Never expected such a touching art . Moreover , actors are at best that has reminded me the classic of MLGUDI DAYS . This gives us new hope in garhwali film industry . Brilliant job kavilash !!!
वाह बहुत सुन्दर फिल्म .... अंजली का अभिनय, फिल्म की कथा , निर्देशन सब कुछ ज़बरदस्त है तारीफ़ के लिए शब्द भी कम है ... पहाड़ की स्त्री की खैरी चिंता सब कुछ बयान करती फिल्म .. आँखो में आंसू आ गये बहुत भावुक कर दिया फिल्म ने... पूरी टीम की बधाई और शुभकामनाएँ😊👌🌺🌺🌺🌺
बहुत सुंदर 10 मिनट में हमारे पहाड़ का प्यार अपनापन सब कुछ समझा दिया स्वर्ग जैसा अपना गॉव और गाँव जैसा आनन्द कही नही है ये हमारा दुभाग्य है की आज हम हर कोई सुख सुबिदा के लिए आपने आपने गांव छोड रहे है
अच्छयेई आपल शॉर्ट फिल्म इन् बणै कि आप सब्यूँ कि लेखनि न अर अभिनय न रुले दैनी आंखयूं बटि अंशधरी बि चुणा खूणि डेबलों म अट्गिं छिंन बेहतरीन शब्द निच्छन वु थैला वु ख़िरबोज व अकाळ व नांग व ग़रीबी वा कुदशा व धोती वु चप्पल वो उधारी कु लाला । वो ओंका प्रति प्रेम अर भौ आख़िर म गीत का बोलूं न मन म जन अधितु भावुक कु उमाळ बोगण बटि गए । शशक्त नारयूं थैं प्रणाम जु बुना कि मिन अपडु उमाल व ख़ैरि त लगेएलि पर तुम कुछ न बोल्यां😢 लाजवाब अभिनय नीलम थापा राजेश नौगाईं भैजी व अंजली जी सुन्दर 👌👌👌 आप सब्यूँ सैल्युट प्रणाम कोटि कोटि नमन नेगी जी व पूरी टीम थैं 💐💐😢💐💐
शब्द नहीं हैं मेरे पास इस काबिलेतारीफ़ रचना के लिये चंद मिनटों में पहाड़ की नारियों की खैरी बयां कर दी धन्य छां तुम नेगी जी 🙏 I felt that when she say द्य़ूर जी तुम थैं मेरि सौं कुछ ना बोल्या ऊंमा 😢❤❤
शाबाश अंजलि बहुत ही खूबसूरत अभिनय एक पहाड़ की नारी की पीड़ा इथगा सूक्षम समय मा पूरी खैरी बयान कनु सौंगू नी होंन्दू पर तुमुन यो संभव करी, कविलाश को निर्देशन सराहनीय छ, पूरी टीम थैं भौत भौत बधै
सवाल ही सवाल छन, जबाब कैमा नि छन मिन खैतियाल मन को उमाळ पर तु वूमा कुछ नि बोलि भौत मार्मिक, बधै कविलासै पूरि टीम तैं💐 खुदेड़ गीत त अंसधरि देगे आंख्यूं मा।
अंतिम पंक्ति में वो शब्द ‘तुम थें सों छन मेरी, वुं म कुछ न बोल्या’ , सच में पहाड़न कितनी दुःख सहन करती है और फिर भी अपनों को उसका एहसास भी नहीं होने देती । धन्य हैं 🙏
भौत ही सुंदर फ़िल्म,पहाड़े की नारी की बेदना अर चपलों कु मर्यू च धागु वाली बात सुणिक बचपन भी बौडी ग्याई अर लास्ट वाली दृश्य बहुत ही बढ़िया छे, पूरी टीम थैं बधाई व शुभकामनाएं
“बोल दिया ऊमां" बहुत ही मार्मिक फिल्म लगी। गढ़वाल से जाने के चालीस बाद पहली बार सुबह 8 बजे यह फिल्म देखकर आंसुओं का घड़ा फूट गया। उस खौरि का वर्णन नहीं कर सकता, जो हमारी माताओं बहनों ने भोगी। गांव से सड़क तक की उकाल और गाड़ी छूटने तक की यात्रा ही इतनी बड़ी व्यथा लगती है कि आंसू नहीं थाम सका। चप्पल टूटने की बात और उकाल में थोड़ा सुस्ताने का दृश्य मन को झकझोर गया। भाभी का रोल करने वाली लड़की और द्यूरजी का अभिनय बहुत अच्छा लगा। खासकर नारी के संवाद और उसकी मुखड़ी का खुदेड़ भोलापन। अंत में सर्वप्रिय गायक नरि भैजी का गीत ऐसा लगा कि मानो करुणा का सागर छलक उठा। यही असली गढ़वलि सिनेमा है, जिसने मुझ जैसे दर्शक श्रोता को जिकुड़ी को भिगो दिया । निर्माता, निर्देशक, कहानीकार को कोटि-कोटि नमस्ते। दोनों कलाकार चिरंजीव रहें।
बोल दियाँ उमा , अब तुम्हारी खुद ज्यादा लगनी च बोल दियाँ उमा अब तुमारी आणे की उम्मीद कम लगणि च बोल दियाँ उन्मा अपणी ही गांव मा मेहमान ना बंण जाया बोल दियाँ उमा तिबारी खंदवार हूँनी च बोल दिया उमा पाल उजड़णु च बोल दिया उन्मा तुमारी आण की आस मा सुपनियो मा भी कंडाली जामणी च । बोल दियाँ उ सब मा
पहाड़ी संस्कृति पर नाट्य थै ई हद तक मूर्त रुप त सिर्फ नेगी जी दे सकदिन धन्य च आपकी लेखनी अर अनुभव , बहुत सुंदर अभिनय भी।🙏🙏 बहुत बहुत धन्यवाद। रूला दिया आज
