04 वेदान्त दर्शन (1.1.4) - मुनि सत्यजित् - 05.01.2025 - वानप्रस्थ साधक आश्रम,रोजड़

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  • Опубликовано: 2 фев 2025

Комментарии • 14

  • @binodinipanda7893
    @binodinipanda7893 29 дней назад

    ओ३म् नमस्ते पूज्य मुनि जी

  • @SumanRana-v6k
    @SumanRana-v6k 27 дней назад

    Sadar naman swami ji

  • @KbPatel-u2l
    @KbPatel-u2l 29 дней назад

    ઓમ નમસ્તેજી મુનિજી

  • @kamalarya7736
    @kamalarya7736 29 дней назад

    🙏🙏

  • @Lightofthruth1981
    @Lightofthruth1981 29 дней назад

    नमस्ते आचार्य जी 🙏🙏🙏

  • @aryaas.g.2677
    @aryaas.g.2677 26 дней назад

    ओ३म। सादर नमस्ते मुनि जी।

  • @vimalarya9737
    @vimalarya9737 28 дней назад

    🙏
    1:02:07 मिनट से दुर्जनतोषन्याय की हास्यात्मक व्याख्या 😊

  • @ashokarya-o3w
    @ashokarya-o3w 29 дней назад

    नमस्ते मुनिजी

  • @MadansinghChauhan-gy1ik
    @MadansinghChauhan-gy1ik 28 дней назад

    नमस्ते मुनी जी

  • @jaykrishnapunamchandbhaibh3657
    @jaykrishnapunamchandbhaibh3657 28 дней назад

    ओम् नमस्ते आचार्य जी 🚩🙏

  • @धर्म्मभक्त
    @धर्म्मभक्त 28 дней назад

    शास्त्र प्रमाण अकाट्य स्वतः प्रमाण ह। शास्त्र प्रमाण पर मनुष्य के विश्वास अविश्वास होणै स शास्त्र प्रमाण के प्रामाणिकता में अन्तर नहीं होवे ह। मनुष्य स्वभावतः अल्पज्ञ होवे ह। ईश्वर स्वभावतः सर्वज्ञ होवे ह अतः ईश्वर प्रदत्त वेदों के वचन स्वतः प्रमाण ह। सनातन वैदिक सिद्धान्तों के विरुद्ध अद्वैतवेदान्तमत द्वैतवेदान्तमत विशिष्टाद्वैतवेदान्तमत आदि मतों मिथ्या असत्य मतों ह।

  • @धर्म्मभक्त
    @धर्म्मभक्त 28 дней назад

    वेदान्तदर्शन ब्रह्मसूत्र ग्रन्थ पर पण्डित आर्य्यमुनि जी कृत वेदान्तार्य्यभाष्य के अध्यापन करवावैं।

  • @धर्म्मभक्त
    @धर्म्मभक्त 28 дней назад

    ब्रह्म जगत् के निमित्त कारण होवे ह। प्रकृति जगत् के उपादान कारण होवे ह। जीवात्मा ब्रह्म नहीं होवे ह। वेदविरुद्ध अद्वैतवेदान्तमत द्वैतवेदान्तमत विशिष्टाद्वैतवेदान्तमत मिथ्या मतों ह।

  • @ToniSinha-pi2et
    @ToniSinha-pi2et 25 дней назад

    ओ३म्
    नमस्ते मुनि जी ❤️🙏