भाबर नि जौला गीत सुणणा-देखणा वास्ता आप सभि दगड़ियों को धन्यवाद ।हमारा पहाड़ का पुराना समाज का जनजीवन का प्रति कम ही लोगुकि रूचि होन्द फिर भी एक M. हमारा उत्साह बढौणा वास्ता भौत बडि संख्या चा । ऐथर भि यना गीत औणा राला देखणा-सुणणा रयान ।
बचपन मै हमें ऐसे गानों का महत्व पता नही होता था तो ऐसे गानों से मन को अप्रिय लगते थे लेकिन आज 25+ हूँ जिंदगी से परिचित हुए तो इन गानों का मतलब पता चला और गढ़रत्न नेगी जी से अच्छा कोई भी जिंदगी को अपने गानों मै समाहित नही कर सकता। Uttarakhanda needs more singer like him to keep youth to remains in touch with our culture❤❤
नेगी जी आप को तो पद्मश्री मिलना चाहिए था लेकिन उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य है। यहां के राजनेताओं ने आपके नाम की कभी पैरवी नहीं की. बहुत बड़ा दुर्भाग्य है हमारा
पिछले दो दशक के सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक को वर्तमान में सबसे कम व्यूज, लाइक और कमेंट्स देखकर मुझे बहुत निराशा हो रही है। गुलाबी सारा को करोड़ों लोगों ने देखा है और सुंदर निर्देशन और अद्भुत अभिनय, सुंदर दिल को छू लेने वाले संगीत और ध्वनि के साथ इशारों में आपसी समझ और हल्की-फुल्की बातचीत, महान नेगी जी और प्रतीक्षा द्वारा गाया गया सुंदर गीत को उतने अधिक दृश्य नहीं मिले हैं जितनी हमें उम्मीद थी, यह बहुत निराशाजनक है। यह देखने के लिए. मैं हमेशा देखता हूं और सहमत हूं कि कुमाऊं की युवा पीढ़ी गाने देखना, लाइक करना, कमेंट करना और शेयर करना पसंद करती है और ज्यादातर कुमाऊंनी गानों को इन दिनों काफी बढ़ावा दिया जा रहा है।
@@kamleshprasad9132song is beautiful sung by Negi ji and pratiksha ji ,superbly pictured and acted , I am totally saddened to see not as much views and likes to the outstanding song and such song always touches our heart too . Please boost up the spirits of all those connecting with rare masterpiece so that we keep watching something in future too . I recently a beautiful concept of ku chai v ..part -1 and part -2 beautifully sung by Prasamt and Anjali but so shocked to see that there was hardly 2k views overall to the whole song ,..
रात के 1 बज रहे हैं .. किसी भाई का कमेंट पढ़ रहा था , जो करोलबाग़ में यह गीत सुनकर रो रहे थे .... परदेश में रहकर नेगी जी के गीत एहसास दिला रहा है जैसे मैं स्वयं भाभर में हूँ अपनों से दूर ....पहाड़ियों के जीवन का मार्मिक वर्णन सुनकर ,,,फफकर रोना आ गया 😢😢😢😢😢 खासकर तब जब दूसरी पंक्ति शुरू होती है "चार छै मैना भगि ..मैना चारेक " काल्पनिक पात्र कितनी मशक्कत कर रहा है समझाने की ....समस्त सदस्य बधाई के पात्र हैं जिन्होंने फिर से नेगी जी की कल्पना को चित्रित किया है...❤❤❤❤❤❤ "बड़ा बड़ा हाट बाजार , लत्ता कपडा मुल्योला " वाली पंक्ति में शैलेन्द्र भाई के अभिनय का जवाब नहीं है. ह्रदय फटने को रहा है .... जैसे ही पात्र कपडे खरीदने की कल्पना करते हुए पीठ को दीवार से लगाते हुए कल्पना में खो जाते हैं😢😢😢😢
ये कंटर फतोड़ने वाले नये नवेले जो खुद को गायक समझते हैं....नेगी दा... की स्वर लहरी और मधुरतम आवाज के सामने फीके या यूं कहे कि न के बराबर है..... नेगी दा को कोटि कोटि प्रणाम जो हमारे पहाड़ो की संस्कृति,रीति रिवाज एवं परंपरा को अक्षुण्ण और सतत् बनाए रखने का भरपूर प्रयास करते रहे हैं.... जय पहाड़... जय उत्तराखंड,,, जय हिंद जय भारत ❤
जब कहने के लिए बहुत कुछ हो तो खामोश रहना चाहिए...क्योंकि सबकुछ कहने की चाह में वो असल बात छूट जाती है, जो सबसे अहम होती है। नरेन्द्र सिंह नेगी - लोकगायक जी के रचनाकर्म, उनके गीतों के भाव और मर्म पर कुछ लिखना या कहना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है। 'भाबर नि जौंला' कल से कई बार सुन चुका हूं, देख चुका हूं। मन किया कुछ लिखूं, लेकिन निशब्द हूं। हर बार की तरह भावनाओं को अभिव्यक्त नहीं कर पा रहा हूं। श्रद्धेय नेगी जी हमारे अंतर्मन को एक बार फिर झकझोरने के लिए आभार। हां, इस गीत के दूसरे पहलुओं पर कुछ कहना चाहता हूं। नेगी जी की एक और कालजयी रचना में मुझे प्रतीक्षा बमराड़ा की आवाज़ ने बहुत चौंकाया है। बहुत मधुर कंठ है। हम सबकी प्यारी बहन Anjali Negi के अभिनय और चेहरे के भावों ने इतना प्रभावित किया कि गीत को म्यूट करके महसूस करने की कोशिश की। हमेशा की तरह Shailendra Patwal का अभिनय निखरकर सामने आया। Govind Negi भाई मेरे फेवरेट क्यों हैं, शायद बताने की जरूरत नहीं है। आप किसी गीत को देखकर बता सकते हैं, गोविंद भाई की सिनेमैटोग्राफी है। Kavilas Negi का डायरेक्शन उम्दा है और वह गीत दर गीत बड़े होते जा रहे हैं। पहाड़ी गीतों का एक अहम पक्ष होता है वेश-भूषा। यकीन मानिये देशकाल, परिस्थितियों और गीत के अनुसार कास्ट्यूम कैसी हो, ये नेगी जी के गीतों मे देखना चाहिए। ऊषा नेगी जी की बारीकी यहां नजर आती है। मुझे नहीं पता कितने लोगों ने गौर किया होगा, इस गाने में शैलेंद्र ने जो कमीज पहनी है उसके एक बांह पर बटन की जगह पिन लगी है। ये इतना Authentic लग रहा है, जैसे किसी रियल कपल को शूट किया गया है। मैंने खुद देखा है गांव में कई लोगों को जब शर्ट के बटन टूट जाते हैं तो वो पिन का इस्तेमाल करते हैं। 'भाबर नि जौंला' की पूरी टीम Sohan Chauhan @vinod.chauhan.77312477 Pratiksha Bamrara का फिर एक बार सुरमयी आभार।
बहुत ही शानदार लिखा है आपने, नेगी जी के गीतों की व्याख्या करना कहीं से भी आसान नहीं, निश्चित रूप से डूबना पड़ता है शब्दों की गहराइयों में, लोक संस्कृति के हर पहलू और मर्म को समझना पड़ता है....आपका विश्लेषण वाकई लाजवाब है....
जितनी बार भी सुनो दिल नही भरता श्री नेगी जी हमारे दिल में 30 साल पहले भी रहते थे और आज भी उनके गीतों की वही तड़प रहती है *आखिर ये गीत है या जिंदगी आज तक समझ नही पाया * जब भी हम अपने बचपन के मित्रो के साथ उनके गीत सुनते थे तो आज जब भी साथ में होते है तो गढ रत्न नेगी जी के बारे में जरूर दिल से चर्चा होती है और एक सम्मान उनके लिए हमेशा रहता है लेकिन ये एक गायक के सम्मान से कही बड़ा महसूस होता है
ये गीत अर चलचित्र थैन सुणणा, दयखणा क बाद मिन सोचि कि येथैन एक शब्द म कनक्वै बँधु त जु शब्द मैं सूझी वु च, “सँपूर्ण”। आदरणीय नेगी जी कि लेखनी जु उद्ग़ार लेखद, वु नि छ्वपेंदा। गायन भावपूर्ण। प्रिय प्रतीक्षा कि आवाज ये गीत थैन और भावुक करद। अभिनय म भुला शैलेंद्र अर भुलि अंजलि न बतै कि भावों क दगड़ कन न्याय करदन। निर्देशन अर पटकथा विश्वास उत्पन्न करद अर सुरुक संदेश दीण म सफल होंद कि हमरा पहाड़ों म बि भौत कुच करे सकेंद, सुद्दी उंद रड़ण एकमात्र उपाय नी च। नेगी जी प्रेम प्रेम मा नारी कु शक्तिरूप बि प्रदर्शित करि दिंदन ज़ख वा पलायन बि नि करद अर प्रेम कु पलायन बि नि होंण देंद। तींदि आख्यूँ न साधुवाद। विजय गौड़ कैलिफ़ोर्निया, अमरीका बटी।
बिल्कुल यह गीत सुनके मन को शुकुन मिल गया है ऐसे ही गीत बनना चाहिए हमारे देवभूमि उत्तराखंड में खासकर गढ़वाल में क्योंकि ऐसे ही गीतों से हमारे ये पीढ़ी ओर आने वाली पीढ़ी अपने को जान सकेंगे साथ ही वैसे ही कार्य भी करेंगे जिससे कि हमारी ये विरासत को आने वाली पीढ़ी आगे ले जायेंगे। मैं देवभूमि उत्तराखंड एवं हमारे गढ़वाल के विराट स्वरूप गढरत्न आदरणीय नेगीजी को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ साथ ही यह गीत ऐसे हर दर्शक देखेंगे ओर इस गीत को भी ढेर सारी प्यार मिले। इसके अलावा इस वीडियो गीत में अभिनय करने वाले दोनों कलाकारों को भी बधाई देता हूँ एवं इस गीत के सभी कलाकारों संगीतकार को हार्दिक बधाई देता हूँ। यह गीत सचमुच में शानदार है दिल से सुना तो अंतर्मन आनंदित हो गया है।।।
