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जैसलमेर किले का इतिहास || History of Jaisalmer Fort || in hindi || Rare facts
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- Опубликовано: 5 авг 2024
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इसका निर्माण 1156 AD में राजपूत शासक रावल जैसल ने किया था, इसीलिये किले का नाम भी उन्ही के नाम पर रखा गया था. यह दुनिया के सबसे बड़े किलों में एक है और राजस्थान में स्थित है। इसे रावल जैसवाल ने थार रेगिस्तान के बीचों-बीच बनवाया गया था। जैसलमेर किले को सोनार किले के नाम से भी जाना जाता है। ये गोल्डन किला शहर से 76 किमी दूर त्रिकुटा पहाड़ी पर त्रिकोण आकार में बनाया गया है। इसे भारत का दूसरा सबसे पुराना किला माना जाता है। किले में सबसे ज़्यादा आकर्षक जैन मंदिर, रॉयल पैलेस और बड़े दरवाजे हैं। जैसलमेर किला थार मरुस्थल के त्रिकुटा पर्वत पर खड़ा है और यहाँ काफी इतिहासिक लड़ाईयां भी हुई है. किले में भारी पीले रंग के बलुआ पत्थरो की दीवारे बनी है. दिन के समय सूरज की रौशनी में इस किले की दीवारे हल्के सुनहरे रंग की दिखती है. इसी कारण से यह किला सोनार किला या गोल्डन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है. यह किला शहर के बीचो बिच बना हुआ है और जैसलमेर की इतिहासिक धरोहर के रूप में लोग उस किले को देखने आते है. 2013 में कोलंबिया, फ्नोम पेन्ह में हुई 37 वी वर्ल्ड हेरिटेज समिति में राजस्थान के 5 दुसरे किलो के साथ जैसलमेर किले को भी यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल किया गया. किले में एक शानदार जलनिकास सिस्टम भी है जिसे घुट नाली नाम दिया गया जो बरसात के पानी को आसानी से चारो दिशाओ में किले से दूर ले जाता है. जैसलमेर के सांस्कृतिक इतिहास में यहाँ के स्थापत्य कला का अलग ही महत्व है। किसी भी स्थान विशेष पर पाए जाने वाले स्थापत्य से वहां रहने वालों के चिंतन, विचार, विश्वास एवं बौद्धिक कल्पनाशीलता का आभास होता है। जैसलमेर में स्थापत्य कला का क्रम राज्य की स्थापना के साथ दुर्ग निर्माण से आरंभ हुआ, जो निरंतर चलता रहा। यहां के स्थापत्य को राजकीय तथा व्यक्तिगत दोनो का सतत् प्रश्रय मिलता रहा। इस क्षेत्र के स्थापत्य की अभिव्यक्ति यहां के किलों, गढियों, राजभवनों, मंदिरों, हवेलियों, जलाशयों, छतरियों व जन-साधारण के प्रयोग में लाये जाने वाले मकानों आदि से होती है।
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Proud on Jaisalmer...... beautiful place in universe
उतर भड किवाड भाटी जय मॉ स्वागियाजी नम:
जैसलमेर का दुर्ग भारत मानचचित्र जेसा है
Jai Jaisal.......
