जितनी तारीफ करें उतनी कम है बहुत धन्यवाद हार्दिक आभार दी इतने सुंदर गीत को अपनी सुंदर मधुर आवाज देने के लिए जब से ये रिकॉर्ड किया गया तब से इंतजार था इस दिन का❤❤❤ इसे कहते है लोकगीत और लोकगायक जो सदियों के लिए लोगों के दिलों पर घर कर जाए 🙏💐💐💐💐 अहा! दिल खुश और भावुक हो गया #AnuMewal ❤❤❤
सचमुच आंखें भर आई। लगा कि वास्तव में हमने क्या खो दिया। बहुत याद दिला दिया । बहुत ही मार्मिक, भावुक, कर्णप्रिय मधुर सुर संगीत। कविता भट एवम टीम को साधुवाद।
वाह बहुत खूब पुरानी याद दिला दी। अपनी उत्तराखंड को देवभूमि बने देखना चाहते हो बाहर रहने वाले लोग साल भर में एक दो बार अपने गांव जाया करो। ताकि अपनी संस्कृति ,देवता , सभ्यता बची रहे । सुकून मिलल बहुत । निथर सब हर्ची जालू रे नर्बग्यो।
दूरस्थ पहाड़ी में पेट्रोलिंग के दौरान इस साथी(buddy) के फोन में पहली बार इस संगीत को सुना तो ऐसा लगा जैसे प्रकृति हमसे ये सवाल कर रही है। कई बार सुनने पर मन को तसल्ली हुई। लेकिन पहाड़ और पहाड़ के लोक संस्कृति और जीवन शैली के विलुप्त होते स्वरूप की वास्तविकता को चरितार्थ करता हुआ ये गीत प्रतियेक व्यक्ति को सुनना चाहिए। इस गीत के संगीत सृजक और लेखक को सादर नमन।❤❤
आदरणीय बड़ी बहन कविता भट्ट जी की आवाज आत्मीयता को मंत्रमुग्ध करने वाली तो है ही साथ में मुख्य भूमिका में और साथ ही कलाकारों का अभिनय भी बहुत बेमिसाल है बहुत सुंदर एक नंबर काम
अंतर आत्मा तृप्त ह्वेगई। हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा, अर युं पहाड़ कू भावना ते छून् वॉल कर्ण प्रिय संगीत, आवाज। मजा ए ग्याइ। बधे आप की पूरी टीम ते।
गीत के बोल को सुनकर फिर गाने के views देखकर खुद पर विश्वास करना मुश्किल है। फालतू के फूहड़ गानों में रील्स में अंग प्रदर्शन के साथ साथ खूब वायरल होते देखा है। हर वक्त मेरे दिमाग में कच्चा बादाम वाला गाना आ जाता है जिसमे कुछ भी ना हो कर भी इतना वायरल हुआ, जो एक बेवकुफापन था। ऐसे गानों को खूब शेयर किया जाना चाहिए। पूरी टीम को बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने इस मुश्किल समय में भी अपनी संकृति को संजोए रखा है और अपने मुखरबिंद से ऐसी प्रस्तुति देकर दूसरों को मनमोहित करने के साथ पहाड़ का नाम भी रोशन कर रहे हैं। Hat's off to all off u
Bahut Chu lene wala Yeh Geet, Mai Pabo bazar side hoon, pahle dada hi hamara sab kuch tha. Hey Dadu Teri Yaad Ma, Bahut Prem kardu re Dadu. Awesome Kavita ji,
यह गाना सुनके मेरे अंदर की आत्मा तृप्त हो गयी अंदर से आँखे भर आयी कुछ पुरानी याद और ताजा हो गयी अपडू पहाड़ की परंपरा में यह गाना बहुत अच्छा नमन है आपको 🙏👌
ये गाना सुनकर ये एहसास हो गया है कि गढ़ रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी के गीतों की तरह गढ़वाल की संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने की कोशिश करने वाले बुद्धिजीवी लोक गायक- गायिकाएं हमारे उत्तराखंड में हैं । बहुत ही मार्मिक और आज की सच्चाई को उजागर करने वाले बोल हैं गाने में। ❤ दिल छू लिया आपने। सादर प्रणाम।🙏🏻
बेहतरीन गाना। आज की वास्तविक स्थिति को दर्शाता हुआ। शानदार। हमे गर्व है अपनी गड़वाली परम्परा पर। और आर इसे आगे ले जा रही है और आगे ले जायेंगे मुझे उम्मीद है।आज हम सब कुछ भूल चुके है चाकाचोध की दुनिया में 😊
मैं अभी मात्र 26 साल का हूं इस लिए मेरी बात किसी को बुरी लगे तो माफी चाहूंगा🙏 ये प्रस्तुति बहुत से बहुत ज्यादा सुंदर है पर दुख इस बात का कि जिस गाने को सबसे ज्यादा कॉमेंट शेयर और व्यूज मिलने चहिए थे वो गाना बहुत पीछे है 😌🥺 आजकल के उन अनोखे गानों पे खूब सारी रील्स बन रही है खूब सारे व्यूज आ रहे हैं पर जो गाना असल में उत्तराखंड की दसा को बता रहा है उसपे इतना कम प्यार 🥺🥺🙏🙏 बहुत ही दुखद 🙏🥺 पर देर से ही सही लेकिन ये गाने हमेशा सबसे आगे होंगे 🙏🥺
कई दशकों बाद एक गाना मिला जिसने दिल जिस्म और रूह तक अपना घर बना लिया ..=कविता तो पुरानी है पर इसे गीत में अब पिरोया गया ..=इस गाने ने तो सब पितरों की याद दिला दी जो मेरे साथ अब नही है..=सुपर डुपर songe.==100से 200
Bhut Sundar geet Negi ji ke level ka hai dil khus ho gya song sun kar Baaki ajkl gadwali song ke lyrics meri smj se bhar hai thanks for sharing beautiful song 😍🙏
हमारा उत्तराखंड हमारे राजनेताओं ने सब कुछ खत्म कर दिया हमारी बोली भाषा हमारा समाज हमारे जंगल। कभी सोच के बहुत दुख होता है। इस गाने में पहाड़ों का दुख है 😢😢
इसको बोला जाता है असली गढ़वाली गाना जिसको अकेले मै भी सुना जा सकता है,इंद्र आर्य के गाने केवल शादी पार्टी तक सीमित है लेकिन ऐसे गाने सदा दिल मै रहने वाले है।
बहुत ही मार्मिक वर्णन !! जितना सुंदर गीत है उतनी ही मधुर आवाज और संगीत का तो क्या ही कहना!! कविता मैम आपसे निवेदन है कि ऐसे गीत लिखते रहें !! सफलता के लिए आपको बहुत शुभकामनाएं!!
