नवनाथ मंत्र 108 जप | जाप 108 बार Navnath Mantra 108 Times, Jap | Dhun, Spiritual Mantra

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  • Опубликовано: 11 окт 2024
  • गोरक्ष जालंदर चर्पटाक्श्र ।
    अडवंग-कानिफ मच्छिँदराद्या: ॥
    चौरंगी रेवाणक भर्त्रि संज्ञा ।
    भुम्या बभुवुर्नवनाथ सिध्दा: ॥
    उक्त स्मरण का पाठ प्रतिदिन करे। इससे पापों का क्षय होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है। सुख-सम्पत्ति-वैभव से साधक परिपूर्ण हो जाता है।

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