2 big living Fort 👌👌👌😘😘😘😘😘😘😘
बहुत ही सानदार
जय माता दी बहुत अच्छा
Jai Rajputana 💪💪🚩🚩
@@shauryayadav857rajput ka h
Very Beautiful Fort
छत्रपति आल्हा जी
जैसलमेर किले पर संकट
विक्रम संवत 1607 सन 1550 की बात है जैसलमेर में महारावल लूणकरण राज कर रहे थे कंधार का शाहजादा पठान अमीर अली शरणागत होकर जैसलमेर से 2 किलोमीटर दूर किशनगढ़ में शिविर लगा रहा था विश्वासघाती अमीर अली जान गया कि यहां स्थाई सेना का अभाव रहता है युवराज मालदेव की अनुपस्थिति में उसे मौका मिल गया महारावल से निवेदन किया कि बैग में रानिवास में मिलना चाहती है डोरियों में सैनिक बैठा कर वह किले में प्रवेश कर गया आत्मसम्मान की रक्षा हेतु समय के अभाव में जोहर करना समय संभव नहीं था अंत वीरांगनाओं को धारा स्नान करवाया गया किले में मौजूद वीरों ने केसरिया कर शत्रुओं का सामना किया महारावल अपने चार भाइयों के तीन कुवरो सहित वीरगति को प्राप्त हुए 7 पुरोहित सहित लगभग 400 योद्धा काम आए कधारियौ ने किले पर अधिकार कर लिया जैसलमेर का यह तीसरा शाका था
युवराज मालदेव को खबर होने पर वह क्रोध व प्रतिशोध की ज्वाला से भड़क उठे तुरंत हरकारै भेजें
आल्हा जी का घोड़ा भुगरा 3 दिन पहले ने रातब खाता था न घास खाता था 1 दिन पहले पानी भी नहीं पीता था आल्हा जी ने सोचा कोई संकट है समझ में नहीं आ रहा है राय के के कहते ही वह घोड़े पर जीण कसकर जैसलमेर के लिए रवाना हो गए माणिक्य वाली नदी के पास में ठाकरे घोड़े को विश्राम करवाया उसी समय आकाश में सोने का रथ बाबा वीरनाथ जी का देखा उन्होंने नमन किया तथा रवाना हो गए जैसलमेर के लिए वहां पहुंचते ही देखा कि किले के चारों ओर मुगल सेना का घेरा था वह किले की प्रथम पोल के सामने आकर घोड़े की बांग साईं खींची उसी समय घोड़ा प्रोल के ऊपर होकर दूसरी सूरज पोल के ऊपर हो और देख कर नीचे किले में उतरा फिर अन्य तीन करोड़ को पार करता हुआ म्हारा और मालदेव के किले के प्रांगण महाराणा मालदेव के पास पहुंचे वीरों के जमावड़े के बीच नेत्र रे कबीरा घुमाया गया वीरवर आल्हा जी सुपुत्र श्री भाणसी जी भाटी कनोई ने आगे बढ़कर शीश नवाते हुए बीड़ा उठा लिया
मां स्वांगिया के जयकारों से आसमान गूंज उठा आल्हा जी को चांदी के बाजौट पर बिठाया गया उन पर मेघाडम्बर छत्र धारण किया गया युवराज ने उनका अपने खून से तिलक किया वीरवर आल्हा जी को सेनापति के रुप में पाकर भाटी योद्धा जोश में भर उठे युवराज को किले की जिम्मेदारी सौंप करके वह बाहर इस साल के मैदान में भागती हुई शत्रु की सेना का मार्ग रोकने जा पहुंचे मॉड धरा के वीर सपूत ने शत्रु सेना से खूब बदला लिया बालाजी बुरी तरह घायल हो गए उन्होंने सिर काटते वक्त आए गुरु वीर का कर गुरु को याद किया सिर्फ कट जाने के बाद आंखें सीने में खुल गई वह लड़ते रहे लड़ते लड़ते हुए है तेरा और गढ़ हाल पाकिस्तान तक पहुंच गए मुगलों में चाहिता ही मच गई 100 वर्ष की बुड्ढी मुसलमानी ने कहा यह किसी को भी मुसलमान को जिंदा नहीं छोड़ेगा आप गुली और गोरक्त इसके ऊपर चढ़ को तो धड़ गिर जाएगा मुसलमानी गुली और गोरक्त लेकर दौड़े उसी समय धरती फट गई आलाजी घोड़े सहित उसमें समा गए धरती वापिस एक हो गई पाकिस्तान में दैरावर गढ के पास सोने की मूर्ति बिना शिर की घोड़े सवार निकली थी वहां अभी तक मोडीया पीर के नाम से मेला भरता है हिंदू मुसलमान सभी पूजते है