बहुत सुंदर खुदेड़ गीत........आज की परिस्थितियों में जब हम लोग शिक्षा रोजगार और सुविधाओं के लिए पहाड़ों से पलायन कर गये हैं और नयी पीढ़ी को हम अपनी पहाड़ी संस्कृति, लोकसंस्कारों को बताने में बहुत पीछे छोड़ आए हैं।ऐसे वक्त में कविता जी का यह प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय है। उम्मीद है कि आप ऐसे ही गीतों को आगे भी हम तक पहुँचाती रहोगी।.....जय उत्तराखंड।
आज के समय में हमें इस प्रकार की गीत की आपेक्षा नहीं थी परन्तु आपने हमें इस भ्रम से दूर कर लिया बुआ जी ❤ इसी प्रकार आप हमें हमारी संस्कृति से जुड़े गीत दीजियेगा 🌺
Bahot hi khubsurat geet ..muje bahot hi pasand aya.lyrics sing and music bhi gazb diya Rakesh g ne ..koi kuch bhi kahe kavita g aap ase geet gate rahiye ❤❤
भोत सुन्दर ❤️ यु क्वी गीत नी च बल्कि एक सच्चाई च अपुणा उत्तराखंड की, यु वेका समझ मा ओलु जु अपुणा उत्तराखंडे कि रीति रिवाज से प्यार करदु, जु ये जमाना से गुजर्या ऊं कु मन जरूर भरेलु ये गीत सुणी। कविता जी तैं भोत भोत शुभकामनाएं जोन युगीते रचना करि ऊं तैं सादर प्रणाम। जय हो देव भूमि उत्तराखंड ❤️❤️🌹🌹🙏🙏
गढ़वाली गीत संगीत के क्षेत्र में रिदम और बीट्स के दौर में कविता भट्ट की आवाज में राजा बिष्ट की कलम से लिखा गया गीत 'दादू अब किलै नी दिखेन्दू,डांड्यूं मा चौमास,,,,' ऐसा भावपूर्ण गीत प्रस्तुत हुआ है,जो कुछ वर्ष पूर्व बिना संगीत के भी बहुत लोकप्रिय रहा है। अब संगीत की संगत ने इस गीत की रंगत और रीच को और बढ़ा दिया है। जो समय पीछे छूट जाता है वह अक्सर बहुत याद आता है।जब मामला सांस्कृतिक विरासत का हो ,तो लगता है कि बीता हुआ समय ही अच्छा था । भौतिक विकास की दौड़ में मनुष्य के सांस्कृतिक रीति- रिवाज, खान- पान ,रहन-सहन के तौर तरीकों में आ रहे बदलावों के साथ कुछ अच्छा आ रहा है, तो काफी कुछ विकृत भी हो रहा है। आज डिजिटल और सोशल मीडिया के दौर में सांस्कृतिक रूप से समृद्ध परंपराएं भी गुज़रे दौर की बातें साबित हो रही है। यहां तक कि सम्वेदनाओं और सम्वेदनशीलता का दौर भी ढलान पर दीख रहा है। ऐसी ही कुछ विसंगतियों की पीड़ाओं से उपजी हुई अभिव्यक्तियों का गीत है,दादू चौमास। गीतकार इस बदलाव को जब अपने शब्दों में ढाल देता है,तो पाठकों/श्रोताओं को लगता है कि मेरे मुंह की बात छीन ली। राजा बिष्ट इसमें कामयाब हुए हैं। गीत की आत्मा के मुताबिक कविता भट्ट ने इस गीत को मन से गाया है। कविता भट्ट मूल रूप से शिक्षिका हैं ,शौकिया गाती हैं। इस गीत में कविता की आवाज और भावों में एक मंजे हुए गायक की स्थिरता और गाम्भीर्य देखने मिलता है,वह कमाल है। राकेश भट्ट का संगीत कर्णप्रिय और मेलोडियस बन पड़ा है। सम्भव है कि रिदम,डीजे बीट और गीत देखने वाले श्रोताओं को इस गीत का फिल्मांकन उतना प्रोफेशनल ना लगे। पात्रों ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है।यह गीत देखने की बजाय सुनने से ज्यादा वास्ता रखता है। बेहद कर्णप्रिय धुन में संगीतबद्ध यह गीत मेलोडी और बोल पसन्द करने वाले श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने की पूरी क्षमता रखता है।इस गीत के कुछ घंटों के अन्दर ही आने वाले सैकड़ों व्यूज़ से अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि इस गीत के लोकप्रिय होने की पूरी सम्भावनाएं हैं। कविता की आवाज अन्दर तक छू जाती है।भावुक कर देने वाले इस गीत को प्रस्तुत करने के लिए कविता भट्ट को बधाई। गीत आधुनिक दौर में अतीत को जिन्दा रखने की कोशिश का हिस्सा है। इस तरह की चिन्ता सोचने को विवश तो करती ही है। पूरी टीम बधाई की पात्र है।
Gadwali singer nai is song ko pure nishta or bhaw se gya hai kavita Bhatt ji ko eshe Dil chune Wale geet ke liye bhut bhut shubkamnaye❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉u r good singer ukk
