FAQ: Mahatma Gandhi and the 1924 Belgaum Congress Session: 1. What prompted the Congress to organize an event in Belagavi in December 2023? The Congress organized a two-day event in Belagavi, Karnataka, to commemorate the 100th anniversary of the 1924 Belgaum Congress session, a historic event presided over by Mahatma Gandhi. 2. Why was the 1924 Belgaum session of the Indian National Congress significant? This session marked the only time Mahatma Gandhi served as the President of the Indian National Congress. He used this platform to advocate for his philosophies of non-violence, communal harmony (particularly Hindu-Muslim unity), and swaraj (self-rule). 3. What specific challenges did Gandhi address during the 1924 session? Gandhi was deeply concerned about the growing factionalism within the Congress and the increasing disunity between Hindus and Muslims. He had just concluded a 21-day fast aimed at promoting Hindu-Muslim unity. The session allowed him to directly address these pressing issues. 4. What were Gandhi's key messages on non-violence and the Non-Cooperation Movement? Gandhi reaffirmed his commitment to non-violence, arguing that it was a more powerful tool for change than violence. He explained that although the Non-Cooperation Movement was suspended, it had significantly impacted the struggle for independence by challenging the authority of British institutions. 5. How did Gandhi link social reform with the fight for independence? Gandhi strongly emphasized that true self-rule (swaraj) could not be achieved without addressing social inequalities. He specifically highlighted the importance of eradicating untouchability and promoting Hindu-Muslim unity as crucial steps towards achieving independence. 6. What specific reforms did Gandhi propose during the Belgaum session? Gandhi proposed several reforms to advance the cause of self-rule, including: Shifting the final court of appeals from London to Delhi. Adopting Hindustani as the official language in provincial courts and governments. 7. What was the significance of khadi in Gandhi's vision for India? Gandhi urged the people to embrace khadi, hand-spun and hand-woven cloth, as a symbol of self-reliance. He believed that by producing their own cloth, Indians could boycott British goods and strengthen their economic independence, a vital step toward true swaraj. 8. How did the 1924 Belgaum session influence the Indian independence movement? The session is believed to have been instrumental in: Raising peasant consciousness and their participation in the freedom struggle. Popularizing the use of khadi and promoting village industries across India.
महात्मा गांधी और 1924 के बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन: एक सामान्य प्रश्नोत्तर: 1. दिसंबर 2023 में कांग्रेस ने बेलगावी में एक कार्यक्रम आयोजित करने का क्या उद्देश्य था? कांग्रेस ने कर्नाटक के बेलगावी में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया ताकि 1924 के ऐतिहासिक बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन की 100वीं वर्षगांठ मनाई जा सके। यह अधिवेशन महात्मा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ था। 2. 1924 का बेलगाम अधिवेशन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए क्यों महत्वपूर्ण था? यह अधिवेशन महात्मा गांधी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में की गई एकमात्र अध्यक्षता का गवाह था। उन्होंने इस मंच का उपयोग अहिंसा, सांप्रदायिक सौहार्द (विशेषकर हिंदू-मुस्लिम एकता), और स्वराज (स्व-शासन) के अपने दर्शन को बढ़ावा देने के लिए किया। 3. 1924 के अधिवेशन में गांधी ने कौन सी चुनौतियों को संबोधित किया? गांधी कांग्रेस के भीतर बढ़ते गुटबाजी और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बढ़ती असहमति को लेकर चिंतित थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए एक 21 दिन का उपवास पूरा किया था। यह अधिवेशन उन्हें इन ज्वलंत मुद्दों पर सीधे चर्चा करने का अवसर प्रदान करता था। 4. अहिंसा और असहयोग आंदोलन पर गांधी के मुख्य संदेश क्या थे? गांधी ने अहिंसा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, यह तर्क देते हुए कि यह परिवर्तन के लिए हिंसा से अधिक शक्तिशाली उपकरण है। उन्होंने समझाया कि यद्यपि असहयोग आंदोलन को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन इसने ब्रिटिश संस्थानों की प्राधिकृति को चुनौती देकर स्वतंत्रता संघर्ष को काफी प्रभावित किया। 5. गांधी ने सामाजिक सुधार को स्वतंत्रता संग्राम से कैसे जोड़ा? गांधी ने जोर देकर कहा कि सच्चा स्व-शासन (स्वराज) सामाजिक असमानताओं को दूर किए बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने विशेष रूप से अस्पृश्यता के उन्मूलन और हिंदू-मुस्लिम एकता को स्वतंत्रता प्राप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। 6. बेलगाम अधिवेशन के दौरान गांधी ने कौन से विशेष सुधार प्रस्तावित किए? गांधी ने स्व-शासन के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए कई सुधार प्रस्तावित किए, जिनमें शामिल हैं: अंतिम अपील की अदालत को लंदन से दिल्ली स्थानांतरित करना। प्रांतीय अदालतों और सरकारों में हिंदुस्तानी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाना। 7. गांधी के भारत के दृष्टिकोण में खादी का क्या महत्व था? गांधी ने लोगों से खादी, हाथ से काता और हाथ से बुना कपड़ा अपनाने का आग्रह किया। इसे उन्होंने आत्मनिर्भरता का प्रतीक माना। उनका मानना था कि भारतीय अपनी खुद की वस्त्र उत्पादन करके ब्रिटिश वस्त्रों का बहिष्कार कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूत कर सकते हैं, जो सच्चे स्वराज की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था। 8. 1924 के बेलगाम अधिवेशन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को कैसे प्रभावित किया? यह अधिवेशन निम्नलिखित में सहायक माना जाता है: किसानों में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में शामिल करना। खादी के उपयोग को लोकप्रिय बनाना और भारत भर में ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देना।
FAQ: Mahatma Gandhi and the 1924 Belgaum Congress Session:
1. What prompted the Congress to organize an event in Belagavi in December 2023?
The Congress organized a two-day event in Belagavi, Karnataka, to commemorate the 100th anniversary of the 1924 Belgaum Congress session, a historic event presided over by Mahatma Gandhi.