Ye katha adhuri hoke bhi puri h.!!! Puri h us ankahi katha ke sath jisme dukh ke sath pahadi jivan,pyar,bharosha himmat ka mel h!!aur adig himalaya ki tarah ek pahadi ki aas.....Wah!! 🥺🥺🥺
विरासत सुरक्षित हाथों म छ,,भौत सुंदर प्रस्तुति,,अंत मां नेगी जी की आवाज़💞 ,,काश !!! बाटा की चार य फ़िल्म भी और लंबी चल्दी😄,,, हैंका भाग कु इंतेज़ार रेलु,,प्रणाम🙏🙏🙏
बहुत ही सुन्दर.... इस लघु film में उत्तराखंड के गाउँ के जीवन और विशेषकर महिला का जीवन इतनी सुंदरता से दिखाया गया मानो ये चित्रण जीवित हो... ! और कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिका बहुत ही उत्तम निभाई है... विशेष कर महिला कलाकारा जी को मै उनके अभिनय के लिए ह्रदयपटल से सप्रेम शुभकामनायें देता हूँ। (सबसे उत्तम तब लगा जब आप बैठ के अपने दुकड़े सुना रही थीं और साथ ही साथ pros. का प्रयोग बड़ी ही सुन्दरता से कर रहीं थी...। वही सबसे जीवंत था )
Sir, इस 10 मिनट 29 सेकंड की शॉर्ट फ़िल्म ने उत्तराखंड के गाँव मे रहने वाले महिलाओं ओर उनके परिवार के उन लोगो जो कि रोजगार के लिए शहरो में गये है की कई सालों की पीड़ा और प्रेम को याद दिला दिया है। दिल को छू जाने वाली फ़िल्म बनाने के लिए कलाकारों और सम्पूर्ण टीम को बहुत बहुत धन्यवाद।
सबसे पहले सभी को दिल से बधाई और शुभकामनाएं, यह छोटी सी फिल्म दिल को छूती हुई सीधे गहराइयों में उतर गई, नेगी जी के सानिध्य में कबिलाश नेगी जी ने शानदार काम किया है दोनों किरदारों का अभिनय दिल को नम कर देता है, इस फिल्म ने ये साबित कर दिया कि छोटे से संदेश में भी बहुत कुछ कहा जा सकता है बस संदेश लिखने वाला कोई नेगी जी जैसा ही हो👍 बोलि दियां ऊंमा👌🙏
अपने भाइयों की टीका टिप्पणी देख के स्पष्ट प्रतीत हो रहा है की हमारा कोमल हृदय पहाड़ और अपने पहाड़ियों के प्रति किया संवेदनशील है। हम सब अपने मूल स्थान पे जाना तो चाहते हैं पर जा नही पा रहें हैं। बड़े बड़े मोटिवेशनल स्पीकर भी इतना मोटिवेट नहीं कर सकते जो इस १०मीन की चलचित्र ने कर दिया। इस फिल्म की पूरी टीम को सादर नमन। जय उत्तराखंड।
लास्ट की एक लाइन "तुम थे सोँ छी उन्मा कुछ नि बुल्यां " पूरी वीडियो का मतलव समझाता है , सारे कष्ट खुद पर लेकर हमेशा अपनो का ख्याल करना सीखाते है पहाड़ , बस यही बदलाव आया है गाँव छोड़ कर पहले अपनो की खुसी के लिए दुख सह लेते है आज अपने दुखो को रोना लेकर मुड़कर जाते तक नही है
Such a masterpiece.. Heart touching. बोल दियाँ ऊँमा से कुछ नि बोल्यां तक एक कथा, व्यथा, उत्कृष्ट लेखनी, कुशल निर्देशन व बेहतरीन अभिनय। साधुवाद। हार्दिक शुभकामनाएं।
तेरी पीड़ा कैन नी जांणी हे पहाड़े की नारी आज आंखें तलबल सी है घनघोर यादें है हू ब हू मेरे गांव की उन घसेरियों की ये सच्ची कहानी है सोचा न था कभी की कोई बीते जमाने की इस कभी न भुला देने वाली फिल्म के माध्यम से उन यादों को याद दिला जायेगा जो आज भी मेरे हृदय पटल पर अंकित है। निशब्द सा हूं की क्या लिखूं। आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं। 🙏🙏
The finest short garhwali/pahadi film ever made in Uttarakhand history. Akhri me pura emotional ker diya. A great thanks and congratulations to the creator and actors.
Is tarah ki short film banegi to Uttarakhand Cinema bhi popular hone lagega. Filhal to Garhwali songs ki wajah se abhi Garhwali dekhne ko mil rahi hai.
नेगी जी आप ने पहले से ही गीत और फिल्मों के माध्यम से हमे काफी बार रुला चुके हो और इस फिल्म से बहुत ही ज्यादा रो गया आप महान हो ऐसी फिल्मों से मेरे खयाल से कोई ना कोई प्रदेश से जरूर लौटा होगा
Aha! Apni matrbhumi ko naman! Parkrti MA ko Charan bandna. Sath hi Negi ji jaise vaktitwa ko koti-koti parnam jinhone hamari saskiri-savyata ko zinda rakhe hue hai.....Har ladki kisi ke dil ka tukda hoti haii....Inka drd barbas hi ankhe nam kr gai...Inke sasakt n jivant abhinay ki liye sadhubad...
