नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने अपने गानों में पूरे उत्तराखण्ड का समाज एवं संस्कृति को पिरोया है। नेगी जी के गानों में अलग ही रस है, जिन्हें सुनकर अपने गांव समाज, बचपन व बचपन के दगड़ियों कि यादें ताजा हो जाती है, कभी-कभी आंखों में आंसू छलक निकलते हैं। गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी को नमस्कार।👏
भौत ही ज्ञानवर्धक पॉडकास्ट च नेगी जी का गीतों मा गढ़वाली भाषा की शब्द संपदा, संकृति, जन जीवन पर,, आप लोखों की चर्चा न म्येरा विचारों ते यो नयी दीनी,,,, धन्यवाद 🙏❤
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🎼🎵🎶🎹 उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🏔⛰🗻🌄
राहुल भाई जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद रियाल सब जैसे वरिष्ठ बुद्धिजीवी, साहित्यकार से आपने परिचयकरवाया। खैर नेगी दा तो हमारे उत्तराखंड कीशान है, इनके लोकगीतों ने बड़े बड़े सिंहासनों को अपनी ताकत से हिला दिया था, नौछमी नारायण गीत उसे समय के माहौल मेंसटीक बैठा था। लोगों ने उसकी बहुत तारीफ की थी उस समय। लेकिन एक आईएएस ऑफिसर का अपनी उत्तराखंड की संस्कृति का इतना ज्ञान होना बहुत बड़ी बात है। मैं उनको सत सत नमन करता हूं, और आपको हार्दिक धन्यवाद और शुभकामना प्रकट कर रहा हूं। आप भी उत्तराखंड की एक हस्तीहै, आपका हर कार्यक्रम उत्तराखंड वासियों को उनके मूल जड़ से परिचित करवाता है, आप हम जैसे उत्तराखंड के प्रेरणा स्रोत हैं। आप पुरानी ऐतिहासिक घटनाएं जो उत्तराखंड से जुड़ी हुई है से समय समय पर परिचित करवाते रहते हैं, पूरे उत्तराखंड वासियों को, इसलिएआप हम सब के प्रेरणा स्रोत हैं। सादर नमस्कार।
बहुत बहुत धन्यवाद राहुल भाई आपने इतना बढ़िया साक्षात्कार किया साथ में रयाल जी का भी बहुत बहुत साधुवाद जिन्होंने इतनी मेहनत से ये पुस्तक लिखी और नेगी जी के गीतों की व्याख्या करी!! १२तारिक को नेगी जी का जन्मदिन है और इससे अच्छा उपहार कुछ हो ही नही सकता! मैं भी नेगी जी के बड़े प्रसंसको में रहा हूं लगभग ४०सालो से उनके गीतों की साधना कर रहा हूं मेरे लिए वो किसी भगवान से कम नहीं है!! पुनः बहुत बहुत धन्यवाद राहुल भाई वा पूरी बारामासा टीम का!!🙏🙏🙏🌹🌹🌹💐💐💐
हमारे नरेंद्र सिंह नेगी जी उत्तराखंड कि शान बना है। उनके गाने सुनने के बाद। आजकल के लोगों को तो समझ में नहीं आएगा उन गानों को समझने के लिए। मेच्योर होना पड़ेगा। और मेरा भाई को नमस्कार जिन्होंने उन पर किताब लिखी है। और साथ में उसे किताब की व्याख्या भी की है। आपको मेरा दंडवत प्रणाम।
लगातार तीन बार सुना। तीन घंटे मंत्रमुग्ध रहा।शरीर के रोऐं लगातार खड़े रहे। अक्सर मैं " गढ़वालि म बच्याओ" की सतही बहस में नही पड़ता और राहुल भाई और रयाल जी का गढ़वाली प्रेम शक के दायरे से मीलों दूर है फिर भी लालच रह ही जाता है। बेहतरीन कार्यक्रम। नेगी जी के मुझ जैसे लाखों मानसपुत्र आने वाली पीढ़ियों में अपनी बोली को जिंदा रखें यही कामना है।
अब मैं इंदौर (मध्यप्रदेश) से हूं, परन्तु 70-80 के दशक तक मूलतः उत्तरप्रदेश से रहा हैं हमारा परिवार.... ... आपके चैनल से परिचय एक उत्तराखण्ड संस्कृति से सम्बद्ध व्यक्ति के माध्यम से हुआ हैं.... यूं तो मुझे अधिक जानकारी नहीं हैं.... परन्तु देवभूमि से जुड़ी धार्मिक, आध्यात्मिक मान्यताओं व लोक संस्कृति को जानकर सुनकर प्रसन्नता होती हैं.... .... राहुलजी आप सहित बारमासा की सम्पूर्ण टीम का ह्रदय से आभार, धन्यवाद 🪷🙏🏼 ... 🙏🏼🪷 भगवान केदारनाथ और बदरीविशाल की कृपा आप सभी पर अनन्तकाल तक बनी रहें.... 🪷🙏🏼 🙏🏼🪷 जय शिवशंकर, हर हर गङ्गे 🪷🙏🏼
कोठियाल जी इतना सब कुछ करने के बावजूद भी अफसोस है कि नेगी जी को अभी तक कोई बड़ा पुरस्कार नहीं मिला है आप लोग आवाज उठाई हम आपके साथ हैं नेगी जी को पुरस्कार मिलना ही चाहिए
*आपके ऐसे सच्चे सरस और समसामयिक पॉडकास्ट को सुनकर इस पुस्तक को पढ़ने की उतकंठा और बढ़ गई है। आपको और रियल जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। जय उत्तराखंड जय भारत।*❤🎉❤
आदरनीय नेगी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाये.. Baramasa की पूरी टीम को बहुत बहुत धन्यवाद.. आदरनीय रयाल जी बहुत shandar प्रयास.. नेगी जी गढ़ गौरव है.. हम लोग सच मे धन्य है कि हम उनको सुनते हुए बड़े हुए....
