EP 02। AvadhNama। वैदिक काल में 'भारतीय संस्कृति और भगवान बुद्ध' पर अवध वाणी ।
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- Опубликовано: 6 авг 2022
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ओझा जी
आपकी आवाज बिल्कुल
नवजोत सिंह सिद्धू जी से मिलती जुलती है ।
मै भारत समाचार का सर्वप्रथम धन्यवाद ज्ञापित करता हु ,कि उन्होंने प्रिय अवध ओझा सर को हमारे सामने प्रस्तुत किया 🙏🙏 भारत समाचार का बारंबार धन्यवाद 🙏 अंत मे गुरुजी के चरणो मे सादर प्रणाम।
Bgm bakwas
Meri taraf se bhi
0000000000000000000000007
NM Please
Good
बाते बिलकुल सही है ... पर वर्ण व्यवस्था ने समाज को कितना बांटा और कितना अत्याचार से भरा था उस की बात करना उतना ही जरूरी है जितना भारतीय संस्कृति की महानता का गुणगान....
यार तुमको और कैसे समझाया जाये कि समाज वर्ण व्यवस्था से नहीं वंशवाद आधारित जाति व्यवस्था से बंटता जा रहा है.
वंशवाद खत्म झगड़ा ख़त्म...
भारत का सौभाग्य है कि मुझे #ओझा सर जैसा शिक्षक मिला है
बहुत अधिक ज्ञान का भंडार है❤
समाज एक जीवंत इकाई है, जो भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, संस्कृति आदि से प्रभावित होती है।
।
वैदिक काल की समाज
ऋग्वैदिक काल का समाज
समानता का समाज
कुल आधारित समाज
स्त्री- शिक्षा का अधिकार, लोपामुद्रा
शिक्षा का अधिकार, विवाह का अधिकार
दास व्यवस्था, सती प्रथा का प्रचलन नहीं
समाज में तीन वर्ग-
. राजन, पुरोहित और विस्ट (आम आदमी)
1000 बीसी में लोहे की खोज ने समाज को व्यापक रूप से बदल दिया
भूगोल_ सप्तसंधव से हरियाणा, राजस्थान होते हुए बिहार तक
अर्थव्यवस्था_कृषि आधारित
राजनीति_राज्य का बनाना शुरू
समाज में वर्णव्यवस्था, जन्म पर आधारित की शुरुआत_ऋगवेद के १०वे मंडल में, धर्म से जोड़ा गया, ब्रह्मा से उत्पत्ति, वास्तव में कृषि अर्थव्यवस्था ने श्रमिक वर्ग की मांग पैदा की।
अंतर्वरणीय संबंध
जाति व्यवस्था_गुप्तोत्तर काल में शुरू
वर्णव्यवस्था_ड्यूटी आधारित जैसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र
जाति व्यवस्था_ पेशा आधारित है, जैसे कुम्हार, जुलाहा, ग्वाला आदि।
बुद्ध के अनुसार, उपनिषद भी, वर्ण व्यवस्था जाति नहीं कर्म पर अधारित यानी योग्यता पर होनी चाहिए जैसे कबीर ज्ञान बांटने के काम कर रहें हो तो उन्हे ब्राह्मण कहना चाहिए।
द्विज_twice born, वर्ण के शुरूआत
बुद्ध के समय में पानी प्रकट भाषा चलती थी जो आज पढ़ी जाने वाली सबसे पुरानी भाषा है
पाली भाषा को संस्कृत करके आज की संस्कृत भाषा आठवीं शताब्दी मे बौद्धिष्टो के द्वारा बनाई गई है
Right.....Pali...ke...bad...Sanskrit...hai....to....ved...suru....me...kon...si....Bhasa...me....likhe...Gaye....the
Thank you sir for this episode 😊
एडिटर सहाब से विनम्र अनुरोध है कृप्या इतनी ज्ञान की बातों के बैकग्राउंड मैं ये सनसनी वाला म्यूजिक न लगाए । सर को सुनने मैं डिस्टर्ब कर रहा है । इनका कुछ भी बोलना बिना म्यूजिक के ही खुद मैं एक संगीत है ।
Use headphones bro
Are bhai fir class main or isme kya fark reh jayega AAP dono ko mix karke suno maza ayega feeling ayegi aap usi काल में जी रहे हो🤗🥰
Idhar shlok suna rahe hai mastar ki boli me Sangeet hai
इस बेहतरीन और ज्ञानप्रद पहल हेतु भारत समाचार का हृदय से आभार।जादू टोना फालतू बहस ओर राशिफल न जाने क्या क्या दिखाने वाले फालतू के चैनल को आइना दिखाने का बेहतरीन प्रयास💐💐💐
बहुत ही सम्मान का भाव है आप के प्रति
आप को हम सबसे जोड़ने के लिए भारत समाचार का अति आभार
Aaj ki generation bhut lucky hai ki aaj knowledge ko easily sikha ja skta hai....aaj Ojha sir se teacher available bhi h n unka knowledge public ko free of cost bhi available hai ..
