SANSKRIT IS NOT AN ANCIENT LANGUAGE/ईसा पूर्व की भाषा नहीं है संस्कृत- राजेंद्र प्रसाद सिंह
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- Опубликовано: 30 авг 2016
- नेशनल दस्तक को मजबूत करने के लिए हमें ज्वाइन करिये। / @nationaldastakbahujan
Story by- National Dastak
Phone no.-9911031065
Editor - disha
Website : www.nationaldastak.com
प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद सिंह जी की
खोज पूर्ण विद्वत्ता को सेल्यूट।
🙏🙏🙏🙏
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
बहुत ही प्रेरणादायी और मार्गदर्शन करने वाला कार्यक्रम दिखाया है आपने शुक्रिया ।राजेंद्र प्रसाद जी ने इतिहास को लैकर गजब के सवाल उठाए हैं।।
अत्यंत वस्तु परक अमोली जानकारी देने के लिए शंभू जी और सिंह साहब को बहुत-बहुत धन्यवाद
ईस बात को हर लोगे के दिमाग में जाना चाहिए
प्राचीन ग्रंथों और इतिहास के विषय में एक नई सोच प्रकट करने वाले आप दोनों विद्वानों को शत शत नमन हमें आशा नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है जब इन विषयों पर चर्चा शुरू ही हो गई है तो जल्द ही दूध और पानी अलग अलग होंगे ......................................................
प्रोफेसर राजेंद्र साहब जी को बहुजन इतिहास पर प्रकाश डालने के लिए बहुत-बहुत बधाई
लेकिन अब लगता है कि बहुजन जानकारों को यूं कहा जाए बहुजन इतिहासकारों को अपना इतिहास सही-सही लिखने की जरूरत है ताकि बहुजन लोग को इन ब्राह्मणों के कपोल कल्पित कहानियों से ऊपर उठकर अपने इतिहास को सही ढंग से समझ सके
संस्कृत दूसरी और तीसरी सदी में बुद्धत्व के महायान ने विकसित किया । आठवीं सदी से लेखन मे आने लगा था। सभी प्रकार के हिन्दत्व से संबंधित पुस्तकें बुद्ध के बाद लिखीं गई।
Batao Buddh ne Sanskrit mein kya likha tha 😡🤬
Ashuddh Jaat
@@shravanchilwarwar ᗷᗩTᗩO ᗷᑌᗪᗪᕼ ᑎE KIS ᑭᗩᑭEᖇ ᑭEᖇ KIS ᑭEᑎ SE ᒪIKᕼᗩ 🔏🔏🔏🔏🔏🔏
@@shravanchilwarwar means?
Ye hindu nafardi log hai,ulta ganga behene aye the,juthki sahara lekar,inka saboot sab jooth hai .
This is a brave attempt to highlight the actual history of India.
I support your belief and findings.
I would like to thanks NATIONAL DASTAK for providing such type of Information
Very good explanation with reasoning and logical proofs.
100. Sahi hai bhai
Brahaman gaddar hota hai
💯💯💯💯 Brahmin Gaddar hai isne Bharat ko barbad kar Diya hai
Hakikat badhane ke liye bahut bahut dhanyvad Shambhu sir and Rajendra Sir aapko bahut bahut sadhuvad🙏
भारत देश के राजेंद्र जी बेमिसाल और कोहिनूर भाषा विद हैं। मेरे तरफ से आपको कोटि कोटि नमन और वंदन करता हूं।
As a Urdu speaking Pakistani, I did not understand many Hindi words but it was a fascinating interview claiming that Sanskrit is not a ancient language and was used only by the male religious elite.
Rajendra Prasadji. Wonderful. We honour U. Absolutely truth.
Tamil ke to manuscript bhi mile hai. Tamil has many words from sanskrit.
1909 me arthsastra likha, aur angrezo ne likne diya aur sab man bhi gaye wah bhai.
@@shubham42150 तमिल संस्कृत से नही बल्कि संस्कृत तमिल जैसे कई भाषाओं से बनी है.u need to study. U r kid in this field
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
आपकी बहादुरी के लिए लाख लाख धन्यवाद।
Pali was the local dialect of buddha era sanskrit evolved from pali later and became a standard language.
Such as bhojpuri and hindi.
