@@snehalwakode5291 Siva g pujejate suwarashtra ki asthapana ki ani logo ke liye lade neeche se uper aye jaat dhrm ki bhedbhav nai ki ak ideal hai ( RANJEET KO 90% LOG JANTA BHI NAI APNI GA****D BACHANE KE LIYE ak samudai ki narsaghar last me India saat vilai kiya I bhi sarto ke adhar par wahi 35/A 370 samjhe samjhe murkho ke raaja
@@pratikpatel3379 Maratha kabhi bhi bramhano ko sharan nahi gaye the..balki bramhanhoka bramhanatva marathavonki vajashe tha nahi to vo konse dharm ke kelate ye aap jante honge shayad
शिवा जी एक इन्साफ परस्त शासक थे।शिवा जी हिंदू मुसलमान वी हर धर्म के लोगों का सम्मान करते थे,शिवा जी का सिपहसालार एक मुस्लिम थे जिनपर शिवा जी बी इन्तेहा भरोसा करते थे।
मुकेश कुमारजी एक दुष्ट व्यक्ति पढ़लिखकर और अच्छी सैलरी पर जाकर ब्राम्हणों से जलन और तीव्र ईर्ष्या का जहर उगलता ही है, यह अच्छी तरह जाना हुआ तथ्य है। प्रोफेसर राम पुनियानी इस्लामिक आतंकवाद के समर्थन, वामपंथी एजेंडा फैलाने, जलन के कारन जो कई जगह इसी तरह की जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं। यह भलीभांति जानी हुई बात है। वैसे जातीय नफरत, ब्राम्हणों के विरुद्ध ईर्ष्यापूर्ण प्रचार में काफी पैसा और अन्य सुविधाएँ भी बांटी जा रही हैं। आप कितना कमाते हैं इसका मुझे पता नहीं है। फिर भी ऐसा ही प्रयास आप पर्यावरण को सुधारने, पशुओं को बचाने, मोहल्ले में स्वच्छता बनाए राखमे में करें तो अच्छा होगा। वैसे इस राम पुनियानी का योग चेहरा नहीं देखना चाहते हैं यह बहुत बदनाम है। कृपया अपनी लोकप्रियता खराब न करें।
@@untrainedytbr2454मुकेश कुमारजी एक दुष्ट व्यक्ति पढ़लिखकर और अच्छी सैलरी पर जाकर ब्राम्हणों से जलन और तीव्र ईर्ष्या का जहर उगलता ही है, यह अच्छी तरह जाना हुआ तथ्य है। प्रोफेसर राम पुनियानी इस्लामिक आतंकवाद के समर्थन, वामपंथी एजेंडा फैलाने, जलन के कारन जो कई जगह इसी तरह की जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं। यह भलीभांति जानी हुई बात है। वैसे जातीय नफरत, ब्राम्हणों के विरुद्ध ईर्ष्यापूर्ण प्रचार में काफी पैसा और अन्य सुविधाएँ भी बांटी जा रही हैं। आप कितना कमाते हैं इसका मुझे पता नहीं है। फिर भी ऐसा ही प्रयास आप पर्यावरण को सुधारने, पशुओं को बचाने, मोहल्ले में स्वच्छता बनाए राखमे में करें तो अच्छा होगा। वैसे इस राम पुनियानी का योग चेहरा नहीं देखना चाहते हैं यह बहुत बदनाम है। कृपया अपनी लोकप्रियता खराब न करें।
मै ब्राह्मण हूं । मेरे पुर्वज शिवाजी महाराज के दरबार में नौकर थे। वे महाराज के दरबार में पंत अमात्य थे। हमारा उपनाम पहले बावडेकर था। शिवाजी महाराज ने हमारे पुर्वज जो उनके दरबार में अमात्य थे , उनको पंडित नाम की उपाधी दी थी । और हमारे पुर्वजों ने शिवाजी महाराज के पश्चात भी हिंदवी स्वराज्य की सेवा की थी ।
@@indukumarnirbadkar2899 तुमच्याकडे कोणाला काय म्हणतात ते आम्हाला सांगू नका.आम्ही छत्रपती शिवाजी महाराजांना कुळवाडी भूषण म्हणतो.म्हणजे तुम्ही चक्क महाराजांचा अपमान करत आहात!पुरंदरे किंवा किडे गुरुजींच्या तालमीत वाढलेले दिसता?
@@ganeshshinde4875 महाराजांनी स्वतःला कुळवाडी भूषण म्हटलेलं नाही तुमचे ब्रिगेडी विचार तुमच्याकडे ठेवा. महाराज स्वतःला अस्सल 96 कुळी क्षत्रिय मराठा राजपूत वंशाचे म्हणत असत. आणि ते सिद्ध झाले आहे. कुणबी किंव्हा कुळवाडी शी काही संबंध नाही.
@@indukumarnirbadkar2899 अर्ध्या हळकुंडाने पिवळ्या झालेल्या लोकांशी मी सहसा चर्चा करत नाही.महाराजांना सर्वात जास्त या तथाकथित ९६ कुळींनीच त्रास दिला होता.छत्रपती शिवाजी महाराज हे शेतकऱ्यांचे, गरिबांचे, रयतेचे राजे होते.कुणा एका जातीचे नाही.इतिहास नीट वाचा.डोळ्यावरचे जातीचे झापड काढल्याशिवाय महाराज नीट कळत नाही.कुळवाडी म्हणजे शेतकरी.हा शब्द मध्ययुगापासून वापरात आहे.तुमच्याकडे हा कसा काय आला नाही याचे नवलच.बहुतेक तुम्हीच तो समजून घेतला नसेल. वाचा...
बहुत अच्छी जानकारी दी मुकेश जी आपने शिवाजी महाराज का इतिहास का सच सामने लाने के लिए शुक्रिया कलम के कसाइयों ने शिवाजी महाराज का इतिहास तोड़ मरोड़केर पेश किया है
Kisi ne nahi toda maroda Dadaji Konddev aur Swami Samarth Ramdas unke Guru the aur woh bhi Brahman the aur akhirkar jisne unka rajyabhishek Kiya woh bhi Brahman tha na...Shivaji ka virodh kitne hi Marathao ne Kiya... Chandrarao More Kaun the...aur Chandrasen Jadhav jinhone Shahu ke khilaaf vidroh Kiya tha woh Kaun the..Bajirao Peshwa jo ki Brahman the aur itne bade Senapati the unhone unki madad ki Lekin Puniya I ji ne uska jikar nahi karenge yeh kya divisive agenda hain...Babasaheb Purandare ji ne Sambhaji par bhi Lao Chinese likhi hain unki Prashansa mein uspar Puniyani ki baat nahi karenge. Kyon.
@@Spiritkill1 एक बात ही काफि नहीं की शिवा जी का राज्या bhishek पैर के अँगूठे से किया गया किउँ??? सामजिक samrasta की बात करता है आप का समाज लेकिन किया उसपर अमल भी करता है?
@@RehanKhan-hd2sm Samajik Samrasta matlab yeh nahin ki ek community ke Keval dosh hi nikalon... Brahmanon ne acche kaam bhi kiye...aur pair ke anguthe se rajyabhishek hua yeh Kahan likha hain.. pucho Puniyani ji se.. aur tum logo ke Sunni - Shia ke jhagde mitaon...mujhe puchne se pahle...Tab kaha jaati hain tum logo ki Samrasta...dusron ki Samrasta Nikal raha hain...padhke aa pahle.
आदरणीय @manumahali6033🙏! हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। महाराष्ट्र में औरंगजेब के बच्चों को लेकर हुए विवाद से आप सभी वाकिफ होंगे।यहभी हमारे देश में इस हास्यास्पद प्रक्रिया की एक घटना है। औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है। जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है। क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है। 1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया। इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए। लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं। तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है। क्या इसे बदलना संभव है? आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा। मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं। अवधूत जोशी
Before praising Ram Puniyani, first read and learn what all he said about Shivaji Maharaj........ He himself said Shivaji Maharaj destroyed all Temples........ Don't Praise this duffer.
@surgical analysis How can chatrapati shivaji destroyed temples.in fact chatrapati constructed temples & instructed portuguese not to destroy Hindu temples in Goa.also through a letter he reqiested auranzeb ngot to haram temple of Ellora in aurangabad.this duo spreding wrong information.& deviding hindus on cast.ban this channel & put them behind bar.
Shivaji did not destroy any temples. But he wasn't a great temple builder either. He built many forts including the great sea port of Sindhudurga. He knew where to spend the government resources unlike the current PM
You guys did an excellent job spreading the information! Suggesting some books or reading over the topic in each episode would be helpful. For example, which book would you recommend as an excellent read to get to know Shivaji Maharaj?
शिवाजी महाराज एक बुद्धिमान राजा थे _ को शुद्र के आइकन हैं। चूंकि ब्राह्मणों ने शिवाजी को सम्मान नहीं दिया। सच्ची रिपोर्ट के लिए शुक्रिया और हार्दिक शुभकामनाएं।
,किसी भी भ्रम में न पड़ो। सभी जातियों को सम्मान देते हुए यह भारत देश आगे ही रहा। मुगलों और अंग्रेजों से सभी जातियां लडी और शिवाजी ही नहीं बल्कि को सम्मान मिला
@@TradingSikka negativity to tum faila rahe ho or usi me ji rahe ho pehele pata kar le ki Mahatma fule ki vajah se maharaj ka pata chala unke samadhi ka pata chala kisi Brahman ne nahi pata lagaya tu muze bramhan ya fir bramahan ki chotivala lagata hai jo tu maharaj ko bramahan ke biradari me lena cahata hai lekin usi bramahan ne maharaj ke sath dhoka Kiya hai
Iske kuch reason hai 1. Brahman hamesha satta ke pass rehta hai..... usse satta nahi chaiye bus satta ka sanrakshan chahiye. 2. Aapse jo brahman nafrat karege, wahi aapke pass satta aane ke baad aapke aas pass ghumte phirege. 3. Brahman janta ki aur praja ki chinta nahi karta woh bus yeh sochta hai ki Raja ko kaise Khush rakha jaye. 4. Aapne media ki baat ki, jo aaj modi ke saath hai wahi kal agar congress satta me aayi toh uske saath rahege. 5. Brahman ki manyata aaj bhi kam nahi hai, aaj bhi unhe kewal jaati ke naam pe sabse jayada samman milta hai. 6. Ek aur baat agar brahman se galti ho jaye toh usse mistake kehte hai, lekin agar koi dusri caste se galti ho jaye khaskar choti jaati se toh woh sidhe uss insaan ke talent pe question karta hai aur yahi chiz dusre caste waale ko jayada conservative banati hai.
Kya hota h varnbpratha pata h tumhe, vishvamitra ko pehle jab wo ek shatriya ki tarah karya karta tha to use kshatriya kaha gaya lekin jab usne kathor tapasya karke brahmagyan prapt karke brahmin ki sari status pali to use brahmin kaha gaya.meine v suna h ki brahmin maharaj ka coronation ke liye taiyaar nahi the lekin kuch log ke karan tum sachchai ko hi jhuth bol rahe ho.varn ka arth jano pehle,varn pratha choice of work par dependent hoti h naki karm.
Chatrapati shivaji maharaj aur bajirao ne irrespective of caste saved hindus and hinduisam respected kids old age and women which is our sanskriti whatever he had done in the interest of hindu community that's why they are even respected even today throughout hindustan .-jaihind har har mahadev .
Both the brave ,Corragious and noble warriors were tortured and mentally harassed by the mean-minded religious bigoted priestly people including their own family members of the Peshava
Please differentiate between race and religion.Hindu is the name of race.Nowhre in Vedas and Purans the Hindu and hindisim is found. Hindu race includes all minorities.
प्रौढ प्रताप पुरंदर, क्षत्रिय कुलावतंस, सिंहासनाधीश्वर, महाराजाधिराज, महाराज, योगिराज, श्रीमंत श्री श्री श्री छत्रपती शिवाजी महाराज की जय, छत्रपती संभाजी महाराज की जय..... ⛳⛳जय हिंद जय महाराष्ट्र⛳⛳
@@factwithyogesh335 inke Raj(so called Shudra) mein hindu brahmano surakhshit the.Peshwaho(so called brahmano)ke raj mein Ahmad Shah Abdali ka khupsoorat chehra dekhne pada 😆
छत्रपती शिवाजी महाराज का तिलक पैर के अंगुठे से करने के बारे मे कुछ जानकारी हो तो बताओ. ऐसी बाते कहकर यह लोग महाराज को बदनाम कर रहे है. औरंगजेब के दरबार मे भी जिन्होंने अपमान सहन नही किया वो अपने हि दरबार मे अपमान कैसे सहन कर सकते हैं?
@@indukumarnirbadkar2899 पैर से तिलक करना तो दूर सिर्फ यह बात कह भी देता तो भी उसका कडेलोट किया जाता. फिर भी हमारे महाराष्ट्र कि लोग भी इनके बातोंकी सच मानने लग जाते है.
Chhatrapati shivaji maharaj he janmane maratha hote.maratha hi kshatriya varn madhe modate. He ram puniyani mag क्षुद्र kase kay mhanatat. यावरून yancha खोटारडेपणा उघड होतो
अगर एक ब्राह्मण किसी सरकारी उच्च पद पर बैठ जाता है तो अपने नीचे के लोगों को भी ब्राह्मण ही नुक्त करता है और उदाहरण हमे विश्विद्यालयों में देखने को मिलता है।
Abe main tujhe udharan de Sakta hoon Nichle jaatiyon ka Jo khud nichli jaatiyon Ko pad par niyukt karte hain.. Modi khud OBC hain use Brahmanon ne vote nahi diya kya kya saare voter OBC the Shah bhi Brahman nahi hain...Modi ke cabinet main sirf do Brahman aur unke se ek Ko cabinet reshuffle mein hata diya Gaya hain...!!!
जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। इस तरह के सांप्रदायिक माहौल को बदलकर देश में एक रचनात्मक वातावरण बनाने में आपके द्वारा स्टार्ट की गई यह शरीर अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
गागा भट्ट कोड़ से ग्रस्त ब्राह्मण था उसने तीन लाख रुपए की रिश्वत लेकर बाएं पैर के अंगूठे से शिवाजी का राज्य तिलक किया था उस समय एक रुपया में १५ शेर घी बिकता था। ५० हजार ब्राह्मणों को six महीने विप्र भोज कराया था पंच गंगा नदी में स्नान कराकर दान दक्षिणा दी थी। इसके साथ तीन रिजर्वेशन मांगे थे। १ राज्य के मंत्री ब्राह्मण ही होंगे। २ राज्य के सारे धार्मिक कार्य ब्राह्मण पुरोहित से सम्पन्न होंगे। ३ अछूत सुबह शाम सार्वजनिक रास्तों में नहीं चलेंगे।उनकी छाया किसी ब्राह्मण को नहीं पड़नी चाहिए।
बहोत बढ़िया डा. मुकेश कुमार और डा. राम पुनियानी साहब, दोनो महाशय ने छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास की हेल्थी डिस्कस की अच्छा लगा, महाराज के वफादार मुस्लिम सरदार थे सिद्ध हिलाल: घुड़सवार दल के सेनापति सहाय्यक, सिद्ध वह : घुड़सवार दल के सरदार, सिद्धि इब्राहिम : शिवाजी महाराज का अंगरक्षक, फोंड्या केले का किलेदार, नूरखान बेग: स्वराज का पहला सरनोबत, मदारी मेहतर: महाराज का विश्वासी सेवक, काजी हैदर महाराज का वकील/ सचिव, शामाखान : सरदार, हुसैन खान मियाना: लश्कर में अधिकारी, और रुस्तम ए जमान : महाराज का खास दोस्त, दरिया सारंग: आरमार का पहला सुभेदार, इब्राहिम खान : आरमार में अधिकारी ऐसे २० सो मुस्लिम थे। और सब से बड़ी बात जब शिवाजी महाराज के खिलाफ कृष्णाजी भास्कर कुलकर्णी ने हमला किया तो मुकाबला मुस्लिम ने किया। ये इतिहास लोगों को बताए। धन्यवाद।
@@indukumarnirbadkar2899 ए भाऊ, फेकत नाही, मी पण महाराष्ट्रातील ( by Generation) आहे, आणी नावासकट माहिती दिली आहे. आणि तु जर खरा मराठा असेल तर तुझ म्हणनं सिद्ध करून दाखव.
मैने ये बहुत पहले एक पत्रिका सरस सलिल में ये पढ़ा था की ब्राह्मणों ने छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक पैर के अंगूठे से किया था और आज पूरी तरह कन्फर्म भी हो गया 🙏🙏🙏
@@disharojgarcareermargdarsh280जो तुम बोलो वो सही बाकी सारा इतिहास गलत अगर गलत है तो कोर्ट क्यों नही जाते तुमलोग तो मामूली बातो में भी कोर्ट चले जाते हो भले ही सिर झुकाए वापस आ जाओ
आदरणीय @arunsachan6441🙏! हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। महाराष्ट्र में औरंगजेब के बच्चों को लेकर हुए विवाद से आप सभी वाकिफ होंगे।यहभी हमारे देश में इस हास्यास्पद प्रक्रिया की एक घटना है। औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है। जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है। क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है। 1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया। इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए। लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं। तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है। क्या इसे बदलना संभव है? आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा। मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं। अवधूत जोशी
Shivaji Raja was a Maratha king, there were many Brahmins who were in his service. गागाभट्ट जी ने ही उनका राज्याभिषेक किया था! शिवाजी राजा के जमाने मे भी आप की तरह हिंदू द्वेष करने वाले लोग थे जिन्हों ने बहोत कुछ disservice दी है हिंदू समाज को!
छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या सेनेत @30% मुस्लीम होते..! त्यांना 'गोब्राम्हण प्रतीपालक', 'म्लेच्छ संहारक' वगैरे उपाध्या देणे हि मनुवादाला फुकटात गौरवांवीत करण्याची धुर्त चाल आहे.
Kendriy sattaki gulami pasand nahi thi unhe, wo Swatantrata chahate the isaliye sattase bagawat kar apana alag rajy stafit kiya tha unhone. Bijapur ki adilshahi ke mulk me se kuchh hissa our Mughal emperor ka hissa bane Nizam ke mulk ka kuchh hissa Shivaji Maharaj ki riyasat bana tha. Isaliye unhe Mughal our Adil Shah donoke sath ladhana pada tha. Adilshahi ko Mughalone jab khatm kar diya tab bachi thi sirf Mughal satta. Wo satta sangharsh hi tha magar use Dharm ke thekedarone Dharm sangharsh banake pesh kiya.
मूर्खों जैसी बाते मत करो । शिवाजी महाराज को भारत का एक भी मुसलमान नही मानता । शिवाजी महाराज ने तलवार ही उठाई ही थी मुसलमानों के खिलाफ । और भारत के मुसलमान ये बात अच्छी प्रकार से जानते है । ऐसा नहीं होता तो मुसलमान अपना अलग देश नही मांगते ।
Chatrapati Shiva ji maharaj caste se "kurmi" the ye baat bahut kam log jante honge...sayad he koi kurmi yaha aakar kahe unhe apna bataye kyuki kurmiyo ke liye Shiva ji maharaj sabhi ke the....🧘
6:51 इतिहास में एक प्रसंग है जब शिवजी महाराज के वंशज, राजर्षि शाहु महाराज को भी ब्राह्मणों ने क्षत्रिय मानने से इनकार कर दिया था, वो उनको शुद्र मानते थे, ये दर्शाता है कि ब्राह्मण शिवजी महाराज को हमेशा शुद्र ही समझते थे, आज भी समझते हैं, इसका proof - भाजपा के एक deptuy mayor अहमदनगर के, श्रीपाद छिंदम, जो ब्राह्मण हैं, उनकी कॉल रेकॉर्डिंग youtube पर वायरल है, ब्राह्मण शिवाजी महाराज के बारे में आपस में किस तरह बात करता है, पता चल जाएगा ।
Yes brother, when will our people wake up 🙂, abto Maharashtra Mai reservation bhi gaya, neet Mai se bhi arakashan gaya, apna opposition bhi chutiya hai itna bada mude chodrahe hai 😴.
Mera OBC Samaaj itna adhik murkh hai ki jis Manuwadi RSS ( BJP) ne Mandal Commission ka sarak par utar kar OBC aarakshan ka sbse adhik virodh kiya , us BJP ( RSS) ko sbse adhik Andh-bhakt voters aur karye-karta bhi OBC samaaj se mil'e ... Universities me OBC professors SC se bhi km hain jb ki aabadi me OBC ki sankhya SC ke double se bhi adhik hai . OBC ki sankhya 52 % nahi balki 65 % se bhi adhik hai (BJP sarkaar jaati ke aadhar par census nahi karwa kar OBC samaaj ke 65% aarakshan par rok lgane ka kaam kar rahi hai ) . Jai Periyar. Jai Phule. Jai Bhim. Jai Shahuji Maharaj. Jai Karpuri . Jai Mandal . Jai Johaar. Jai Jawaan . Jai Kisaan. Jai Samvidhan hi Jai Bharat hai 🙏
@@digmberkatara5308 not today, brahmin today is because of his name or family caste, they do not follow any brahmin values, nor make any abhyas to be brahmin by virtue.
शिवाजी जी क्षत्रिय थे ये राजनेता लोग हम हिन्दुओं को आपस में लड़ाकर फूट डालो और राज करो की नीति अपना रहे हैं हिन्दू भाइयों इनके बहकावे में न आइये जय शिवाजी जय हिन्दुत्व
@@cppathak6727Hindu the to Pongo ne Rajyabhishekh karne se Inkar kyu kiya tha ...???😜 Mughlo ke Sena me Shamil Hoke Shivaji Maharaj k khilaf kyu Lad rahe the ???😜 Krushna Bhaskar Ponge ne Svivaji Maharaj pe Kyu Talwar Chalayi thi ???😜
@@dr.mukeshkumar8142 The king of England when faced with same circumstances as Shivaji the great did refused to submit to Catholic pope and created own church.
तीनसौ वर्ष परतंत्रता होने के कारण किसी भी ब्राह्मण को राज्याभिषेक का विधी ही पता नहीं था और पूरे भारत में महाराज को मान्यता मिलें इस लिए महाराष्ट्र के ब्राह्मण समाज ने काशी के वरिष्ठ पुरोहित गागा भट्ट को बुलाया और राज्याभिषेक किया।
@@user-ux3zq8di5f arey murkho pehle se iss desh pr क्षत्रिय राजा महाराजा का राज चालता रहा था... जब राजकुमार का राज्याभिषेक होता था तभह ओ राजा महाराजा बनता था ... जब देश आझाद हुआ भारत का संविधान बनकर तयार ह्या उसि दीन से ये राजा महाराजा नवाब जैसे पद खतम करके देश के राजा ऑर प्रजा की संकल्पना खतम हूवा... Aur iss desh ki प्रजा भारतीय नागरिक बन गयी जहा संविधान ने सभी नागरिक को कायदेसे समान माना गया .. यहा पर सभी नागरिक एकसमान हैं ... किसी को जाती धर्म पंथ उच नीच के आधार कम या ज्यादा नहीं नापा जायेगा .. सभी के अधिकार ऑर हक्क समान हैं
आदरणीय @jasbirkaur6893🙏! हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। महाराष्ट्र में औरंगजेब के बच्चों को लेकर हुए विवाद से आप सभी वाकिफ होंगे।यहभी हमारे देश में इस हास्यास्पद प्रक्रिया की एक घटना है। औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है। जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है। क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है। 1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया। इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए। लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं। तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है। क्या इसे बदलना संभव है? आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा। मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं। अवधूत जोशी
सर जी🙏🙏🙏 आप कृपया केवल शिवाजी ऐसा नामोल्लेख मत करो. उनको छत्रपती शिवाजी महाराज ऐसा उल्लेख किया करो. और कौन कहता है कि छत्रपती शिवाजी महाराज छत्रीय नही थे ?
शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का वाकया कहता है कि वो क्षत्रिय नहीं थे !वरना उस जमाने के सबसे ज्यादा विद्वान ब्राह्मण उन्हें क्षत्रिय मानने से इंकार क्यों करते ?
Hate mongers, these people were responsible for murdering 5000 Brahmins after the assassination of Ghandi. These people made the life of Brahmins in Southern states & in Kashmir miserable!
🙏माहिती अनमोल आहे सर.... आम्ही पण जागृत शेतकरी मराठी माणूस आहे.... तुम्ही आॅनलाईन इतिहास सांगत आहेत... आणि आम्ही आॅफलाईन.... फक्त सर छञपती किंवा महाराज तरी शब्दप्रयोग करा.... किंवा कुळवाडी भुषण & रयत राजा म्हणा... जरा अभिमानाने सामान्य जनता माहिती स्वीकारेल... 🙏तुम्हाला माहिती भरपूर आहेत... त्याचा अभिमान वाटतो... लहान भाऊ समजुन पुढच्या व्हिडिओ मध्ये आदरयुक्त शब्द कोणत्याही सत्यमेव महापुरुषांसाठी🙏
@@SanatanAngel are rampunayani hi kyo jo bhi itihaskar brahmanoo ki sachhai batata he wo vampanthi ,naxsal , communist , urban naxal , atanki , khalistani sab ho jata he , or agar manuwad ko achaa kahe wo badiya jese golvarkar, savarkar, manu
Sir Mukesh ji aur puniyani sir ji jo sach aap batate hai aaj bhi logo me vo dikhayi deta hai desh mein parman milte hai isliye aap please videos banaye ta ki aane wale bache sacha itihas jaan sake. Hum aapke sath hai har tarah se. Thanks
डॉ. मुकेशजी और आदरणीय डॉ. पुनियानीजी आप दोनो का दिल से धन्यवाद करता हूॅ... आप दोनो ने छत्रपती शिवाजी महाराजकी नितीयाॅ, सुशासन प्रजा के प्रती प्यार और साथमे महाराष्ट्रकी राजनीती का बहोत अच्छी तर से और मेहनत से अध्ययन किया है. और तथ्थ्योको सामने रखा है. पहिली बार मैने आपका एपीसोड देखा लाईक और सबस्क्राईब मी किया...
दिगंबर गायकवाड, tumhi महाराष्ट्रियन आहात. Mala ek sanga, Chhatrapati Shivaji Maharaj janmane शुद्र kase.?महाराष्ट्रात मराठा ही जात क्षत्रिय आहे,असे असताना राम पुनीयानी धडधडीत खोटे बोलतात. Ram puniyani ek vampanthi प्रोफेसर aahet.te महाराष्ट्रियन नाहीत.
@@SanatanAngel आगदी बरोबर . शिवाजी महाराजां च्या भोसले घराण्याचे मूळ मेवाड च्या शिसोदीया घराण्या शी जोडले गेले ले आहे. आणि शिसोदिया क्षत्रीय राजपूत होते . शुद्र नाहीं । हे सत्य हिंदी चॅनेल अ सत्य कथन करीत आहे. राम पुनिया लोकांना भ्रमीत कराय चे काम करीत आहे . अशां पासून सावध रहणे गरजेचे आहे.
@@SanatanAngel या चर्चेत पण बघा ना बोलवलं ते पण कोणाला एका वामपंथी ला जो धड इतिहास पण जाणत नाही . या चर्चेला महाराष्ट्रातील सच्चे शिव चरित्र अभ्यासक का नाही बोलवले. ते असते तर त्यांनी सत्य आधारीत प्रखर आणि संघटीत करणारा प्रेरक इतिहास मांडला असता ना ? हेच तर या लोकांना नको आहे. यांचा अजेंडा फक्त भ्रम फैलावणे .
@@himmsingz Christianity and Islam are Abrahamic religion. They say only our religion is true others religious people will go to hell. Also they want to make whole world Christian or Islamic. Sanatan dharm is inclusive.
@@dr.santoshgupta5975 Bhai Sasta nasha karna band kro . Sach dikhai dega. Breast tax , Dasi pratha , Sati pratha , Niyog pratha sab kisne failai ? Jab Mughal aur British nahi aaye the tab bhi Jativad tha . Hindu koi dharm nahi he. Ye shuddh roop se Sanatani Brahman Dharm he.
@@dr.santoshgupta5975 Babar ko India lane wala sawarn Rana Sanga tha . Keral me Brahman Beef khata he . UP Gujrat me Dalit aur Muslim ko Marta he. Ye Doglapan aur kahi nahi milega.
इतिहास में तो बहुत कुछ हुआ है. सच तो ये है कि ताकतवर हमेशा कमज़ोर को सताएगा.क्या सिवाजी हिन्दू थे,क्या वो तिलक लगाते थे,क्या वे भगवान शिव की पूजा करते थे?