हम पूरा इतिहास पढ़ चुके है खान सर से फिर भी ये सेशन देखने में मजा आ रहा है 💓❤️💕💕
सच में महान है मेरी संस्कृति । और हमारे गुरू 🙏🙏। जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳🚩
मैं चाहे कुछ भी कर लूँ, कितनी भी मेहनत कर लूँ मुझे 3000 साल से पहले के भारत के इतिहास की कई कड़ियां गायब मिलती है. लगता है जैसे इतिहास टुकड़ों में है और इसे जबरदस्ती एक साथ जोड़ा जा रहा है. इसीलिए मैं 3000 साल से ज्यादा पुराने इतिहास पर भरोसा नहीं करता हूँ.
बहुत सारी बातें तो लगता है जैसे इतिहासकारों ने मनगढ़ंत लिख दिया है।
सर मै ग्रीक देवता के बारे मे पढ़ रहा था ग्रीक और हिंदू देवता मे बहुत समानता है साथ ही थाईलैंड इंडोनेशिया जापान में इस प्रकार के समान देवी देवता के मूर्ति बने हैं कुछ तो अपने नोट मे डाक मे इनके चित्र जारी किये है कौन किस से आया क्या सही history में पीछे जाओ तो बहुत उलझन है
कृपया कोई expain करे 🙏🙏
Sar app kitna zut falarahe hai ithaske bareme
आपके श्री चरणों में मेरा सादर प्रणाम स्वीकार करे सर
एक जगह संपुर्ण इतिहास सुनने मिल रहा है, बहुत अच्छा अवसर है इतिहास प्रेमियों के लिए।
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु सर्वोपरि 🙏🙏🙏🙏🙏
जय हिन्द सर🙏🙏🙏🙏🙏।
धन्यवाद भारत समाचार,धन्यवाद ओझा sir
सनातन धर्म को गालियां देने वालों को यह विडियो जरूर देखना चाहिए।जो वर्ण व्यवस्था की गालियां देते हैं उन्हें भी यह विडियो जरूर देखना चाहिए।जो लोग आज अधुरे ज्ञान के अभाव में सनातन धर्म छोड़ रहे हैं उन्हें इस तरह से अध्धयन करने की आवश्यकता है। धर्म बदलेंगे तो हम अपनी बहुमूल्य धरोहर से बिल्कुल विमुख हो जाएंगे।
धीरे धीरे दिमाग खुल रहा है अब मेरा... धन्यवाद गुरु देव
जबरदस्त मजा आ रहा है गुरु देव अपने इतिहास को जानने में... 🇮🇳 Jai Hind 🇮🇳
Sir Aaj tak aesa history nh pdha
Bhut mn tha aap se history padhne ka lekin utna Paisa
Bhut bhut dhanyawad guruji 🙏🙏.
weekly guruji km se km 3ya4 video bnaye plzzz sirji.📒🙏🙏🙏🙏
Paisa utna nh h.
lekin ab lg rha h ki aapse kuchh history pdh lenge.
aapk aese padhane se sochne ki chhmta badhti
ki aese kyu hua,kaise hua,aakhir esse phle aesa ku nh tha.
