समय और काल के हिसाब से धर्म होता है जिसे युग धर्म कहते है । वर्तमान परिस्थितियों में जातिवाद प्रासंगिक नहीं रह गया। देश की दुर्दशा का कारण ब्राम्हणवाद भी है । कर्म के अनुसार मानव धर्म विकसित किया जाना चाहिए । समाज को एकजुट किया जाना चाहिए नही तो लकीर पीटते रहेंगे। ब्रम्हानो को अपने कर्मो पर भी ध्यान देना चाहिए । ज्ञान खूब है। भाषण भी खूब है । बहुत थोड़ा ही हिंदू दुनिया में बचा है । सब को एकजुट करने का विधान बनाना चाहिए।प्रणाम।🙏🙏🙏
Ati Steek v Uttam Dhang se Vardan kiya Gru ji Ye jaankari Ham hinduo ke liye parmavshyak hai Anya Darmo ke Samne Ham Lajjit N ho Ske Sadr Pranam Grudev🙏
Pandit ji aap ke charno mein koti koti pranam. Pandit ji aaj kal ke kush pandits tuh halal meat, jadka meat, and even dead animals ka meat aur wine pi rehe hain. Aur poultry farm chala rehe hain. Aaj kal ke pandit tuh aapne sanskar bhool gaya hai.
Aatma ka roop swaroop to anubhav ka vishay hai shriman ji. Shabdon ka nhi. Aatmswaroop ka anubhav ak purn guru hi kra skte hain koi samany brahman nhi.
Parantu shriman ji Guru nanak dev ji ne to apne bachpan hi aise kisi janeu ko dharan krne se mna kr diya jo purana hone pr svayam hi tut jata hai. Unhone bataya hai ki jo janeu khud hi toot jata hai bo hamari rkcha kya krega 😄
Bramhan Apne Sanskar se Jitna Jyada Gira utna shtriy Nahin Gire Vaishya to usse bhi kam Gire Shudra ke pass to Sanskar hai hi nahin to girna kya aur Nahin girna kya
ब्राह्मण के माता-पिता के शरीर में कितने तत्व हैं और बाकी जात के माता-पिता के शरीर में कितने तत्व हैं सभी जन्म मृत्यु हवा पानी पृथ्वी सूरज चंद्रमा भोजन कागज कलम किताब लेखक टीचर कपड़ा रूट ट्रेन सरकार गंगा जमुना नदी तालाब शहर बाजार दवा दारू डॉक्टर Hospital सभी जाति के लिए अलग अलग होना चाहिए था
6:13 " नौ 'देवता' उसके अंदर हमेशा . . . . साथ साथ चलते हैं. .." - क्या कोई "देवता" की परिभाषा बताएगा ?? Q- जब एक नवजात शिशु का जन्म होता है.. और उसने जनेऊ धारण नहीं किया होता है. . तब भी कुछ देवता उसके साथ साथ होते हैं। .. कोई बताइये कि वे देवता कौन हैं.. जो कि एक नवजात शिशु के साथ साथ होते हैं. ??? चाहे वह शिशु एक हिन्दू या मुस्लिम या ईसाई या सिख या जैन या पारसी परिवार में जन्मता है .
जब जनेऊ से बीपी नहीं बढ़ता तो ब्राह्मण या अन्य कास्ट को पैरालाइसिस क्यों मरता है शक्तिशाली रहना चाहिए हिमोग्लोबिन क्यों घट जाता है जनेऊ में 9 देवता हैं तो ब्राह्मण को गोली बारूद जहर से मौत क्यों हो जाता है ब्राह्मण मूर्ति में प्राण डालते हैं और घर में बच्चे और जवान बेटा मर जाते हैं
Pandit Ji Aap Jo bol rahe hain yah praval yah praval satv Raj aur Dam Hai teen praval aur Panch praval Panch tan matraen Hain kshitijal power Gagan Sameera yah generally Kaha jata hai ki kahan padhne Ja Rahe Ho Jab baccha Yadav dharan karne ki taiyar Hota Hai bolata hai main Kashi ja raha hun Kaise prapt karta hai janon ke bad Kaise prapt Karta Hai Is per Jara bolen Bridge kab hota hai aadami aur Kyon Hota Hai Iski mahtta per Jara samjhaya Jaaye
Are sahab ye jo aap insaano ko varno me baatne ka pryaas krte aa rhe ho na sbse bda paap to ye h hi jise aap chhote bde hone ka parmaan maante h... kya aap bta sjte h ki varno ki utpatti kaise hui thi or kisliye hui thi....?