सभी समाज में सब बुरे होते हैं ऐसा नहीं ये आप ही कहते हैं। जैसे आज भी चल रहा हैं ममता जी हों और कई लोग जिनकी विचारधारा एक समुदाय के प्रति ज्यादा झुकाव वाली हैं उस समय भी मुगलों ने जातिवादी प्रथा डाली हों ऐसा भी हैं और सब पावर मुगलों के पास थे तो तलवार का जोर हो या पैसे का पॉवर उस समय भी इसका इस्तेमाल होता होगा। जय जिजाऊ जय शिवराय जय शंभुराजे
"जनेऊधारी जानवरों" का "शूद्रों" से व्यववहार कैसा था।ये बताया है "वीर सावरकर" ने अपनी पुस्तक "मोपला" में।पुस्तक का एक अंश- वहां(केरल) के ब्राह्मणवृन्द ने वेदों का रक्षण इतनी उत्कृष्टता सहित किया है कि, स्नान और सन्ध्या से विरत हो कर शुभ्र एवं शुद्ध यज्ञोपवीत धारण कर चारों ही वेदों का सस्वर शुद्ध और भ्रमरहित तथा धारा प्रवाह पाठ करते हुए वे आज भी दृष्टि गोचर होते हैं । परन्तु वेदों के पठन-पाठन का अधिकार "शूद्रों" को नहीं है, इसी धारणा के फलस्वरूप ब्राह्मणों के मुख से उच्चारित वेदों की पावन ध्वनि अन्य "जातियों" को सुनाई न पड़ सके, इस बात को दृष्टिगत रखकर इन ब्राह्मणों ने अपनी बस्ती ग्राम की सीमा पर अन्य लोगों से दूर बसाई थी । उनके घरों के आगे कुछ दूरी पर "नायर" परिवार बसते थे । नायर अपने आप को "क्षत्रिय" समझते हैं।और किसी "ब्राह्मण" का कनिष्ठ पुत्र नायर की "कन्या" से "विवाह" कर सकता था,किन्तु ब्राह्मण के ज्येष्ठ पुत्र के लिए "ब्राह्मण कन्या" को ही अपनी "जीवन संगिनी" बनाना अनिवार्य था । इसका कारण यह था कि नायरों से अनुलोम पद्धति के अन्तर्गत "सम्बन्ध" स्थापित करना , उस जाति के साथ "रक्त संबंध" व "बीज संबंध" स्थापित करना वे अपनी जाति की "उच्चता" के अनुरूप मानते थे। उनका बीज, रक्त और जाति का अस्तित्व विशुद्ध रखने में विश्वास था । नायर भी थिय्या , नवाड़ी , यलाबन, कलियन और मसकून इत्यादि जातियों को "अछुत" समझते थे। अतः उनकी भी यह धारणा थी कि इस जाति के किसी व्यक्ति का दर्शन करना भी अनिष्टकारी है । इसी कारण इन जातियों के परिवार प्रत्येक ग्राम में ही मुख्य बस्ती से मील - आधा मील की दूरी पर बसे हुए थे ।इस सामाजिक रूढ़ि से विश्रृंखलित सम्पूर्ण हिन्दू समाज के समान ही कुट्टम्ग्राम की यह बस्ती भी व्यवस्थित रीति से अलग-अलग बसी हुई थी।
शिवाजी महाराज के सैन्य में अनेक ब्राह्मण योद्धा थे जिन्होंने हिंदवी स्वाराज्य स्थापना हेतू अपना खून बहाया था। अपना तन मन धन अर्पण किया था। कई नाम ब्राह्मणों के है जो शायद आप जानते नहीं या जानते हुवे अनजान बन रहें है ।
Mukeshji. I regularly watch your videos and I like your content and the way you conduct the discussion. I am a Maharashtrian. But regarding this discussion, I am very upset with the title. We always use either Chatrapati or Maharaj before or after the word Shivaji i.e Chatrapati Shivaji Maharaj. This is the symbol of respect that we use for Shivaji Maharaj.
आपका ऐसे संबोधित करना खटकता है, किसी भी आदरणीय व्यक्ती के बारेमे जब हम बात करते है तब इस बात का खयाल रखना जरुरी है l क्यूकी जिनके बारेमे हम बात कर रहे होते है उनका कर्तृत्व इतना बडा है की हम और आप उनके आगे कर्तृत्वमे बहोत छोटे और मामुली है इसलिये उनका संबोधन आदरपूर्वक करे और आपकी आगळी सभी व्हिडीओमे इस्का पालन अवश्य हो l आपका ये व्हिडीओ बनानेका मकसद अच्छा है लेकिन ऐसा लागता है की उसमे जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है वो उचित नही है इसलिये इस बात का खयाल अवश्य रखे और आपके व्हिडीओ देखनेका हमारा आनंद द्विगुणित हो ! धन्यवाद !!
Tilak taraju aur talwar***********char (mishra hai Mera Naya yaar nashimsidik hai purana yaar)2, Jun 1995, Gunda v gundi and 2019, bhaya bahin elefent me bua ka bhatija cycle me with ges cylinder 2 Jun 1995, wala,,
@@suryavanshi1436 Tilak taraju aur talwar***********char (mishra hai Mera Naya yaar nashimsidik hai purana yaar)2, Jun,1995, Gunda v gundi and 2019, bhaya bahin elefent me bua ka bhatija cycle me with ges cylinder 2 Jun 1995, wala,
Sir puniyani ji , Mukesh ji Mera ek swal hai ki 7vi Sadi mein islaam bhart aya tha kya vo Lodhi vans tha. Jani ki behlol, sikander, Ibrahim Lodhi se sambandhit tha
I wonder why brahminism is so deadly against shudra(obc), avarn - untouchables(SC and st) . Both r different. It proves beyond any doubt that savarn are foreign origin. How can be one against with their brothern. Now in democracy still savarn control all levers of power and continue to deny rights to shudra by any hook and crook including use of violence.
Cchatrapati Shivaji Maharaj was a great revolutionary.He fought against so many religious, social, caste barriers and brought people of different castes together and filled them with one noble goal i.e. nation building.He was a raja who rewarded the the brave and the talented irrespective of their caste. He was the founder of modern India.
Sahi bat hai, obc is 60 percent bt no big leader ,brahmanvad chalta hai hindutva ke nam pai esa nhi to obc piche kyu, 2-3 percent Brahmin hi har jagah kyu 😴.bt ye niche ke comment bhi padhlo 🙏.
@@medico148 Mr. Rao. The parents of most of our famous socialist leaders were Brhamins , and most of the young generation are 'atheists '. What is more important to people like you, to keep them in the fold of Hinduism , or just let them be atheists ?
धन्यवाद मुकेशजी और रामजी. शिवाजी महाराज का सामान्य जनता का राज्य तीन सौ साल बाद आने वाले धर्मनिरपेक्ष भारतीय लोकतंत्र की निव या फाउंडेशन था. महाराज पुरोगामी विचार के थे पर सर्वसामान्य जनता के लिये धर्मनिरपेक्ष राज्य निर्माण की प्रक्रिया मे पाच शाही के विरोध मे लडने के कार्य मे अत्यंत व्यग्र थे फिर भी अनेक घटना ऐसी है जिसमे प्रचलित रुढीधर्म को उन्होंने ज्यादा महत्व नही दिया . राज्याभिषेक तो सिर्फ जनता को भयमुक्त और विश्र्वास देने के लिये किया. राजर्षी शाहू महाराज ने छत्रपती शिवाजी महाराज को जो सामाजिक सुधार अपेक्षित थे वो बाद में करे. ब्रिटिश व्यापारी सत्ता के अंधकार मे रवींद्रनाथ टागोर,लो. टिळक, म. फुले, डॉ आंबेडकर इत्यादी लोगोंने छत्रपती शिवाजी को ही अपना मार्गदर्शक दीपस्तंभ माना. रुढीधर्म की पकड इतनी मजबूत थी की संत ज्ञानेश्वर महाराज के ७०० साल बाद शुद्रो पे लादी मंदिर प्रवेश बंदी स्वतंत्र भारत के सरकार ने कायदा कराके उठायी.
Ram Puniyaji forgot to mention about Krushnaji Bhaskar Kulkarni, who was along with Afzal Khan came to capture ch. Shivaji. After the murdered of Afzal, the same Krushnaji Bhaskar Kulkarni attacked by Sword to kill Shivaji, however the Barbar community colleague Jiva Mahale saved Shivaji, then Shivaji killed Krushnaji Bhaskar. This history always kept under carpet by all historian's to protect Brahmins
Are he gave any proper source of things he blabbering how can you say that its a truth that he says that they do rajtilak with toe or finger of their legs 🤣🤣🤣🤣 Learn proper history my friend many Marathas also with muslim at that time and many Brahmins with not only shivaji maharaj but also with shaji maharaj.
Afzal Khan took 10 people as his companions with him while visiting Shivaji Maharaj. It included shivaji Maharajaj's cousin brothers Mambaji Bjosale for your kind information. Shivaji Maharaj was opposed by all casts serving mughals and adilshaha. And Shivaji Maharaj was served by all the casts and religions people who believed in him.
Shivaji's own family members were selling away their lands to mughals and british. In the story, Shivaji warns Krushnaji not to fight, as he will have to kill a Brahmin. But Krushnaji was a trusted minister of Afzal Khan. He chose to fight against Shivaji than betray Afzal Khan. In my opinion, he was much better than Shivaji's own family members.
Shivaji's own family members were selling their common lands and passing information about the Bhosle family to the mughals, British, Portuguese and other European powers. What made Shivaji different than Sanga or Pratap is that he fought against his own family members for his people, and also punished them cruelly according to their crimes. These topics are raised very commonly to highlight the "Brahmin arrogance", but there was no such thing. In fact, Shivaji's own family members' history is pushed under the carpet, many other back stabbings and betrayals are forgotten in the story, and everything stops at this Brahmin topic because Brahmins are not going to hit back which they should.
Punyaniji , Mukeshji , Chh Shivaji Maharaj had 8 Muslim Bodyguards. His Topkhana , artillery chief was a Muslim. His Naval chief was a Muslim A Muslim , Madari Mehtar helped Shivaji Maharaj to escape from Agra Prison. A BHRAHMIN lawyer of Afzal khan , Krishna Bhaskar Kulkarni, attacked Shivaji Maharaj with sword , the only wound on his body. Brahmins always looked down upon him as of Lower caste
@Vikram Singh : agar zhoot hota to James lane ko Shivaji ko badnaam karne kyu pune ke bamman ne sponsor kiya hotaa...angrez ho ya Mughal, Portuguese, French saabkaa saath bammanoney diya unki hukumat chalaney..thhoda padhai likhai bhi kiya karo, Modi bhi 8th standard pass hai ...
जब छत्रपती शिवाजी महाराज जैसे परमवीर, परम लोकप्रिय राजा (जिनसे मुगल बादशाह भी कांपते थे) के राज्याभिषेक का भी स्थानिक ब्राम्हण विरोध कर सकते थे, तो सामान्य जनता पर कितनी दहशत दिखाते होंगे..?
Chhatrapati Shivaji maharaja ko rajyabhishek karneme me us samay Brahmnone virodh isliye kiya kyonki ki unka sirf swaarth tha MUSLIM SHASHKO DWARA UNKO BAHOT DHAN JAHAANGIRI MILNEKI OFFER THI BRAHMNONKA SWARAAJYA KOI LENA N DENA THA vo sirf dhan sampatti aur jahaangiri chahte the Bade chaalaak the ve saare kuch chodkar andar se Muslim ruler se mile huye the aap kahi bhi dekho puran me Brahman nirdhan garib hota hai sirf donations se unka pet bharta tha Laalchi brahman none Muth bhar paiso ke liye ek sisodia kul raja Shivaji ko badnaam kiya tha Aur abhi bhi kar rahe hai MUGHLOKE TALVE CHATNE WAALE BRAHMAN KAAYAR THE MONGOL PURV KAAL ME BHI MARATHA YAA KHANDAANI MARATHON KO JANMJAAT RAJA PADVI THI UNHE RAO YAA RAJE SE SAMBODIT KIYA JATA THA BRAHMNON KO NAHI LEKIN MAHARAJA NE UNKO SAMMAN DIYA JAHAGIRI DI VATAN DIYA AUR APNI AUKAAT BHUL GAYE AUR ULTAA RAJA KO BADNAAM KARNA SHURU KAR DIYA vo abhi bhi kar rah hai In Brahmno ne akhad Hindu dharma jaati ome bata ve apne ko bhu dev kahte the Aurat mahilaake saath anyaay kiya kyonki stri onko shiksha lene ka adhikar nahi tha dalitonko ko to vo apne jaisa insaan nahi maante the Ab aap socho apne maalik ashraydaate Shivaji Raja se beimaani kar sakte the us samay jis samay praja bholi bhali thi Ashixit thi tab inhone iska faayda Liya aap jaante hai Sunthnkar to kaayasth kshtriya the lekin shilahar kings unke liye shankaracharya ko unhone aadesh yaa letter diya tha unko in kaayasth nko vedaadhikar deneka aur iske baad kshtriya Brahman ho gaye Historian Bhandarkar originally kaayasth hi tha lekin usne kshtriya maratha jaatko kunbi kahkar unka apmaan kiya Saalaa feku historian tha Aise feku historians se Hindusthan Itihas aur kuch huva Shayad iska khandan monglo ke janaankhane me kaam karta tha Marathonko badnaam karne ka ise kisne adhikar diya tha Kya iske baapjaade us samay Shivaji ke kaal me koi Raja the Pata tak nahi inki us samay kya aukaat thi
Not only in Maharashtra but globally, Shivaji Maharaj is the most highly admired king of all the times. So please take care in future while, you can use Shivaji Maharaj or Chatrapati Shivaji instead of using only Shivaji. I wish you best of luck for the great work that you are doing on social media.
Chatrapati Shivaji Maharaj Ji was Undoubtedly a Great Statesman, Warrior and above all a Secular King. One has only to Read the beautiful Letter in Chaste Persian of Chatrapati Shivaji Maharaj to Aurangzeb urging abolition of Jaziya Tax and One will Learn abouut the Secular Credentials, Character and Qualities of Chatrapati Shivaji Maharaj. Unfortunately People are not aware and utterly ignorant of the Greatness of Chatrapati Shivaji Maharaj.
बहुत ही तार्किक विश्लेषण रहा महानायक वीर शिवाजी के बारे में, शिवाजी का रग रग पुरुषार्थ से भरा था, उनका नाम लेते ही रगों में खून दुगनी स्पीड से दौड़ने लगता है अतातईओ के पसीने छूट जाते हैं मुगलों वह अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले उस महानायक को हम प्रणाम🙏 करते हैं देश के प्रेरणा स्रोत इंसानियत के पक्षधर गरीबों एवं असहाय की रक्षा करने वाले इतिहास के पन्नों में जगमगाते सितारों की तरह सदा चमकते रहेंगे, उनके कर्ज को भारत कभी उतार नहीं पाएगा, हिंदू समाज जन्म जन्मांतर उनका ऋणी रहेगा l
brahmin was straight forward they were not like those rajputs who sell there respect and showed cowardness giddar pana to great leader it is true if rajputs of india bikao aur dhokebaz ayeshi nahi hote toh humara bharat gulam kabhi nahi bnta kuch ko chor kar
fake totally fake ... this satya channel is communist congressi agenda to divide India .. because shivaji had ashtapradhan as brahmin ministers ... so dont peddle fake news
इन जैसे लोग ही समाज में वैमनस्यता पैदा करने का काम करते हैं। शिवाजी महाराज क्योंकि क्षतिरिय नहीं थे इसलिए अन्य राजा उन्हें राजा मानने को तैयार नहीं थे और राज्याभिषेक भी नहीं हुआ था।तब शिवाजी महाराज के पृधानमंतरी जो खुद एक बृहामण थे उन्होंने काशी के एक पृकांड विद्वान को बुलाकर शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया तथा उन्हें क्षतिरिय घोषित कराया।इसके अलावा वाजीराव और उनके पिता जो बृहामण ही थे , का योगदान इन्हें याद नहींहै।जय हिंद वंदेमातरम
Peshwa Ya Bhatt Brhamano ne Sivaji ko Kshtriya ghoshit kiya aur unke vansh ki Kshatriya Vidayata sabit ki. Iska kafi anya brahmano ne virodh kiya Kintu Bhatt logo ne Shivaji ke prati apni wafadari sabit ki.