श्रद्धेय नेगी जी की तारीफ करने की औकात हमारी नहीं है। उनके समक्ष तो ये सिर झुका हुआ है। मैं प्रतीक्षा जी को हृदय से शुभकामनाएं देता हूँ। उनकी आवाज़ अत्यंत कर्णप्रिय और गायन बहुत प्रभावशाली है। अविश्मरणीय।
हम इतने बड़े नहीं की आपकी कृतियों पर अपना मनोविचार व्यक्त करें, आप हमेशा से ही विश्व प्रसिद्ध रचनाएं करते आ रहे हो, आज के समय में मात्र आप ही एक ऐसे कलाकार स्थिर है, जिन्हें केवल अपने पहाड़ की विभिन्न दशाओं पर रचना करने का मन होता है, आपका सदैव आभार प्रस्तुत करना चाहूंगा नेगी जी। बचपन से आज तक आप ही के गीत सुनके बड़े हुए हैं, और एकमात्र आप ही के गीत हृदय को सुखद अनुभूति प्रदान करते है।❤❤
पद्मश्री कुछ नहीं है हमारे नेगी जी की कल्पना के आगे। करोड़ों लोगों का जो प्यार है उससे बड़ा सम्मान कुछ नहीं हमारे नेगी जी करोड़ों-करोड़ों दिलों में बसते हैं।❤❤
मेरे पास शब्द नहीं हैं की क्या महसूस कर रहा हूं मैं नेगी जी की ये सुंदर रचना सुनकर और उतना ही सराहनीय निर्देशन है कविलास भाई का। चूल्हा, चिमनी और आग में फूंक मारने के लिए लोहे का पाइप, यही तो जीवन जिया है हमने गांव में।
वाह अदभुत।हमेशा की तरह नेगी जी कमाल कर गए। लेकिन एक प्रश्न फिर सामने खड़ा हो गया।की नेत्री चाहे कितना भी कहे भाबर ना जाने के लिए लेकिन संसाधन के अभाव में कब तक मना कर पाएंगी। सच्चाई ये है की रोजगार का अभाव,बढ़ती भौतिकता का भोंकाल और एक दूसरे को पीछे छोड़ने की अजीब सी पागलपंती में पहाड़ खाली होते जा रहे हैं। सरकारें अपना काम कर ही रही हैं।लेकिन जब तक यहां की खेती को लाभकारी नहीं बनाया जाएगा,यहां का युवा उससे नहीं जुड़ेगा ।भाबर ना जाने के लिए रोकना असंभव ही है। पटवाल जी,और साथी नेत्री,गायिका ,और नेगी जी बहुत ही अच्छी कृति।। साथ ही नेगी जी से गुजारिश , कला का तो आप उत्तराखंड के संदर्भ में आप एनसाइक्लोपीडिया हो ही।कुछ पहल आपके नेतृत्व में ही पलायन रोकथाम पर हो जो यहां की दशा भी बदल दे।क्योंकि ये पहाड़ रह रह कर अपने लोगों को याद करते दिखते हैं।उनका इंतजार करते दिखते हैं। और उसे देखना और महसूस करना यकीनी तौर पर बहुत मार्मिक,और हृदय स्पर्शी है
क्यों नेगी जी के गाने इतने पसंद किए जाते है क्या कारण है ? सबको अपनी जीवनी उनकी रचनाओं में अपना समय याद आता है इंसान की ता उम्र जो भी जीवन के हर पड़ाव में होता है वो हर एक लम्हा नेगी जी रचते है अपनी रचनाओं में बस मेरी सोच ये है क्यों पसंद किए जाते है. the legend narendre Singh negi jii
सबसे पहले हमारे गढ़रारत्न श्री नेगी जी को तहदिल से नमन ❤❤ आपके गीतों का कोई जवाब नही इतनी अच्छी रचना और सब्दो को अपने अपने गीतों से सहजा हे आपके गीत सदेव हमारे साथ रहेंगे फिर से आपको तहदिल से नमन आप हमारे उत्तराखण्ड के शान हैं ❤❤
शैलेन्द्र पटवाल और अंजलि नेगी का अभिनय इतना भावपूर्ण और सशक्त है कि दोनों कलाकार दिलो दिमाग पर छप गये हैं, स्मृतिपटल से अलग नहीं होते। आप दोनों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। उम्र में आपसे वरिष्ठ हूं दिल से आशीर्वाद भी दे रहा हूं।
भौत ही मार्मिक गीत.. पाड़ मा रैणे मज़बूरी अर भैर जैकी कमाणे लालसा कु जु सुन्दर चित्रण ये गीत मा दिखे... बोन क्या!.... शब्द नि छन..... संगीत मा off beat कु जु प्रयोग ह्वे भौत सुन्दर..... गायिका प्रतीक्षा बमराड़ा की मीठी भौण कानु मा रच-बस गी..... विनोद चौहान जी कु संगीत अर कविलास कु निर्देशन शानदार अर जानदार च.... सर्या टीम थैं बधाई व शुभकामना🙏
बहुत ही सुन्दर वर्तमान की पहड़ी पीड़ा का आप ने सुन्दर शब्दों मे पिरोया और यह भी भी हम तक ही जीवित हैं धन्यवाद नेगी जी 🙏🏻। अब जब हमारेअपने चुने नेता ही तैयार नहीं पहाड़ मे रहने को
"भाबर नि जोला " साहित्य समाज का दर्पण होता है .... चरितार्थ करता नेगी जी की आवाज में मधुर गीत संगीत ....पहाड़ी पलायन को रोकने की गीत संगीत के द्वारा हमेशा की तरह छोटा सा प्रयास.....🙏🙏🌺🌺🌺❤️❤️
जो मजा नेगी जी के गानों मे है वो आज कल के गायकों के गानों मे कहा नेगी जी के गाने सीधा दिल को छू जाते हैं नेगी जी के गानों की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है ❤❤❤
धन्य है हमारे गढ़ गौरव श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को जिनकी टीम ने इस प्रकृति से भाव विभोरहोकर बड़ी मेहनत केद्वारा इस गीत को लिखा जहां तक मेरी समझ में गीत के बोल आज जो हमारा पलायन हो रहा है इस पर भी इस गीत को सुनने से रोक लगेगी एक पहाड़ की महिला अपने पति से निवेदन करती है परदेस नहीं जाना है हम यहीं रहकर के कुछ करेंगे लेकिन पति कहता है कि कुछ दिन रहकर आ जाएंगे सचमुच हमें परदेस जाना है लेकिन अपनी प्रकृति को अपने घर को नहीं छोड़ना है नेगी जी को सतसत नमन
आज कुछ दिन कि छुट्टी पूरी होण का बाद फिर वापस शहर जाणू छो कि बीच म यु गीत भी रिलीज ह्वे ग्ये अर पहली लाइन "दिन काटला घाम तापी क ,ब्यखुनि अंगीठी आग घ्यू चुपडी रोट्टि खलोलू, माया मा छौंक्यू साग" सूणिक ही आंसू ऐगिन। नमन नेगी जी आप का गायन थैं🙏🙏
पहाड़ के हर कोने में छिपे शब्दों को खोज लेते हैं आप, और फिर परोस देते हैं एक लड़ी बनाकर. करीब से देखा कई बार आपको. आपका विराट व्यक्तित्व, मानों पूरा पहाड़ समाया हो आपमें.
आदरणीय नेगी जी का बहुत बहुत आभार,,,, अपनी संस्कृति और सभ्यता को जिंदा रखने के लिए। ईश्वर आपको दीर्घायु करें और हम आपके इन स्वरों से अभिभूत होते रहें❤❤❤ सादर प्रणाम 🙏
नई पीढ़ी को यदि अपने पूर्वार्जों से पारिवारिक स्नेह और तारतम्य की सीख लेनी हो तो , वह आपके इस गीत को आधार बना सकते है । निस्वार्थ प्रेम और उसके प्रति समर्पण जैसी भाव भंगिमाओं को पिरोने वाले शब्द केवल आप ही गढ़ सकते हैं। इतनी सटीक व्याख्या प्रायः आपके गीतों में ही मौजदू होती है ; इतना ठहराव किसी गीत में बांधना कोई आसान काम नहीं है। गीत की सतह पर उकेरे शब्द श्रोता को निशब्द कर ही देते हैं । 🌻
भाई लोगो, मैं धुमाकोट, नैनीडांडा से हूं, मुझे नहीं पता कि मैंने इस गाने को कितनी बार देखा या सुना है, लेकिन जब यह यूट्यूब पर दिखाई देता है, तो मैं इसे देखता हूं और सुनता हूं और रात में, जब मुझे उत्तराखंडी गाने गाने का मन होता है, तो मैं इसे जरूर देखता हूं, ऐसा लगता है मेरे हिसाब से अब तक पौरी गढ़वाल के इतने लोगों ने इस गाने को नहीं देखा है..वाकई बहुत शर्मनाक है। एक गाना है रंगभंग और जिस तरह से ममता आर्या ने गाना गाया है वह बिल्कुल अद्भुत है। श्वेता मेहरा को भूल जाइए, मैं उसके अति आत्मविश्वास से खुश नहीं हूं लेकिन ममता और पुरुष गायक के लिए गाना देखिए।
नेगी जी जैसा गढरत्न ना कभी जन्म लिया ना कभी जन्म लेगा ❤❤❤ भगवान बद्रीनारायण आपको लम्बी उम्र और हमेशा स्वस्थ रखे ताकी आप ऐसे ही नये - नये गीत हमें सुनाते रहो । नेगी जी के लिये एक लाईक ❤
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति जय हो श्रीमान नरेंद्र सिंह नेगी जी की जय हो माँ सरस्वती आप पर हमेशा कृपा बनाए रखे ये गाना सुन कर कम से कम उत्तराखंड की महिला पुरुष कुछ तो सोचोगे आज कल के बच्चो को जरुर सुनाए ये गाना जय हो नेगी जी की
नेगी जी मैने यह गाना सैकड़ों बार सुन लिया, हर बार भाव विभोर हो जाता हूं। आपने पहाड़ की जीवन शैली को अपने गानों के माध्यम से साथ ही वीडियो के माध्यम से शतप्रतिशत उतारा है। बाकि तारीफ के लिए मेरे पास शब्द नहीं है
जितना खूबसूरत गीत, उतनी खुबसूरत भावनाएं और उस पर असलियत का चांद लगाया दिखाया रहन सहन पहनाव और संस्कृति ने ❤🎉 Uff !! Negi Ji आखिर किस मिट्टी के बने हैं आप ।