वे जुझार हुए हमारे आन बान और शान की रक्षा करते हुए उन्होंने हमें गौरव प्रदान किया वे मौडिया पीर कहलाए तैतीशो से बाहर देवता का कहलाय जो पूजे जाते हैं छत्रपति आल्हा जी का वंशज भाला कोठार में रखा गयाहहै संघर्ष में लगभग 500 पठान मारे गए अमीर अली जिंदा पकड़ा गया महारावल मालदेव ने उससे चमड़े के कुड़ियों में बंद कर दक्षिण में तोप से उड़ा दिया तथा आल्हा जी के वंशज सलखा जी को अपना श्रेष्ठतम मुहर खड़ीन के आधे भाग सहित बड़ी जागीर प्रदान कि आधी धरती मालदेव आदि खाटी जंज
छत्रपति आल्हा जी के गुरु राताकोट के सवामी श्री श्री 1008 श्री वीर नाथ जी
छत्रपति आल्हा जी के वंशज वर्तमान में कनोई वे सलखा में निवास कर रहे हैं
महारावल केसर सिंह के शासन में केसर सिंह को चमत्कार उन्हें कारण सलखा में छोटा मंदिर था महारावल केसर सिंह ने बड़ा मंदिर बनवाया और कहा था कि हम किले से आलाजी की ज्योत जलती हुई देखें इतना बड़ा मंदिर होना चाहिए जय श्री आलाजी
छत्रपति आल्हा जी को अपने गुरु वीरनाथ जी का वचन दिया हुआ था कि कहीं पर भी संकट तेरे ऊपर आए तो मुझे याद करना सिर काटते वक्त छत्रपति आला जी ने आए गुरु वीर नाम लिया था जिसके कारण से सीने में आंखें खुली थी नमन है ऐसे वीरों को
Gjb
I like it 😉💯
Wonder ful fort
Really nice
I visited jaisalmer in october 2019
गढ़ दिल्ली, गढ़ आगरा, अधगढ़ बीकानेर
भलो चिणायो भाटिया, गढ़ तो जैसलमेर।।🚩🚩🙏🙏🙏
I am from jaisalmer.......!!!❤️❤️❤️
Jay rajputana
हम लोग up से गए थे बाड़मेर तक किले ki जानकारी नहीं थी मालुम होता तो घूमने जाते😮
Love jaisalmer from haryana
कहा जाता है जैसलमेर किले मे
एक पारस पत्थर है 🇯🇵भट्ठ राजपुत ने
मुगलो से बचाने के लिए यहां छिपा कर रखा था
कहा जाता है आज भी ओ पत्थर यहा पर मौजूद है
Like kar ke jaye 🙏🙏🙏
गढ दिल्ली गढ अगरो
आन्धगढं बिकानेर
भलोच्णायो भाटियो
स्वर्ण जैसलमेर
Very nice bann
👌👌
nice story
Jai ho bhati shab 💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪
😀😀😀🤣🤣 sahab bhati rajpooto ka he jaisalmer
love jaisalmer from dehra
Jai jaisan
JAY SHREE RAM
nice so nice
जय हिंद
Jai hind Jai bharat Jai javan Jai kisan
Nice video
You missed one thing...A famous Bengali movie Sonar Kella has done by The great director Mr. Satyajit Ray in 1972 in this fort..
Nice
Golden
Nice
Nice 👍2
Raju bhadla
good
Jai ho jaisane
Wonderful fort
I visit jaisalmer..
🙏👌👍
I want to visit jaiselmer 😍😍
Thanks
Thnx
Rajasthan ❤️❤️
v nice
Jai Rajputana
🥰🥰
गढ़ दील्ही गढ़ आगरा गढ़ तो बीकानेर
भले चनव्यो भाटी ऐ पण गढ़ तो ज़ेसल मेर
I like it
Hi.nais
Rojgar with Ankit bhati sir ka book padhe to wha yadav ke bare mai bataye to yaha aa gye .jai shree krishna 🚩 🚩 ❤❤
Yaduvanshi rajput
Nic kill ha yar ya kill
gdr
Jai rajputana 🏚💪💪💪💪💪💪
🙏
Sanatan Jain Dharm ki Jay
Jaisalkot gaya hoo
And also amir qilla
Varanasi to up
Jai ki aram jakhatya
nick
राजपूत भाटी जैसा जैसलमेर मै क्यो नही रहते है
Very niceलिखा
Osm
जय महाकाल
jai shree krishna dhram kurbaniya magta hai
Jai rajputana
4000 people in this fort at a time omg
Only living fort in world...... The Jaisalmer fort
Watch this jaisalmer video
ruclips.net/video/BshU6sGzFSg/видео.html
Jai shree kirsna jai shree aalaji
नाम दश्रोशत