सच बताण त अंत मा आंशु एैगी म्यारा आंख्यूं बटे इन भी जमनु राई होलू कभी जन दिखयू च,"कैका बाबा ल मिडिल पड़ाई कैका बाबा ल राठ बिवाई"❤️ दयूरा जी और बौजी की acting कमाल की च❤️🙏🙏 धन्यवाद नेगी जी
बहुत लाजवाब अभिनय,, एक संजीदा मार्मिक चित्रण,,और रास्ते मे चलते चलते बात करने की कहानी बहुत कुछ कह जाती है,,,और अन्य में नेगी जी का गायन क्या कहने,,,सब कुछ perfect,,direction,, वेशभूषा,,और खासकर विशुद्ध गढ़वाली भाषा,,जो और भी आकर्षित करती है,,,
इस बार फिर नेगी जी ने पहाड़ के दुख को छुआ है और साथ ही पहाड़ी लोगों के शुद्ध हृदय, मेहनत को दिखाया है। कविलाश का निर्देशन कमाल का है और अंजलि नेगी का अभिनय बेहतरीन है, उम्मीद है कि उन्हें और गानों और फिल्मों में देखा जा सकेगा।
अति सुंदर अभिनय एवम अति सुंदर रचना ओर अंतिम में जो गाना श्रधेय नेगी जी की आवाज में है वह दिल छू जाता है क्या यह गाना पूरा मिल सकता है नेगी जी आपकी आवाज में
बहुत ही हृदय स्पर्शी वीडियो पहाड़ का जीवन दर्शाता यह वीडियो पहाड़ की कठिनाइयों को दर्शाता है ki Pahad Jitna bahar se Sundar Dikhta Hai उतना ही कठिनाइयों से भरा हुआ है लेकिन पहाड़ के लोग इन कठिनाइयों को मुस्कुराते हुए इनका सामना करते हैं जय उत्तराखंड जय भारत👌👌👌👌
दिल से सभी का धन्यवाद करना चाहता हूँ! निर्देशन, लेखक, केमरा मेन, कलाकार, उन सभी लोगों का जिसने इस वीडियो में कार्य किया, ओर आपने नेगी दा जी की जितनी भी तारीफ करु "व बिल्कुल भी शुन्य( 0 ) च इन सोच था मेरू बार बार प्रणाम 🙏चा आप हम सब उत्तराखण्डी़ का मार्ग र्दशक छा, 💞👌👌👏👏👍👍👋👋💞
बिण्डि दिनु का बाद आज इं वेडियो तें देखिकी अंखि भुरेगेनि दिल मा खुमार सि अग्याई । यु हम गढवाळयूं कू सचु अतीत च और कखिम न कखिम हम दगडि जुडीं बात भी छन । मी श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी तैंन सत सत नमन करदु कि उंका प्रताप से और उंका इना सरहनिये गीतों अर वेडीओ का माध्यम से हम अपणा अर अपणा पुराणों कि बितिं खैरी बिपदा संघर्ष त्याग अर जग्वाल थैं आज भी अनुभौ कन्ना छां। अपकु और अपकि पूरी टीम कु बोहोत बोहोत ध्यनवाद । ❤️ नेगी जी ❤️ ।। जय बद्री विशाल जय उत्तराखण्ड ।।
वाह क्या बेहतरीन गढ़वाली फिल्म बनाई है कविलाश ने। ऐसी गढ़वाली फिल्म जिसमे realistic touch है, बेहतरीन एक्टिंग विशेषकर अंजली नेगी को देखकर मैं हैरान रह गया। ऐसी अदभुत गढ़वाली फिल्म मैंने कभी नहीं देखी। मेरा आभार। आशा करता हु की आप लोगों से ऐसे ही उत्कृष्ट कृतियां देखने को मिलेंगी।
Her misery was definitely painful but something even more heartbreaking was the last line💔 तुमते मेरी सौं छन। उमां कुछ ना बोल्यां। She would bear it all but would not let her loved ones know of her suffering.
My husband is a Garhwali. Although I don’t understand the language much but subtitles were really helpful. I like the way it is filmed. Both actors have nailed the performance. Very touching story line. Thanks for making this film and showing glimpse of the culture and beauty. Congratulations! Sir @narendrasinghnegi + team
Don't know why tears started rolling down my eyes.. just in Few seconds of start.. such a hardship is tolerated by every person of our villages.. meri dadi meri maa.. mere dada.. mera ghr all things comes to my mind..😢😢😢
बहुत सुन्दर!👌 आदरणीय नेगी जी, डोभाल जी, कविलाष जी और वीडियो से जुड़ी पूरी टीम को साधुवाद, बधाइयां।💐 हृदय स्पर्शी इस छोटे से वीडियो से पहाड़ की नारी के मर्म को जैसे आपने छुआ है, उसकी जितनी प्रसंशा की जाए कम है।🙏 ये हमारे अपनों के अतीत के संघर्षों का ही परिणाम है जो आज हमारा सुंदर वर्तमान है।💐🙏
कुछ प्रस्तुति इन होंदन की जोंकि तारीफ़ कनु थे शब्द नी मिल्दन । क्या मुद्दा उठाई पूरी टीम थे दिल की गहराइयों से बधाई । शानदार अभिनय अंजलि जी आर राजेश भे कु । एक एक फ़्रैम मा सौ सौ बात दिखेंदन । कवि भैया कु निर्देशन बहुत ही लाजवाब । कैमरा वर्क टॉपक्लास । नेगी जी कु बहुत बहुत धन्यबाद । भावुक सी कार्याली आपकी ई रचना न । 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
बढ़िया काम । नेगीजी के काम का विस्तार इतना है कि पहाड़ की जिंदगियो का शायद ही कोई ऐसा पहलु हो जो उनके गानों में अनछुआ रह गया हो। ये लघु फ़िल्म "दिल्ली वाला दयुरा' और 'सुण रे दिदा तेकु अयुच भौजी को सावला" गानों की याद दिलाता है। keep doing good work Kavi.
Sir जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है सर निशब्द हूं धन्य हैं आप धन्य है उत्तराखंड जो आप जैसे महान कलाकार उत्तराखण्ड की भूमि पर जन्मा है।। और उत्तराखंड की जनता तथा उत्तराखंड को गौरवांगित कर रहा है।।❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏
Bahut hi sunder prastuti or pahad ku logo ku dookh dard bayan karud ek kahani ju kai mayno ma shch cha...akhri line tum the meri son uma kuch na boliya...bhetar tak chot ke yal ... negi ji badhiya...
मेरी मां और हमारे परिवार की कहानी कुछ इस तरह ही थी 🙏🙏 आज 29 साल की उम्र हो गई है बाबा जी आज तक घर नहीं लोटे, आपके पुराने गीत आप की कविताएं हर जनमानस से जुड़ी हुई है जुग जुग जिए नेगी जी 🙏🙏 ""को दिन नि देखिनी, कु खैरी नि खाई"" पहाड़ का दर्द बयां कर दिया है आपने
This gave tears in my eyes , I can understand and relate with the situation of the woman. Most of the new brides in Garhwal region are spent half of their life without husbands. thank you the whole team. I'll definitely recommend this video with my family and friends. thankyou for showing the reality.
