निर्धन की रोटी |रोटी से टपकता खून | 14 मातादीनविश्वकर्मा & रामसुरेशद्विवेदी

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  • Опубликовано: 12 дек 2024

Комментарии • 9

  • @रोहितसुक्ला-भ9ल
    @रोहितसुक्ला-भ9ल 8 месяцев назад +2

  • @balmukundpatel8178
    @balmukundpatel8178 10 месяцев назад +1

    कोटी कोटी नमन

  • @vipinsinghpariharvipinsing6940
    @vipinsinghpariharvipinsing6940 11 месяцев назад

    Bundelkhand ki saan ho dada ji naman h app ko

  • @bajajfinanceservice3362
    @bajajfinanceservice3362 11 месяцев назад

    Jai shree shyam

  • @bholeshankertiwari
    @bholeshankertiwari 11 месяцев назад

    वाह ❤❤

  • @rajkumarvishwakarma275
    @rajkumarvishwakarma275 11 месяцев назад

    बहुत सुंदर प्रस्तुति द्विवेदी जी

  • @amreshdahiya
    @amreshdahiya 11 месяцев назад +1

    बहुत सुंदर गुरुजी यह गीत आपका बहुत पुराना है लगभग इस गीत को अपने 20 वर्ष पहले अमानगंज जिला पन्ना के मंच पर गया था

  • @anirudhtiwari8599
    @anirudhtiwari8599 8 месяцев назад

    Prastuti Bahuta sundar hai dada prnam (par bhanbhnahat ki awaj maik ki hai isi karn maja kam aya Hai)

  • @ravendrasharma9078
    @ravendrasharma9078 11 месяцев назад +2

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति , परन्तु विचारणीय है कि छत्रपति शिवाजी , औरंगजेब के तथा महाराणा प्रताप , अकबर के समकालीन थे।