एक मात्र गायक उत्तराखंड संगीत जगत में जिन्होंने केवल उत्तराखंड से ही जुड़े हुए गीत बनाए और गाए बहुत ही मधुर कंठ क्यों कि आज के समय में गाने केवल म्यूज़िक पर ही हिट होते है। उत्तराखंड के नंबर वन गायक नेगी जी ❤️❤️🙏🙏
*गढरत्न श्री नरेन्द्रसिंह नेगी जी के गीतो मे वो शब्द पिरोये होते है जो हृदय तक टीस पहुचाते है, उनका हिमाल के साथ प्रेम उनके गीतो मे झलकता है, आज के बिन सिर पाव वाले गीतो से हटकर यह हृदय स्पर्शी गीत उत्तराखंड की वादियो से दूर तलक एक धमक छोडेगा* *इस गीत मे पहाड की विवशता दिखती है तो पहाड मे स्वरोजगार से जीवन यापन की बात भी जातायी गयी। 8 मिन्ट के इस गीत को सुनेगे तो आँखे नम हो जायेगी , एक तश्वीर आखो मे घूमने लगती है जीवंत हो जाता यादो मे बसा पहाड*👍💐👌
गढ़ रत्न ने हमेशा पहाड़ की वास्तविक स्थिति को दर्शाया है,पलायन आज पहाड़ की सबसे बड़ी विपदा है और महिलाओं को इसके लिए किसी न किसी रूप में जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन नेगी जी के गीतों की नायिका हमेशा ही परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करने वाली रही हैं यहां भी नायिका पलायन न करने का मन बना चुकी है। मार्मिक गीत आज के पहाड़ की वास्तविकता दिखाता हुआ।।
नेगी जी का ये गाना एक दो दिन में जो हाल बारिश से उत्तराखंड मे हे ठंड से अब बहुत याद आरी,, सायद हमारे नेगी जी को पहले से ही भाप जाते है कि क्या होने वाला है धन्य हो नेगी जी, जड्डू बड़न्या ह्वेगे,,
मै जब भी इस गीत को सुन रही हूं आंखे भर आ रही है, जिस प्रकार पति पत्नि के अटूट बंधन, अटूट प्रेम को दिखाया गया है, साथ ही गीत हमारे बचपन की गांव की यादों, दादी दादा की कहानियों को पुनः स्मरण करा रहा है 😊 बहुत सारा प्रेम @नेगी_जी💐💝🧿
कुछ लोग सोच रहे होंगे की आखिर भाबर है क्या? उत्तराखंड को 8 भौगोलिक क्षेत्र में बांटा गया है ट्रांस हिमालय, उच्च हिमालय, मध्य हिमालय, दून क्षेत्र, शिवालिक हिमालय, भाबर, तराई और गंगा का मैदानी क्षेत्र। शिवालिक के दक्षिण में फैला क्षेत्र ही भाबर क्षेत्र है,भाबर क्षेत्र के अंतर्गत देहरादून, पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा, नैनीताल , और चम्पावत का क्षेत्र आता है, भाबर क्षेत्र में ही मिट्टी कंकड़, बालू और पत्थर अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, भाबर का निर्माण शिवालिक से नीचे आने वाली नदियों के द्वारा अपने साथ लाए जाने वाले अवसाद ( बालू, पत्थर, मिट्टी) से हुआ है। धन्यवाद ❤❤
इतना सुंदर गाना 2020के बाद jitnai भी उत्तराखंडी गाने आए उसमे सबसे सुंदर गाना लेकिन अभी तक इतनै कम ब्यूज ये बताता है हम अपनी संस्कृति से काफी दूर चले गए
बहुत सुंदर।।नेगी जी की जितनी तारीफ करे बहुत कम है ।। हर दिल के उदगार भरे है सभी गीतौ मे ।। हर किसी के जीवन के दुख सुख उतार चढाव अमीरी गरीबी बचपन जवानी बुढापे की सम्पूर्ण परास्तिथी के उदगार भरे गीतौ के माध्यम से हमे बहुत कुछ ज्ञान भी प्राप्त होता है ।। नेगी जी सदा स्वस्थ और जुगराज रया ईश्वर सी यही प्राथना छन और हम सभी तै अपणा गीतो का माध्यम सी अपणा पहाड की संस्कृति बचौणा का खातिर जगृत कना रैला ।। बहुत बहुत धन्यावाद धन्यावाद
उत्तराखंड के गीतों से मेरा पहला परिचय कुमाऊ भाषा के गीतों से हुआ जब मैने हल्द्वानी से मुंसियरी यात्रा में बस में सुने। और अब यह गढ़वाली। पहाड़ की आवाज है इन गीतों में और खाटी पहाड़ी संस्कृति।❤
आप की जितनी भी तारीफ करें उतनी कम ही कम है आप के गाने और आवाज दिल को निचोड़ देती है नेगी जी आप से एक और गुजारिश है की आप इस साल होली पर अपना गाना जरूर लाना मैं पिछले साल आपके गाने का बहुत इन्तजार कर रहा था पर आपका गाना नहीं आया आप से निवेदन है की आप इस साल होली पर नया गाना जरूर लाना.. कौन कौन सहमत है की नेगी जी का नया गाना होली पर आये ही आये वो लाइक कमेंट जरूर करें..... रावत जी
❤ अति सुन्दर प्रस्तुति ns negi ji ko सैल्यूट और सत सत नमन। इन रचनाओं को गाने के लिए।इन रचनाओं को गाने वालों को सब की उमर लग जाय तो मैं समझता हूं कि कम है
नेगी जी के गानों की बात ही अलग है, सही कहा है उत्तराखंड को अगर जानना है तो नेगी जी के गानों को सुनो। मैं भारत से बहुत दूर कनाडा में रहता हूं और जब भी मैं तनाव में होता हूं तो हमेशा उनके गाने सुनता हूं।सर्दियों में यहां बहुत ठंड होती है और तापमान -30 हो जाता है लेकिन यहां सभी सुविधाएं हैं, काश यहीं सुविधाएं हम अपने उत्तराखंड को भी दे पाते, भगवान आपको अच्छा स्वास्थ्य दे!!
नरेंद्र सिंह नेगी किसी भगवान के अवतार हैं हम लोग बाहर नौकरी करते हैं मगर जैसे ही नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों को सुनता हूं वैसे मुझे अपने माता-पिता और अपने भाई बहनों की याद आई है और गांव वालों की❤❤
वाकई में नेगी जी धन्य है🙏 आपकी तारीफ को मै शब्दों में भी बयां नहीं कर सकता यह गाना को मैं 20से 25बार सुन चुका हूं बहुत सकुन मिलता है आपके आवाज़ और आप के गानों से मुझे मैं उम्मीद करता हूं आगे भी मुझे इन्तजार है कुछ नया सुनने को मिलेगा भगवान बद्री विशाल से आपकी स्वास्थ्य की कामना करता हूं 🙏🙏
#पुरणा_जमना_बिचार_दगड़ि_नयो_गीत_नै_पीढ़ि_तैं समर्पित।अभिनंदन #भाबर_नि_जौंला #चित्र_वीडियो #गीत दगड़ि आपौ। महानायक आदरणीय श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी अर पूरि टीम तैं बधाई। आप होला सोचणा कि अजकाल यू ट्यूब पर व्यूज बढ़ौणै होड़ा समौ पर नेगी जील क्य परोसि यु गीत! जै मा नाचणै कखि क्वे भि गुंजैश नी छ। क्य जर्वत छै इना दौर मा इना गीत गाणै जै मा स्व रोजगार तैं बढ़ावा देणै बात त करीं छैं छ पर माया कखि नी छ। भै-बंधो आप सब जाणदन कि नेगी जी तैं एक गीत लिखण मा छै मैंना लगदन त छै मैंना मा कुछ खास बात त होली ये गीत मा। ये गीत मा नव बिबाहित जोड़ै बकळि माया दगड़ि जीवना ताणा -बाणा बुणना,भविष्या प्रति गंभीर ह्वेकि अलग-अलग भौ-बिचार भि दिखेणा छिन। गीतै गैरायि आप यनि मा समझि सकदन कि ब्यो का बाद द्वी झणों तैं माया लगौणै कम अर रोजगारै जादा फिकर छ। पहाड़ों मा ठंड जब पड़दि त असहनीय होंदि तबै बैख तैं भाबर जैक कमौणै प्रबल इच्छा छ त नारि तैं अपणै गौं मा रोजगार खोजणै, रोजगार कनै इच्छा छ।अमूमन भौत कम उदाहरण छिन यन कि ब्यो का बाद महिला अपणी माटि -थाति मा कमौणै सोचदि होलि,नैंत सबु मा देस मा,परदेस मा अर खास करी देरादूण मा जाणै होड़ छ लगीं। यन गीत लिखण, वीडियो बणैक, खर्च लगैक जनता समणि परोसण जोखिम भर्यूं छ,पर लोग त बोलदन कि एक मात्र नेगी जी हि इना गायक छिन जु माटु बि परोसला त वु भि बिकलु पर!यन गीत सोचि समझीक हि लिखेंदन, गीता कै एंगिल द्यौखण पड़दन तबै माटु भि बिकि सकद।यु गीत गौं-घौरै खुसबु दगड़ि अपणा खर्क गुठ्यार बण-जंगळै छबि दगड़ि सुफल होणू छ। भारि जड्डा मा संघर्ष कनू छ हमरु उत्तराखण्ड पर यन बिचार नि छिन उपजि सकणा नै पीढ़्या बीच,हमरि सरकारों द्वारा कि तुम घौर गौं मा हि रै सकदन,रोजगार दिलौण हमरि गारंटि छ।पर आज तक या बात त ह्वे नि सकि। फेर भि यखै किसाण नारि ये वीडियो गीत मा बैख से अगनै निकळ्नी छ कि गौड़ि-भैंसि बांधला, पुंगड़ि सग्वड़ि कर्ला त जरूर कमौला अर समौला। पर ये सबका वस्ता पति-पत्नि का बीच अच्छि ट्यूनिंग होणै चैंदि। भाबर जौंला, भाबर नि जौंला का बीज संघर्ष रत यु गीत अपणा मकसद मा सुफल होलो हमरि शुभकामना छिन। अर न केवल गीत बल्कन नेगी जी कि या सोच भि पलायन रोकी पौंखुर लगैक कामयाब होलि। यि पंगत -"तुमरी माया मा ह्यूंद क्या उमर भि यखि कटि जाली सुवा यखि रै जौंला सुवा भाबर नि जौंला" बकळि माया प्रदर्शित कनी छ। शानदार रस्याण अर पिरेम कु ये से अच्छो उदाहरण कख मिलि सकद-- "दिन काटला घाम तापीकी ब्यखुनि अगेठि आग हे सुवा सुवा हे घ्यू चुपणीं र् वटि खवोंदू माया मा छौंक्यू साग मिठी-मिठी मयाळी छुयूं वोडला बिछौला"। आदरणीय श्री नेगी जी दगड़ि पूरि टीम श्रीमती ऊषा नेगी जी, प्रतीक्षा बमराड़ा जी, कविलास नेगी जी , शैलेन्द्र पटवाल जी, अंजली नेगी जी, कृष्टी नेगी जी,सोहन चौहान जी,पवन सिंह गुसाईं जी, गोविन्द नेगी जी, विनोद चौहान जी दगड़ि हौर सब कलाकरोंन अपणि जुमदर्यो काम सिद्दत से कर्यूं छ।आप सब बधाई का पात्र छिन। कमि बेसि त जरुर छिन पर यन नि छन कि जै से हौर गीतों कि तरौ समाज पर गलत प्रभाव होलु पड़नू। फिर भि कमि-बेसि तैं आप कमेंट मा जरूर लिखला। जब गीत रिकॉर्ड होंदन त शब्द स्पष्ट जरूर होण चैंदन। गीतौ सुफल होणौ सबूत यु छ कि चौबीस घंटों मा 50 K ब्यूज ऐगिन। वीडियो गीतै शुभकामना छिन आदरणीय नेगी जी अर पूरि टीम तैं। 🙏