Buddha is an imaginary Creature invented by the Sri Lankan atheists around 400-550 CE
@@Wimalapothaokiee
You are also imaginary
But don't worry you will be able to go to Sri Lankan will keep you alive 😊
गायत्री मंत्र लाखो साल पहिले आया क्या वो पालिमे है
@@Wimalapotharead history first that's why he taught in history not ram ram and Krishna
Buddha the bhi kya? Samkalin ek to proof dedo?
Itne knowledgeable hone par kitne simple rhte h no attitude...
Salute great man 😊
Yahi To Sraman Parmpara He 😌
Wow. What an eye opener. Never been a believer in history. Too concocted. Thank you for the enlightenment
सत्य... अद्भुत ज्ञान गुरु जी 🌹🙏🏻
बहुत बढ़िया जानकारी दी सर कुछ भी
संस्कृति सबसे पुरानी भाषा नहीं हो सकती क्योंकि एक भी पुराने लिखो मे संस्कृत भाषा का लेख कही नहीं मिलता
😂😂😂😂😂chomu.
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
Very good information
Dear Shambhoo ji this is your one of the best reporting, keep it up, Lote of thanks to you and Dr Rajendra Sir.......Jaibheem Jaibharat
Jay meme
Ambedkar ne Azadi ke ladai me kya yogdaan diya
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
धन्यवाद, राजेन्द्र सर चर्चा के लिए, इतिहास और भी मुद्दे चर्चा कराने कष्ट करें, बहुत अच्छा लगा
न संस्कृत भाषा थी
न चाणक्य कभी था
न राम कभी थे
न कृष्ण कभी थे!
कभी कुछ था हीं नहीं वाह वाह वाह आप जैसा इतिहासकार धन्य है।
Sirf buddha tha 🤣🤣🤣
Jivo days Anya nai toh shudrosa Nam dekar atyachar kyu
Great conversation sir
Thank u so much sambhu sir for very eye opener interview
Thank you Shambhu sir & Pro-Rajendra Prasad ❤🙏💐
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
बहुत सुंदर संवाद स्थापित किया गया है जिसको आम लोगों को समझ नही हैं इतिहासकार डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सत प्रतिसत सही दिखाता है नए इतिहास कार विचार करे धन्यवाद
ऋषि बाल्मीकि ने भी रामायण को संस्कृत में ही लिखा था
संस्कृत केवल बोले जाने वाली भाषा है। इसकी कोई एक लिपि नही है। कालांतर में इसे कई लिपियों मैं लिपिबद्ध किया गया है जैसे पाली, कन्नड़, देवनागरी etc। इस चूतिये मंद बुद्धि प्रोफेसर के चक्कर में मत पड़ना।
पर ज़रूरी नही की देवनागरी लिपि में रामायण लिखी गयी हो। आज जो भी पुराने संस्कृत documents मिलते हैं वो सब सुन सुन कर ही जनरेशन तो जनरेशन propagate हुए है। original लिखित पुस्तकें सब नस्ट हो गयी हैं। आज की संस्कृत किताबें सब reproduced वर्क हैं।
इसलिए संस्कृत के historical proofs नही है ।
@@flyhighdp जब सिधु सभ्यता में लिखित भासा थी, तब संस्कृत का हिस्टोरिकल प्रूफ क्यू नहीं है ??
One cannot be sure if the Sindhu valley civilisation had their full fledged script or was just a assembly of symbols as it is yet to be deciphered. I am not sure, but these people used to worship shiva lingam, may be sanskrit was in its original form that is spoken only and may be the script was evolving.
Excellent
Great interview
Aishe education ke vidvan ko Naman hai 🙏👍👌❤️
बहोत ही सचेत महत्वपूर्ण जाणकारी आपसे प्राप्त हॊ राहिहैं 🙏🙏🙏हमारे भारत देश कि orignal भाषा और धर्म का हमे पता आपकी वजहसे हॉरगा है... 🙏🙏🙏🙏🙏
आपने तो इतिहास की परते ही खोलकर रख दी । शंभू भाई प्रोफेसर साहब के और भी इंटरव्यू लीजिए ताकि लोगो को असली इतिहास का पता चल सके । धन्यवाद महत्वपूर्ण जानकारी के लिये ।
Hahahaha...
Bade padhe likhe ho maulana...
Jhuth ki tatti ko sach ka shahd bata kar chat rahe ho ... Chato chato maja ayega....
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
Artificial bhasa hai ? 😂😂😂
Mhan purus tmhare pao kha hai ? Abe Language artificial he hota hai Natural nhi ..