लाख विपदाओं के बावजूद अपने परिजनों को पर कोई आँच न आए एसी मज़बूत ओर धेर्य को रखने वाले देवभूमि उत्तराखंड की साभी माताओं को नमन 🙏🚩🌺 बहूत अछि short film thi congratulations and keep it up 💪☺️ ...... Jai uttarakhand 🚩
रुला दिया सर जी आपने ... Amazing.. Last part amazing... 🙏 And...केकु बाबा ल राठ बिवाई..... Ye rath wali story kafi purani hai... But is video ke माध्यम आज हमे ऐसा लगा जैसे हमने आज वो कहानी live देख ली... 🙏💕
वह नेगी जी आप को कोटि कोटि नमन 🙏🙏 वास्तव में ये बिडियू फिल्म कोई काल्पनिक नहीं है। ये दिन हमारे पूर्वजों ने और हम और आप सभी लोगों ने बहुत ही कठिन परिस्थितियों में गुजारे हैं। लेकिन आज कल का समाज और पीढ़ी को इस के बारे में कुछ भी पता नहीं है पता नहीं है । आप धन्यां हैं। जिन्होंने अपने पहाड़ की जनता को ऐसे बिडियू देख ने केलिए बनया है।आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏 बिधानसभा घनसाली से
अति-सुन्दर रचना, पहाड़ की नारी की सच्ची कहानी । धन्य हैं नेगी जी जिनकी रचनाओं में पहाड़ बसता है । धन्य हैं श्रीमती ऊषा नेगी जी जिन्होंने इतनी सुन्दर पहाड़ी वेशभूषा का निर्देशन किया । अभिनय में तो क्या ही कहना अति- सुन्दर.. पूरी टीम को बहुत - बहुत शुभकामनाएँ 💐💐💐🙏🏻
हम गड़वालि औरतौ कु दर्द भोलेपन और बच्चों कु भविष्य की और बुड्या सास ससुर की चिंता सब दिखायूँ ये फिल्म मा बहुत सुन्दर धन्या हैं आप महान हैं आप जो कि हमारु गड़वाले कि बोली भाषा रहन सहन संजोए रख्यूँ च 🙏🙏
Sir अपने तो पुराने जमाने की याद दिला दी। हम ने तो नही देख कभी ऐसा but अपनी दादी से सुना है की जब लोग गांव से काम करने दिल्ली जाते थे तो बहुत सालो बाद आते थे। उस समय सिर्फ चिट्ठी बजते थे। ओ भी अगर कोई लिखने वाला हो और चिट्ठी पहुंचने मै इतना समय लग जाता था की कभी कभी जिसे चिट्ठी भैजी थी वो ही घर a जाता था पर चिट्ठी नहीं पहुंचती थी। You're great sir👌👌
Never expected such a touching art . Moreover , actors are at best that has reminded me the classic of MLGUDI DAYS . This gives us new hope in garhwali film industry . Brilliant job kavilash !!!
Q
Brillent kavilash
वाह बहुत सुन्दर फिल्म .... अंजली का अभिनय, फिल्म की कथा , निर्देशन सब कुछ ज़बरदस्त है तारीफ़ के लिए शब्द भी कम है ... पहाड़ की स्त्री की खैरी चिंता सब कुछ बयान करती फिल्म .. आँखो में आंसू आ गये बहुत भावुक कर दिया फिल्म ने... पूरी टीम की बधाई और शुभकामनाएँ😊👌🌺🌺🌺🌺
''तुम थे सों छन मेरी , वू म कुछ न बोल्या '' पहाड़ की नारी का पहाड़ सा धैर्य धन्य है पहाड़ की नारी !!
🙏 गढ़ रत्न गढ़वाल के सर ताज श्री नेगी जी को प्रणाम 🙏
बहुत ही अच्छी तरह से दरसाय है पहाड़ की नारी का दुःख 🙏
बहुत सुंदर 10 मिनट में हमारे पहाड़ का प्यार अपनापन सब कुछ समझा दिया स्वर्ग जैसा अपना गॉव और गाँव जैसा आनन्द कही नही है ये हमारा दुभाग्य है की आज हम हर कोई सुख सुबिदा के लिए आपने आपने गांव छोड रहे है
मर्मस्पर्शी, सहनशीलता की पराकाष्ठा। धन्य हो पहाड़ की नारी।
अच्छयेई आपल शॉर्ट फिल्म इन् बणै कि आप सब्यूँ कि लेखनि न अर अभिनय न रुले दैनी आंखयूं बटि अंशधरी बि चुणा खूणि डेबलों म अट्गिं छिंन बेहतरीन शब्द निच्छन वु थैला वु ख़िरबोज व अकाळ व नांग व ग़रीबी वा कुदशा व धोती वु चप्पल वो उधारी कु लाला । वो ओंका प्रति प्रेम अर भौ आख़िर म गीत का बोलूं न मन म जन अधितु भावुक कु उमाळ बोगण बटि गए ।
शशक्त नारयूं थैं प्रणाम जु बुना कि मिन अपडु उमाल व ख़ैरि त लगेएलि पर तुम कुछ न बोल्यां😢
लाजवाब अभिनय नीलम थापा राजेश नौगाईं भैजी व अंजली जी सुन्दर 👌👌👌
आप सब्यूँ सैल्युट प्रणाम कोटि कोटि नमन नेगी जी व पूरी टीम थैं 💐💐😢💐💐
इस कहानी को देख के अपनी माँ की बीती हुई ज़िन्दगी याद आती है😣😣😣
केवल 10मिनट में पहाड़ की महिलाओं का पूरा दर्द बयाँ कर दिया....नमन है नेगीजी आपको🙏🙏
🙏🙏🙏
😥😥😥
कोई शब्द नहीं मेरे पास बस इतना कहूंगा कि आंसू नहीं रुकते इस पीड़ा को देखने के बाद।
शब्द नहीं हैं मेरे पास इस काबिलेतारीफ़ रचना के लिये
चंद मिनटों में पहाड़ की नारियों की खैरी बयां कर दी
धन्य छां तुम नेगी जी 🙏
I felt that when she say
द्य़ूर जी तुम थैं मेरि सौं कुछ ना बोल्या ऊंमा 😢❤❤
शाबाश अंजलि बहुत ही खूबसूरत अभिनय एक पहाड़ की नारी की पीड़ा इथगा सूक्षम समय मा पूरी खैरी बयान कनु सौंगू नी होंन्दू पर तुमुन यो संभव करी, कविलाश को निर्देशन सराहनीय छ, पूरी टीम थैं भौत भौत बधै
Brilliant performance
धन्यवाद चाचाजी🙏
😢😢😢 🥺🥺🥺
सवाल ही सवाल छन, जबाब कैमा नि छन
मिन खैतियाल मन को उमाळ
पर तु वूमा कुछ नि बोलि
भौत मार्मिक, बधै कविलासै पूरि टीम तैं💐
खुदेड़ गीत त अंसधरि देगे आंख्यूं मा।
अंतिम पंक्ति में वो शब्द ‘तुम थें सों छन मेरी, वुं म कुछ न बोल्या’ , सच में पहाड़न कितनी दुःख सहन करती है और फिर भी अपनों को उसका एहसास भी नहीं होने देती । धन्य हैं 🙏
सही कहा आप ने वो होती है इसी है अपना दुःख कभी बताती नहीं है🙏
@@poojasati6750 जी
ये शब्द मुझे भावूक कर गया !!!!