कितने भाग्यसलि है हम की हमे नेगी जी के गाने से बहुत कुछ सीखने को मिलता है बहुत बड़े legends है नेगी जी जब जब गढ़वाली बोली की बात होगी हमेशा उनका नाम आगे रहेगा अपनी मात्र भाषा को सिर्फ उनके गाने से ही भली बाती समझ सकते है
पहले तो राहुल जी एवम बारामासा की समस्त टीम का कोटि कोटि धन्यवाद जो अपने पॉडकास्ट के माध्यम से श्री रयाल जी जैसे नायब अधिकारी एवम महान पारखी को अपने चैनल के माध्यम से हम तक पहुंचने का मौका दिया।। समस्त देवी देवताओं अर भूम्यालो का वर से श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी कु जनम हमारी माटी मां होई और सौभाग्यशाली छा हम जु ऊ की कृति, लेखन,गायन,पहाड़ की पीड़ा,पहाड़ का मनखी की पीड़ा, ते सूनी बड़ा ह्वेन। इतगा विविधता दुनिया का ना के गीतेर छे ना होली। आभार रयाल जी आपने नेगी दा के असंख्य अछूते शब्दो का विस्तृत वर्णन किया जो हमारे लिए बतौर आशीर्वाद आजीवन जिंदा रहेंगे, उनकी लेखनी को और जीवंत आपने कर दिया। नमन।।
नेगी जी के गीत बहुत अच्छे हैं जिसमें ठेठ गढ़वाली भाषा के सार्थक शब्दों का मिश्रण है । चाहे खुदेड गीत हों सामाजिक सारोकार से हों प्रकृति से हो या प्यार प्रेम से हों उनका एक एक शब्द दिल को छुता है। मैं उनके गीतों को ज्यादा पसंद करता हूं मेरी बेटी भी उनके गीतों को अक्सर मंचों में गाती है।
बारामासा तो नेगी जी की तरह बारम्यसा है बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सर काभी बहुत बहुत बहुत धन्यवाद आभार नेगी जी पर किताब लिखने के लिए।इतनी अच्छी गढ़वाली व्याख्या करने के लिए मैं किताब जरुर खरीदूंगी 🙏🙏🙏👌👌👌
बारामासा में राहुलजी के साथ ललित रयाल सर से नेगी जी और उनके गीतो बारे में व्याख्या की.रयाल सर इतने बड़े पद आईएस आफिसर होने के बावजूद अपनी गढ़वाली भाषा में रुचि है और गढ़ रत्न नेगी और उनके गाये गानों पर किताब लिख दि धन्य है सर आप जैसे लोग जिन से हमें इतनी जानकारी हासिल हुई
एक नायाब तोहफा हैं स्वयं नेगी जी पूरे विश्व के लिए विपरीत परिस्थितियों के होते हुवे भी जिस हिम्मत और जोश से उन्होंने गीत लिखे प्रणाम योग्य ईश्वर उन्हे लंबी आयु दे स्वस्थ रखे ये पुस्तक और नेगी जी धरोहर हैं हमारी इनको हर किसी का फर्ज है संभाल कर रखे और अपने आने वाली पीढ़ियों को बताए कि ये है हमारे पथ प्रदर्शक इनके गीत सुनाए जो उन्हे पहाड़ी होने का अर्थ और उस पर अभिमान करने का अवसर भी दे । गर्व से कहें मैं पहाड़ी हूं।
बारामासा टीम को नई विधा की शुरुआत के लिए हार्दिक शुभ कामनाएं। यह निश्चित ही बहुत लोकप्रिय कार्यक्रम साबित होगा। पाॅडकास्ट में बहुत ठहराव और सुकून के साथ विषय समझ में आता है। आपने यह बहुत अच्छा कार्यक्रम शुरू किया है, बहुत बहुत धन्यवाद।
Rayal जी ने बहुत बारीकी से नेगी जी के गीतों का अध्ययन किया है और बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी सबको बताई, मेरा नेगी से निवेदन है की वह अब नए लोगों को गीत बनाने का मार्गदर्शन दें l इंटरव्यू में बहुत अच्छा लगा l
राहुल भाई बहुत ही सुंदर पॉडकास्ट। नरेंद्र सिंह नेगी जी हमारे गढ़ रतन है। मैं नरेंद्र सिंह नेगी जी की कितनी बड़ी प्रशंसक हो इसे शब्दों में बयां करना बहुत कठिन है बहुत ही सुंदर बातें लगी आप लोगों की मन प्रफुल्लित हो गया। आपका बहुत बहुत धन्यवाद इस प्रस्तुति के लिए। मैं आपके सारे प्रोग्राम देखती हूं।
इस तरह के कार्यक्रम की बहुत ही ज्यादा जरूरत थी जो आपने पूरी की ताकि आने वाली भावी पीढ़ी को भी ये एहसास हो की हमारी सभ्यता और संस्कृति क्या रही और कैसे देखी जा सकती है। साथ की साथ रयाल सर को इस अभूतपूर्व कार्य के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं और धन्यवाद। जय उत्तराखंड
Humein rayal ji, mangesh ghildiyal ji jaise padhe logon ki jarurat h jo apni matrbhasha ko badhava dein... and i never thought about the units thing, that's impressive of negi ji.