I'm interested in Mr Ram Puniyani written books I searched on Amazon but most of them were not available Please advise me where can I find them please response
There are many mistakes in this as per me. Shivaji was not Shudra he was kshatriya Shivaji first teacher (next to his mother) was a brahmin who guided him equally well 7 out of 8 minister's of Shivaji were brahmins who also played eminent roles in the kingdom
@@ashishchaturvedi8273 Dadoji Konddev (Teacher of Shivaji) was a Brahmin, Dabir, Korde, Atre, Bokilkaka, Peshwa were ministers who were brahmins. You have added a word (Desatha) which I have not put in my post. One was from benares as per you - who ??
@@arunkulkarni5655 isn't it obvious that learned people are more qualified for post of minister or administrators ( brahmins comprised of that) Also it has been proved by several sources that brahmin considered marathas as shhudras and maratahas are shudras Ganga bhatt was a saryupareen brahmin from benaras after wo cornered him. Also u need to mention sources, in which 7 of his 8 ministers were brahmins. Chero dynasty( tribal) in jharkhand had all brahmins minister does that made brahmins consider him as kstriya??? No
क्षत्रपति शिवाजी महाराज की गुरु और पथ प्रदर्शक सिर्फ और सिर्फ उनकी राजमाता जीजा बाई या जिजाऊ माताजी ही थी जो की सिंधखेड के राजा की राजकुमारी थी जो की यदुवंशी थे समर्थ रामदास या कोई और शिवाजी महाराज का गुरु नही था समर्थ रामदास का एक पत्र राष्ट्रीय अभिलेखागार में सुरक्षित रखा है जिसमे वह शिवाजी महाराज को अपना परिचय देते हुए मिलने की याचना कर रहे है
Sir मेरा एक सवाल है जब ब्राह्मणों ने शिवा जी महाराज के राजा बनने के उपरांत संतुलन बना लिया तो ऐसा क्या हुआ की उन्हीं के वंशज साहू जी महाराज के साथ नहीं बना पाए एवं साहू जी महाराज को बार बार शूद्र होने का एहसास कराया? Plz स्पष्ट करें। Video ko लंबा रखें । बहुत जानकारी प्राप्त हो रही है। धन्यवाद 🙏🙏🙏
छत्रपती शाहू महाराज, पुरोगामी विचारक थे. उच्च शिक्षित थे और जातीवाद के खिलाफ थे. यह उस वक्त महाराष्ट्र के ब्राम्हण समाज को बर्दा स्त्त नहीं हुवा. और उनका राज्य खालसा करने की कोशिश की. इस कार्य मे सबसे बडा योगदान बाल गंगाधर तीलक का था. याद किजिये मोहन करमदास गाँधी की हत्या. यह वही कडी हैं.
कोई ऐ क्यु नहीं बताता है कि जब शिवा जी औरंगजेब की कैद में थे तब 17 ब्राम्हणों ने अपना दर्दनाक बलिदान देकर शिवा जी को बचाया था, क्योंकि वह समझते थे कि शिवाजी आखिरी सूर्योदय थे।
सबका साथ सब का विकास शिर्फ राजे छत्रपती शिवाजी महाराज ने ही किया है. 💪🏻🙏
Sirf Chhatrapati ShivaJi Maharaj hi nhi, Maharaja Ranjit Singh Ji k tym pe bhi sabka saath sabka vikaas kiya gya khalsa empire me.
@@harpreetsinghbatra8579 ranjeet ne narshanghar Kya tha apna Gyan apne pass he rakh siwaji ak cumulus= &accompaniying the
@@harpreetsinghbatra8579
Ranjit singh maharaja ki jai
@@kingempire9393
Shivaji maharaj itna kya kiya
@@snehalwakode5291
Siva g pujejate suwarashtra ki asthapana ki ani logo ke liye lade neeche se uper aye jaat dhrm ki bhedbhav nai ki ak ideal hai ( RANJEET KO 90% LOG JANTA BHI NAI APNI GA****D BACHANE KE LIYE ak samudai ki narsaghar last me India saat vilai kiya I bhi sarto ke adhar par wahi 35/A
370 samjhe samjhe murkho ke raaja
छत्रपती शिवाजी महाराज तो ब्राम्हन से भी ऊपर जाती भेद के ऊपर महान युग पुरुश थे …
Bhau Shivaji is above bhau bharaman, but bhau marathas are surrendered to bhau bharaman. Marathas should apply their own minds...
@@pratikpatel3379 Maratha kabhi bhi bramhano ko sharan nahi gaye the..balki bramhanhoka bramhanatva marathavonki vajashe tha nahi to vo konse dharm ke kelate ye aap jante honge shayad
you right bro
@@sachinsurve9698 अहो मग देव देव, मंदिर मंदिर करणे सोडा की!
@@vijayjosh5895 kolhapur madhe yach bramhanana vaitagun maratha samajatil kahi lokana vaidik shikshan devun mandiramadhe gurav nemale ,,purvi je char varna hote tya pramane aattache bramhan rahile nahit mhanun Shahu mharajana te karave lagale
शिवा जी एक इन्साफ परस्त शासक थे।शिवा जी हिंदू मुसलमान वी हर धर्म के लोगों का सम्मान करते थे,शिवा जी का सिपहसालार एक मुस्लिम थे जिनपर शिवा जी बी इन्तेहा भरोसा करते थे।
सव सै वफादार वंदा की कदर करता था
Ok buy
Right
Sahi kaha 🙏🏻
@@शिवबाआमचामल्हारी इब्राहिम गार्दी का भाई मोहम्मद गार्दी
बोलताना छत्रपति शिवाजी महाराज म्हणा मुकेश महाराजांना आदराने बोला जय भवानी जय शिवाजी 🚩🚩
Sudhra ata.. Yaat ch adkloy apn... Mukhya hetu bajula rahtoy
मुकेश कुमारजी एक दुष्ट व्यक्ति पढ़लिखकर और अच्छी सैलरी पर जाकर ब्राम्हणों से जलन और तीव्र ईर्ष्या का जहर उगलता ही है, यह अच्छी तरह जाना हुआ तथ्य है। प्रोफेसर राम पुनियानी इस्लामिक आतंकवाद के समर्थन, वामपंथी एजेंडा फैलाने, जलन के कारन जो कई जगह इसी तरह की जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं। यह भलीभांति जानी हुई बात है।
वैसे जातीय नफरत, ब्राम्हणों के विरुद्ध ईर्ष्यापूर्ण प्रचार में काफी पैसा और अन्य सुविधाएँ भी बांटी जा रही हैं। आप कितना कमाते हैं इसका मुझे पता नहीं है। फिर भी ऐसा ही प्रयास आप पर्यावरण को सुधारने, पशुओं को बचाने, मोहल्ले में स्वच्छता बनाए राखमे में करें तो अच्छा होगा। वैसे इस राम पुनियानी का योग चेहरा नहीं देखना चाहते हैं यह बहुत बदनाम है। कृपया अपनी लोकप्रियता खराब न करें।
@@untrainedytbr2454मुकेश कुमारजी एक दुष्ट व्यक्ति पढ़लिखकर और अच्छी सैलरी पर जाकर ब्राम्हणों से जलन और तीव्र ईर्ष्या का जहर उगलता ही है, यह अच्छी तरह जाना हुआ तथ्य है। प्रोफेसर राम पुनियानी इस्लामिक आतंकवाद के समर्थन, वामपंथी एजेंडा फैलाने, जलन के कारन जो कई जगह इसी तरह की जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं। यह भलीभांति जानी हुई बात है।
वैसे जातीय नफरत, ब्राम्हणों के विरुद्ध ईर्ष्यापूर्ण प्रचार में काफी पैसा और अन्य सुविधाएँ भी बांटी जा रही हैं। आप कितना कमाते हैं इसका मुझे पता नहीं है। फिर भी ऐसा ही प्रयास आप पर्यावरण को सुधारने, पशुओं को बचाने, मोहल्ले में स्वच्छता बनाए राखमे में करें तो अच्छा होगा। वैसे इस राम पुनियानी का योग चेहरा नहीं देखना चाहते हैं यह बहुत बदनाम है। कृपया अपनी लोकप्रियता खराब न करें।
@@untrainedytbr2454 ekdaum barobar uttar dile, marharajanchya nawane fakta dahsht pasarwatat. Tyanche vichar parsarwala pahije.
Jadhav manhje Up- Bihar che Yadaw barobar na?
आज भी ब्राह्मण ,व्यापारी सत्ता के नीचे ही लगे मिलेंगे, शासन चाहे कोई भी हो,
Sahi kaha
Even during British and Mughal rulers
Content is so enlightening, India needs more scholars like you. We wish you both good health, that is what we need in the true sense of the word.
Pandit nahru kaun tehe bhai
Sahi kaha ye apne Swarth ke liya kucch bhi kar sakte hai
मै ब्राह्मण हूं । मेरे पुर्वज शिवाजी महाराज के दरबार में नौकर थे।
वे महाराज के दरबार में पंत अमात्य थे।
हमारा उपनाम पहले बावडेकर था।
शिवाजी महाराज ने हमारे पुर्वज जो उनके दरबार में अमात्य थे , उनको पंडित नाम की उपाधी दी थी ।
और हमारे पुर्वजों ने शिवाजी महाराज के पश्चात भी हिंदवी स्वराज्य की सेवा की थी ।
Brahmin ne hi chhtrapati Sambhaji maharaj ki hatya karvai Thi dhoke se tum peshva mughlo aur angrejo ke dalal hi the
dalit bhudi ka logic bhi inke jaati ke tarah neech hai. brahmano rajyabhishek na kre toh jaatiwadi kare toh lalachi vah re dogle dalit
👌🏻💐
कुळवाडी भूषण,बहुजन प्रतिपालक छत्रपती शिवाजी महाराज की जय...
@@indukumarnirbadkar2899 तुमच्याकडे कोणाला काय म्हणतात ते आम्हाला सांगू नका.आम्ही छत्रपती शिवाजी महाराजांना कुळवाडी भूषण म्हणतो.म्हणजे तुम्ही चक्क महाराजांचा अपमान करत आहात!पुरंदरे किंवा किडे गुरुजींच्या तालमीत वाढलेले दिसता?
@@ganeshshinde4875 महाराजांनी स्वतःला कुळवाडी भूषण म्हटलेलं नाही तुमचे ब्रिगेडी विचार तुमच्याकडे ठेवा. महाराज स्वतःला अस्सल 96 कुळी क्षत्रिय मराठा राजपूत वंशाचे म्हणत असत. आणि ते सिद्ध झाले आहे. कुणबी किंव्हा कुळवाडी शी काही संबंध नाही.
@@indukumarnirbadkar2899 अर्ध्या हळकुंडाने पिवळ्या झालेल्या लोकांशी मी सहसा चर्चा करत नाही.महाराजांना सर्वात जास्त या तथाकथित ९६ कुळींनीच त्रास दिला होता.छत्रपती शिवाजी महाराज हे शेतकऱ्यांचे, गरिबांचे, रयतेचे राजे होते.कुणा एका जातीचे नाही.इतिहास नीट वाचा.डोळ्यावरचे जातीचे झापड काढल्याशिवाय महाराज नीट कळत नाही.कुळवाडी म्हणजे शेतकरी.हा शब्द मध्ययुगापासून वापरात आहे.तुमच्याकडे हा कसा काय आला नाही याचे नवलच.बहुतेक तुम्हीच तो समजून घेतला नसेल.
वाचा...
@@indukumarnirbadkar2899 'Kulwadi' ya shabdacha khara arth 'Bara - Balutedar' aani 'Aathara - Aalutedaranchi' 'Kule' sambhalnara. Aani tumhi tumche khote aani sadlele 'Pratisthani' vichar ithe pajalu naka thik aahe? 'Ajagal' tar tumcha 'Manohar Kulkarni' ( Kide) aahe tyala pahila swachhchha kara.
ruclips.net/video/m6qdwVEpBUE/видео.html
तो पुनयानी
औरंगजेबाला क्लीन चीट देतौय
अन
महाराष्र्टातील मराठी माणस आपआपसात वाद घालीत आहेत
काय दूर्दैव आहे
बहुत सटीक विश्लेषण किया सर आपने.
बहुत अच्छी जानकारी दी मुकेश जी आपने शिवाजी महाराज का इतिहास का सच सामने लाने के लिए शुक्रिया कलम के कसाइयों ने शिवाजी महाराज का इतिहास तोड़ मरोड़केर पेश किया है
Kisi ne nahi toda maroda Dadaji Konddev aur Swami Samarth Ramdas unke Guru the aur woh bhi Brahman the aur akhirkar jisne unka rajyabhishek Kiya woh bhi Brahman tha na...Shivaji ka virodh kitne hi Marathao ne Kiya... Chandrarao More Kaun the...aur Chandrasen Jadhav jinhone Shahu ke khilaaf vidroh Kiya tha woh Kaun the..Bajirao Peshwa jo ki Brahman the aur itne bade Senapati the unhone unki madad ki Lekin Puniya I ji ne uska jikar nahi karenge yeh kya divisive agenda hain...Babasaheb Purandare ji ne Sambhaji par bhi Lao Chinese likhi hain unki Prashansa mein uspar Puniyani ki baat nahi karenge. Kyon.
Kalam ke kasai his tarah Sangh hain waise Brahmin mamle mein yeh secularist bhi Kalam ke Kasai hain
@@Spiritkill1 एक बात ही काफि नहीं की शिवा जी का राज्या bhishek पैर के अँगूठे से किया गया किउँ??? सामजिक samrasta की बात करता है आप का समाज लेकिन किया उसपर अमल भी करता है?
@@RehanKhan-hd2sm Samajik Samrasta matlab yeh nahin ki ek community ke Keval dosh hi nikalon... Brahmanon ne acche kaam bhi kiye...aur pair ke anguthe se rajyabhishek hua yeh Kahan likha hain.. pucho Puniyani ji se.. aur tum logo ke Sunni - Shia ke jhagde mitaon...mujhe puchne se pahle...Tab kaha jaati hain tum logo ki Samrasta...dusron ki Samrasta Nikal raha hain...padhke aa pahle.