वेदिक भाषा natural hai
@@abhinavchauhan7864 vah bhi artificial hai
@@ravi-gx2qc2qz4r kese ?
Gawar tumhari buddhi kaha hai 🤣🤣🤣 sanskarit karke bana bhasha hai sanskrit
whoever is correct, why does he need to be panic...
मान्यवर अपने बहुत ही सुन्दर ढंग से समझाते हुए अपनी बात को बेबाकी से रखा।
इसी तरह के और भी वीडियो बनायें
इससे लोगों को नयी जानकारी होगी।
क्यों की शैतानों ने इतिहास में बहुत बड़ी
गड़बड़ी की है।
आप जैसे इतिहास के जाने-माने लोगों के द्वारा अच्छी जानकारी मिलेगी।
आपको बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार।
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
राजेंद्र सिंह वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है।
ये बिलकुल भारत के संस्कृति के मुखर विरोधी है
राम पुनियानी,का चेला है
जैसे मुगलों को महान बताया गया
वैसे ही यह संस्कृत को अब नया बताने की कोशिश हो रही है
संस्कृत, पाली,तमिल सभी हमारी विरासत है
एक नयी सोच अपनी ज्ञान के साथ,,भारत के इतिहास को खोलते हुए
Gautam Buddha was born on 563 BC and time period of Indus valley civilization was 3500BC to 1300 BC. Its means Buddha was born 1000 years after the end of Indus valley civilization. So how Indus valley civilization was Buddhist civilization?
.ajit..in. Sabko. Gran. Karte. Jao
Tamil -> Prakrit -> Pali -> Sanskrit
In blunt words, Sanskrit is the Great Grand Daughter of Tamil. Also, it didn't arise naturally like the others but was designed. Thus it's synthetic i.e. it's artificial and that is why there is no organic community anywhere speaking an evolving Sanskrit. A designed Sanskrit just showed up. All this is self-evident to a layman like me. It does require common sense without prejudice to see this.
Wah bhai tu to chha gaya tu lagta hai Scientist ka bap hai jin logo ne Sanskri ko sabse purani language batayi hai
Dr .Rajendra prasad sing sir ji 🙏apko naman karta hu
जय मूलनिवासी।
1. Krishna Chinese bhasa mein baat karte the.
2. Ram Sita Korean bhasa mein baat karte the.
3. Sanskrit bhasa Antarctica see aaii hai.
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
राम था ये तो पहले prove करके बताओ. Dinosaurs के अवशेष मिलते है लेकिन ये साले राम और कृष कोनसे गड्ढे में गडे है कि आजतक इनके अवशेष नही मिले. धन्य है हिंदु संस्कृति.
@@rahulp2537 bata kitne proof chahiye 1,10,20,50??
😂😂 Abhi samj paa rahe hai hamara desh q aage nahi badh raha.
sahi bola
Satya vachan
Brahaman gaye ka mut pite hai
Isse bada vigyan or Kiya ho Sakta hai
Reservation ki wajah se aur kya. Aise Aire gaire processor ban Jaa RAHE hain.
@@flyhighdp tu chutiya h
Great explanation Dr saab. Good video Shambhu sir.
