भी आपलोग कुछ भी कह दे और यह लोग ब्रह्मा के आदेश के जैसे मान ले मतलब कुछ भी😟😟 सर समय बदल गया है पढ़ लिख लिया है अब शूद्र भी बदलिए अपनी मानसिकता और सही बात बताइए कि छुआछूत कहां से आए किस की साजिश थी यह
Brahmn sbse nichi jati h
Ones. episode again thanks. Sir.
Pahle kyu nahi padhne dete the Dr bhim Rao Ambedkar ji ko .....kyu ye choti jaati ke the ....sach me aap bahut jhuth bol rahe hai ..... 🙏🙏🙏🙏🙏🐘
Great teacher
सब IAS पहले गाय ही चराते थे कुछ भी 🤣🤣🤣
मतलब आदरणीय सर जी को लगते हैं कि यह लोग कुछ जानते ही नहीं कुछ भी बोल दो
@@BharatKumar-ri2xl 🤣🤣🤣
Great 👍👍👍 ojha sir
We love you 😊
Jai bheem jai bharat
upsc m pucha jaega kya?
Jitana is des ko jatiwad ne nukasan nahi pahuchaya utana nukasan kisi ne nahi pahuchaya
जय श्री राम
अवध ओझा ये भी बताए की अछूत कहा से आया।
ओझा सर के अनुसार आवश्यकताओं के लिए वर्ण व्यवस्था पैदा हुई तो ठीक है फिर इसमें छुआछूत जैसी घृणित भावना या फिर शुद्र के द्वारा ज्ञान की पुस्तक पढ़ने पर उसका जीव काट लिया जाना यह किस पाखंड की मानसिकता थी या है...
👉 उस पाखंड का तो हिसाब किताब होना अभी बाकी है
Kayasth kha se utpan hue ojha ji .
जैसे सभी का जन्म होता है वैसे ही सभी वर्ण के लोग जन्म लिए। हाथ, पैर, मुंह, जंग्घ से नहीं😂
ये पांखड है
Ojha sir pls ye bhi explain kariye ki pahle kya Mard bache paida karta tha???
Mukh me sambhog kisne kiya jo mu se bache paida hue??
Doraemon detected , opinion rejected
जो लोग ये कहते है जातिवाद ब्राह्मणों ने शुरू किया उनसे पूछना चाहता हु यदि ऐसा है तो जाती प्रमाण पत्र बनवाने तहसील क्यू जाते हो
Sir please aap vikas divyakriti ka videos dekha kariye. Kyuki aap ke aap ka koi proof nhi hota sirf dialoguebaji hoti aur vikas sir ke baato me dam aur logic hota hai
Dharm ko kisne banaya?ye khud brahman he or khud ko or us varg ko protect kr rahe he
Aryo ne naagvanshi aur suryavanshio ko hi shudra bana diya... Aaj sc obc me me maximum jatiya suryavanshi aur naagvanshi hain
नहीं कोउ अस जन्मा जग माही। प्रभुता पायी जाहि मद नाही।।
थोड़ी सी प्रसिद्धि मिल जाने पर जितना वैचारिक भ्रस्टाचार ओझा सर कर रहे हैं उसकी कोई सीमा नही है। वामपंथी विचारधारा ज्यादा दिन नही चलेगी सर्। धूर्तता की भी सीमा होती है अवध ओझा। बहुत जानकर इतिहासकार हैं आप सर लेकिन धूर्त हैं आप। नीच इतिहासकार।
Bharat smachar aapk bhi kinko leke aaye h isme Vikas divyakirti sir ko bulana chaiye tha
Ojha sir is also brhamn
Jay Maharana Pratap
Ojha sir ap katora le lo !!
Yeh fake hai
Jai Suheldev
नानी याद आ गयी
Galat baat hai sir. Dharam ne hi saari kuritiyo ko paida kiya hai. Aap justify kr rhe ho dharam me kuch galat nhi..
Pahli bat sir mai aapki bahut respect karta hu. Lekin aap bar bar dharm ko samvidhan se kyu compression kar rahe hai in dono me bahut bada antar hai aap bat ko tod marodkar kyu pesh kar rahe hai jabki aapko sab pata hai. Dharm ki wajah se aaj bhi matka se pani pine ki saja maut hoti hai aur samvidhan ki wajah se wahi pair se pada hua insan aaj Pm,cm president doctor, advocate etc sab ban pa raha hai aap side mat lijiye. Aap dono ko same nhi Kah sakte. Yahi dharm mahilao ko aajadi nhi deta tha padhne ka adhikar, bal viwah jai kupratha joro par thi aur aaj isi samvidhan ki wajah se aap nateeja dekh rahe hai mahilao ki position kaha hai. Kuchh to aap galat bol rahe hai.
Well it appears to be me that everyone has to educate in his life in order to his history.
Brahmin ne apne fyade ki liye keya
Untouchable kisne payed kia phor
Kahana kya chahte ho...?
Brahamno ko ye bat nahi samjhni kyonki wo bhagwan mante apne aapko
Bolte jab tak braman nahi jayenge aapka shadi nahi ho sakti
Guruji aap.apne.lecture.se.purani.varan.vywstha.bnaye.rkho.lekin.apka.vichar.kisi.kaam.ke.nhi.
India is about buddha and jain a lot of king like Chandragupta Maurya ashoka are buddha and destroy by brahmn
Eklavya
You are rait sir
Jai Bhim....!
Yes rights..vedic era there was no castes...Pushan was God of all ..human ..but in later vedic period Pushan God given to Sudra,.only
Karna
Pahle brahmd log choti jaati ke sath kyu dur byavhaar kerte the ....
Brahman jo bhi kahe yakeen naa karo. Mauka prasti ne varan yaa jaati vyawastha ko janam diya. Jo log paise wale ho gaye unhoko apne nalayak bacchon ki chinta satane lagi, ki unke baad nalayak bacchon ka kya hoga bas isi jarrorat ne jati vyawastha banai. Brahaman baniya chatriye bhukha mar jayega agar shudra log karigari aur mahanat naa karen. Mahanat karne mai kissan, lakadhara, charwaha, machali pakadana, nai jaisi cheejen aati hain, aur karigari mai lohar, kumhar, julaha, chamar jaise karigar aate hain. Pandit kya karta hai murti ke samne baith jata hai deepak jala ke abb lao chadhawa, baniya kissano, karigaron se saate mai lekar mahnga bech deta hai jo pahle haat mai adla badli ho jaate thay asani se., Chatriye kissano aur karigaro ke saar par talwar rakh ke loot paat karte thay. Toh asli neech toh sawaran hue naa.
Ham to mante hi nhi hai uch nich a sab kya hota hai sab ak saman hai
Are you defending varna system.... Because you are Ojha.... You will definitely defend it.....