राजा बिष्ट जी और कविता जी का दिल से आभार । हमे आप जैसे लोगों की आज सख्त जरूरत है जो लीक से हटके कुछ करने का जज्बा रखते हैं । आप जैसे लोग मरुस्थल रूपी होती जा रही हमारी संकृति में उम्मीद रूपी बारिश की बूंदे हैं। दिल से धन्यवाद आपका । याद आ गई घर की 😢❤❤❤❤
बहुत सुंदर उत्तराखंड का यह गीत हम उत्तराखंड से हैं हमें गर्व है के हम देवभूमि उत्तराखंड के निवासी है और मैं चाहता हूं आप सभी लोग इस गाने को प्यार दे सहयोग थे धन्यवाद
जै जै श्री राम बेटा जबाब नहीं गीत के बोल गीत के सुर क्या कंठ दिया प्रभु ने जितनी तारिफ करू ना काफी है 1960.70 के दशक की बहुत याद आरही है,डाडी कांठी,गेहू फूली सरसों की सारी (खेत) महिला ऐसे गीत गाती हम गोर बछरू चराते हम मंत्र मुग्ध होजाते हम खामोश होजाते गीतों का आनंद लेते,महिलाओं अलग अलग खेतों में होती थी लेकिन गीत के सुर सबके एक होते थे अब कुछ नही है सारी खेती बंजर है न गोर बखरा ढिबरा भी हरची गेनी न इनशान न जानबर यदिकुछ है तो बन्दर भालू।महिला गीतों का खास नाम था झुमैलो शायद ,चैत वैशाख में गातीं थी सरसों फूली रहती थी गेहूँ से खरपतवार निकालती थी गाती भी रहती थो ।अब पूरी बाते याद नहीं ,अब 77 साल जब 10.11का 4.5 class only Sunday,&holiday बहुत सालो बाद ए प्यारा गीत सुना,धन्य हो जुग जुग जियो सदा सुखी रहो ।धन्यवाद ,अ77 साल जब 10, 11का था ।धन्यवाद
उत्तराखंड की बात करे तो यह आज जिस मुकाम पर है वो हमारे सिंगर भाइयों की वजह से है । बहुत अच्छी प्रस्तुति है उतराखंड पलायन पर , गर्व है अपने उत्तराखंड के लोगो पर । जय हिंद जय उत्तराखंड
आहा क्या सुंदर रचना है दिल को कोर के खाने वाली रचना आपके सुर आपका कंठ व्हाकिए में बेहतरीन और शानदार है ऐसा लगता है जैसे आपके आपके गले में सरस्वती विराजमान हो पर अफसोस की इतनी अच्छी गायकी पे भी इतने कम व्यूज मिल रहे इसीलिए हमारा पहाड़ और हमारी संस्कृति बहुत पीछे है बाकी बधाई और शुभकामनाएं आपके भविष्य के लिए ❤❤
7:38 सच में यह गीत हमारे संस्कृत में चार चांद लगा दिया है और वही जानता है जिसने यह गाना गया है न जाने कितने दर्द को बयां कर रहा है यह गाना और देवभूमि उत्तराखंड के मूल निवासी इस गाने की पीड़ा समझते हैं❤❤❤❤❤❤❤
बहुत उत्कृष्ट रचना। गायकी भी अति मधुर एवं अति कर्णप्रिय। ....................................................... दीदी ! यन गाणा हमथे मिल्दा राला, तब ऐजालु चौमास या चा हमरी हिया की कामना या चा हमरी आस। 🙏🙂🙂🙏 ।।।।।।।।,।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
बहन बहुत ही सुंदर भूली 😢तूने तो रुला दिया मुझे 😢😢 अति सुन्दर तूने तो झझकोर दिया भूली 😢 क्या आवाज है आपकी साथ में आपका मासूम दर्द भरा पहाड़ी चेहरा। बहुत सुंदर भूली भगवान आपको सदा सुखी रखे ❤❤🙏🙏
मील का पत्थर साबित होगा यह गीत।अनन्त शुभकामनाएं।सुरों की यह यात्रा जारी रहे।बहुत बहुत शुभकामनाएं।🎉
❤❤❤🎉
Aajkal uttrakhand ki lediso ko reels banane se fursat hi nahi hai hamari Sanskriti hamara samaj 😢
जितनी तारीफ करें उतनी कम है बहुत धन्यवाद हार्दिक आभार दी इतने सुंदर गीत को अपनी सुंदर मधुर आवाज देने के लिए जब से ये रिकॉर्ड किया गया तब से इंतजार था इस दिन का❤❤❤
इसे कहते है लोकगीत और लोकगायक जो सदियों के लिए लोगों के दिलों पर घर कर जाए 🙏💐💐💐💐 अहा! दिल खुश और भावुक हो गया #AnuMewal ❤❤❤
@@anu-wd8dm सादर आभार भुली 💞।
बुआ जी की आवाज मंत्रमुग्ध करने वाली आवाज है।💖
बहुत शानदार, बुआ जी के साथ पूरी टीम को बधाई🎉
जय देवभूमि उत्तराखंड 🙏🏻
❤❤
Iss geet ko wahi smjh skta hai jisne apna bachapan gaau mai bitaya ho🙌❤️ really beautiful lyrics and singing as well👏🏻👏🏻
❤❤ gajab...
