बात बिल्कुल सही कहां है गुप्ता जी ने। बौद्ध भिक्षु भी आज बुद्ध की कथा कहने लगे हैं और विदाई लेते हैं। शिक्षा रोजगार महिलाओं के दुर्दशा के क्षेत्र में बौद्ध भिक्षु का कोई योगदान दिखाई नहीं दे रहा है।
हमे भी सभी जातियों के लिए सिर्फ एक ही सरनेम लगाना चाहिए एक होने के लिए जैसे हम सभी बहुजन या जो लोग बौद्ध बन गए है वे शाक्य सरनेम या सिंह लगाए की लोगो में एकता हो क्योंकि ये बुध के नाम है क्योंकि अभी भी लोग जातियों में फसे है और फसे रहेंगे।
बिलकुल सहमत। जब भगवान की गुंजाइश जिंदा रहेगी तो आगे भी भगवान और उनके अवतार पैदा होते रहेंगे। सिद्धार्थ गौतम खुद नास्तिक थे। मगर उनके भक्तों ने उन्हें भगवान बना डाला, उन्हें तथागत कह डाला और उनकी मृत्यु को महापरिनिर्वाण बना डाला। हर मनुष्य जैववैज्ञानीक रूप से सेम है और उसकी आयु भी बराबर है, अगर कोई दुर्घटना नहीं होती है तो। सिद्धार्थ गौतम ने पाखंड और अंधविश्वास का खंडन किया। मगर हमें ध्यान रखना है कि समय के साथ क्या उचित है। विज्ञान और तकनीक के विकास के साथ मानव जीवन में अनेक स्तर पर अनेक बदलाव होते हैं। और वे अनिवार्य हो जाते हैं।
पूरा समझे बिना बोलना नहीं चाहिए। भगवान किसे कहते हैं पहले यह समझे। ध्यान की ऊर्जा से भगवत्ता को जो उपलब्ध होता है उसे भगवान कहते हैं। एक enlightened आदमी को अहो भाव से भगवान कह देना गलत क्यों है?
भगवान हा शब्द एक आदर्श आहे . मनुष्य जीवनात जे काहि कर्म करतो, त्या कर्माची मूल्यमापन येणे प्रमाणे .. विकृती से सैतान पैदा होता है , प्रकृती से ईन्सान पैदा होता है , और संस्कृती सेट भगवान पैदा होता है . इतका मूल्यमापन जीवन मे किया जाता है . तथाकथित ऊपर मे कुछ नही . अर्जक संघ जिंदाबाद. वामनराव मेश्राम साहब जिंदाबाद बामसेफ जिंदाबाद बामसेफ जिंदाबाद
अरूण कुमार जी ने बिल्कुल सही कहा।
मै आपकी बात से बिल्कुल सहमत हूं।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर।
बात बिल्कुल सही कहां है गुप्ता जी ने। बौद्ध भिक्षु भी आज बुद्ध की कथा कहने लगे हैं और विदाई लेते हैं। शिक्षा रोजगार महिलाओं के दुर्दशा के क्षेत्र में बौद्ध भिक्षु का कोई योगदान दिखाई नहीं दे रहा है।
बौद्ध धर्म संस्कृति विहीन धर्म है धन्यवाद श्रद्धेय श्री अरुण कुमार जी 👆❤️🙏🇮🇳
सही कर रहे हैं माननीय❤🙏
अरुण सर, आप बहुत सुंदर विचार के व्यक्ति हैं। आपका तर्क बहुत अच्छा होता है।❤❤❤❤❤❤❤❤
Sir, you are right. Most of the Bodh bhikkhu are following brahminical ways of living.
Bilkul sahi baat ❤
I'm Muslim and I support Arjak Sangh.
Great lines by Arun gupta.