मानव समानता की बात ही मत करो, सबसे पहले तो .......... तुने ब्राह्मण मे जन्म क्यो नही लीया.....?? तेरे हाथ मे था ही नही ......... शेर कभी पडा हुवा मरा हुवा नही खाता, कुत्ते,भेडिये ,कौवे, गीध, कीडे मरा हुवा भी खा लेता हे , जैसै जानवरो मे समानता नही वैसै ही मानव मे भी समानता नही ........... ज्ञान ओर शक्ति पढना ओर पढाना/ सीखाना वह ब्राह्मण....... बल ओर सेवाभाव....... क्षत्रिय , सभी वर्ण ओर देश की रक्षा करना , गणितज्ञ ओर व्यापार वाणिज्य....... वैश्य ,हर जीवनजरुरी/जीवनउपयोगी चीज वस्तुओ का आदान-प्रदान एवं वहन करना , क्षुद्र: उपर के तीनो कार्यक्षेत्र मे मदद करना, हाथ बटाना, वगैरह......वगैरह....... जो गुण लगभग जातिगत हे , पर क्षत्रिय राजा विश्वामित्र ( ब्राह्मण की भांति तप करके) ब्रह्मर्षि बन गये , ब्राह्मण परशुराम स्वयं क्रोधाग्नि थे जीसने क्षत्रियो को दंडित कीया था ( क्षत्रिय की तरह ) वैश्य शेठ जगडुशा, भामाशा वगैरह ने त्याग ओर दान करके पुण्य कमा लिया था, शुद्र : संत रोहिदास, भक्त गोरा कुंभार, वाल्मिकी, माता शबरी जो भगवान की भक्ति की वो पराकाष्ठा पर पहुंच चुके थे जहा ब्राह्मण भी नही पहुंच सका, ........ इसीलिए भाई दलित......दलित......... पीछडा वर्ग......पीछडा वर्ग बोलना छोड दे, खुद उपर उठो ओर दुसरो को भी उपर उठने की प्रेरणा दो , दलित ओर पीछडे वर्ग को दलित ओर दलित नेताऐ ही मार रहे हे ओर करोडपति अरबपति बनकर इस्तेमाल कर रहे हे ,
@@chetantrivedi335 पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ।पंडित भया न कोय। ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।। (संत कबीर) बाभन को मत पूजिये,जो होवे गुणहीन । चरन पड़ो चंडाल के, जो हो गुन प्रवीन।। (गुरु रविदास) आज सभी समाज से टीचर बन रहे हैं। आर्मी में सभी समाज के लोग हैं।व्यापार सभी समाज के लोग कर रहे हैं। फैक्ट्रियों में काम सभी समाज के लोग कर रहे हैं। क्यों कि देश संविधान से चल रहा है। मनुष्मरती से नहीं। आज सभी समाज के लोग पढ़े लिखे हैं। उनको उल्लू नहीं बना सकते। सत्य को सभी जानते है। जो बुद्धिमान है वह पंडित है। जिसकी भुजाओं में ताकत है वह क्षत्री है।जो व्यापार करता है वह वैश्य है।जो सेवा करता है। वह शुद्र है।चाहे वह किसी समाज से हो। कर्म से ही मानव की पहचान होती है न कि जन्म से।बिना डिग्री के न तो कोई डॉक्टर ,जज,टीचर,जिलाधिकारी,एसपी,एवं अन्य अधिकारी बन सकता है। इसी लिए हर साल मनुष्मरती में आग लगाई जाती है। जिसने दलित ,पिछडो के सभी अधिकार खत्म कर दिए थे।केवल बाभनो को ही सत प्रतिशत अधिकार दिए थे।