सचमुच आंखें भर आई। लगा कि वास्तव में हमने क्या खो दिया। बहुत याद दिला दिया । बहुत ही मार्मिक, भावुक, कर्णप्रिय मधुर सुर संगीत। कविता भट एवम टीम को साधुवाद।
नेगी जी के गीतों के बाद पहला गीत है जिसकी रचना बड़ी ही मार्मिक वी ठेठ पहाड़ी है।।
बहुत बहुत शुभकामनाएं पूरी टीम को।।
शानदार गायन।।
🙏🙏🙏🎤🎤🎧🎧☝️☝️🙏🙏
Sahi bat kahi apne
Bilkul sahi baat hai
बहुत सुंदर रचना❤❤ 6:26
बहुत सुंदर उत्तराखण्ड की संस्कृति को बढ़ावा देने और बचाने के लिए आप जैसे लेखक और गायकों की जरूरत है
वाह बहुत खूब पुरानी याद दिला दी। अपनी उत्तराखंड को देवभूमि बने देखना चाहते हो बाहर रहने वाले लोग साल भर में एक दो बार अपने गांव जाया करो। ताकि अपनी संस्कृति ,देवता , सभ्यता बची रहे । सुकून मिलल बहुत । निथर सब हर्ची जालू रे नर्बग्यो।
*कविता : बहुत ही सुंदर ।आपने जो इसमें चित्रण किया है वह भी उत्कृष्ट है बहिन ।बधाई बहुत बहुत बधाई ।।*
अहा, एक लंबे इंतजार के बाद, 🙏🙏🙏बहुत सुंदर रचना और गायकी 🙏
ऐसे गीतों की उत्तराखंड अपेक्षा रखता है।
शुभकामनायें आपको सादुवाद 🙏🙏 पूरी टीम को 🙏🙏🙏❤❤❤❤
बहुत सुन्दर 👌👌
Bhut achaa song bhin about out couture ❤
❤❤❤❤ sada sukhi reyaan meri goun ghuthiyaar😢😢😢😢
Bahut sundar ❤❤❤
जिस भाई बहिन ने ये गीत बनाया हजार तोपों की सलामी...
कितना दर्द छुपा है इन शब्दों में😢😢😢😢
Sahi kaha bhai ji is gaane main bahut dard chupa ha jitna suno man nahi barta ha
दूरस्थ पहाड़ी में पेट्रोलिंग के दौरान इस साथी(buddy) के फोन में पहली बार इस संगीत को सुना तो ऐसा लगा जैसे प्रकृति हमसे ये सवाल कर रही है। कई बार सुनने पर मन को तसल्ली हुई। लेकिन पहाड़ और पहाड़ के लोक संस्कृति और जीवन शैली के विलुप्त होते स्वरूप की वास्तविकता को चरितार्थ करता हुआ ये गीत प्रतियेक व्यक्ति को सुनना चाहिए। इस गीत के संगीत सृजक और लेखक को सादर नमन।❤❤
Duniya ka sabse pyara gana hai ye
Ram ram shriman ❤
Bhai ji netai or rajneeti ne uttrakhand ko barbad kar Diya hi nahi to esa koii nahi hoga jo apne gar se dur hona chahta ho
आदरणीय बड़ी बहन कविता भट्ट जी की आवाज आत्मीयता को मंत्रमुग्ध करने वाली तो है ही साथ में मुख्य भूमिका में और साथ ही कलाकारों का अभिनय भी बहुत बेमिसाल है बहुत सुंदर एक नंबर काम
अंतर आत्मा तृप्त ह्वेगई। हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा, अर युं पहाड़ कू भावना ते छून् वॉल कर्ण प्रिय संगीत, आवाज। मजा ए ग्याइ। बधे आप की पूरी टीम ते।
गीत के बोल को सुनकर फिर गाने के views देखकर खुद पर विश्वास करना मुश्किल है। फालतू के फूहड़ गानों में रील्स में अंग प्रदर्शन के साथ साथ खूब वायरल होते देखा है। हर वक्त मेरे दिमाग में कच्चा बादाम वाला गाना आ जाता है जिसमे कुछ भी ना हो कर भी इतना वायरल हुआ, जो एक बेवकुफापन था। ऐसे गानों को खूब शेयर किया जाना चाहिए। पूरी टीम को बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने इस मुश्किल समय में भी अपनी संकृति को संजोए रखा है और अपने मुखरबिंद से ऐसी प्रस्तुति देकर दूसरों को मनमोहित करने के साथ पहाड़ का नाम भी रोशन कर रहे हैं। Hat's off to all off u
बहुत सुंदर गीत संगीत और मधुर आवाज बहुत बहुत शुभकामनाएं
बहुत ही अच्छी सुंदर प्रस्तुति कविता भट्ट
जी को हार्दिक शुभकामनाएं ❤❤
Bahut Chu lene wala Yeh Geet, Mai Pabo bazar side hoon, pahle dada hi hamara sab kuch tha.