sarara
नमस्ते
Jay yaduvansh
JAI RAJPUTANA
Sneha Sharma ye yadavo ne banvya tha
Ridhi Karan rajputo k hai check krle
Sneha Sharma ji ,ap check kr lijiye agr me galat hu tb bta dena ,ha ye he ki bhati rajput the jo ki yadav the,rajputo ki36 jatiya thi
Nice work good
Rajputo n banaya tha.... u r right
Voice Over ARTIST hire karo plz. VO poor quality
Raj tilak me Mali ka hona subh mana jata tha kaha gai wo purani rashme itihaas dekho
Gj b
A 1 forth , m.s
1156 Nahi 1155
जानकारी देने पहेले बोलना सीख जेसलमेर नमुना ना बोल ईतीयास बोलते है नमुना नही
Hi
Beautiful fort
In ko fort bollta ha
Bhai namuna kissa boll reha ha tu
hy
Bhai namuna kisi ko nahi bola unhone...nahuna matlab antique item..matlab ki Jaisalmer k kile mi aaj bhi kaii purani cheeze maujood hai
hlo all of u i m from jaislmer ☺😀
ts202769 ts202769 Hii
Isu
1155
Kile ka name to batao
Sonar gadh jaisalmer
Sonar gad fort
Jaisalmer kile ka nirman yaduvanshi raja rawal jaisaldev ne karvaya tha
बिजनौर युपी से आकर जैसलमेर बसाया था जेसलजी भाटी मां दुर्गा जी के आशीर्वाद से उनके बड़े पुत्र बुद्ध जी कि देखरेख में किले निर्माण हूआ,,,,सिर्फ पत्थरों से बनाया हुआ है बिना मिट्टी,,,
Yaduvanshi rajput
Yha log rehte h
Nahi
Ha rhte he
जय यादव जय madha
भीरी भाई गाज़ीपुर वाले 😀😂🤣
Prkash
Wait..Rao jaisal fought with allauddin?? Go check the facts before becoming a histroy blogger
Bhai tuja ko kuch bhe pta nehi ha sab informat rong ha
जैसलमेर में भाटी यादव hi और भगवान कृष्ण के वंशज है वह यादव है
@Toxic gamers tumlog ram k bansaj ho
Jaislmer Darbar se puch Naa vo kud apne ap ko rajput bta ye ge
Ye raja Nrapbhanu singh Lodh ka Mahel Tha Jhoot Bol rhe Ho tum Jai Bhavani 🚩
Yadi sahi jaankari na ho to video mat banaya karo
Namuna kise bol raha h
Tahir Khan
Bhai pehle Sikh fir video banana
Bhatia or bhati
chandan dan it's bhati bro
Kuch bhe
तुम्हारी knowledge काफी गलत है, पहले इतिहास पता करो
Khrab
Nice
छत्रपति आल्हा जी
जैसलमेर किले पर संकट
विक्रम संवत 1607 सन 1550 की बात है जैसलमेर में महारावल लूणकरण राज कर रहे थे कंधार का शाहजादा पठान अमीर अली शरणागत होकर जैसलमेर से 2 किलोमीटर दूर किशनगढ़ में शिविर लगा रहा था विश्वासघाती अमीर अली जान गया कि यहां स्थाई सेना का अभाव रहता है युवराज मालदेव की अनुपस्थिति में उसे मौका मिल गया महारावल से निवेदन किया कि बैग में रानिवास में मिलना चाहती है डोलीयों में सैनिक बैठा कर वह किले में प्रवेश कर गया आत्मसम्मान की रक्षा हेतु समय के अभाव में जोहर करना समय संभव नहीं था अंत वीरांगनाओं को धारा स्नान करवाया गया किले में मौजूद वीरों ने केसरिया कर शत्रुओं का सामना किया महारावल अपने चार भाइयों के तीन कुवरो सहित वीरगति को प्राप्त हुए 7 पुरोहित सहित लगभग 400 योद्धा काम आए कधारियौ ने किले पर अधिकार कर लिया जैसलमेर का यह तीसरा शाका था
युवराज मालदेव को खबर होने पर वह क्रोध व प्रतिशोध की ज्वाला से भड़क उठे तुरंत हरकारै भेजें