@@RehanKhan-hd2sm aur ek baat hi kaafi nahi matlab kya...tum Sunni aur Shiah ek dusre ke gale kaatte ho uska kya..😃
राजा वीर शिवाजी महाराज की जय हो.
Jay ho.. Jay ho
आदरणीय @manumahali6033🙏!
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
महाराष्ट्र में औरंगजेब के बच्चों को लेकर हुए विवाद से आप सभी वाकिफ होंगे।यहभी हमारे देश में इस हास्यास्पद प्रक्रिया की एक घटना है।
औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
क्या इसे बदलना संभव है?
आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
अवधूत जोशी
samrat ashok ki jai
श्रीमंत छत्रपती शिवाजी महाराज की जय, बहोत आभारी है सत्य बात बोली है.
Before praising Ram Puniyani, first read and learn what all he said about Shivaji Maharaj........ He himself said Shivaji Maharaj destroyed all Temples........ Don't Praise this duffer.
@@tradingtemperament375 do the fact check before saying.
Right ✅
@surgical analysis How can chatrapati shivaji destroyed temples.in fact chatrapati constructed temples & instructed portuguese not to destroy Hindu temples in Goa.also through a letter he reqiested auranzeb ngot to haram temple of Ellora in aurangabad.this duo spreding wrong information.& deviding hindus on cast.ban this channel & put them behind bar.
Shivaji did not destroy any temples. But he wasn't a great temple builder either. He built many forts including the great sea port of Sindhudurga. He knew where to spend the government resources unlike the current PM
You guys did an excellent job spreading the information! Suggesting some books or reading over the topic in each episode would be helpful. For example, which book would you recommend as an excellent read to get to know Shivaji Maharaj?
शिवाजी महाराज एक बुद्धिमान राजा थे _ को शुद्र के आइकन हैं। चूंकि ब्राह्मणों ने शिवाजी को सम्मान नहीं दिया। सच्ची रिपोर्ट के लिए शुक्रिया और हार्दिक शुभकामनाएं।
,किसी भी भ्रम में न पड़ो।
सभी जातियों को सम्मान देते हुए यह भारत देश आगे ही रहा।
मुगलों और अंग्रेजों से सभी जातियां लडी और शिवाजी ही नहीं बल्कि को सम्मान मिला
Maratha peshava brahmin the,kashi k ek brahman ne unka rajyabhishek kiya tha . Sirf negative ko sach bol rahe ho to ye kya h.
@@TradingSikka achha tuze pata hai achha bramhin or hindu me kya farak hai ye bata Abe pata kuch hai nahi apna itihas apne pass rakh
@@TradingSikka negativity to tum faila rahe ho or usi me ji rahe ho pehele pata kar le ki Mahatma fule ki vajah se maharaj ka pata chala unke samadhi ka pata chala kisi Brahman ne nahi pata lagaya tu muze bramhan ya fir bramahan ki chotivala lagata hai jo tu maharaj ko bramahan ke biradari me lena cahata hai lekin usi bramahan ne maharaj ke sath dhoka Kiya hai
अबे काहे का ब्राम्हण वाद
भारत की मीडिया में ब्राह्मणों की संख्या 93 % क्यों है ?
न्यूज़ चैनलों के मालिक भी ब्राह्मण हैं ,क्या और जाति के पत्रकार योग्य नही है ?
98percent midia बिकाऊ है
True
Iske kuch reason hai
1. Brahman hamesha satta ke pass rehta hai..... usse satta nahi chaiye bus satta ka sanrakshan chahiye.
2. Aapse jo brahman nafrat karege, wahi aapke pass satta aane ke baad aapke aas pass ghumte phirege.
3. Brahman janta ki aur praja ki chinta nahi karta woh bus yeh sochta hai ki Raja ko kaise Khush rakha jaye.
4. Aapne media ki baat ki, jo aaj modi ke saath hai wahi kal agar congress satta me aayi toh uske saath rahege.
5. Brahman ki manyata aaj bhi kam nahi hai, aaj bhi unhe kewal jaati ke naam pe sabse jayada samman milta hai.
6. Ek aur baat agar brahman se galti ho jaye toh usse mistake kehte hai, lekin agar koi dusri caste se galti ho jaye khaskar choti jaati se toh woh sidhe uss insaan ke talent pe question karta hai aur yahi chiz dusre caste waale ko jayada conservative banati hai.
Ye 93% ka source of Information kya hai ?
yog hn bat h oh malik hn
इससे वर्ण व्यवस्था का वीभत्स स्वरुप समझने का एक उदाहरण है ।
Bhudhism per bhi boliye heenyan aur mahayan per bhi boliye
Kya hota h varnbpratha pata h tumhe, vishvamitra ko pehle jab wo ek shatriya ki tarah karya karta tha to use kshatriya kaha gaya lekin jab usne kathor tapasya karke brahmagyan prapt karke brahmin ki sari status pali to use brahmin kaha gaya.meine v suna h ki brahmin maharaj ka coronation ke liye taiyaar nahi the lekin kuch log ke karan tum sachchai ko hi jhuth bol rahe ho.varn ka arth jano pehle,varn pratha choice of work par dependent hoti h naki karm.
@@kpsingh541 a caste nhi hai
@@kpsingh541isi heenyan mahayan se hee tumahara dharm
Brhamno kaa dharm nikla hai
@@ankitarani2868 वर्णव्यवस्था के बचाव हेतू आपका बयान लिखने और सुनने लिए ही ठिक है लेकिन वास्तविकता बिलकुल विपरित है!😃😃😃
जय भीम जय शिवाजी ✊✊✊✊✊✊✊
Very nice Chenell
Chatrapati shivaji maharaj aur bajirao ne irrespective of caste saved hindus and hinduisam respected kids old age and women which is our sanskriti whatever he had done in the interest of hindu community that's why they are even respected even today throughout hindustan .-jaihind har har mahadev .
L
Both the brave ,Corragious and noble warriors were tortured and mentally harassed by the mean-minded religious bigoted priestly people including their own family members of the Peshava
ब्रहमण संघटन आजभी जाती और ऊपजातीयोमे बाटकर लोगोको मुर् पुजक बनाकर रखा है और राज कररहे हैती
Please differentiate between race and religion.Hindu is the name of race.Nowhre in Vedas and Purans the Hindu and hindisim is found. Hindu race includes all minorities.
Baji rao fudhu tha
प्रौढ प्रताप पुरंदर, क्षत्रिय कुलावतंस, सिंहासनाधीश्वर, महाराजाधिराज, महाराज, योगिराज, श्रीमंत श्री श्री श्री छत्रपती शिवाजी महाराज की जय, छत्रपती संभाजी महाराज की जय.....
⛳⛳जय हिंद जय महाराष्ट्र⛳⛳
Inhe bramno ne kabhi satriya nhi mana
RAJMUDRA
wrong news .. in fact the brahmins were ministers of shivaji as ashtapradhan .... this news channel is gaddar congressi comminist
@@factwithyogesh335 inke Raj(so called Shudra) mein hindu brahmano surakhshit the.Peshwaho(so called brahmano)ke raj mein Ahmad Shah Abdali ka khupsoorat chehra dekhne pada 😆
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मुकेशजी, पुनियांजी आपका बहुत बहुत अच्छा काम कर रहे हो हमारे मराठा समाज आपका बहुत ऋणी है
छत्रपती शिवाजी महाराज का तिलक पैर के अंगुठे से करने के बारे मे कुछ जानकारी हो तो बताओ. ऐसी बाते कहकर यह लोग महाराज को बदनाम कर रहे है. औरंगजेब के दरबार मे भी जिन्होंने अपमान सहन नही किया वो अपने हि दरबार मे अपमान कैसे सहन कर सकते हैं?
@@vijayd675 येह सब झूट है. महाराज के सामने खडे रहने की किसकी औकात नही थी.
@@indukumarnirbadkar2899 पैर से तिलक करना तो दूर सिर्फ यह बात कह भी देता तो भी उसका कडेलोट किया जाता. फिर भी हमारे महाराष्ट्र कि लोग भी इनके बातोंकी सच मानने लग जाते है.
Ram puniyani is vampanthi professor.
Vampanthi logo ka kam jhuth failana aur झूठ failana bas.Dont believe him .He is sympathasier of tipu sultan...
Chhatrapati shivaji maharaj he janmane maratha hote.maratha hi kshatriya varn madhe modate.
He ram puniyani mag क्षुद्र kase kay mhanatat.
यावरून yancha खोटारडेपणा उघड होतो
🚩🚩🚩🚩🚩 छत्रपती शिवाजी महाराज की जय
छत्रपती शिवाजी महाराज जी ने अपने व्यवहार, आचरण, और शासन मे जातीयवाद के बजाय कर्मवाद को मुख्य स्थान दिया।
अगर एक ब्राह्मण किसी सरकारी उच्च पद पर बैठ जाता है तो अपने नीचे के लोगों को भी ब्राह्मण ही नुक्त करता है और उदाहरण हमे विश्विद्यालयों में देखने को मिलता है।
Abe main tujhe udharan de Sakta hoon Nichle jaatiyon ka Jo khud nichli jaatiyon Ko pad par niyukt karte hain.. Modi khud OBC hain use Brahmanon ne vote nahi diya kya kya saare voter OBC the Shah bhi Brahman nahi hain...Modi ke cabinet main sirf do Brahman aur unke se ek Ko cabinet reshuffle mein hata diya Gaya hain...!!!
Isle bol...ya proof de ki Modi Ko saare OBC logon ne hi vote diya.
@@Spiritkill1 : Modi zhoothaa obc hai ...
Maharashtra ke har university ke chancellor aur VCs majority bammans hai jabki inki population 3.5% hai...
@@Spiritkill1 : Modi EVM sey elect huaa hai ...
जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। इस तरह के सांप्रदायिक माहौल को बदलकर देश में एक रचनात्मक वातावरण बनाने में आपके द्वारा स्टार्ट की गई यह शरीर अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
बड़े भाई ईतिहाश को %बदल कर जातीबाद है ग्रिहयुध्य के तरफ बढगया है रोकना मुसकिल है
Punyani is always misleading.He is anti Hindu.He spread hatred.
गागा भट्ट कोड़ से ग्रस्त ब्राह्मण था उसने तीन लाख रुपए की रिश्वत लेकर बाएं पैर के अंगूठे से शिवाजी का राज्य तिलक किया था उस समय एक रुपया में १५ शेर घी बिकता था। ५० हजार ब्राह्मणों को six महीने विप्र भोज कराया था पंच गंगा नदी में स्नान कराकर दान दक्षिणा दी थी। इसके साथ तीन रिजर्वेशन मांगे थे।
१ राज्य के मंत्री ब्राह्मण ही होंगे।
२ राज्य के सारे धार्मिक कार्य ब्राह्मण पुरोहित से सम्पन्न होंगे।
३ अछूत सुबह शाम सार्वजनिक रास्तों में नहीं चलेंगे।उनकी छाया किसी ब्राह्मण को नहीं पड़नी चाहिए।
@@premnarayansachan6968 ये सब झूठा इतिहास पढा ने के लिये सीमा पार से पैसे मिलते है
Leftist libranduo jatio mein aag lgana chahte h
इतिहास का सच अमर रहे। छत्रपति वीर शिवाजी महाराज
अमर रहे।
छत्रपती श्री शिवाजी महाराज ऐसे पूरे सम्मान के साथ महाराज के नाम का उच्चार करना पहले शिको. फीर उनके बारे मे डिसकस करो मुकेश कुमार
Shivaji meinnaisa kya hai jo Harshvardhan mein nhi hai jo log itna maante hain Shiva ji ko?
@@N7_YES unhone 3 kilo se 300 kilo me raaz kiya. Khtam ho jata hindu raaz sare mughal kabza kar liya hote agar wo nhi hote to
@@farziaadmi2443 or harshvardhan ji Shri Maharaj ji ka kya?
@@N7_YES ummm wo underrated h mene iske pehle unka nam nahi suna tha.. Aj hi search karta hu
@@N7_YES Tu koi mulla hi h. I am sure. 😁😁😁
जिन्होनेभी शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का विरोध किया वो ही सबसे बडे क्षुद्र मानसिकता के थे.
BRAHAMAN the❤️❤️
बहोत बढ़िया डा. मुकेश कुमार और डा. राम पुनियानी साहब, दोनो महाशय ने छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास की हेल्थी डिस्कस की अच्छा लगा, महाराज के वफादार मुस्लिम सरदार थे सिद्ध हिलाल: घुड़सवार दल के सेनापति सहाय्यक, सिद्ध वह : घुड़सवार दल के सरदार, सिद्धि इब्राहिम : शिवाजी महाराज का अंगरक्षक, फोंड्या केले का किलेदार, नूरखान बेग: स्वराज का पहला सरनोबत, मदारी मेहतर: महाराज का विश्वासी सेवक, काजी हैदर महाराज का वकील/ सचिव, शामाखान : सरदार, हुसैन खान मियाना: लश्कर में अधिकारी, और रुस्तम ए जमान : महाराज का खास दोस्त, दरिया सारंग: आरमार का पहला सुभेदार, इब्राहिम खान : आरमार में अधिकारी ऐसे २० सो मुस्लिम थे। और सब से बड़ी बात जब शिवाजी महाराज के खिलाफ कृष्णाजी भास्कर कुलकर्णी ने हमला किया तो मुकाबला मुस्लिम ने किया। ये इतिहास लोगों को बताए।
धन्यवाद।
कुछ भी फेक मत यार हम मराठा लोग सब जानते है.
@@indukumarnirbadkar2899 ए भाऊ, फेकत नाही, मी पण महाराष्ट्रातील ( by Generation) आहे, आणी नावासकट माहिती दिली आहे. आणि तु जर खरा मराठा असेल तर तुझ म्हणनं सिद्ध करून दाखव.
मैने ये बहुत पहले एक पत्रिका सरस सलिल में ये पढ़ा था की ब्राह्मणों ने छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक पैर के अंगूठे से किया था और आज पूरी तरह कन्फर्म भी हो गया 🙏🙏🙏
झुठ है
This is wrong because 8 head chif stage of shivaji महाराज is Brahma
@@disharojgarcareermargdarsh280जो तुम बोलो वो सही बाकी सारा इतिहास गलत अगर गलत है तो कोर्ट क्यों नही जाते तुमलोग तो मामूली बातो में भी कोर्ट चले जाते हो भले ही सिर झुकाए वापस आ जाओ
@@oshoprasad2607 ऐ अंडभकत मॆ सॆ है ऐ अंडभकत ईतिहाश कोबदल दिया
Correct @@oshoprasad2607
👑 King of People......... Shaandaar. Chhatrapati Shivaji Raje Bhosle was 💎 Diamond of our Indian culture.
आदरणीय @arunsachan6441🙏!
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
महाराष्ट्र में औरंगजेब के बच्चों को लेकर हुए विवाद से आप सभी वाकिफ होंगे।यहभी हमारे देश में इस हास्यास्पद प्रक्रिया की एक घटना है।
औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
क्या इसे बदलना संभव है?
आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
अवधूत जोशी
मैं ने पढ़ा था, मगर आज तस्वीर साफ हुई। गुरुजी आप का आभारी हु।
Shivaji Raja was a Maratha king, there were many Brahmins who were in his service. गागाभट्ट जी ने ही उनका राज्याभिषेक किया था! शिवाजी राजा के जमाने मे भी आप की तरह हिंदू द्वेष करने वाले लोग थे जिन्हों ने बहोत कुछ disservice दी है हिंदू समाज को!
नकली गंगा भट्ट बनाकर ले गए
@@laljeegautam9405 ये इतिहास पढाने के लिये सीमा पार से पैसा आता है! गागा भट्ट के बारे मे इतिहास की किताबोमे काफी लिखा हुआ मिलेगा
क्षत्रिय कुलावतंस सिंहासनाधिश्वर राजाधिराज छत्रपती शिवाजी महाराज और धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराज हिंदवी स्वराज के उद्गाता और म्लेच्छसंहारक थे।
Arey bhau wo hmko bs Ek respect ke lite diyatha otherwise hm shudra hai 😴🙏
@@medico148 ham shudra nahi ha bhaiya ye galat bat dimagse nikal do.... hume in bramhano ki batto me nahi aana chahiye
ruclips.net/video/mas1ZZHwQeg/видео.html
@@medico148 SSSsssssssSS#S
छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या सेनेत @30% मुस्लीम होते..!
त्यांना 'गोब्राम्हण प्रतीपालक', 'म्लेच्छ संहारक' वगैरे उपाध्या देणे हि मनुवादाला फुकटात गौरवांवीत करण्याची धुर्त चाल आहे.
महाराष्ट्र में महाराज को बहुजनवादी ही कहा जाता है। सावरकर को मानने वाले उन्हें हिंदू राजा कहते है। महाराष्ट्र के मुसलमान भी उन्हे मानते है।
Shivaji Atyachar ke khilaf ek Shasan banana chahte the. Fir wo Mughal ho ya Brahman
Ms q .. tera nam quadir hai na
@Kamal Kapoor galti inki nahi ; gandhi nehru ki hai .. ek to jameen muft main di and mal idhar chord ke gaye
Kendriy sattaki gulami pasand nahi thi unhe, wo Swatantrata chahate the isaliye sattase bagawat kar apana alag rajy stafit kiya tha unhone. Bijapur ki adilshahi ke mulk me se kuchh hissa our Mughal emperor ka hissa bane Nizam ke mulk ka kuchh hissa Shivaji Maharaj ki riyasat bana tha. Isaliye unhe Mughal our Adil Shah donoke sath ladhana pada tha. Adilshahi ko Mughalone jab khatm kar diya tab bachi thi sirf Mughal satta. Wo satta sangharsh hi tha magar use Dharm ke thekedarone Dharm sangharsh banake pesh kiya.
मूर्खों जैसी बाते मत करो । शिवाजी महाराज को भारत का एक भी मुसलमान नही मानता । शिवाजी महाराज ने तलवार ही उठाई ही थी मुसलमानों के खिलाफ । और भारत के मुसलमान ये बात अच्छी प्रकार से जानते है । ऐसा नहीं होता तो मुसलमान अपना अलग देश नही मांगते ।
Dr मुकेश कुमार जी आपका बहुत ही सराहनीय कदम उठाया, कि हमको इतिहास को समझने का अवसर दिया गया, आप साधुवाद के पात्र हैं।
Chatrapati Shiva ji maharaj caste se "kurmi" the ye baat bahut kam log jante honge...sayad he koi kurmi yaha aakar kahe unhe apna bataye kyuki kurmiyo ke liye Shiva ji maharaj sabhi ke the....🧘
6:51 इतिहास में एक प्रसंग है जब शिवजी महाराज के वंशज, राजर्षि शाहु महाराज को भी ब्राह्मणों ने क्षत्रिय मानने से इनकार कर दिया था, वो उनको शुद्र मानते थे, ये दर्शाता है कि ब्राह्मण शिवजी महाराज को हमेशा शुद्र ही समझते थे, आज भी समझते हैं, इसका proof - भाजपा के एक deptuy mayor अहमदनगर के, श्रीपाद छिंदम, जो ब्राह्मण हैं, उनकी कॉल रेकॉर्डिंग youtube पर वायरल है, ब्राह्मण शिवाजी महाराज के बारे में आपस में किस तरह बात करता है, पता चल जाएगा ।
OBC s are good carrier s of braminism and free cost soldier s
Yes brother, when will our people wake up 🙂, abto Maharashtra Mai reservation bhi gaya, neet Mai se bhi arakashan gaya, apna opposition bhi chutiya hai itna bada mude chodrahe hai 😴.
Mera OBC Samaaj itna adhik murkh hai ki jis Manuwadi RSS ( BJP) ne Mandal Commission ka sarak par utar kar OBC aarakshan ka sbse adhik virodh kiya , us BJP ( RSS) ko sbse adhik Andh-bhakt voters aur karye-karta bhi OBC samaaj se mil'e ... Universities me OBC professors SC se bhi km hain jb ki aabadi me OBC ki sankhya SC ke double se bhi adhik hai . OBC ki sankhya 52 % nahi balki 65 % se bhi adhik hai (BJP sarkaar jaati ke aadhar par census nahi karwa kar OBC samaaj ke 65% aarakshan par rok lgane ka kaam kar rahi hai ) . Jai Periyar. Jai Phule. Jai Bhim. Jai Shahuji Maharaj. Jai Karpuri . Jai Mandal . Jai Johaar. Jai Jawaan . Jai Kisaan. Jai Samvidhan hi Jai Bharat hai 🙏
Brainsim yani budhiman
Aap dono bhi anadi ho raja nahi bolte
@@digmberkatara5308 not today, brahmin today is because of his name or family caste, they do not follow any brahmin values, nor make any abhyas to be brahmin by virtue.
ब्राह्मण अपने फायदा के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं
Don't make a shallow statement
Aur आदमी कितना गिरता है। आप भी आपकी लाइफ में देखना अगर सच्चे होना तो
@@ajeettri1980 Ponge khud k beti ko apni Hawas ka Shikar Banate hai...apne fayde k liye bech dete hai 😁😁😁😁😁😁😁😁
शिवाजी जी क्षत्रिय थे ये राजनेता लोग हम हिन्दुओं को आपस में लड़ाकर फूट डालो और राज करो की नीति अपना रहे हैं हिन्दू भाइयों इनके बहकावे में न आइये जय शिवाजी जय हिन्दुत्व
@@cppathak6727Hindu the to Pongo ne Rajyabhishekh karne se Inkar kyu kiya tha ...???😜
Mughlo ke Sena me Shamil Hoke Shivaji Maharaj k khilaf kyu Lad rahe the ???😜
Krushna Bhaskar Ponge ne Svivaji Maharaj pe Kyu Talwar Chalayi thi ???😜
Brahmin alone is not only who stoops to lowest level but it can happen or can be done by any cast or religion or sect at any time.
Manusmriti Shivaji Maharaj aur marathon ko shudra kahati hai Maratha abhi shudra hai 💯🙏
Shivaji was wrong to submit to Brahmin. He could have learned from the Sikhism and kicked the hind of Brahmins.
You have given a new perspective. Thanks.
now sikhism follow jattism or jattwaad
@@cankit7272 don't worry Sikhs will never take to rioting as Brahmin banias do.
@@dr.mukeshkumar8142 The king of England when faced with same circumstances as Shivaji the great did refused to submit to Catholic pope and created own church.
@@gurindersingh8109 ya we know what kind of discrimtion you are doing in punjab with sc st sikhs ( mazbhi sikhs knows your reality )
तीनसौ वर्ष परतंत्रता होने के कारण किसी भी ब्राह्मण को राज्याभिषेक का विधी ही पता नहीं था और पूरे भारत में महाराज को मान्यता मिलें इस लिए महाराष्ट्र के ब्राह्मण समाज ने काशी के वरिष्ठ पुरोहित गागा भट्ट को बुलाया और राज्याभिषेक किया।
Ye hi thik lgta hai
फिर कैसे ब्राह्मण हुए और देश के अन्य हिंदू राजाओं का अभिषेक कैसे करते थे, राजपूतों का राज्याभिषेक कैसे किया जाता था
@@user-ux3zq8di5f arey murkho pehle se iss desh pr क्षत्रिय राजा महाराजा का राज चालता रहा था... जब राजकुमार का राज्याभिषेक होता था तभह ओ राजा महाराजा बनता था ... जब देश आझाद हुआ भारत का संविधान बनकर तयार ह्या उसि दीन से ये राजा महाराजा नवाब जैसे पद खतम करके देश के राजा ऑर प्रजा की संकल्पना खतम हूवा... Aur iss desh ki प्रजा भारतीय नागरिक बन गयी जहा संविधान ने सभी नागरिक को कायदेसे समान माना गया .. यहा पर सभी नागरिक एकसमान हैं ... किसी को जाती धर्म पंथ उच नीच के आधार कम या ज्यादा नहीं नापा जायेगा .. सभी के अधिकार ऑर हक्क समान हैं
Shiva Ji Maharaj was real PATRIOTIC HERO.
🙏
आदरणीय @jasbirkaur6893🙏!
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
महाराष्ट्र में औरंगजेब के बच्चों को लेकर हुए विवाद से आप सभी वाकिफ होंगे।यहभी हमारे देश में इस हास्यास्पद प्रक्रिया की एक घटना है।
औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
क्या इसे बदलना संभव है?
आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
अवधूत जोशी
शिवाजी महाराज के और ब्राह्मणों के अच्छे तथा प्रभावशाली सम्बन्ध थे । इसके कई प्रमाण इतिहास में दर्ज है। शिवाजी के गुरु भी ब्राह्मण थे ।
इसी महाराष्ट्र के भूमी मे संत ज्ञानेश्वर जी के जीवन मे भी ब्राह्यणोंके पीठ ने मान्यता नही दी थी,जब की वो भी खुद एक ब्राह्यण परिवारके ही थे!
Bhaiya Sant Namdev ji ko bhi maanyta nahi di gai.
आपका यह प्रयास मुकेश जी बहुत ही सार्थक है।पुनियां जी जैसे हस्ती को सुनता हूं तो अपने आपको धन्य मानता हूं।🙏
सर जी🙏🙏🙏
आप कृपया केवल शिवाजी ऐसा नामोल्लेख मत करो. उनको छत्रपती शिवाजी महाराज ऐसा उल्लेख किया करो. और कौन कहता है कि छत्रपती शिवाजी महाराज छत्रीय नही थे ?
तो फिर ब्रहामणों ने क्षत्रपति शिवजी महाराज को शुद्र कहकर राज्याभिषेक करने से रोका क्यों ?
Apne man se itihas matbanao
Puyani to hindu mandir bhi musalman ne nahi toda Manta hy
@@vksingh9699 औरंगजेब से गाड़ फट रही थी ब्राह्मणों की क्यों कि हिंदू पदपाद शाही का राजा बन रहे थे।
शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का वाकया कहता है कि वो क्षत्रिय नहीं थे !वरना उस जमाने के सबसे ज्यादा विद्वान ब्राह्मण उन्हें क्षत्रिय मानने से इंकार क्यों करते ?
आपने सही कसा, छत्रपती शिवाजी महाराज बोलावे🚩
Hate mongers, these people were responsible for murdering 5000 Brahmins after the assassination of Ghandi. These people made the life of Brahmins in Southern states & in Kashmir miserable!
🙏माहिती अनमोल आहे सर.... आम्ही पण जागृत शेतकरी मराठी माणूस आहे.... तुम्ही आॅनलाईन इतिहास सांगत आहेत... आणि आम्ही आॅफलाईन.... फक्त सर छञपती किंवा महाराज तरी शब्दप्रयोग करा.... किंवा कुळवाडी भुषण & रयत राजा म्हणा... जरा अभिमानाने सामान्य जनता माहिती स्वीकारेल... 🙏तुम्हाला माहिती भरपूर आहेत... त्याचा अभिमान वाटतो... लहान भाऊ समजुन पुढच्या व्हिडिओ मध्ये आदरयुक्त शब्द कोणत्याही सत्यमेव महापुरुषांसाठी🙏
Right 🙏🚩🚩
राम पुनयानी जी के कारण ही शुद्र समाज के लोग खुद का इतिहास जान पाये, मनुवादीयो ने सबका इतिहास उल्टा ही बताया
।आपका बहोत बहोत धन्यवाद।
Ram puniyani ek vampanthi agendadhari proffessor hai.Tipu sultan ka gunagan karnewalo se history hamesha galat padhai jati hai
@@SanatanAngel are rampunayani hi kyo jo bhi itihaskar brahmanoo ki sachhai batata he wo vampanthi ,naxsal , communist , urban naxal , atanki , khalistani sab ho jata he , or agar manuwad ko achaa kahe wo badiya jese golvarkar, savarkar, manu
आपका यह वीडियो बहुत ही सार्थक और सत्य पर आधारित हैं ! समाज को सच्चाई से अवगत कराने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद आदरनीय महोदय जी 🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Did they give reference on saying facts?
Sir Mukesh ji aur puniyani sir ji jo sach aap batate hai aaj bhi logo me vo dikhayi deta hai desh mein parman milte hai isliye aap please videos banaye ta ki aane wale bache sacha itihas jaan sake. Hum aapke sath hai har tarah se. Thanks
I'm from Maharashta. You are doing a great job. Thanks.
मुकेश कुमार जी और राम पुनियानि जी
आप दोनो विभुतियो को दिल से धन्यवाद
यह चर्चा सुनने के बाद ऐसे कट्टर और जातिबादी ब्राह्मण बाद से नफरत हो जाती है
Dr. Ram Puniyani was prof.of IIT Bombay he resigned from his service &: started to work for well being of society.he is author of many books .
Ey Puniya was sacked .
He was basically an idiot.
Tum jhut bolte ho Aisa bad akl aadmi iit me Professor kaise ho sakta hai.
Hindu Rajputs invited Ahmed Abdali to attack Marathas
PPuniyani is a complete gadha like
Pappu gandhi.
@@amalenduchattopadhyay4909 who tell reality is a gadha in the eyes of an andhbhakht
डॉ. मुकेशजी और आदरणीय डॉ. पुनियानीजी आप दोनो का दिल से धन्यवाद करता हूॅ... आप दोनो ने छत्रपती शिवाजी महाराजकी नितीयाॅ, सुशासन प्रजा के प्रती प्यार और साथमे महाराष्ट्रकी राजनीती का बहोत अच्छी तर से और मेहनत से अध्ययन किया है. और तथ्थ्योको सामने रखा है. पहिली बार मैने आपका एपीसोड देखा लाईक और सबस्क्राईब मी किया...