भौत ही सुंदर फ़िल्म,पहाड़े की नारी की बेदना अर चपलों कु मर्यू च धागु वाली बात सुणिक बचपन भी बौडी ग्याई अर लास्ट वाली दृश्य बहुत ही बढ़िया छे, पूरी टीम थैं बधाई व शुभकामनाएं
Ankho me anshu aa gyi...... Lajbav short film or usse bhi umda abhinaya khaskar female character *bahin ko is pardashan ke liye sadar parnaam*
“बोल दिया ऊमां" बहुत ही मार्मिक फिल्म लगी। गढ़वाल से जाने के चालीस बाद पहली बार सुबह 8 बजे यह फिल्म देखकर आंसुओं का घड़ा फूट गया। उस खौरि का वर्णन नहीं कर सकता, जो हमारी माताओं बहनों ने भोगी। गांव से सड़क तक की उकाल और गाड़ी छूटने तक की यात्रा ही इतनी बड़ी व्यथा लगती है कि आंसू नहीं थाम सका। चप्पल टूटने की बात और उकाल में थोड़ा सुस्ताने का दृश्य मन को झकझोर गया। भाभी का रोल करने वाली लड़की और द्यूरजी का अभिनय बहुत अच्छा लगा। खासकर नारी के संवाद और उसकी मुखड़ी का खुदेड़ भोलापन। अंत में सर्वप्रिय गायक नरि भैजी का गीत ऐसा लगा कि मानो करुणा का सागर छलक उठा। यही असली गढ़वलि सिनेमा है, जिसने मुझ जैसे दर्शक श्रोता को जिकुड़ी को भिगो दिया । निर्माता, निर्देशक, कहानीकार को कोटि-कोटि नमस्ते। दोनों कलाकार चिरंजीव रहें।
बोल दियाँ उमा , अब तुम्हारी खुद ज्यादा लगनी च
बोल दियाँ उमा अब तुमारी आणे की उम्मीद कम लगणि च
बोल दियाँ उन्मा अपणी ही गांव मा मेहमान ना बंण जाया
बोल दियाँ उमा तिबारी खंदवार हूँनी च
बोल दिया उमा पाल उजड़णु च
बोल दिया उन्मा तुमारी आण की आस मा सुपनियो मा भी कंडाली जामणी च
।
बोल दियाँ उ सब मा
Bahut khoob
🥺👏👏
Mast
😥🙌🙏
🥺🥺🙏🙏
निशब्द कर दिया नेगी जी ने ❤️❤️❤️😭😭😭 पहाड़ की महिला जितना सब्र किसी के पास नहीं हो सकता🙏🙏😭
देखिकी आँसू ए गिन ।
बहुत सुंदर ।
नेगी जी ते बहुत बहुत ध्न्यवाद एक और सुंदर प्रस्तुति के लिए।
निशब्द
बहुत-बहुत आभार
जो आपने पहाड़ की महिलाओं का दर्द बहुत ही कम समय में बड़ी मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया Thanku Negida
पहाड़ी संस्कृति पर नाट्य थै ई हद तक मूर्त रुप त सिर्फ नेगी जी दे सकदिन धन्य च आपकी लेखनी अर अनुभव , बहुत सुंदर अभिनय भी।🙏🙏 बहुत बहुत धन्यवाद। रूला दिया आज
Ye katha adhuri hoke bhi puri h.!!! Puri h us ankahi katha ke sath jisme dukh ke sath pahadi jivan,pyar,bharosha himmat ka mel h!!aur adig himalaya ki tarah ek pahadi ki aas.....Wah!! 🥺🥺🥺
विरासत सुरक्षित हाथों म छ,,भौत सुंदर प्रस्तुति,,अंत मां नेगी जी की आवाज़💞 ,,काश !!! बाटा की चार य फ़िल्म भी और लंबी चल्दी😄,,, हैंका भाग कु इंतेज़ार रेलु,,प्रणाम🙏🙏🙏
आपको सत सत नमन इस तरह के सराहनीय कार्य के लिए इतनी अच्छी तरह से आपने पहाड़ की नारी का दर्द बया किया
बहुत ही सुन्दर.... इस लघु film में उत्तराखंड के गाउँ के जीवन और विशेषकर महिला का जीवन इतनी सुंदरता से दिखाया गया मानो ये चित्रण जीवित हो... !
और कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिका बहुत ही उत्तम निभाई है... विशेष कर महिला कलाकारा जी को मै उनके अभिनय के लिए ह्रदयपटल से सप्रेम शुभकामनायें देता हूँ। (सबसे उत्तम तब लगा जब आप बैठ के अपने दुकड़े सुना रही थीं और साथ ही साथ pros. का प्रयोग बड़ी ही सुन्दरता से कर रहीं थी...। वही सबसे जीवंत था )
Sir,
इस 10 मिनट 29 सेकंड की शॉर्ट फ़िल्म ने उत्तराखंड के गाँव मे रहने वाले महिलाओं ओर उनके परिवार के उन लोगो जो कि रोजगार के लिए शहरो में गये है की कई सालों की पीड़ा और प्रेम को याद दिला दिया है।
दिल को छू जाने वाली फ़िल्म बनाने के लिए कलाकारों और सम्पूर्ण टीम को बहुत बहुत धन्यवाद।
सबसे पहले सभी को दिल से बधाई और शुभकामनाएं, यह छोटी सी फिल्म दिल को छूती हुई सीधे गहराइयों में उतर गई, नेगी जी के सानिध्य में कबिलाश नेगी जी ने शानदार काम किया है दोनों किरदारों का अभिनय दिल को नम कर देता है, इस फिल्म ने ये साबित कर दिया कि छोटे से संदेश में भी बहुत कुछ कहा जा सकता है बस संदेश लिखने वाला कोई नेगी जी जैसा ही हो👍 बोलि दियां ऊंमा👌🙏
बोल दियाँ ऊंमा से लेकर कुछ न बुल्यां ऊंमा तक कि कहानी भावुक कर देने वाली है.....बहुत सुंदर प्रस्तुति नेगी जी, आप तक प्रणाम पहुंचे🙏🙏
10 मिनट में पहाड़ी की नारी की व्यथा आप धन्य नेगी जी जय हो 🙏
अपने भाइयों की टीका टिप्पणी देख के स्पष्ट प्रतीत हो रहा है की हमारा कोमल हृदय पहाड़ और अपने पहाड़ियों के प्रति किया संवेदनशील है।
हम सब अपने मूल स्थान पे जाना तो चाहते हैं पर जा नही पा रहें हैं। बड़े बड़े मोटिवेशनल स्पीकर भी इतना मोटिवेट नहीं कर सकते जो इस १०मीन की चलचित्र ने कर दिया। इस फिल्म की पूरी टीम को सादर नमन। जय उत्तराखंड।
पहाड़ों का दर्द और सच्चाई बयां की है आपने ❤️
Or apne inke gano ki achhi trh se li h chamoli ji😂
और आपने नेगी जी के पिसे हुए आटे को दुबारा तिबारा पीस पीस कर मैदा बना दिया 🤣🤣
@@soulofhimalaya12 gurudev pehle dekh to lo meri videos mai vlogging krne wala ladka naa ki gaane wala😕
@@AshishChamoli are sorry guru mene singer vala Ashish chamoli glt think kr lia , mine bad bro 😐
@@soulofhimalaya12 koi baat nahi bro ❤️💝
कमाल की एक्टिंग, कमाल की कहानी, और अंत में कमाल की आवाज, मन पसंदीदा पार्ट "" तुमते मेरी सौ, उमा कुछ न बोलिया""🙂😞
Sahi baat
Ha bhai sahi mai mine 10 bar dekhi ye vedio
लास्ट की एक लाइन "तुम थे सोँ छी उन्मा कुछ नि बुल्यां " पूरी वीडियो का मतलव समझाता है , सारे कष्ट खुद पर लेकर हमेशा अपनो का ख्याल करना सीखाते है पहाड़ , बस यही बदलाव आया है गाँव छोड़ कर पहले अपनो की खुसी के लिए दुख सह लेते है
आज अपने दुखो को रोना लेकर मुड़कर जाते तक नही है
Right
Sahi kaha bheji
Aakhri ki line aansu le aayi kasam se, Jhass ..