Hey Dadu Teri Yaad Ma,
Bahut Prem kardu re Dadu.
Awesome Kavita ji,
Lk done ❤wah wah wah kya bat h so beautiful nach geet kaherwa compotion sung sweey i enjoy till to end tfs big tbumbs up god bless you ❤❤❤
बहुत सुंदर ऐसे गीत बनने हमारे उत्तराखंड में बंद ही गई आंखों में आंसू हैं गीतत सुनके बहुत बहुत धन्यवाद आपको
youtube.com/@RuchiNegi10?si=4dKht4icwIzSskHZ?sub_confirmation=1
यह गाना सुनके मेरे अंदर की आत्मा तृप्त हो गयी अंदर से आँखे भर आयी कुछ पुरानी याद और ताजा हो गयी अपडू पहाड़ की परंपरा में यह गाना बहुत अच्छा नमन है आपको 🙏👌
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दी हैं आपने दिल तिरिप्त हो गया है ❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
खूबसूरत गीत खुणि भौत भौत बधै और शुभकामना सरि टीम थैं 💐💐
ये गाना सुनकर ये एहसास हो गया है कि गढ़ रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी के गीतों की तरह गढ़वाल की संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने की कोशिश करने वाले बुद्धिजीवी लोक गायक- गायिकाएं हमारे उत्तराखंड में हैं । बहुत ही मार्मिक और आज की सच्चाई को उजागर करने वाले बोल हैं गाने में। ❤ दिल छू लिया आपने। सादर प्रणाम।🙏🏻
बहुत ही शानदार....हमारी संस्कृति को बचाने का बहुत ही अच्छा प्रयास....आगे भी यही उम्मीद है
बेहतरीन गाना। आज की वास्तविक स्थिति को दर्शाता हुआ। शानदार। हमे गर्व है अपनी गड़वाली परम्परा पर। और आर इसे आगे ले जा रही है और आगे ले जायेंगे मुझे उम्मीद है।आज हम सब कुछ भूल चुके है चाकाचोध की दुनिया में 😊
मैं अभी मात्र 26 साल का हूं इस लिए मेरी बात किसी को बुरी लगे तो माफी चाहूंगा🙏 ये प्रस्तुति बहुत से बहुत ज्यादा सुंदर है पर दुख इस बात का कि जिस गाने को सबसे ज्यादा कॉमेंट शेयर और व्यूज मिलने चहिए थे वो गाना बहुत पीछे है 😌🥺 आजकल के उन अनोखे गानों पे खूब सारी रील्स बन रही है खूब सारे व्यूज आ रहे हैं पर जो गाना असल में उत्तराखंड की दसा को बता रहा है उसपे इतना कम प्यार 🥺🥺🙏🙏 बहुत ही दुखद 🙏🥺 पर देर से ही सही लेकिन ये गाने हमेशा सबसे आगे होंगे 🙏🥺
🙏🙏🙏
बहुत सुंदर गीत नेगी जी की याद ऐगे❤❤❤❤❤
बार बार सुनने का मन करता इस गाने को 👌👌👌🌹
Sahi bola Bhai
❤❤
कई दशकों बाद एक गाना मिला जिसने दिल जिस्म और रूह तक अपना घर बना लिया ..=कविता तो पुरानी है पर इसे गीत में अब पिरोया गया ..=इस गाने ने तो सब पितरों की याद दिला दी जो मेरे साथ अब नही है..=सुपर डुपर songe.==100से 200
Bhut Sundar geet Negi ji ke level ka hai dil khus ho gya song sun kar
Baaki ajkl gadwali song ke lyrics meri smj se bhar hai thanks for sharing beautiful song 😍🙏
हमारा उत्तराखंड हमारे राजनेताओं ने सब कुछ खत्म कर दिया हमारी बोली भाषा हमारा समाज हमारे जंगल।
कभी सोच के बहुत दुख होता है।
इस गाने में पहाड़ों का दुख है 😢😢
Uska jimmedaar ham bhi hai
खूब सारा प्यार और आशीर्वाद आपको और आपकी पूरी टीम को रुद्रप्रयाग केदारनाथ वालों की ओर से 🙏🙏🙏❣️❣️❣️
बेहतरीन आवाज, दिल को छू लेने वाला गीत,, ढेर सारी शुभकामनायें पूरी टीम को 🎉💐💐💐💐
गाने का एक एक शब्द रुह को छू रहा, कितनी बार भी सुन लो मन नहीं भरा रहा, ऐसे ही गीत हर पहाड़ी चाहता है ❤❤
शब्द नहीं हैं मेरे पास आपके इस गीत को सुनने के बाद इस गीत की तारीफ में,❤❤ बहुत सुंदर
❤❤ Uttrakhand ki bahut si simple aise song hamen Uttrakhand Uttrakhand ki Sanskrit bahut bahut badhai aap logon ke liye is song super❤❤❤❤❤
Nice ❤❤
आज दादा जी याद आ गई आपका गाना सुनकर ❤❤❤❤❤ बहुत सुंदर गीत का बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ❤❤❤❤
बहुत सुन्दर रचना हार्दिक शुभकामनायें युवा सोच ऐसी होंगी तो नयी पीड़ी नेगी जी वाले गीत वापस आगये बहुत ख़ुशी हुई
bhut sundar❤ rachna didi ji
इसको बोला जाता है असली गढ़वाली गाना जिसको अकेले मै भी सुना जा सकता है,इंद्र आर्य के गाने केवल शादी पार्टी तक सीमित है लेकिन ऐसे गाने सदा दिल मै रहने वाले है।
वाह बहुत सुन्दर ❤
बहुत सुन्दर गीत है दिल को छू गया है,आजकल हमारे उत्तराखंड का यहीं हाल हो गया है
बहुत अच्छा गीत गाया है आपने 🙏🙏
बहुत ही मार्मिक वर्णन !! जितना सुंदर गीत है उतनी ही मधुर आवाज और संगीत का तो क्या ही कहना!! कविता मैम आपसे निवेदन है कि ऐसे गीत लिखते रहें !! सफलता के लिए आपको बहुत शुभकामनाएं!!