करमो से ब्राह्मण हो तभी तो लेकिन आज कल तो आम आदमी से ज्यादा ये मास मदिरा का सेवन कर रहे हैं नहीं तो आप फोर्स में कोई होगा उससे पूछना वहाँ हर क्षेत्र के ब्राह्मण मिल जाते हैं
आप एक बुजुर्ग आदमी है। कृपया इन बातों पर ध्यान दें। जो परमसत्य (आत्मज्ञान )का बोध करा दें, उसे पुर्ण सद्गुरू कहते हैं। समय के पुर्ण सद्गुरू ईश्वर का साक्षात्कार तथा प्रभु के अमृत नाम का ज्ञान कराते हैं। यही मनुष्य का सच्चा धर्म है। आत्मज्ञान में उपनयन संस्कार शामिल है। समय के पुर्ण सद्गुरू द्वारा प्रदत आत्मज्ञान जब शिष्य को मिल जाता है,तब वह शिष्य उपनयन संस्कार के तहत अपने अन्दर परम प्रकाश को तीसरा नेत्र से देखता है। किसी युग में आत्मज्ञानी को जनेऊ धारण करने का अधिकारी था,यह प्रथा बनाया गया था। यही सच्चाई है। इसके तहत अपने जो कुछ कहा है, सब भरमात्मक है। कृपया अपने जीवन मे सच्चाई को जानने का प्रयास करें। धन्यवाद।
Ae ap bakbas kr rahe hai agira putri barmcharni jo parvha risi ke vhariya bani or vishwkarma vagwan un'ke putr ke rup me aptar liye orusi vishwkarmaputr kalaye manu may thosta silpi or debgnya usi vishwkarma bansaj nolari ke jonu dharn krte hai bhi vishwbarhman ko pach vi vut janu ko dharn kare hai unike sath pach sorup me vagwan ka bas hota hai quki vishw ka nirman jo kare bahi barhman ke sath pach vagwan ke sakti hote hai or koyi vi barhan ke pas nhi hota
Khud hi agira risi ke putri barm charni jo vishwkarma vagwan ki mata thi bahi jonu ko dharn karti thi or bo barmcharni durga ke soro hai bahut jap tap krne par vishwkarma vagwag putr ke rup me aptar liye
जयतु हेभगवान विश्व नाथ जयतु🙏 सनातन जयतु हे नारायण
गुरुजी को सादर प्रणाम, सनातन धर्म की जेय,बहुत बड़ी जानकारी
धन्यवाद बहुत् लोगों को तो मेरी बातेे कांटे जैसे चूभी है
सही कहा आपने गुरु जी
Bahut acha laga aacharya ji prnam
प्रणाम गुरू देव अच्छा ज्ञान बताया
समय और काल के हिसाब से धर्म होता है जिसे युग धर्म कहते है । वर्तमान परिस्थितियों में जातिवाद प्रासंगिक नहीं रह गया। देश की दुर्दशा का कारण ब्राम्हणवाद भी है । कर्म के अनुसार मानव धर्म विकसित किया जाना चाहिए । समाज को एकजुट किया जाना चाहिए नही तो लकीर पीटते रहेंगे। ब्रम्हानो को अपने कर्मो पर भी ध्यान देना चाहिए । ज्ञान खूब है। भाषण भी खूब है । बहुत थोड़ा ही हिंदू दुनिया में बचा है । सब को एकजुट करने का विधान बनाना चाहिए।प्रणाम।🙏🙏🙏
ब्राह्मण तो मास मदिरा का सेवन कर रहे हैं. कर्म से आदमी की पहचान हो जाति से नहीं
Super
👋👋👋
नमन्....!!! , कृप्या मूझ जनेऊ की उत्कंठा शांत करे।यह रूद्र जनेऊ क्या है...? नमन्.....!!!