नमो बुद्धाय 🙏🙏
हमे भी सभी जातियों के लिए सिर्फ एक ही सरनेम लगाना चाहिए एक होने के लिए जैसे हम सभी बहुजन या जो लोग बौद्ध बन गए है वे शाक्य सरनेम या सिंह लगाए की लोगो में एकता हो क्योंकि ये बुध के नाम है क्योंकि अभी भी लोग जातियों में फसे है और फसे रहेंगे।
Yes sabka chose aisa hi ho
Bilkul sahi kaha aapne 👍👍👍
NAMO BUDDA JAI BHIM🙏🙏
बिल्कुल सही बात है सर जी।
जय भीम नमो बुद्धाय। ❤❤
सही बात है
Jai bhim namo buddhay❤❤❤❤❤ bhai ji❤❤❤❤
Right
काम , मोह , माया ,मत्सर लोभ , तृष्णा, व्यभिचार इत्यादी गोष्टींवर त्याग प्राप्त करून विजय मिळविणारा असा तोच भगवान .
आणी बुध्द म्हणजेच Gyani
Great sir
Shi kha
Arun Kumar Gupta Ji ki baat se sahmat Hain bahut bichhu gaon mein nahin jaate
बिलकुल सहमत। जब भगवान की गुंजाइश जिंदा रहेगी तो आगे भी भगवान और उनके अवतार पैदा होते रहेंगे।
सिद्धार्थ गौतम खुद नास्तिक थे। मगर उनके भक्तों ने उन्हें भगवान बना डाला, उन्हें तथागत कह डाला और उनकी मृत्यु को महापरिनिर्वाण बना डाला।
हर मनुष्य जैववैज्ञानीक रूप से सेम है और उसकी आयु भी बराबर है, अगर कोई दुर्घटना नहीं होती है तो।
सिद्धार्थ गौतम ने पाखंड और अंधविश्वास का खंडन किया। मगर हमें ध्यान रखना है कि समय के साथ क्या उचित है। विज्ञान और तकनीक के विकास के साथ मानव जीवन में अनेक स्तर पर अनेक बदलाव होते हैं। और वे अनिवार्य हो जाते हैं।
पूरा समझे बिना बोलना नहीं चाहिए। भगवान किसे कहते हैं पहले यह समझे। ध्यान की ऊर्जा से भगवत्ता को जो उपलब्ध होता है उसे भगवान कहते हैं। एक enlightened आदमी को अहो भाव से भगवान कह देना गलत क्यों है?
@@shambhugangwar7900 भगवान थ्योरी आपके वहां है । हमारे यहां नहीं 🙏🙏
जय भीम नमो बुद्धाय
Jay bhim Jay sambidhan
Namo Buddhay
😮😮😮
Sahi kaha aapne. Jay Bheem 💙 namoh buddhaya 💙
नमो बुद्धा जय भीम
PALI main Bhagwaan ka kya matlab hai
Aaj ke time me Bouddha bhikshu ki jarurat nahin hai, aj ke time scientist, techer ki jarurat hai
Bilkul sahi kah aape ne, bagwan ek dam nahi hai. Murti ek pateek hoti hai.
Srif karm hai, aur kuchh nahi,
Karm achha ya galat kuchh bhi karoge , uska kuchh na kuchh output jarur parat hoga.
Bilkul sahi ek hokar aate kyu nahi
Right Budh bhagwan ka virodh karte the
भगवान हा शब्द एक आदर्श आहे .
मनुष्य जीवनात जे काहि कर्म करतो, त्या कर्माची मूल्यमापन येणे प्रमाणे ..
विकृती से सैतान पैदा होता है , प्रकृती से ईन्सान पैदा होता है , और संस्कृती सेट भगवान पैदा होता है .
इतका मूल्यमापन जीवन मे किया जाता है .
तथाकथित ऊपर मे कुछ नही .
अर्जक संघ जिंदाबाद. वामनराव मेश्राम साहब जिंदाबाद बामसेफ जिंदाबाद बामसेफ जिंदाबाद