Guruji has left this world early this year....i truly feel the void, he had so much deep insights in philosophy and spirituality that I got awestruck...I miss you
Dr. Prof. HS Sinha Sahab is, no doubt an intellectual, learned n enlighted person who has a vast area of knowledge, a legendary philosopher of today. Naman!!
Not an enlightened person. His viewpoints about nagarjuna are somewhat misguided and he is instead trying out to draw some similarity between shunyata and upanishads by comparing them when in reality both are opposite.
"अधरम मधुरम वदन मधुरम ।" -भारतीय वैदिक दर्शन की शुरुवात समस्ती के स्वीकार और मधुरता , द्वैत से शुरू होती है अंत अद्वैत और मधुरता में अंत होती है। - मुझे गर्व हे मेरे भारत पर जो हर विचार को सम्मान देता है और उसे भारत में स्थान देता है । क्या सही क्या गलत की बहस में न पड़कर हमे अपने जो भी विचार हे उनमें प्रगति करना बेहतर हे।🙏
आपका अध्यन और व्याख्या नितांत साधारण है। इसीलिए साधारणजन को समझ आता है। इतना भी यदि किसी की समझ में आ जाए तो भी आप एक अच्छा कार्य कर रहे हैं। यदि शून्यवाद को पराकाष्ठा मान लें तो मौन ज्ञान का अंतिम पड़ाव है। धन्यवाद
@@shailendrachoudhari2122 तो बुद्धा का अंत भी हुआ था इसीलिए नवबुद्ध अथवा बुद्धिस्ट लोग समस्त ब्रह्माण्ड के ( अनंत कोटिकोटि ब्रह्मांडों में स्थित) सनातन वैदिक सभ्यता धर्म सुसंस्कृति ब्रह्माविष्णु महेश जी का अपमान करते है और सनातन के शुद्ध वैज्ञानिक परंपराओं का अपमान करते है
महोदय जी! जिस समय की आप बात कर रहे हैं उस समय कौन सा संस्कृत प्रचलित था, पाली मिश्रित(प्रोटो )या बुद्धिष्ट हाइब्रिड संस्कृत या संस्कृत या क्लासिकल संस्कृत। प्रोटो संस्कृत जिसे धम लिपी (ब्राह्मी लिपि) में लिखा जाता था। हाइब्रिड बौधिष्ट संस्कृत जिसे नागरी लिपि में लिखा जाता था।क्लासिकल संस्कृत जिसे देवनागरी लिपी बिना नहीं लिखा जा सकता है। क्या दूसरी सदी में ब्राह्मण था या बमन था। दूसरी सदी में बमन का उल्लेख मिलता है ना कि ब्राह्मण का (पुरातत्विक अभिलेखों के अनुसार)
There is godliness(God) and soulness(soul),this universe came to existence from nothing itself is a proof for this everything(something) from nothing.buddha gave two answers for same question to a believer and non-believer(theist and atheist). Buddha is agnostic.budh means intellect.hindustan is a land of spirituality.nirvan means stillness of consciousness which need not be affected by anything either good or evil(bad).classic explanation by this high class intellectual master.
Only shuniyata or emptiness can free us from root of suffering. There is no other way to set ourself free unless gaining shuniyata. My precious guru has practice it for more thn 60 years and now watching him I can tell he has gained shuniyata. Shuniyata the easiest way to understand is depended origination. We can control our dreams. Thank you sir for your explanation.
There must be something or someone to observe "Shunya or emptyness". Then it cannot be called Shunya. Or nobody can say even Shunya. The moment you say shunya, it is not shunya as it is observed. Think peacefully.
@@tendesh6147 if you get my point you will get what Nagarjuna said. What do you understand by shunyata? Absolute emptyness. That means "nothing". This "nothing" or "shunya" can be spoken of if there is a witness of it. Think peacefully, may be you get it in time.
@@tendesh6147 , If someone says there is no one in this room then who is experiencing that there is no one in the room. शुन्य अभाव नहीं निर्विशेषता की अवधि है | दुनिया में जितना गंद इन मुर्ख बौद्धों ने मचाया है उसका परिणाम आज तक भुगत रहे है लोग |
Finally the Great Buddhist Saints , Maha Gyani ,Mahan vidwaan and their legacies coming into Picture ...in the mainstream and It should come out and reach everywhere in the World ..for the benefits of all sentient beings and reach the Mokshya or the Nirvaan 🙏🙏
Guruji ki Jeevan shailee kaisi hai. Unke aankho par specs nahi hai or kesh pure hai. Bhagwan aapko swasth sundar sampann jeevan de. Guruji se milne ki bahut iccha hai kintu Maharashtra kurukshetra se bahut door hai. Unke Pravachan suntey hai to samay ka pata nahi rahta.