💧💧🙏💧💧
. Pandit ji aap iski Jankari ke dhanyvad
महाराज जी के चरणों में सादर प्रणाम🙏🏻
TV TV
हरिओम, चरणों में सादर प्रणाम,🌹🌹🙏🙏🌹🌹
आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करते हैं 🙏🙏🙏🙏🙏
Ati mahatwapurn gyan
पण्डित जी, प्रणाम, आप बिल्कुल सही जानकारी दी ए हैं। T.V पर और भी जानकारी देने की प्रयास करें ।ताकि हिंदू समतानियों को सिखच्छ्या मिल सके।
बहुत बैज्ञानिक बिश्लेषण। पहला बार सुना हे।
Maharaj shree ke shree charno me koti koti dandavat pranam 🙏🙏🙏
🙏 Naman hai Sanatan Dharm ko aur aise Sanatan Dharm ke vidwanon ko
Ati Steek v Uttam Dhang se Vardan kiya Gru ji Ye jaankari Ham hinduo ke liye parmavshyak hai Anya Darmo ke Samne Ham Lajjit N ho Ske Sadr Pranam Grudev🙏
गुरुवर
सादर प्रणाम हम यह जानकारी चाहिए किस ग्रंथ मे उल्लेख है चारो वर्णो को जनेऊ धारण करना चाहिए।
महाराज जी को सादर नमस्कार!
🙏 जय श्री परशुराम जी महाराज की 🙏
महोदय क्षमा प्रार्थी हूं हिंदू धर्म को मजबूत विरोध रहित बनाने के लिए दलितों का भी जनेऊ संस्कार किया जा सकता है या नहीं?
आपके चरणों में बारंबार सादर प्रणाम है!
इसके ओर आगे की जानकारी कैसे प्राप्त हो सकती हैं ( जय जय सिया राम)
,,पुनः प्रणाम,,
Jay Ho 🙏🙏🙏🙏🙏 Jay Ho sada Vijay ho ham bhaktjanon ke liye kuch binny bhaktjanon ke liye kuch binny Binny prabhu se bhi 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपका चरण वन्दन।।
जय परशुरामजी को कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
ऊं।जनेऊ तो चारों वर्णों के लिए था इसपर भी प्रकाश होना चाहिए, समाज को एक रखने के लिए
Pt. Jee aajkal to machine se bana janeu mil raha hai, jo ki nabhi tak hi aata hai.
Kya abhi bhi janeu haath se banaye jaate hain? Agar haan to kahan?
मिलता है जी
God is one who is unborn # chanting is the way to get God
प्रणाम महाराज जी 🙏🙏🙏🙏
Koto koti pranam
जैश्रीराम जी
सुन्दर
प्रणाम 🙏🏾बहुत अच्छी जानकारी👌
Har her mahadev
Braham ko janne wala aur Jana dene wala bramhan Kahin Dikhai Nahin deta
Pandit ji aap ke charno mein koti koti pranam. Pandit ji aaj kal ke kush pandits tuh halal meat, jadka meat, and even dead animals ka meat aur wine pi rehe hain. Aur poultry farm chala rehe hain. Aaj kal ke pandit tuh aapne sanskar bhool gaya hai.
आपको सादर प्रणाम करते हैं 🙏🙏🙏🙏
Shayad hi is Samay Dharti per Ek bramhan Bacha Ho Kahin Koi
प्रणाम 🙏
गुरूजी janev ki लम्बाई kitni honi चाहिए
सादर प्रणाम जयश्री राम
Radhey radhey
जैश्री राधे जी
अच्छा होता यदि आप सिर्फ यज्ञोपवीत के बारे में ही बताते।
आपकी भावना
Guru ji atma ka roop swaroop kasa hota ha.pls kbhi es topic pr apni bat rakhe .