बहुत बहुत धन्यवाद भारत समाचार
Dear sir 👇👇👇👇
👉सर आप इतिहास के बारे मे बताते है तो बहुत अच्छा से समझ मे आता है👇👇
👉लेकिन अंत मे हम student के लिए आप एक प्रश्न दे दिया कीजिए 🙏🙏🙏🙏🙏 please sir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
sir its humble request uge board and diagrme to explain your satement . It will create to much undersatnding and intreast . . pure bharat ko apne students ki tarah padaiye . is dekh ko aapki jarurat hai . love u sir ❣❣❣ jay hind
Agree
दिमाग में बोर्ड बनाइए उस पर चित्र खींचिए सर
Class join kr lo bhai har jagah Gyan nhi dete
45 min me board me na bta payenge sbkuch. class join kr lo better rhega
@@sandipsingh1510 hh
में भारत समाचार को तहे दिल से धन्यवाद करना चाहता हु जिन्होंने ये कार्य किया आपने ना जानें कितने विधार्थी को ओझा sir से मिलवाया है अपने धन कि उस अदृश्य दीवार को गिरा दिए जो एक गुरु को उसके छात्रों को दूर कर रहा था, आपके द्वार किया गया कार्य अतुल्य है , और ओझा sir के बारे में क्या ही बोले ❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏
भारत समाचार का धन्यवाद।sir thanks 🙏
टीम भारत समाचार व अवध ओझा सर को भारतीय इतिहास पर व्याख्यान प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार व धन्यवाद।
Thanks bharat samachar for choosing all student favriate ojha sir ❤️❤️🙏🙏
मजा आ गया सर,कृपया इस सीरीज को बंद मत करिए गा। बहुत बहुत आभार भारत समाचार का कि इन्होंने ये सीरीज शुरू की
Eye opener...They select right person for right thing.... Because History of India in itself is very powerfull and vast to explain it's importance Awadh sir is right person. JAI HIND SIR🙏🙏
You are the best Teacher of History.
Mai sabhi desh ke yuva ko khna chaunga ki enke channel ko follow kro apne desh ka itihaas ke bare me janee
Sehihe bhai
बिगेस्ट फैंस सर आपका हर वीडियो में देखता हु पर भले इतिहास पढू ना पढू पर आप जो मोटिवेशन देते हो की लाइफ कैसे चलती है सर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Mera avadh sir se padne ka sapna tha aaj one year bad ye class mila
Garda uda diya sir 30 mint m to apne , gajab , shandar jindabad jabardast
great teacher of history who create the real images of history in our minds 🙏❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏
इस वैदिक कालका कालावधी क्या है और इसका arcological evidence बता सकते हो सर?
Gratitude sir, for giving us clarity .❤
सर जी चरण स्पर्श।
"योग्यता जन्म से नहीं कर्म पर आधारित होती है।" -महात्मा गौतम बुद्ध
गर्व होता है भारतीय होने पर जिस भारत में बड़े बड़े विद्वानो ने, महापुरुषों ने और ईश्वर ने अवतार लिया। जिस भारत में इंसान से ईश्वर बनने की क्षमता है। जिस भारत को विश्व गुरु कहा जाता था। उस भारत को फिर से मिलकर "विश्व गुरु" बनाया जाय।
History and philosophy my favourite subject .
Thank you so much Sir ji 🙏🙏
तेली बहरूपिए जाति,,, फिर क्यू बाप और सरनेम बदल रहा है।🐕🐕😂🤣🤣😂😂😂
भारत के संविधान मैं सभी को समान अधिकार दिए हैं जिसकी वजह से भारत में एक बहुत बड़ा शिक्षित समाज तैयार हो रहा है हमारा संविधान खुद अपने आप में एक ग्रंथ है जिसने देश के प्रत्येक नागरिक को यहां तक की हमारी वन्य संपदा को भी सुरक्षित रखने के लिए नियम और कानून बनाए गए हैं ताकि यहां के लोग हमेशा प्रकृति के सुरक्षा करते रहें बुद्ध ने कभी यह नहीं कहा कि वह ईश्वर है उन्होंने स्वयं को केवल मार्ग बताने वाला कहा है
Thank you sir
Aaj aapne वर्ण व्यवस्था की उत्पति को बहुत अच्छे से समझाया।
सत्य का आधार लेकर हम हिमालय से खड़े हैं
शील में औदार्य में हम विश्व में सबसे बड़े हैं🙏
विश्व गुरु भारत🙏🇮🇳🇮🇳🙏
सिंधु सभ्यता में जो चीज लिखित मिली है इसकी लिखावट आज के आज के विद्वानों के द्वारा नहीं पढ़ा जा सका है
मैं भी यही सोचता था पहले जो आज आपने कहा गुरुजी.....