भोल जब रात खुल्ली - इसका हिन्दी अनुवाद हमने अपने गढ़वाली सीखो चैनल पर लिखा हैं, इसके लिए धन्यवाद करता हूँ कि इसी विचार से इसका हुबहु अर्थ बताया हैं, 🙏🙏🙏👍
"Min bandi ku kya kan" Mera sbse pasandida gana hai. Sunte hue Itna to samjh me aata tha ki units ki baat ho rahi hai.. jis tarah se sir ne explain kiya purey bhaav samjh aaj aaye 👌 Negi ji is GOAT❤️
सम्मानित रयाल जी को बहुत-बहुत बधाई एवं मंगलमय शुभकामनाएंँ 🙏🏻💐 आपने गढ़भूमि की आन बान और शान सम्मानित नेगी जी पर पुस्तक लिखी।आप दोनों को सादर नमन वंदन 🙏🏻💐
Brilliantly produced podcast. Kudos to Rayal jee for his endeavour. Negi da's stature is unmatched and unparalleled in Uttrakhand's culture and amongst the people of Uttrakhand. Congratulations and best wishes to team Baramasa for this new endeavor to spread uttrakhand's culture amongst the new generation.
TBH last night I was thinking that someone should start podcasting for our state and promote our culture ,dialect, dress, food. Here this video. Thank you Baramasa for saving and sharing our culture. I hope one day I will help in this initiative.
Bahut mja aa rha he is podcast ko sunane me,, adbhut aditwiya sab kuch, isme jo analysis kiya he manniya Rayal ji ne ki,, dan dewan ki vyowaki gani si,, isme meri khyal se jo sadi ki gani ki ja rhi he vo khud ke liye nhi he,, vo aash vo jo vyowaki gani he vo apne bachho ke liye ya nati poton ke liye he,, ye mera apna manana he,, baki aap sabhi ko dher sari badhai n shubhkamnayn, its great, ❤❤
नरेंद्र सिंह नेगी एक युग का नाम है, और समय के मध्य में एक युग अनवरत प्रवाहमान है। उनका कालखंड सदा अमर रहेगा। हिमालय पुत्र नेगी दा दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें , सदा हमारे साथ रहें।
Respected rayalji,apne negi ji ki shabdawali,or rachna per breekee se kaam kya puri ek pustak hi like dali .thanks& congratulations too.negi ji ke geetoin mai hamari puri sanskirity basti h.
