बहुत सही हमारे देश की संस्कृति है कि सभी लोग पूजा कर भी सकते है और करा भी सकते है। खाश कर नाई समाज के लोग बहुत ही होशियार होते ।चाहे वह सुश्रुत जी हो या फिर महर्षि सविता हो या फिर सुषेण वैद्य जी।
ब्रह्म जानाती इति ब्राह्मण: अर्थात जिसके पास ज्ञान है ,जो ब्रह्म को।जनता है वही ब्राह्मण है। रही बात पूजा पाठ की तो कोई भी अपना पूजा पाठ खुद से कर सकता है। किसी भी मंदिर में सभी जाति का पुजारी हो सकता है। हम सभी एक ही ईश्वर के संतान हैं। उनके लिए सभी इंसान बराबर है। जाति पाती तो मूर्ख मानव का देन है। अर्थात किसी भी मंदिर में सभी जाति का पुजारी हो, इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।एक विशेष जाति का नहीं। जाय श्री राम
ऐसे बहुत सा मन्दिर है जहां नायी ही पुजारी है यह कोई नई बात नहीं है। लेकिन मन्दिरो के पुजारी को जाति से न बाँधे इससे हिन्दू समाज कमजोर होता है और जातिवाद के कारण ही हिन्दू समाज कजोर हुआ है।
पहले जब गुरूकुल आश्रम शिक्षा के केंद्र थे तब किसी भी जाति का बालक याने बटुक अपनी विद्वत्ता के कारण ब्राह्मण बन सकता था सर्वश्रेष्ठ उदाहरण महर्षि विश्वामित्र है जोक क्षत्रिय होते हुए भी ब्राह्मण बनथे और सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण बने थे
अरे पिंकी जी जाती भी पूछिए , वरना ज्ञान का अनुमान और तकाजा लगाने वाले आप कॉन होते हैं, ज्ञान देख कर ही आसाराम , निर्मल और अन्य बाबा हैं जो कि कभी हम ही लोगों ने gayani बना कर पूजा था,आज ओ सलाखों के पीछे ज्ञान बांट रहे हैं..... पूर्ण रूप से गीता पढ़िए पता चल जायेगा जात कि असल मीनिंग....... थोडा बहुत साइन थीटा, कॉस थिता जान लेने से आप बड़का तीर नहीं मार लीजिएगा......
बहुत दुख हो रहा है एक नए समाज का मंदिर पुजारी बना है तो क्या बात है केवल तुम लोगों को मंदिर में पुजारी बनाओगे क्या बागवान सबके होते है समझे, यही करण है कि हिंदू राष्ट्र घोसित नहीं हो परहा है तुम लोग के बजाह से नहीं का भाई बम पाएगा किउ कि तुम ब्राह्मण जाति में जो बात दिए हो😅😅😅
देश में ऐसे हजारों मन्दिर हैं जहां दलित और ओ बी सी समाज के पुजारी हैं केवल तुम जैसे मीडिया के लोग हिन्दू सनातन समाज को बांटने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हो। गोरखपुर के पास लेहड़ा देवी मंदिर का पुजारी मल्लाह जाति का सिद्धार्थनगर में सिंहेश्वरी मन्दिर में पासी (दलित) समाज के पुजारी हैं।
अरे भाई सीतापुर के ललिता देवी मंदिर का पुजारी भी खटीक है और भारत के सबसे प्राचीन मंदिर मां मुंडेश्वरी देवी मंदिर का पुजारी भी शुद्र है इस मंदिर से प्राचीन भारत में कोई हिंदू मंदिर नहीं है
न्यूज़ रिपोर्टर महोदय अध्याय अयोध्या अयोध्या अयोध्या अयोध्या में चली आओ यहां हर जाति के मंदिर हैं और जी मंदिर में जी मंदिर जो मंदिर जिस जाति की है उसी जाति के पुजारी भी उसे मंदिर में उपस्थित हैं अयोध्या में चली आओ मंदिर हर जाति के मंदिर होते हैं और उसी जाति के उसे मंदिर में पुजारी होते हैं यह प्राचीन परंपरा है लेकिन डिबेट में चैनलों पर यह सब नहीं दिखाया जाता सच्चाई नहीं दिखाई जाती क्योंकि जनता तो भड़के कि नहीं तो राजनीति सीखेगा कैसे
गोरखपुर बुड्ढी मां के मंदिर का पुजारी निषाद जी है गोरखपुर समय माता का पुजारी और महन्त यादव जी है देईमात का पुजारी और महन्त पासवान जी है सरयू मां के पास पुजारी निषाद जी है गोरखपुर में महन्त योगी आदित्यनाथ जी महाराज है वह भी ठाकुर समाज से आते हैं और बहुत से मंदिर है
आओ तुमको हजारों मंदिर में महन्त पुजारी धोबी पासवान चमार ठाकुर बनिया कहार कोहरा यादव केवट निषाद राजभर बारी धुनिया सभी जातियों के पुजारी हैं मुझे से संपर्क करो मैं तुम्हें मिलाता हूं
In odisha there are lot of temples where not Brahman are doing poojapath instead sc/st doing the pooja. Ea muslim, british, bampanthi aur gande politics ka conspiracy hai to destroy hindu ekta by saying in hindu everybody is not allowed to temple.