Aatma ka roop swaroop to anubhav ka vishay hai shriman ji. Shabdon ka nhi. Aatmswaroop ka anubhav ak purn guru hi kra skte hain koi samany brahman nhi.
Parantu shriman ji Guru nanak dev ji ne to apne bachpan hi aise kisi janeu ko dharan krne se mna kr diya jo purana hone pr svayam hi tut jata hai. Unhone bataya hai ki jo janeu khud hi toot jata hai bo hamari rkcha kya krega 😄
Pranam pandit ji
प्रणाम गुरुवर 🙏🙏🙏🙏🙏
पंडित जी को प्रणाम, आपने कहा की आज गायत्री मंत्र माइक पर किया जाता है यह गलत है, किंतु क्या आप ईस पर भी प्रकाश डालेंगे की आज इसकी आस्यकता क्यु पड़ी?
Burbank Pandit ji
🙏🙏🙏
Brahmanon Ke Karan hi Bharat Gulam hua
ruclips.net/video/Fl5CvyerWuQ/видео.html आत्मा का परम आनंद भी लिजीए
En kathakar ji ke matanusar sabhi mahilay avam soodra neech hai.
Pranam guru ji, bahut sunder sali ha ap me apni bat samjhane ki
जय हो
महिलाएँ जनेउ पहनेका विधान कौन शास्त्र पुराणौ मे उल्लेख हैं बिप्रवर कृपया हमे भी जानकारी दे ।
Sadar Charan spars
Pt ji Mujhhe aapka bnaya hua janew chahiye
ऊं। जनेऊ तीन ऋणों का प्रतीक है उस भी चर्चा होनी चाहिए।
GURUJI YEVRAMAK UPADESHA MATA DIJI YE SAMAJ MEVRAMA PRASARAN HONE AUR SAMAJBIGADEGA
Bramhan Apne Sanskar se Jitna Jyada Gira utna shtriy Nahin Gire Vaishya to usse bhi kam Gire Shudra ke pass to Sanskar hai hi nahin to girna kya aur Nahin girna kya
क्या गीता एवं वेदों में भी जनेऊ का प्रमाण है, तो किस अध्याय के किस श्लोक में है इसे स्पष्ट करने की कृपा करें।
Dhanush Ko hinsa Ka Karan bataega Brahman to gulami aani nishchit hai
Karm kand chhod bhakti karna bataiye...
Jai Hos
Aacharan Bina dharan Kiya Gaya karmkand bhrashtachar ko badhava deta hai
पँण्डितजी पुस्तक मेै कागजी रूपिया देखाए हैँ क्याेँ??
ये नोट कियो रखे है
आप को भी ऐकनोट दे दगे
ब्राह्मण के माता-पिता के शरीर में कितने तत्व हैं और बाकी जात के माता-पिता के शरीर में कितने तत्व हैं सभी जन्म मृत्यु हवा पानी पृथ्वी सूरज चंद्रमा भोजन कागज कलम किताब लेखक टीचर कपड़ा रूट ट्रेन सरकार गंगा जमुना नदी तालाब शहर बाजार दवा दारू डॉक्टर Hospital सभी जाति के लिए अलग अलग होना चाहिए था
6:13 " नौ 'देवता' उसके अंदर हमेशा . . . . साथ साथ चलते हैं. .." - क्या कोई "देवता" की परिभाषा बताएगा ??
Q- जब एक नवजात शिशु का जन्म होता है.. और उसने जनेऊ धारण नहीं किया होता है. . तब भी कुछ देवता उसके साथ साथ होते हैं। .. कोई बताइये कि वे देवता कौन हैं.. जो कि एक नवजात शिशु के साथ साथ होते हैं. ??? चाहे वह शिशु एक हिन्दू या मुस्लिम या ईसाई या सिख या जैन या पारसी परिवार में जन्मता है .