Incredible facts of analysis
Science journey sir sahi the sahi hai sahi rahenge🙏
Very good
Bahut badia🎉🎉🎉🎉
डॉ साहेब के यह कथन उल्लेखनीय है कि संस्कृत उन लोगों की भाषा थी जो नहीं चाहते थे कि उनके कहे असमानता वादी बोलों पर से यह पर्दा उठे कि यह किसी ईश्वर के नहीं, बल्कि आदमी के ही हैं
संस्कृत ने बहुत से लोगों का जीवन इस देश में दूभर किया है जिसका खामियाजा संस्कृत को ही भरना पड़ा है, अपनी मौत खुद मर के
कौन जानता है इस भाषा के
सिवाय पण्डों के😮😮
श्री नेहरू ने संस्कृति के चार अध्याय नामक पुस्तक की भूमिका में लिखा है संस्कृत कभी बोलचाल की भाषा नहीं रही,इसका मतलब है कि लोक-भाषा पालि-प्राकृत को संस्कारित कोड भाषा के रूप में इस्तेमाल किया। जिसे पढ़ने का अधिकार केवल ब्राह्मण को ही था।
सही है। संस्कृत भाषा अभी भी न तो राज भाषा, राजाओं-महाराजाओं की भाषा,न तो जनभाषा जन-जन की भाषा और न तो कभी राष्ट्र भाषा और न कभी धर्म भाषा रही है। और न तो कभी होगी। और न तो भविष्य में कभी होगी।
लेकिन पालि भाषा राजभाषा, जनभाषा और धर्म भाषा भी रही है जो पूरे एशिया में फैली। लेकिन जितना सत्यानाश भारत के वर्णाश्रमी असभ्यता की व्यवस्था के लोगों ने अपने भारत में ही विरोध करके भारत से तथागत बुद्ध के बारे में जानकारी और उनके साहित्यों को नष्ट भ्रष्ट किया गया उतना और किसी देश में नहीं हुआ।
बुद्धा के उपदेश को,
लिया विश्व अपनाय।
जग उनकी बंदन करें,
भारत गया भुलाय।।
नमो बुद्धाय।
यह वीडियो देखने के बाद
विकिपीडिया : हो भाई मारो, मारो मुझे मारो
यह कोई मजाक चल रहा है।
@gopal yadav chutiye anpadh tu hai. Wikipedia pe dekh le Tamil aur Sanskrit duniya ki sabse purani language hai.
@gopal yadav saaala pagal
@gopal yadav 😂😂😂😂😂 क एष मर्कटो$त्राजीवति । नूनमेव मूढ: ।
@gopal yadav यो$स्ति स्वयं महामान्या भवन्त: ।
@gopal yadav 🤣🤣🤣🤣🤣🤣 अनधीतो मूढ: ।
वैसे कुछ भी कहो....!!
वीडियो से ज्यादा मज़ा तो कॉमेंट्स पढ़ के आ रहा है
😂😂🤣🤣
दोनों के दोनों पक्के वाले बावली गेंड निकले।
Bhai inka alag hi itihas chal raha hai
यह राजेन्द्र प्रसाद पागल तो नहिं हो गया,कुछ भि बकरहा है👈👈😂😂🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Tumko hajam nai horahi hai...q ki tum jahil ho
@@ramchandrabankira9648 gawaro samajh nai ayegi jahilo ke bas ke bahar hai pongapanthi gawar
Jay ho
Very good sir ji
Peking University professor Ye in 2003, stumbled upon one of the oldest undiscovered Sanskrit texts from India-a 2nd century text, the Mulamadhyamakakarika, one of the founding texts of Mahayana Buddhism
Very logical. Thank you.
बहोत बहोत धन्यवाद सर 🙏🙏🙏
It is one of the great education for general people. Thank you National Dastak
this is fake knowledge.
@Contra Bodhi Another fact is that till now Sanskrit has used more than 102,78,50,00,000 words which also proves that humanity and sanskrit is more older than a 100 million years ago(correct age of humanity is 1,96,08,53,120).
Your interview has forcen me to think logically
Go and expose bhramanism
App mahan ho itihaas or bhasha ke propesar Dr rajendra prasd sing apko jaybhim namo buudhay ⭐⭐
Mahashay aap kahan se avtarit hue hain pata nahin kis Gyan se aap apna Gyan Bhandar Bhar rahe hain dishahin Shiksha ko apne pass hi rakhen
Ved purane ka chutiyagiri nahi chalega bhai .
Konsa itihaskar hai hitihas kar hai 😂
Tune kya parha h
@@we_thepeople_ofindia kisne kaha bhai maine sanskrit padha hain..mujhe sanskrit aati nahi but ye insan ka presentation hi bakwas hain..aur khudi ki batose hi khudki baato ko kaat rahe hain..
@@akashkale42161 bhai batao kaise kaat rha hai. Koi example do
@@shriamyt सबसे पहले स्टार्टिंग मे हि उन्होने जाति के बारे मे कहा है..उसमे उन्होने संस्कृत से रिलेट किया है...
Very nice
Thank you so much sir❤️❤️🙏🙏
Prof sahab ko koty naman hai jo Etyhash ke pano me janejate hai . Aap ko sadar naman hai .up Kushinagar se jay bhim jay bahujan samaj .jago.obc sc st .
Great research. Thanks for sharing
you are very rightly said this facts. Sanskrit is never the old language than buddha period.
@Rikky Kumar
Kasi is mentioned as "KUSINAARA"
Wah kya baat hai Ved jo Krishna se bhi prachin hai wo Sankrit me likhe gaye lekin Krishna ke samay Sanskrit nhi thi, aur ye itihaaskar hain inhe haaskar kahe to jyada sahi hai...