Sach bahut kadwa hota hai. Jiska jo kaam hai uski ko karne dena chhahie. Es lie to Hinduo ka Dhram pathbhrasth ho gaya hai. Aur jaldi hi Kaal ke gaal me samane wala hai.
बहुत सुंदर।हिन्दू समाज को संगठित होना होगा। जाति-वर्ग से ऊपर उठकर एकजुट होना वर्तमान समय की आवश्यकता है।
जय श्री राम।
अति सुन्दर बात कही आपने 🌺🙏
नई समाज द्वार पूजा करना बहुत अच्छा लगा, बधाई हो
ब्राह्मण बोले तो कोई जात वाली बात नहीं हुआ, और जब नाई समाज जो की इज्जत से लिया जा रहा है तो जाति सूचक शब्द, ये क्या बात हुई,भाई थोड़ा तो सोचा करो ।
देश के सभी मंदिरों में सभी समाज के लोगों को ये अधिकार होना चाहिए। जिससे समाज को एक नई दिशा मिलेगा।
हां ये बात सही है।। नाई हीं हमारे देश के असली पुजारी हैं
Bilkul sahi bat
बहुत सही हमारे देश की संस्कृति है कि सभी लोग पूजा कर भी सकते है और करा भी सकते है। खाश कर नाई समाज के लोग बहुत ही होशियार होते ।चाहे वह सुश्रुत जी हो या फिर महर्षि सविता हो या फिर सुषेण वैद्य जी।
पुजा कराने के बाद भी वो नाई ही है तो फिर ब्राह्मण कैसे बनेंगे? भर्मित न करें और कर्म से ब्राह्मण बने
Sahi bat h sir ❤❤❤
Jay nand raj vansh
Achal pandit
Kushinagar up
बहुत सुंदर कार्य
भगवान सभी के हैं और किसी एक को ही पूजा करने या कराने का पुश्तैनी अधिकार नहीं है इसे साबित करता यह मंदिर एक मिशाल है।
Bahut sunder baat kahi bhai ji 🚩🙏🌺
जय हो सबिता समाज ठाकुर जी कोटि प्रणाम नमः ❤❤❤
🌺🙏
ब्रह्म जानाती इति ब्राह्मण:
अर्थात जिसके पास ज्ञान है ,जो ब्रह्म को।जनता है वही ब्राह्मण है।
रही बात पूजा पाठ की तो कोई भी अपना पूजा पाठ खुद से कर सकता है।
किसी भी मंदिर में सभी जाति का पुजारी हो सकता है। हम सभी एक ही ईश्वर के संतान हैं। उनके लिए सभी इंसान बराबर है। जाति पाती तो मूर्ख मानव का देन है।
अर्थात किसी भी मंदिर में सभी जाति का पुजारी हो, इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।एक विशेष जाति का नहीं।
जाय श्री राम
नाई नहीं हमारा हिन्दू भाई है पुजारी
बहुत ही सुन्दर बात करी आप🌺🙏
अति सुंदरअति सुंदर अति सुंदर
जानकर बहुत अच्छा लगा 🙏🙏👌👌
जय हो भईया जी
Very good news
पूजा का अधिकार एक समाज तक सीमित न रहकर सभी समाज में होना चाहिए l
Yaahi baat pandito ko btana chahiye
अति सुंदर अति सुंदर अति सुंदर
Jay ho Nai samaj
Jay sir RAM
सेन समाज सभ्य समाज है, इन लोगों को मौका मिलना चाहिए
बढ़िया 👍
जय हो नाई समाज की जय हो सेन महाराज की🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
ऐसे बहुत सा मन्दिर है जहां नायी ही पुजारी है यह कोई नई बात नहीं है।
लेकिन मन्दिरो के पुजारी को जाति से न बाँधे इससे हिन्दू समाज कमजोर होता है और जातिवाद के कारण ही हिन्दू समाज कजोर हुआ है।
Achi baat hai
नाई नंदवंशी दक्षिण भारत में भी पूजा के कराते है।। जय श्री राम
एक इंसान के द्वारा देवी की पूजा की जा रही है जाति सूचक शब्द का प्रयोग नहीं करें
पहले जब गुरूकुल आश्रम शिक्षा के केंद्र थे तब किसी भी जाति का बालक याने बटुक अपनी विद्वत्ता के कारण ब्राह्मण बन सकता था सर्वश्रेष्ठ उदाहरण महर्षि विश्वामित्र है जोक क्षत्रिय होते हुए भी ब्राह्मण बनथे और सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण बने थे
Sabhi apne aapko Brahmin se tulna karte h kyun accha samajhte h tabhi na
जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान
अरे पिंकी जी जाती भी पूछिए , वरना ज्ञान का अनुमान और तकाजा लगाने वाले आप कॉन होते हैं, ज्ञान देख कर ही आसाराम , निर्मल और अन्य बाबा हैं जो कि कभी हम ही लोगों ने gayani बना कर पूजा था,आज ओ सलाखों के पीछे ज्ञान बांट रहे हैं..... पूर्ण रूप से गीता पढ़िए पता चल जायेगा जात कि असल मीनिंग.......