Bahut achcha sawal
@@sitaramverma6422 Dhanyawaad... Mujhe jawaab ka intzaar hai.
Kya aap bhi iska uttar jaanne ko utsuk hain ?
जब जनेऊ से बीपी नहीं बढ़ता तो ब्राह्मण या अन्य कास्ट को पैरालाइसिस क्यों मरता है शक्तिशाली रहना चाहिए हिमोग्लोबिन क्यों घट जाता है जनेऊ में 9 देवता हैं तो ब्राह्मण को गोली बारूद जहर से मौत क्यों हो जाता है ब्राह्मण मूर्ति में प्राण डालते हैं और घर में बच्चे और जवान बेटा मर जाते हैं
@@dr.lbhomeopath4450 अच्छा उत्तर... डॉक्टर साहब ...
2. " प्रश्नकरता "===> "प्रश्नकर्ता " .
डार जनेऊ ब्राह्मण कहलाए, ब्राह्मणी को कहो क्या पहिराए ।
नारायण दास मानिकपुरी खांड़ा सीपत
बहुत सुंदर जानकारी ℹ
Guru ji ko pranam
Pandit Ji Aap Jo bol rahe hain yah praval yah praval satv Raj aur Dam Hai teen praval aur Panch praval Panch tan matraen Hain kshitijal power Gagan Sameera yah generally Kaha jata hai ki kahan padhne Ja Rahe Ho Jab baccha Yadav dharan karne ki taiyar Hota Hai bolata hai main Kashi ja raha hun Kaise prapt karta hai janon ke bad Kaise prapt Karta Hai Is per Jara bolen Bridge kab hota hai aadami aur Kyon Hota Hai Iski mahtta per Jara samjhaya Jaaye
🙏🏹|| जय जय श्री राम🏹🙏
स्री को गायत्री मन्त्र का अधिकार नहि हैं तो जनेऊ का बिधान कहा से आया मान्य बर
🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏
विधुर पुरुष कितने जनेऊ धारण करें ?
Sab Kuchh tha Ho Gaya vartman Mein Hai Kuchh Bhi Nahin
अब जनता जाग चुकी है यह साजिश चलने वाली नहीं मनुष्य का सदगुण ही श्रेष्ठ है जनेऊ लपेटने से कुछ नहीं होता।
Kalyug kewal naam adhara....
Kaljug yog na jag nagyana ek adhar....
Kalyug keval nam Adhara sumir sumir nar utrhi para
Are sahab ye jo aap insaano ko varno me baatne ka pryaas krte aa rhe ho na sbse bda paap to ye h hi jise aap chhote bde hone ka parmaan maante h... kya aap bta sjte h ki varno ki utpatti kaise hui thi or kisliye hui thi....?
श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय चार के तेरहवें श्लोक पढ़ लें, उत्तर मिल जाएगा?
Pandit ji namaskar janeu ke bare mein aapane pura Gyan nahin diya hai kripya pura Gyan sabhi ko Dene ka kasht Karen
Ram ram bhaiya ji kripya karke shrimad bhagwatgita ke chauthe adhyay ka 13 shlok pade.
Dusare desh me koi bramhan nahi hai firbhi itna khushal aur sukhi kaise hai. Hindustan me sab pakhand hai .
🇳🇵
Brahman janm se ya karm se
जनेऊ लीला से सावधान रहो। पाखंड से दूर रहो।दलित, पिछड़े जरूर ध्यान रखें। मानव समानता को बढ़ावा दें।
मानव समानता की बात ही मत करो,
सबसे पहले तो ..........
तुने ब्राह्मण मे जन्म क्यो नही लीया.....??
तेरे हाथ मे था ही नही .........