अद्भुत शब्द रचना,, शानदार संगीत कौशल,,,और मधुर,, मर्म स्पर्शी रचना,,, गीत का मुखड़ा और अंतरा दोनों भाबर और पहाड़ की सैर कराते हैं,,आप चिरायु हों,,,गढरत्न नेगी जी
आजकल जिन गानो का कोई मतलब नही कोई समझ नही उन गानो पर तो खुब लाइक और व्यूज रहते है।।।पर नेगी जी के सच्चे गीतो पर इतने कम व्यूज क्यो?? उन्होने जब भी लिखा हमारे लिए लिखा।।। उनके चैनल व गीतो को सपोॅट करो।।।🙏
फिर वही हृदयस्पर्शी लेखन और माया मा छौंकीं वाणी। आप दोनों को सिर झुकाकर आत्मीय नमस्कार। लाखों शुभकामनाएं। श्रीमान नरेन्द्र सिंह नेगी जी जनु और क्वी न त ह्वे अर न त क्वी और ह्वे सकदु।
❤️❤️❤️❤️नेगी जी के गाने हमेशा याद रहेंगे यहाँ परदेश में ये गाने सुन के पहाड़ो की याद आ जाती है❤️❤️❤️❤️❤️ क्या गाना है सर रात को ड्यूटी पर जब ठण्ड लगती तो आपके गाने सब कुछ भुला देते है INDIAN ARMY. जय देवभुमि जय उत्तराखंड
इस गीत में जो एक्ट्रेस हैं शायद नेगी की बहू हैं, एक उम्दा कलाकार हैं, धन्य हैं नेगी जी जो अपनी संकृति को अपने गानों के जरिए दुनिया तक पंहुचा रहे हैं, और जिन्होंने इस गाने को लिखा उनका भी आभार, क्या शब्द पिरोए हैं, उत्तम 🎉🎉
@@balwantnegi8597 pehle to mujhe kuchh samaj me nahin aaya, lekin thoda pati-patni ki condition dekha to gaana samaj me aaya, ki patni kahti hai ki gaon me hi rahna hai, gaon me kheti nahin hai, lekin kuchh rojgar hai, fir dono decide karte hai ki kuchh vakt gaon me rahenge to sab thik ho jayega aur usi vakt gaana bhi khatm hota hai💞
ये गीत हम सबके लिए एक संदेश दे रहा है, अगर हमको हमारी संस्कृति को बढ़ावा देना है तो पहले उसे बचाने की कोशिश करनी चाहिए, तभी हम सब अपने पहाड़ों और जमीन को बचा सकते हैं, हम उत्तराखंड वासियों को भू कानून चाहिए तो फिर सबको एक दूसरे का साथ देना होगा और एक होकर अपना उत्तराखंड बचाना होगा। जय हो देवभूमि 🙏🏻🙏🏻 हम इसको देवभूमि ही बना कर रखेंगे,कोई बाहर का दूसरा समुदाय जो हमारी संस्कृति का अपमान और सनातन धर्म के सभी प्राणियों से घृणा करते हैं, हमें उन सबको उत्तराखंड से बाहर निकालना है।
भाबर नि जौला गीत सुणणा-देखणा वास्ता आप सभि दगड़ियों को धन्यवाद ।हमारा पहाड़ का पुराना समाज का जनजीवन का प्रति कम ही लोगुकि रूचि होन्द फिर भी एक M. हमारा उत्साह बढौणा वास्ता भौत बडि संख्या चा । ऐथर भि यना गीत औणा राला देखणा-सुणणा रयान ।
Awaj bhi or hmari purani sanskriti kya gana h dhanyvad
गीत भी और गीत की बात भी ❤❤
सादर प्रणाम नेगी जी!
Namste negi ji 💐💐
बहुत दिव्य
बचपन मै हमें ऐसे गानों का महत्व पता नही होता था तो ऐसे गानों से मन को अप्रिय लगते थे लेकिन आज 25+ हूँ जिंदगी से परिचित हुए तो इन गानों का मतलब पता चला और गढ़रत्न नेगी जी से अच्छा कोई भी जिंदगी को अपने गानों मै समाहित नही कर सकता। Uttarakhanda needs more singer like him to keep youth to remains in touch with our culture❤❤
Sahi baat
नेगी जी आप को तो पद्मश्री मिलना चाहिए था लेकिन उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य है। यहां के राजनेताओं ने आपके नाम की कभी पैरवी नहीं की. बहुत बड़ा दुर्भाग्य है हमारा
पिछले दो दशक के सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक को वर्तमान में सबसे कम व्यूज, लाइक और कमेंट्स देखकर मुझे बहुत निराशा हो रही है। गुलाबी सारा को करोड़ों लोगों ने देखा है और सुंदर निर्देशन और अद्भुत अभिनय, सुंदर दिल को छू लेने वाले संगीत और ध्वनि के साथ इशारों में आपसी समझ और हल्की-फुल्की बातचीत, महान नेगी जी और प्रतीक्षा द्वारा गाया गया सुंदर गीत को उतने अधिक दृश्य नहीं मिले हैं जितनी हमें उम्मीद थी, यह बहुत निराशाजनक है। यह देखने के लिए. मैं हमेशा देखता हूं और सहमत हूं कि कुमाऊं की युवा पीढ़ी गाने देखना, लाइक करना, कमेंट करना और शेयर करना पसंद करती है और ज्यादातर कुमाऊंनी गानों को इन दिनों काफी बढ़ावा दिया जा रहा है।
फिर से बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी । मुझे गांव की याद दिलाने के लिए।
@@kamleshprasad9132song is beautiful sung by Negi ji and pratiksha ji ,superbly pictured and acted , I am totally saddened to see not as much views and likes to the outstanding song and such song always touches our heart too .
Please boost up the spirits of all those connecting with rare masterpiece so that we keep watching something in future too .
I recently a beautiful concept of ku chai v ..part -1 and part -2 beautifully sung by Prasamt and Anjali but so shocked to see that there was hardly 2k views overall to the whole song ,..
में उत्तरप्रदेश इटावा से आता हु गढ़वाली नही समझ नही आती मगर , फिर भी इस गाने को १०० बार से ज्यादा सुन चुका हु । दिल को छू लेने वाला गाना है ।
Bhai samajh main aa jayega to jindagi bhar sunogey kahin ke bhi ho
Negi ji k gano ko baat hi alag hai bhai samajh m aane lag gaye to unke hi gaane sunte rahoge
Jai Ho
Love from ❤ Gangolihat
आपका स्वागत है मेरे भाई। यहां पहाड़ जैसा बड़ा हृदय रखते हैं सभी हिमालय के पुत्र हैं। जो हिमालय का है वह भारत का सच्चा पुत्र है।
रात के 1 बज रहे हैं .. किसी भाई का कमेंट पढ़ रहा था , जो करोलबाग़ में यह गीत सुनकर रो रहे थे .... परदेश में रहकर नेगी जी के गीत एहसास दिला रहा है जैसे मैं स्वयं भाभर में हूँ अपनों से दूर ....पहाड़ियों के जीवन का मार्मिक वर्णन सुनकर ,,,फफकर रोना आ गया 😢😢😢😢😢 खासकर तब जब दूसरी पंक्ति शुरू होती है "चार छै मैना भगि ..मैना चारेक "
काल्पनिक पात्र कितनी मशक्कत कर रहा है समझाने की ....समस्त सदस्य बधाई के पात्र हैं जिन्होंने फिर से नेगी जी की कल्पना को चित्रित किया है...❤❤❤❤❤❤
"बड़ा बड़ा हाट बाजार , लत्ता कपडा मुल्योला " वाली पंक्ति में शैलेन्द्र भाई के अभिनय का जवाब नहीं है. ह्रदय फटने को रहा है .... जैसे ही पात्र कपडे खरीदने की कल्पना करते हुए पीठ को दीवार से लगाते हुए कल्पना में खो जाते हैं😢😢😢😢
Aapka comment ko pdh kr hi emotional 😭 kr diya
@@sandeepsinghbartwal3098haan bhai ye geet hi aisa banaya hai negi ji ne ❤
Bhai ji aapne ye khud likha he ya ye mere dil ki Awaaz sun li
@ ❤️❤️❤️ हम सभी पहाड़ियों के दिल की आवाज़ है भाई जी
ये कंटर फतोड़ने वाले नये नवेले जो खुद को गायक समझते हैं....नेगी दा... की स्वर लहरी और मधुरतम आवाज के सामने फीके या यूं कहे कि न के बराबर है.....
नेगी दा को कोटि कोटि प्रणाम जो हमारे पहाड़ो की संस्कृति,रीति रिवाज एवं परंपरा को अक्षुण्ण और सतत् बनाए रखने का भरपूर प्रयास करते रहे हैं....