भगवान बुद्धने प्रतीप्त स्मुत्पाद सिखाया, भंते नागार्जुनाचार्य ने उससे शून्यवाद विस्तार किया, और पश्चिमी सायंटिस्टोने जो क्वांटम फिजिक्स बनाया, वो हमें नागार्जुनाचार्य हजारो वर्षंपूर्व सिखा गये थे..... (वह ज्ञान की मौलिक परंपरा हम भुल गये थे.) जिथे हमे फिरसे संजोगना है..... 🙏🙏
तो क्या हुआ, बुध्द के पेहले शिष्य पांच सच्चे ब्राम्हण थे, वेसे ही डा आंबेडकर के मित्र ब्राम्हण ही थे..! इस लिए डा आंबेडकर जी ने ब्राम्हणो को आवाहन किया हैं, की वे बुध्द के शरण में आये ताकी भारत वापस विश्वगुरु, Light of ASIA बनेगा..! उन को खुद के आत्मचेतना का उद्दार करना है तो बुध्द की आनापानसती, विपस्सना ध्यान विरासत को अपनाना ही होगा..! जो आज ये लोग PMC Hindi चैनल मराठी सभी भाषाओ में चला रहे है..!
@@udayveerbaghel8722 सुनो हिंदू सनातनी.. प्रवीण मोहन.. ये सारे चंद्रगुप्त मौर्या, सम्राट आशोक कालीन निर्मित हैं, जो 84000 बुध्दविहार, चैत्य गुफाए बनाए थे..! यह विरासत किसने छुपाई..? भारत भुमी ना किसी झूंटे रामू की या शामू की.. यह सारी भारत भुमी हैं बुध्द की है़..! वैदिक संस्कृतीने तो महिलाओ को उपभोक्ता की चीज, सती, देवालय के वेश्यालय, बना डाले, "ढोल पशु और नारी सभी ताडण के आधीकारी" लिखनेवाले सारा वैदिक सनातनी ग्रंथ जलाने के काबील है.. इन विदेशी लोगो का इस देश में स्वयं निर्मित कुछ नही है, उनका मंदिर, जादू टोना, भानामती, मंत्र तंत्र शिवा कुछ भी नही..! ब्राम्हणमुक्त भारत करने का समय आ चुका है..! महात्मा फुले लिखते हैं "ब्राम्हणमुक्त भारत ही विकास का रास्ता है..!" जयभीम विकास की गुरूकिल्ली है..! बहुजनो जागो..! भारत बुध्द की भुमी हैं.. ना कीसी झूंटे रामू की या शामू की.. जो कभी इस भुमे पैदा ही नही हुए..! कोई सबूत नही, इस कारण "हिंदू धर्म नही हैं " यह सुप्रिम कोर्टने आदेश दिया हैंं..! दिनांक 11 डिसेंबर 1995. मगर अंधभक्तो की फौज "भाडोत्री/ भाडखाऊ जनता पार्टी" पूरी लोकसभा सोई हैं, 28 वर्ष से..! बहुजन सरकार लाओ..! संविधान बचाओ..! विदेशी ब्राम्हणवादीयो को भगाओ..!!
आयुर्वेद के महान आचार्य भंते नागार्जुन की युनीवर्सीटी अमरावती आज AP के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने वापस बुध्दिस्ट स्टडी सेंटर बना दिया है..! नमो बुध्दाय..!
मुक्ति सागर में डुबकी लगाओ. केवल विचार चर्चा बौद्धिक तत्वज्ञान जिज्ञासा से ज्ञानरस नहीं प्राप्त होता हैं । अनुभव भावना ही प्राज्ञक्षेत्र हैं। Insight@vipassana 🙏🏼🍁💐
हमारा इतिहास तो पूरा जला दिया गया है त बाहर से हमारा जो इतिहास आया है वही सच्चाई है ओरिजिनल पुरानी किताबें तिब्बत में ही मिलती है आप सच्चा इतिहास पढ़ना चाहते तो हैंग सॉन्ग की यात्रा विवरण जरूर करें
I guess he is the same Nagarjuna associated with Vijayawada and Guntur in Andhra Pradesh. There is a hill called Nagarjuna Konda there. He lived there, and the Buddha araam structures still exist today. Telugu actor Nagarjuna is named after him. Many companies, and hotels also have his name in Telugu states.
शून्य वाद /पर्मर्थसत्य पर तथा विज्ञप्ति मात्र भाष्य पर साधु। साधु। साधु ।🙏🙏🙏🙏 संसार में सबकुछ क्षणिक , क्षणभंगुर है। नशवार है आत्मा अनित्य भ्रम है क्षणिक है
नमस्कार सिन्हाजी के बताई बाते सरल समझाई ठोस सूत्रोसिदान्तो से आत्मविभोरकर्त्ता हे हम उम्मिद करते आपसे वेदिक सनातन हिन्दू धर्मग्रन्थो से क्षेष्ठजनो कि जानकारी आपके मूखार्ग से जानकारी मिले अभिनन्दन करते आग्रहा करते बहूत हि अच्छा समझपायगे ????%
It has to be admitted and accepted by the humanity at large that India since yore has always been a cauldron of human wisdom and a pioneer of Liberty of thought in pursuit of the ultimate truth that human civilization can look up to for millenium to come
बुद्ध भगवान को नहीं मानते थे लेकिन पुनर्जन्म को मानते थे लेकिन पुनर्जन्म को कौन नियंत्रित करता है इसके बारे में उनके विचार स्पष्ट नहीं है। जब व्यक्ति भगवान से नहीं डरेगा भगवान की सत्ता स्वीकार नहीं करेगा तो फिर वह बुरे आचरण से क्यों उनसे अच्छे आचरण की अपेक्षा ही नहीं करनी चाहिए
हज़ारों साल पहले लिखे गए वेद को तुम समझ नहीं पाए और बुद्ध के विचार को स्पष्ट नहीं है बोलते हो धन्य हो ज्ञानी महाराज इतने ही ज्ञानी हो कर दो न भारत कल्याण ....