छत्रपती शिवाजी महाराजने अपने पराक्रमसे अपना क्षत्रियत्व सिद्ध किया है. उन्हे किसी के प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं. जय भवानी जय शिवाजी 🙏🙏🙏
Puniyani has put the things in a proper perspective.
दिगंबर गायकवाड, tumhi महाराष्ट्रियन आहात.
Mala ek sanga, Chhatrapati Shivaji Maharaj janmane शुद्र kase.?महाराष्ट्रात मराठा ही जात क्षत्रिय आहे,असे असताना राम पुनीयानी धडधडीत खोटे बोलतात.
Ram puniyani ek vampanthi प्रोफेसर aahet.te महाराष्ट्रियन नाहीत.
@@SanatanAngel आगदी बरोबर .
शिवाजी महाराजां च्या भोसले घराण्याचे मूळ मेवाड च्या शिसोदीया घराण्या शी जोडले गेले ले आहे. आणि शिसोदिया क्षत्रीय राजपूत होते . शुद्र नाहीं ।
हे सत्य हिंदी चॅनेल अ सत्य कथन करीत आहे. राम पुनिया लोकांना भ्रमीत कराय चे काम करीत आहे .
अशां पासून सावध रहणे गरजेचे आहे.
@@SanatanAngel या चर्चेत पण बघा ना बोलवलं ते पण कोणाला एका वामपंथी ला जो धड इतिहास पण जाणत नाही .
या चर्चेला महाराष्ट्रातील सच्चे शिव चरित्र अभ्यासक का नाही बोलवले.
ते असते तर त्यांनी सत्य आधारीत प्रखर आणि संघटीत करणारा प्रेरक इतिहास मांडला असता ना ?
हेच तर या लोकांना नको आहे.
यांचा अजेंडा फक्त भ्रम फैलावणे .
समकालीन सोडा पण एक सुद्धा ऐतिहासिक पुरावा दिला नाही.........माणूस काल्पनिक काहीही बोलू शकतो. इतिहास सांगायचं आसेल तर पुरावा हा लागणारच.
@@SanatanAngel maratha hi kharya arthaane deshatli kshatriya jamaat aahe kaaran raajput aani anya kshatriyaanni kaahi sanmananiya apavaad vagalataa mughalanchi kaayam seva keli pan Shivaji Maharajanchya leadership madhye marathyanni mughalanvirudha bund kele aani svatahche rajya sthapan kele
Hindutva = Brahmanvad. It is that blatant.
Hindutva mean Hindu + Sikh +Jain+Buddhism
@@320Gamer 🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Terrorism = Islam. It’s as blatant.
@@320Gamer Why not Christians?
@@himmsingz Christianity and Islam are Abrahamic religion. They say only our religion is true others religious people will go to hell. Also they want to make whole world Christian or Islamic. Sanatan dharm is inclusive.
बहुत अच्छी जानकारी आप ने दी है, इसके लिए आपको नमन।
Sab jhut bol rahe hai. Inka kam hai hinduon mei jati ke naam per badnam karna. Puniyani per ban lagna chahiye.
Ye ek number ka fraud hai
Saari galat jaankari di. Khud research kato
@@dr.santoshgupta5975 Bhai Sasta nasha karna band kro . Sach dikhai dega.
Breast tax , Dasi pratha , Sati pratha , Niyog pratha sab kisne failai ?
Jab Mughal aur British nahi aaye the tab bhi Jativad tha .
Hindu koi dharm nahi he. Ye shuddh roop se Sanatani Brahman Dharm he.
@@dr.santoshgupta5975 Babar ko India lane wala sawarn Rana Sanga tha .
Keral me Brahman Beef khata he . UP Gujrat me Dalit aur Muslim ko Marta he. Ye Doglapan aur kahi nahi milega.
इतिहास में तो बहुत कुछ हुआ है. सच तो ये है कि ताकतवर हमेशा कमज़ोर को सताएगा.क्या सिवाजी हिन्दू थे,क्या वो तिलक लगाते थे,क्या वे भगवान शिव की पूजा करते थे?
सभी समाज में सब बुरे होते हैं ऐसा नहीं ये आप ही कहते हैं। जैसे आज भी चल रहा हैं ममता जी हों और कई लोग जिनकी विचारधारा एक समुदाय के प्रति ज्यादा झुकाव वाली हैं उस समय भी मुगलों ने जातिवादी प्रथा डाली हों ऐसा भी हैं और सब पावर मुगलों के पास थे तो तलवार का जोर हो या पैसे का पॉवर उस समय भी इसका इस्तेमाल होता होगा। जय जिजाऊ जय शिवराय जय शंभुराजे
"जनेऊधारी जानवरों" का "शूद्रों" से व्यववहार कैसा था।ये बताया है "वीर सावरकर" ने अपनी पुस्तक "मोपला" में।पुस्तक का एक अंश-
वहां(केरल) के ब्राह्मणवृन्द ने वेदों का रक्षण इतनी उत्कृष्टता सहित किया है कि, स्नान और सन्ध्या से विरत हो कर शुभ्र एवं शुद्ध यज्ञोपवीत धारण कर चारों ही वेदों का सस्वर शुद्ध और भ्रमरहित तथा धारा प्रवाह पाठ करते हुए वे आज भी दृष्टि गोचर होते हैं । परन्तु वेदों के पठन-पाठन का अधिकार "शूद्रों" को नहीं है, इसी धारणा के फलस्वरूप ब्राह्मणों के मुख से उच्चारित वेदों की पावन ध्वनि अन्य "जातियों" को सुनाई न पड़ सके, इस बात को दृष्टिगत रखकर इन ब्राह्मणों ने अपनी बस्ती ग्राम की सीमा पर अन्य लोगों से दूर बसाई थी । उनके घरों के आगे कुछ दूरी पर "नायर" परिवार बसते थे । नायर अपने आप को "क्षत्रिय" समझते हैं।और किसी "ब्राह्मण" का कनिष्ठ पुत्र नायर की "कन्या" से "विवाह" कर सकता था,किन्तु ब्राह्मण के ज्येष्ठ पुत्र के लिए "ब्राह्मण कन्या" को ही अपनी "जीवन संगिनी" बनाना अनिवार्य था । इसका कारण यह था कि नायरों से अनुलोम पद्धति के अन्तर्गत "सम्बन्ध" स्थापित करना , उस जाति के साथ "रक्त संबंध" व "बीज संबंध" स्थापित करना वे अपनी जाति की "उच्चता" के अनुरूप मानते थे।
उनका बीज, रक्त और जाति का अस्तित्व विशुद्ध रखने में विश्वास था । नायर भी थिय्या , नवाड़ी , यलाबन, कलियन और मसकून इत्यादि जातियों को "अछुत" समझते थे। अतः उनकी भी यह धारणा थी कि इस जाति के किसी व्यक्ति का दर्शन करना भी अनिष्टकारी है । इसी कारण इन जातियों के परिवार
प्रत्येक ग्राम में ही मुख्य बस्ती से मील - आधा मील की दूरी पर बसे हुए थे ।इस सामाजिक रूढ़ि से विश्रृंखलित सम्पूर्ण हिन्दू समाज के समान ही कुट्टम्ग्राम की यह बस्ती भी व्यवस्थित रीति से अलग-अलग बसी हुई थी।
शिवाजी महाराज के सैन्य में अनेक ब्राह्मण योद्धा थे जिन्होंने हिंदवी स्वाराज्य स्थापना हेतू अपना खून बहाया था। अपना तन मन धन अर्पण किया था।
कई नाम ब्राह्मणों के है जो शायद आप जानते नहीं या जानते हुवे अनजान बन रहें है ।
बाजी प्रभु देशपांडे पावन खिंडके बारेंमे जानकारी प्राप्त करे बडे आये सिखाने
@@busylife4742 भाइ सहाब / बहेन जी आप जब वाम पंथीयों से शिवाजी महाराज का इतिहास सीख चुके हो तो मेरी योग्यता ही क्या है के मै आपको कुछ सिखाऊँ ?
@@busylife4742 बाजी प्रभू देशपांडे ब्राम्हण नही है वह कायस्थ थे उसे महाराष्ट्र मे ckp कहते है
Thanks for this informative video
Ram Punwani is a intellectual..
शिवाजी महाराज जगातील आदर्श राजा आहे तसेच संपूर्ण भारतियांचा राजा आहे
शिवाजी महाराज के साथ जो अन्याय और अत्यचार हुआ उसका अत्यधिक खेद है, ब्राह्मण बादी इस क्रूर व्यवस्था को में तिलांजलि देता हूँ.
❤
आपके पत्रकार को जय भारत सर जी समाज हित की मन की चर्चा की आपका संपादक और पत्रकार को THANK YOu
आप दोनों विद्वजनों को नमन 🙏🙏
आप इतिहास पर डाली गई गर्द को साफ करने का अत्यधिक प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। आपका बहुत बहुत आभार 🙏🙏🙏
Mukeshji. I regularly watch your videos and I like your content and the way you conduct the discussion. I am a Maharashtrian.
But regarding this discussion, I am very upset with the title. We always use either Chatrapati or Maharaj before or after the word Shivaji i.e Chatrapati Shivaji Maharaj. This is the symbol of respect that we use for Shivaji Maharaj.
आपका ऐसे संबोधित करना खटकता है, किसी भी आदरणीय व्यक्ती के बारेमे जब हम बात करते है तब इस बात का खयाल रखना जरुरी है l क्यूकी जिनके बारेमे हम बात कर रहे होते है उनका कर्तृत्व इतना बडा है की हम और आप उनके आगे कर्तृत्वमे बहोत छोटे और मामुली है इसलिये उनका संबोधन आदरपूर्वक करे और आपकी आगळी सभी व्हिडीओमे इस्का पालन अवश्य हो l आपका ये व्हिडीओ बनानेका मकसद अच्छा है लेकिन ऐसा लागता है की उसमे जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है वो उचित नही है इसलिये इस बात का खयाल अवश्य रखे और आपके व्हिडीओ देखनेका हमारा आनंद द्विगुणित हो ! धन्यवाद !!
Tilak taraju aur talwar***********char (mishra hai Mera Naya yaar nashimsidik hai purana yaar)2, Jun 1995, Gunda v gundi and 2019, bhaya bahin elefent me bua ka bhatija cycle me with ges cylinder 2 Jun 1995, wala,,
@@suryavanshi1436 Tilak taraju aur talwar***********char (mishra hai Mera Naya yaar nashimsidik hai purana yaar)2, Jun,1995, Gunda v gundi and 2019, bhaya bahin elefent me bua ka bhatija cycle me with ges cylinder 2 Jun 1995, wala,
I am from Shivjanmabhumi Junnar
All is truth accoding tithe history,
Sir puniyani ji , Mukesh ji Mera ek swal hai ki 7vi Sadi mein islaam bhart aya tha kya vo Lodhi vans tha. Jani ki behlol, sikander, Ibrahim Lodhi se sambandhit tha
डॉ मुकेश कुमार जी इस वार्ता के द्वारा आपने अच्छी जानकारी उपलब्ध कराई है।
I wonder why brahminism is so deadly against shudra(obc), avarn - untouchables(SC and st) . Both r different. It proves beyond any doubt that savarn are foreign origin. How can be one against with their brothern. Now in democracy still savarn control all levers of power and continue to deny rights to shudra by any hook and crook including use of violence.
😁😁😁
🙏🙏🙏🙏🙏
What are u saying ..This does not happen in Maharashtra ..May be happens in North India !!
This man is speaking all fake .
@@sumedhasoman2956 all this happened in Maharashtra ..
Shivaji Maharaj was Maharashtian not North Indian 😎😎
@@rajeevshukla1801 and Ponga is telling all Truth 😜😁😁😁😁
Namaskar mukeshji, thank you very much for your new episode appreciated
छत्रपती शिवाजीराजे ऐसे बोलो लिखो ओ तमाम मराठोका स्वाभिमान, अभिमान गर्व हैं
Cchatrapati Shivaji Maharaj was a great revolutionary.He fought against so many religious, social, caste barriers and brought people of different castes together and filled them with one noble goal i.e. nation building.He was a raja who rewarded the the brave and the talented irrespective of their caste. He was the founder of modern India.
Right ✅
And people socialism came from europe it was in sanatan culture
He was but it was started much before him by sikhs even, Shivaji priest started Samrath ramdas got the blessings of Sri hargobind singh
Jai shivaji jai bhim
Bamano ne geeta padhi nhi hai utni chatrrapti shivaji maharaj ne pdhi
Shivaji maharaj ki jay. Great king in Hindustan history.
Sahi bat hai, obc is 60 percent bt no big leader ,brahmanvad chalta hai hindutva ke nam pai esa nhi to obc piche kyu, 2-3 percent Brahmin hi har jagah kyu 😴.bt ye niche ke comment bhi padhlo 🙏.
Dharm nahi ye Dhandha he. Isme padha likha bhi Andha he 😆
@@medico148 Mr. Rao. The parents of most of our famous socialist leaders were Brhamins , and most of the young generation are 'atheists '.
What is more important to people like you, to keep them in the fold of Hinduism , or just let them be atheists ?
Modi se bada koi neta paeda nhi hua aaj tak bharat ke hindu itihas me vo bhi obc se hai
Now Manuvadi Andhbhakts will start crying... Hindutva Khatre me he 😆
@@sardarpatel6995 wo baniya hai bhai wo Brahmin hai, bs obc Mai daldiya unhone 😂😂😂
धन्यवाद मुकेशजी और रामजी.
शिवाजी महाराज का सामान्य जनता का राज्य तीन सौ साल बाद आने वाले धर्मनिरपेक्ष भारतीय लोकतंत्र की निव या फाउंडेशन था. महाराज पुरोगामी विचार के थे पर सर्वसामान्य जनता के लिये धर्मनिरपेक्ष राज्य निर्माण की प्रक्रिया मे पाच शाही के विरोध मे लडने के कार्य मे अत्यंत व्यग्र थे फिर भी अनेक घटना ऐसी है जिसमे प्रचलित रुढीधर्म को उन्होंने ज्यादा महत्व नही दिया . राज्याभिषेक तो सिर्फ जनता को भयमुक्त और विश्र्वास देने के लिये किया. राजर्षी शाहू महाराज ने छत्रपती शिवाजी महाराज को जो सामाजिक सुधार अपेक्षित थे वो बाद में करे. ब्रिटिश व्यापारी सत्ता के अंधकार मे रवींद्रनाथ टागोर,लो. टिळक, म. फुले, डॉ आंबेडकर इत्यादी लोगोंने छत्रपती शिवाजी को ही अपना मार्गदर्शक दीपस्तंभ माना.
रुढीधर्म की पकड इतनी मजबूत थी की संत ज्ञानेश्वर महाराज के ७०० साल बाद शुद्रो पे लादी मंदिर प्रवेश बंदी स्वतंत्र भारत के सरकार ने कायदा कराके उठायी.