संस्कृत भाषा का का अर्थ है 'भाषा जिसका संस्कार किया गया हो'। अर्थात प्राचीन काल से चली आ रही किसी भाषा को परिष्कृत करके जिस भाषा का निर्माण किया गया उसे 'संस्कृत' भाषा कहा गया।
वैदिक धर्म के अनुसार भी मनुष्य 16 संस्कारों से गुजरकर परलोक गमन करता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि पाली प्राकृत भाषा ही परिष्कृत, परिमार्जित और संस्कारित हो 'संस्कृत' में रूपांतरित हुई है।
इतनी लंबी विकास प्रक्रिया से गुजरने के कारण ही संस्कृत विश्व की सभी भाषाओं में सबसे अधिक शुद्ध एवम वैज्ञानिक भाषा है।
Sanskrit aryo ki bhasha hai mulnivasi ki bhasha nahi .
Ab chutiya giri nahi chalegi
Muslimo ke sath milkar 1200 sal chutiyagiri kar liyo ho aur nakali hindu dharam bhi bana hai. Brahmano . Jab bharat gulam 1200 sal. Tak .to sare sawarn jamindar amir . Educated kaise ban gaya aur 90 percent log garib ho gaya batao bhai
Esliye sawarno ko Muslim Shashank acha hai .
Kalpanik sare hindu dharam ko jalaye ge .
@@kamalkantkumar2218 जो लोग राज करने आते हैं वह लोग कुरसी के सेवा कुछ नेही देखते हैं???? इसलाम तमाम इंसानों के लिए है इसलाम और मुस्लिम शब्द का अर्थ समझने की कोशिश किजिए तो हकीकत मालूम होगा हम किसी भी ज्ञानी इंसान को चाहे गौतम बुद्ध हो इया फिर कोई और सब कि इज्जत करते हैं लेकिन उनके लिए एबादत नेही करते एै दुनिया के अकलमंदों इनसान के लिए सही काम किया करिए????
सही कहा आपने जय भीम नामों बुध्दाय जय सवीधान
Desh ke sabse bade bhaashavid, itihaaskar aur samajshastri. What a great personality 😅
@@_Mihir shabdo ka ucharon tum sahi kr do
Salute you sir. Whatever you said is based on evidence and study not on emotions. Religion makes us emotional.
Ye sala leftist h, kaisa historian h ye? Rigveda jo sabse purana scripture h sanatan dharm me, joki kariban 8000 years purana mana jata h, vo sanskrit me likha hua h! Aur ye usse Christ ke baad ka bata rha h? 🤬 aur bhavishya puran me islam Aur Christianity jab thhi bhi nhi usse Phele hi likh diya thha inke barre me! Aur ye bhavishya puran ko angrezon ke time ka bata ha h? 🤬🤬
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
Great 👍.
गज़ब की जानकारी 🙏🙏
learning experience...
ज्ञान और अज्ञानता है
यहीं लडाई है
ज्ञान सदा राग करता है अज्ञान पर
सदा पुराना मिटा कर नया लिखा जाता है
A very great. Presentation Shambhuji.
राजीव दीक्षित ने बताया की अंग्रेजो ने हमारे शास्त्रो व पुराणो के साथ छेड छाड़ कि है अर्थात् उन मे परिवतन किया है
राजीव दीक्षित ब्राह्मण था।
Great conversation 👍
Yes indeed excellent, real essence of Melhua civilization. Jagannath Prasad.
Sir, you are great you said the truth. very good sir systamatic study😊❤
Iam a atheist think practicaly is 600bc Siddhartha Goutham bhuddha is real na it is which language and her mother yashodara which language you don't got proof of script it doesn't mean language doesn't existed. You can say that Sanskrit doesn't have script it is a spoken language. Indus valley civilization they got swastic symbol as well and think that our country is ruled 700 years by the invaders and we lost our ancient history and only proof left behind is temples inscriptions.
Very good explanation of fake history with true facts I appreciate of you sir and I thanks to Sambhok sir for giving true presantaion.
Ab chutiyagiri nahi chalegi
Kalpanik garantho ka bhai
@@kamalkantkumar2218 Bhimte ki chutiya giri hawabazi me baate karna bina praman diye 😂
British change the history of India and divided Hindu and Muslim.