आप मेरे गुरुदेव है...🙏🙏🙏 बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी
सर आपको कोटि- कोटि नमन ।।।
आपकी वाणी में जो मधुरता है लगता हैं की किसी महान तेजस्वी परमात्मा से उपदेश ले रहा हूं।।।।।।
महान शिक्षक को प्रणाम🙏🏵️🇮🇳
Jai hind
GREAT GURUJI
I WOULD REQUEST YOU TO TAKE DAILY CLASSES, SO THAT WE CAN COMPLETE SYLLABUS AND CONCEPT SOON
Sir मैं अभिभूत हैं और धन्य महसूस कर रही हूं कि आपके द्वारा इतने वैज्ञानिक तरीके से कोई इतिहास भी पढ़ा सकता है। m
Jaati vyavastha bane rahane ka kaaran yeh bhi hai ki they want to keep the trade skill within their family/group so that they remain relevant economical and create livelihood for their family. It's kind of a trade secret, a professional secret.
Thank you Awadh Oza sir for explaining the concept to its root.
Hamari sanskriti duniyaa ke achha hai 🙏
Aaapne or mene esse pahle ye sb kitabo me hi padha hoga lekin kyaa khubsary tarike se explain kiya hai ham sabke honereble Avadh Ojha guru ji ne ..... exectly aap mahan ho Guru 🙏🏻🥰😊
स्त्रियों की सबसे अच्छी दशा वर्तमान में क्योंकि वह पुरुषों से भी श्रेष्ठ मानी जाती हैं आज हर जगह उनकी ही चलती है
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है जनरेटर खान सर संचालक ओझा सर....💪💪
Generator is not a khan sir the generator of this quote is ved, upnishad,
SIR pahle ki baate karte hai jinka aaj ka koi mtlb nhi hai bus sun ke aacha lagta hai
कभी यदुकुल कबीले का नाम ले लिजिए सर
Kya pandita ज्ञान है क्या बात 😊
This is not only a session, it is a progression 🙏🙏🙏
Thanks to Bharat samachar.....sir ko aap ne laye for real history....
अभिवादन स्वीकार करें 👏🏻🇮🇳
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी मुझे इतिहास पढ़ने में मन नहीं लगता था लेकिन आपका विडियो देखकर मुझे इतिहास में रूची आने लगा है। मुझे बहुत खुशी हुई कि आप अपने अनुभव इस चैनल या वीडियो के माध्यम से हम सभी के पास इतिहास आपके माध्यम से पढ़ने और सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर जी
Chapter 2.
Summary of this lecture
Later Vedic period
Rigvedic period was clan based society
Equality based society.
There were equality in education of women.
There were no slavery system.
Equality of Working class society so there were no labourer.
Society divided into three sections of Rigvedic period
Purohit(priest)
Rajan(king)
Vish(ordinary people)
Earlier Vedic period people were on the bank of sapt sindhu river.
Now iron revolution took place 1000B.c
Drastic change not in Agriculture but also in geographical, economic, society, political changment. Like State system of kurukshetra, panchal and videh.
Now Agricultural Economy gave Birth to Labour class.
Later Vedic period people were living between Ganga and Yamuna Doab (northern parts of India from Haryana till Bihar)
Varna system (By Birth Brahmin, kshatriya,vaishya,shudra) mentioned in Rigveda of 10th mandal and it is based on Duty. Here Buddha says Varna should be based on Karma.
While caste system took place in post Gupta Period.
Upnishad gave birth to Spirituality.
Thank you for this
Nice I make notes in my notebook❤
@@harshsscwallah all the best
🙏 गुरुदेव पहली बार इतिहास समझ मे आ रहा है 🙏💛
Sir, Your Content Delivery is Best but my small request to channel please change color contrast behind the sir, please fill some light color with dark images of history, then video not avoidable. 👍
Thank you sir
Love you sir
You're legend philosopher...
You will change whole society...
You will lead revolution
अवध गुरु जी के लिए 💐💐💐💐
I am very happy with very excited to wait for next Sunday. Because my all daughts and concept cleared in history by the guru of history Avadh Ojha sir. 😊😊😊
अद्भूत... गुरुदेव अद्भूत .....