जय पहाड़... जय उत्तराखंड,,,
जय हिंद जय भारत ❤
जब कहने के लिए बहुत कुछ हो तो खामोश रहना चाहिए...क्योंकि सबकुछ कहने की चाह में वो असल बात छूट जाती है, जो सबसे अहम होती है। नरेन्द्र सिंह नेगी - लोकगायक जी के रचनाकर्म, उनके गीतों के भाव और मर्म पर कुछ लिखना या कहना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है। 'भाबर नि जौंला' कल से कई बार सुन चुका हूं, देख चुका हूं। मन किया कुछ लिखूं, लेकिन निशब्द हूं। हर बार की तरह भावनाओं को अभिव्यक्त नहीं कर पा रहा हूं। श्रद्धेय नेगी जी हमारे अंतर्मन को एक बार फिर झकझोरने के लिए आभार।
हां, इस गीत के दूसरे पहलुओं पर कुछ कहना चाहता हूं। नेगी जी की एक और कालजयी रचना में मुझे प्रतीक्षा बमराड़ा की आवाज़ ने बहुत चौंकाया है। बहुत मधुर कंठ है। हम सबकी प्यारी बहन Anjali Negi के अभिनय और चेहरे के भावों ने इतना प्रभावित किया कि गीत को म्यूट करके महसूस करने की कोशिश की। हमेशा की तरह Shailendra Patwal का अभिनय निखरकर सामने आया। Govind Negi भाई मेरे फेवरेट क्यों हैं, शायद बताने की जरूरत नहीं है। आप किसी गीत को देखकर बता सकते हैं, गोविंद भाई की सिनेमैटोग्राफी है। Kavilas Negi का डायरेक्शन उम्दा है और वह गीत दर गीत बड़े होते जा रहे हैं।
पहाड़ी गीतों का एक अहम पक्ष होता है वेश-भूषा। यकीन मानिये देशकाल, परिस्थितियों और गीत के अनुसार कास्ट्यूम कैसी हो, ये नेगी जी के गीतों मे देखना चाहिए। ऊषा नेगी जी की बारीकी यहां नजर आती है। मुझे नहीं पता कितने लोगों ने गौर किया होगा, इस गाने में शैलेंद्र ने जो कमीज पहनी है उसके एक बांह पर बटन की जगह पिन लगी है। ये इतना Authentic लग रहा है, जैसे किसी रियल कपल को शूट किया गया है। मैंने खुद देखा है गांव में कई लोगों को जब शर्ट के बटन टूट जाते हैं तो वो पिन का इस्तेमाल करते हैं। 'भाबर नि जौंला' की पूरी टीम Sohan Chauhan @vinod.chauhan.77312477 Pratiksha Bamrara का फिर एक बार सुरमयी आभार।
Dhanyavaad Bhaiji😊🙏
बहुत ही शानदार लिखा है आपने, नेगी जी के गीतों की व्याख्या करना कहीं से भी आसान नहीं, निश्चित रूप से डूबना पड़ता है शब्दों की गहराइयों में, लोक संस्कृति के हर पहलू और मर्म को समझना पड़ता है....आपका विश्लेषण वाकई लाजवाब है....
Sir to sir hai❤❤❤
खामोश रह कर भी अच्छा कह गए daggdyda
इस गीत का कोई और इससे अच्छा रिव्यु नहीं कर सकता धन्यवाद 🙏🙏🙏
कबिलास नेगी जी आपका फिल्मांकन इतना सिंपल लेकिन इतना माइंडब्लौंइग कि तारीफ करूं या सैल्यूट करूं? शत-शत धन्यवाद।
Dhanyavaad Bisht ji🙏
जितनी बार भी सुनो दिल नही भरता
श्री नेगी जी हमारे दिल में 30 साल पहले भी रहते थे और आज
भी उनके गीतों की वही तड़प रहती है
*आखिर ये गीत है या जिंदगी
आज तक समझ नही पाया *
जब भी हम अपने बचपन के मित्रो के साथ उनके गीत सुनते थे तो
आज जब भी साथ में होते है तो गढ रत्न नेगी जी के बारे में जरूर
दिल से चर्चा होती है और एक सम्मान उनके लिए हमेशा रहता है
लेकिन ये एक गायक के सम्मान से कही बड़ा महसूस होता है
प्रणाम नेगी जी 🙏धन्यवाद आपका गीत पलायन के काफी करीब है भविष्य में भी ऐसे गीत की उम्मीद जरूर रहेगी आपसे हमारे तो गांव पूरा टूट गया🥲🥲🥲
😮😮
ये गीत अर चलचित्र थैन सुणणा, दयखणा क बाद मिन सोचि कि येथैन एक शब्द म कनक्वै बँधु त जु शब्द मैं सूझी वु च, “सँपूर्ण”। आदरणीय नेगी जी कि लेखनी जु उद्ग़ार लेखद, वु नि छ्वपेंदा। गायन भावपूर्ण। प्रिय प्रतीक्षा कि आवाज ये गीत थैन और भावुक करद। अभिनय म भुला शैलेंद्र अर भुलि अंजलि न बतै कि भावों क दगड़ कन न्याय करदन। निर्देशन अर पटकथा विश्वास उत्पन्न करद अर सुरुक संदेश दीण म सफल होंद कि हमरा पहाड़ों म बि भौत कुच करे सकेंद, सुद्दी उंद रड़ण एकमात्र उपाय नी च। नेगी जी प्रेम प्रेम मा नारी कु शक्तिरूप बि प्रदर्शित करि दिंदन ज़ख वा पलायन बि नि करद अर प्रेम कु पलायन बि नि होंण देंद। तींदि आख्यूँ न साधुवाद।
विजय गौड़
कैलिफ़ोर्निया, अमरीका बटी।
ये गीत उन्हीं लोगों को समझ मे आएगा जो इन चीजों से गुजरे होंगे
Aaj का मोरडन जमाना kay samjhega नेगी जी के लिए कोटि कोटि प्रणाम
बिल्कुल यह गीत सुनके मन को शुकुन मिल गया है ऐसे ही गीत बनना चाहिए हमारे देवभूमि उत्तराखंड में खासकर गढ़वाल में क्योंकि ऐसे ही गीतों से हमारे ये पीढ़ी ओर आने वाली पीढ़ी अपने को जान सकेंगे साथ ही वैसे ही कार्य भी करेंगे जिससे कि हमारी ये विरासत को आने वाली पीढ़ी आगे ले जायेंगे।
मैं देवभूमि उत्तराखंड एवं हमारे गढ़वाल के विराट स्वरूप गढरत्न आदरणीय नेगीजी को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ साथ ही यह गीत ऐसे हर दर्शक देखेंगे ओर इस गीत को भी ढेर सारी प्यार मिले। इसके अलावा इस वीडियो गीत में अभिनय करने वाले दोनों कलाकारों को भी बधाई देता हूँ एवं इस गीत के सभी कलाकारों संगीतकार को हार्दिक बधाई देता हूँ। यह गीत सचमुच में शानदार है दिल से सुना तो अंतर्मन आनंदित हो गया है।।।
नेगी जी सम्पूर्ण उत्तराखंड है, संस्कृति भी सभ्यता भी यह उत्तराखंड की आखरी धरोहर होगी ..❤
श्रद्धेय नेगी जी की तारीफ करने की औकात हमारी नहीं है। उनके समक्ष तो ये सिर झुका हुआ है। मैं प्रतीक्षा जी को हृदय से शुभकामनाएं देता हूँ। उनकी आवाज़ अत्यंत कर्णप्रिय और गायन बहुत प्रभावशाली है। अविश्मरणीय।
उत्तराखण्ड क़ी संस्कृति कल भीआदरणीय नेगी जी ने बचाई थी और आज भी वे उत्तराखण्ड लोक संगीत के ध्वजवाहक हैं। शानदार निर्देशन एवं कलाकारी
हम इतने बड़े नहीं की आपकी कृतियों पर अपना मनोविचार व्यक्त करें, आप हमेशा से ही विश्व प्रसिद्ध रचनाएं करते आ रहे हो, आज के समय में मात्र आप ही एक ऐसे कलाकार स्थिर है, जिन्हें केवल अपने पहाड़ की विभिन्न दशाओं पर रचना करने का मन होता है, आपका सदैव आभार प्रस्तुत करना चाहूंगा नेगी जी। बचपन से आज तक आप ही के गीत सुनके बड़े हुए हैं, और एकमात्र आप ही के गीत हृदय को सुखद अनुभूति प्रदान करते है।❤❤
पद्मश्री कुछ नहीं है हमारे नेगी जी की कल्पना के आगे। करोड़ों लोगों का जो प्यार है उससे बड़ा सम्मान कुछ नहीं हमारे नेगी जी करोड़ों-करोड़ों दिलों में बसते हैं।❤❤
श्रीमान नरेन्द्रसिंह नेगी जी हमारे हृदयश्री हैं।
मेरे पास शब्द नहीं हैं की क्या महसूस कर रहा हूं मैं नेगी जी की ये सुंदर रचना सुनकर और उतना ही सराहनीय निर्देशन है कविलास भाई का। चूल्हा, चिमनी और आग में फूंक मारने के लिए लोहे का पाइप, यही तो जीवन जिया है हमने गांव में।
Dhanyavaad Arvind ji🙏
आजकल के नए गायकों को भी इसी तरह गहराई वाली सोच के सांग्स लिखने और गाने की जरूरत है यही हमारी पहचान है और यही होनी भी चाहिए , चाहे हम कहि भी रहेंगे
वाह अदभुत।हमेशा की तरह नेगी जी कमाल कर गए।
लेकिन एक प्रश्न फिर सामने खड़ा हो गया।की नेत्री चाहे कितना भी कहे भाबर ना जाने के लिए लेकिन संसाधन के अभाव में कब तक मना कर पाएंगी। सच्चाई ये है की रोजगार का अभाव,बढ़ती भौतिकता का भोंकाल और एक दूसरे को पीछे छोड़ने की अजीब सी पागलपंती में पहाड़ खाली होते जा रहे हैं।
सरकारें अपना काम कर ही रही हैं।लेकिन जब तक यहां की खेती को लाभकारी नहीं बनाया जाएगा,यहां का युवा उससे नहीं जुड़ेगा ।भाबर ना जाने के लिए रोकना असंभव ही है।
पटवाल जी,और साथी नेत्री,गायिका ,और नेगी जी बहुत ही अच्छी कृति।।
साथ ही नेगी जी से गुजारिश , कला का तो आप उत्तराखंड के संदर्भ में आप एनसाइक्लोपीडिया हो ही।कुछ पहल आपके नेतृत्व में ही पलायन रोकथाम पर हो जो यहां की दशा भी बदल दे।क्योंकि ये पहाड़ रह रह कर अपने लोगों को याद करते दिखते हैं।उनका इंतजार करते दिखते हैं।
और उसे देखना और महसूस करना यकीनी तौर पर बहुत मार्मिक,और हृदय स्पर्शी है
क्यों नेगी जी के गाने इतने पसंद किए जाते है क्या कारण है ?