जय हो बहुत ही सही। सुंदर। सार्थकता। पूर्ण पहेल करि आपण रयाल जी पुरु गढ़वाल की पीढ़ी अनवाल भी जी अपाक ये योगदान ताई याद रखली की आपन नेगी जी क सम्पूर्ण योगदान ताई एक किताबक रूप मे समेटी जी ओर अपाक बहुत बहुत आभार जी कोटियाल जी और अपाक समागम बहुत ही आत्मीय लगी जी जय उतराखण्ड जय हिंद
Baramasha teem ko bhut bhut dhanyawad is podcast se hame Jo pahle se uttrakhand ke baare me jaanne samajne ko milta tha uska or vi vistaar hoga ....... ,
सबसे पहले ललित मोहन जी को प्रणाम, जिन्होंने नेगी जी के गानों का विश्लेषण किया। मेरा सौभाग्य है कि मैं नेगी जी के क्षेत्र का हूं और मेरी उम्र इस समय 55 साल है। तो मुझे उनके लगभग सभी गानो मैं उपयोग किए गए शब्दों में से 95% तक समझ में आते हैं।निसंकोच, मैं भी नेगी जी के गानों मैं जो उपमा अलंकारो का प्रयोग और कल्पना किया गया है, उनका कोई जवाब नहीं। उदाहरण के तौर पर श्रृंगार रस का ही एक गाने का बोल है, "और खादन गिचन, तू खादी आंखयोन" "कैका सिरण होली चूडी भरी हाथ" में, बस दिल में एक ही ख्वाहिश है कि नेगी जी कोई ऐसी किताब लिखे जिसमें उन्होंने अपने हर गाने को लिखते समय उनकी मन स्थिति का व्याख्यान हो, जैसे जो गाना लिखा गया है नेगी जी उसे समय खुद क्या सोच रहे थे।
पहाड़ की सबसे बडी आवाज़,
गढ़रत्न को नमन 🙏🙏🙏
बहुतों को तो अब आया होगा समझ की uksssc के पेपर में गाने क्यों आ रहे है। वास्तव में नेगी जी के गीत गढ़वाली भाषा और संस्कृति का प्रतिधित्व करते है ।
नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने अपने गानों में पूरे उत्तराखण्ड का समाज एवं संस्कृति को पिरोया है।
नेगी जी के गानों में अलग ही रस है, जिन्हें सुनकर अपने गांव समाज, बचपन व बचपन के दगड़ियों कि यादें ताजा हो जाती है, कभी-कभी आंखों में आंसू छलक निकलते हैं।
गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी को नमस्कार।👏
लेखक सहाब को बहुत बहुत धन्यवाद🙏
आदरणीय नेगी जी के गीत में पहाड़ी लोकजीवन की आत्मा बसती है,
आदरणीय रयाल जी ने बहुत सुंदर व्याख्या की है।
भौत ही ज्ञानवर्धक पॉडकास्ट च नेगी जी का गीतों मा गढ़वाली भाषा की शब्द संपदा, संकृति, जन जीवन पर,, आप लोखों की चर्चा न म्येरा विचारों ते यो नयी दीनी,,,, धन्यवाद 🙏❤
श्री नरेन्द्र सिंह नेगी की अनदेखी कब खत्म होगी। इस पर कोई बात नहीं करता है। तारीफ़ सभी करते हैं।
मैं तो बचपन से ही नेगी जी का प्रंशसक हूं।
उन्होंने बहुत ही करीब से गढ़वाल के जीवन को जिया है।
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🎼🎵🎶🎹
उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🏔⛰🗻🌄
रयाल साहब सी डि ओ नैनीताल रहे हैं। आप एक ईमानदार और कुशल प्रशासक भी है। पहाड़ के लोगों की कठिनाइयों से भली प्रकार वाकिफ हैं।
राहुल भाई जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद रियाल सब जैसे वरिष्ठ बुद्धिजीवी, साहित्यकार से आपने परिचयकरवाया।
खैर नेगी दा तो हमारे उत्तराखंड कीशान है, इनके लोकगीतों ने बड़े बड़े सिंहासनों को अपनी ताकत से हिला दिया था, नौछमी नारायण गीत उसे समय के माहौल मेंसटीक बैठा था। लोगों ने उसकी बहुत तारीफ की थी उस समय।
लेकिन एक आईएएस ऑफिसर का अपनी उत्तराखंड की संस्कृति का इतना ज्ञान होना बहुत बड़ी बात है। मैं उनको सत सत नमन करता हूं, और आपको हार्दिक धन्यवाद और शुभकामना प्रकट कर रहा हूं। आप भी उत्तराखंड की एक हस्तीहै, आपका हर कार्यक्रम उत्तराखंड वासियों को उनके मूल जड़ से परिचित करवाता है, आप हम जैसे उत्तराखंड के प्रेरणा स्रोत हैं।
आप पुरानी ऐतिहासिक घटनाएं जो उत्तराखंड से जुड़ी हुई है से समय समय पर परिचित करवाते रहते हैं, पूरे उत्तराखंड वासियों को, इसलिएआप हम सब के प्रेरणा स्रोत हैं।
सादर नमस्कार।
ज्वनी मां जरा सी हैंसी खते छै, उम्र भर आंसू टिपदी रयूं ।🎉