स्वर्णिम ज्ञान का कोई औचित्य नही भारतीय सस्कृंति अलौकिक है ..धन्यवाद आभार सर 👌🙏🙏
Jai Hind Sir 🇮🇳
जय हिंद
बस धर्म का नाम उपयोग करके लोगो को बेवकूफ बनाया गया। जब कोई चीज़ धर्म से जुड़ जाती है तो नहीं बदलती।
thanks a lot Bharat samachar ❤️❤️
इस एपिसोड के लिए धन्यवाद।
Jai Hind Guru dev 💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛⚔️
Super 💖 sir 👍
आपो दीप भव! क्या बुद्ध के भी गुरु है।
सिंधु घाटी की सभ्यता हमारे देश में आज से लगभग 3500 वर्ष पहले विकसित हुई थी
सिंधु सभ्यता के लोग भी पत्थर पर लिखा करते थे इससे यह बात सिद्ध होती है कि सिंधु सभ्यता के लोगों को भी लिखना पढ़ना आता था
1.महाशय,ऋगवेद की रचना किस सदी में हुई और इस का ऐतिहासिक प्रमाण क्या है?
2. ऋगवेद की रचना किस लिपि में हुई है ? इस का ऐतिहासिक प्रमाण क्या है?
Greatest teacher of history
Sir इस सेशन डेली कर दीजिए बहुत प्यारे सेशन है 🙏🙏
Dhanywaad sir ji aapka ❤ es ko ant tak leke chele aap
भारत के महान शिक्षक
हिंदू धर्म में अगर कोई दूसरे धर्म का आना चाहे तो हिंदू बनाकर उसे किस जाति में शामिल किया जाएगा।क्योंकि हिंदू धर्म में शादी,ब्याह सब जाति आधारित है ।यही कारण है की हिंदू धर्म जो कभी पश्चिम में अफगानिस्तान और दक्षिण पूर्व में इंडोनेशिया तक था केवल भारत,नेपाल तक सिमट कर रह गया है।
आपका आदर करता हूं लेकिन शब्दों को एवं तथ्यों को अपने तरीके से पेश करके वर्ण व्यवस्था को सही ठहरा देना उचित नहीं है। हमें अपनी महानता पर गर्व होना चाहिए किंतु अपनी मूर्खताओं को महानता का नाम देना किसी भी पहलू से उचित जान नहीं पड़ता। प्रणाम 🙏
अदभुत.....🙏🙏🙏
प्रणाम गुरु जी🙏
मैं आपसे इस बात पे विरोध प्रकट करता हूं
वर्ण व्यवस्था का एकमात्र उद्देश्य था उत्पादन अधिशेष( surplus) पर तत्कालीन प्रभुत्व संपन्न लोगों द्वारा नियंत्रण करना।
वैदिक काल से आज तक उत्पादन के अधिशेष को नियंत्रण में लाने की योजना में धर्म को माध्यम बनाया गया और आवश्यकता के अनुसार उसमें परिवर्तन भी होते रहे हैं।
उदाहरण के लिए - ऋग्वैदिक काल(1500 BC-1000 BC) में कृषि अधिशेष नहीं था तो ऋग्वैदिक समाज प्रायः समतामूलक समाज था। महिलाएं कृषि कार्यों में भागीदारी लेती थी तो उनकी सामाजिक दशा अपेक्षाकृत ठीक थी। परंतु वहीं उत्तरवैदिक काल (1000 BC-600 BC) में कृषि अधिशेष बढ़ा तो उसपे नियंत्रण के लिए समाज में वर्ण विभाजन को लाया गया और कुछ प्रभुत्व संपन्न वर्गों ने कृषि अधिशेष को अपने पक्ष में लाने के लिए धर्म का सहारा लिया। इसी प्रकार अब महिलाओं का उत्पादन में भागीदारी कम हो गया क्योंकि अब कृषि का कार्य निम्न वर्ण के लोगों व दासों द्वारा किया जाता था। यही कारण है उनकी सामाजिक दशा गिरने लगी। इसी प्रकार बुद्ध काल (600 BC - 400 BC) तक आते उत्पादन अधिशेष और अधिक बढ़ा और इस प्रकार महिलाओं और निम्न वर्णों के शोषण और दमन को और प्रोत्साहन मिला। इसी काल में दहेज प्रथा का आरंभ हुआ अब महिला मात्र एक वस्तु बनकर रह गई थी। मौर्य काल (400 BC - 200 BC) में कौटिल्य (चाणक्य) के नरम नीति के कारण निम्न वर्णों और महिलाओं की सामाजिक दशा अपेक्षाकृत संतोषजनक रही क्योंकि इसके पीछे भी कहीं न कहीं अधिक उत्पादन पर नियंत्रण