सबको अपनी जीवनी उनकी रचनाओं में अपना समय याद आता है
इंसान की ता उम्र जो भी जीवन के हर पड़ाव में होता है वो हर एक लम्हा नेगी जी रचते है अपनी रचनाओं में बस मेरी सोच ये है क्यों पसंद किए जाते है. the legend narendre Singh negi jii
सबसे पहले हमारे गढ़रारत्न श्री नेगी जी को तहदिल से नमन ❤❤ आपके गीतों का कोई जवाब नही इतनी अच्छी रचना और सब्दो को अपने अपने गीतों से सहजा हे आपके गीत सदेव हमारे साथ रहेंगे फिर से आपको तहदिल से नमन आप हमारे उत्तराखण्ड के शान हैं ❤❤
इस गाना और वीडियो को वही महसूस कर सकता है जिसने पहाड़ों का जीवन देखा हो काटा हो लोक संगीत महानायक श्री नेगी जी को सत सत नमन🙏🙏🙏
❤❤❤
बहुत सुंदर रचना सर जी शुभ कामनाएं धन्यवाद 🎉🎉🎉 सारी टीम का सिर्फ आप के ही गीत अमर हैं सभी के दिलों में हमेशा के लिए वह सुपर गीत जय देवभूमि उत्तराखंड
शैलेन्द्र पटवाल और अंजलि नेगी का अभिनय इतना भावपूर्ण और सशक्त है कि दोनों कलाकार दिलो दिमाग पर छप गये हैं, स्मृतिपटल से अलग नहीं होते। आप दोनों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। उम्र में आपसे वरिष्ठ हूं दिल से आशीर्वाद भी दे रहा हूं।
अंजलि नेगी जी का अभिनय दिल को छू लेने वाला है।
अगर कभी आप अकेले, दुखी, डिप्रेशन, परेशान, तो एक बार नेगी दा के गाने सुने जो सुकून मिलेगा न तुम सारे गम भूल जाओगे । Big fan negi daa ❤
तीन महीने हो गए अभी तक इतनी रोमांटिक रचना एक मिलियन नहीं पहुंची। लोगों को कूड़ा देखने की आदत लग गई
3 nhi 5
बिल्कुल सही कहा।
व्हे जालु, ब्वाबा, व्हे जालु
नेगी जी एक दिल है ....इसे कितनी बार लुटोगे ❤❤
पलायन पर इससे बेहतर........कुछ नही हो सकता❣️
एक नरेंद्र देश पर राज कर रहे हैं,और दूसरा हमारे दिलों में।❤❤
आपके गले, कलम पे मां सरस्वती की असीम कृपा है।
प्रणाम आपको नेगी जी।
भौत ही मार्मिक गीत..
पाड़ मा रैणे मज़बूरी अर भैर जैकी कमाणे लालसा कु जु सुन्दर चित्रण ये गीत मा दिखे... बोन क्या!.... शब्द नि छन..... संगीत मा off beat कु जु प्रयोग ह्वे भौत सुन्दर..... गायिका प्रतीक्षा बमराड़ा की मीठी भौण कानु मा रच-बस गी..... विनोद चौहान जी कु संगीत अर कविलास कु निर्देशन शानदार अर जानदार च.... सर्या टीम थैं बधाई व शुभकामना🙏
आपकी कल्पना का कोई तोड नहीं मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि आने वाली पीढी को आप जैसा रचनाकार दे
बहुत ही सुन्दर वर्तमान की पहड़ी पीड़ा का आप ने सुन्दर शब्दों मे पिरोया और यह भी भी हम तक ही जीवित हैं धन्यवाद नेगी जी 🙏🏻। अब जब हमारेअपने चुने नेता ही तैयार नहीं पहाड़ मे रहने को
"भाबर नि जोला " साहित्य समाज का दर्पण होता है .... चरितार्थ करता नेगी जी की आवाज में मधुर गीत संगीत ....पहाड़ी पलायन को रोकने की गीत संगीत के द्वारा हमेशा की तरह छोटा सा प्रयास.....🙏🙏🌺🌺🌺❤️❤️
जो मजा नेगी जी के गानों मे है वो आज कल के गायकों के गानों मे कहा नेगी जी के गाने सीधा दिल को छू जाते हैं नेगी जी के गानों की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है ❤❤❤
मार्मिक और कर्णप्रिय गीत रचना।। आदरणीय नेगी जी को सादर नमन वंदन।। धन्य है हमारी लोकसंस्कृति
आहा मेरे पास शब्द नहीं हैं कि अपने भाव लिख सकूं। बहुत ही खूबसूरत दिल को छू जाने वाला गीत ❤🙏🙏🙏🙏
धन्य है हमारे गढ़ गौरव श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को जिनकी टीम ने इस प्रकृति से भाव विभोरहोकर बड़ी मेहनत केद्वारा इस गीत को लिखा जहां तक मेरी समझ में गीत के बोल आज जो हमारा पलायन हो रहा है इस पर भी इस गीत को सुनने से रोक लगेगी एक पहाड़ की महिला अपने पति से निवेदन करती है परदेस नहीं जाना है हम यहीं रहकर के कुछ करेंगे लेकिन पति कहता है कि कुछ दिन रहकर आ जाएंगे सचमुच हमें परदेस जाना है लेकिन अपनी प्रकृति को अपने घर को नहीं छोड़ना है नेगी जी को सतसत नमन
आज कुछ दिन कि छुट्टी पूरी होण का बाद फिर वापस शहर जाणू छो कि बीच म यु गीत भी रिलीज ह्वे ग्ये अर पहली लाइन "दिन काटला घाम तापी क ,ब्यखुनि अंगीठी आग
घ्यू चुपडी रोट्टि खलोलू, माया मा छौंक्यू साग" सूणिक ही आंसू ऐगिन।
नमन नेगी जी आप का गायन थैं🙏🙏
वाह जी बहुत सुंदर लाजवाब प्रस्तुति आदरणीय भाई साहब नेगी जी आपको प्रणाम व शुभकामनाएँ
बहुत ही सुंदर गीत।
आदरणीय नेगी जी ने बहुत गजब का दर्शन प्रस्तुत किया है।यह शायद आपका सर्वश्रेष्ठ गीत है।
बहुत बहुत शुभकामनाएं।
🙏🙏
आज फिर अपनी पर्वतीय संस्कृति से रूबरू कराया नेगी जी ने, मन तृप्त हो लिया।
बहुत बहुत शुभकामनाएं समस्त टीम को
इस गीत ने तो मेरा दिल, फेफड़ा ,लिवर यकृत,अमाशय, बड़ी आंत, छोटी आंत, पूरा पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र, सब जीत लिया 😅❤
धन्य हैं नेगी जी 🎉
पहाड़ के हर कोने में छिपे शब्दों को खोज लेते हैं आप, और फिर परोस देते हैं एक लड़ी बनाकर.
करीब से देखा कई बार आपको. आपका विराट व्यक्तित्व, मानों पूरा पहाड़ समाया हो आपमें.
आदरणीय नेगी जी का बहुत बहुत आभार,,,, अपनी संस्कृति और सभ्यता को जिंदा रखने के लिए। ईश्वर आपको दीर्घायु करें और हम आपके इन स्वरों से अभिभूत होते रहें❤❤❤ सादर प्रणाम 🙏
नई पीढ़ी को यदि अपने पूर्वार्जों से पारिवारिक स्नेह और तारतम्य की सीख लेनी हो तो , वह आपके इस गीत को आधार बना सकते है । निस्वार्थ प्रेम और उसके प्रति समर्पण जैसी भाव भंगिमाओं को पिरोने वाले शब्द केवल आप ही गढ़ सकते हैं। इतनी सटीक व्याख्या प्रायः आपके गीतों में ही मौजदू होती है ; इतना ठहराव किसी गीत में बांधना कोई आसान काम नहीं है। गीत की सतह पर उकेरे शब्द श्रोता को निशब्द कर ही देते हैं । 🌻
भाई लोगो, मैं धुमाकोट, नैनीडांडा से हूं, मुझे नहीं पता कि मैंने इस गाने को कितनी बार देखा या सुना है, लेकिन जब यह यूट्यूब पर दिखाई देता है, तो मैं इसे देखता हूं और सुनता हूं और रात में, जब मुझे उत्तराखंडी गाने गाने का मन होता है, तो मैं इसे जरूर देखता हूं, ऐसा लगता है मेरे हिसाब से अब तक पौरी गढ़वाल के इतने लोगों ने इस गाने को नहीं देखा है..वाकई बहुत शर्मनाक है।
एक गाना है रंगभंग और जिस तरह से ममता आर्या ने गाना गाया है वह बिल्कुल अद्भुत है। श्वेता मेहरा को भूल जाइए, मैं उसके अति आत्मविश्वास से खुश नहीं हूं लेकिन ममता और पुरुष गायक के लिए गाना देखिए।
नेगी जी जैसा गढरत्न ना कभी जन्म लिया ना कभी जन्म लेगा ❤❤❤ भगवान बद्रीनारायण आपको लम्बी उम्र और हमेशा स्वस्थ रखे ताकी आप ऐसे ही नये - नये गीत हमें सुनाते रहो । नेगी जी के लिये एक लाईक ❤
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति जय हो श्रीमान नरेंद्र सिंह नेगी जी की जय हो माँ सरस्वती आप पर हमेशा कृपा बनाए रखे ये गाना सुन कर कम से कम उत्तराखंड की महिला पुरुष कुछ तो सोचोगे आज कल के बच्चो को जरुर सुनाए ये गाना जय हो नेगी जी की
