Bramhoti Temple // Haridwar (Ganga) In UNA 🏞️
HTML-код
- Опубликовано: 9 фев 2025
- रमणीक स्थल ब्रह्माहुति में भगवान ब्रह्मा का मन्दिर जिसे दुनिया जानती तक नहीं |
भारत में सनातन पूजा पद्धति (हिन्दू धर्म) की मान्यता के मुताबिक इस संसार की रचना, संचालन और संतुलन (विनाश के ज़रिये) करने वाले तीन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं लेकिन दिलचस्प तथ्य ये है कि तमाम देवी देवताओं के मुकाबले, सृष्टि के रचियता, भगवान ब्रह्मा जी के मन्दिर ही सबसे कम हैं. जो हैं भी तो उनमें से सिर्फ राजस्थान के पुष्कर को छोड़ बाकियों के बारे में दुनियाभर में लोगों को कम ही जानकारी है. लेकिन आज यहाँ हम जिस ब्रह्म मन्दिर के बारे में आपको बता रहे हैं उसके बारे में तो दुनिया तो क्या भारत में भी बहुत कम लोगों को पता है. रोचक बात ये है कि सतलुज नदी के किनारे जिस जगह पर ये मन्दिर बनाया गया है उसके बारे में प्रचलित कथा जानकर और यहाँ के वातावरण को देखकर कोई नहीं कह सकता कि ये स्थान गंगा स्थली से कम पवित्र या रमणीक है |
एकदम शांत वातावरण, तीन तरफ पहाड़ियां और साफ़ सुथरा नीला पानी जिसमें तलहटी में पड़ी वस्तु भी स्पष्ट दिखाई दे. छोटा हरिद्वार के तौर भी पहचान बना चुके इस स्थान को ब्रह्माहुति कहते हैं. पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित इस स्थान को स्थानीय भाषा के स्टाइल में ‘ भरमौती ‘ भी कहते हैं. मन को हर लेने वाली ये जगह भाखड़ा ब्यास बाँध से कुछ फासले पर सतलुज के तट पर हंडोला गाँव की भूमि पर है जो हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले में आता है. अलग अलग खंडों वाले इस मन्दिर तक कैसे पहुंचा जा सकता है इस बारे में आपको विस्तार से बताएँगे लेकिन पहले उस कहानी और महत्व के बारे में बताना ज़रूरी जिसके आधार पर इस जगह को महत्त्वपूर्ण माना जाता है |
ब्रह्माहुति क्यों बना ?
जैसा कि शब्द ‘ब्रह्माहुति’ या ‘भरमौती’ से ही संकेत मिलता है कि इस जगह का सम्बन्ध भगवान ब्रह्मा और आहुति से है यानि कि सीधे सीधे यज्ञ की प्रक्रिया से. इस स्थान के इतिहास के बारे में अलग अलग मान्यताएं है लेकिन जो ज्यादा लोकप्रिय है उसका ताल्लुक भगवान ब्रह्मा, उनके पुत्र वशिष्ठ मुनि और महर्षि विश्वमित्र से है. इस पौराणिक कथा के मुताबिक यहाँ वशिष्ठ मुनि ने कई बरस तक तपस्या की थी. यहीं पर उनके 100 पुत्र पैदा हुए थे. विश्वमित्र राज ऋषि थे लेकिन वे वशिष्ठ मुनि से ईर्ष्या रखते थे. विश्वमित्र चाहते थे कि उन्हें ब्रह्मर्षि बुलाया जाए लेकिन वशिष्ठ मुनि ने ऐसा करने और मानने से मना कर दिया. उनका कहना था कि विश्वमित्र ब्राह्मण नहीं क्षत्रिय की संतान हैं इसलिए राज ऋषि तो हो सकते हैं लेकिन ब्रह्मर्षि नहीं. कहा जाता है कि इसी तरह द्वेष और ईर्ष्यावश विश्वमित्र ने अपनी खड्ग से एक - एक करके वशिष्ठ मुनि के सभी 100 पुत्रों का वध कर डाला. इसके बाद जब विश्वमित्र ने वशिष्ठ मुनि का वध करने के लिए बाजू उठाया तो मुनि ने अपने तपोबल से उनकी उस बाजू स्तंभरहित कर दिया यानि बाजू हिलने डुलने लायक भी न रही. इसके बाद राजर्षि विश्वमित्र ने वशिष्ठ मुनि से क्षमा मांगी. वशिष्ठ मुनि ने उनकी बाजू को तो ठीक कर दिया लेकिन ये भी बता दिया कि आप पर ब्रह्महत्या का दोष लगा है इसलिए ब्रह्मदंड के भागी हो |
राज ऋषि विश्वमित्र ने मुनि वशिष्ठ को ब्राह्मणत्व और ब्राह्मणों के दयालुता की दुहाई देते हुए इस दोष से मुक्ति का उपाय पूछा और मदद मांगी. इस पौराणिक कथा के मुताबिक़ वशिष्ठ मुनि की सलाह पर विश्वमित्र ने यहाँ भगवान ब्रह्मा की घोर तपस्या की और उनके 100 पुत्रों के वध की क्षमा मांगी. जैसा कि वशिष्ठ मुनि ने उपाय बताया था कि यहाँ पर यज्ञ किया जाए और उसमें आहुति डालने के लिए ब्रह्मा जी को राज़ी किया जाए, वैसा ही विश्वमित्र ने किया. ब्रह्मा जी यहाँ सभी देवी देवताओं के साथ यज्ञ में आने को तैयार हो गये. उन्होंने विश्वमित्र की तरफ से यहाँ आयोजित यज्ञ में स्वयं आहुतियाँ डाली और अपने 100 पौत्रों का उद्धार किया ताकि विश्वमित्र ब्रह्महत्या के दोष से मुक्त हो सकें |
ब्रह्मवती गंगा !