बहुत सुंदर खुदेड़ गीत........आज की परिस्थितियों में जब हम लोग शिक्षा रोजगार और सुविधाओं के लिए पहाड़ों से पलायन कर गये हैं और नयी पीढ़ी को हम अपनी पहाड़ी संस्कृति, लोकसंस्कारों को बताने में बहुत पीछे छोड़ आए हैं।ऐसे वक्त में कविता जी का यह प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय है। उम्मीद है कि आप ऐसे ही गीतों को आगे भी हम तक पहुँचाती रहोगी।.....जय उत्तराखंड।
Jai ho
बहुत ही सुंदर शब्दों मे पिरोया बहन जी अपने उत्तराखंड के दर्द को अपने इस संगीत मे 😘😘😘
बहुत सुंदर प्रस्तुति
❤❤❤❤❤❤
दिल गदगद हो गया गीत सुन के 😊 पुरानी यादें ताजा हो गई
❤❤❤
I love Uttarakhand
❤❤❤
बहुत बहुत सुंदर ताई जी 😍😍
आपको और आपकी टीम को ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाइयां 🎉🙏🏻🥰
आज के समय में हमें इस प्रकार की गीत की आपेक्षा नहीं थी परन्तु आपने हमें इस भ्रम से दूर कर लिया बुआ जी ❤
इसी प्रकार आप हमें हमारी संस्कृति से जुड़े गीत दीजियेगा 🌺
Bahut sunder
बहुत सुंदर प्रस्तुति ❤❤आजकल ऐसे
सुंदर गीत कहा सुनने को मिलते हे
बहुत कुछ याद दिलाया है आपने।
बहुत सुंदर आवाज है।
सुभकामनाएं ❤❤
गीत की पूरी टीम को बधाई
मधुर कंठ की धनी कविता जी को ढेर सारी शुभकामनाएं♥️♥️
बहुत बढ़िया सॉन्ग ....दिल को टच कर रहा है इसके हर एक बोल...बहुत धन्यवाद आपका
बहुत सुंदर । भविष्य के लिए बहुत शुभकामनाएं। ❤❤
बहुत बेहतरीन ❤
अनंत शुभकामनायें
Bahot hi khubsurat geet ..muje bahot hi pasand aya.lyrics sing and music bhi gazb diya Rakesh g ne ..koi kuch bhi kahe kavita g aap ase geet gate rahiye ❤❤
बहुत दर्द छुपा है इस गीत में दिल की गहराई से धन्यवाद बहिन आपका
❤❤
सत सत नमन
गायिका और पूरी टीम को जिन्होंने इस गाने के माध्यम से हमारे उत्तराखंड की संस्कृति को वापस लौटने का प्रयास किया हैं। ❤🌹
इसे खुदे गीत कभी नहीं सुना.. ख़ूबसूरती ज़िंदाबाद
भविष्य में आपके ऐसे ही गाने सुनने के लिए आपके चैनल को सब्सक्राइब कर रहा हूं उम्मीद करता हूं कि आपके दिल को छू देने वाले गाने भविष्य में भी आते रहे
बहुत सुंदर lyrics और उतना ही कर्णप्रिय स्वर❤❤
मार्मिकता से भरा संगीत👌👏🎉
भोत सुन्दर ❤️ यु क्वी गीत नी च बल्कि एक सच्चाई च अपुणा उत्तराखंड की, यु वेका समझ मा ओलु जु अपुणा उत्तराखंडे कि रीति रिवाज से प्यार करदु, जु ये जमाना से गुजर्या ऊं कु मन जरूर भरेलु ये गीत सुणी। कविता जी तैं भोत भोत शुभकामनाएं जोन युगीते रचना करि ऊं तैं सादर प्रणाम। जय हो देव भूमि उत्तराखंड ❤️❤️🌹🌹🙏🙏
वास्तविक लोकगीत। बेहतरीन। शुभकामनाएं 🎉🎉🎉
youtube.com/@RuchiNegi10?si=4dKht4icwIzSskHZ?sub_confirmation=1
गढ़वाली गीत संगीत के क्षेत्र में रिदम और बीट्स के दौर में कविता भट्ट की आवाज में राजा बिष्ट की कलम से लिखा गया गीत 'दादू अब किलै नी दिखेन्दू,डांड्यूं मा चौमास,,,,' ऐसा भावपूर्ण गीत प्रस्तुत हुआ है,जो कुछ वर्ष पूर्व बिना संगीत के भी बहुत लोकप्रिय रहा है।
अब संगीत की संगत ने इस गीत की रंगत और रीच को और बढ़ा दिया है।
जो समय पीछे छूट जाता है वह अक्सर बहुत याद आता है।जब मामला सांस्कृतिक विरासत का हो ,तो लगता है कि बीता हुआ समय ही अच्छा था ।
भौतिक विकास की दौड़ में मनुष्य के सांस्कृतिक रीति- रिवाज, खान- पान ,रहन-सहन के तौर तरीकों में आ रहे बदलावों के साथ कुछ अच्छा आ रहा है, तो काफी कुछ विकृत भी हो रहा है।
आज डिजिटल और सोशल मीडिया के दौर में सांस्कृतिक रूप से समृद्ध परंपराएं भी गुज़रे दौर की बातें साबित हो रही है। यहां तक कि सम्वेदनाओं और सम्वेदनशीलता का दौर भी ढलान पर दीख रहा है। ऐसी ही कुछ विसंगतियों की पीड़ाओं से उपजी हुई अभिव्यक्तियों का गीत है,दादू चौमास।
गीतकार इस बदलाव को जब अपने शब्दों में ढाल देता है,तो पाठकों/श्रोताओं को लगता है कि मेरे मुंह की बात छीन ली। राजा बिष्ट इसमें कामयाब हुए हैं।