2. Why was the 1924 Belgaum session of the Indian National Congress significant?
This session marked the only time Mahatma Gandhi served as the President of the Indian National Congress. He used this platform to advocate for his philosophies of non-violence, communal harmony (particularly Hindu-Muslim unity), and swaraj (self-rule).
3. What specific challenges did Gandhi address during the 1924 session?
Gandhi was deeply concerned about the growing factionalism within the Congress and the increasing disunity between Hindus and Muslims. He had just concluded a 21-day fast aimed at promoting Hindu-Muslim unity. The session allowed him to directly address these pressing issues.
4. What were Gandhi's key messages on non-violence and the Non-Cooperation Movement?
Gandhi reaffirmed his commitment to non-violence, arguing that it was a more powerful tool for change than violence. He explained that although the Non-Cooperation Movement was suspended, it had significantly impacted the struggle for independence by challenging the authority of British institutions.
5. How did Gandhi link social reform with the fight for independence?
Gandhi strongly emphasized that true self-rule (swaraj) could not be achieved without addressing social inequalities. He specifically highlighted the importance of eradicating untouchability and promoting Hindu-Muslim unity as crucial steps towards achieving independence.
6. What specific reforms did Gandhi propose during the Belgaum session?
Gandhi proposed several reforms to advance the cause of self-rule, including:
Shifting the final court of appeals from London to Delhi.
Adopting Hindustani as the official language in provincial courts and governments.
7. What was the significance of khadi in Gandhi's vision for India?
Gandhi urged the people to embrace khadi, hand-spun and hand-woven cloth, as a symbol of self-reliance. He believed that by producing their own cloth, Indians could boycott British goods and strengthen their economic independence, a vital step toward true swaraj.
8. How did the 1924 Belgaum session influence the Indian independence movement?
The session is believed to have been instrumental in:
Raising peasant consciousness and their participation in the freedom struggle.
Popularizing the use of khadi and promoting village industries across India.
महात्मा गांधी और 1924 के बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन: एक सामान्य प्रश्नोत्तर:
1. दिसंबर 2023 में कांग्रेस ने बेलगावी में एक कार्यक्रम आयोजित करने का क्या उद्देश्य था?
कांग्रेस ने कर्नाटक के बेलगावी में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया ताकि 1924 के ऐतिहासिक बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन की 100वीं वर्षगांठ मनाई जा सके। यह अधिवेशन महात्मा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ था।
2. 1924 का बेलगाम अधिवेशन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए क्यों महत्वपूर्ण था?
यह अधिवेशन महात्मा गांधी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में की गई एकमात्र अध्यक्षता का गवाह था। उन्होंने इस मंच का उपयोग अहिंसा, सांप्रदायिक सौहार्द (विशेषकर हिंदू-मुस्लिम एकता), और स्वराज (स्व-शासन) के अपने दर्शन को बढ़ावा देने के लिए किया।
3. 1924 के अधिवेशन में गांधी ने कौन सी चुनौतियों को संबोधित किया?
गांधी कांग्रेस के भीतर बढ़ते गुटबाजी और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बढ़ती असहमति को लेकर चिंतित थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए एक 21 दिन का उपवास पूरा किया था। यह अधिवेशन उन्हें इन ज्वलंत मुद्दों पर सीधे चर्चा करने का अवसर प्रदान करता था।
4. अहिंसा और असहयोग आंदोलन पर गांधी के मुख्य संदेश क्या थे?
गांधी ने अहिंसा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, यह तर्क देते हुए कि यह परिवर्तन के लिए हिंसा से अधिक शक्तिशाली उपकरण है। उन्होंने समझाया कि यद्यपि असहयोग आंदोलन को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन इसने ब्रिटिश संस्थानों की प्राधिकृति को चुनौती देकर स्वतंत्रता संघर्ष को काफी प्रभावित किया।
5. गांधी ने सामाजिक सुधार को स्वतंत्रता संग्राम से कैसे जोड़ा?
गांधी ने जोर देकर कहा कि सच्चा स्व-शासन (स्वराज) सामाजिक असमानताओं को दूर किए बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने विशेष रूप से अस्पृश्यता के उन्मूलन और हिंदू-मुस्लिम एकता को स्वतंत्रता प्राप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
6. बेलगाम अधिवेशन के दौरान गांधी ने कौन से विशेष सुधार प्रस्तावित किए?
गांधी ने स्व-शासन के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए कई सुधार प्रस्तावित किए, जिनमें शामिल हैं:
अंतिम अपील की अदालत को लंदन से दिल्ली स्थानांतरित करना।
प्रांतीय अदालतों और सरकारों में हिंदुस्तानी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाना।
7. गांधी के भारत के दृष्टिकोण में खादी का क्या महत्व था?
गांधी ने लोगों से खादी, हाथ से काता और हाथ से बुना कपड़ा अपनाने का आग्रह किया। इसे उन्होंने आत्मनिर्भरता का प्रतीक माना। उनका मानना था कि भारतीय अपनी खुद की वस्त्र उत्पादन करके ब्रिटिश वस्त्रों का बहिष्कार कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूत कर सकते हैं, जो सच्चे स्वराज की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था।
8. 1924 के बेलगाम अधिवेशन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को कैसे प्रभावित किया?
यह अधिवेशन निम्नलिखित में सहायक माना जाता है:
किसानों में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में शामिल करना।
खादी के उपयोग को लोकप्रिय बनाना और भारत भर में ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देना।