की बात सामने आती है। तत्कालीन मौर्य साम्राज्य के लिए यह आवश्यक हो गया था। परंतु मौर्योत्तर काल तक आते आते मनुस्मृति अस्तित्व में आई। जिसमें महिलाओं और निम्न वर्णों के लिए बहुत ही कठोर प्रावधान किए गए इसका कारण था निम्न वर्णों के उठते विद्रोह का दमन करना। मनुस्मृति में ही पहली बार अस्पृश्यता की बात कही गई; मनुस्मृति में ही पहली बार महिलाओं के बाल विवाह की प्रथा का प्रावधान लाया गया; पहली बार विधवा पुनर्विवाह पर पाबंदी लगाई गई। कुल मिलाकर यह वही काल है जहा से जाति व्यवस्था को पुरजोर बढ़ावा मिला तथा निम्न वर्ण की जातियों के दमन को अत्यधिक प्रोत्साहन दिया गया तथा महिलाओं की स्थिति दयनीय होती चली गई।
सारी बातों का सार यह है कि समय समय पर समाज के कुछ लोगों द्वारा धर्म के माध्यम से ईश्वर की परिकल्पना गढ़ी गई और उसका भय दिखाया गया ताकी उत्पादन के अधिशेष पर नियंत्रण किया जा सके और कहीं न कहीं आज तक यह प्रवृति देखने को मिलती है। इसे देखने के लिए केवल एक वैज्ञानिक सूक्ष्मदृष्टि की आवश्यकता है।
मस्तिष्क के बदले गुदा द्वार से सोच रहे हो लगता है
@Mulnivasi shi kaha bhai tumne
🙏🙏
मैं समर्थन करता हूं
@@saurabh4424 मित्र शायद आपके यहां गुदा द्वार से सोचने की परंपरा विकसित हुई हो।
इसमें आपका कोई दोष नहीं है आपको यही संस्कार मिला है। आपके विचार आपकी संस्कारो व परिस्थितियों का देन है।
चरण स्पर्श गुरुजी
आपका इस इतिहास की एपिसोड में हमें इतिहास के विषय में काफी जानकारी प्राप्त होता है
धन्यवाद🎉🎉🎉🎉🎉
dhnyawad guru dev
सर जी, मेरी घोर आपत्ति है, आपने वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था को महान है बोल कर उसके दर्शन के पेहलू पर बात की लेकिन उस जन्म आधारित वर्ण व्यवस्था ने किस प्रकार समाज को संकुचित कर दिया और एक विशेष वर्ग को पशु से भी निम्न स्तर पर ले जा कर खड़ा कर दिया। वह सर्वप्रथम विचारणीय है।
बुद्ध ने, जाग्रत को ही ब्राह्मण बोला और एंद्रिय भोग में लिप्त वाले मनुष्य को सूद्र।
इतिहास विषय की एक विशेषता यह भी है की इतिहास का iterpretation हर व्यक्ति अपने हिसाब से कर सकता है।
आपने विषय और उसपर आपके विचार प्रस्तुत किए हैं।
अधिकतर आपकी बातों से सहमत हूं।
सर ने बार बार कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया न की जन्माधारित जातिव्यवस्था ।
बार बार सर उपनिषद आधारित वर्ण व्यवस्था की बात की।
इस लिए थोड़ा ध्यान से वीडियो देखे
Ambedkar can be called brahmin on his merits and qualifications
yes
Yes I also consider in this way
जब आपसे मिला था तब बहुत अच्छा महसूस हुआ था।।
Guru ji,aapse bohot kuch sikhna aur samajh ke aage badhna hai
Bharat needs guru like you..
🙏
Kya Baat hai sir...Salute You❣❣
Abadh sir ko laneke bahat bahat dhanyavad
Wah Ojha sahab, aapne kitni saralta se Bharatiya sanskriti ko explain kar diya.
Zabardast explanation and your acting is awesome sir.
Your fan
sir ke charno me pranam
गुरुदेव आपको कोटि-कोटि प्रणाम 🙏🙏
यानी जो ब्राह्मण वर्ण व्यवस्था बताते हैं कि वर्ण व्यवस्था है वह कर्म पर आधारित है इस के प्रणेता भगवान बुध है लेकिन इसका श्रेय आज ब्राह्मण लेते हैं 🙏🙏