शेर कभी पडा हुवा मरा हुवा नही खाता,
कुत्ते,भेडिये ,कौवे, गीध, कीडे मरा हुवा भी खा लेता हे , जैसै जानवरो मे समानता नही वैसै ही
मानव मे भी समानता नही ...........
ज्ञान ओर शक्ति पढना ओर पढाना/ सीखाना
वह ब्राह्मण.......
बल ओर सेवाभाव....... क्षत्रिय , सभी वर्ण ओर देश की रक्षा करना ,
गणितज्ञ ओर व्यापार वाणिज्य....... वैश्य ,हर जीवनजरुरी/जीवनउपयोगी चीज वस्तुओ का
आदान-प्रदान एवं वहन करना ,
क्षुद्र: उपर के तीनो कार्यक्षेत्र मे मदद करना, हाथ बटाना, वगैरह......वगैरह.......
जो गुण लगभग जातिगत हे ,
पर क्षत्रिय राजा विश्वामित्र ( ब्राह्मण की भांति तप करके) ब्रह्मर्षि बन गये ,
ब्राह्मण परशुराम स्वयं क्रोधाग्नि थे जीसने क्षत्रियो को दंडित कीया था ( क्षत्रिय की तरह )
वैश्य शेठ जगडुशा, भामाशा वगैरह ने त्याग ओर दान करके पुण्य कमा लिया था,
शुद्र : संत रोहिदास, भक्त गोरा कुंभार, वाल्मिकी, माता शबरी जो भगवान की भक्ति की वो पराकाष्ठा पर पहुंच चुके थे जहा ब्राह्मण भी नही पहुंच सका, ........
इसीलिए भाई दलित......दलित.........
पीछडा वर्ग......पीछडा वर्ग बोलना छोड दे,
खुद उपर उठो ओर दुसरो को भी उपर उठने की प्रेरणा दो ,
दलित ओर पीछडे वर्ग को दलित ओर दलित नेताऐ ही मार रहे हे ओर करोडपति अरबपति बनकर इस्तेमाल कर रहे हे ,
@@chetantrivedi335 पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ।पंडित भया न कोय।
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।।
(संत कबीर)
बाभन को मत पूजिये,जो होवे गुणहीन ।
चरन पड़ो चंडाल के, जो हो गुन प्रवीन।।
(गुरु रविदास)
आज सभी समाज से टीचर बन रहे हैं। आर्मी में सभी समाज के लोग हैं।व्यापार सभी समाज के लोग कर रहे हैं। फैक्ट्रियों में काम सभी समाज के लोग कर रहे हैं। क्यों कि देश संविधान से चल रहा है। मनुष्मरती से नहीं। आज सभी समाज के लोग पढ़े लिखे हैं। उनको उल्लू नहीं बना सकते। सत्य को सभी जानते है। जो बुद्धिमान है वह पंडित है। जिसकी भुजाओं में ताकत है वह क्षत्री है।जो व्यापार करता है वह वैश्य है।जो सेवा करता है। वह शुद्र है।चाहे वह किसी समाज से हो। कर्म से ही मानव की पहचान होती है न कि जन्म से।बिना डिग्री के न तो कोई डॉक्टर ,जज,टीचर,जिलाधिकारी,एसपी,एवं अन्य अधिकारी बन सकता है। इसी लिए हर साल मनुष्मरती में आग लगाई जाती है। जिसने दलित ,पिछडो के सभी अधिकार खत्म कर दिए थे।केवल बाभनो को ही सत प्रतिशत अधिकार दिए थे।
Janeu to apni ungali se nahi banaya gaya is janeu ko to sant Ravi dash ne
Apne Seena se nikala tha Ganga Maiya ki kripa se
ब्राह्मण कौन हो सकता है जाति से या ज्ञान से
Janeu me bhi vranvyvstha lagu hai .hayre pakhand .