Shoonya mn visfot kaise ho sakta hai? How an explosion is possible in zero and infinity? Gurudev sashtaang pranaam. Meri umra bhi parmatma aapko de..👏👏👏
निर्वाण ही शुन्य है! तृष्णामुक्त जीवन को निर्वाण कॅहते है! आदमी जन्म के बाद, मट्टी को चाटणेकी,[ मट्टी से दुध, अन्न उत्पन्न] सवय लगती है, और आदमी मन मे तृष्णा जागती है!तृष्णा ही वाण है!वाणमुक्तता मतलब निर्वाण मतलब तृष्णा को शुन्य तक लाना! चार महाभूतोसेही चेतना का निर्माण होता है, चेतनाही मन है!और चेतना खत्म होते ही, मन भी वही क्षण खत्म होता है! जाती वैदिक ब्राह्मण उसी चेतना, मन को आत्मा कॅहते जो कभी भी खत्म नही होता, लेकिन इस दुनियाका यही तत्व है की, इस दुनियामे कुच्छ भी शाश्वत, नही है तो आत्मा या ईश्वर शाश्वत अशक्यप्रायः है और शक्यता तभी संभव है जब वह इस दुनिया याने ब्रह्म के बाहर के हो और इस ब्रह्म के, दुनिया के बाहर कुच्छ भी नही है, और इस पृथ्वी के साथ ब्रह्म परिवर्तनीय कारण शाश्वत ईश्वर या शाश्वत आत्मा अशक्यप्रायः है! इसेही बुद्ध प्रतीत्यसमुत्तपाद कॅहते है, कार्यकारण कॅहते है की जन्म और मृतू और जीवन को कारण होता है, ईश्वर और आत्मा अकारण है, एक तृष्णा कारण ही आदमी के दिमाख की निर्मिती है, यही शुन्यवाद है!
Thanks. I have digital library of my own. Where madhyamik school of nagarjuna is present. I never thought such a GEM present in my collection. I too was a real blind.
Sir ji 🙏 Atisha,Shanti Deva, aur Dipangkara jis ne Tibet me Buddhism failane mein bahut bhara yogdan diya tha. Aj hum jo Tibeti bhasa mein Buddhism adyayan kar raha hai,is me yehi maha Guru ji logon ka kripa hai. Kripaya ap in Maha Pandit Guruji logon k bhare mein bhi hame batane ki kripa karen 🙏🙏🙏
शुन्य ही सत्य है । सुशुम्ना नाड़ी समय से परे शुन्य है । जिसमें ईश्वर विद्यमान हैं , या फिर गॉड पार्टिकल्स विद्यमान हैं । भगवान शिव जी भी ध्यान में सुशुम्ना नाड़ी में रमण कर रहे हैं । क्योंकि शुन्य में जाकर - नाम या शब्द - विलीन हो जाता है । शब्द एक बीज है , जिसमें अक्षर का अंकुर होता है । शुन्य में जाकर - अंकुर नष्ट हो जाता है । इसे ही निर्वाण कहते हैं । इसलिए परम सत्य शुन्य ही है । सचिदानन्द - सत चित्त आनन्द , इस 3 शब्दों से बना है । सत - नासिका , चित्त - भौं मध्य ( आज्ञाचक्र ) और आनन्द - ब्र्म्ह्र्र्ंधर । नमस्कार गुरु जी
गुरु जी , मैनेँ सिद्धाश्रम के एक सिद्ध योगी स्वामी रामेश्वम जी योगीराज से सुना था कि , नागार्जुन एक महान किमियाँगार थे , वो रसायन विज्ञान के धनी थे और रसायनिक क्रियाओँ के द्वारा " सोना " बनाया करते थे । और सोने के बदले खाद्य पदार्थ ले जाया करते थे । नई दिल्ली से नमस्कार जी
OM Namah Shivaya Baba. Main aapka lecture lagbhag Roz sunta hu.. lakin mujhe lagta hai naam ka jeevan pe gehra asar hota hai.. lakin jab chetna jagrit ho tab .. aachet ke naam ko bodh hi nahi hoga to uspe naam ka asar kaise hoga. Jaise Bakri ko agar Sher keh de to na Bakri na Sher dono ko fark nahi padega .. aur new age main ye bhi deekha Jaa Raha hai ki janwar jinko hum paltu bana rahe .. naam lete hi unke ehsaas ho jata hai ki unko hum pukaar rahe... Kuch ispe prakash daale aur hamare Hindus main iska kya prabhav hota hai.
Karya Karan sidhhant Engineering men bhi kathor siddhant hai. Model Based Problem Solving men ham Model ke hypothesis ko check karte hein; result ko reproduce karke model ko verify karte hein.
❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉 ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
❤❤❤🎉🎉🎉ॐ नमः शिवाय ॐ ❤❤❤🎉🎉🎉
विद्वान नागार्जुन से परिचित कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.नमन श्री गुरु जी. बेहद की परमशान्ति.