Now politics is dividing us.
Please! Sab mil kar raho.
Dango me neta nahi marte ,aam loag marte hai.
Dil ki baat kh di bhai..hadd h bkchodi ki..in logo ko kuch nahi pata aur sale pata nahi kya chahate hain
But mostly it's Hindu who always gives a helping hand and the history says muslim will always stab from behind...... Koon hi karab ..... Who never change
Live and let live
👍Unity
No British are good brahamn destroyed india
great
अगर न्यूटन यहाँ पैदा होता तो।
1 नियम ब्राह्मण पर लागु।
4 शुद्र पर।
न्यूटन यहां पैदा होता तो उसका नाम नयनाचार्य होता और गृत्वकर्षण का ज्ञान किसी आम के वृक्ष के नीचे तपस्या करने से मा वसुंधरा के द्वारा प्राप्त होता।
Newton yaha paida hota sabse pahle uski jaati pe sb larte koi bolta ye sudr h koi bolta ye Muslim h or koi braman
@@KeshavSharma-pl7ll Brahman log uske gyaan ko apnakar use Mahrishi ya Acharya ka darza detey.
Maharshi Susruta (Father of Surgery) Ek Shudra the.
शंकाएं दूर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
Bahar desho se log India aate hai aur yaha se Sanskrit sikhkar waha ki Universities me padhate hain par ham farratedar English me baat karke apne aapko great maante hain. kehte hain Sanskrit k sare swar jab Bhagwan Shiv ne jab Damru bajaye wahi se nikle hain.
o bhai tu ja re
सिंधु घाटी में पशुपति की मूर्ति प्राप्त हुई है भगवान शंकर ही थे पूरे धरती का संचालन करने वाले और वह शंकर हैं देवों के देव महादेव (कुशीनगर में सूअर का मांस खाकर मर जाने वाले भगवान बुद्ध नहीं है)
घूम फिर कर बौद्ध सभ्यता बता दिया,हड़प्पा को। 600 ईसा पूर्व बुद्ध हुए और 5000 साल पुरानी सभ्यता बौद्ध हो गई।गजब का ज्ञान है, भई!
चोमू 😂🤣😂🤣😂🤣😂
Gawar verma
Chomu ka chutia
@@ex009adityarajsingh2 😂😂😂😂gawar to tu hain 😁😁😁😁.
सारी भाषाओं की जननी है संस्कृत, फिर ये ईसा पूर्व की भाषा क्यों नहीं, महामूर्ख
सर्वश्रेष्ठ विश्लेषण 👌 सत्यमेव जयते 🙏 जय भीम नमो बुध्दाय जय संविधान जय मूलनिवासी नायक 🙏 अमर नाथ अमर वाराणसी से।
समाज आपका आभरी रहेगा
Side effects of Lord mechauly education system..
Lord mechauly ka mannas putra hey ye
Tum ye batao devnagri lipi isa kal ki bhasa hai to ramayan kaise 17 lakh sal purani hui.
@@therationalthinker2435 abe chutiye, Sanskrit pehle brahmi lipi mr likhi jaati thi, aur usse pehle aur lipiya thi. Agar kal, hindi ne nayi lipi apna li to kya bhasha badal jayegi?
@pushpendra sharma..... pahle tu macaulay likhna seekh tab gyaan dena
@bhargava abe chitiye jab jaankaari na ho to uchhalna nhi chahiye.... brahmi joki dhamma lipi hai usme sanskrit nhi likhi jaa skti.... jaise ri, kri, ksh. Ye sab nhi likh skte 😂😂😂😂
महान इतिहासकार अर्नाल्ड जे टायनबी ने कहा था - “विश्व के इतिहास में अगर किसी देश के इतिहास के साथ सर्वाधिक छेड़ छाड़ की गयी है - तो वह भारत का इतिहास ही है “ .भारतीय इतिहास का प्रारंभ सिन्धु घाटी की सभ्यता से होता है , इसे हड़प्पा कालीन सभ्यता या सारस्वत सभ्यता भी कहा जाता है . बताया जाता है की वर्तमान सिधु नदी के तटों पर 3500 BC में एक विशाल नगरीय सभ्यता विद्यमान थी . मोहनजोदारो , हड़प्पा , कालीबंगा , लोथल आदि इस सभ्यता के नगर थे . पहले इस सभ्यता का विस्तार सिंध , पंजाब , राजस्थान और गुजरात आदि बताया जाता था , किन्तु अब इसका विस्तार समूचा भारत तमिलनाडु से वैशाली बिहार तक , पूरा पाकिस्तान व अफगानिस्तान तथा ईरान का हिस्सा तक पाया जाता है . अब इसका समय 7000 BC से भी प्राचीन पाया गया है .