नि हूंद मी पुजारी तैं निहोंण्या ज्वानि कू नि हेरदु तौं आंख्यूं मा नि रोंदू सदानिकू ❤
@@uttarakhandipahadi8947 आंखा कंदूण् बूजी बौगा सरी चा ,
बहुत बहुत धन्यवाद राहुल भाई आपने इतना बढ़िया साक्षात्कार किया साथ में रयाल जी का भी बहुत बहुत साधुवाद जिन्होंने इतनी मेहनत से ये पुस्तक लिखी और नेगी जी के गीतों की व्याख्या करी!! १२तारिक को नेगी जी का जन्मदिन है और इससे अच्छा उपहार कुछ हो ही नही सकता! मैं भी नेगी जी के बड़े प्रसंसको में रहा हूं लगभग ४०सालो से उनके गीतों की साधना कर रहा हूं मेरे लिए वो किसी भगवान से कम नहीं है!! पुनः बहुत बहुत धन्यवाद राहुल भाई वा पूरी बारामासा टीम का!!🙏🙏🙏🌹🌹🌹💐💐💐
❤❤🙏🙏
हमारे नरेंद्र सिंह नेगी जी उत्तराखंड कि शान बना है। उनके गाने सुनने के बाद। आजकल के लोगों को तो समझ में नहीं आएगा उन गानों को समझने के लिए। मेच्योर होना पड़ेगा। और मेरा भाई को नमस्कार जिन्होंने उन पर किताब लिखी है। और साथ में उसे किताब की व्याख्या भी की है। आपको मेरा दंडवत प्रणाम।
शासन प्रशासन की उच्चकोटी की संवेदना की ऊंचाई परिलक्षित हुई, मैं आदरणीय श्री रयाल साहब का अपने अंतःकरण के धन्य भाव से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।
बारामासा की पूरी टीम को नई शुरुवात करने के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं 🎉🎉
लगातार तीन बार सुना। तीन घंटे मंत्रमुग्ध रहा।शरीर के रोऐं लगातार खड़े रहे। अक्सर मैं " गढ़वालि म बच्याओ" की सतही बहस में नही पड़ता और राहुल भाई और रयाल जी का गढ़वाली प्रेम शक के दायरे से मीलों दूर है फिर भी लालच रह ही जाता है। बेहतरीन कार्यक्रम। नेगी जी के मुझ जैसे लाखों मानसपुत्र आने वाली पीढ़ियों में अपनी बोली को जिंदा रखें यही कामना है।
अब मैं इंदौर (मध्यप्रदेश) से हूं, परन्तु 70-80 के दशक तक मूलतः उत्तरप्रदेश से रहा हैं हमारा परिवार....
...
आपके चैनल से परिचय एक उत्तराखण्ड संस्कृति से सम्बद्ध व्यक्ति के माध्यम से हुआ हैं.... यूं तो मुझे अधिक जानकारी नहीं हैं.... परन्तु देवभूमि से जुड़ी धार्मिक, आध्यात्मिक मान्यताओं व लोक संस्कृति को जानकर सुनकर प्रसन्नता होती हैं....
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राहुलजी आप सहित बारमासा की सम्पूर्ण टीम का ह्रदय से आभार, धन्यवाद 🪷🙏🏼
...
🙏🏼🪷 भगवान केदारनाथ और बदरीविशाल की कृपा आप सभी पर अनन्तकाल तक बनी रहें.... 🪷🙏🏼
🙏🏼🪷 जय शिवशंकर, हर हर गङ्गे 🪷🙏🏼
नेगी जी के गीतों की व्याख्या के लिए रयाल जी को बहुत बहुत बधाई कोठयीयाल को भी बहुत बहुत धन्यवाद 🌹🙏
कोठियाल जी इतना सब कुछ करने के बावजूद भी अफसोस है कि नेगी जी को अभी तक कोई बड़ा पुरस्कार नहीं मिला है आप लोग आवाज उठाई हम आपके साथ हैं नेगी जी को पुरस्कार मिलना ही चाहिए
Rayal ji appko pustak ke liyae hardik shubhkamnaye.🎉❤
रयाल साहब और राहुल को सलाम नेगी जी की रचनाधर्मिता पर इससे बेहतर चर्चा नहीं हो सकती है.
*आपके ऐसे सच्चे सरस और समसामयिक पॉडकास्ट को सुनकर इस पुस्तक को पढ़ने की उतकंठा और बढ़ गई है। आपको और रियल जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। जय उत्तराखंड जय भारत।*❤🎉❤
बारामासा के इस पॉडकास्ट को देखने सुनने के साथ ही मैंने श्रीमान रयाल साहब की किताब; "कल फिर जब सुबह होगी", ऑर्डर भी कर ली है।
बारामासा का धन्यवाद।
Khoob kaar... Pranam bhaiji
आदरनीय नेगी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाये.. Baramasa की पूरी टीम को बहुत बहुत धन्यवाद.. आदरनीय रयाल जी बहुत shandar प्रयास.. नेगी जी गढ़ गौरव है.. हम लोग सच मे धन्य है कि हम उनको सुनते हुए बड़े हुए....
कितने भाग्यसलि है हम की हमे नेगी जी के गाने से बहुत कुछ सीखने को मिलता है बहुत बड़े legends है नेगी जी जब जब गढ़वाली बोली की बात होगी हमेशा उनका नाम आगे रहेगा अपनी मात्र भाषा को सिर्फ उनके गाने से ही भली बाती समझ सकते है
रयाल साहब की उत्तराखण्ड रत्नावली...