पहाड़ी नारी का यिन व्यथा से रुबरु कराया आपन
असल मा पैलु एनी छो पहाड़मा
धन्यवाद पुरी टीम कुड़ी 🎉
Such a masterpiece..
Heart touching.
बोल दियाँ ऊँमा से कुछ नि बोल्यां तक एक कथा, व्यथा, उत्कृष्ट लेखनी, कुशल निर्देशन व बेहतरीन अभिनय।
साधुवाद।
हार्दिक शुभकामनाएं।
दर्द पहाड का जीवित कर दिया यूँ हीं गढ़ रत्न नहीं कहलाता कोई 🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम नेगी जी 🙏🙏
अंतिम क्षण भावविभोर कर गए!
पूरी टीम का धन्यवाद जिनकी वजह से हमारी संस्कृति जिंदा है ।
अंत में रुला दिया 😭। कितना दर्द है फिर भी मना कर रहीं हैं बताने से ।❣️ ये पहाड़ों में ही हो सकता है ।
yehi toh pyaar hai ek aaurat ka apne pati ke pratik
तेरी पीड़ा कैन नी जांणी हे पहाड़े की नारी आज आंखें तलबल सी है घनघोर यादें है हू ब हू मेरे गांव की उन घसेरियों की ये सच्ची कहानी है सोचा न था कभी की कोई बीते जमाने की इस कभी न भुला देने वाली फिल्म के माध्यम से उन यादों को याद दिला जायेगा जो आज भी मेरे हृदय पटल पर अंकित है। निशब्द सा हूं की क्या लिखूं। आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं। 🙏🙏
आखिर का जू शब्द छा दियूर जी तुमते मेरा सोऊं छ उमा कुछ ना बोलियां इस लाइन ने तो आखों में आंसू ही निकाल दिया। ऐसी रचना तो हमारे नेगी जी ही कर सकते है 🙏🙏
The finest short garhwali/pahadi film ever made in Uttarakhand history. Akhri me pura emotional ker diya.
A great thanks and congratulations to the creator and actors.
Thanks sir.
Yes purana Garhwali cinema wapas sai start karna hoga
Is tarah ki short film banegi to Uttarakhand Cinema bhi popular hone lagega. Filhal to Garhwali songs ki wajah se abhi Garhwali dekhne ko mil rahi hai.
ruclips.net/video/Dm1Fo7sXI7c/видео.html
Loved it. Made me emotional. Love you Negi Da and Team.
Wah sir bahut saalo baad koi garwhali film dekhi ek aap he hn jo sahi maine m garwhal ko aage pahuchana chahte hn
नेगी जी आप ने पहले से ही गीत और फिल्मों के माध्यम से हमे काफी बार रुला चुके हो और इस फिल्म से बहुत ही ज्यादा रो गया आप महान हो ऐसी फिल्मों से मेरे खयाल से कोई ना कोई प्रदेश से जरूर लौटा होगा
Aha! Apni matrbhumi ko naman! Parkrti MA ko Charan bandna. Sath hi Negi ji jaise vaktitwa ko koti-koti parnam jinhone hamari saskiri-savyata ko zinda rakhe hue hai.....Har ladki kisi ke dil ka tukda hoti haii....Inka drd barbas hi ankhe nam kr gai...Inke sasakt n jivant abhinay ki liye sadhubad...
बहुत ही शानदार अभिनय बहुत अच्छा संदेश दिया वाह
बेहद सुन्दर.
मन प्रसन्नचित ह्वेगी,
केकी व्यथा केकु गम, गाैं का बाना छाेडयां छ हम..
नेगी जी का स्वर सुणी दिल खुश ह्वेगी..♥
सच बताण त अंत मा आंशु एैगी म्यारा आंख्यूं बटे इन भी जमनु राई होलू कभी जन दिखयू च,"कैका बाबा ल मिडिल पड़ाई कैका बाबा ल राठ बिवाई"❤️ दयूरा जी और बौजी की acting कमाल की च❤️🙏🙏 धन्यवाद नेगी जी
दोनों भाभी देवर की नेचुरल एक्टिंग है
और सोच को सलाम जिसने ये सब पिरोया
बहुत अच्छा लगा
बेहद शानदार है🙏Film ने झकझोर कर दिया. गाने में जो राठ क्षेत्र की बात हुई आज भी कई गांव की स्थिति ऐसी ही है. पूरी टीम को ढ़ेरों बधाई
Aha dil ko chhu gya
Sare raste bol diya uma or last ma kuch na bolya uma
Hm pahadiyon ki vyatha or bebasi kya khub ukeri h is laghu film m wah 🙏💐
बहुत लाजवाब अभिनय,, एक संजीदा मार्मिक चित्रण,,और रास्ते मे चलते चलते बात करने की कहानी बहुत कुछ कह जाती है,,,और अन्य में नेगी जी का गायन क्या कहने,,,सब कुछ perfect,,direction,, वेशभूषा,,और खासकर विशुद्ध गढ़वाली भाषा,,जो और भी आकर्षित करती है,,,
रुला दिया, बेहतरीन अभिनय एवम लेखन निर्देशन ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
सही कहा 🙏
❤️❤️
इस बार फिर नेगी जी ने पहाड़ के दुख को छुआ है और साथ ही पहाड़ी लोगों के शुद्ध हृदय, मेहनत को दिखाया है।
कविलाश का निर्देशन कमाल का है और अंजलि नेगी का अभिनय बेहतरीन है, उम्मीद है कि उन्हें और गानों और फिल्मों में देखा जा सकेगा।
अति सुंदर अभिनय एवम अति सुंदर रचना ओर अंतिम में जो गाना श्रधेय नेगी जी की आवाज में है वह दिल छू जाता है क्या यह गाना पूरा मिल सकता है नेगी जी आपकी आवाज में
बहुत सुन्दर नेगी जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ❤🎉
बहुत ही हृदय स्पर्शी वीडियो पहाड़ का जीवन दर्शाता यह वीडियो पहाड़ की कठिनाइयों को दर्शाता है ki Pahad Jitna bahar se Sundar Dikhta Hai उतना ही कठिनाइयों से भरा हुआ है लेकिन पहाड़ के लोग इन कठिनाइयों को मुस्कुराते हुए इनका सामना करते हैं जय उत्तराखंड जय भारत👌👌👌👌
दिल से सभी का धन्यवाद करना चाहता हूँ!