आजकल कम्प्यूटरों की सहायता से अक्षरों की आवृत्ति का विश्लेषण कर मार्कोव विधि से प्राचीन भाषा को पढना सरल हो गया है.
सिन्धु घाटी की लिपि को जान बूझ कर नहीं पढ़ा गया और न ही इसको पढने के सार्थक प्रयास किये गए. भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद, (Indian Council of Historical Research) जिस पर पहले अंग्रेजो और फिर कम्युनिस्टों का कब्ज़ा रहा, ने सिन्धु घाटी की लिपि को पढने की कोई भी विशेष योजना नहीं चलायी.
आखिर ऐसा क्या था सिन्धु घाटी की लिपि में ? अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकार क्यों नहीं चाहते थे कि सिन्धु घाटी की लिपि को पढ़ा जाए ?
अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकारों की नज़रों में सिन्धु घाटी की लिपि को पढने में निम्नलिखित खतरे थे- -
1. सिन्धु घाटी की लिपि को पढने के बाद उसकी प्राचीनता और अधिक पुरानी सिद्ध हो जायेगी . इजिप्ट चीनी , रोमन , ग्रीक , आर्मेनिक, सुमेरियाई , मेसोपोटामियाई से भी पुरानी . जिससे पता चलेगा कि यह विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता है . भारत का महत्व बढेगा जो अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकारों को बर्दाश्त नहीं होगा.
2. सिन्धु घाटी की लिपि को पढने से अगर वह वैदिक सभ्यता साबित हो गयी तो अंग्रेजो और कम्युनिस्टों द्वारा फैलाये गए आर्य- द्रविड़ युद्ध वाले प्रोपगंडा के ध्वस्त हो जाने का डर है.
3. अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकारों द्वारा दुष्प्रचारित आर्य बाहर से आई हुई आक्रमणकारी जाति है और इसने यहाँ के मूल निवासियों अर्थात सिन्धु घाटी के लोगों को मार डाला व भगा दिया और उनकी महान सभ्यता नष्ट कर दी, वे लोग ही जंगलों में छुप गए, दक्षिण भारतीय (द्रविड़) बन गए, शूद्र व आदिवासी बन गए, आदि आदि गलत साबित हो जायेगा.
कुछ फर्जी इतिहासकार सिन्धु घाटी की लिपि को सुमेरियन भाषा से जोड़ कर पढने का प्रयास करते रहे तो कुछ इजिप्टीयन भाषा से , कुछ चीनी भाषा से, कुछ इनको मुंडा आदिवासियों की भाषा और तो और कुछ इनको ईस्टर द्वीप के आदिवासियों की भाषा से जोड़ कर पढने का प्रयास करते रहे. ये सारे प्रयास असफल साबित हुए.
सिन्धु घाटी की लिपि को पढने में निम्लिखित समस्याए बताई जाती है - सभी लिपियों में अक्षर कम होते है, जैसे अंग्रेजी में 26 , देवनागरी में 52 आदि मगर सिन्धु घाटी की लिपि में लगभग 400 अक्षर चिन्ह हैं. सिन्धु घाटी की लिपि को पढने में यह कठिनाई आती है की इसका काल 7000 BC से 1500 BC तक का है , जिसमे लिपि में अनेक परिवर्तन हुए साथ ही लिपि में स्टाइलिश वेरिएशन बहुत पाया जाता है. लेखक ने लोथल और कालीबंगा में सिन्धु घाटी व हड़प्पा कालीन अनेक पुरातात्विक साक्षों का अवलोकन किया.भारत की प्राचीनतम लिपियों में से एक लिपि है जिसे ब्राह्मी लिपि कहा जाता है . इस लिपि से ही भारत की अन्य भाषाओँ की लिपियां बनी . यह लिपि वैदिक काल से गुप्त काल तक उत्तर पश्चिमी भारत में उपयोग की जाती थी . संस्कृत , पाली , प्राकृत के अनेक ग्रन्थ ब्राह्मी लिपि में प्राप्त होते है . सम्राट अशोक ने अपने धम्म का प्रचार प्रसार करने के लिए ब्राह्मी लिपि को अपनाया . सम्राट अशोक के स्तम्भ और शिलालेख ब्राह्मी लिपि में लिखे गए और सम्पूर्ण भारत में लगाये गए . सिन्धु घाटी की लिपि और ब्राह्मी लिपि में अनेक आश्चर्यजनक समानताये है . साथ ही ब्राह्मी और तमिल लिपि का भी पारस्परिक सम्बन्ध है . इस आधार पर सिन्धु घाटी की लिपि को पढने का सार्थक प्रयास सिद्धार्थ काक और इरावाथम महादेवन ने किया .