गीत की आत्मा के मुताबिक कविता भट्ट ने इस गीत को मन से गाया है। कविता भट्ट मूल रूप से शिक्षिका हैं ,शौकिया गाती हैं। इस गीत में कविता की आवाज और भावों में एक मंजे हुए गायक की स्थिरता और गाम्भीर्य देखने मिलता है,वह कमाल है।
राकेश भट्ट का संगीत कर्णप्रिय और मेलोडियस बन पड़ा है।
सम्भव है कि रिदम,डीजे बीट और गीत देखने वाले श्रोताओं को इस गीत का फिल्मांकन उतना प्रोफेशनल ना लगे। पात्रों ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है।यह गीत देखने की बजाय सुनने से ज्यादा वास्ता रखता है।
बेहद कर्णप्रिय धुन में संगीतबद्ध यह गीत मेलोडी और बोल पसन्द करने वाले श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने की पूरी क्षमता रखता है।इस गीत के कुछ घंटों के अन्दर ही आने वाले सैकड़ों व्यूज़ से अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि इस गीत के लोकप्रिय होने की पूरी सम्भावनाएं हैं।
कविता की आवाज अन्दर तक छू जाती है।भावुक कर देने वाले इस गीत को प्रस्तुत करने के लिए कविता भट्ट को बधाई।
गीत आधुनिक दौर में अतीत को जिन्दा रखने की कोशिश का हिस्सा है। इस तरह की चिन्ता सोचने को विवश तो करती ही है।
पूरी टीम बधाई की पात्र है।
Gadwali singer nai is song ko pure nishta or bhaw se gya hai kavita Bhatt ji ko eshe Dil chune Wale geet ke liye bhut bhut shubkamnaye❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉u r good singer ukk
Correct sir
हमारी संस्कृति की इस जीवन शैली को पुनः से जीवित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद❤
राजा बिष्ट जी और कविता जी का दिल से आभार । हमे आप जैसे लोगों की आज सख्त जरूरत है जो लीक से हटके कुछ करने का जज्बा रखते हैं । आप जैसे लोग मरुस्थल रूपी होती जा रही हमारी संकृति में उम्मीद रूपी बारिश की बूंदे हैं।
दिल से धन्यवाद आपका । याद आ गई घर की 😢❤❤❤❤
बहुत ही सुंदर गीत
Bahut sunder song pyari behen ❤❤❤ khush raho bhuli
अति सुन्दर बहन आप लोगों को ऐसे ही पहाड़ की याद दिलाते रहिए॥ इस गाने को सून कर मेरी आत्मा तिरिप्त हों गयी ❤❤
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है इसी गीत को सुनकर इनका चैनल को भी subscribe किया था वाकई मे कोई जबाब नही है अपने पहाड़ की हकीकत है 🙏🙏👍
बहुत सुंदर गीत है और गीत मे दर्द के साथ मिठास भी है आवाज का तो क्या कहे बहुत ही सुरीली है 🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤
बहुत सुन्दर गीत ❤
वाह, वाह बहुत सुन्दर गाया है। गीत पहाड़ की वास्तविक दशा का बखान कर रहा है। गीत बनाने वाला और गायक दोनों धन्य। ऐसे गीतों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
कुछ तो नहीं बहुत कुछ याद दिलाया है आपने
बहुत सुंदर उत्तराखंड का यह गीत हम उत्तराखंड से हैं हमें गर्व है के हम देवभूमि उत्तराखंड के निवासी है और मैं चाहता हूं आप सभी लोग इस गाने को प्यार दे सहयोग थे धन्यवाद
जै जै श्री राम बेटा जबाब नहीं गीत के बोल गीत के सुर क्या कंठ दिया प्रभु ने जितनी तारिफ करू ना काफी है 1960.70 के दशक की बहुत याद आरही है,डाडी कांठी,गेहू फूली सरसों की सारी (खेत) महिला ऐसे गीत गाती हम गोर बछरू चराते हम मंत्र मुग्ध होजाते हम खामोश होजाते गीतों का आनंद लेते,महिलाओं अलग अलग खेतों में होती थी लेकिन गीत के सुर सबके एक होते थे अब कुछ नही है सारी खेती बंजर है न गोर बखरा ढिबरा भी हरची गेनी न इनशान न जानबर
यदिकुछ है तो बन्दर भालू।महिला गीतों का खास नाम था झुमैलो शायद ,चैत वैशाख में गातीं थी सरसों फूली रहती थी
गेहूँ से खरपतवार निकालती थी गाती भी रहती थो ।अब पूरी बाते याद नहीं ,अब 77 साल जब 10.11का 4.5 class only Sunday,&holiday बहुत सालो बाद ए प्यारा गीत सुना,धन्य हो जुग जुग जियो सदा सुखी रहो ।धन्यवाद