निर्देशन, लेखक, केमरा मेन, कलाकार, उन सभी लोगों का जिसने इस वीडियो में कार्य किया, ओर आपने नेगी दा जी की जितनी भी तारीफ करु "व बिल्कुल भी शुन्य( 0 ) च इन सोच था मेरू बार बार प्रणाम 🙏चा आप हम सब उत्तराखण्डी़ का मार्ग र्दशक छा,
💞👌👌👏👏👍👍👋👋💞
बिण्डि दिनु का बाद आज इं वेडियो तें देखिकी अंखि भुरेगेनि दिल मा खुमार सि अग्याई ।
यु हम गढवाळयूं कू सचु अतीत च और कखिम न कखिम हम दगडि जुडीं बात भी छन ।
मी श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी तैंन सत सत नमन करदु
कि उंका प्रताप से और उंका इना सरहनिये गीतों अर वेडीओ का माध्यम से हम अपणा अर अपणा पुराणों कि बितिं खैरी बिपदा संघर्ष त्याग अर जग्वाल थैं आज भी अनुभौ कन्ना छां।
अपकु और अपकि पूरी टीम कु बोहोत बोहोत ध्यनवाद ।
❤️ नेगी जी ❤️
।। जय बद्री विशाल जय उत्तराखण्ड ।।
वाह क्या बेहतरीन गढ़वाली फिल्म बनाई है कविलाश ने। ऐसी गढ़वाली फिल्म जिसमे realistic touch है, बेहतरीन एक्टिंग विशेषकर अंजली नेगी को देखकर मैं हैरान रह गया। ऐसी अदभुत गढ़वाली फिल्म मैंने कभी नहीं देखी। मेरा आभार। आशा करता हु की आप लोगों से ऐसे ही उत्कृष्ट कृतियां देखने को मिलेंगी।
Her misery was definitely painful but something even more heartbreaking was the last line💔
तुमते मेरी सौं छन। उमां कुछ ना बोल्यां।
She would bear it all but would not let her loved ones know of her suffering.
दोनो की कलाकारी बहुत ही सुंदर.. जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है..
इस शार्ट फिल्म मैं सब कुछ था पहाडो का भोलापन , अपनों की चिंता , और वही कष्ट पर अपनों के सामने कम , थैंक यू टीम कविलाष
बहुत सुंदर कविलाष जी आप इस संस्कृति को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे दो इसके लिए आप बहुत ही बधाई के पात्र
अति सुन्दर अभिनय दिल को छू लिया ऊपर से नेगी जी की मधुर आवाज।
My husband is a Garhwali. Although I don’t understand the language much but subtitles were really helpful. I like the way it is filmed. Both actors have nailed the performance. Very touching story line. Thanks for making this film and showing glimpse of the culture and beauty. Congratulations! Sir @narendrasinghnegi + team
Don't know why tears started rolling down my eyes.. just in Few seconds of start.. such a hardship is tolerated by every person of our villages.. meri dadi meri maa.. mere dada.. mera ghr all things comes to my mind..😢😢😢
Same for me. I teared up and felt 😢
बहुत सुन्दर!👌
आदरणीय नेगी जी, डोभाल जी, कविलाष जी और वीडियो से जुड़ी पूरी टीम को साधुवाद, बधाइयां।💐
हृदय स्पर्शी इस छोटे से वीडियो से पहाड़ की नारी के मर्म को जैसे आपने छुआ है, उसकी जितनी प्रसंशा की जाए कम है।🙏
ये हमारे अपनों के अतीत के संघर्षों का ही परिणाम है जो आज हमारा सुंदर वर्तमान है।💐🙏
कुछ प्रस्तुति इन होंदन की जोंकि तारीफ़ कनु थे शब्द नी मिल्दन । क्या मुद्दा उठाई पूरी टीम थे दिल की गहराइयों से बधाई । शानदार अभिनय अंजलि जी आर राजेश भे कु । एक एक फ़्रैम मा सौ सौ बात दिखेंदन । कवि भैया कु निर्देशन बहुत ही लाजवाब । कैमरा वर्क टॉपक्लास । नेगी जी कु बहुत बहुत धन्यबाद । भावुक सी कार्याली आपकी ई रचना न । 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
उत्तराखंड की वीर नारियों की पीड़ा कु ये से सुन्दर चित्रण ना होए सकदऊ । धन्य च नेगी जी आप 🙏
बढ़िया काम । नेगीजी के काम का विस्तार इतना है कि पहाड़ की जिंदगियो का शायद ही कोई ऐसा पहलु हो जो उनके गानों में अनछुआ रह गया हो। ये लघु फ़िल्म "दिल्ली वाला दयुरा' और 'सुण रे दिदा तेकु अयुच भौजी को सावला" गानों की याद दिलाता है। keep doing good work Kavi.
हमेशा की तरह सजीव चित्रण।एक ही दिल है कितनी बार जीतोगे 🙏
Sir जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है सर
निशब्द हूं धन्य हैं आप धन्य है उत्तराखंड जो आप जैसे महान कलाकार उत्तराखण्ड की भूमि पर जन्मा है।।
और उत्तराखंड की जनता तथा उत्तराखंड को गौरवांगित कर रहा है।।❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏
बहुत ही सुंदर नेगी जी प्रणाम आप तैं ओर आपकी पूरी टीम तैं ।धोती वालू सीन त मैन म पट्ट बैठिगी । 🙂😍🙂
Bahut hi sunder prastuti or pahad ku logo ku dookh dard bayan karud ek kahani ju kai mayno ma shch cha...akhri line tum the meri son uma kuch na boliya...bhetar tak chot ke yal ... negi ji badhiya...