Thanks ☺️
@@RajkumarSingh-dw2mr11111111111111111111111
@@RajkumarSingh-dw2mr11111111111111111111111
शून्य ही सत्य है,शून्य से ही अलौकिक अति सुंदर, किरण रूपी प्रकाश निकला है।
अति अति उत्तम रूप से समझाते हैं आप, इस तरह की बातें दुर्लभ हैं , बारंबार धन्यवाद व आभार 🙏🙏
In tibetan Buddhism we still learning his teaching's 👍I bow down to 🌸🌸🌸🌸 Nagarjuna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
❤️
🕉❤🙏
❤🎉
Guruji has left this world early this year....i truly feel the void, he had so much deep insights in philosophy and spirituality that I got awestruck...I miss you
🙏🏻🙏🏻🙏🏻😢
सदा स्वस्थ रहें आप ताकि आपके ज्ञान के प्रकाश से हम सभी प्रकाशित होते रहे आपके सदा स्वस्थ रहने ऐसे ही अतुलनीय ज्ञान से हमारी झोली सदा भरते रहे
Ja chuke h ye ab
@@singhalbhai3248 ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे विनम्र श्रद्धांजलि हम आपके सदा ऋणी रहेंगे ओम शांति🙏🙏
बुद्धम शरणम् गच्छामि 🙏🏻 नमो बुद्धाय 👏 बुद्ध व बोधि सत्व को नमन् 🙏🏻 आचार्य नागर्जुन के परिचय के लिए आभार व स्नेह धन्यवाद् ❤
Abe jhatu .budh khud sanatn tha .
@@DEEPAKPANDEY-f1y kyu re jhatu .buddh ne kab bola ki wo sanatani hai..sale chutiya
@deepakpandey jhandu to tu h jise apne hone ka mool nhi gyat
@@DEEPAKPANDEY-f1ymanuwadi. 😂
@@DEEPAKPANDEY-f1y lekin hinduism tantana nahi hai, buddha dharma ka churaya hua maal hai. isliye ban linduism.
Dr. Prof. HS Sinha Sahab is, no doubt an intellectual, learned n enlighted person who has a vast area of knowledge, a legendary philosopher of today. Naman!!
Not an enlightened person. His viewpoints about nagarjuna are somewhat misguided and he is instead trying out to draw some similarity between shunyata and upanishads by comparing them when in reality both are opposite.
Apke charnoan main mera saadar pranaam.......haridawar ke rehne wale is chote se insaan ka apko naman
बौद्ध दर्शन शून्यवाद पर महत्वपूर्ण आख्यान।बहुत बढ़िया बोले।
गुरु जी आपका ज्ञान अपार है आपके ज्ञान को शत-शत नमन🙏❤️
Namo Buddha 🙏 🙏🎉
Maha Gyani Nagarjuna 🙏🙏🎉
"अधरम मधुरम वदन मधुरम ।"
-भारतीय वैदिक दर्शन की शुरुवात समस्ती के स्वीकार और मधुरता , द्वैत से शुरू होती है अंत अद्वैत और मधुरता में अंत होती है।
- मुझे गर्व हे मेरे भारत पर जो हर विचार को सम्मान देता है और उसे भारत में स्थान देता है ।
क्या सही क्या गलत की बहस में न पड़कर हमे अपने जो भी विचार हे उनमें प्रगति करना बेहतर हे।🙏
Great philosopher of Buddhisum Nagarjuna..... 🙏Thanks for such great informative lecture.
Nagarjuna is a brilliant philosopher sage. 🙏🏽
आपका अध्यन और व्याख्या नितांत साधारण है। इसीलिए साधारणजन को समझ आता है। इतना भी यदि किसी की समझ में आ जाए तो भी आप एक अच्छा कार्य कर रहे हैं।
यदि शून्यवाद को पराकाष्ठा मान लें तो मौन ज्ञान का अंतिम पड़ाव है। धन्यवाद
ग्रेट
I really appreciate the entire team of The Quest for uploading Philosophy of Guruji....
बुद्ध की शुरुवात दुःख से होती है और अंत सुखद होता है....
बुद्ध एक दार्शनिक थे और सभी दर्शनिको का अंत सुखद ही होता है।
@@shailendrachoudhari2122
तो बुद्धा का अंत भी हुआ था
इसीलिए नवबुद्ध अथवा
बुद्धिस्ट लोग समस्त ब्रह्माण्ड के ( अनंत कोटिकोटि ब्रह्मांडों में स्थित) सनातन वैदिक सभ्यता धर्म सुसंस्कृति ब्रह्माविष्णु महेश जी का अपमान करते है
और
सनातन के शुद्ध वैज्ञानिक परंपराओं का अपमान करते है
❤ krishna ki survat Khushi se hoti hai or ant bhi Khushi se❤
@@Logicalbelief1कृष्णा या तृष्णा?
जैसे कि महाभारत में उनके बारे में लिखा गया है।
महोदय जी!