,अ77 साल जब 10, 11का था ।धन्यवाद
सादर धन्यवाद🙏🙏🙏
बहुत सुंदर गीत व संगीत mam 🎉🎉आपकी आवाज बहुत सुंदर है। प्रीति गहड से
अति सुंदर👌👌👌🙏🙏🙏 प्रस्तुति आपकी, बहुत ही प्यारा खुदेड़ गीत😢😢❤❤❤❤❤
बहुत सुन्दर गीत याद दिला दिया हमारी प्रितरु की आज इस भाग दौड़ की जंदगी सब भूल गए अपने रिवाज अपना गाँव को दिल जीत लिया है.❤❤
वाह ऐसे गाने गाते रहो, गढ़वाली आपको सर आंखों पर बिठा देगा
बार बार सुनने की इच्छा होती है।
बहुत सुन्दर।
बहुत ही सुन्दर और कर्णप्रिय संगीत ....शाबाश मेरे भाई 😊
वाह वाह क्या शानदार आवाज और रचना है। काफी दिनों के बाद कोई garwali गीत आया है। top class . Wish you all the best. ❤❤❤
बहुत सुंदर प्रस्तुति अपने पहाड़ अपने गांव उत्तराखंड पर
बहुत सुंदर आवाज़, भगवान आपको सदा सुखी रखे
अविस्मरीणिय , जिसने पहाड़ की जिंदगी जी है गांव का जीवन जिया है, उसके लिए ये गाना और एक एक शब्द हृदय की गहराइयों को छूने वाला है। God bless you
इतनी प्यारी आवाज,,,,, ❤❤❤❤❤ कि रोना आ गया😢😢😢😢😢😢 अपनी संस्कृति की तरफ लौटो।।।।।।
Wah Wah amazing
इस गाने को सुन सुन कर डाटा खत्म हो जाता है लेकिन दिल नही भरता♥️♥️♥️
Kya baat hai Kitna mind lagaya hai kitni gahrai se socha hai bahut Sundar bahut Sundar
यह गाना प्रीति कल बिटिया ने गया था बहुत सुंदर आप भी अच्छा गा रही हो बहुत बहुत शुभकामनाएं❤❤😢😢🎉
❤🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति
धीरे धीरे हमारी संस्कृति विलुप्त हो रही है ठीक इस प्रकार गीत पर सत्या घटना पर आधारित गीत है हार्दिक शुभकामनाएं।
हृदय में उतरते शब्द, भाव संगीत, कण्ठ की मधुरिमा।
साधुवाद। हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत ब
इस गीत को वही समझ सकते है जिन्होंने अपना बचपन गाँव मै बिताया है अपने दादी दादा के साथ,
उत्तराखंड की बात करे तो यह आज जिस मुकाम पर है वो हमारे सिंगर भाइयों की वजह से है । बहुत अच्छी प्रस्तुति है उतराखंड पलायन पर , गर्व है अपने उत्तराखंड के लोगो पर ।
जय हिंद
जय उत्तराखंड
भौत हि मार्मिक गांणु च,पर ऐ दादू ही थैं हि जबाब दींण प्वालणु,
बिल्कुल सही कहा आपने, बिल्कुल, खाली, होना चाहिए, गाना,तो,कहीं,, भी,गाया, सकता,सुऩने,वालौ,कमी, नहीं है, पहले,भी, और,अब,भी, कमी,तो,गाने,वालो, की, है❤❤❤❤
Pta मेने इस गीत को न जाने कितनी बार सुन लिया मन ही नही भरता अभी भी सुनने में लगा हु
आहा क्या सुंदर रचना है दिल को कोर के खाने वाली रचना आपके सुर आपका कंठ व्हाकिए में बेहतरीन और शानदार है ऐसा लगता है जैसे आपके आपके गले में सरस्वती विराजमान हो पर अफसोस की इतनी अच्छी गायकी पे भी इतने कम व्यूज मिल रहे इसीलिए हमारा पहाड़ और हमारी संस्कृति बहुत पीछे है बाकी बधाई और शुभकामनाएं आपके भविष्य के लिए ❤❤
7:38 सच में यह गीत हमारे संस्कृत में चार चांद लगा दिया है और वही जानता है जिसने यह गाना गया है न जाने कितने दर्द को बयां कर रहा है यह गाना और देवभूमि उत्तराखंड के मूल निवासी इस गाने की पीड़ा समझते हैं❤❤❤❤❤❤❤
बहुत उत्कृष्ट रचना। गायकी भी अति मधुर एवं अति कर्णप्रिय।
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दीदी !
यन गाणा हमथे मिल्दा राला,
तब ऐजालु चौमास
या चा हमरी हिया की कामना
या चा हमरी आस।
🙏🙂🙂🙏
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बहुत सुंदर गीत हमारी संस्कृति इसी प्रकार लौटकर वापस आयेगी 👍👍
बहुत सुन्दर सोंग और आवाज भी बहुत खूब है बहिन
बहुत सुंदर, अपनी संस्कृति की खुशबु🎉राधे राधे🙏
बहन बहुत ही सुंदर भूली 😢तूने तो रुला दिया मुझे 😢😢 अति सुन्दर तूने तो झझकोर दिया भूली 😢 क्या आवाज है आपकी साथ में आपका मासूम दर्द भरा पहाड़ी चेहरा। बहुत सुंदर भूली भगवान आपको सदा सुखी रखे ❤❤🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
Love from Gairsain Uttarakhand 💓💓💓🙏
आदिबद्री से