Are Gajab !
Dhanyabad
जब सब दलित मूलनिवासी है और हिन्दू नही है तो उन्हें क्या फर्क पड़ता है कि हिन्दू कैसे रहे ये उनका अपना मामला है..आप अपने मुलधर्म मे ही रहो ..
Vaiya Buddha khatriya hee, Arya hee.
Bas sab samvidhan ka samman kare aur rss aur bajrandal jaise sangathan ke hinsawadi soch ko chhod de aur logo ko apni marzi se jeene de to sab thik ho jayega
@@vimleshkumarkanaujiya bhai phle gautam buddha ji ko pdh lo aram se fir bolo
@@vimleshkumarkanaujiya अपना dna चेक करवायो भाई सबका dna same ही निकलेगा
@@dravidtheancient3241 RSS ne kya bigada h bhai ye bhii bta de apna propaganda mt chalo
भाई राजेन्द्र जी और नेशनल दस्तक की टीम को शुभकामनाएं ।
मेरी जानकारी के लिए एक जवाब दे ,
1- अगर सिंधु घाटी की सभ्यता के पास लड़ने के हथियार नही थे तो वे शिकार कैसे करते थे ? क्या वे शाकाहारी थे ? और जंगली जानवरों से खुद की हिफाजत कैसे करते होंगे ?
2- क्या मेलुख , मेलुह शब्द भारत के लिए इस्तेमाल नही किया जाता था ? और अगर सिंधु सभ्यता के लोग बौद्ध थे तो बुद्ध के जन्म के पहले सिंधु सभ्यता के लोगो के धर्म क्या है ?
3- भाई जी बुद्ध स्तुपो के पहले क्या मन्दिर नही थे , सब जानते है बुद्ध से पहले हिन्दू ही थे ? आपके सिद्धांत से तो दादा से पहले पोता आया ? बुद्ध किसकी रूढ़िवादी परम्पराओ का विरोध कर रहे थे ?
4- अगर संस्कृत और हिंदुत्व समूह विशेष तक सीमित थे तो फिर सम्पूर्ण भारत मे जातिवाद कंहा से आ गया ? क्या प्राकृत भाषा के समय मे जातिवाद नही था ?
1000 साल से इनका भेजा खाली है अक्ल आने में 1000 हजार साल और लगेगा ।
prakit bhasha hi sabase purani bhasha hai ashok ke silalekh esi me hai sanskart to 125 esa ke pahale thi hi nahi
achche se dekh le ASI me language of the inscription jisame indian sincetist ne khu kaha hai apura hindu granth 100 sal me hi likhe gaye hai
@@timeandlife6782 sir aap batayen baudh dharm kis bhasa me hai budh ka janm 2561 saal ho gaye dalit ho ya uchh barg shiksha jaroori hai na ki bevkoofi bhara bahas thanks
@@timeandlife6782 aur Ashok ne Boddh banne ke baad bhi ek ko chodkar baaki saare Jaini brothers ko marwa diya tha, NALLApanti chod do
Hieun Tsang ने अपनी किताब में लिखा है की उन्हें संस्कृत सीखनी पड़ी थी जब वो भारत में वैदिक ज्ञान लेने आए थे 664 AD
ये भी ब्राह्मणों ने एडिट किया होगा
शम्भु जी मैं आप के मेहनत के सलाम करता हुं किन्तु यह भी पुर्ण सत्य है कि St/Sc & Obc जब पढ लीख कर धनवान होजाते हैं तो पंडीत बन कर भाजपा मे चले जातै हैं भलै वहां टुल पर बैठना परै या पैर छुना परे । आज के BJP में जिसका मालिक ब्रहमण है 60% Sc/St/Obc हैं और लात खा / चाट रहे है
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।