तारीफ me शब्दों की कमी || अद्भुत ❤❤ 🙏🙏नमन वंदन अभिनन्दन गढ़रत्न श्री🙏
नेगी जी मैने यह गाना सैकड़ों बार सुन लिया, हर बार भाव विभोर हो जाता हूं। आपने पहाड़ की जीवन शैली को अपने गानों के माध्यम से साथ ही वीडियो के माध्यम से शतप्रतिशत उतारा है।
बाकि तारीफ के लिए मेरे पास शब्द नहीं है
नेगी जी सिर्फ गानों का अलंकरण ही नही करते बल्कि गानों में सामाजिक पारिवारिक संस्कृतिक भावनाओं की पूरी छबि दिखाते हैं।
❤❤❤❤ नेगी जी का बहुत बहुत धन्यवाद.जो पहाड़ो की याद दिलाते है और बार बार हमारी संस्कृति की तरफ ध्यान आकर्षित करते है❤️
जितना खूबसूरत गीत, उतनी खुबसूरत भावनाएं और उस पर असलियत का चांद लगाया दिखाया रहन सहन पहनाव और संस्कृति ने ❤🎉 Uff !! Negi Ji आखिर किस मिट्टी के बने हैं आप ।
एक मात्र गायक उत्तराखंड संगीत जगत में जिन्होंने केवल उत्तराखंड से ही जुड़े हुए गीत बनाए और गाए बहुत ही मधुर कंठ क्यों कि आज के समय में गाने केवल म्यूज़िक पर ही हिट होते है। उत्तराखंड के नंबर वन गायक नेगी जी ❤️❤️🙏🙏
*गढरत्न श्री नरेन्द्रसिंह नेगी जी के गीतो मे वो शब्द पिरोये होते है जो हृदय तक टीस पहुचाते है, उनका हिमाल के साथ प्रेम उनके गीतो मे झलकता है, आज के बिन सिर पाव वाले गीतो से हटकर यह हृदय स्पर्शी गीत उत्तराखंड की वादियो से दूर तलक एक धमक छोडेगा* *इस गीत मे पहाड की विवशता दिखती है तो पहाड मे स्वरोजगार से जीवन यापन की बात भी जातायी गयी। 8 मिन्ट के इस गीत को सुनेगे तो आँखे नम हो जायेगी , एक तश्वीर आखो मे घूमने लगती है जीवंत हो जाता यादो मे बसा पहाड*👍💐👌
गढ़ रत्न ने हमेशा पहाड़ की वास्तविक स्थिति को दर्शाया है,पलायन आज पहाड़ की सबसे बड़ी विपदा है और महिलाओं को इसके लिए किसी न किसी रूप में जिम्मेदार माना जाता है।
लेकिन नेगी जी के गीतों की नायिका हमेशा ही परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करने वाली रही हैं यहां भी नायिका पलायन न करने का मन बना चुकी है।
मार्मिक गीत आज के पहाड़ की वास्तविकता दिखाता हुआ।।
आपके हर गीत मन को भाने वाले होते हैं आपके गीतों के माध्यम से नये बच्चों को अपनी संस्कृति का पता चलता है keep singing
नेगी जी का ये गाना एक दो दिन में जो हाल बारिश से उत्तराखंड मे हे ठंड से अब बहुत याद आरी,, सायद हमारे नेगी जी को पहले से ही भाप जाते है कि क्या होने वाला है धन्य हो नेगी जी,
जड्डू बड़न्या ह्वेगे,,
बेहतरीन गीत मनभावक अभिनय बेहतरीन निर्देशन नेगी जी के साथ में प्रतिक्षा बमराडा जी की मधुर आवाज और शैलेंद्र भाई अंजली नेगी का अभिनय कोई जवाब नही
आंखें भर आई। भावनाओ और लगाव से भरपूर किंतु अब काफी देर हो गई यह गीत 15 साल पहले शायद उत्तराखंडियो की आत्मा को झकझोर करता।🙏🙏
पलायन की पीड़ा का मार्मिक चित्रण। यह गीत अत्यधिक हृदय स्पर्शी है। महान गायक नेगी जी को कोटि - कोटि नमन।
मै जब भी इस गीत को सुन रही हूं आंखे भर आ रही है, जिस प्रकार पति पत्नि के अटूट बंधन, अटूट प्रेम को दिखाया गया है, साथ ही गीत हमारे बचपन की गांव की यादों, दादी दादा की कहानियों को पुनः स्मरण करा रहा है 😊
बहुत सारा प्रेम @नेगी_जी💐💝🧿
Han Ji bilkul Sahi samjhe aap
बहुत अच्छी बात बोली बेहिन सच मे दादा दादी की याद ताजा हो गई
कुछ लोग सोच रहे होंगे की आखिर भाबर है क्या?
उत्तराखंड को 8 भौगोलिक क्षेत्र में बांटा गया है
ट्रांस हिमालय, उच्च हिमालय, मध्य हिमालय, दून क्षेत्र, शिवालिक हिमालय, भाबर, तराई और गंगा का मैदानी क्षेत्र।
शिवालिक के दक्षिण में फैला क्षेत्र ही भाबर क्षेत्र है,भाबर क्षेत्र के अंतर्गत देहरादून, पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा, नैनीताल , और चम्पावत का क्षेत्र आता है,
भाबर क्षेत्र में ही मिट्टी कंकड़, बालू और पत्थर अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, भाबर का निर्माण शिवालिक से नीचे आने वाली नदियों के द्वारा अपने साथ लाए जाने वाले अवसाद ( बालू, पत्थर, मिट्टी) से हुआ है।
धन्यवाद ❤❤
Copy paste kr bheji ye likha hu😊
@@golurwt...3222 Naa bro, kux bhi copy paste nhi Kiya h
Almora to bhabar m nhi aata
इतना सुंदर गाना 2020के बाद jitnai भी उत्तराखंडी गाने आए उसमे सबसे सुंदर गाना लेकिन अभी तक इतनै कम ब्यूज ये बताता है हम अपनी संस्कृति से काफी दूर चले गए
लोगों धीरे-धीरे समझ में आती है सही कहा आपने नेगी जी के लोकगीत हमारी संस्कृति रीति-रिवाज परम्परा से जुड़े हुए हैं बहुत सुंदर गाना है.🌹💐❣️🙏🏻
नेगी दा का कोई जवाब नही❤ प्रतीक्षा जी की आवाज बहुत सुंदर है❤
बहुत सुंदर।।नेगी जी की जितनी तारीफ करे बहुत कम है ।। हर दिल के उदगार भरे है सभी गीतौ मे ।। हर किसी के जीवन के दुख सुख उतार चढाव अमीरी गरीबी बचपन जवानी बुढापे की सम्पूर्ण परास्तिथी के उदगार भरे गीतौ के माध्यम से हमे बहुत कुछ ज्ञान भी प्राप्त होता है ।। नेगी जी सदा स्वस्थ और जुगराज रया ईश्वर सी यही प्राथना छन और हम सभी तै अपणा गीतो का माध्यम सी अपणा पहाड की संस्कृति बचौणा का खातिर जगृत कना रैला ।। बहुत बहुत धन्यावाद धन्यावाद
उत्तराखंड के गीतों से मेरा पहला परिचय कुमाऊ भाषा के गीतों से हुआ जब मैने हल्द्वानी से मुंसियरी यात्रा में बस में सुने। और अब यह गढ़वाली। पहाड़ की आवाज है इन गीतों में और खाटी पहाड़ी संस्कृति।❤
Negi ji ke gano ki koi brabari ni kr skta. Sbhi gaane hmari sanskriti or pahad k prati prem darshate h ❤ uttarakhand
आप की जितनी भी तारीफ करें उतनी कम ही कम है आप के गाने और आवाज दिल को निचोड़ देती है नेगी जी आप से एक और गुजारिश है की आप इस साल होली पर अपना गाना जरूर लाना मैं पिछले साल आपके गाने का बहुत इन्तजार कर रहा था पर आपका गाना नहीं आया आप से निवेदन है की आप इस साल होली पर नया गाना जरूर लाना..
कौन कौन सहमत है की नेगी जी का नया गाना होली पर आये ही आये वो लाइक कमेंट जरूर करें..... रावत जी
❤ अति सुन्दर प्रस्तुति ns negi ji ko सैल्यूट और सत सत नमन। इन रचनाओं को गाने के लिए।इन रचनाओं को गाने वालों को सब की उमर लग जाय तो मैं समझता हूं कि कम है
बहुत सुंदर गीत नेगी जी द्वारा प्रस्तुत और बहुत सुंदर अभिनय भाई शैलेंद्र द्वारा ❤❤❤
नेगी जी के गानों की बात ही अलग है, सही कहा है उत्तराखंड को अगर जानना है तो नेगी जी के गानों को सुनो। मैं भारत से बहुत दूर कनाडा में रहता हूं और जब भी मैं तनाव में होता हूं तो हमेशा उनके गाने सुनता हूं।सर्दियों में यहां बहुत ठंड होती है और तापमान -30 हो जाता है लेकिन यहां सभी सुविधाएं हैं, काश यहीं सुविधाएं हम अपने उत्तराखंड को भी दे पाते, भगवान आपको अच्छा स्वास्थ्य दे!!