मेरी मां और हमारे परिवार की कहानी कुछ इस तरह ही थी 🙏🙏 आज 29 साल की उम्र हो गई है बाबा जी आज तक घर नहीं लोटे, आपके पुराने गीत आप की कविताएं हर जनमानस से जुड़ी हुई है जुग जुग जिए नेगी जी 🙏🙏
""को दिन नि देखिनी, कु खैरी नि खाई""
पहाड़ का दर्द बयां कर दिया है आपने
So sad😭
🥺🥺🥺🥺🥺
Yll ham to story dekh ke ro gye or aap
@@harshitapatwal9253 kya kre bhen zindagi to jini hai , sangharsh aur mehnat karke gujar basr kar lete hain😭😭
@pradeep rawat thik hu bhaiji
This gave tears in my eyes , I can understand and relate with the situation of the woman. Most of the new brides in Garhwal region are spent half of their life without husbands. thank you the whole team. I'll definitely recommend this video with my family and friends. thankyou for showing the reality.
@Yogendra Singh Rawat Awwww. Certainly:)
पहाड़ की मातृ शक्ति को मेरा शत शत नमन 🙏
लाख विपदाओं के बावजूद अपने परिजनों को पर कोई आँच न आए एसी मज़बूत ओर धेर्य को रखने वाले देवभूमि उत्तराखंड की साभी माताओं को नमन 🙏🚩🌺 बहूत अछि short film thi congratulations and keep it up 💪☺️ ...... Jai uttarakhand 🚩
दिल को छूने वाली लघु कहानी
*नमस्कार श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी बहुत सुन्दर प्रस्तुति देवराडी प्रोडक्शन चैनल की पूरी टीम की तरफ से आप को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं*
वाह! नमन ऐसी मातृ शक्ति को। 🙏 नमन निर्देशक को।
रुला दिया सर जी आपने ... Amazing..
Last part amazing... 🙏
And...केकु बाबा ल राठ बिवाई..... Ye rath wali story kafi purani hai... But is video ke माध्यम आज हमे ऐसा लगा जैसे हमने आज वो कहानी live देख ली... 🙏💕
इस फिल्म का महत्व सन् २००० से पहले जन्मे लोग बखूबी समझ रहे होंगे....♥️
मी बि ऊं मा छों🙋♂️
वह नेगी जी आप को कोटि कोटि नमन 🙏🙏 वास्तव में ये बिडियू फिल्म कोई काल्पनिक नहीं है। ये दिन हमारे पूर्वजों ने और हम और आप सभी लोगों ने बहुत ही कठिन परिस्थितियों में गुजारे हैं। लेकिन आज कल का समाज और पीढ़ी को इस के बारे में कुछ भी पता नहीं है पता नहीं है ।
आप धन्यां हैं। जिन्होंने अपने पहाड़ की जनता को ऐसे बिडियू देख ने केलिए बनया है।आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏 बिधानसभा
घनसाली से
सुंदर प्रस्तुति ♥️🙏
बेहतरीन अभिनय ♥️
Hii bhawana👋👋
बेहतरीन विषय.. पहाड़ की नारी सब पे भारी...
अति-सुन्दर रचना, पहाड़ की नारी की सच्ची कहानी । धन्य हैं नेगी जी जिनकी रचनाओं में पहाड़ बसता है । धन्य हैं श्रीमती ऊषा नेगी जी जिन्होंने इतनी सुन्दर पहाड़ी वेशभूषा का निर्देशन किया । अभिनय में तो क्या ही कहना अति- सुन्दर..
पूरी टीम को बहुत - बहुत शुभकामनाएँ 💐💐💐🙏🏻
Kavilas Negi ar sari team badhai ka patr chan, bhot hi badhiya short film. bhavishya ki filmu ku thai bhot bhot shubhkamna.
हम गड़वालि औरतौ कु दर्द भोलेपन और बच्चों कु भविष्य की और बुड्या सास ससुर की चिंता सब दिखायूँ ये फिल्म मा बहुत सुन्दर धन्या हैं आप महान हैं आप जो कि हमारु गड़वाले कि बोली भाषा रहन सहन संजोए रख्यूँ च 🙏🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति रूला दिया आपने सर शत शत प्रणाम 🙏 आपको भगवान आपको दीर्घायु प्रदान करे
मैं मलेशिया 🇲🇾 से बिनोद मैठाणी
अति सुंदर चित्रण पहाड़ी नारी की व्यथा का ।
कलाकारों का काम भी अति सुन्दर, धन्यवाद नेगी जी ।
Perfection Kya hain sikhe koi yaha se ,Besh bhusa ,achanak maa ki yaad aye ge video dekhi mere maa bhi aandi che pichne hamara thaila leki ☹☹☹☹
में निशब्द हूं।। पहाड़ की वेदना ने दिल झकझोर दिया
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
Sir अपने तो पुराने जमाने की याद दिला दी।
हम ने तो नही देख कभी ऐसा but अपनी दादी से सुना है की जब लोग गांव से काम करने दिल्ली जाते थे तो बहुत सालो बाद आते थे।
उस समय सिर्फ चिट्ठी बजते थे। ओ भी अगर कोई लिखने वाला हो और चिट्ठी पहुंचने मै इतना समय लग जाता था की कभी कभी जिसे चिट्ठी भैजी थी वो ही घर a जाता था पर चिट्ठी नहीं पहुंचती थी।
You're great sir👌👌
अति सुन्दर 🙏
Alok bhai aapse kaise baat kare
बेहतरीन अभिनय और लाजवाब लेखन कुछ हद तक यही कहानी है प्राइवेट नौकरी वालों की ❤️
एक पहाड़ी नारी की मन कि भावना थैं बहुत ही सुंदर ढंग से और कम समै मां प्रस्तुत करण का वास्ता पूरी टीम थैं बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏
Negi ji aap hamesha hamera dil me rahte hai. Aapke jaisa mahaan gaayak koi nahi hoga
Aap uttarakhand ki shaan hai.
वाह मन तें छुणवाली फिल्म बहुत बहुत धन्यवाद कविलास जी ।अत्यंत सुंदर ।हमन यी दृश्य बहुत दिख्य छन।याद दिले रुलै याली आपन ।