सत्यार्थ प्रकाश क्यों पढ़ें? महर्षि दयानन्द सरस्वती का अमर ग्रन्थ।
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- Опубликовано: 31 дек 2021
- महर्षि दयानन्द सरस्वती का अमर ग्रन्थ #satyarthprakash #prahari #prabhakar
सत्यार्थ प्रकाश में 14 समुल्लास है। उनके विषय हैं-
१. प्रथम समुल्लास में ईश्वर के ओङ्काराऽऽदि नामों की व्याख्या।
२. द्वितीय समुल्लास में सन्तानों की शिक्षा।
३. तृतीय समुल्लास में ब्रह्मचर्य, पठन-पाठनव्यवस्था, सत्यासत्य ग्रन्थों के नाम और पढ़ने-पढ़ाने की रीति।
४. चतुर्थ समुल्लास में विवाह और गृहाश्रम का व्यवहार। की विधि।
५. पञ्चम समुल्लास में वानप्रस्थ और संन्यासाश्रम।
६. छठे समुल्लास में राजधर्म।
७. सप्तम समुल्लास में वेदेश्वर विषय।
८. अष्टम समुल्लास में जगत् की उत्पत्ति, स्थिति, प्रलय।
९. नवम समुल्लास में विद्या, अविद्या, बन्ध और मोक्ष की व्याख्या।
१०. दशवें समुल्लास में आचार, अनाचार, भक्ष्याभक्ष्य विषय | ११. एकादश समुल्लास में आर्य्यावर्तीय मतमतान्तर के खण्डन-मण्डन विषय।
१२. द्वादश समुल्लास में चारवाक, बौद्ध और जैनमत का विषय।
१३. त्रयोदश समुल्लास में ईसाई मत का विषय।
१४. चौदहवें सुल्लास में मुसलमानों के मत का विषय।
और चौदह समुल्लासों के अन्त में आर्यों के सनातन वेदविहित मत की विशेषतः व्याख्या लिखी है, जिसको मैं भी यथावत् मानता हूँ।
आचार्य जी को प्रणाम🙏 आप ने बहुत ही सरल ढंग से समझाया घर में बैठ कर विद्वानों के उपदेशों को सुनकर समय अच्छा व्यतीत हो जाता है बहुत बहुत धन्यवाद
ऑल राउंडर कहती हूं मैं स्वामी दयानंद को🙏🙏🙏🙏
ऐसा कौन सा क्षेत्र है स्वामी दयानंद ने जिसके बारे में ने बताया हो
एक महान आत्मा स्वामी दयानंद सरस्वती की जय हो🙏🙏
आज से मैं ब्रह्मचारी रहूँगा ये मेरी अखण्ड प्रतीज्ञा है ।
Gud
बहोत बढ़िया , किसी लड़की की ज़िन्दगी बर्बाद होने से बच गयी ! 🤣😂
पूरी भी करना अपनी प्रतिज्ञा
भगवान आपको लंबी उम्र दे
Yes brother you can you will be the next bhagat singh.
🇮🇳🇮🇳🚩🚩🚩🚩
सत्यार्थ प्रकाश का उत्कृष्ट परिचय! साधुवाद शास्त्री जी! सादर नमस्ते!
सच्चिदानन्देश्वर की जय
सच्चिदानन्देश्वराय नमो नमः
हार्दिक धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव। बोहोत ही उत्तम जानकारी मिल रही है ओ३म् 🙏🏼🚩 कृण्वनतो विश्वमार्यम । चरैवेति चरैवेति ... । जय आर्य जय आर्यव्रत भरतखण्ड
वन्देमातरम् वन्देमातरम् वन्देमातरम्......🇮🇳
मेरे पास एक ही शब्द है , अद्भुत 🙏
आचार्य जी आपने यह सबसे बेहतरीन वीडियो बनाया है। 👏👏👏👏🙏🙏
आचर्य जी को सत सत नमन 🙏🙏🙏
ये बहुत ही सहीं कार्य कर रहे हैं आप
इसकी बहुत जरूरत थी👌🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री राम 🙏🤗
Very nice
सादर नमस्ते आचार्य जी।
आत्मन प्रतिकूलानि , महाभारत का है, मनुस्मृति का नहीं। आपकी शैली बहुत अच्छी है।
नमस्ते जी
एक ही संकल्प और एक ही नारा
जय सत्य सनातन धर्म हमारा
Jordar hai satyarth prakash book
Nameste aacharya ji 🙏
बहुत ही अच्छा ।
जय आर्य जय आर्यावर्त। Om
🙏🙏🙏
नमस्ते आचार्य जी 🙏
🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी!