जिस समय की आप बात कर रहे हैं उस समय कौन सा संस्कृत प्रचलित था, पाली मिश्रित(प्रोटो )या बुद्धिष्ट हाइब्रिड संस्कृत या संस्कृत या क्लासिकल संस्कृत। प्रोटो संस्कृत जिसे धम लिपी (ब्राह्मी लिपि) में लिखा जाता था। हाइब्रिड बौधिष्ट संस्कृत जिसे नागरी लिपि में लिखा जाता था।क्लासिकल संस्कृत जिसे देवनागरी लिपी बिना नहीं लिखा जा सकता है।
क्या दूसरी सदी में ब्राह्मण था या बमन था।
दूसरी सदी में बमन का उल्लेख मिलता है ना कि ब्राह्मण का (पुरातत्विक अभिलेखों के अनुसार)
Huge respect from bottom to heart.......no words.....guruji sadar pranam
There is godliness(God) and soulness(soul),this universe came to existence from nothing itself is a proof for this everything(something) from nothing.buddha gave two answers for same question to a believer and non-believer(theist and atheist). Buddha is agnostic.budh means intellect.hindustan is a land of spirituality.nirvan means stillness of consciousness which need not be affected by anything either good or evil(bad).classic explanation by this high class intellectual master.
बुद्ध का शून्यवाद नागार्जुन भदन्त ने मध्यम कारिका में बताया और सर आपने अतिसरलता से विवेचन किया ..देव इस संकल्पना का विस्तार बहुत बढिया किया है
Only shuniyata or emptiness can free us from root of suffering. There is no other way to set ourself free unless gaining shuniyata. My precious guru has practice it for more thn 60 years and now watching him I can tell he has gained shuniyata. Shuniyata the easiest way to understand is depended origination. We can control our dreams. Thank you sir for your explanation.
There must be something or someone to observe "Shunya or emptyness". Then it cannot be called Shunya. Or nobody can say even Shunya. The moment you say shunya, it is not shunya as it is observed. Think peacefully.
@@tendesh6147 if you get my point you will get what Nagarjuna said. What do you understand by shunyata? Absolute emptyness. That means "nothing". This "nothing" or "shunya" can be spoken of if there is a witness of it. Think peacefully, may be you get it in time.
@Student Of Vedanta read my first comment and understand the meaning of emptiness first.
@Student Of Vedanta soul.
@@tendesh6147 , If someone says there is no one in this room then who is experiencing that there is no one in the room. शुन्य अभाव नहीं निर्विशेषता की अवधि है | दुनिया में जितना गंद इन मुर्ख बौद्धों ने मचाया है उसका परिणाम आज तक भुगत रहे है लोग |
Finally the Great Buddhist Saints , Maha Gyani ,Mahan vidwaan and their legacies coming into Picture ...in the mainstream and It should come out and reach everywhere in the World ..for the benefits of all sentient beings and reach the Mokshya or the Nirvaan 🙏🙏
😂respect ur father converted 🐷
Guruji ki Jeevan shailee kaisi hai. Unke aankho par specs nahi hai or kesh pure hai. Bhagwan aapko swasth sundar sampann jeevan de. Guruji se milne ki bahut iccha hai kintu Maharashtra kurukshetra se bahut door hai. Unke Pravachan suntey hai to samay ka pata nahi rahta.
भगवान बुद्धने प्रतीप्त स्मुत्पाद सिखाया,
भंते नागार्जुनाचार्य ने उससे शून्यवाद विस्तार किया,
और पश्चिमी सायंटिस्टोने जो क्वांटम फिजिक्स बनाया,
वो हमें नागार्जुनाचार्य हजारो वर्षंपूर्व सिखा गये थे.....
(वह ज्ञान की मौलिक परंपरा हम भुल गये थे.)
जिथे हमे फिरसे संजोगना है.....
🙏🙏
Nagarjun was brahman
Nagarjun was brahman
तो क्या हुआ, बुध्द के पेहले शिष्य पांच सच्चे ब्राम्हण थे, वेसे ही डा आंबेडकर के मित्र ब्राम्हण ही थे..! इस लिए डा आंबेडकर जी ने ब्राम्हणो को आवाहन किया हैं, की वे बुध्द के शरण में आये ताकी भारत वापस विश्वगुरु, Light of ASIA बनेगा..! उन को खुद के आत्मचेतना का उद्दार करना है तो बुध्द की आनापानसती, विपस्सना ध्यान विरासत को अपनाना ही होगा..! जो आज ये लोग PMC Hindi चैनल मराठी सभी भाषाओ में चला रहे है..!
@@udayveerbaghel8722
सुनो हिंदू सनातनी.. प्रवीण मोहन.. ये सारे चंद्रगुप्त मौर्या, सम्राट आशोक कालीन निर्मित हैं, जो 84000 बुध्दविहार, चैत्य गुफाए बनाए थे..! यह विरासत किसने छुपाई..? भारत भुमी ना किसी झूंटे रामू की या शामू की.. यह सारी भारत भुमी हैं बुध्द की है़..!
वैदिक संस्कृतीने तो महिलाओ को उपभोक्ता की चीज, सती, देवालय के वेश्यालय, बना डाले, "ढोल पशु और नारी सभी ताडण के आधीकारी" लिखनेवाले सारा वैदिक सनातनी ग्रंथ जलाने के काबील है.. इन विदेशी लोगो का इस देश में स्वयं निर्मित कुछ नही है, उनका मंदिर, जादू टोना, भानामती, मंत्र तंत्र शिवा कुछ भी नही..!