इस स्थान को ब्रह्मवती गंगा भी कहा जाता है और माना जाता है कि ये स्थान भगवान् ब्रह्मा की तपोभूमि भी रही है. पौराणिक कथा के मुताबिक़ यज्ञ सम्पन्न होने के बाद भगवान ब्रह्मा ने संदेश दिया कि इस स्थान पर जो भी ब्रह्मवती गंगा में स्नान - ध्यान करेगा वो तमाम पापों से मुक्त हो जाएगा. इसीलिये इस स्थान को ब्रह्माहुति तीर्थ भी कहा जाता है.
पांडव भी आये थे ?
एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक इसी स्थान पर पांडव भी आये थे और उन्होंने यहाँ कुछ समय प्रवास किया, साथ ही तीर्थ घाट पर स्वर्ण पौड़ियाँ भी बनवाई. इन्हें ढाई स्वर्ण पौड़ियाँ कहा जाता है|
ब्रह्मावर्त क्षेत्र ?
इसमें पौराणिक शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि उनमें जिस ब्रह्मावर्त क्षेत्र का ज़िक्र किया गया है वो यही है जिसके चार द्वार हैं. दक्षिण दिशा के द्वार में जटाधारी महादेव यानि जटेश्वर महादेव कहा गया है और ये मदिर नूरपुर बेदी में है. उत्तर दिशा में सतलुज नदी के किनारे बच्छरेटू नाम की जगह पर भगवान शंकर और आकाश गंगा हैं. पश्चिम द्वार पर ब्रह्मावती गंगा (भरमौती) है और पूर्व दिशा में स्वयं माँ काली (नयना देवी) द्वार पर हैं. पौराणिक कथा के मुताबिक़ भगवान ब्रह्मा के इस मन्दिर से सवा योजन की दूरी पर जटेश्वर महादेव मन्दिर, सवा योजन की दूरी पर ही बच्छरेटू है जबकि सवा योजन के फासले पर शक्तिपीठ नयना देवी हैं |
ब्रह्माहुति’ या ‘भरमौती’ मन्दिर का इतिहास ?
मन्दिर की देखभाल करने वाली ब्रह्माहुति मन्दिर सेवा समिति के उपलब्ध साहित्य के मुताबिक़ इस प्राचीन मन्दिर का जीर्णोद्धार स्थानीय गाँव हंडोला के निवासियों ने 1975 में किया था. इसके कुछ महीने बाद महंत चमन गिरि ने यहाँ गाँव वालों के अनुरोध पर मन्दिर में नित्य पूजा अर्चना और देखभाल शुरू की. इसके बाद उनके शिष्य यहाँ की देखभाल करते आ रहे हैं. वर्तमान में महंत महेश गिरि और उनके शिष्य व स्वयं सेवक मन्दिर में पूजा पाठ आदि का काम देखते हैं |
Har Har Mahadev ❤❤❤❤❤
❤️🕉🙇🏻♂️🚩
❤❤ beautiful 💐 🙏 😍
Thank you very much Bhai❤️❤️❤️
❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏
🕉🙇🏻♂️❤️❤️❤️
🕉️🕉️❤️❤️😮
🕉🙇🏻♂️
🙏🏻❤👀
❤️🔥❤️🔥❤️🔥
❤❤❤❤❤
❤️❤️❤️
👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
🥳🥰
❤️❤️✅✅🕉️🕉️👌
🕉🙇🏻♂️
🔥 🔥
Very Beautiful Vlog Bro
OSM
🕉🙇🏻♂️
beautiful sceneries
Thanks BŘØ ❤️
Whaa kya bat haa 🎉❤
Thanks BŘØ ❤️
incredible ❤
❤️❤️❤️
Bhut Badhiya Esse Hi Hume Unexplore Pleace Pr Lekr Jate Rehna ❤❤❤
Thanks You For Your Appreciation And Please Stay Tune❤️❤️❤️
Wah Bhai bhut ashe vlog leker ap atte hain or ap humesha unexplore jhe le kr jate Hain hum apki video ki bhut besuberi se wait krte hain thanks bhai❤❤❤
Thanks You For Your Appreciation And Please Stay Tune❤️❤️❤️
Nice Brthr ❤❤ keep it up god bless you
Thank you so much BŘØ ❤️🔥
nice bro 🙏😇
Thanks BŘØ ❤️
Okk reportaa ❤❤
Thanks BŘØ ❤️❤️❤️
Wah Bhai Ap Ke Channel Main Har Bar Unexplore Pleace Dekhne Ko Milte Hai Or Wo Bhi Itne SunderWah main Pane Ghar Walo Ko Leker Jrur Jaunga🕉️🙇🏻♂️
Thanks You For Your Appreciation And Please Stay Tune❤️❤️❤️
Nyc vlog broo plz daily vlog paya kro❤✌️🙌
Thanks BŘØ I Will Do It Soon❤️❤️❤️
nice
🕉🙇🏻♂️
Nice bro...
Thanks BŘØ ❤️🔥
❤️🫂🙌🏻
🕉🙇🏻♂️
Jinki aae hoti Hai 🤣🤣🤣🤣
😂🤣🤣
❤️❤️
🕉🙇🏻♂️