शास्त्र प्रमाण अकाट्य स्वतः प्रमाण ह। शास्त्र प्रमाण पर मनुष्य के विश्वास अविश्वास होणै स शास्त्र प्रमाण के प्रामाणिकता में अन्तर नहीं होवे ह। मनुष्य स्वभावतः अल्पज्ञ होवे ह। ईश्वर स्वभावतः सर्वज्ञ होवे ह अतः ईश्वर प्रदत्त वेदों के वचन स्वतः प्रमाण ह। सनातन वैदिक सिद्धान्तों के विरुद्ध अद्वैतवेदान्तमत द्वैतवेदान्तमत विशिष्टाद्वैतवेदान्तमत आदि मतों मिथ्या असत्य मतों ह।
ब्रह्म जगत् के निमित्त कारण होवे ह। प्रकृति जगत् के उपादान कारण होवे ह। जीवात्मा ब्रह्म नहीं होवे ह। वेदविरुद्ध अद्वैतवेदान्तमत द्वैतवेदान्तमत विशिष्टाद्वैतवेदान्तमत मिथ्या मतों ह।
ओ३म् नमस्ते पूज्य मुनि जी
Sadar naman swami ji
ઓમ નમસ્તેજી મુનિજી
🙏🙏
नमस्ते आचार्य जी 🙏🙏🙏
ओ३म। सादर नमस्ते मुनि जी।
🙏
1:02:07 मिनट से दुर्जनतोषन्याय की हास्यात्मक व्याख्या 😊
नमस्ते मुनिजी
नमस्ते मुनी जी
ओम् नमस्ते आचार्य जी 🚩🙏
शास्त्र प्रमाण अकाट्य स्वतः प्रमाण ह। शास्त्र प्रमाण पर मनुष्य के विश्वास अविश्वास होणै स शास्त्र प्रमाण के प्रामाणिकता में अन्तर नहीं होवे ह। मनुष्य स्वभावतः अल्पज्ञ होवे ह। ईश्वर स्वभावतः सर्वज्ञ होवे ह अतः ईश्वर प्रदत्त वेदों के वचन स्वतः प्रमाण ह। सनातन वैदिक सिद्धान्तों के विरुद्ध अद्वैतवेदान्तमत द्वैतवेदान्तमत विशिष्टाद्वैतवेदान्तमत आदि मतों मिथ्या असत्य मतों ह।
वेदान्तदर्शन ब्रह्मसूत्र ग्रन्थ पर पण्डित आर्य्यमुनि जी कृत वेदान्तार्य्यभाष्य के अध्यापन करवावैं।
ब्रह्म जगत् के निमित्त कारण होवे ह। प्रकृति जगत् के उपादान कारण होवे ह। जीवात्मा ब्रह्म नहीं होवे ह। वेदविरुद्ध अद्वैतवेदान्तमत द्वैतवेदान्तमत विशिष्टाद्वैतवेदान्तमत मिथ्या मतों ह।
ओ३म्
नमस्ते मुनि जी ❤️🙏