ब्राम्हणमुक्त भारत करने का समय आ चुका है..!
महात्मा फुले लिखते हैं "ब्राम्हणमुक्त भारत ही विकास का रास्ता है..!"
जयभीम विकास की गुरूकिल्ली है..!
बहुजनो जागो..!
भारत बुध्द की भुमी हैं..
ना कीसी झूंटे रामू की या शामू की.. जो कभी इस भुमे पैदा ही नही हुए..! कोई सबूत नही, इस कारण "हिंदू धर्म नही हैं " यह सुप्रिम कोर्टने आदेश दिया हैंं..! दिनांक 11 डिसेंबर 1995. मगर अंधभक्तो की फौज "भाडोत्री/ भाडखाऊ जनता पार्टी" पूरी लोकसभा सोई हैं, 28 वर्ष से..!
बहुजन सरकार लाओ..!
संविधान बचाओ..!
विदेशी ब्राम्हणवादीयो को भगाओ..!!
आयुर्वेद के महान आचार्य भंते नागार्जुन की युनीवर्सीटी अमरावती आज AP के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने वापस बुध्दिस्ट स्टडी सेंटर बना दिया है..!
नमो बुध्दाय..!
मैं अभागा, 50वर्षों से सूर्य के निकट रहा लेकिन प्रकाश की एक किरण को भी अनुभव नहीं कर पाया।
Aap ne bhut kuch anubhav keya ese leye eh keh paye
मुक्ति सागर में डुबकी लगाओ. केवल विचार चर्चा बौद्धिक तत्वज्ञान जिज्ञासा से ज्ञानरस नहीं प्राप्त होता हैं । अनुभव भावना ही प्राज्ञक्षेत्र हैं।
Insight@vipassana 🙏🏼🍁💐
Yaha pe Surya aur prakash ka kya matlab he?
@@jaiprakashshukla9884 🌹
Matlab
Thank you for your beautiful explanation on Nagarjuna.😇😇😇🙏🙏🙏🙏
इस उम्र में भी याददाश्त हैरानकुन है।
हमारा इतिहास तो पूरा जला दिया गया है त बाहर से हमारा जो इतिहास आया है वही सच्चाई है ओरिजिनल पुरानी किताबें तिब्बत में ही मिलती है आप सच्चा इतिहास पढ़ना चाहते तो हैंग सॉन्ग की यात्रा विवरण जरूर करें
बहुत-बहुत धन्यवाद वीडियो साझा करने के लिए🤗
गुरु जी को प्रणाम🙏🤗😇
G8 work keep it up,🙏🙏
Do continue dear divine soul it's God work we should do it
आप के ज्ञान को कोटि कोटि नमन।
Budham sarnam
@@govindrawat368😊😊
I guess he is the same Nagarjuna associated with Vijayawada and Guntur in Andhra Pradesh. There is a hill called Nagarjuna Konda there. He lived there, and the Buddha araam structures still exist today. Telugu actor Nagarjuna is named after him. Many companies, and hotels also have his name in Telugu states.
Yes ,You are right
नंही नागार्जुन यह मध्य प्रदेश के थे शिरुर जंगल कि तरायी के थे ऐसा कहा जाता है
@@madhurikamlesh Yes and he meditated on a hill which is in Kathmandu. The hill got its name Nagarjuna because of him.
Yes. Only left in mainland India about Nagarjuna is dry names hahah
Nagarguna cannot be understood by keeping his name. Read his Shoonyavad.
बहुत दुर्लभ ज्ञान। प्रणाम।
Haardik naman Guru ji! U r so precise. I now down to ur wisdom! Highly respectable ❤
Crystal clear lecture ,hats off to your knowledge
You comment is also shunya did you realise that?
शून्य वाद /पर्मर्थसत्य पर तथा विज्ञप्ति मात्र भाष्य पर साधु। साधु। साधु ।🙏🙏🙏🙏 संसार में सबकुछ क्षणिक , क्षणभंगुर है। नशवार है आत्मा अनित्य भ्रम है क्षणिक है
Thanks our reality philosophy or Culture to express to all
If you seriously learn his teaching's it will take your whole life that much vastness amount just like sky just like deepness of ocean
Guruji ko bas sunte sunte raho, sunte raho, sunte raho, man nahi bharta.Aise gyani mahapurush bahut hi kam hain.
Very true 🙏
नमस्कार सिन्हाजी के बताई बाते सरल समझाई ठोस सूत्रोसिदान्तो से आत्मविभोरकर्त्ता हे हम उम्मिद करते आपसे वेदिक सनातन हिन्दू धर्मग्रन्थो से क्षेष्ठजनो कि जानकारी आपके मूखार्ग से जानकारी मिले अभिनन्दन करते आग्रहा करते बहूत हि अच्छा समझपायगे ????%
बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद गुरु (Nepal)
परम सत्य गुरुदेव निर्मल बुद्धि ही सार है। 🙏
जब करने को कुछ बाकी न रहे तो कुछ भी अनकिया किया नहीं रहता ।
Namchor
@@anilsonawane8892
🤔🤔🤔
Guru ji Many thanks for your 13:28 vivid revelation of Buddhism.