आचार्य जी नमस्कार जय श्री राम
Bahut bahut bahut dhanyavaad
🕉️
Satyarth parkash is a such a granth which tells the truth.
नमस्ते आचार्य जी 🙏🏽 बहुत सुंदर विश्लेषण
मध्य प्रदेश मे कोई अच्छा गुरूकुल है तो बताए एवं कितने उम्र से बच्चों को पढाए।
नमस्ते आचार्य जी आपकी बात को समझाने की तरीका बहुत सुन्दर है आपके विद्वत्ता को नमन
Jai sanatan
Sunder Pravachan Acharya Ji
Bhaiya bhut acha explain kiya hai apne❤❤
🙏🏿🕉🚩🙏🏿🙏🏿🙏🏿
नमस्ते आचार्य जी जी एक संगठन है आर्य निर्मात्री सभा जो आर्य निर्माण का काम करती है उनके बारे में भी बताइए जी क्या यह प्रकल्प हमारे लिए हमारे समाज के लिए कुछ उपयोगी है यदि उपयोगी है तो कृपया उसके बारे में भी प्रचार प्रसार कीजिए🙏🙏
अब आएगा मज़ा
ओ३म नमस्ते जी
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
अति सुन्दरम् आचार्य जी 🙏🙏
महोदय आपने अपनी वीडियो में नीचे लिखे मंत्र को मनुस्मृति का बताया है जो कि पद्म पुराण से उद्धृत है-
श्रूयतां धर्मसर्वस्वं श्रुत्वा चैवावधार्यताम्।'
आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत्।।
(पद्मपुराण सृष्टि0 19। 35556
ओम् परिणाम आचार्य जीं जय आर्यावर्त
आचार्य जी सत सत नमन 🙏🙏
🚩जय भारत।
Aacharya ji parnam
ओम् आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏
11:04 - 11:23 kya yahi niyam ko paaln karna hee dharm khaa jaata hai?
Btaiye gururji 🙏🏿
नमस्ते आचार्य जी, बहुत बहुत धन्यवाद😊
Bahot bahot dhanyawad ❤🙏
Hello
Ati
बहुत सुन्दर 🙏🙏🙏🙏🙏
जय आर्य जय आर्यावर्त
आचार्य जी सादर प्रणाम जी
ओऊम जी नमस्कार
❤️❤️
🚩🙏
Thanks
आचार्य जी हमारे बच्चो को आपके गुरुकुल में पढ़ाने के लिए क्या करना होगा?
Sir yeh ketab kase pare?
दयानंद सरस्वती ने अपनी पुस्तक
सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास तेरह में पृष्ठ 414, 425, 428 429, 418, 426,436 पर ईसा जी तथा इसाई धर्म पर अभद्र टिप्पणियां की है।
ईसा जी व ईसाईयों के ईश्वर को ईसाईयों जैसा दूसरों के धन को हड़पने वाला कहा है तथा ईसा जी के अनुयाईयों को जंगली व्यक्ति कहा है।
दयानंद की अज्ञानता
समुल्लास 4 पृष्ठ 71 पर लिखा है कि कैरी आँखों वाली लड़की से विवाह मत करो, दांत युक्त लड़की से विवाह करो, किसी का नाम पार्वती, गोदावरी, गोमति आदि नदियों और पर्वतों पर हो उस लड़की से विवाह मत करो।
24 वर्ष की स्त्री 48 वर्ष के पुरूष का विवाह करना उत्तम है।
Sir nambnar de dijye?