थोडा बहुत साइन थीटा, कॉस थिता जान लेने से आप बड़का तीर नहीं मार लीजिएगा......
बहुत दुख हो रहा है एक नए समाज का मंदिर पुजारी बना है तो क्या बात है केवल तुम लोगों को मंदिर में पुजारी बनाओगे क्या बागवान सबके होते है समझे,
यही करण है कि हिंदू राष्ट्र घोसित नहीं हो परहा है तुम लोग के बजाह से नहीं का भाई बम पाएगा किउ कि तुम ब्राह्मण जाति में जो बात दिए हो😅😅😅
जय हो
Very nice
जो मंदिर का पूजा पाठ करता देखभाल करता है वही पुजारी होता है और वह महान होता है
Bahut achhe
भारत सनातन हिन्दू असली पहचान है भारत हर राज्य में सभी समीकरण लोग पुजा करा सकते हैं इसमें हर हिन्दू परिवार लोग पुजा करा सकते है
Namah shivay 🌹🌹🙏🏻🙏🏻
UP के आदलपुरा में मां गंगा के किनारे माता भगवती शीतला का मंदिर है जिसके पुजारी वहा के केवट(मल्लाह) वर्ग के पुजारी है,
Very.thanks
अति सुन्दर।
Harhar Mahadev🙏
जय सेन जी महाराज की जय
Jai ho har har mahadev
Jai Maa bhagwati🙏🚩
There are many temples where barber is in pujari
Jai ho
देश में ऐसे हजारों मन्दिर हैं जहां दलित और ओ बी सी समाज के पुजारी हैं केवल तुम जैसे मीडिया के लोग हिन्दू सनातन समाज को बांटने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हो। गोरखपुर के पास लेहड़ा देवी मंदिर का पुजारी मल्लाह जाति का सिद्धार्थनगर में सिंहेश्वरी मन्दिर में पासी (दलित) समाज के पुजारी हैं।
बहुत सही 👍🏻🚩
Jay. Ho. Nai. Kki
Jai maa bhagwati
समाज के दलित वर्ग को भी मंदिरों में पुजारी होने की प्रथा होनी चाहिए
Jai nandvansi ❤❤❤
🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏
🎉🎉🎉
Jai maa ❤
👍👍👍
Very nice.
Jay ho
जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम
हम हिन्दु हैं जातियता के दायरे से बाहर निकलकर ,सिर्फ हिन्दु रहने में हमारी भलाई है।
आप सभी से कहना चाहूँगा कि इसमे कुछ लोग ब्राह्मण हैं जिनको बहुत दुख तकलीफ़ हो रही है हमारे रहते हैं मंदिरो में नई जात के लोग पूजा करते हैं
अरे भाई सीतापुर के ललिता देवी मंदिर का पुजारी भी खटीक है और भारत के सबसे प्राचीन मंदिर मां मुंडेश्वरी देवी मंदिर का पुजारी भी शुद्र है इस मंदिर से प्राचीन भारत में कोई हिंदू मंदिर नहीं है
जय माता दी जय माता दी जन्म कोटि कोटिप्रणाम
Jai mata di
गुड न्यूज ❤❤❤🎉😢😅😂
Jai vagvti ma Mera mañana Pura ho
❤❤❤🎉
न्यूज़ रिपोर्टर महोदय अध्याय अयोध्या अयोध्या अयोध्या अयोध्या में चली आओ यहां हर जाति के मंदिर हैं और जी मंदिर में जी मंदिर जो मंदिर जिस जाति की है उसी जाति के पुजारी भी उसे मंदिर में उपस्थित हैं अयोध्या में चली आओ मंदिर हर जाति के मंदिर होते हैं और उसी जाति के उसे मंदिर में पुजारी होते हैं यह प्राचीन परंपरा है लेकिन डिबेट में चैनलों पर यह सब नहीं दिखाया जाता सच्चाई नहीं दिखाई जाती क्योंकि जनता तो भड़के कि नहीं तो राजनीति सीखेगा कैसे
गोरखपुर बुड्ढी मां के मंदिर का पुजारी निषाद जी है
गोरखपुर समय माता का पुजारी और महन्त यादव जी है
देईमात का पुजारी और महन्त पासवान जी है
सरयू मां के पास पुजारी निषाद जी है
गोरखपुर में महन्त योगी आदित्यनाथ जी महाराज है वह भी ठाकुर समाज से आते हैं
और बहुत से मंदिर है
भाई हमें जात पात में बांटना चाहता है हमें तो इतना पता है जिसको वेद शास्त्र का ज्ञान है वह सब पंडित है
Jai ho maa sabhi par apni कृपा करें
नाई समाज एक समय ब्राह्मण थे और आज भी है
Varn se karam se Brahminism h wo full support zo karm se Brahmin h
Purnia ke najdik mata sthan hai, manta ki pujari jati se mallah hai.