नरेंद्र सिंह नेगी जी के गीत मेरे दिल दिमाग मैं सदैव रहेंगी बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी जीनके कारण उत्तराखंड की संस्कृति अभी तक जीवित है 🙏🙏🙏🙏
भगवान आप को लंबी उम्र दे जब भी आप के गीत सुनता हू तो आखों में आंसू आ जाते है आप के हर गीत में दर्द छिपा हुवा है ऐसे ही गाते रहो जगमगाते रहो ❤❤❤❤
कोई है जो मेरी तरह सिर्फ नेगी दा के गाने सुनता हो
Big fan my best singer ❤❤❤
Yes
Yesss❤❤❤
सह अभिनेत्री द्वारा बहूत ही सुन्दर प्रस्तुति दी गयी है,, नेगी जी तो सुपर हैं
आज नेजी जी ने आखो मे आसु ला दिए है ओर गांव के दिन फिर याद आ गए है शायद इस शहर के चकाचौंध के दिन से ओ गांव के दिए अच्छे थे
नरेंद्र सिंह नेगी किसी भगवान के अवतार हैं हम लोग बाहर नौकरी करते हैं मगर जैसे ही नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों को सुनता हूं वैसे मुझे अपने माता-पिता और अपने भाई बहनों की याद आई है और गांव वालों की❤❤
Mujhe bhi
वाकई में नेगी जी धन्य है🙏 आपकी तारीफ को मै शब्दों में भी बयां नहीं कर सकता यह गाना को मैं 20से 25बार सुन चुका हूं बहुत सकुन मिलता है आपके आवाज़ और आप के गानों से मुझे मैं उम्मीद करता हूं आगे भी मुझे इन्तजार है कुछ नया सुनने को मिलेगा भगवान बद्री विशाल से आपकी स्वास्थ्य की कामना करता हूं 🙏🙏
मजा आ गया । दिल को छू गया गीत , संगीत , अभिनय , निर्देशन । बधाई टीम नेगी जी को।
#पुरणा_जमना_बिचार_दगड़ि_नयो_गीत_नै_पीढ़ि_तैं समर्पित।अभिनंदन #भाबर_नि_जौंला #चित्र_वीडियो #गीत दगड़ि आपौ। महानायक आदरणीय श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी अर पूरि टीम तैं बधाई।
आप होला सोचणा कि अजकाल यू ट्यूब पर व्यूज बढ़ौणै होड़ा समौ पर नेगी जील क्य परोसि यु गीत! जै मा नाचणै कखि क्वे भि गुंजैश नी छ। क्य जर्वत छै इना दौर मा इना गीत गाणै जै मा स्व रोजगार तैं बढ़ावा देणै बात त करीं छैं छ पर माया कखि नी छ।
भै-बंधो आप सब जाणदन कि नेगी जी तैं एक गीत लिखण मा छै मैंना लगदन त छै मैंना मा कुछ खास बात त होली ये गीत मा।
ये गीत मा नव बिबाहित जोड़ै बकळि माया दगड़ि जीवना ताणा -बाणा बुणना,भविष्या प्रति गंभीर ह्वेकि अलग-अलग भौ-बिचार भि दिखेणा छिन।
गीतै गैरायि आप यनि मा समझि सकदन कि ब्यो का बाद द्वी झणों तैं माया लगौणै कम अर रोजगारै जादा फिकर छ।
पहाड़ों मा ठंड जब पड़दि त असहनीय होंदि तबै बैख तैं भाबर जैक कमौणै प्रबल इच्छा छ त नारि तैं अपणै गौं मा रोजगार खोजणै, रोजगार कनै इच्छा छ।अमूमन भौत कम उदाहरण छिन यन कि ब्यो का बाद महिला अपणी माटि -थाति मा कमौणै सोचदि होलि,नैंत सबु मा देस मा,परदेस मा अर खास करी देरादूण मा जाणै होड़ छ लगीं।
यन गीत लिखण, वीडियो बणैक, खर्च लगैक जनता समणि परोसण जोखिम भर्यूं छ,पर लोग त बोलदन कि एक मात्र नेगी जी हि इना गायक छिन जु माटु बि परोसला त वु भि बिकलु पर!यन गीत सोचि समझीक हि लिखेंदन, गीता कै एंगिल द्यौखण पड़दन तबै माटु भि बिकि सकद।यु गीत गौं-घौरै खुसबु दगड़ि अपणा खर्क गुठ्यार बण-जंगळै छबि दगड़ि सुफल होणू छ।
भारि जड्डा मा संघर्ष कनू छ हमरु उत्तराखण्ड पर यन बिचार नि छिन उपजि सकणा नै पीढ़्या बीच,हमरि सरकारों द्वारा कि तुम घौर गौं मा हि रै सकदन,रोजगार दिलौण हमरि गारंटि छ।पर आज तक या बात त ह्वे नि सकि।
फेर भि यखै किसाण नारि ये वीडियो गीत मा बैख से अगनै निकळ्नी छ कि गौड़ि-भैंसि बांधला, पुंगड़ि सग्वड़ि कर्ला त जरूर कमौला अर समौला।
पर ये सबका वस्ता पति-पत्नि का बीच अच्छि ट्यूनिंग होणै चैंदि।
भाबर जौंला, भाबर नि जौंला का बीज संघर्ष रत यु गीत अपणा मकसद मा सुफल होलो हमरि शुभकामना छिन। अर न केवल गीत बल्कन नेगी जी कि या सोच भि पलायन रोकी पौंखुर लगैक कामयाब होलि।
यि पंगत -"तुमरी माया मा ह्यूंद क्या उमर भि यखि कटि जाली सुवा यखि रै जौंला सुवा भाबर नि जौंला" बकळि माया प्रदर्शित कनी छ।
शानदार रस्याण अर पिरेम कु ये से अच्छो उदाहरण कख मिलि सकद--
"दिन काटला घाम तापीकी ब्यखुनि अगेठि आग हे सुवा सुवा हे
घ्यू चुपणीं र् वटि खवोंदू माया मा छौंक्यू साग
मिठी-मिठी मयाळी छुयूं वोडला बिछौला"।
आदरणीय श्री नेगी जी दगड़ि पूरि टीम श्रीमती ऊषा नेगी जी, प्रतीक्षा बमराड़ा जी, कविलास नेगी जी , शैलेन्द्र पटवाल जी, अंजली नेगी जी, कृष्टी नेगी जी,सोहन चौहान जी,पवन सिंह गुसाईं जी, गोविन्द नेगी जी, विनोद चौहान जी दगड़ि हौर सब कलाकरोंन अपणि जुमदर्यो काम सिद्दत से कर्यूं छ।आप सब बधाई का पात्र छिन।
कमि बेसि त जरुर छिन पर यन नि छन कि जै से हौर गीतों कि तरौ समाज पर गलत प्रभाव होलु पड़नू। फिर भि कमि-बेसि तैं आप कमेंट मा जरूर लिखला।
जब गीत रिकॉर्ड होंदन त शब्द स्पष्ट जरूर होण चैंदन।
गीतौ सुफल होणौ सबूत यु छ कि चौबीस घंटों मा 50 K ब्यूज ऐगिन।
वीडियो गीतै शुभकामना छिन आदरणीय नेगी जी अर पूरि टीम तैं। 🙏
अद्भुत शब्द रचना,, शानदार संगीत कौशल,,,और मधुर,,
मर्म स्पर्शी रचना,,, गीत का मुखड़ा और अंतरा दोनों भाबर और पहाड़ की सैर कराते हैं,,आप चिरायु हों,,,गढरत्न नेगी जी
नेगी जी प्रणाम स्नेह दिल आपको
क्योंकि आप जैसे ना कोई होगा ना कोई आयेगा
धन्य है देव भूमि में आप जैसे गुरु का जन्म हुआ
उत्तराखण्ड मे व्याप्त बेरोजगारी, बेकारी, और पलायन को शब्दबद्ध कर शानदार प्रणय रूप दिया है नेगी जी आपने. आपका आभार ❤❤
आजकल जिन गानो का कोई मतलब नही कोई समझ नही उन गानो पर तो खुब लाइक और व्यूज रहते है।।।पर नेगी जी के सच्चे गीतो पर इतने कम व्यूज क्यो??
उन्होने जब भी लिखा हमारे लिए लिखा।।।
उनके चैनल व गीतो को सपोॅट करो।।।🙏
उत्तराखण्ड की शान बान नेगी जी, सुंदर प्रस्तुति ❤
श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी के फैन को उनके नएं गाने सुनने का ऐसा इंतजार रहता है जैसे एक प्यासे को पानी की जरूरत हो❤️🙏
बहुत ही गजब की प्रस्तुति ❤ जीवन के बीते दिनों की बहुत याद दिलाता है यह मधुर गीत यह गीत ही नहीं बहुत कुछ है इस गीत में। आप धन्य हैं आदरणीय नेगी जी ❤❤❤
फिर वही हृदयस्पर्शी लेखन और माया मा छौंकीं वाणी। आप दोनों को सिर झुकाकर आत्मीय नमस्कार। लाखों शुभकामनाएं। श्रीमान नरेन्द्र सिंह नेगी जी जनु और क्वी न त ह्वे अर न त क्वी और ह्वे सकदु।
Nishchit . he is all time great. respected. 🙏🏻
❤️❤️❤️❤️नेगी जी के गाने हमेशा याद रहेंगे
यहाँ परदेश में ये गाने सुन के पहाड़ो की याद आ जाती है❤️❤️❤️❤️❤️ क्या गाना है सर
रात को ड्यूटी पर जब ठण्ड लगती तो आपके गाने सब कुछ भुला देते है
INDIAN ARMY. जय देवभुमि जय उत्तराखंड
इस गीत में जो एक्ट्रेस हैं शायद नेगी की बहू हैं, एक उम्दा कलाकार हैं, धन्य हैं नेगी जी जो अपनी संकृति को अपने गानों के जरिए दुनिया तक पंहुचा रहे हैं, और जिन्होंने इस गाने को लिखा उनका भी आभार, क्या शब्द पिरोए हैं, उत्तम 🎉🎉
ऐसे गीतों की उम्मीद हम आदरणीय नरेंद्र सिंह नेगी जी स ही कर सकते हैं nice song😊 नेगी जी
Bahut hi khub ❤❤❤❤
Negi sir ka new gaana sunne ke liye kaam tars jaate ❤❤
Bahut hi sundar geet.. man bhaawan or ek achaa sandesh..pahaado me rahne k liye prerna daayak.. Dhanyawaad negi ji..
आज से 40 साल पहले पहाड़ के हर घर का जीवन ऐसे ही था कितना सुंदर अपनापन होता था तब अपने पहाड़ में।
मे आज भले आपने गांव से दुर हूं हरियाणा मे फरीदाबाद मे हूं पर ये गाना सुनकर मेरा ह्रदय छंली हो गया 😢😢😢
में गुजरात के मोरबी से आता हूं, मुझे गढ़वाली नहीं आती, लेकिन ये गाना सुनकर दिल को सुकून बहुत मिलता है।😊❤
Kash aap gadwali hote fir bhi aap jitna samjhe Dhanya hain aap yahan to pahadi (Gadwli ) bhi pareshan hain.
@@balwantnegi8597 pehle to mujhe kuchh samaj me nahin aaya, lekin thoda pati-patni ki condition dekha to gaana samaj me aaya, ki patni kahti hai ki gaon me hi rahna hai, gaon me kheti nahin hai, lekin kuchh rojgar hai, fir dono decide karte hai ki kuchh vakt gaon me rahenge to sab thik ho jayega aur usi vakt gaana bhi khatm hota hai💞
पहाड़ में ठंड ज्यादा हो गई तो मैदान की तरफ जाने का जिक्र हुआ है
ये गीत हम सबके लिए एक संदेश दे रहा है, अगर हमको हमारी संस्कृति को बढ़ावा देना है तो पहले उसे बचाने की कोशिश करनी चाहिए, तभी हम सब अपने पहाड़ों और जमीन को बचा सकते हैं,
हम उत्तराखंड वासियों को भू कानून चाहिए तो फिर सबको एक दूसरे का साथ देना होगा और एक होकर अपना उत्तराखंड बचाना होगा। जय हो देवभूमि 🙏🏻🙏🏻
हम इसको देवभूमि ही बना कर रखेंगे,कोई बाहर का दूसरा समुदाय जो हमारी संस्कृति का अपमान और सनातन धर्म के सभी प्राणियों से घृणा करते हैं, हमें उन सबको उत्तराखंड से बाहर निकालना है।
❤ नेगी जी जैसा कोई नहीं ❤❤
❤❤❤ बहुत सुंदर गीत सर आप सर्वश्रेष्ठ है ,,❤️❤️ 🙏 आपत़े कोटी- कोटी प्रणाम 🙏🙏🎉🎉🎉❤️❤️❤️❤️
Tu her kisi ko aise he comments karta hai😄😄😄.
Jiske gaane me kaam mil jaye usi ko best bolne lagta hai😃
Ala bunty twe aaj chlnu pta ki negi ji jaisa koi ni,n koi h n koi tha n koi hoga,lekin tu har bar ek hi cmnt q chepta h har jagh
Haan negi ji jaisa naak se gaane wala singer or koi ni hai 😂😂
@@krishnaragnar3534kumaoni spotted