Ram Puniyaji forgot to mention about Krushnaji Bhaskar Kulkarni, who was along with Afzal Khan came to capture ch. Shivaji. After the murdered of Afzal, the same Krushnaji Bhaskar Kulkarni attacked by Sword to kill Shivaji, however the Barbar community colleague Jiva Mahale saved Shivaji, then Shivaji killed Krushnaji Bhaskar. This history always kept under carpet by all historian's to protect Brahmins
Are he gave any proper source of things he blabbering how can you say that its a truth that he says that they do rajtilak with toe or finger of their legs 🤣🤣🤣🤣
Learn proper history my friend many Marathas also with muslim at that time and many Brahmins with not only shivaji maharaj but also with shaji maharaj.
Afzal Khan took 10 people as his companions with him while visiting Shivaji Maharaj. It included shivaji Maharajaj's cousin brothers Mambaji Bjosale for your kind information.
Shivaji Maharaj was opposed by all casts serving mughals and adilshaha.
And Shivaji Maharaj was served by all the casts and religions people who believed in him.
Shivaji's own family members were selling away their lands to mughals and british. In the story, Shivaji warns Krushnaji not to fight, as he will have to kill a Brahmin. But Krushnaji was a trusted minister of Afzal Khan. He chose to fight against Shivaji than betray Afzal Khan. In my opinion, he was much better than Shivaji's own family members.
Shivaji's own family members were selling their common lands and passing information about the Bhosle family to the mughals, British, Portuguese and other European powers. What made Shivaji different than Sanga or Pratap is that he fought against his own family members for his people, and also punished them cruelly according to their crimes.
These topics are raised very commonly to highlight the "Brahmin arrogance", but there was no such thing. In fact, Shivaji's own family members' history is pushed under the carpet, many other back stabbings and betrayals are forgotten in the story, and everything stops at this Brahmin topic because Brahmins are not going to hit back which they should.
Chatrapati even forgive him once
But in second chance he took of his head
Punyaniji , Mukeshji ,
Chh Shivaji Maharaj had
8 Muslim Bodyguards.
His Topkhana , artillery chief was a Muslim.
His Naval chief was a Muslim
A Muslim , Madari Mehtar helped Shivaji Maharaj to escape from Agra Prison.
A BHRAHMIN lawyer of Afzal khan ,
Krishna Bhaskar Kulkarni,
attacked Shivaji Maharaj with sword , the only wound on his body.
Brahmins always looked down upon him as of
Lower caste
@Vikram Singh : Anpadh gawaar ho kya
@Vikram Singh : agar zhoot hota to James lane ko Shivaji ko badnaam karne kyu pune ke bamman ne sponsor kiya hotaa...angrez ho ya Mughal, Portuguese, French saabkaa saath bammanoney diya unki hukumat chalaney..thhoda padhai likhai bhi kiya karo, Modi bhi 8th standard pass hai ...
@Vikram Singh : jaath ko akkal hoti hya kya
@Vikram Singh : gaaliya dega toh yaad rakh tuzebhi aisi sunasunga ki kaan ke baal jal jayengey....
@Vikram Singh : teri baatonsey lagi raha thhaa ki tu jaath hai..
जब छत्रपती शिवाजी महाराज जैसे परमवीर, परम लोकप्रिय राजा (जिनसे मुगल बादशाह भी कांपते थे) के राज्याभिषेक का भी स्थानिक ब्राम्हण विरोध कर सकते थे, तो सामान्य जनता पर कितनी दहशत दिखाते होंगे..?
Chhatrapati Shivaji maharaja ko rajyabhishek karneme me us samay Brahmnone virodh isliye kiya kyonki ki unka sirf swaarth tha MUSLIM SHASHKO DWARA UNKO BAHOT DHAN JAHAANGIRI MILNEKI OFFER THI BRAHMNONKA SWARAAJYA KOI LENA N DENA THA vo sirf dhan sampatti aur jahaangiri chahte the Bade chaalaak the ve saare kuch chodkar andar se Muslim ruler se mile huye the aap kahi bhi dekho puran me Brahman nirdhan garib hota hai sirf donations se unka pet bharta tha Laalchi brahman none Muth bhar paiso ke liye ek sisodia kul raja Shivaji ko badnaam kiya tha Aur abhi bhi kar rahe hai MUGHLOKE TALVE CHATNE WAALE BRAHMAN KAAYAR THE MONGOL PURV KAAL ME BHI MARATHA YAA KHANDAANI MARATHON KO JANMJAAT RAJA PADVI THI UNHE RAO YAA RAJE SE SAMBODIT KIYA JATA THA BRAHMNON KO NAHI LEKIN MAHARAJA NE UNKO SAMMAN DIYA JAHAGIRI DI VATAN DIYA AUR APNI AUKAAT BHUL GAYE AUR ULTAA RAJA KO BADNAAM KARNA SHURU KAR DIYA vo abhi bhi kar rah hai In Brahmno ne akhad Hindu dharma jaati ome bata ve apne ko bhu dev kahte the Aurat mahilaake saath anyaay kiya kyonki stri onko shiksha lene ka adhikar nahi tha dalitonko ko to vo apne jaisa insaan nahi maante the Ab aap socho apne maalik ashraydaate Shivaji Raja se beimaani kar sakte the us samay jis samay praja bholi bhali thi Ashixit thi tab inhone iska faayda Liya aap jaante hai Sunthnkar to kaayasth kshtriya the lekin shilahar kings unke liye shankaracharya ko unhone aadesh yaa letter diya tha unko in kaayasth nko vedaadhikar deneka aur iske baad kshtriya Brahman ho gaye Historian Bhandarkar originally kaayasth hi tha lekin usne kshtriya maratha jaatko kunbi kahkar unka apmaan kiya Saalaa feku historian tha Aise feku historians se Hindusthan Itihas aur kuch huva Shayad iska khandan monglo ke janaankhane me kaam karta tha Marathonko badnaam karne ka ise kisne adhikar diya tha Kya iske baapjaade us samay Shivaji ke kaal me koi Raja the Pata tak nahi inki us samay kya aukaat thi
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मूर्ख आदमियों..ब्राह्मणगौप्रतिपालक शब्द कवि भूषण कि कविता में आता है जो उन्होंने राज्याभिषेक के समय दरबार में शिवाजी महाराज के सामने गाई।
@@vijenderkamboj9007 ठिक से नही लिखा है देखो और सुधार करो ये राजमुद्रा है
Not only in Maharashtra but globally, Shivaji Maharaj is the most highly admired king of all the times. So please take care in future while, you can use Shivaji Maharaj or Chatrapati Shivaji instead of using only Shivaji.
I wish you best of luck for the great work that you are doing on social media.
सही.
ब्राह्मण शिवाजी महाराज के समर्थक नही थे. ये सारासार झूठ है . बाजीप्रभू देशपांडे ने अपना बलिदान
दिया था ये कभी मुलांना नहीं चाहिए.
Globally? Not even in Asia knew about Shivaji. He was a small king in India.
Chatrapati Shivaji Maharaj Ji was Undoubtedly a Great Statesman, Warrior and above all a Secular King.
One has only to Read the beautiful Letter in Chaste Persian of Chatrapati Shivaji Maharaj to Aurangzeb urging abolition of Jaziya
Tax and One will Learn abouut the Secular Credentials, Character and Qualities of Chatrapati Shivaji Maharaj.
Unfortunately People are not aware and utterly ignorant of the Greatness of Chatrapati Shivaji Maharaj.
@@rocketshoot3027
YES , so true.
Only the greatest butcherer Chengiz Khan is known all over the world.
बहुत ही तार्किक विश्लेषण रहा महानायक वीर शिवाजी के बारे में, शिवाजी का रग रग पुरुषार्थ से भरा था, उनका नाम लेते ही रगों में खून दुगनी स्पीड से दौड़ने लगता है अतातईओ के पसीने छूट जाते हैं मुगलों वह अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले उस महानायक को हम प्रणाम🙏 करते हैं देश के प्रेरणा स्रोत इंसानियत के पक्षधर गरीबों एवं असहाय की रक्षा करने वाले इतिहास के पन्नों में जगमगाते सितारों की तरह सदा चमकते रहेंगे, उनके कर्ज को भारत कभी उतार नहीं पाएगा, हिंदू समाज जन्म जन्मांतर उनका ऋणी रहेगा l
dalit bhudi ka logic bhi inke jaati ke tarah neech hai. brahmano rajyabhishek na kre toh jaatiwadi kare toh lalachi vah re dogle dalit
जनाब कृपया छत्रपती शिवाजी महाराज कहिये
आदरणीय राम सर मन से salute 💐💐
पुनियानी सर ईश्वर आपको लंबी आयु प्रदान। और हम भारतीय सदैव आप के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
मुझे आज पता चला है कि शिवाजी महाराज शुद्र थे और उनका अभिषेक ब्राह्मणों के द्वारा किस प्रकार किया गया। बड़े दुख की बात है।
Mujhe bhi pasmanda ke liye dukh hota hai.
Muze Ayesha ke liye bhi bura lagta hai bechari bachhi
Hello sar ji aapke video hamen bahut acchi jankari dete Hain. Khush rahiye aap hamesha. Har Har Mahadev.
A good topic and by elaborate discussion much has been cleared on the great shivaji and the attitude of brahmins.
Right ✅
@@amarishkumar3214 l
brahmin was straight forward they were not like those rajputs who sell there respect and showed cowardness giddar pana to great leader it is true if rajputs of india bikao aur dhokebaz ayeshi nahi hote toh humara bharat gulam kabhi nahi bnta kuch ko chor kar
fake totally fake ... this satya channel is communist congressi agenda to divide India .. because shivaji had ashtapradhan as brahmin ministers ... so dont peddle fake news
@@silent26. to Tumlog hi fight krr lete..yaa ghr me baith mza le rhe the jab Rajput ladai ld rha tha
बहोत badhya jankari thi,
Sir
Ab tak ka Sabse achha program aapka laga.........
Aap inke saath interview Ram puniyani sir ka lete rahiye
History ke regarding.....
Thanks
इन जैसे लोग ही समाज में वैमनस्यता पैदा करने का काम करते हैं। शिवाजी महाराज क्योंकि क्षतिरिय नहीं थे इसलिए अन्य राजा उन्हें राजा मानने को तैयार नहीं थे और राज्याभिषेक भी नहीं हुआ था।तब शिवाजी महाराज के पृधानमंतरी जो खुद एक बृहामण थे उन्होंने काशी के एक पृकांड विद्वान को बुलाकर शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया तथा उन्हें क्षतिरिय घोषित कराया।इसके अलावा वाजीराव और उनके पिता जो बृहामण ही थे , का योगदान इन्हें याद नहींहै।जय हिंद वंदेमातरम
Peshwa Ya Bhatt Brhamano ne Sivaji ko Kshtriya ghoshit kiya aur unke vansh ki Kshatriya Vidayata sabit ki. Iska kafi anya brahmano ne virodh kiya Kintu Bhatt logo ne Shivaji ke prati apni wafadari sabit ki.
I'm interested in Mr Ram Puniyani written books I searched on Amazon but most of them were not available
Please advise me where can I find them please response
Now many books are available on Amazo
There are many mistakes in this as per me. Shivaji was not Shudra he was kshatriya
Shivaji first teacher (next to his mother) was a brahmin who guided him equally well
7 out of 8 minister's of Shivaji were brahmins who also played eminent roles in the kingdom
Sorry no proof of what u are saying
Name any one desatha brahmin Courtiean of shivaji?
One was from beneras only that
@@ashishchaturvedi8273 Dadoji Konddev (Teacher of Shivaji) was a Brahmin, Dabir, Korde, Atre, Bokilkaka, Peshwa were ministers who were brahmins. You have added a word (Desatha) which I have not put in my post. One was from benares as per you - who ??
@@arunkulkarni5655 isn't it obvious that learned people are more qualified for post of minister or administrators ( brahmins comprised of that)
Also it has been proved by several sources that brahmin considered marathas as shhudras and maratahas are shudras
Ganga bhatt was a saryupareen brahmin from benaras after wo cornered him.
Also u need to mention sources, in which 7 of his 8 ministers were brahmins.
Chero dynasty( tribal) in jharkhand had all brahmins minister does that made brahmins consider him as kstriya??? No
क्षत्रपति शिवाजी महाराज की गुरु और पथ प्रदर्शक सिर्फ और सिर्फ उनकी राजमाता जीजा बाई या जिजाऊ माताजी ही थी जो की सिंधखेड के राजा की राजकुमारी थी जो की यदुवंशी थे समर्थ रामदास या कोई और शिवाजी महाराज का गुरु नही था समर्थ रामदास का एक पत्र राष्ट्रीय अभिलेखागार में सुरक्षित रखा है जिसमे वह शिवाजी महाराज को अपना परिचय देते हुए मिलने की याचना कर रहे है
@@arunkulkarni5655 yes sir , Chhatrapati shivaji Maharaj was not a Kshudra he was a Kshatriya.
पैर के अंगुठे से कभी भी शिवाजी महाराज का अभिषेक नही हुआ. किसी मे भी इतनी ताकद नही थी.
Sahi bhai
Puniyani Brahman vad ki byakhya kare
Sir मेरा एक सवाल है जब ब्राह्मणों ने शिवा जी महाराज के राजा बनने के उपरांत संतुलन बना लिया तो ऐसा क्या हुआ की उन्हीं के वंशज साहू जी महाराज के साथ नहीं बना पाए एवं साहू जी महाराज को बार बार शूद्र होने का एहसास कराया? Plz स्पष्ट करें। Video ko लंबा रखें । बहुत जानकारी प्राप्त हो रही है। धन्यवाद 🙏🙏🙏
Jiski lathi uski bhes. Shivaji Brahmins ki har chal se wakif the.
छत्रपती शाहू महाराज, पुरोगामी विचारक थे.
उच्च शिक्षित थे और जातीवाद के खिलाफ थे.
यह उस वक्त महाराष्ट्र के ब्राम्हण समाज को बर्दा स्त्त नहीं हुवा.
और उनका राज्य खालसा करने की कोशिश की.
इस कार्य मे सबसे बडा योगदान बाल गंगाधर तीलक का था.
याद किजिये मोहन करमदास गाँधी की हत्या.
यह वही कडी हैं.
Janab Ram Puniyani sahab is a great scholar.
Ubbbbbbb BBBBGGBNNBKUMBBBBBBBBBBB
Jutha scholor, juth failata h.
😂😂
@@naveennautiyal2094 सच जान कर जली न तेरी
@@ajad8883 teri jale gai
Very nice, genuine and informative video, Thanks Dr. Puniyani
Who decides the info is genuine :)
कोई ऐ क्यु नहीं बताता है कि जब शिवा जी औरंगजेब की कैद में थे तब 17 ब्राम्हणों ने अपना दर्दनाक बलिदान देकर शिवा जी को बचाया था, क्योंकि वह समझते थे कि शिवाजी आखिरी सूर्योदय थे।
सर ऐकीरी उलेख करूनका छत्रपती शिवाजी महाराज कि जय