बहुत3 बधाईयाँ शुभकामनाएँ...
जय हो महाराज जय हो...
पहले तो राहुल जी एवम बारामासा की समस्त टीम का कोटि कोटि धन्यवाद जो अपने पॉडकास्ट के माध्यम से श्री रयाल जी जैसे नायब अधिकारी एवम महान पारखी को अपने चैनल के माध्यम से हम तक पहुंचने का मौका दिया।।
समस्त देवी देवताओं अर भूम्यालो का वर से श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी कु जनम हमारी माटी मां होई और सौभाग्यशाली छा हम जु ऊ की कृति, लेखन,गायन,पहाड़ की पीड़ा,पहाड़ का मनखी की पीड़ा, ते सूनी बड़ा ह्वेन।
इतगा विविधता दुनिया का ना के गीतेर छे ना होली।
आभार रयाल जी आपने नेगी दा के असंख्य अछूते शब्दो का विस्तृत वर्णन किया जो हमारे लिए बतौर आशीर्वाद आजीवन जिंदा रहेंगे, उनकी लेखनी को और जीवंत आपने कर दिया।
नमन।।
राहुल जी व रयाल जी की जुगलबंदी से नेगी जी की कालजई रचनाओं को समझने में समाज को और अधिक सहूलियत होगी आप का योगदान अविस्मरणीय रहेगा।
Great info negi ji all the best apni vhasha main ache ache ghutne tek gae good sirf unhone esara kiya baki sab smjh rahe hain jago jago jago jago🎉🎉🎉
नेगी जी के लेखन है और गीत सभी जन सरोकार से जुड़ा है ♥️🧿💚 नेगी जी के गीत का मतलब उत्तराखंड संस्कृति का प्रतीक
जुग जुग जिया तुम सदनी निरोग स्वस्थ रया
नेगी जी को भगवान लम्बी उम्र दे
उनके गीत हमेशा सुने जायेंगे उनके जैसा कोई होगा भी नही
नेगी जी के गीत बहुत अच्छे हैं जिसमें ठेठ गढ़वाली भाषा के सार्थक शब्दों का मिश्रण है । चाहे खुदेड गीत हों सामाजिक सारोकार से हों प्रकृति से हो या प्यार प्रेम से हों उनका एक एक शब्द दिल को छुता है। मैं उनके गीतों को ज्यादा पसंद करता हूं मेरी बेटी भी उनके गीतों को अक्सर मंचों में गाती है।
ATI Sundar
गढ़ रत्न नेगी जी के विराट साहित्यिक पक्ष को सामने लाने के लिए आदरणीय रयाल जी को बहुत धन्यवाद और इस रोचक पॉडकास्ट के लिए टीम बारामासा का भी आभार।
बारामासा तो नेगी जी की तरह बारम्यसा है बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सर काभी बहुत बहुत बहुत धन्यवाद आभार नेगी जी पर किताब लिखने के लिए।इतनी अच्छी गढ़वाली व्याख्या करने के लिए मैं किताब जरुर खरीदूंगी 🙏🙏🙏👌👌👌
महान नेगी जी के रचनात्मक संसार पर आज तक की सर्वोत्तम वार्ता,,,,,धन्यवाद कोटियाल जी,,,,धन्यवाद रयाल सर,,,,after watching it,,, feeling blessed ❤❤❤
बारामासा में राहुलजी के साथ ललित रयाल सर से नेगी जी और उनके गीतो बारे में व्याख्या की.रयाल सर इतने बड़े पद आईएस आफिसर होने के बावजूद अपनी गढ़वाली भाषा में रुचि है और गढ़ रत्न नेगी और उनके गाये गानों पर किताब लिख दि धन्य है सर आप जैसे लोग जिन से हमें इतनी जानकारी हासिल हुई
एक नायाब तोहफा हैं स्वयं नेगी जी पूरे विश्व के लिए विपरीत परिस्थितियों के होते हुवे भी जिस हिम्मत और जोश से उन्होंने गीत लिखे प्रणाम योग्य ईश्वर उन्हे लंबी आयु दे स्वस्थ रखे ये पुस्तक और नेगी जी धरोहर हैं हमारी इनको हर किसी का फर्ज है संभाल कर रखे और अपने आने वाली पीढ़ियों को बताए कि ये है हमारे पथ प्रदर्शक इनके गीत सुनाए जो उन्हे पहाड़ी होने का अर्थ और उस पर अभिमान करने का अवसर भी दे । गर्व से कहें मैं पहाड़ी हूं।
ललित रयाल जी का ज्ञान अद्भुत है.