Ab manav smriti Nahin chalti hai yahan bheem ki kalam chalti hai
जो कुतर्क करते हैं और ब्राह्मण को तुक्ष समझते हैं, सर्वनाश को आमंत्रित कर शांति को प्राप्त करना चाहते हैं, जो कभी प्राप्त नहीं हो सकता?
करमो से ब्राह्मण हो तभी तो लेकिन आज कल तो आम आदमी से ज्यादा ये मास मदिरा का सेवन कर रहे हैं नहीं तो आप फोर्स में कोई होगा उससे पूछना वहाँ हर क्षेत्र के ब्राह्मण मिल जाते हैं
Suder ko janau kaa vidan nahee hai
Pahle Brahman Kaun hai ..
य: जानाति ब्रह्म: स ब्राह्मण : ।
पंडित जी आप गलत कह रहे हो,ब्राह्मण के जनेऊ मे, 24चौए यानी 96अंगुल की लंबाई होती है
Nine dev kyu nahi bataya
Kahe ok bakwaas kar rahe ho naharaj
आपकी भावना
आप एक बुजुर्ग आदमी है। कृपया इन बातों पर ध्यान दें।
जो परमसत्य (आत्मज्ञान )का बोध करा दें, उसे पुर्ण सद्गुरू कहते हैं।
समय के पुर्ण सद्गुरू ईश्वर का साक्षात्कार तथा प्रभु के अमृत नाम का ज्ञान कराते हैं। यही मनुष्य का सच्चा धर्म है।
आत्मज्ञान में उपनयन संस्कार शामिल है।
समय के पुर्ण सद्गुरू द्वारा प्रदत आत्मज्ञान जब शिष्य को मिल जाता है,तब वह शिष्य उपनयन संस्कार के तहत अपने अन्दर परम प्रकाश को तीसरा नेत्र से देखता है। किसी युग में आत्मज्ञानी को जनेऊ धारण करने का अधिकारी था,यह प्रथा बनाया गया था। यही सच्चाई है।
इसके तहत अपने जो कुछ कहा है, सब भरमात्मक है। कृपया अपने जीवन मे सच्चाई को जानने का प्रयास करें।
धन्यवाद।
Paise Logan ko dikanay k lay
kshatriyo ka bhi yagyopavit hota he
Ae ap bakbas kr rahe hai agira putri barmcharni jo parvha risi ke vhariya bani or vishwkarma vagwan un'ke putr ke rup me aptar liye orusi vishwkarmaputr kalaye manu may thosta silpi or debgnya usi vishwkarma bansaj nolari ke jonu dharn krte hai bhi vishwbarhman ko pach vi vut janu ko dharn kare hai unike sath pach sorup me vagwan ka bas hota hai quki vishw ka nirman jo kare bahi barhman ke sath pach vagwan ke sakti hote hai or koyi vi barhan ke pas nhi hota
Khud hi agira risi ke putri barm charni jo vishwkarma vagwan ki mata thi bahi jonu ko dharn karti thi or bo barmcharni durga ke soro hai bahut jap tap krne par vishwkarma vagwag putr ke rup me aptar liye
पंडित कहां शुद्ध रहता है सो के उठा पहले तंबाकू खाता है उसके बाद ही कोई काम करता है और तंबाकू बिना खाए मंत्र पाठ भी नहीं करता है
जहां ब्राह्मण है वहीं धर्म है जहां धर्म है वही जय है यह नहीं भूलना चाहिए 🙏
@@sadabahargaane81 जहां ब्राह्मण है वहां मानवता नहीं है। वहां पाखंड,अंधविश्वास ,भेदभाव,सडयंत्र ,अन्याय,जनेऊ लीला है।
आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करते हैं 🙏🙏🙏
बहुत ही अच्छी जानकारी दी है आपने
ruclips.net/video/Fl5CvyerWuQ/видео.html आत्मा का परम आनंद भी लिजीए
बिल्कुल सही