🙏🙏
Miss u guruji i hope i meet u somewhere in some form in this lifetime and have the blessing to touch ur feet . Thank u so much wherever u r
Namo Buddhay🙏. Namo Arjunaya 🙏. Thanks Guruji 🙏.
It has to be admitted and accepted by the humanity at large that India since yore has always been a cauldron of human wisdom and a pioneer of Liberty of thought in pursuit of the ultimate truth that human civilization can look up to for millenium to come
You are the really greatest philosopher as I think.i respect to you.from sharnos leh Ladakh.
🌸🌸🌸🙏
ॐ ॐ नमः शिवाय ॐ
Very good video. Full of knowledge.
Aap jaise gyani ko dekh ke dhanya hua 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Really Great Person.
Jai gurudev, kripya Koya punem darshan ko sanchipt mein batane ki kripa karen, kya yeh poorv-vedantic darshan hai.
Bahot hi sunder vishleshan sir ne Kiya. Shayad hi itna kisine kiya ho. Very very nice.
अभी मैं प्रज्ञापारमिता हृदय सूत्र को समज पाया. धन्यवाद आपका 🙇🙇
धन्यवाद गुरु जी, चरण स्पर्श 😊🙏 रामराम
Excellent talk !!!
बुद्ध भगवान को नहीं मानते थे लेकिन पुनर्जन्म को मानते थे लेकिन पुनर्जन्म को कौन नियंत्रित करता है इसके बारे में उनके विचार स्पष्ट नहीं है। जब व्यक्ति भगवान से नहीं डरेगा भगवान की सत्ता स्वीकार नहीं करेगा तो फिर वह बुरे आचरण से क्यों उनसे अच्छे आचरण की अपेक्षा ही नहीं करनी चाहिए
Can you please enlighten us which god is true one?
Hindu,Muslim, Christian, Judaism or others god?
Which god is true one?
हज़ारों साल पहले लिखे गए वेद को तुम समझ नहीं पाए और बुद्ध के विचार को स्पष्ट नहीं है बोलते हो धन्य हो ज्ञानी महाराज इतने ही ज्ञानी हो कर दो न भारत कल्याण ....
Karma . Karma operates and is responsible for rebirth of human.
He was a great Rasayan shastri( chemistry scientist), and Alchemy. He have studied Mercury.
Thank You, everyone should know this. It has deep meaning.
बहुत-बहुत धन्यवाद आपके लिए गुरुजी बौद् का इतिहास बताने के लिए
Shoonya mn visfot kaise ho sakta hai? How an explosion is possible in zero and infinity? Gurudev sashtaang pranaam. Meri umra bhi parmatma aapko de..👏👏👏
Excellent discussions and knowledge. Thank you
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आदरणीय - उत्कृष्ट प्रस्तुति.. मंगल हो.. साधो.. साधो.. साधो..🌾🌾
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निर्वाण ही शुन्य है! तृष्णामुक्त जीवन को निर्वाण कॅहते है! आदमी जन्म के बाद, मट्टी को चाटणेकी,[ मट्टी से दुध, अन्न उत्पन्न] सवय लगती है, और आदमी मन मे तृष्णा जागती है!तृष्णा ही वाण है!वाणमुक्तता मतलब निर्वाण मतलब तृष्णा को शुन्य तक लाना!
चार महाभूतोसेही चेतना का निर्माण होता है, चेतनाही मन है!और चेतना खत्म होते ही, मन भी वही क्षण खत्म होता है! जाती वैदिक ब्राह्मण उसी चेतना, मन को आत्मा कॅहते जो कभी भी खत्म नही होता, लेकिन इस दुनियाका यही तत्व है की, इस दुनियामे कुच्छ भी शाश्वत, नही है तो आत्मा या ईश्वर शाश्वत अशक्यप्रायः है और शक्यता तभी संभव है जब वह इस दुनिया याने ब्रह्म के बाहर के हो और इस ब्रह्म के, दुनिया के बाहर कुच्छ भी नही है, और इस पृथ्वी के साथ ब्रह्म परिवर्तनीय कारण शाश्वत ईश्वर या शाश्वत आत्मा अशक्यप्रायः है! इसेही बुद्ध प्रतीत्यसमुत्तपाद कॅहते है, कार्यकारण कॅहते है की जन्म और मृतू और जीवन को कारण होता है, ईश्वर और आत्मा अकारण है, एक तृष्णा कारण ही आदमी के दिमाख की निर्मिती है, यही शुन्यवाद है!
😊😊
Truths of God hai ji aap parnam divine soul
शून्य वाद को समझ लेने से एक इंसान को क्या शिक्षा मिलती है। कृपया हमें बताने का कष्ट करे। जयभीम नमो बुद्धाय।
Very nice information... I'm so Influence by budhism... They said truth
अति सुंदर विवेचन ।
🙏शत शत नमन गुरुजी🙏
Thanks. I have digital library of my own. Where madhyamik school of nagarjuna is present. I never thought such a GEM present in my collection. I too was a real blind.