बारामासा टीम को नई विधा की शुरुआत के लिए हार्दिक शुभ कामनाएं। यह निश्चित ही बहुत लोकप्रिय कार्यक्रम साबित होगा।
पाॅडकास्ट में बहुत ठहराव और सुकून के साथ विषय समझ में आता है। आपने यह बहुत अच्छा कार्यक्रम शुरू किया है, बहुत बहुत धन्यवाद।
Baramasa ki samasth team ko bahut bahut shubhkamnayen 🙏🎉🎉
सानदार संयोजन ❤
Rayal जी ने बहुत बारीकी से नेगी जी के गीतों का अध्ययन किया है और बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी सबको बताई, मेरा नेगी से निवेदन है की वह अब नए लोगों को गीत बनाने का मार्गदर्शन दें l इंटरव्यू में बहुत अच्छा लगा l
राहुल भाई बहुत ही सुंदर पॉडकास्ट। नरेंद्र सिंह नेगी जी
हमारे गढ़ रतन है। मैं नरेंद्र सिंह नेगी जी की कितनी बड़ी प्रशंसक हो इसे शब्दों में बयां करना बहुत कठिन है
बहुत ही सुंदर बातें लगी आप लोगों की मन प्रफुल्लित हो गया। आपका बहुत बहुत धन्यवाद इस प्रस्तुति के लिए। मैं आपके सारे प्रोग्राम देखती हूं।
बहुत बढ़िया कोटियाल जी। 1 घंटा काम पड़ गया नेगी जी के गीतों के लिए।
ये पॉडकास्ट बहुत अच्छी शुरुआत है।
नेगी जी तो गढरत्न हैं उनके वारे में क्या कहना हम उनके सामने तुच्छ हैं। उन्हे कोटि कारि प्रणाम🙏🙏🙏
नरेन्द्र सिंह नेगी जी अपने आप में उत्तराखण्ड की संस्कृति के
इन्साइकोपीडिया हैं।
उन पर रिसर्च ही की जा सकती है बस ।
100 गीत ऊंट के मुह में जीरा है ।
दिल छूने वाला podcast thank you baramasa ❤
नरेंद्र नेगी जी ने हमारी विरासत को संजोने और सजाने का कार्य किया है॥ नये गायक इनसे कुछ तो सीखे😂❤❤❤
इस तरह के कार्यक्रम की बहुत ही ज्यादा जरूरत थी जो आपने पूरी की ताकि आने वाली भावी पीढ़ी को भी ये एहसास हो की हमारी सभ्यता और संस्कृति क्या रही और कैसे देखी जा सकती है।
साथ की साथ रयाल सर को इस अभूतपूर्व कार्य के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं और धन्यवाद।
जय उत्तराखंड
मजा ऐगी ❤
Thankyou so much for your support 🙏🏼
Humein rayal ji, mangesh ghildiyal ji jaise padhe logon ki jarurat h jo apni matrbhasha ko badhava dein... and i never thought about the units thing, that's impressive of negi ji.
अदभुत वीडियो और अद्भुत नेगी जी 🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌👌👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻
Baramash lov uhhhhh❤❤❤❤❤❤
भोल जब रात खुल्ली - इसका हिन्दी अनुवाद हमने अपने गढ़वाली सीखो चैनल पर लिखा हैं, इसके लिए धन्यवाद करता हूँ कि इसी विचार से इसका हुबहु अर्थ बताया हैं, 🙏🙏🙏👍
"Min bandi ku kya kan" Mera sbse pasandida gana hai. Sunte hue Itna to samjh me aata tha ki units ki baat ho rahi hai.. jis tarah se sir ne explain kiya purey bhaav samjh aaj aaye 👌 Negi ji is GOAT❤️
सुंदर
आप हमेशा ही अपनी नवीन और निशछल सोच के लिए सलाम
Itni baariki se negi ji k geeton ka vishleshan krna ..bahut anand aya sun k...Garv hai hum uttrakhand se hai or negi ji hmare gad ratan hai🎉
Ias Lalit Mohan sir ji ko bhi bahut bahut dhanyabad, shubhkamnaye 🎉🙏
Amazing podcast ❤
सम्मानित रयाल जी को बहुत-बहुत बधाई एवं मंगलमय शुभकामनाएंँ 🙏🏻💐 आपने गढ़भूमि की आन बान और शान सम्मानित नेगी जी पर पुस्तक लिखी।आप दोनों को सादर नमन वंदन 🙏🏻💐
Brilliantly produced podcast. Kudos to Rayal jee for his endeavour. Negi da's stature is unmatched and unparalleled in Uttrakhand's culture and amongst the people of Uttrakhand.
Congratulations and best wishes to team Baramasa for this new endeavor to spread uttrakhand's culture amongst the new generation.
TBH last night I was thinking that someone should start podcasting for our state and promote our culture ,dialect, dress, food. Here this video. Thank you Baramasa for saving and sharing our culture. I hope one day I will help in this initiative.
Very surpise sir.... U explained very well... All uttakhandi should listen this podcast💐💐💐
Lalit rayal ji ko sunkar bahut accha laga. Inki bolne ki kala or samjhane ki kala bahut hi acchi lagi.