आल्हा जी का घोड़ा भुगरा 3 दिन पहले ने रातब खाता था न घास खाता था 1 दिन पहले पानी भी नहीं पीता था आल्हा जी ने सोचा कोई संकट है समझ में नहीं आ रहा है रायके के कहते ही वह घोड़े पर जीण कसकर जैसलमेर के लिए रवाना हो गए माणिक्य वाली नदी के पास में भुगरे घोड़े को विश्राम करवाया उसी समय आकाश में सोने का रथ बाबा वीरनाथ जी का देखा उन्होंने नमन किया तथा रवाना हो गए जैसलमेर के लिए वहां पहुंचते ही देखा कि किले के चारों ओर मुगल सेना का घेरा था वह किले की प्रथम पोल के सामने आकर घोड़े की बांग साईं खींची उसी समय घोड़ा प्रोल के ऊपर होकर दूसरी सूरज पोल के ऊपर हो और देख कर नीचे किले में उतरा फिर अन्य तीन पीरोल को पार करता हुआ महारावल मालदेव के किले के प्रांगण महारावल मालदेव के पास पहुंचे वीरों के जमावड़े के बीच नेत्र बीडा घुमाया गया वीरवर आल्हा जी सुपुत्र श्री भाणसी जी भाटी कनोई ने आगे बढ़कर शीश नवाते हुए बीड़ा उठा लिया
मां स्वांगिया के जयकारों से आसमान गूंज उठा आल्हा जी को चांदी के बाजौट पर बिठाया गया उन पर मेघाडम्बर छत्र धारण किया गया युवराज ने उनका अपने खून से तिलक किया वीरवर आल्हा जी को सेनापति के रुप में पाकर भाटी योद्धा जोश में भर उठे युवराज को किले की जिम्मेदारी सौंप करके वह बाहर इसाल के मैदान में भागती हुई शत्रु की सेना का मार्ग रोकने जा पहुंचे मॉड धरा के वीर सपूत ने शत्रु सेना से खूब बदला लिया आलाजी बुरी तरह घायल हो गए उन्होंने सिस काटते वक्त आए ।गुरु वीर गुरु को याद किया सिस कट जाने के बाद आंखें सीने में खुल गई वह लड़ते रहे लड़ते लड़ते हुए है देरावरगढ़ हाल पाकिस्तान तक पहुंच गए मुगलों में ताली मच गई 100 वर्ष की बुड्ढी मुसलमानी ने कहा यह किसी को भी मुसलमान को जिंदा नहीं छोड़ेगा आप गुली और गोरक्त इसके ऊपर चढ़को तो धड़ गिर जाएगा मुसलमानी गुली और गोरक्त लेकर दौड़े उसी समय धरती फट गई आलाजी घोड़े सहित उसमें समा गए धरती वापिस एक हो गई पाकिस्तान में दैरावरगढ के पास सोने की मूर्ति बिना शिस की घोड़े सवार निकली थी वहां अभी तक मोडीया पीर के नाम से मेला भरता है हिंदू मुसलमान सभी पूजते है
वे जुझार हुए हमारे आन बान और शान की रक्षा करते हुए उन्होंने हमें गौरव प्रदान किया वे मौडिया पीर कहलाए तैतीशो से बाहर देवता कहलाय जो पूजे जाते हैं छत्रपति आल्हा जी का वंशज भाला कोठार में रखा गयाहहै संघर्ष में लगभग 500 पठान मारे गए अमीर अली जिंदा पकड़ा गया महारावल मालदेव ने उससे चमड़े के कुड़ियों में बंद कर दक्षिण में तोप से उड़ा दिया तथा आल्हा जी के वंशज सलखा जी को अपना श्रेष्ठतम मुहर खड़ीन के आधे भाग सहित बड़ी जागीर प्रदान कि आधी धरती मालदेव आदि खाटी जंज
छत्रपति आल्हा जी के गुरु राताकोट के सवामी श्री श्री 1008 श्री वीर नाथ जी
छत्रपति आल्हा जी के वंशज वर्तमान में कनोई वे सलखा में निवास कर रहे हैं
महारावल केसर सिंह के शासन में केसर सिंह को चमत्कार उन्हें कारण सलखा में छोटा मंदिर था महारावल केसर सिंह ने बड़ा मंदिर बनवाया और कहा था कि हम किले से आलाजी की ज्योत जलती हुई देखें इतना बड़ा मंदिर होना चाहिए जय श्री आलाजी
छत्रपति आल्हा जी को अपने गुरु वीरनाथ जी का वचन दिया हुआ था कि कहीं पर भी संकट तेरे ऊपर आए तो मुझे याद करना सिर काटते वक्त छत्रपति आला जी ने आए गुरु वीर नाम लिया था जिसके कारण से सीने में आंखें खुली थी नमन है ऐसे वीरों को
Hc
Jaislmer. Sam thar. Jaislmer fort vinod Mahawar जय जय राजस्थान
Jaislmer. Sam thar. Jaislmer fort Jai Rajputana
Hi
KUCH TATHYA TARKPURNA NAHI HAI