Sir ji 🙏 Atisha,Shanti Deva, aur Dipangkara jis ne Tibet me Buddhism failane mein bahut bhara yogdan diya tha. Aj hum jo Tibeti bhasa mein Buddhism adyayan kar raha hai,is me yehi maha Guru ji logon ka kripa hai. Kripaya ap in Maha Pandit Guruji logon k bhare mein bhi hame batane ki kripa karen 🙏🙏🙏
🙏 I am so lucky to hear your words Guruji🙏
Pranam Guru Jee,etna achha gyan pradan karne ke liye
🙏 गुरुजी के चारनो मे कोटी कोटी प्रणाम 🙏🚩🚩🚩🚩🚩
Thanks for sharing..good information.
Science journey is real information Channel..
शुन्य ही सत्य है । सुशुम्ना नाड़ी समय से परे शुन्य है । जिसमें ईश्वर विद्यमान हैं , या फिर गॉड पार्टिकल्स विद्यमान हैं । भगवान शिव जी भी ध्यान में सुशुम्ना नाड़ी में रमण कर रहे हैं ।
क्योंकि शुन्य में जाकर - नाम या शब्द - विलीन हो जाता है । शब्द एक बीज है , जिसमें अक्षर का अंकुर होता है । शुन्य में जाकर - अंकुर नष्ट हो जाता है । इसे ही निर्वाण कहते हैं ।
इसलिए परम सत्य शुन्य ही है ।
सचिदानन्द - सत चित्त आनन्द , इस 3 शब्दों से बना है । सत - नासिका , चित्त - भौं मध्य ( आज्ञाचक्र ) और आनन्द - ब्र्म्ह्र्र्ंधर ।
नमस्कार गुरु जी
🙏🙏🙏
Sir vedio बनाने का कष्ट करे.. हिंदी मै
गुरु जी , मैनेँ सिद्धाश्रम के एक सिद्ध योगी स्वामी रामेश्वम जी योगीराज से सुना था कि ,
नागार्जुन एक महान किमियाँगार थे , वो रसायन विज्ञान के धनी थे और रसायनिक
क्रियाओँ के द्वारा " सोना " बनाया करते थे ।
और सोने के बदले खाद्य पदार्थ ले जाया करते थे । नई दिल्ली से नमस्कार जी
Sir aap kitne achhe tarike se batate hai sab samajh ne me bahot asani hoti hai... thank you very much 🙏🙏🙏
OM Namah Shivaya Baba. Main aapka lecture lagbhag Roz sunta hu.. lakin mujhe lagta hai naam ka jeevan pe gehra asar hota hai.. lakin jab chetna jagrit ho tab .. aachet ke naam ko bodh hi nahi hoga to uspe naam ka asar kaise hoga. Jaise Bakri ko agar Sher keh de to na Bakri na Sher dono ko fark nahi padega .. aur new age main ye bhi deekha Jaa Raha hai ki janwar jinko hum paltu bana rahe .. naam lete hi unke ehsaas ho jata hai ki unko hum pukaar rahe... Kuch ispe prakash daale aur hamare Hindus main iska kya prabhav hota hai.
गुरुजी, बुध्दजिने आत्मा को नकारा हैं .आत्मा जैसी कोई चीज इस शरीर मे नाही हैं .
सबसे सूक्ष्म चैतन्य तत्व जिसमें ज्ञान अंतर निहित है, वही वेदांत दर्शन में आत्मा कहा गया है।
🙏🙏🙏🙏गुरु जी चरण स्पर्श 🙏🙏🙏🙏
योगवशिष्ठ पर भी जानकारी दीजिये आप आचार्य जी,,जय श्री कृष्ण जय भगवद्गीते कृष्ण वंदे जगद्गुरु 🙏
Itne achche vishay par gyan mangne wala wyakti dark energy nhi bright energy wala hi ho sakta hai..
@@dr.shardakusum9293 🙏🤣🤣🙏
@@darkenergy9644 kindly change your name
@@dr.shardakusum9293 🙏🙏
Very well explained sir.
Kash Nagarjun hamare research supervisor hote 🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
अगर आपको डिबेट करनी है तो साइंस जर्नी पर आप बिंदास कर सकते हैं
अति उत्तम।।आभार आपका।।🙏🙏
धन्यवाद आचार्य.
Nagarjun ne apne ek dost Raja ko chitti likha tha, aaj woh Chitti b Tibeti translated mein prayer k roop mein hum parte hain. 🙏🙏🙏
if nagarjuna was Vedic Brahmin, can you share the historical and archaeological evidence of it...
No evidence but today's brahmins claim only.
Nice information about Nagarjuna.
Ye Hai sacche guru.....aapke gyan ko sadar namaskar
धन्यवाद सर माहिती दिली खूप आभार आहे जयभिम नमेबुधाय.जय.भिम सो अभिनंदन आहे
Thanks!
Namaskar guru ji, aapne bola 7.26 per budha principle this being that.. This coming soon,, I hear correctly or please correct me. 🙏
Aap swasth rahein , Dirghayu hon 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice explanation of Nagarjuna philosophy 🙏👍
Karya Karan sidhhant Engineering men bhi kathor siddhant hai. Model Based Problem Solving men ham Model ke hypothesis ko check karte hein; result ko reproduce karke model ko verify karte hein.