Thank you Baramasa .❤
Bahut mja aa rha he is podcast ko sunane me,, adbhut aditwiya sab kuch, isme jo analysis kiya he manniya Rayal ji ne ki,, dan dewan ki vyowaki gani si,, isme meri khyal se jo sadi ki gani ki ja rhi he vo khud ke liye nhi he,, vo aash vo jo vyowaki gani he vo apne bachho ke liye ya nati poton ke liye he,, ye mera apna manana he,, baki aap sabhi ko dher sari badhai n shubhkamnayn, its great, ❤❤
लोक संस्कृति के प्रति अगाध श्रद्धा बढ़ाने वाला भावना से ओत-प्रोत साक्षात्कार। अद्भुत 🙏👍
नरेंद्र सिंह नेगी एक युग का नाम है,
और समय के मध्य में एक युग अनवरत प्रवाहमान है। उनका कालखंड सदा अमर रहेगा। हिमालय पुत्र नेगी दा दीर्घायु हों,
स्वस्थ रहें , सदा हमारे साथ रहें।
पुस्तक का इंतजार तो मुझे बहुत है। लेकिन आपका कार्यकर्म देखके बहुत प्रसन्न हुआ हूं।
कालजई विश्लेषण। बहुत सुंदर।
Excellent podcast. What an intelligence shri Rayal ji has .Amazing
भौत-भौत धन्यवाद रयाल जी।👏
Respected rayalji,apne negi ji ki shabdawali,or rachna per breekee se kaam kya puri ek pustak hi like dali .thanks& congratulations too.negi ji ke geetoin mai hamari puri sanskirity basti h.
जय हो
बहुत ही सही। सुंदर। सार्थकता। पूर्ण पहेल करि आपण रयाल जी
पुरु गढ़वाल की पीढ़ी अनवाल भी जी अपाक ये योगदान ताई याद रखली की आपन
नेगी जी क सम्पूर्ण योगदान ताई एक किताबक रूप मे समेटी जी
ओर
अपाक बहुत बहुत आभार जी
कोटियाल जी और अपाक समागम
बहुत ही आत्मीय लगी जी
जय उतराखण्ड
जय हिंद
We Uttrakhandi demand Bharat Ratna For Negi ji....💌🏆
बहुत-बहुत शुभकामनाएं कोटियाल जी.
बहुत सुंदर नेगी दा का gana suni ka, bald charna ka jana chaa, बचपन की याद aa गयी.. जय नेगी दा. जय देव भूमि
What a great analysis of the songs of Mr. Negi ji by Lalit ji! Negi is really a great legend of Uttarakhand. Good luck to both of you.
Bahut badiya Negi ji ke geeton ko dusre pahlu se samja ab sunte samaya aur bhi gahrai se samjhenge
Bhahut acha laga hai
धन्यवाद राहुल भाई❤
सुंदर पौड़कास्ट के लिए पूरी बरामासा टीम को बधाई
आज बहुत सी जानकारी प्राप्त कि।
धन्यवाद Rahul sir 🙏
Bahut Sundar Prastuti Thanks Rahul Jee
Baramasha teem ko bhut bhut dhanyawad is podcast se hame Jo pahle se uttrakhand ke baare me jaanne samajne ko milta tha uska or vi vistaar hoga .......
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बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें कोटियाल साहब 🙏
We feel proud on Rayal jee love towards our Culture.
🎉❤ ❤
Rahul daa maza a gya 🙏
बेहतरीन बातचीत
Great work sir and team❤❤❤
Thank you Baramasa and Rayal ji. Abi kitab order kiya.
शानदार प्रस्तूति संकलन
बहुत बहुत बधाई
सबसे पहले ललित मोहन जी को प्रणाम, जिन्होंने नेगी जी के गानों का विश्लेषण किया। मेरा सौभाग्य है कि मैं नेगी जी के क्षेत्र का हूं और मेरी उम्र इस समय 55 साल है। तो मुझे उनके लगभग सभी गानो मैं उपयोग किए गए शब्दों में से 95% तक समझ में आते हैं।निसंकोच, मैं भी नेगी जी के गानों मैं जो उपमा अलंकारो का प्रयोग और कल्पना किया गया है, उनका कोई जवाब नहीं। उदाहरण के तौर पर श्रृंगार रस का ही एक गाने का बोल है, "और खादन गिचन, तू खादी आंखयोन" "कैका सिरण होली चूडी भरी हाथ" में, बस दिल में एक ही ख्वाहिश है कि नेगी जी कोई ऐसी किताब लिखे जिसमें उन्होंने अपने हर गाने को लिखते समय उनकी मन स्थिति का व्याख्यान हो, जैसे जो गाना लिखा गया है नेगी जी उसे समय खुद क्या सोच रहे थे।
वाह
आनन्द ही आनन्द।
❤❤❤❤❤
Baramasa ko bahut bahut badhai, Negi ji ki mukhwani pe charcha honi chahiye. Nahi to ye bhi history ho jayenge.
Namaste Baramasa