Naai samaj
Jai sain ji maharaj ki
Bihar me bahut se Mandir hain jaha S.C/S.T bhi Pujari hain lakin phir bhi apas me sabhi ek nahi hote hain
जिसके पास ज्ञान हो ओहि पुजारी है देवाधि नाम जगतसर्वाह मंत्राधि नाम च देवता तन्मंत्रण ब्राह्मणा धी नाम तस्मै ब्राह्मण देवता
Isme jati se koi lena dena nhi pujari chalchi va bhratachri na ho ishvar sabka ak saman Jay nandvanshi Jay sri ram 🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤
आओ तुमको हजारों मंदिर में महन्त पुजारी धोबी पासवान चमार ठाकुर बनिया कहार कोहरा यादव केवट निषाद राजभर बारी धुनिया सभी जातियों के पुजारी हैं मुझे से संपर्क करो मैं तुम्हें मिलाता हूं
Jay nandvasnshi
नव ब्राह्मण
Naee hi sabse bada pujari h. Badhai
Ye baat sahi h ,puja karane ke liye sabse best puja nai samaj ke alawa koi nhi Kara sakta ,ham log bhi nai samaj se puja karte h ,
Nai samaj sabse best samaj h inse puja karane wale pandit sabse best pandit ho jate hai
Kabhi masjid me mahila ka bhi entry ho.
Kyu banned h?
Saree etc me Muslim mahila kyu nahi masjid ja sakti hai?
Jo padhe likhe rahenge vo puja kara sakte hain ,isme cast se koi matalab nahi hai
या तो तुम्हें पता नहीं है या झूठ बोलते हो बहुत सारे मंदिर में ब्राह्मण के अलावा अन्य सनातनी हिन्दू पुजारी है।
In odisha there are lot of temples where not Brahman are doing poojapath instead sc/st doing the pooja. Ea muslim, british, bampanthi aur gande politics ka conspiracy hai to destroy hindu ekta by saying in hindu everybody is not allowed to temple.
Nai samaj aj k nahi anadi Kal se hai
Brahman Badi ke pet me Dard ho raha hai ❤
तुम लोगों को बहुत देर से जाना। शादी भी नाई करबातें है, बहुतों को ये जानकारी भी नहीं होगी।
Pujari kisi jati ka. Ho sakata hai
Bahut jagah mandir main ,brahmin ke jagah pe dusre caste ke log pooja krwate hain ,
नाई ब्राह्मण लिखा जाता है😊😊
Sahi bat he
Achia ki bat ah he ki jo vi aadmi vidwean he uska koi jati nahi hota he uska jati keweal jati he vidwean jai mata di jai naisamaj
तुमलोग जातिवाद करते हो मीडिया के नाम पर कलंक है
बिलकुल सही
सही बात है भाई
पिंकी जी आपको बहुत दुख हो रहा है क्यू
क्यों पूजा कराना गलत है क्या।।
पिंकी जैसे लोग भगवान को न पूजकर विशेष जाति को पूजते हैं।।
Knowledge hai jo bhi karega
Hmare snatan puja ho anushtan ho sadi ho mangal koi kam pandit ji ke sath nai smaj ke log dono sath krvate h dono ke bina karay sambhav nhi ho pata
Mandir to bahut achhe hai lekin vanha aadmi logo ko dimag nahi kyo ki bina pandit ke mandir aadhura hai
Nai Samaj nai Brahman se v Jane jate hai wah puja Sadi kra sakte hai per Brahman hi sirf Raj kar rha hai
Ye chalta aaya hai
Sach bahut kadwa hota hai. Jiska jo kaam hai uski ko karne dena chhahie. Es lie to Hinduo ka Dhram pathbhrasth ho gaya hai. Aur jaldi hi Kaal ke gaal me samane wala hai.
शूद्र पुजारी बहुत कम kyo है
Pandit kahta to thik hai midia ya to galat hai
Koi Kara sakata hai or kar sakata hai
Jai mata di