आचार्य जी आप थोड़ा माइक के पास बोला कीजिए
दयानंद की अज्ञानता
समुल्लास 4 पृष्ठ 96-97 पर महर्षि दयानंद ने लिखा है कि विधवा स्त्री का पुनः विवाह इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि पुनःविवाह से उसका पति व्रत धर्म नष्ट हो जाएगा। इसलिए नियोग करें।
दयानंद की अज्ञानता
समुल्लास 4 के पृष्ठ 101 पर अज्ञानी महर्षि ने लिखा है कि एक स्त्री नियोग ग्यारह व्यक्तियों तक कर सकती है। इसी प्रकार पुरूष भी ग्यारह स्त्रियों से नियोग (अभ्रद कर्म) कर सकता है।
Niyog ko abhadra karm , kehne wale khud hi nazayaj paida huye honge ..pata na ho to mat bhaunko
सत्यार्थ प्रकाश ग्यारहवां समुल्लास
पृष्ठ 307 से 309 तक समुल्लास-11 में दयानंद सरस्वती ने सिख धर्म के प्रवर्तक श्री गुरु नानक देव जी को मूर्ख, (दम्भी) ढोंगी, अभिमानी लिखा है तथा श्री गुरु ग्रंथ साहेब जी को मिथ्या गपोंड़ों का संग्रह लिखा है कि उसमें लिखा ज्ञान अविद्ववानों का है।
Acharya ji kitne bje hoti h satyarthprakash ki kaksha 🙏
प्रतिदिन रात्रि 8:00 बजे
📕सत्यार्थ प्रकाश के ग्यारहवें समुल्लास में पूरी जुलाहा जाति (धाणक समाज) को मूर्ख व नीच कहा है:--
संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि ‘सत्यार्थ प्रकाश‘ (प्रकाशक - वैदिक यतिमण्डल दयानन्द मठ, दीनानगर (पंजाब), मुद्रक आचार्य प्रींटिग प्रैस दयानन्द मठ, गोहाना रोड़, रोहतक, हरियाणा) के ग्यारहवें समुल्लास में पृष्ठ 306 पर पूरी जुलाहा जाति को नीच तथा मूर्ख लिखा है। स्वामी दयानन्द ने कहा है कि कबीर तम्बूरे लेकर गाता था। कुछ मूर्ख नीच जुलाहा आदि लोग उसके जाल में फंस गए।
सत्यार्थ प्रकाश नहीं झूठार्थ प्रकाश!
महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पृष्ठ 197-198 पर लिखा है कि सूर्य पर पथ्वी की तरह सब प्रजा बसती हैं। इसी प्रकार सर्व पदार्थ हैं। इन्हीं वेदों को सूर्य पर रहने वाले मनुष्य पढ़ते हैं।
सत्यार्थ प्रकाश क्यों ना पढ़े😂😂😂
शंकराचार्य जी ने बताया है कि परमात्मा निराकार है और एक देशीय नही है।
लेकिन ऋग्वेद मंडल न.9, सूक्त 82 के मंत्र 1, 9,86 के मंत्र 27 में, 9, 54 के 3 में परमात्मा को वेदों में साकार और एक देशीय बताया है।
Nahi
सबसे बेकार बुक है मैंने भी बहुतों से सुन के इस बुक को लिया कुछ नही स्पष्ठ नही है बुक मे हिंदी भी ठीक से नही है जो इसको लेगा बो पछताएगा जैसे कि मैं पछता रहा हु इस बुक को खरीद के इस से अच्छा किसी गरीब को इन पैसों का खाना खिला लेना
Bekar book nahi , tumhara dimaag hai ..
Ya sayad tumhare pas hai hi nahi ..
Usme Shuddh hindi hai ..
Tumko sayad urdu mix hindi samajh aati hogi ??
Satyarth Prakash ki audiobook suno youtube pe .
@@YT_6jhbvcap bilkul sahi hai pata nahi kaise kaise log hote hai kitni achi book hai pura life change kar diya mera or ye pagal bol raha hai book achi nahi hai 1 to ye kisi dharm ka premi hai isliye nafrat kar raha hai satyarth prakash ko ya fir ye reality accept nahi kar pa raha hai
@@swaroopsaware1624 uski Baat se hi pata chalta hai ,, ya To Koi Vikrat Soch wala hai , jo ki Satya Swikaar Karna nahi chahta , kisi Swaarth Ke Karan ..
Ya To ye Wohi type ka Murkh agyani hai jinse , mahrishi Ne Tark karna Vyarth kaha hai ..
Kyuki aise Namune Hote nahi manav Jeevan ke Layak ..
Namaste ji 🙏
ओम् परिणाम आचार्य जीं जय आर्यावर्त
🙏🙏🙏